खय्याम साहब रजिया सुल्तान मे गुलाम याकुब के लिए किसी पाठदार आवाज की तलाश में थे। कई गायकों का टेस्ट ले चुके थे। लेकिन बात नहीं जम रही थी। तब किसी ने उन्हें कब्बन मिर्जा का नाम बताया था। विविध भारती की एक चर्चित आवाज। और कुछ महफिलों में गीत गाने गुनगुनाने वाले कब्बन मिर्जा। फरमान पहुंचा तो वह खैय्याम साहब के संगीत कक्ष में पहुंचे। आवाज की परख के लिए खैय्याम साहब ने उन्हें मोहर्रम के समय गाए जाने वाले मर्सिया नोहे गाने के लिए कहा। कब्बन मिर्ज़ा ने जैसे ही गाना शुरू किया खैय्याम साहब समझ गए कि उनकी तलाश पूरी हुई। इसी आवाज की उन्हें तलाश थी। बहुत सधे हुए ढंग से खैय्याम साहब ने उन्हें गवाना शुरू किया, आई जंजीर की झंकार खुदा खैर करे। इसके बाद तेरा हिज्र मेरा नसीब है। दोनों गीतों की धुन मुश्किल थी। लेकिन कब्बन मिर्ज़ा ने उस धुन को साध लिया। चौथे दिन कब्बन ने पहले गीत की रिकार्डिंग भी कर ली। रजिया सुल्तान धमेंद्र और हेमामालिनी की फिल्म थी। कब्बन मिर्ज़ा की आवाज को रजिया सुलतान के दरबार में हब्शी सरदार याकूब के लिए इस्तेमाल करना था. एक भारी और असर छोड़ती आवाज। फिल्म तो नहीं चली लेकिन कब्बन मिर्जा के गीत घर घर गूंजने लगे। उनके गीतों को लोगों ने रिकार्ड में बार बार सुना। कब्बन मिर्जा का विविध भारती में छायागीत को प्रस्तुत करने के अंदाज कुछ अलग ही था। इससे पहले कब्बन मिर्जा का परिचय एक रेडियो एनाउंसर के रूप में ही थी। गीत संगीत उनके जीवन में था। विविध भारती मे शाम एक आवाज गूंजती थी, छाया गीत सुनने वालों को कब्बन मिर्जा का आदाब। रेडियो के श्रोता इस आवाज के भी दीवाने थे। रेडियो की दुनिया में बृजमोहन, विनोद शर्मा, देवकीनंदन पांडे जैसे लोगों की आवाज फिल्म और विज्ञापनों के लिए तलाशी जाती रही। लेकिन रेडियो उद्घोषक कब्बन मिर्ज़ा गायक के तौर पर शोहरत पा गए थे. सबको लगता था कि खैय्याम साहब ने जिस शख्स से इतने सुंदर गीत गवाए वो आगे भी बहुत से गीत गाएगा। लेकिन एक तरफ रजिया सुल्तान के गीत बज रहे थे वही दूसरी ओर कब्बन मिर्ज़ा के लिए डाक्टर एक बुरी खबर लाया। उन्हे कैंसर हो गया था। कब्बन मिर्ज़ा इसके बाद ज्यादा दिनों तक नहीं जी सके. कब्बन मिर्ज़ा को हम रेडियो में सुनते रहे। कब्बन मिर्जा और निदा फाजली दोनो इस दुनिया से चले गए, हमारे पास यादों में वही गीत है। सुनने के लिए, और रह रहकर गुनगुनाने के लिए। कब्बन मिर्ज़ा अब हमारी यादों में हैं।
हज़ारों बार इस गाने को सून चुका हूँ जितनी बार सुनता हूँ उससे भी ज्यादा बार कान और दिल तड़प उठता हूँ।। बार बार लगातार सुनने को।। वाह क्या आवाज है।। और उतनी ही शहद भरी गीत और संगीत।।
कब्बन मिया आल इंडिया रेडियो के 60 और 70 दसक में छाया गीत के एंकर थे। फिल्मो में इनके केवल 2 गीत है रजिया सुल्तान में। इन गीतों ने इन्हें इतना मशहूर किया के इतिहास में इनको अमर कर दिया।
Heard Kabaanji did one more song in early 60s for a film (running outta the title for it) , song was equally good But afraid film never came outta box - One of thos e thing (;-
Kabban Mirza Sahab has sung only 2 songs in Hindi films ! Just goes to show that a single act of excellence can make one immortal. What a combination of lyrics ( Jaan Nisaar Akhtar ), Composition ( Khayaam ), and Voice ( Kabban Mirza ) !!
Dear sir, in 2 songs se pahle Kabban Mirza ne 1964 m film "Captain Aazad" k liye song "aaj unke paay-e-naaz pe" gaya tha... Yani total 3 songs hain unke
Best part of this Sing is VOICE of KABBAN MIRZA who was chosen by great KHAYYAM sahab marhoom (RIP). Kabban had sung these song like NO ONE OTHER COULD HAVE SING. This is IMMORTAL song of Indian Music. Greatest almost.
one day she will definitely going to meet you in spiritual world . Your love will make it possible . Your wife is lucky to have husband like you, who loves her after her death also.
