दिल भर आया, आंखें छलक गई, ए फिल्म में हम सबकी जिवन कहानी, बलराज साहनी के आगे कोई हीरो ठीक नहीं वक्ता, बिनती करता हूं ए फिल्म देखे, और दुसरो को प्रोत्साहित करें, जय हिन्द वन्देमातरम
Ye film 1953 में बनी ठीक आजादी के 6वे साल...जब देश में किसानी की जगह द्वितीय पंचवर्षीय योजना में उद्योग को सेंटर में रखा गया...तब बिमल रॉय ने साहसिक कदम उठा के ये किसानों की दशा पे मार्मिक फिल्म बनाई जो अपने आप में अद्भुत है...एक सच्चाई बयां करती है की किस तरह समाज में किसी बड़े जमींदार द्वारा छोटे से किसान को तबाह किया जाता है और पैसा कैसे पैसे को खींचता है...अद्भुत डायलॉग आज आजादी के 75 साल बाद भी किसानों की हालत ठीक नहीं है बल्कि उससे भी बुरा है । पिछले 30 वर्षो में देश की जीडीपी बहुत बढ़ी है वो भी किसानों के बल पर....क्योंकि प्राथमिक वस्तुएं ही सब उद्योग की इनपुट है । लेकिन आज भी सरकार क्या कर रही है उनके साथ , 60 लाख किसानों ने अब तक आत्महत्या की है और ये बढ़ता ही जा रहा है क्यों? वो अपना 15 से 20 हजार का कर्ज नहीं चुका पा रहे है जबकि सरकार पिछले 5 सालो में उद्योग का 9 लाख करोड़ की कर्ज माफ कर चुकी है....! #पूजीवादी सरकारें तब भी थी और अब भी है बल्कि अब खून चूसने वाली सरकार है ....! खैर कोई नही .....मैं अनाज खाता हूं इसलिए शर्मिंदा हूं की ऐसी सरकार चुनने में मेरे भी परिवार की भूमिका रही है...मैं उन सभी किसानों से माफी मगना चाहता हू जो सरकार की वजह से तबाह हुए या मर गए😢😢😢🙏 अफसोस की मैं उनके लिए कुछ नहीं कर पाता...!
आज किसान भी निठल्ला हो गया है,,,,, आधा खर्च तो ट्रैक्टर की बुहाई,,, यूरिया,DAP, दवाइयों में चला जाता है जबकि बैल से खुद खेती करे तो diesel का खर्च बचेगा व ट्रेक्टर की महंगी बुआई नही देनी पड़ेगी, जैविक खेती करें तो यूरिया,DAP, दवाइयों का खर्च कम होगा , ,,, फसल भी जैविक मिलेगी लोगो को बीमारियां नही होंगी, कच्चे तेल और खाद का आयात कम होगा कितने ज़्यादा फायदे है
आप उनमें से है जो एक्सीडेंट हो जाने पर खुद को कोसते है की वहा गया ही क्यों था...! इतनी बड़ी पॉपुलेशन और मेहनत के बाद क्या 1 बीघे में 2 कुंतल से जीवन चल जायेगा #सारी कुर्बानी किसान दे? क्या आप गेहूं उनसे ६० रूपये में लोगे? ताकि उनका मेहनताना मिल सके! #क्या सरकार उन्हे सही msp दे रही है?@@0__-_-..._-.Matter._-_._-_-._
आँखों से आंसू नहीं रुक रहे । एक किसान और उसके परिवार की कहानी बयां करती यह फ़िल्म । काफी अच्छे तरीके से पेश किया गया है। फ़िल्म के बीच में कई कई बार आँखों से आंसू छलक आएं । ''बलराज साहनी'' जी का बेमिशाल अभिनय । अब की फिल्मो की पुराने दौर की फिल्मो के सामने कोई औकात हीं नहीं 🙏 2020/21 में कौन देख रहे हैं ।
Bro sahi kaha ye jo hero tha ye ek bht ameer or pada likha insan tha englend se padai ki thi or is movie me gareeb kisan ka rol kiya kya koi bata sakta h movie dekh k ye bht ameer the real story h aisi movie nahi ban sakti or aisi ecting ni kar sakte aaj k zamane me
मैं बहुत भग्यशाली हूँ जो ईश्वर ने मुझे यह फ़िल्म दिखाई । इस फ़िल्म ने हमे दिखाया कि किस प्रकार ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल झूल कर कमाने वाला व्यक्ति, सिर्फ इसलिए दुख का भागीदार बना क्योंकि वह अशिक्षित था, जिसलिये उसे कितने कष्ट उठाने पड़े, इस लिए यही कहना चाहूंगा, पहले अपनी रोज़ी रोटी का इंतज़ाम कर लें, उसके बाद ही परिवार बनाएं, अन्यथा आप अपनी आने वाली सन्तान को गन्दगी और सड़न , और बदहाली के अलावा कुछ न दे पाएंगे । कड़वा ज़रूर है पर सच है । शानदार फ़िल्म
इसी तरह विदेशी पुजीवादी व बड़े बड़े कंपनियों, फैक्ट्रीयों ने हमारे छोटे छोटे किसानों को खत्म कर दिया, किसानों की जमीनों से बेदखल करके किसानों को मजदूर, लेबर,चौकीदार,रिक्शाचालक, ठेला चालक बना दिया गया😭😭😭😭भारत में 75 साल से किसानों को खत्म करने का प्लान चल रहा है,😭😭😭😭😭😭
