Work, Energy and Power | UPTGT PHYSICS | Live Class

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  • Опубліковано 16 січ 2025
  • ये लाइव क्लास UPTGT Physics के Aspirants के लिए है।
    इस क्लास मे मैंने कार्य , ऊर्जा एवं शक्ति के मुख्य टॉपिक को समझाया है।
    कुछ महत्व पूर्ण बिन्दु :
    कार्य:
    जब किसी वस्तु पर बल लगाकर उसकी स्थिति में परिवर्तन किया जाता है, तो इसे कार्य कहते हैं।
    यदि किसी वस्तु पर F बल लगाकर उसे s दूरी तक विस्थापित किया जाता है,
    तो कार्य
    W = F . s
    यदि बल व विस्थापन की दिशाओं के बीच कोण θ है, तो
    W = F . s cos θ
    कार्य का मात्रक “जूल” है।
    यह अदिश राशि है।
    CGS पद्धति में कार्य का मात्रक “अर्ग” होता है।
    1 जूल = 107 अर्ग
    ऊर्जा (Energy)
    किसी व्यक्ति अथवा वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उसकी ऊर्जा कहते हैं।
    ऊर्जा के रूपान्तरण द्वारा ही कार्य किया जाता है इसलिए कार्य व ऊर्जा के मात्रक समान होते हैं।
    ऊर्जा का मात्रक भी जूल है।
    यान्त्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है:
    गतिज ऊर्जा
    स्थितिज ऊर्जा
    गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)
    किर्सी वस्तु की गति के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता होती है, उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं।
    यदि m द्रव्यमान की कोई वस्तु वेग से गतिमान है, तो गतिज ऊर्जा
    KE = "1" /"2" mv²
    यदि p वस्तु का संवेग है,
    KE = "p2 " /"2m"
    उदाहरण:-
    चलती हुई कार,
    गति करता हुआ ग्रह,
    वृत्तीय गति करते हुए उपग्रह,
    ऊष्मा ऊर्जा में भी गतिज ऊर्जा होती है।
    स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)
    किसी वस्तु में उसकी स्थिति या विन्यास के कारण जो ऊर्जा उत्पन्न होती है। वह उस पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) कही जाती है।
    स्थितिज ऊर्जा
    U = mgh
    जहाँ,
    m= पिण्ड का द्रव्यमान
    h = ऊँचाई
    g = गुरुत्वीय त्वरण
    किसी वस्तु या पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा उस पिण्ड या वस्तु के कार्य द्वारा भी नापी जाती है जो उस वस्तु को एक शून्य की स्थिति से वर्तमान स्थिति में लाने में किया गया है।
    उदाहरण-
    झरने से गिरता हुआ पानी,
    पहाड़ पर टैंक में भरा हुआ पानी,
    दबी हुई स्प्रिंग आदि सभी में स्थितिज ऊर्जा होती है।
    ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy)
    इस नियम के अनुसार, ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट, परन्तु ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है।
    शक्ति या सामर्थ्य (Power)
    किसी वस्तु अथवा व्यक्ति की कार्य करने की दर को उस व्यक्ति अथवा वस्तु की शक्ति या सामर्थ्य कहते हैं।
    शक्ति = (कार्य )/(समय )
    P = (𝑾 )/(𝑻 )
    यह एक अदिश राशि है।
    इसका मात्रक “वाट” है।
    अन्य मात्रक :
    1 किलोवाट = 1000 वाट = 103 वाट
    1 मेगावाट = 1000 किलोवाट = 106 वाट
    1 अश्वशक्ति = 746 वाट
    तात्क्षणिक क्षमता
    P = F v cos θ = F . v
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