शुक्रिया विविध भारती, असली हीरे जैसे गाने सब तक पहुंचने के लिए, ऐसे गाने और किसी भी रेडियो स्टेशन पर नहीं बजते. शुक्रिया खय्याम साहब, कब्बन मिर्ज़ा जैसे आवाज़ वाले हीरे को खोज ऐसी जानदार आवाज़ हम तक पहुँचाने के लिए. केवल स्वर्गीय भूपेन हज़ारिका की आवाज़ ही इनसे टक्कर ले सकती थी. इनके ये दो गाने, कई सुपर हिट गानो पर भारी पड़ते है।
I bought the album when I was about 18 and fell in love with this enchanting music. I was in college and paid £15 for that double album which I still have. Each song has its own flavour. My understanding of Urdu has improved vastly now so I enjoy this more.
ख़ुदा ख़ैर करे आई ज़ंजीर की झनकार, ख़ुदा ख़ैर करे दिल हुआ किसका गिरफ्तार, ख़ुदा ख़ैर करे आई ज़ंजीर की... जाने ये कौन मेरी रूह को छू कर ग़ुज़रा एक क़यामत हुई बेदार, ख़ुदा ख़ैर करे लम्हा लम्हा मेरी आँखों में खिंची जाती है एक चमकती हुई तलवार, ख़ुदा ख़ैर करे दिल हुआ किसका... ख़ून दिल का न छलक जाए मेरी आँखों से हो न जाए कहीं इज़हार, ख़ुदा खैर करे
What a mesmerising voice. Kudos to Khayyam Saab for composing this memorable unforgettable song. This song haunts you after you hear. It moves your heart soul and mind. The emotions are perfectly blended by Kabban Mirzaji and astonishing music.
Fell in love with this mysterious but heart touching voice some 30 years back during the radio age...Vividh Bharati. Today my son is also in love with this mysterious voice...let this mysterious voice attract people of all ages...I take a bow Kabban Mirza for gifting heart rendering two songs.
न जाने कितने महीनों से रात 12 से 1 बजे के बीच इस गाने को सुनकर सुकून से सोता हूं, फक्र है खुद पर इस सुरीले जहां में पैदा हुआ.... खायियाम जैसी धुनों मैं ये सफर गुज़र जाए......
Awesome,,, unbelievable Composition, what a melodious ,,, Singing of Kabban Mirza saha ENDS everything, I am listening this song every night since 1 year number if times till I Sleep. Every word,, every single phrase by this vocalist filling my life's dreams ....
Only a genius like Khyyam Sahab could've composed this song in the soulful voice of Kabban Mirza. Jaane yeh Kaun meri rooh ko chu Kr guzra ! timeless poetry by Jan Nisar Akhtar. Gives me goose bumps each time I listen.
Khayyam Saheb aur jaan nissar akhtar ji ki jodi music industry ke liye ek Nagina rhi,inke combo ne aise aise songs hum geet premiyon ko diyen hain jinki jitni bhi taareef kren Kam hogi.Aaj ke waqt mein hi nhi balki inse pehle na inke baad kabhi koi aisi Jodi dekhi jinka har geet Dil ke andar Tak bas jaata ho.Kaash hamari Bollywood ko inki sewayen aur kuch saal mil jaati per dono mahaan saksiyat ne duniya ko alveeda keh diya.Kya Razia Sultan kya Noorie...na jane kitni hi behtareen inke geeton ne hamen mantramugdh kiya.
काश कब्बन मिर्जा साब खय्याम साब आज भी जिंदा होते .क्या गीत थे उस जमाने मे .ये गीत आज भी कितनी भी बार सुनो मन नही भरता .दिल अलग ही दुनिया मे उड़ जाता है .
Yadi aapka sangeet nahin sun patey to pyar ko is gaharai se samajh nahin patey.jaisa aapne likha waisa kucch likh nahin patey.shayad meri imandari mein kucch kami thi nahin to hum bhi Bollywood mein geetkaar ban jatey. Sangeet ke taar jaise dil pe hi ghiste hain aap ki jaise geet aatma tak pahunch jatey. Thank you!
