रामायण मे बहोत सी घटना काल्पनिक है,जैसे कुंभकर्ण छह महिने सोता था,वह ताड जैसा ऊॅचा था,पहाडी जैसा था,मगर उनकी तीन,चार पत्निया भी थी तो वह भी ताड जैसे ऊॅचीया थी या मनुष्य जैसी यह भी प्लीज बताना,
@@chandrakantgaikwad5349 भाई जब वातावरण बहुत ज्यादा शुद्ध होता है किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती तब इंसानों एवं जानवरों को शरीर बहुत बड़ा रहता है जैसे हम डायनासोर के बारे में पढ़े तो ज्ञात होता है कि उनकी ऊंचाई बहुत ज्यादा थी उसी प्रकार कुंभकरण रामायण श्री राम कृष्ण भगवान की भी ऊंचाई बहुत ज्यादा थी कृष्णा भगवान की ऊंचाई 18 ताड़ के पेड़ों के बराबर बताई गई है
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
@@user-sy7zp8vy3t agar wo kalpanik nhi to kya hai , Hanuman sun ko nigal sakta hai lekin wanar sena ko uda ker nhi le ja sakta , sun aur earth k dimension k difference to pata hoga nhi to apna muh khud kala ker lo 🤣🤣
@@Ros-pc2qo सूर्य और धरती के बीच की दूरी का वैज्ञानिक आज पता लगा पाए हैं उसको 500 साल पहले तुलसीदास महाराज जी ने अपनी मानस में लिख दिया था... उसको भी थोड़ा गूगल कर लो इसके बाद तुम्हारा मूंह फिर से काला हो जाएगा🤣
कोरी कल्पना है और अगर इस बात का पता लगाना बहुत आसान है एक तो सेतु में उपयोग होने वाले पत्थरों के साईज को देखा जा सकता है। दूसरा कहानी के अनुसार सेतु का निर्माण फ्लोटिंग पत्थरों से हुआ है तो इस हिसाब से सेतु नीचे से खोखला होना चाहिए तो बहुत आसान है। नीचे से पानी का जहाज निकाल कर देखो।
NASA, ye proof de chuka hai ki ram setu ek kalpana nahi balki hakikat hai, aur ye sab kuch science ke evidence dene ke baad bola gaya hai, isi liye u tube par fake baat karna sahi nahi hai.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." नेपाल, यज्ञ स्थल "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान." मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
Who is Ram Puniyani? Answer: He is currently the President of the Executive Council of the Centre for Study of Society and Secularism (CSSS). He is also an advisory board member of the Muslim Mirror. If they say anything against Muslims then their head will be separated from their body, they know this very well that is why they will never speak against Muslims, watch all their videos, you will find videos against Hindus, this is the truth of all of them.
धन्यवाद प्रोफेसर डॉ राम पुनियाणी जी,आप सही ज्ञान दे रहे है।अगर हनुमान इतना शक्तिशाली था,एक परबत को एक हात में उठाकर उड़ सकता था।क्या राम के सैनिक उस परबत से भारी था?हनुमान सभी सैन्य को लेकर समुद्र पार कर सकता था।फिर राम सेतु बांधने क्या जरूरत था? ए सब झूठ है।
इस्लाम,इन्सानों को दो भागों में बांटता है।एक वो जो नबी मौहम्मद को पैगम्बर मानता है और इस्लामी अल्लाह में विश्वास रखता है दूसरे वो इन्सान जो न तो इस्लामिक अल्लाह को मानता है और न नबी को पैगम्बर मानता है। दूसरे वाले इन्सान इस्लाम की रौशनी में काफिर है और इस्लामी रौशनी में काफिर वाजिबुले कत्ल हौता है। ये ही आतंकवादी सोच की जड हैं। नफ़रत फैलाती है इस्लामी विचारधारा।
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
Kuye k mendok kuye ko hi duniya somajta hai, job kuye se bahar nikal ta hai to sacchai pota cholta mere kehne k matlab hai puniani ji aab aabhi kuye se bahar nikal paye hai so kuye ko duniya samaj bete hai
निस्पक्छ विवेचना के लिए आप लोगों का धन्यवाद ,देश में धर्म को प्राथमिकता देते हुए वैज्ञानिकता को दबाया जा रहा है ये प्रगतिशील समाज बनाने में रोड़ा बनता है
बाल्मीकि ने (कुश) एक जंगली पौधे से बच्चा पैदा कर दिया, पर अपनी ध्यान, अपनी अध्यात्म शक्ति, से ये पता करने की कोशिश नहीं की, कि आखिर सीता का बच्चा कौन ले गया । सीधा बच्चा बनाने में लग गए ।।
@Mohammad🐷randi ki aulad hai ammi ki chut 😂 aise ghatiya channel par report karo . Aur ispar police case karo. Aise log hi india Mai nafrat failate aur kuch log aise ghatiya logo ko khulkar support karte hai. Aur khud ko ram bhakt batate hai jabki unke andar ram nahi rakshas lagte hai. Jai Hind 🇮🇳
थोडा सा यह भी सोचो कि क्या क्षमता थी उनकी| वैज्ञानिकों ने फिजिशियन गाय बना दिया वर्तमान संचार माध्मम न होते तो 100 साल बाद इसे भी नहीं मानते| मूर्ख मत बनो सनातन ने मंगल लाल लिख दिया तो लाल ही है विना किसी भौतिक यंत्र के| मानव स्वभाव वश कही गलती भी स्वभाविक है| चन्द्रयान 2 फेल हुआ तो वैज्ञानिकों को अनपढ़ कहदोगे?चन्द्रयान 3 पहुचते ही वैज्ञानिक पढे लिखे| सोच समझ कर बोलो| न जाने कितने जन्मे मरे सबके सबूत नहीं है तो कहदो दुनिया 100 साल की है क्योंकि सबके C C TV फुटेज तो हैं ही नहीं|
पुनियानी जी अच्छे तार्किक इतिहास ज्ञाता हैं। बात कह भी देते हैं। धर्म के कटघरे से अपने को बचा लेते हैं। वैसे बहुत कुछ तर्क तार्किक आधारित ही और सोचने पर मजबूर करने वाले बयान होते हैं। अनर्गल से बचते हैं। बहुत खूब!
Han bhayi jis din muslim dharm ke against bolne lagengain sab tark kutark ban jayega. Ye maha wakwas waykti hai. Koun sa tark 10 book padhkar sab tark kar lega. Inhain kisi ki aastha se koi lena dena nahi hai.
अंधविश्वास, पाखंड, जातिवाद, भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच के खिलाफ जंग जारी रहेगी।जयधर्मनिरपेक्ष जय नास्तिक जय विज्ञान जयभीम नमो बुद्धाय जय अशोक सम्राट जय पेरियार स्वामी। जय भारत जय संविधान जय लोकतंत्र जय न्यायालय 🙏
We need people like Prof Puniya who use scientific temper to make their point. As Science is the only truth that can make humans more dignified and enlightened.
science ki bat manne lagege to zolachhap fakir ka kya hoga..!!😄 kyu ki fir to god ke nam politics karna mushkil ho jayega..!! dusari ko party chunav jitegi to milawatkhor,atyachari,durachari aur balatkari andh bhakto ka kya hoga..!!
Mukesh Kumar and Puniyani can you make a single program on any religious topic related to Islam. You can detroit hindu belief this is finest example of the Hindu cultural beauty. Pl consider.
UPA वाले shipping channel बनाने की बात कर गलती कर दिये। UPA सरकार अगर चुप रही होती तो आज खुद मोदी shipping channel बनाने की बात कर रहा होता और उसका contract अदानी को मिल भी गया होता।
Hum muslim bangye hai Allaah SWT ka lakh lakh sukriya nhi tho hum bhi in kalpnik God ki samne shar jukate rehte aur nark jane ke raste saf hojata. Brahmino ka asli darm se koi lena dena nhi unko sirf aur sirf ugahi karna hai aur logo ko asli khuda se dur rakna hai. Murtiyon ko pujna matlab nark jane ka guarntee.
@@mohdfiroz9747पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
उस समय के लोग सूर्य चान्द और मंगल पर तो नहीं पहुंचे थे परन्तु पत्थर को, तैराना सिख गये थे आज के वैज्ञानिक भी जल्दी से हमारे पुराणों का ज्ञान सिख कर पत्थर तैराना सिख जाए ं
Professor Purniyani has explained the facts of the so- called Ram Setu lucidly . Both the names--Ram Setu and Adam' s Bridge -- are controversial as one is related to Sanatan Dharm and the other to Abrahamic religions . As Professor Purniyani has explained the rocks of the so-called bridge are one lakh years old . Homosapiens came about 15000 years old . Ram and Krishna are not mentioned in the Vedas . Likewise Shrilankans deny the existence of Ravana . l have written in my book Religion, Family line and Indian Polity that the the Mahabharata and the Ramayana are epics , not history . Manusmriti was written in the fifth century CE or Common Era . There was no caste system in the time of the Buddha . Professor Purniyani has explained the facts of the so called Ram Setu scientifically . Hats off to the learned professor . 🙏🙏
राम पुनियानी जी ! गहराई से इतिहास पर तार्किक और सार्थक ज्ञाता हैं !! !! ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर !! निति पर चलने वाले मार्मिक व्यक्ति हैं इनको लांक्षित करना एक मुर्खतापूर्ण ही होगा !!
