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श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏
┈┉═❀๑⁂❋⁂๑❀═┉┈ यह सपना मैं कहउँ पुकारी। होइहि सत्य गएँ दिन चारी ॥ तासु बचन सुनि ते सब डरीं। जनकसुता के चरनन्हि परीं ॥ ४ ॥ भावार्थ: मैं पुकार कर (निश्चय के साथ) कहती हूँ कि यह स्वप्न चार (कुछ ही) दिनों बाद सत्य होकर रहेगा। उसके वचन सुनकर वे सब राक्षसियाँ डर गयीं और जानकी जी के चरणों पर गिर पड़ीं ॥ ४ ॥ ┈┉═❀जय श्रीराम❀═┉┈
┈┉═❀๑⁂❋⁂๑❀═┉┈ [दोहा ११] जहँ तहँ गईं सकल तब सीता कर मन सोच। मास दिवस बीतें मोहि मारिहि निसिचर पोच ॥ भावार्थ: तब (इसके बाद) वे सब जहाँ-तहाँ चली गयीं। सीता जी मन में सोच करने लगीं कि एक महीना बीत जाने पर नीच राक्षस रावण मुझे मारेगा ॥ ११ ॥ ┈┉═❀जय श्रीराम❀═┉┈
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||🙏🙏🙏🙏🙏
माताश्री प्रणाम चरण स्पर्श जय जय श्री सीताराम जय जय श्री राधेश्याम 🙏🙏🙏🙏
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
लै त्रिशूल धावत बलवाना, छांछी कुआँ एक स्थाना...🙏 जय जय श्री हनुमान 🙏🙏🙏🙏🙏
हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹हर हर महादेव।।🌹🌹
श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏श्री राम जानकी जी की जय हो🙏
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यह सपना मैं कहउँ पुकारी। होइहि सत्य गएँ दिन चारी ॥
तासु बचन सुनि ते सब डरीं। जनकसुता के चरनन्हि परीं ॥ ४ ॥
भावार्थ:
मैं पुकार कर (निश्चय के साथ) कहती हूँ कि यह स्वप्न चार (कुछ ही) दिनों बाद सत्य होकर रहेगा। उसके वचन सुनकर वे सब राक्षसियाँ डर गयीं और जानकी जी के चरणों पर गिर पड़ीं ॥ ४ ॥
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[दोहा ११]
जहँ तहँ गईं सकल तब सीता कर मन सोच। मास दिवस बीतें मोहि मारिहि निसिचर पोच ॥
भावार्थ:
तब (इसके बाद) वे सब जहाँ-तहाँ चली गयीं। सीता जी मन में सोच करने लगीं कि एक महीना बीत जाने पर नीच राक्षस रावण मुझे मारेगा ॥ ११ ॥
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