कब्बन मिर्जा साहब के बारे में यह पढ़ा था कि उन्हें खय्याम साहब ने नहीं बल्कि कमाल अमरोही साहब ने पसंद किया था कब्बन मिर्ज़ा पहले रेडियो एनाउंसर थे और केवल उर्दू के लोकगीत गाया करते थे। जब स्टूडियो में उनको बुलाया गया था तो वह लोकगीत सुनाने लगे उन्होंने कहा कि उन्हें संगीत के अनुसार विधीवत गायन का अनुभव नहीं है। उनके गीतों को सुनकर उन्हें वापस भेज दिया गया। दूसरे दिन सुबह सवेरे कमाल साहब ने ख़ैय्याम साहब को फोन किया और कहा कि उन्हें कब्बन मिर्जा ही से यह गीत गवाना है उन्होंने कहा कि मैं रात भर सो नहीं सका मेरे ज़हन व दिमाग में रात भर कब्बन मिर्जा की आवाज गूंजती रही। यही वह आवाज है जिसकी मैं तलाश कर रहा था। खय्याम साहब ने कहा कि उनकी आवाज तो बहतरीन है लेकिन गायन का विधिवत अनुभव नहीं है कमाल साहब ने कहाकी हमें जल्दी क्या है आप उन्हें शास्त्रीय सिखाएं ।खय्याम साहब ने उन्हें 3 महीने राग ,सुर और ताल के अनुसार गाना सिखाया उसके साथ खय्याम साहब खुद भी उनकी गायकी से प्रभावित होते चलेगए इस तरह खय्याम साहब और कमाल और दोनों नेमिलकर एक अमर गायक और उनके अमर गीतों को भारतीय फ़िल्म जगत के इतिहास मेंदर्ज कराया।
रजिया सुल्तान फिल्म एक पिट गई थी बुरी तरह से क्योंकि यह बहुत बड़े बजट की पिक्चर थी कमाल अमरोही की इस वजह से कब्बन मिर्जा जी को नुकसान उठाना पड़ा और उनको आगे चांस नहीं मिला फिल्मों में बाकी उनकी आवाज अच्छी है आवाज में दर्द है अगर मेरी बात को सहमत है तो कृपया लाइक करें और जो सहमत नहीं है वह अन लाइक करें
कब्बान मिर्ज़ा साहब ने रजिया सुल्तान के पहिले 1965 के लगभग फिल्म पेंटर आज़ाद में एक कब्बाली आज उनके पायनाज पर सजदा करेंगे हम। गायी थी। जिसकी कुछ ही लाइन u tube पर उपलब्ध हैं। बहुत ही प्रभावशाली आवाज़ के मालिक। Kabban मिर्ज़ा जी को अधिक अवसर नहीं मिल सके।
देवेंद्र साहब एहसानमंद हूं आपका आपकी जानकारी से आजाद पेंटर वाकई में कब्बन मिर्जा ने गजल गायी है मैंने यूट्यूब पर देखी अगर आप ना बताते तो मुझे पता ही नहीं चलता बहुत बहुत शुक्रिया आपका
Kabban mirza sahab jaisa koi our singer ga hi nahi sakta tha is geet ko kya emotion kya therao our kya damdar awaz aise awaz ke badshah ko lakho salaam.❤❤❤❤
The composition of both this song and Aye Dil-e-Nadan is pretty haunting, whenever I listen, I feel I am alone under the dark sky and there is nothing between me and the dark sky. It seems Khayam Sahab intentionally or unintentionally touched the chords that makes a mysterious impact on your body and soul. Do not know what it is and what was the state of Khayam Sahab, Kaban Mirza and his musicians when they composed and played it. It feels your soul has been freed from your body and flying high and hovering here and there.
Movie/Album: रज़िया सुल्तान (1983) Music By: खय्याम Lyrics By: जाँ निसार अख्तर Performed By: कब्बन मिर्ज़ा ख़ुदा ख़ैर करे आई ज़ंजीर की झनकार, ख़ुदा ख़ैर करे दिल हुआ किसका गिरफ्तार, ख़ुदा ख़ैर करे आई ज़ंजीर की... जाने ये कौन मेरी रूह को छू कर ग़ुज़रा एक क़यामत हुई बेदार, ख़ुदा ख़ैर करे लम्हा लम्हा मेरी आँखों में खिंची जाती है एक चमकती हुई तलवार, ख़ुदा ख़ैर करे दिल हुआ किसका... ख़ून दिल का न छलक जाए मेरी आँखों से हो न जाए कहीं इज़हार, ख़ुदा खैर करे
Just Love the singing of Shri Kabban Mirza in the song as much as the music composition by Great composer Khayyam. Great Artists ! My heartfelt salute to all of them
इस गाने के लिए कुछ लिखना मतलब ऐसा लगता है सूरज को दिया दिखाने जैसा... दिल नही, रूह को सुकून देने वाले शब्द और धुन है इसमें❤ शत शत नमन singer, lyricist, musicians को 🙏🙏
दिल और दिमाग के साथ रूह को सुकून देने वाली नजम ऐसी प्रस्तुति शायद ही कभी देखने को दोबारा मिले शायर गीतकार संगीतकार और गायक की सदाबहार जोड़ी ने गीत को अमर कर दिया
Qabban Mirza's voice full of Timber and sweetness of Urdu apparently make his two songs immortal, when ever you listen will give you a Sandal wood scent in your ears.