श्रीलंका के लोग इसे बुद्ध से जोड़ते थे, नौंवी शताब्दी में अरबी व्यापारी इसे आदम से जोड़ने लगे ...हिन्दू राम से, कृष्णदेव राय के एक अभिलेख में इसका नाम रामसेतु लिखा है.
रामायण तो बहुत है लेकिन वाल्मीकि जी की रामायण प्रमाणिक मानी जाती है। और हिंदी में रामायण की बात करे तो रामचरितमानस है। दूसरी बात लौह युग मे पत्थर से पुल नही बनाया जा सकता ये कैसा कुतर्क है। कृपया बताएं कि लौह युग मे कितने लौहे के पुल बनाये गए। कौनसा पहला पूल लोहे युग मे लौहे का बनाया गया। कृपया माननीय इतिहासकार बताए।
नारायण नारायण, लंका पर चढाई करने के लिये राम के नाम से लिखे तैरते पत्थरों से बनाये गये "राम-सेतु" पर राम-भक्त हनुमान और उनकी सैना क्या पैर रखकर लंका पर चढाई कर सकती थी जबकि अभी भी राम के मंदिरों में राम नाम के पत्थर "राम-मंदिरों" की दीवारों और छतों पर लगाये जाते है फर्श पर नहीं जिससे राम के नाम पर भक्तों के पैर ना पड़े। नारायण नारायण 🙏
Bhai main ak baat puchna chahta hu agar pata ho to jarur jawab dena. Q) Ap ram ko kis base pe bhagwan bolte ho ram ka pura naam tha purushottam ram matlab ( purusho main sabse uttam ) to bhai purush matlab admiyo main sabse behtar insan jab wo sabse behtar insan the to aplog unhe bhagwan kyu bolte ho wo to behtar insan the na aur insan bhagwan nahi ho sakta kabhi so please meri is baat ka reply jarur de wo bhi sahi pata karke.
हे 33 करोड़ हिंदु देवी देवताओं, जब भी कोई आपका अपमान करता है तो हम अपनी जान दांव पर लगा देते हैं और आप हमारे ऊपर ये प्राकृतिक आपदा छोड़ देते हैं? ऐसा क्यों भगवान? हिंदु होने का इतना बड़ा दंड? अभी कल ही आपने हिंदुओं से भरी हुई हेलीकॉप्टर गिरा कर 7 लोगों की जान लें ली?
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." नेपाल, यज्ञ स्थल "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान." मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
A reasonable balance between mythology and scientific findings can enrich culture and civilisation. Mythology should not be confused with history. Thanks to both of you for a genuinely meaningful discussion. 🌹🌹🌹
मैं आप दोनों Dr Mukesh Kumar and Dr Ram Puniyani को बहुत बहुत साधु वाद करता हूँ कि वह सत्य को उजागर कर रहे है जो कि आज के परिवेश मे बहुत जरुरी है क्योंकि आज हम वैज्ञानिक युग में जी रहे है अभी अभी ISRO के द्वारा चंद्र यांन चंदमा पर भेजा गया है वहाँ की भौगोलिक जानकारी के लिए ऐसे समय मे यदि हम अपने बच्चों को काल्पनिक कहानियों को यह कह कर पढ़ाएंगे कि हमारे पूर्वजों द्वारा ऐसा ऐसा किया गया है तो इससे बच्चों को सही जानकारी नही हो पायेगी और उनका मानसिक विकास भी जहा तक मेरा मानना है रुक जायेगा वह भी काल्पनिक चीज को सही मानने लगेंगे जो उनके लिए ठीक नहीं होगा I मेरे हिसाब से इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए नही तो बच्चों का मानसिकता विकास रुक जाएगा I आश्चर्य तो इस बात का है कि सरकार भी इस तरह के मसाले को राजनैतिक लाभ उठाने के बारे कुछ न कुछ करने लगती है I🙏
सत्य हिंदी चैनल हमेशा हमेशा कुछ लोगो को बैठाकर केवल एक पार्टी केवल एक धर्म के बारे मे बोल कर रोते रहते है। हर धर्म के अंधविश्वास के बारे मे बोल के दिखाओ तब माना जाय सत्य हिंदी
Quran Bible says Earth was created first, then days and night then sun and moon and then stars. Hinduism says rahu swallows sun during solar eclipse... these are wrong
I am a Pakistani Muslim who also has interest in interfaith knowledge. I usually watch the programs of the two of you that is, Yourself and Prof Puniyani, and I must congratulate you both on the issues you raise and the unbiased discussions you have. I have one request based on what I have observed for a year or two watching various Indian programs: If and when, there is a need to say something relevant to Islam the religion, please check it with either the Quran directly, or from some authentic Indian Muslim Scholar of Quran. I see a lot of extreme misconceptions in India, about Islam the Religion. Muslims have just ONE DIVINE book, and they are the only ones in the World who claim that this Book has not changed even one bit over centuries. What Muslims like me care about the most is, that Islam the faith is not misinterpreted and misquoted as something which is NOT ISLAM AT ALL! Once again, I truly appreciate the efforts of you both in conducting such intellectually invigorating programs on extremely controversial issues!
Quran main bahut sari batain faltu likhi huwi hai. Han ye ek dharmik book hai isliye iske kisi bhi sentence ko badla nahi ja sakta. But ye authenticated nahi hai. Chuki aap islam ke follower ho isliye aapka dil nahi manega ki koi Quran ko galat bole but jo hai uske liye duare ke vichar ka samman karna sikho. Apna dafli apna rag mat apnao. Kamiyan har dharm main hai as per mythology samay samay per science use jhootha sabit karta hai lekin dil kisi mamta hai aur kisi ka nahi mana hai. Day by day reform har dharm main ho raha hai. Chuki sanatan dharm jyada purana hai isliye iske aaj se match nahi karta hai.
@@sumankumarambashta8579 Mein pooray INTEREST say jaanna chahtee hoon kay kiya aap nay poora Quran translation say parha hai....agar naheen, to baghair READING kiyay judgement paas karna JAHALAT kehlaata hai
Sanatan Dharm bhi koi Allah ka paighambar hee laya hoga India waali zameen par....baad mein woh corrupted ho gaya....Creator to AIK hee hai Duniya ka, USSKA MESSAGE jo ussnay HUMANS ko baar baar bhaija different historical periods aur nations ko, woh ab SIRF QURAN ki form mein maujood hai...baaqi sab FAKE STORIES hain
@@saimaahmed8759Yahi bat hai tumhara ghundi fansa huwa hai challange kiya tha na quran ka Wasim Rijwi ne fir koi moulana ke pas jawaab nahi tha. Han koi bhi dharmik book alter nahi kiye ja sakte isliye SC ne uski yachika khariz ki ab koi kahe geeta main ye galat hai to usko koi badal nahi sakta hai. Jo likha gaya hai wo likh gaya hai. Kuchh log geeta ke aatma ke sidhyant ko khariz karte hain unke hisab se aatma hoti jarur hai but wo kisi prani ke marte hi uske sath nast ho jata hai. Ab koi bole ki swarg / jannat hota hai kisi ke pas jwab nah hai kyounki jo gaya hoga bhi wo lout kar aaya nahi fir koi kaise kah sakta ki jswarg/annat hai ye sab mythology hai aur logon ko galat karne se rokne ke liye hai. Bahut sari batain sirf logic per aadharit hai. Kisi bhi dharmik granth ka pukhta praman koi nahi de sakta. Kiya koi sabit karega ki jannat main 72 hur hain surf kitab main likhi baton ko praman nahi man sakte but ye sirf aastha ka swal hai aur kuchh nahi scientific nahi hai. Quran aur Geeta ka interpretation per koi judgement nahi diya ja sakta hai jabtak ki scientific na ho. Ab koi kahe ki Allah ke marzi se koi patta nahi hikta aur maine Allah ki marzi se qatal kar diya to use kiya saza nahi hogi. Tab kahengain ki sab allah ne kiya mera koi dosh nahi hai. Quran kahta hai ki jo Islam ko follow kare wo qafir hai. Kyoun bhayi ye jabardasti hai aapko koun ijajat deta hai dusron ko kafir bolne aur bolne ke liye kita ye sab authenticated hai. Aap kisi ko kafir kahkar mar sakte ho. Yahi sab to galat hai. Jab moulana ko bolne kaha jata hai to bolte hain ye us samay ki parishti ke hisab se hai iska clear meaning hai wo aaj ke samay main galat hai yahi main kahna chahta hun.Ab koun tay karega ki falan moulana ka tark sahi hai aur flan ka galat similarly Geeta ka koun sahi wayakhyan kar raha jo karega wo apna tark dega. Isliye maine likha hai ki kisi ka dil nahi manega ki uske dharm granth main kuchh galat hai. Ye koun tay karega ki Geeta quran aur Bible main sab sahi batain likhi gayi hai. Agar sab sahi hai to kisko follow karain.
