आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00037 ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 35,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
आचार्य जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका हमें संतो ऋषीयो से मिलाने के लिएआप जो कर रहेभारत में दूसरा कोई नहीं कर रहाबहुत धन्यवाद आपकाजीवन जीने का ढंग सीखाने के लिए❤
In my opinion shunyata-vaad doesn't hold water. If mind has defined something, if it is conceivable by mind than that same second it should be categorized as 'not emptiness'. so in this sense even emptiness is also conceivable and drops out of the definition of Ineffable. मेरे विचार में शून्यवाद सही नहीं है। यदि मन ने किसी चीज की परिभाषा की है, यदि वह मन द्वारा बोधगम्य है तो उसी क्षण उसे 'शून्यता नहीं' की श्रेणी में रख देना चाहिए। इस अर्थ में शून्यता भी बोधगम्य है और वह अनिर्वचनीय की परिभाषा से बाहर हो जाती है।
Acharya Ji acting like King Charles in this video. And I have watched this video three to four times counting this time. "हटाओ इसको, निकालो!" But the difference is that he is doing it to save a life, Charles does it because he has a big ego.
आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
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आचार्य जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका हमें संतो ऋषीयो से मिलाने के लिएआप जो कर रहेभारत में दूसरा कोई नहीं कर रहाबहुत धन्यवाद आपकाजीवन जीने का ढंग सीखाने के लिए❤
Itni saral tarike se samjhane kelia dhanyabad ❤
Acharya jii 😊😊
असली अद्वेत वेदांत ❤
Pranaam sir❤❤❤
Aacharya ji namaste ❤❤
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏
Teacher Acharya Prasant Sir❤❤❤❤
🙏🏾🕊🕊❤️❤️❤️❤️
❤👍👍👍💐🌺
Namo budhaye 🙏
Pranam acharya ji❤
Good morning bhai log ❤❤❤
🎉🎉 प्रणाम
प्रणाम गुरुजी
Hii sir
❤❤
😭😭🕉️♥️
❤😢😢🎉
Hii❤❤❤
SIR🪔
In my opinion shunyata-vaad doesn't hold water. If mind has defined something, if it is conceivable by mind than that same second it should be categorized as 'not emptiness'. so in this sense even emptiness is also conceivable and drops out of the definition of Ineffable.
मेरे विचार में शून्यवाद सही नहीं है। यदि मन ने किसी चीज की परिभाषा की है, यदि वह मन द्वारा बोधगम्य है तो उसी क्षण उसे 'शून्यता नहीं' की श्रेणी में रख देना चाहिए। इस अर्थ में शून्यता भी बोधगम्य है और वह अनिर्वचनीय की परिभाषा से बाहर हो जाती है।
Editing 😲 wow
Acharya Ji acting like King Charles in this video. And I have watched this video three to four times counting this time. "हटाओ इसको, निकालो!" But the difference is that he is doing it to save a life, Charles does it because he has a big ego.
Kya bn kr kr rho
Pranaam Acharya ji
❤❤
❤️❤️🌹🙏
❤❤❤❤❤