Mai en dono geet ko bar bar kai bar sunte rahti hu enki aawaj bhupen hajarika sahab ji ki aawaj se milti hai bilkul pahadi aawaj Lagti hai bahut sunder thanks a lot
खय्याम साहब रजिया सुल्तान मे गुलाम याकुब के लिए किसी पाठदार आवाज की तलाश में थे। कई गायकों का टेस्ट ले चुके थे। लेकिन बात नहीं जम रही थी। तब किसी ने उन्हें कब्बन मिर्जा का नाम बताया था। विविध भारती की एक चर्चित आवाज। और कुछ महफिलों में गीत गाने गुनगुनाने वाले कब्बन मिर्जा। फरमान पहुंचा तो वह खैय्याम साहब के संगीत कक्ष में पहुंचे।
आवाज की परख के लिए खैय्याम साहब ने उन्हें मोहर्रम के समय गाए जाने वाले मर्सिया नोहे गाने के लिए कहा। कब्बन मिर्ज़ा ने जैसे ही गाना शुरू किया खैय्याम साहब समझ गए कि उनकी तलाश पूरी हुई। इसी आवाज की उन्हें तलाश थी। बहुत सधे हुए ढंग से खैय्याम साहब ने उन्हें गवाना शुरू किया, आई जंजीर की झंकार खुदा खैर करे। इसके बाद तेरा हिज्र मेरा नसीब है। दोनों गीतों की धुन मुश्किल थी। लेकिन कब्बन मिर्ज़ा ने उस धुन को साध लिया। चौथे दिन कब्बन ने पहले गीत की रिकार्डिंग भी कर ली।
रजिया सुल्तान धमेंद्र और हेमामालिनी की फिल्म थी। कब्बन मिर्ज़ा की आवाज को रजिया सुलतान के दरबार में हब्शी सरदार याकूब के लिए इस्तेमाल करना था. एक भारी और असर छोड़ती आवाज। फिल्म तो नहीं चली लेकिन कब्बन मिर्जा के गीत घर घर गूंजने लगे।
उनके गीतों को लोगों ने रिकार्ड में बार बार सुना।
कब्बन मिर्जा का विविध भारती में छायागीत को प्रस्तुत करने के अंदाज कुछ अलग ही था।
इससे पहले कब्बन मिर्जा का परिचय एक रेडियो एनाउंसर के रूप में ही थी। गीत संगीत उनके जीवन में था। विविध भारती मे शाम एक आवाज गूंजती थी, छाया गीत सुनने वालों को कब्बन मिर्जा का आदाब। रेडियो के श्रोता इस आवाज के भी दीवाने थे।
रेडियो की दुनिया में बृजमोहन, विनोद शर्मा, देवकीनंदन पांडे जैसे लोगों की आवाज फिल्म और विज्ञापनों के लिए तलाशी जाती रही। लेकिन रेडियो उद्घोषक कब्बन मिर्ज़ा गायक के तौर पर शोहरत पा गए थे. सबको लगता था कि खैय्याम साहब ने जिस शख्स से इतने सुंदर गीत गवाए वो आगे भी बहुत से गीत गाएगा।
लेकिन एक तरफ रजिया सुल्तान के गीत बज रहे थे वही दूसरी ओर कब्बन मिर्ज़ा के लिए डाक्टर एक बुरी खबर लाया। उन्हे कैंसर हो गया था। कब्बन मिर्ज़ा इसके बाद ज्यादा दिनों तक नहीं जी सके.
कब्बन मिर्ज़ा को हम रेडियो में सुनते रहे। कब्बन मिर्जा और निदा फाजली दोनो इस दुनिया से चले गए, हमारे पास यादों में वही गीत है। सुनने के लिए, और रह रहकर गुनगुनाने के लिए। कब्बन मिर्ज़ा अब हमारी यादों में हैं।
Nice information
बहुत बढ़िया लिखा है सर आपने. बहुत बहुत धन्यवाद.
Shandar knowledge for new generation
Bahot achhi jankari he
Tysm for this valuable information🙏🏻✌️
हर इंसान किसी न किसी काम के लिए ,इस धरती पर आया है,जैसे कब्बन मिर्जा साहब,जिन्होने सिर्फ दो गाने गाए दोनो रजिया सुल्तान फिल्म का,और अमर हो गए।
पता नही ऊपर वाला या हालात किसी अच्छे कलाकार के साथ न्याय नही कर पाते वरना कब्बन मिर्जा जी की आवाज में बेहद कशिश है खैर जो भी हो बेहद खूब
He expired early due to cancer. Detailed story in one comment above.
Mai to diwani hun kabban mirja ki awaj ki. Gajab ki jadui awaaj.
बहुत अच्छा गायक
दुनिया से बहुत जल्दी चला गया
Khuda ko bhi acche logo ki zarurat hoti hai sister
Kya awaz thi jaise khuda apne sabse pyare bande ki liye
Bhagwan apne bhkakt ke liye
Gaa raha ho
@@ushasvideos5564 every nlce
हज़ारों बार इस गाने को सून चुका हूँ
जितनी बार सुनता हूँ उससे भी ज्यादा बार कान और दिल तड़प उठता हूँ।।
बार बार लगातार सुनने को।।
वाह क्या आवाज है।। और उतनी ही शहद भरी गीत और संगीत।।
Sahi kaha bro ❤❤❤❤❤
इस आवाज और अल्फ़ाज़ और संगीत में ओ जादू है कि कद्रदानों को मदहोश कर देती है।
Looks like, you been hurt in life few times more than most -:)
Kabhi nahi bhulne wala song wah kya baat hai kya awaj hai❤❤
कब्बन मिया आल इंडिया रेडियो के 60 और 70 दसक में छाया गीत के एंकर थे। फिल्मो में इनके केवल 2 गीत है रजिया सुल्तान में। इन गीतों ने इन्हें इतना मशहूर किया के इतिहास में इनको अमर कर दिया।
Heard Kabaanji did one more song in early 60s for a film (running outta the title for it) , song was equally good But afraid film never came outta box - One of thos e thing (;-
❤😂 4:35
सुनकर ऐसा लगता है कि आसमान में उड़ रहा हूँ मैं ।
अद्भुत रचना है
Bemosal no westerns sangit.