Dr. Puniya explains in very simplified manner based upon scientific reasoning. Further, Dr. Mukesh kumar, please note that history of Islam is not a mythology.
History of Islam, Hinduism and Christianity all are just a semi fictional story. What did happened in a human life had been made super fictional in a course of ages...
@@rpstatus2421 Islam on Earth since it's formation you get everything till date nothing fiction atall so please read n try to understand as most intellectuals doing across globe and found truth n embrace Islam without any options and you are noticing the rapid Islam spread across globe, May Almighty guide you Aameen...
when Rambhakt Hanumanji had capacity to fly carrying a whole hill for Sanjeevani booti , he could have easily shifted the whole of wanar sena along with Sri Ram to Lanka by flying across the sea. Hence the construction of a bridge (Ramsetu) wasn't necessary , which was actually constructed or not remains a question mark. But Punyaniji proved by using scientific evidences from NASA that the bridge is a natural phenomena which was present since one lakh year.
Good point... Quran Bible says Earth was created first, then days and night then sun and moon and then stars. Hinduism says rahu swallows sun during solar eclipse... these are wrong. Many people are leaving their religion and becomng a good human
We need to promote science temper not madarsachap temper, by the way earth is not flat and we can pray from any direction to point any specific thing 😉
@@piyushbhandari31 It is mentioned in Quran that the shape of earth is like the shape of an ostrich egg which is geo spherical. I think you got the misinformation from WhatsApp University of bjp IT cell.
@@aejazahmed445 if earth is similar to sphere then you can pray in any direction as ultimately you will face required building. Simple question why it is instructed to pray in specific direction? Comman sense is not comman..
@@piyushbhandari31 not in any direction but facing towards the Kibla direction, i.e eastern residing should face west, west residing should face east , north residing should face south, south residing should face North with reference to the kaaba (Mecca).
Sir Aap ka knowledge and way of explaining really appreciatabl. Truth should be explained . Allah ne Zanat se Hazarat Adam Alhi Salam ko First time Duniya me Utara Gaya Tha Srilanka me waha pe Hazarat Adam Alhesalam ka Kabar bhi hai waha
Quran Bible says Earth was created first, then days and night then sun and moon and then stars. Hinduism says rahu swallows sun during solar eclipse... these are wrong
" जब श्री राम जी मर्यादा पुरुषोत्तम है तो राम सेतु अमर्यादित कैसे हो सकता था क्या यह इस मृत्यु लोग मै संभव है की पत्थर तेर सके वो भी राम जी के सामने यदि उस समय पत्थर समुंद्र मै तेरते तो राम जी कभी भी मर्यादा पुरुष्टोत्म नही कहलाते क्योंकि पत्थर का तैरना असामान्य घटना है जो इस मृत्यु लोक की मर्यादा को तोड़ती है इस मर्यादा की रक्षा करते हुऐ राम सेतु का निर्माण हुआ है राम सेतु के पत्थर कभी तेरते नही है बल्कि वो समुंद्र के ऊपर रखे है और वो भी पहाड़ के ऊपर वो इतना बड़ा पहाड़ वहां कहां से आया यह बताया जाएगा आगे कभी।
Bro pehle unke naam ko samjho aur meri ak baat ka jawab do. (purushottam ram) Matlab purusho main sabse uttam admiyo main sabse behtar insan to bhai jab ram ji insano main sabse behtar insan the to ap log kis base pe unhe bhagwan bolte ho bus mujhe to is baat ka jawab jarur dena bro please.
Afaik when Sri Lanka separated from Indian subcontinent plate, sea level was still very low, especially during ice age. that's how they were connected. Many animals migrated across both lands. When ice melted and sea level rose, that bridge went partially under water. It's the same reason why doggerland existed that allowed migration by foot between Norway, UK and Denmark. Later I guess during early 13th century, the bridge was destroyed by a storm.
वास्तव में ये सेतु प्रकृति निर्मित है। इसीलिए इसे शायद आदम ब्रिज या राम(ईश्वर) सेतु कहते हैं। जो भी है सब ईश्वरीय है, इसमें वाद विवाद का कोई अवसर नहीं है।
इसी तरह के राक फार्मेशन विश्व में अनेक जगहों पर आज भी उपस्थित है। यह एक नार्मल समुद्र के भीतर चलने वाली प्राकृतिक फिनामिना है। हमारे यहां इसे धार्मिक आस्था से जोड़ दिया गया है यह अलग बात है।
श्रीराम सत्य है और रामसेतु सत्य है जिनको कल्पना लगती है लगे वाल्मीकि रामायण में जिन जगहों वनस्पति जानवर आदि काफी कीजे वैज्ञानिक तौर पर सत्य है राजनीति और निजी सोच को दूर रहे तो।जय श्री राम 🤗🤗🤗🚩🕉️
Our heartily Salaam & uncountable Duaa for Janab Ram Puniani Saheb you're true Great man we love you May Allaah the Almighty bless you and all of us Aameen Ya Rabill Aalameen Aameen Thanks Again
राम सेतु, जिसे एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थल है जो भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम और श्रीलंका के मन्नार द्वीप को जोड़ता है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह सेतु भगवान राम द्वारा लंका (वर्तमान श्रीलंका) पर चढ़ाई करने के लिए वानर सेना के सहयोग से बनाया गया था। वैज्ञानिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से इस संरचना के बारे में अलग-अलग अध्ययन और सिद्धांत हैं। NASA और भारतीय पुरातत्व विभाग ने इस पर कुछ महत्वपूर्ण शोध और विश्लेषण किए हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तृत जानकारी दी जा रही है। 1. NASA का अध्ययन: NASA (National Aeronautics and Space Administration) ने अपने उपग्रह चित्रों में देखा कि रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच एक प्रकार का संकरा और संकीर्ण पुल जैसी संरचना है। उनके उपग्रह चित्र इस सेतु की संरचना को दिखाते हैं, लेकिन NASA ने इसे लेकर कोई आधिकारिक धार्मिक मान्यता या ऐतिहासिक पुष्टि नहीं दी है कि यह "राम का पुल" है। NASA के अनुसार, यह संरचना लगभग 30 किलोमीटर लंबी है और इसका निर्माण प्राकृतिक प्रक्रियाओं, जैसे समुद्री रेत, प्रवाल भित्तियों और खाड़ी धाराओं के द्वारा हुआ हो सकता है। इसका गठन किसी ज्वालामुखी या भूकंपीय गतिविधि के कारण भी हो सकता है। NASA ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि यह मानव निर्मित है या प्राकृतिक संरचना है, क्योंकि वे पुरातात्विक रूप से ऐसी पुष्टि करने में असमर्थ हैं। 2. भारतीय पुरातत्व विभाग का दृष्टिकोण: भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने भी राम सेतु के बारे में कई अध्ययन किए हैं। कुछ भारतीय विद्वानों और पुरातात्विक विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल मानव निर्मित हो सकता है। ASI ने इस पर कई सर्वेक्षण और शोध किए हैं, जिनसे कुछ पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, जो यह संकेत देते हैं कि इस स्थान पर मानव निर्मित संरचनाओं के अवशेष हो सकते हैं। भारतीय पुरातत्व विभाग के कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरचना संभवतः प्राचीन काल में बसी हुई सभ्यता का हिस्सा हो सकती है और इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। हालाँकि, ASI के पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं जो यह सिद्ध कर सकें कि इसे भगवान राम ने वानरों की सेना की मदद से बनाया था। यह एक पुरातात्विक रहस्य बना हुआ है और ASI द्वारा इसे लेकर पूरी तरह से वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुँचना अभी भी बाकी है। 3. वैज्ञानिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि यह संरचना लगभग 7000 साल पुरानी हो सकती है, लेकिन इसका सटीक समय निर्धारण अभी भी विवादित है। भारतीय पुराणों और रामायण के अनुसार, यह सेतु रामायण काल का है और इसका निर्माण त्रेता युग में किया गया था। रामायण में इसे भगवान राम द्वारा बनाया गया सेतु माना गया है। भारतीय और विदेशी वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरचना पानी के नीचे बनी प्राकृतिक संरचनाओं और प्रवाल भित्तियों का मिश्रण है, जो समय के साथ बन गई है। 4. निष्कर्ष: NASA और भारतीय पुरातत्व विभाग दोनों ही इस संरचना के प्राकृतिक या मानव निर्मित होने के बारे में स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह "राम का पुल" है, लेकिन वैज्ञानिक और पुरातात्विक प्रमाण इसे लेकर कोई ठोस निष्कर्ष देने में असमर्थ रहे हैं। NASA के उपग्रह चित्र और भारतीय पुरातत्व विभाग के शोध इसे एक रोचक स्थल बनाते हैं, लेकिन इसे लेकर आगे के शोध की आवश्यकता है। इस तरह, राम सेतु के बारे में NASA और भारतीय पुरातत्व विभाग की राय में वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण के आधार पर अंतर है, जो आज भी एक ऐतिहासिक रहस्य बना हुआ है।
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
Indian politicians and so called religious leaders knows very well that it is easier to confuse people on religious line to get their votes and babas survive on their donation.
