KABIR दरस दीवाना बाबला Daras Diwana Babla

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  • Опубліковано 9 лют 2025
  • दरस दीवाना बावला अलमस्त फकीरा।
    एक अकेला होए रहा अस मत का धीरा।
    1. हिरदे में महबूब है, हरदम का प्याला,
    पीवेगा कोई जौहरी गुरुमुख मतवाला।
    2. पियत पियाला प्रेम का सुधरे सब साथी,
    आठ पहर झूमत रहे जस मैगल हाथी।
    3. बंधन काट मोह के बैठा निरसंका,
    वाके नज़र न आवता क्या राजा क्या रंका।
    4. धरती तो आसन किया, तम्बू आसमाना,
    चोला पहिरा खाक का रह पाक समाना।
    5. सेवक को सतगुरु मिले कछु रहिन तबाही,
    कह कबीर निज घर चलो जहँ काल न जाही।
    Meaning in Hindi:
    दर्शन का दीवाना बावला और अलमस्त फकीर है।
    वह अकेला होकर भी स्थिर और दृढ़ मत वाला है।
    जिसके हृदय में महबूब (ईश्वर) बसा है, वह हर समय प्रेम का प्याला पीता है।
    ऐसा प्याला केवल वही पी सकता है, जो गुरु का सच्चा शिष्य और प्रेम में मतवाला हो।
    प्रेम का प्याला पीने से सभी साथी सुधर जाते हैं।
    वह दिन-रात (आठों पहर) झूमता रहता है, जैसे मदमस्त हाथी।
    जिसने मोह के बंधन काट दिए और निडर होकर बैठ गया,
    उसकी नजर में न राजा है, न रंक (गरीब)।
    उसने धरती को अपना आसन बना लिया और आसमान को तंबू।
    वह मिट्टी का चोला (शरीर) पहनकर पवित्रता में समा गया।
    जिसे सच्चा सतगुरु मिल गया, उसके जीवन में कोई कमी नहीं रही।
    कबीर कहते हैं, अपने असली घर (ईश्वर के पास) चलो, जहां मृत्यु का कोई भय नहीं है।
    Meaning in English:
    The one who is madly in love with the divine is a carefree mystic.
    He remains alone yet steadfast and firm in his wisdom.
    The beloved (God) resides in his heart, and he constantly drinks the cup of love.
    Only a true seeker, a disciple of the Guru, and one intoxicated with love can drink this cup.
    Drinking the cup of love transforms all companions.
    He sways joyfully day and night, like a majestic, intoxicated elephant.
    He has cut the bonds of attachment and sits fearlessly.
    To him, neither a king nor a pauper holds any significance.
    He has made the earth his seat and the sky his tent.
    Wearing the robe of dust (his body), he has merged into purity.
    The one who finds the true Guru has no shortcomings left in life.
    Kabir says, return to your true home , where death cannot reach.

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