शानदार शब्द
लाजवाब धुन
ग़ज़ब की गायकी।
कितनी मेहनत की होगी इन कलाकारों ने।
कितने महान थे ये कलाकार
Thanks. Aapne acha comment kiya
Gupta sahab sach kaha aap ne
Kabban Mirza Sahab has sung only 2 songs in Hindi films ! Just goes to show that a single act of excellence can make one immortal. What a combination of lyrics ( Jaan Nisaar Akhtar ), Composition ( Khayaam ), and Voice ( Kabban Mirza ) !!
Dear sir, in 2 songs se pahle Kabban Mirza ne 1964 m film "Captain Aazad" k liye song "aaj unke paay-e-naaz pe" gaya tha... Yani total 3 songs hain unke
Song - "Aaj unke paay-e-naaz pe sajda karenge hum" film - Captain Aazad
He also sang a song, entitled "Is Pyar Ki Basti Mein" for the movie, Sheeba, though he was not given credit for it.
True 🙏
❤❤❤❤❤❤ heart 💗💜 touching song
Kabban Mirza ji ki awaz ekdam alag hai.jo kafi sukoon deti hai.
One'of the best song like tera Hijra Mera naseeb hai. Hats off to Late Kabban Mirza...❤
This is part of my every night before sleep. May be have had heard over a 1000 times in past 1 year only.
Same for me too
Me to......hazaar baar sunu to bhi dil nahi bharta......
aji jnaab mujh se mukabla na kro me bhi raat ko sone se pehle in do neend ki dose ka sewan karta hun
YE DONO GAANE DO JAHAN KE GAM BHGA DETE HAIN
Ye kya awaaz hai.. Heart wrenching
मिर्ज़ा साहब को कोटि-कोटि नमन। यह अनमोल हीरा कोनसी बैनाम दुनिया मे गुम था वाह मिर्जा साहब वाह आपकी आवाज सुनकर दिल को बहुत सुकून मिलता
👌👌👌👌👌✔️✔️✔️✔️✔️❤❤❤❤❤
❤❤❤
रामराम
जैसे लगता है कि मिर्ज़ा साहब इस दो गानों की रूहानी आवाज देने के लिए ही इस दुनिया में आये थे। फ़िर वापस चले गए
Best part of this Sing is VOICE of KABBAN MIRZA who was chosen by great KHAYYAM sahab marhoom (RIP). Kabban had sung these song like NO ONE OTHER COULD HAVE SING. This is IMMORTAL song of Indian Music. Greatest almost.
🤲
It's Really Amazing ❤️ BHAI
! I am no one to write him. I am speechless
Rarest.Why his talent wasn't used?His voice is full of pathos,dard.He could have sung a thousand songs.
Mirza sahab ki awaaz bahut bulandthi Allah aapko jannatul baki mein jaga atafarmaeamen❤🎉
Is geet k sunker mujhe meri wife ki yaad aa jati h jo ab is dunia m nhi h, ye gee mere dil ko chho jaata h
one day she will definitely going to meet you in spiritual world . Your love will make it possible . Your wife is lucky to have husband like you, who loves her after her death also.
ऐसी महान् हस्तियों को मै प्रणाम करता हूँ 🙏🙏🙏
शुक्रिया विविध भारती, असली हीरे जैसे गाने सब तक पहुंचने के लिए, ऐसे गाने और किसी भी रेडियो स्टेशन पर नहीं बजते.
शुक्रिया खय्याम साहब, कब्बन मिर्ज़ा जैसे आवाज़ वाले हीरे को खोज ऐसी जानदार आवाज़ हम तक पहुँचाने के लिए.
केवल स्वर्गीय भूपेन हज़ारिका की आवाज़ ही इनसे टक्कर ले सकती थी.
इनके ये दो गाने, कई सुपर हिट गानो पर भारी पड़ते है।
Bikul shi ...I agree with u
बिल्कुल सही लिखा है, मै सहमत हूं
Janisar Ahktar ki shairi, ek chamakthi huwi talwaar! Rooh ko choo kar guzra, par sadaa khayaalon mein haazir. Sufiyaan andaz, Mashallah!
Sirf itna hi kah paaunga k , Bemisaal !!
इसे लाखों बार मैं सुन सकता हूं
अमर गीत अमर संगीत और एक बुलंद आवाज़ जब भी और जीतनी दफा सुनूँ कभी दिल नहीं भरता
Two songs only sung by Mirza Sahab even though we will remember him ! Diamonds are for ever !
Logon ke itne khubsurat comments padne ke Baad main kya likhu kuch samaj nahi aa raha hai, itne khubsurat comments likhne walon ko mera salam.
Bohath khoob .. vivek sahab
Salute to you
Bas itna hi likhiye
Ameen🙏
Khush rahen...nicely sung
I bought the album when I was about 18 and fell in love with this enchanting music. I was in college and paid £15 for that double album which I still have. Each song has its own flavour. My understanding of Urdu has improved vastly now so I enjoy this more.
I am listening this amezing voice of Mirza Saheb and great music of Khayyam Sahab... daily before bed ....
Kabban Mirza ki pahadi awaz Nida Fazlisahab khayyam sahab kya chemistry thi us ka saboot Razia Sultan ke gane. zindabad ye geet.