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
Mukesh ji or pro.puniyani ji ka bahut bahut dhanyawad jo ki Satya ko samne lane ki koshish kar rahe hain. Aaj samay aa gaya hai ki sarva Samaj main faili hui Manuwadi or brahmanvaadi kuritiyon ka khatma karney ke liye andhbhakton ko asliyat se wakif karaya jaye,taki Aamjanta, aadambar or andhvishwas ke keechad se bahar nikal kar , vaigyanik soch le kar aage badh paye tabhi Sanvidhan, loktantra or Dharmnirpekshta ki raksha ho sakegi or ye desh sahi mayne main aage badh payega.Jai Bharat Jai Sanvidhan Jai loktantra.Namo Buddhay Namo Namo.
रामायण मे बहोत सी घटना काल्पनिक है,जैसे कुंभकर्ण छह महिने सोता था,वह ताड जैसा ऊॅचा था,पहाडी जैसा था,मगर उनकी तीन,चार पत्निया भी थी तो वह भी ताड जैसे ऊॅचीया थी या मनुष्य जैसी यह भी प्लीज बताना,
@@chandrakantgaikwad5349 भाई जब वातावरण बहुत ज्यादा शुद्ध होता है किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती तब इंसानों एवं जानवरों को शरीर बहुत बड़ा रहता है जैसे हम डायनासोर के बारे में पढ़े तो ज्ञात होता है कि उनकी ऊंचाई बहुत ज्यादा थी उसी प्रकार कुंभकरण रामायण श्री राम कृष्ण भगवान की भी ऊंचाई बहुत ज्यादा थी कृष्णा भगवान की ऊंचाई 18 ताड़ के पेड़ों के बराबर बताई गई है
Ye sab kalpanik hay or kuch nahi
भाई रामायण महाभारत सब झूठ काल्पनिक मानगढ़न और ब्राह्मणों द्वारा मूर्ख बनाने वाली कहानी है
बहुत बढ़िया । कहानियों को सत्य नही कहा जा सकता
O hello kuch saalo baad tumse tumhare or tumhare baap k beech k rishte k liye bhi proof manage
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
@@user-sy7zp8vy3t agar wo kalpanik nhi to kya hai , Hanuman sun ko nigal sakta hai lekin wanar sena ko uda ker nhi le ja sakta , sun aur earth k dimension k difference to pata hoga nhi to apna muh khud kala ker lo 🤣🤣
@@Ros-pc2qo सूर्य और धरती के बीच की दूरी का वैज्ञानिक आज पता लगा पाए हैं उसको 500 साल पहले तुलसीदास महाराज जी ने अपनी मानस में लिख दिया था... उसको भी थोड़ा गूगल कर लो इसके बाद तुम्हारा मूंह फिर से काला हो जाएगा🤣
@@user-sy7zp8vy3t jhut chij ko sach sabit nahi Kiya ja sakta
कोरी कल्पना है और अगर इस बात का पता लगाना बहुत आसान है एक तो सेतु में उपयोग होने वाले पत्थरों के साईज को देखा जा सकता है। दूसरा कहानी के अनुसार सेतु का निर्माण फ्लोटिंग पत्थरों से हुआ है तो इस हिसाब से सेतु नीचे से खोखला होना चाहिए तो बहुत आसान है। नीचे से पानी का जहाज निकाल कर देखो।
@@Habibkhanful bilkul sahi my v yhi sochta hun bro
समय के साथ साथ हर चीज मिलावट हो जाती है रामायण तो मुझे शुरू से ही काल्पनीक लगती है
झूठ मत बोल बचपन में आपने बहुत मजे लिए हैं जब एक तीर के 20-20 बनते थे सु सु करके चलते थे
Yes, सुप्रीम कोर्ट ने प्रूफ करा है
Sastr sirf barhman hi utha sakta our kisi me taQat himmat nahi fer bhi sab log ek sath maje late the😅😅
He to kalpnik pr andhbhkto ko ullu bna ne k lye kafi h😅😅
NASA, ye proof de chuka hai ki ram setu ek kalpana nahi balki hakikat hai, aur ye sab kuch science ke evidence dene ke baad bola gaya hai, isi liye u tube par fake baat karna sahi nahi hai.
आप लोग समाज को जागरूक कर रहे हैं इसके लिए धन्यवाद।
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
ये सिर्फ agenda चाला रहे i will proof with proof.
यहाँ सिर्फ़ without proof कहानी सुनाई जाती है बस
Who is Ram Puniyani?
Answer: He is currently the President of the Executive Council of the Centre for Study of Society and Secularism (CSSS). He is also an advisory board member of the Muslim Mirror.
If they say anything against Muslims then their head will be separated from their body, they know this very well that is why they will never speak against Muslims, watch all their videos, you will find videos against Hindus, this is the truth of all of them.
@@BharatWisdomStudio tu bta aur proof kar
धन्यवाद प्रोफेसर डॉ राम पुनियाणी जी,आप सही ज्ञान दे रहे है।अगर हनुमान इतना शक्तिशाली था,एक परबत को एक हात में उठाकर उड़ सकता था।क्या राम के सैनिक उस परबत से भारी था?हनुमान सभी सैन्य को लेकर समुद्र पार कर सकता था।फिर राम सेतु बांधने क्या जरूरत था? ए सब झूठ है।
बहुत अच्छी जानकारी प्रो.मुकेश कुमार, प्रो राम पुनियानी जी सहृदय धन्यवाद समाज को जागरूक करने के लिए!
इस्लाम,इन्सानों को दो भागों में बांटता है।एक वो जो नबी मौहम्मद को पैगम्बर मानता है और इस्लामी अल्लाह में विश्वास रखता है दूसरे वो इन्सान जो न तो इस्लामिक अल्लाह को मानता है और न नबी को पैगम्बर मानता है। दूसरे वाले इन्सान इस्लाम की रौशनी में काफिर है और इस्लामी रौशनी में काफिर वाजिबुले कत्ल हौता है। ये ही आतंकवादी सोच की जड हैं। नफ़रत फैलाती है इस्लामी विचारधारा।
Dhanyad
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
Kuye k mendok kuye ko hi duniya somajta hai, job kuye se bahar nikal ta hai to sacchai pota cholta mere kehne k matlab hai puniani ji aab aabhi kuye se bahar nikal paye hai so kuye ko duniya samaj bete hai
पुष्क विमान😂 अरे वो तो बिना इंजन के बिना परों के ही उड़ रहा है, कोनसी technology उनके हाथ लग गई थी जो बिना किसी power से ही वो उड़े जा रहे हैं 😂
जब काल्पनिक सेतु बनाया गया था तो पत्थर तो पानी में तैर रहे थे तो जमीन में कैसे पहुंच गए? वो तो तैरते तैरते कहीं और चले गए होंगे।
Haan bihar mein jaa ker, biariyon ke akal per pad gae.
Shi pakde ho... 😄andhwishvashi log...
@@kamaldeepsingh3988 12 baj gae
Naav nahin bna paye ??
@@togetservi4342 banai thi, but wo tune apne pichwade mein le li aur bhaag gaya.
My dad went to Sri Lanka and asked about Ravana, but he came to know that no one knows about Ravan. There are no evidences of him
Thank you 🙏
Sri ਲੰਕਾ came in map after 1972, It is known as ਸੰਗਲਾਦੀਪ or celon
It means then the these stories are myth
Bhaqt thodi manega😂😂😂
बहुत ही शालीनता से अपना पक्ष रखने के लिए धन्यवाद।
Juth salinta se bolne se sahi nhai ho jata mahoday
@@piyushtrivedi0023 💩💩💩💩
@@piyushtrivedi0023
सही कहा झूठ तो बार बार बोलने और जोर जोर से बोलने से सच लगने लगता जैसे आपको लग रहा है बीजेपी rss फेंकू का झूठ😁😁
निस्पक्छ विवेचना के लिए आप लोगों का धन्यवाद ,देश में धर्म को प्राथमिकता देते हुए वैज्ञानिकता को दबाया जा रहा है ये प्रगतिशील समाज बनाने में रोड़ा बनता है
सही कहा ,
ये देशविकास का
'सेतू' नही , बल्की
देशविकास में 'रोडा' हे l
बाल्मीकि ने (कुश) एक जंगली पौधे से बच्चा पैदा कर दिया,
पर अपनी ध्यान, अपनी अध्यात्म शक्ति, से ये पता करने की कोशिश नहीं की, कि आखिर सीता का बच्चा कौन ले गया ।
सीधा बच्चा बनाने में लग गए ।।
@Mohammad🐷randi ki aulad hai ammi ki chut 😂 Kaya Ram ke mummy be randi thee?
@Mohammad🐷randi ki aulad hai ammi ki chut 😂 aise ghatiya channel par report karo . Aur ispar police case karo. Aise log hi india Mai nafrat failate aur kuch log aise ghatiya logo ko khulkar support karte hai. Aur khud ko ram bhakt batate hai jabki unke andar ram nahi rakshas lagte hai.
Jai Hind 🇮🇳
अरे भाई संविधान के पहले पेज पर राम है रामायण की अवहेलना करने से संविधान के बारेमे क्या होगा
थोडा सा यह भी सोचो कि क्या क्षमता थी उनकी|
वैज्ञानिकों ने फिजिशियन गाय बना दिया वर्तमान संचार माध्मम न होते तो 100 साल बाद इसे भी नहीं मानते|
मूर्ख मत बनो सनातन ने मंगल लाल लिख दिया तो लाल ही है विना किसी भौतिक यंत्र के| मानव स्वभाव वश कही गलती भी स्वभाविक है|
चन्द्रयान 2 फेल हुआ तो वैज्ञानिकों को अनपढ़ कहदोगे?चन्द्रयान 3 पहुचते ही वैज्ञानिक पढे लिखे|
सोच समझ कर बोलो|
न जाने कितने जन्मे मरे सबके सबूत नहीं है तो कहदो दुनिया 100 साल की है क्योंकि सबके C C TV फुटेज तो हैं ही नहीं|
@@maharudragiram4045 राम के अलावा कुरान और बुद्ध भी हैं।
Comments से पता चलता है कि लोग शिक्षित हो रहे हैं।
लोग अंधविश्वास से विज्ञान की तरफ लौट रहे हैं। दोनों प्रोफेसर साहब को दिल की गहराई से नमन है।
Agar sikshit ho re he hen to gajway hind ka koi knowledge he ?? Ram puluani kuch bataye ga. Is barime ??
ये सारी मनगढ़ंत कहानियां पंडितो की फैलाई हुई है
बताइए अब बंदर भी पुल निर्माण करने लगे है
@@suniil-Shukla साले संघी कुते हम बौद्ध है और अब कोई बहुजन तुम्हारे इस नीच बाहमण धर्म मे नही सडने वाला
Visal checha tum ab bander nahe rahe......lekin mentaly tum usse bhe bahut neeche ho
Burnol laga lo
Andha bhagat
बंदर कौन सी भाषा बोलते थे कन्नड़ या तमिल । और राम समझते कैसे होगें । @@shivkumardubey9579
True Analysis by Dr Punyani!!!
This is the real journalism
FROD REPORT ONE SIDE LOVER.JELEBHI NO AGAINST TERROR BOOKS NO VOICE.
@@swapnil8453 what a joke 👏👏🤣
सत्य सुर्य समान होता है ..वो अपनेआप सामने प्रकट होता है ..जागरूकता के लिए धन्यवाद
पुनियानी जी अच्छे तार्किक इतिहास ज्ञाता हैं। बात कह भी देते हैं। धर्म के कटघरे से अपने को बचा लेते हैं। वैसे बहुत कुछ तर्क तार्किक आधारित ही और सोचने पर मजबूर करने वाले बयान होते हैं। अनर्गल से बचते हैं। बहुत खूब!
Vese mahumaad bhi sach nahi vo bhi kalpana hi hain to dusre dharam main apni naak mat gusao
Han bhayi jis din muslim dharm ke against bolne lagengain sab tark kutark ban jayega. Ye maha wakwas waykti hai. Koun sa tark 10 book padhkar sab tark kar lega. Inhain kisi ki aastha se koi lena dena nahi hai.
Hazrat Mohmed ek unpadh waykti the aur ek kabile ke sardar the. Quran insan ka likha book hai jahan aurat ki koi ijjat nahi hai.
@@sumankumarambashta8579 , बिना अध्ययन किए, किसी की भी आलोचना ही अशिक्षित होने का प्रमाण है और जाहिल किसी और को कैसे समझ पाएगा।
@@DarshilModi01 , आपके अनुसार तो सब धर्म ही कोरी कल्पना के अतिरिक्त कुछ नहीं।
अंधविश्वास, पाखंड, जातिवाद, भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच के खिलाफ जंग जारी रहेगी।जयधर्मनिरपेक्ष जय नास्तिक जय विज्ञान जयभीम नमो बुद्धाय जय अशोक सम्राट जय पेरियार स्वामी।
जय भारत जय संविधान जय लोकतंत्र जय न्यायालय 🙏
दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें
JAY Bheem.
@@Bharatvarsh20477 shahi baat hai.
😂😂😂😂😂😂😂😂
To phir ye bat bhi kyu nahi mante ki constitution ko akele ambedkar ne nahi banaya tha , vo to sirf chairman tha committee ka.
उत्तर आमेरिका ओर दक्षिण आमेरिका के बीच मे भी ऐसा सेतु है .
उसको कौन बनाया और कभी ?
राम या रोम. ? ! ? !
Or to or south america se bhi ek bridge hai jo Antarctica Tak hai wo bhi kisne banaya 😂😂ram ya rom ye sab geographic activity hai 🙏🙏❤️
@@eagleronवो भी प्रभु राम ने बनाया , अरे राम ने शादी के बाद अमेरिका sattle होना था 😅 इसलिए
@@user.DeepBrar ye to galat hai hum lakhsdeep ko chod kar or jagah jate hai ghumne matlab ye trend tabse hai 🤣🤣
We need people like Prof Puniya who use scientific temper to make their point. As Science is the only truth that can make humans more dignified and enlightened.
Long live Atheist
LOVE DA Scientific Temper
science ki bat manne lagege to zolachhap fakir
ka kya hoga..!!😄
kyu ki fir to god ke nam politics karna mushkil ho jayega..!!
dusari ko party chunav jitegi to milawatkhor,atyachari,durachari aur balatkari andh bhakto ka kya hoga..!!
@@kumardesai8241 ISLIYE TERA CROSS MAIBAAP PAPPU JANEUDHARI BANKE GHOOM RAHA HAI
HAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHA
DIHADI CHEW TEA
@@kumardesai8241 jholachap ka jhola fatt jaega
रामसेतु पर कम रामायण पर अधिक बोल गये. एक और चैनल ने सही और वैज्ञानिक तौर पर विश्लेषण कर बताया है कि रामसेतु जैसी कोई चीज कभी वहां नहीं थी.
Plz link 🙏
@@pinkpasa2634 type 'science journey '. There are 100s of videos.
@@shivkumarmohite4672 Thanks a lot ❤
Konsi chenal pe thi murkh link bhej
@@shivkumarmohite4672scienjourney!!???😂😂😂😂😂. Tu itna murakh hay ki ek makkar ko sach manta hay kitna padha hay tu ???
Thank you Dr Ram puniya ji. You are authentic as always
Tuskey Aurangzeb ki Amma hai aur Puniyani Aurangzeb ki Baap hai....😎😎😎
Even a Street Thug would have more credibility than this Joker
😂😂😂🌵
It’s fun to see Kyaaa kahtaa hi islam - Remake with Ben Bulayaa mahmaaan
@@tanveer.oakasa , the comment was not for 2 nafrati chittu
पूरा रामायण, महाभारत, वेद सब काल्पनिक है
Bilkul sahi kaha
Tera dada pardada bhi kalpnik h kya
True that…
Prove ... You must have been bought by someone so good bro
Who are you to say fiction or fact ? How intellectual you are !!!!! Brain washed
सत्य को नकरनेवाले नकारेगे, उन्हें सत्य सुनाकर क्या करे, उन्हें मालूम है हम क्या कह रहे हैं।
Scientific explanations are essential for people to start thinking without bias
हनुमान जी , आदिवासी थे , और सबसें ताकतवर थे , उनको पांखण्डी पंडितों नें हङफ लिया अपने फायदे के लिए 🫣🐒
aur suraj khila diya🤣🤣🤣
ताकतवर हनुमान को हड़प लिया था,,, 😂😂😂 ये हनुमान भी ना अपनी ताकत का इस्तेमाल करना ही नहीं जानता था 😂😂😂
सेतू वेतू कुछ नहीं है यह कोरल रीफ है। रेत का जमने से बना ठोस भाग हैं।।😅😊
सर कभी इस्लाम के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी दे दिया करे ।
आप विश्लेषण मनुस्मृति और वर्ण व्यवस्था का सुने।
uske bare me kuchh nahi jante hai
Mukesh Kumar and Puniyani can you make a single program on any religious topic related to Islam. You can detroit hindu belief this is finest example of the Hindu cultural beauty. Pl consider.
सही कहा आपने
Bhai yogendra mandal k bare me hi bata do ki katuoo ne kaise liya unko
Reality comes true it's no doubt
I was searching the truth and you brought us front of us. We are very thankful for your efforts to stand with truth.
UPA वाले shipping channel बनाने की बात कर गलती कर दिये। UPA सरकार अगर चुप रही होती तो आज खुद मोदी shipping channel बनाने की बात कर रहा होता और उसका contract अदानी को मिल भी गया होता।
@@archer5956 बिलकुल सत्य 👍
Thank you..for this humble and scientific dilouge
@@rahuljadhav5599,Tere bas ki baat nhi, Samajhna, Jankari ki niyat se padho to jano.