ख़ुदा ख़ैर करे
आई ज़ंजीर की झनकार, ख़ुदा ख़ैर करे
दिल हुआ किसका गिरफ्तार, ख़ुदा ख़ैर करे
आई ज़ंजीर की...
जाने ये कौन मेरी रूह को छू कर ग़ुज़रा
एक क़यामत हुई बेदार, ख़ुदा ख़ैर करे
लम्हा लम्हा मेरी आँखों में खिंची जाती है
एक चमकती हुई तलवार, ख़ुदा ख़ैर करे
दिल हुआ किसका...
ख़ून दिल का न छलक जाए मेरी आँखों से
हो न जाए कहीं इज़हार, ख़ुदा खैर करे
Thank you bhai gana likhane ke liye
Best ever background music absolutely awesome no comparison at all, wah khayyam saheb u r really great we miss u badly.
Very true and agreed with Pradeep 💐👍
@@KBhattiPakistan 00
Respected Kabban Mirza will never be outdated 🍁🙏🍁
What a mesmerising voice. Kudos to Khayyam Saab for composing this memorable unforgettable song. This song haunts you after you hear. It moves your heart soul and mind. The emotions are perfectly blended by Kabban Mirzaji and astonishing music.
Kabban Mirza blew soul into these songs.
Kucch kalkar kucch hee lafzoooo meee ikkk milestone hooo jayeee haaa kabbann shiab unmesee eekk hh
Now I know why we always need new voices. A true surprise of highest level
कब्बन मिर्झा जी आवाज भी हमे एक और दुनिया में लेकर जाती है! मै माँ सरस्वती से उनके लिये प्रार्थना करता हूं 🌹🙏
Fell in love with this mysterious but heart touching voice some 30 years back during the radio age...Vividh Bharati. Today my son is also in love with this mysterious voice...let this mysterious voice attract people of all ages...I take a bow Kabban Mirza for gifting heart rendering two songs.
I was literally time travel to 1212 AD while watching this movie ....no words...amaizing
Lajawab
कब्बान मिर्जा साहब खुदा आपको जन्नत बख्शे।
Kabban mirja ji ko mera sat sat naman 🙏😭😭😭😭😭😭😭😭 jab unke aawaj me itna chain sukun chhin hai too phir wo kaise rahe honge😂😂😂😂
Sat sat naman 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
न जाने कितने महीनों से रात 12 से 1 बजे के बीच इस गाने को सुनकर सुकून से सोता हूं, फक्र है खुद पर इस सुरीले जहां में पैदा हुआ.... खायियाम जैसी धुनों मैं ये सफर गुज़र जाए......
I'm From Bangladesh,, main hamesha iss song ko sunta hoon. Iss tune mera heart ko sukoon deta hain.
Uff what a melody - every pore of my skin is alive
Awesome,,, unbelievable Composition, what a melodious ,,, Singing of Kabban Mirza saha ENDS everything, I am listening this song every night since 1 year number if times till I Sleep. Every word,, every single phrase by this vocalist filling my life's dreams ....
Only a genius like Khyyam Sahab could've composed this song in the soulful voice of Kabban Mirza. Jaane yeh Kaun meri rooh ko chu Kr guzra ! timeless poetry by Jan Nisar Akhtar. Gives me goose bumps each time I listen.
me bolun ki aur koi in gaano ko itna badiya gaa hi nahin sakta tha
@@TheKhyser yes
No words ....voice , composition evrrthing abt this song is heavenly...!!
My Greatest Tribute to Sir Akthar saheb , i have no words . Waheguruji unha di Atma nu bahisth parwan kare . Shukarguzar ha asi jo unhade .
कितनी भी बार सुनें, मन ही नहीं भरता। इस गीत के गीतकार, गायक और संगीतकार किसी रूहानी दुनियां के फरिश्ते हैं!
बहुत सुंदर गीत दिल को छु लेने वाले गीत के लिए आपको धन्यवाद 6 12 2019
I have listened this song ten times today. What a voice and lyrics!
Music and voice absolutely perfect. Giving so much peace to mind.
Aisi aawaz fir kabhi nahi milegi snne ko bahut behtareen aawaz thi Mirza sahab ki
Khayyam Saheb aur jaan nissar akhtar ji ki jodi music industry ke liye ek Nagina rhi,inke combo ne aise aise songs hum geet premiyon ko diyen hain jinki jitni bhi taareef kren Kam hogi.Aaj ke waqt mein hi nhi balki inse pehle na inke baad kabhi koi aisi Jodi dekhi jinka har geet Dil ke andar Tak bas jaata ho.Kaash hamari Bollywood ko inki sewayen aur kuch saal mil jaati per dono mahaan saksiyat ne duniya ko alveeda keh diya.Kya Razia Sultan kya Noorie...na jane kitni hi behtareen inke geeton ne hamen mantramugdh kiya.
Kabban Mirza ji ko mera salam. Aise geet bohot jyada mujhe pasand hain, dil ko chhu lene wale.