Hum muslim bangye hai Allaah SWT ka lakh lakh sukriya nhi tho hum bhi in kalpnik God ki samne shar jukate rehte aur nark jane ke raste saf hojata. Brahmino ka asli darm se koi lena dena nhi unko sirf aur sirf ugahi karna hai aur logo ko asli khuda se dur rakna hai. Murtiyon ko pujna matlab nark jane ka guarntee.
@@mohdfiroz9747पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
उस समय के लोग सूर्य चान्द और मंगल पर तो नहीं पहुंचे थे परन्तु पत्थर को, तैराना सिख गये थे आज के वैज्ञानिक भी जल्दी से हमारे पुराणों का ज्ञान सिख कर पत्थर तैराना सिख जाए ं
Professor Purniyani has explained the facts of the so- called Ram Setu lucidly . Both the names--Ram Setu and Adam' s Bridge -- are controversial as one is related to Sanatan Dharm and the other to Abrahamic religions . As Professor Purniyani has explained the rocks of the so-called bridge are one lakh years old . Homosapiens came about 15000 years old . Ram and Krishna are not mentioned in the Vedas . Likewise Shrilankans deny the existence of Ravana . l have written in my book Religion, Family line and Indian Polity that the the Mahabharata and the Ramayana are epics , not history . Manusmriti was written in the fifth century CE or Common Era . There was no caste system in the time of the Buddha .
Professor Purniyani has explained the facts of the so called Ram Setu scientifically . Hats off to the learned professor . 🙏🙏
Bahut hi vaigyanik vishleshan.
राम पुनियानी जी ! गहराई से इतिहास पर तार्किक और सार्थक ज्ञाता हैं !!
!! ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर !!
निति पर चलने वाले मार्मिक व्यक्ति हैं इनको लांक्षित करना एक मुर्खतापूर्ण ही होगा !!
Ex-muslim same tark deta Hain Islam ka bada main...
Ap log hme histry se avgat kara rahe iske liye bahut bahut dhnywad🙏
Correct analysis. Rampuniani amd mukesh kumar both are intelactual personality.
God is like a fairytale
सबका मालिक पालक और मंजिल एक ही है " कुदरत "
बस जीवन के सफ़र में अंधभक्ति के कांटे ही कांटे हैं !
सत्यमेव जयते 🌄🌳🤚❤️🌱🌾💚🙏
Ramayan itself imaginary story
आप ने सत्य को सामने रख्या ओर भी विडियो में रखते है जो हम लोग नहीं जानते उसके लिए आप का धन्यवाद जय बुद्धी जय ज्ञान और तिसरी ॲख
correct
Puniya surji aapki baat bilkul satye hai . Very gd massage . Thank u sir mukeshji ko bhi salam.
दुनिया के सर्व ज्ञानी पुण्यायनी जी को पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान हे,प्रकाश का उदय इनके कारन हुआ
श्रीलंका के लोग इसे बुद्ध से जोड़ते थे, नौंवी शताब्दी में अरबी व्यापारी इसे आदम से जोड़ने लगे ...हिन्दू राम से, कृष्णदेव राय के एक अभिलेख में इसका नाम रामसेतु लिखा है.
रामायण तो बहुत है लेकिन वाल्मीकि जी की रामायण प्रमाणिक मानी जाती है। और हिंदी में रामायण की बात करे तो रामचरितमानस है।
दूसरी बात लौह युग मे पत्थर से पुल नही बनाया जा सकता ये कैसा कुतर्क है। कृपया बताएं कि लौह युग मे कितने लौहे के पुल बनाये गए। कौनसा पहला पूल लोहे युग मे लौहे का बनाया गया। कृपया माननीय इतिहासकार बताए।
Ramsetu ki carbon dating se pta chala hai ki ye setu ek lakh sal se bhi jyada purana hai aur ye natural process se bna hai jaise himalaya bna hai,
@@arunprajapati8924 NASA વાડા ખુદ નકારી કાઢયું રામસેતુ બાબતમાં અને BJP ની ઉમા ભારતી દ્વારા પણ ત્યાં research કર્યુ હતું તેણે પણ નકારી કાઢ્યું છે
Ram setu ke pathar pe ram likha hona chahiye kisi me bhi nhi dikha
Bharatiya culture, Yog tumhari kalpana se bohot bohot bada hai, aur haan Puniyani bhagwaan nahi hai😅
नारायण नारायण, लंका पर चढाई करने के लिये राम के नाम से लिखे तैरते पत्थरों से बनाये गये "राम-सेतु" पर राम-भक्त हनुमान और उनकी सैना क्या पैर रखकर लंका पर चढाई कर सकती थी जबकि अभी भी राम के मंदिरों में राम नाम के पत्थर "राम-मंदिरों" की दीवारों और छतों पर लगाये जाते है फर्श पर नहीं जिससे राम के नाम पर भक्तों के पैर ना पड़े। नारायण नारायण 🙏
Bhai main ak baat puchna chahta hu agar pata ho to jarur jawab dena.
Q) Ap ram ko kis base pe bhagwan bolte ho ram ka pura naam tha purushottam ram matlab ( purusho main sabse uttam ) to bhai purush matlab admiyo main sabse behtar insan jab wo sabse behtar insan the to aplog unhe bhagwan kyu bolte ho wo to behtar insan the na aur insan bhagwan nahi ho sakta kabhi so please meri is baat ka reply jarur de wo bhi sahi pata karke.
😂😂 उस समय सभी बंदर शिक्षित हुआ करते थे उन्होने ने ही ईंट पथरों पर राम लिखा होगा,,
It is not that Adam went to Sri Lanka by this bridge. No such belief in Islam
हे 33 करोड़ हिंदु देवी देवताओं, जब भी कोई आपका अपमान करता है तो हम अपनी जान दांव पर लगा देते हैं और आप हमारे ऊपर ये प्राकृतिक आपदा छोड़ देते हैं? ऐसा क्यों भगवान? हिंदु होने का इतना बड़ा दंड? अभी कल ही आपने हिंदुओं से भरी हुई हेलीकॉप्टर गिरा कर 7 लोगों की जान लें ली?
सीधे ऊपर बुला लिए गए 🤣🤣🤣🤣🤣
उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई है वत्स,
सांसारिक लोग इसे दुर्घटना के नाम से संबोधित करते हैं
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
❤बहुत बहुत धन्यवाद ❤ सत्ये मेव जयते ❤
हम अक्कल के दुस्मण है❤ इतिहास पढना चाहिए❤
A reasonable balance between mythology and scientific findings can enrich culture and civilisation. Mythology should not be confused with history.
Thanks to both of you for a genuinely meaningful discussion. 🌹🌹🌹
Gadhe udaane wale dadiyal to na hi bolen
You are usefull tool as JNU communists historian from USSR communist 😂😂 , read ideological subversion once you will know you are useful tool 😂😂
You are usefull tool as JNU communists historian from USSR communist 😂😂 , read ideological subversion once you will know you are useful tool 😂😂
Cow worshipper😂😂@@Upanishad11
@@Arpan00014 so what happened malecch😂😂 if we worship cow ,moon ,sun and whole universe
मैं आप दोनों Dr Mukesh Kumar and Dr Ram Puniyani को बहुत बहुत साधु वाद करता हूँ कि वह सत्य को उजागर कर रहे है जो कि आज के परिवेश मे बहुत जरुरी है क्योंकि आज हम वैज्ञानिक युग में जी रहे है अभी अभी ISRO के द्वारा चंद्र यांन चंदमा पर भेजा गया है वहाँ की भौगोलिक जानकारी के लिए ऐसे समय मे यदि हम अपने बच्चों को काल्पनिक कहानियों को यह कह कर पढ़ाएंगे कि हमारे पूर्वजों द्वारा ऐसा ऐसा किया गया है तो इससे बच्चों को सही जानकारी नही हो पायेगी और उनका मानसिक विकास भी जहा तक मेरा मानना है रुक जायेगा वह भी काल्पनिक चीज को सही मानने लगेंगे जो उनके लिए ठीक नहीं होगा I मेरे हिसाब से इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए नही तो बच्चों का मानसिकता विकास रुक जाएगा I आश्चर्य तो इस बात का है कि सरकार भी इस तरह के मसाले को राजनैतिक लाभ उठाने के बारे कुछ न कुछ करने लगती है I🙏
सत्य हिंदी चैनल हमेशा हमेशा कुछ लोगो को बैठाकर केवल एक पार्टी केवल एक धर्म के बारे मे बोल कर रोते रहते है। हर धर्म के अंधविश्वास के बारे मे बोल के दिखाओ तब माना जाय सत्य हिंदी
Sahi baat hai baaat ye hai unke khilaf bolege to ye zinda bhi kaha rahege 😢😢😢
ये दूसरे धर्म के बारे में कहने की जरुरत तब आती जब वह ऊंच नीच जातीयों के बारे में कहते ऊंच नीच केवल हिन्दू धर्म में आता है
🙏🏼🤙
राम सेतु किया पुरा रामायण हि काल्पनिक है एक मन गड़त कहानी है
Iska koi subut he ye kalpnik he ramyan aur ved varn vivestha ?