अद्भुत गीत, संगीत व कब्बन मिर्ज़ा जी की दर्द में डूबी हुई आवाज़।ऐसा
लगता है,सारे जहां का दुख,एक इंसान को ही मिल गया है।
काश कब्बन मिर्जा साब खय्याम साब आज भी जिंदा होते .क्या गीत थे उस जमाने मे .ये गीत आज भी कितनी भी बार सुनो मन नही भरता .दिल अलग ही दुनिया मे उड़ जाता है .
I am speachless.. magnificent voice, what a elegant words.. outstanding..
Yadi aapka sangeet nahin sun patey to pyar ko is gaharai se samajh nahin patey.jaisa aapne likha waisa kucch likh nahin patey.shayad meri imandari mein kucch kami thi nahin to hum bhi Bollywood mein geetkaar ban jatey. Sangeet ke taar jaise dil pe hi ghiste hain aap ki jaise geet aatma tak pahunch jatey. Thank you!
बहोत खूब ब होत अच्छा आवाज है. श्रीराम जय राम जय जय राम.
every time this song is superb
Dil ko sukoon dene wale gaane
Such a Melodies Voice granted by Almighty..🙏🙏🙏
कब्बन मिर्जा साहब के बारे में यह पढ़ा था कि उन्हें खय्याम साहब ने नहीं बल्कि कमाल अमरोही साहब ने पसंद किया था कब्बन मिर्ज़ा पहले रेडियो एनाउंसर थे और केवल उर्दू के लोकगीत गाया करते थे। जब स्टूडियो में उनको बुलाया गया था तो वह लोकगीत सुनाने लगे उन्होंने कहा कि उन्हें संगीत के अनुसार विधीवत गायन का अनुभव नहीं है। उनके गीतों को सुनकर उन्हें वापस भेज दिया गया।
दूसरे दिन सुबह सवेरे कमाल साहब ने ख़ैय्याम साहब को फोन किया और कहा कि उन्हें कब्बन मिर्जा ही से यह गीत गवाना है उन्होंने कहा कि मैं रात भर सो नहीं सका मेरे ज़हन व दिमाग में रात भर कब्बन मिर्जा की आवाज गूंजती रही। यही वह आवाज है जिसकी मैं तलाश कर रहा था। खय्याम साहब ने कहा कि उनकी आवाज तो बहतरीन है लेकिन गायन का विधिवत अनुभव नहीं है कमाल साहब ने कहाकी हमें जल्दी क्या है आप उन्हें शास्त्रीय सिखाएं ।खय्याम साहब ने उन्हें 3 महीने राग ,सुर और ताल के अनुसार गाना सिखाया उसके साथ खय्याम साहब खुद भी उनकी गायकी से प्रभावित होते चलेगए इस तरह खय्याम साहब और कमाल और दोनों नेमिलकर एक अमर गायक और उनके अमर गीतों को भारतीय फ़िल्म जगत के इतिहास मेंदर्ज कराया।
I salute to Kabban Mirza for his unforgettable melody we people will remember again and again, with warm regards from Northeast
रजिया सुल्तान फिल्म एक पिट गई थी बुरी तरह से क्योंकि यह बहुत बड़े बजट की पिक्चर थी कमाल अमरोही की इस वजह से कब्बन मिर्जा जी को नुकसान उठाना पड़ा और उनको आगे चांस नहीं मिला फिल्मों में बाकी उनकी आवाज अच्छी है आवाज में दर्द है अगर मेरी बात को सहमत है तो कृपया लाइक करें और जो सहमत नहीं है वह अन लाइक करें
कब्बान मिर्ज़ा साहब ने रजिया सुल्तान के
पहिले 1965 के लगभग फिल्म
पेंटर आज़ाद में एक कब्बाली
आज उनके पायनाज पर सजदा करेंगे हम। गायी थी।
जिसकी कुछ ही लाइन u tube
पर उपलब्ध हैं।
बहुत ही प्रभावशाली आवाज़ के मालिक।
Kabban मिर्ज़ा जी को अधिक अवसर नहीं मिल सके।
देवेंद्र साहब एहसानमंद हूं आपका आपकी जानकारी से आजाद पेंटर वाकई में कब्बन मिर्जा ने गजल गायी है मैंने यूट्यूब पर देखी अगर आप ना बताते तो मुझे पता ही नहीं चलता बहुत बहुत शुक्रिया आपका
Devendra Ji - the film was Captain Azaad and the full song is available on UA-cam at ua-cam.com/video/ycExFaHKw5g/v-deo.html ,
Star se neecha comment hai
Zinda hote to chance milta, razia sultan ke baad kabban mirzaji ki cancer se maut hogayee.
कब्बन मिर्ज़ा साहब की रूहानी आवाज़ ❤❤❤
Kabban mirza sahab jaisa koi our singer ga hi nahi sakta tha is geet ko kya emotion kya therao our kya damdar awaz aise awaz ke badshah ko lakho salaam.❤❤❤❤
It never goes outdated. Outstanding..
इस माख्मली अवाज़ को सलाम
शुक्रिया कबबन साहब
The composition of both this song and Aye Dil-e-Nadan is pretty haunting, whenever I listen, I feel I am alone under the dark sky and there is nothing between me and the dark sky.
It seems Khayam Sahab intentionally or unintentionally touched the chords that makes a mysterious impact on your body and soul. Do not know what it is and what was the state of Khayam Sahab, Kaban Mirza and his musicians when they composed and played it. It feels your soul has been freed from your body and flying high and hovering here and there.