ओहो देखो आम आदमी के विचार तो देखो दूसरों का धर्म मन करत तो खुद का धर्म
Punyani ya no.1propogandist maker of history hai
आपके vidiyo बहोत ज्ञानवरधक होते है
बहोत महत्वपूर्ण जानकारी मिल रहि है
बहोत बहोत धन्यवाद आप दोनो का
रामायण काल्पनिक नहीं यह मसला तो एक युग पहले का है कुछ तो जरूर हुआ
Scientific, logical description be accepted in any matter. Many thanks sayeed ahmad
Quran Bible says Earth was created first, then days and night then sun and moon and then stars. Hinduism says rahu swallows sun during solar eclipse... these are wrong
सोनिया गांधी ने राम को काल्पनिक साबित करने के लिए कुछ लोगों को इतिहासकार बनाया थे आप उनसे अलग है या उन्ही में से एक हैं
I am a Pakistani Muslim who also has interest in interfaith knowledge. I usually watch the programs of the two of you that is, Yourself and Prof Puniyani, and I must congratulate you both on the issues you raise and the unbiased discussions you have. I have one request based on what I have observed for a year or two watching various Indian programs: If and when, there is a need to say something relevant to Islam the religion, please check it with either the Quran directly, or from some authentic Indian Muslim Scholar of Quran. I see a lot of extreme misconceptions in India, about Islam the Religion. Muslims have just ONE DIVINE book, and they are the only ones in the World who claim that this Book has not changed even one bit over centuries. What Muslims like me care about the most is, that Islam the faith is not misinterpreted and misquoted as something which is NOT ISLAM AT ALL! Once again, I truly appreciate the efforts of you both in conducting such intellectually invigorating programs on extremely controversial issues!
Quran main bahut sari batain faltu likhi huwi hai. Han ye ek dharmik book hai isliye iske kisi bhi sentence ko badla nahi ja sakta. But ye authenticated nahi hai. Chuki aap islam ke follower ho isliye aapka dil nahi manega ki koi Quran ko galat bole but jo hai uske liye duare ke vichar ka samman karna sikho. Apna dafli apna rag mat apnao. Kamiyan har dharm main hai as per mythology samay samay per science use jhootha sabit karta hai lekin dil kisi mamta hai aur kisi ka nahi mana hai. Day by day reform har dharm main ho raha hai. Chuki sanatan dharm jyada purana hai isliye iske aaj se match nahi karta hai.
@@sumankumarambashta8579 Mein pooray INTEREST say jaanna chahtee hoon kay kiya aap nay poora Quran translation say parha hai....agar naheen, to baghair READING kiyay judgement paas karna JAHALAT kehlaata hai
Sanatan Dharm bhi koi Allah ka paighambar hee laya hoga India waali zameen par....baad mein woh corrupted ho gaya....Creator to AIK hee hai Duniya ka, USSKA MESSAGE jo ussnay HUMANS ko baar baar bhaija different historical periods aur nations ko, woh ab SIRF QURAN ki form mein maujood hai...baaqi sab FAKE STORIES hain
Kuran has changed time to time added so many verses if you want to know just check the older copy keeping in Turkish museum.
@@saimaahmed8759Yahi bat hai tumhara ghundi fansa huwa hai challange kiya tha na quran ka Wasim Rijwi ne fir koi moulana ke pas jawaab nahi tha. Han koi bhi dharmik book alter nahi kiye ja sakte isliye SC ne uski yachika khariz ki ab koi kahe geeta main ye galat hai to usko koi badal nahi sakta hai. Jo likha gaya hai wo likh gaya hai. Kuchh log geeta ke aatma ke sidhyant ko khariz karte hain unke hisab se aatma hoti jarur hai but wo kisi prani ke marte hi uske sath nast ho jata hai. Ab koi bole ki swarg / jannat hota hai kisi ke pas jwab nah hai kyounki jo gaya hoga bhi wo lout kar aaya nahi fir koi kaise kah sakta ki jswarg/annat hai ye sab mythology hai aur logon ko galat karne se rokne ke liye hai. Bahut sari batain sirf logic per aadharit hai. Kisi bhi dharmik granth ka pukhta praman koi nahi de sakta. Kiya koi sabit karega ki jannat main 72 hur hain surf kitab main likhi baton ko praman nahi man sakte but ye sirf aastha ka swal hai aur kuchh nahi scientific nahi hai. Quran aur Geeta ka interpretation per koi judgement nahi diya ja sakta hai jabtak ki scientific na ho. Ab koi kahe ki Allah ke marzi se koi patta nahi hikta aur maine Allah ki marzi se qatal kar diya to use kiya saza nahi hogi. Tab kahengain ki sab allah ne kiya mera koi dosh nahi hai. Quran kahta hai ki jo Islam ko follow kare wo qafir hai. Kyoun bhayi ye jabardasti hai aapko koun ijajat deta hai dusron ko kafir bolne aur bolne ke liye kita ye sab authenticated hai. Aap kisi ko kafir kahkar mar sakte ho. Yahi sab to galat hai. Jab moulana ko bolne kaha jata hai to bolte hain ye us samay ki parishti ke hisab se hai iska clear meaning hai wo aaj ke samay main galat hai yahi main kahna chahta hun.Ab koun tay karega ki falan moulana ka tark sahi hai aur flan ka galat similarly Geeta ka koun sahi wayakhyan kar raha jo karega wo apna tark dega. Isliye maine likha hai ki kisi ka dil nahi manega ki uske dharm granth main kuchh galat hai. Ye koun tay karega ki Geeta quran aur Bible main sab sahi batain likhi gayi hai. Agar sab sahi hai to kisko follow karain.
Rational thinker... Salute sir
Dr. Puniya explains in very simplified manner based upon scientific reasoning. Further, Dr. Mukesh kumar, please note that history of Islam is not a mythology.
Islam is neither mythology nor history .it is just man made thing
History of Islam, Hinduism and Christianity all are just a semi fictional story. What did happened in a human life had been made super fictional in a course of ages...
@@mnsundher Islam is just 1600 old religion it's not fiction
@@rpstatus2421
Islam on Earth since it's formation you get everything till date nothing fiction atall so please read n try to understand as most intellectuals doing across globe and found truth n embrace Islam without any options and you are noticing the rapid Islam spread across globe, May Almighty guide you Aameen...
सचाई कड़वी होती है इसलिए ढोंग लोगों को बहुत बुरा लगेगा
when Rambhakt Hanumanji had capacity to fly carrying a whole hill for Sanjeevani booti , he could have easily shifted the whole of wanar sena along with Sri Ram to Lanka by flying across the sea. Hence the construction of a bridge (Ramsetu) wasn't necessary , which was actually constructed or not remains a question mark. But Punyaniji proved by using scientific evidences from NASA that the bridge is a natural phenomena which was present since one lakh year.
Good point... Quran Bible says Earth was created first, then days and night then sun and moon and then stars. Hinduism says rahu swallows sun during solar eclipse... these are wrong. Many people are leaving their religion and becomng a good human
We need to promote science temper not madarsachap temper, by the way earth is not flat and we can pray from any direction to point any specific thing 😉
@@piyushbhandari31 It is mentioned in Quran that the shape of earth is like the shape of an ostrich egg which is geo spherical. I think you got the misinformation from WhatsApp University of bjp IT cell.
@@aejazahmed445 if earth is similar to sphere then you can pray in any direction as ultimately you will face required building.
Simple question why it is instructed to pray in specific direction?
Comman sense is not comman..
@@piyushbhandari31 not in any direction but facing towards the Kibla direction, i.e eastern residing should face west, west residing should face east , north residing should face south, south residing should face North with reference to the kaaba (Mecca).
Sir Aap ka knowledge and way of explaining really appreciatabl. Truth should be explained .
Allah ne Zanat se Hazarat Adam Alhi Salam ko First time Duniya me Utara Gaya Tha Srilanka me waha pe Hazarat Adam Alhesalam ka Kabar bhi hai waha
लोगों ने सचाई को अपनाना चाहिए वैज्ञानिक तैर पर । समझ दार लोग समझ ते है
सही कहा बेवकूफ झूठ को सच मानते है
Quran par kya kahoge
👌👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐💐🙏🙏 great great Dr Puniyani ji koti koti naman apko 🙏🙏🙏🙏
जिस प्रकार नदी और पहाड़ किसी ने नहीं बनाए उस लोजिक से तो 100% प्राकृतिक होना चाहिए।
Quran Bible says Earth was created first, then days and night then sun and moon and then stars. Hinduism says rahu swallows sun during solar eclipse... these are wrong
" जब श्री राम जी मर्यादा पुरुषोत्तम है तो राम सेतु अमर्यादित कैसे हो सकता था क्या यह इस मृत्यु लोग मै संभव है की पत्थर तेर सके वो भी राम जी के सामने यदि उस समय पत्थर समुंद्र मै तेरते तो राम जी कभी भी मर्यादा पुरुष्टोत्म नही कहलाते क्योंकि पत्थर का तैरना असामान्य घटना है जो इस मृत्यु लोक की मर्यादा को तोड़ती है इस मर्यादा की रक्षा करते हुऐ राम सेतु का निर्माण हुआ है राम सेतु के पत्थर कभी तेरते नही है बल्कि वो समुंद्र के ऊपर रखे है और वो भी पहाड़ के ऊपर वो इतना बड़ा पहाड़ वहां कहां से आया यह बताया जाएगा आगे कभी।
Bro pehle unke naam ko samjho aur meri ak baat ka jawab do.