Movie/Album: रज़िया सुल्तान (1983)
Music By: खय्याम
Lyrics By: जाँ निसार अख्तर
Performed By: कब्बन मिर्ज़ा
ख़ुदा ख़ैर करे
आई ज़ंजीर की झनकार, ख़ुदा ख़ैर करे
दिल हुआ किसका गिरफ्तार, ख़ुदा ख़ैर करे
आई ज़ंजीर की...
जाने ये कौन मेरी रूह को छू कर ग़ुज़रा
एक क़यामत हुई बेदार, ख़ुदा ख़ैर करे
लम्हा लम्हा मेरी आँखों में खिंची जाती है
एक चमकती हुई तलवार, ख़ुदा ख़ैर करे
दिल हुआ किसका...
ख़ून दिल का न छलक जाए मेरी आँखों से
हो न जाए कहीं इज़हार, ख़ुदा खैर करे
Zabadast,aisa laga ke aath sau saal pehle ke zamane mein pohunch gaye
Aaisi Awaz hajaro saalo me kavi kavi kavi hi milta hai
खैय्याम साब के संगीत से स्वर्गीय आनंद की प्राप्ती होती है 🌹 माँ सरस्वती उन्हे शांती और सदगती दे 🙏
इक कयामत हुई बेजार खुदा खैर करे । लाजवाब बोल दिल कशिश आवाज़।
एक कयामत हुई बेदार , बेदार याने जाग जाना ,होश मे आना ,
Oh what's songs khuda khair kare & Tera hirj......pranam to kabban mirza❤
Ruhani.Aawaz.hai.bahut.sukoon.milta.hai.Salm.hai.Aapko.Mirza.Shahb.
Just Love the singing of Shri Kabban Mirza in the song as much as the music composition by Great composer Khayyam. Great Artists ! My heartfelt salute to all of them
Khayam sahab's music,awesome!
Kaha se dhoondha hai itni dard bhari awaaj Kohinoor hai itna gazab singar
Shandar, immortal voice of Late Kabban Mirza
इस गाने के लिए कुछ लिखना मतलब ऐसा लगता है सूरज को दिया दिखाने जैसा... दिल नही, रूह को सुकून देने वाले शब्द और धुन है इसमें❤ शत शत नमन singer, lyricist, musicians को 🙏🙏
दिल और दिमाग के साथ रूह को सुकून देने वाली नजम ऐसी प्रस्तुति शायद ही कभी देखने को दोबारा मिले शायर गीतकार संगीतकार और गायक की सदाबहार जोड़ी ने गीत को अमर कर दिया
لمہ لمہ میری آنکھوں میں کھنچی جاتیھے ۔۔ واہ ۔ خون دل نہ چھلک جائے میری آنکھوں سے۔۔۔
Mesmerizing voice of kabban mirza sahab..song ko likhne wale aur gaane wale dono ko dil se salute❤❤❤
جتنی اچھی شاعری ہے اتنی اچھی آواز اور اتنا ہی اچھا میوزک ہے
No more words.
Aawaz jo seedhi hamari rooh mai uttar gaee 💕💕💕💕💕💖💖💖💖💖🤗 !
Qabban Mirza's voice full of Timber and sweetness of Urdu apparently make his two songs immortal, when ever you listen will give you a Sandal wood scent in your ears.
Jitna bhi suno Maan nahi bharta hai ❤❤❤❤❤❤❤❤
What a song. Dil dahal jaata hai aisi bulund awaaz par . Super. Ek behatreen nagma.
Kabban Mirza Sahab .....aap par lakho Salaam......Aur Hum Sab aapki iss roohani Awaaz ke " Giraftaar "
Bahutkhub. Behatarin . Kabban Mirza ki aawaz ekdam Alag aur sabse hatkar hai........
Yeh gaana nhi dard hai ❤ bhut khub sunkar bhut sukun sa milta aur sur taal bilkul jabardast hai
Wah ji, Kiya khubsurat kaam Kiya gya hai. Khayam sir aur kabban Mirza ji ka kmaal.
Finest example of being extraordinary..Only two songs......enough to remember forever...
Zahoor Khayyaam Sahib .
😢superb_ I have no words for praise _ unparalleled voice of Mirza sb & khyyam SB an ever born legend ❤salute_ 🙏🙏
Kiya bat hai purani bat me jo maja hai wo Aab kha hai 👍👍👍👍👍👌👌👌👌👍👍👍👌👌👍👌👍👍👍👌👍👍👍👍👍👍👍👍
Mai en dono geet ko bar bar kai bar sunte rahti hu enki aawaj bhupen hajarika sahab ji ki aawaj se milti hai bilkul pahadi aawaj Lagti hai bahut sunder thanks a lot
Beautiful voice
Khoobsurat poetry,good heart toching composition...... Speechless.........
Rooh ko chhu leti ye gazal wakai zabardast. Greatest songs
Inki kya tareef karein,wo to khud hi ek tareef hai, mere paas shabd hi nahi hai, dil ko chhu lene wali aawaz, khuda khair kare, waah kya geet hai!
Best music, best lyrics, best singing.
This is the example where instruments SPEAKS A LANGUAGE ,,,one and only QAYYAM SB...💓