(purushottam ram) Matlab purusho main sabse uttam
admiyo main sabse behtar insan to bhai jab ram ji insano main sabse behtar insan the to ap log kis base pe unhe bhagwan bolte ho bus mujhe to is baat ka jawab jarur dena bro please.
Afaik when Sri Lanka separated from Indian subcontinent plate, sea level was still very low, especially during ice age. that's how they were connected. Many animals migrated across both lands. When ice melted and sea level rose, that bridge went partially under water. It's the same reason why doggerland existed that allowed migration by foot between Norway, UK and Denmark. Later I guess during early 13th century, the bridge was destroyed by a storm.
Thanks for information
वास्तव में ये सेतु प्रकृति निर्मित है। इसीलिए इसे शायद आदम ब्रिज या राम(ईश्वर) सेतु कहते हैं।
जो भी है सब ईश्वरीय है, इसमें वाद विवाद का कोई अवसर नहीं है।
इसी तरह के राक फार्मेशन विश्व में अनेक जगहों पर आज भी उपस्थित है। यह एक नार्मल समुद्र के भीतर चलने वाली प्राकृतिक फिनामिना है। हमारे यहां इसे धार्मिक आस्था से जोड़ दिया गया है यह अलग बात है।
तुम्ही लोगों के कहने पर कांग्रेस ने वह शपथ पत्र दिया था। उसी से वह सत्ता से बाहर है
दिल्ली तोपड अशोक स्तम्भ को भीम का डंडा माना जाता था। जब ब्रह्मी आभिलेख का अनुवाद हुआ तब से इसे अशोक का स्तम्भ माना गया।
श्रीराम सत्य है और रामसेतु सत्य है जिनको कल्पना लगती है लगे वाल्मीकि रामायण में जिन जगहों वनस्पति जानवर आदि काफी कीजे वैज्ञानिक तौर पर सत्य है राजनीति और निजी सोच को दूर रहे तो।जय श्री राम 🤗🤗🤗🚩🕉️
Absolutely important to distinguish between myth & carefully examined ,studied , discussed & established FACTS..
ONE AND ONLY ISLAM IS THE TRUE RELIGION ON EARTH ❤
I hear Ram Puniyani regularly. How I wish we had more level headed historians like him who bust myths without any fear.
He isnot level headed he islike surma bhopali And u r also like bhpali ki bakwas dunanewale ki tarah
Ryt
So according to him no temple is destroyed in India 🙏😊
Kalpanika hai. Thanks.
Our heartily Salaam & uncountable Duaa for Janab Ram Puniani Saheb you're true Great man we love you May Allaah the Almighty bless you and all of us Aameen Ya Rabill Aalameen Aameen Thanks Again
Allah nam ka koe chiz nahi bakluind
बिल्कुल सही sir 👍👍👍👍
Truth is truth .Adam is first man of the world
Tum bhi Hindu jaise andhvishwasi ho
you mean adam seeker😂
DR RAM PUNIYANI SIR 🙏🙏
Best way to find the truth is to study the laws of nature ✌️✌️✌️✌️
Ram सेतु था और हमेशा रहेगा
इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
राम सेतु, जिसे एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थल है जो भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम और श्रीलंका के मन्नार द्वीप को जोड़ता है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह सेतु भगवान राम द्वारा लंका (वर्तमान श्रीलंका) पर चढ़ाई करने के लिए वानर सेना के सहयोग से बनाया गया था। वैज्ञानिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से इस संरचना के बारे में अलग-अलग अध्ययन और सिद्धांत हैं। NASA और भारतीय पुरातत्व विभाग ने इस पर कुछ महत्वपूर्ण शोध और विश्लेषण किए हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
1. NASA का अध्ययन:
NASA (National Aeronautics and Space Administration) ने अपने उपग्रह चित्रों में देखा कि रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच एक प्रकार का संकरा और संकीर्ण पुल जैसी संरचना है। उनके उपग्रह चित्र इस सेतु की संरचना को दिखाते हैं, लेकिन NASA ने इसे लेकर कोई आधिकारिक धार्मिक मान्यता या ऐतिहासिक पुष्टि नहीं दी है कि यह "राम का पुल" है।
NASA के अनुसार, यह संरचना लगभग 30 किलोमीटर लंबी है और इसका निर्माण प्राकृतिक प्रक्रियाओं, जैसे समुद्री रेत, प्रवाल भित्तियों और खाड़ी धाराओं के द्वारा हुआ हो सकता है। इसका गठन किसी ज्वालामुखी या भूकंपीय गतिविधि के कारण भी हो सकता है। NASA ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि यह मानव निर्मित है या प्राकृतिक संरचना है, क्योंकि वे पुरातात्विक रूप से ऐसी पुष्टि करने में असमर्थ हैं।
2. भारतीय पुरातत्व विभाग का दृष्टिकोण:
भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने भी राम सेतु के बारे में कई अध्ययन किए हैं। कुछ भारतीय विद्वानों और पुरातात्विक विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल मानव निर्मित हो सकता है। ASI ने इस पर कई सर्वेक्षण और शोध किए हैं, जिनसे कुछ पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, जो यह संकेत देते हैं कि इस स्थान पर मानव निर्मित संरचनाओं के अवशेष हो सकते हैं।
भारतीय पुरातत्व विभाग के कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरचना संभवतः प्राचीन काल में बसी हुई सभ्यता का हिस्सा हो सकती है और इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। हालाँकि, ASI के पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं जो यह सिद्ध कर सकें कि इसे भगवान राम ने वानरों की सेना की मदद से बनाया था। यह एक पुरातात्विक रहस्य बना हुआ है और ASI द्वारा इसे लेकर पूरी तरह से वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुँचना अभी भी बाकी है।
3. वैज्ञानिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण:
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि यह संरचना लगभग 7000 साल पुरानी हो सकती है, लेकिन इसका सटीक समय निर्धारण अभी भी विवादित है।
भारतीय पुराणों और रामायण के अनुसार, यह सेतु रामायण काल का है और इसका निर्माण त्रेता युग में किया गया था। रामायण में इसे भगवान राम द्वारा बनाया गया सेतु माना गया है।
भारतीय और विदेशी वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरचना पानी के नीचे बनी प्राकृतिक संरचनाओं और प्रवाल भित्तियों का मिश्रण है, जो समय के साथ बन गई है।
4. निष्कर्ष:
NASA और भारतीय पुरातत्व विभाग दोनों ही इस संरचना के प्राकृतिक या मानव निर्मित होने के बारे में स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह "राम का पुल" है, लेकिन वैज्ञानिक और पुरातात्विक प्रमाण इसे लेकर कोई ठोस निष्कर्ष देने में असमर्थ रहे हैं। NASA के उपग्रह चित्र और भारतीय पुरातत्व विभाग के शोध इसे एक रोचक स्थल बनाते हैं, लेकिन इसे लेकर आगे के शोध की आवश्यकता है।
इस तरह, राम सेतु के बारे में NASA और भारतीय पुरातत्व विभाग की राय में वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण के आधार पर अंतर है, जो आज भी एक ऐतिहासिक रहस्य बना हुआ है।
Dr.sab I really appreciate ur efforts. .
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
Jo hangman sanjivani himalay se pahad laye the vo sri Lanka me hi pai jati hai
Indian politicians and so called religious leaders knows very well that it is easier to confuse people on religious line to get their votes and babas survive on their donation.
V important debate, Thanks sir.
Is your father an imagination or truth ???????????
Ram puniyani jee dhanyabad
Thank you all teams 🙏🙏🙏
पहले पुष्पक विमान काल्पनिक था तो हवाई जहाज ने तुम लोगों का मुंह काला कर दिया.. राम सेतु काल्पनिक था पर सेटेलाइट पिक्चर ने तुम्हारा मुंह काला कर दिया. फिर डूबी हुई द्वारका काल्पनिक थी तो सोनार सिस्टम से डूबी हुई द्वारका मिल गई और तुम्हारा मुंह फिर से काला हो गया ..😂😂
Mukesh ji or pro.puniyani ji ka bahut bahut dhanyawad jo ki Satya ko samne lane ki koshish kar rahe hain. Aaj samay aa gaya hai ki sarva Samaj main faili hui Manuwadi or brahmanvaadi kuritiyon ka khatma karney ke liye andhbhakton ko asliyat se wakif karaya jaye,taki Aamjanta, aadambar or andhvishwas ke keechad se bahar nikal kar , vaigyanik soch le kar aage badh paye tabhi Sanvidhan, loktantra or Dharmnirpekshta ki raksha ho sakegi or ye desh sahi mayne main aage badh payega.Jai Bharat Jai Sanvidhan Jai loktantra.Namo Buddhay Namo Namo.
Good info....
Actually I always thought the same way.....
Thanks .