वास्तविक बॉलीवुड ये था जिसमें भारत की सभ्यता,संस्कृति,आर्थिक स्थिति को जीवंत किया गया है। गरीबी में भी भारतीय बेईमानी,चोरी नही करते थे बल्कि स्वाभिमान से जीते थे। आप दोनों अमर हो बलराज जी, निरुपा जी ... आँखे भर आयी ..😢😢 *shemaroo* आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
@@rishavraj7911 गुलामी का मतलब भी पता है तुम्हें। यहाँ 10000 की नौकरी के लिए 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। तो वो गुलामी नहीं है। गुलामी और गरीबी में फर्क सीख लो बाबू 🙋
जितनी बद्तर हालत अंग्रेजो ने की थी उससे ज्यादा खराब हालत तो यहां के धनी और जमींदारों ने की थी। उस समय की ऐसी परिस्थितियों के लिए अंग्रेजो से भी ज्यादा जिम्मेदार थे जमींदार और सूदखोर। 🙏🙏
जिस जिस ने इस फिल्म को डिसलाइक किया वे सब फिल्म में दिखाई गई गली सड़ी व्यवस्था के हिमायती हैं । इनके मन में अब भी ये दंभ है कि वे ही सारी जमीन के मालिक थे और आगे भी रहना चाहते हैं । तर्क भी गले सड़े कि हमने उस जमीन की रक्षा के लिए अपना खून बहाया । खून अपने ऐशो-अराम के लिए या देश की रक्षा का भार समझते हुए ? अगर अपने सुखों के लिए बहाया तो तुम्हें इन भूमिपुत्रों को कुछ भी कहने का अधिकार नहीं और अगर भारतीय वर्ण व्यवस्था के अंग क्षत्रिय बनकर बहाया है तो वो भी वो आपका फर्ज था । तुम सीमा पर तो किसान और अन्य वर्ग भी अपने अपने कामों से तुम्हें पोषित कर रहा था । आज जब ना वर्ण व्यवस्था रही और ना वो पुराने कानून तो सबको अहंकार छोड़कर उस पुरानी व्यवस्था को धिक्कारना चाहिए समझदारी इसी में है । जय मां भारती ! जय किसान !! जय जवान !!!
क्या बताऊं भाईयो, आज दिल इतना रोया कि आंखों से आंसू बंद नहीं हो रहे हैं। रोते रोते कब आंख लग गई पता नहीं चला। दिल को झकझोर देने वाली सच्ची कहानी पर आधारित है फिल्म।
मैं तो रो पड़ा ये फिल्म देखते देखते 😭😭 एक किसान का बेटा होकर मैंने बलराज साहनी जी का तकलीफ महसूस की है।। क्या फिल्म थी जिसमें किसान का दर्द करीब से दिखाई गई है।। ईश्वर करे शंभू महतो की जमीन उन्हें वापस मिल जाये🙏🙏 अभी भी आंसू झर रहे हैं 😥
Bhai sahab ye ek movie hai aur shambhu mahto bhi ek hi kisan, Jabki hamare desh me beiman zamindaro aur sarkar ki galat nitiyo ke karan aesa lakho kisano ke sath hota aaya hai. 🤔
सच क्या कमाल की थी वो काली-सफेद दुनियाँ, आज के रंगीन चित्रों में भावनाएं न जाने कहाँ खो गईं हैं। मैं अपनी हर एक कविता में इन भावनाओ को जीवित रखने की कोशिश करता हूँ। उम्मीद है आप सबको पसंद आयेंगी।
आज इस मूवी को देख के लगा की पुराने समय के लोगो ने कितने दर्द सहे होंगे ,,कितनी war उनकी भावनाओं को दुखी होना pda होगा ,,,एक छोटे से बच्चे से लेकर बड़े बुड्डो में अपनो के लिए कितना अपनापन ,,कितनी उम्मीद थी ,,,इस मूवी के एंड ने मुझे भी दुखी कर दिया 😢
ख़राब वक्त तो हर किसीका है लेकिन हमें हिम्मत, मेहनत और ऊपर वाले की दया पे परिस्विथिति से लड़के उसपर विजय होना होता है. यह मूवी यही सिखाता है. जय श्री कृष्णा जय श्री राम.
अति सुंदर व ह्दयविदारक मार्मिक फिल्म। सच में ये फिल्म नहीं हमारे जीवन की सच्चाई है। आज भी हमारे देश के किसानों की यही हालत है। पिता के प्रति पुत्र का अगाध प्रेम और समर्पण देख आखों से आसूं आ गए। हम इस कहानी से अनेक प्रेरणाऐं ले सकते हैं।
Movie lived 63 years ... Immortal film, imortal acting. even after 63 years from today this film will be as great and fresh as today. Hats Off Bimal Roy.
इतना दुखद अंत आंखे भर आई मैने खुन बहा बहा कर पैसे जुटाए आज उसी पैसे से खुन खरिदना पड रहा है। देश की व्यवस्था का संजीदा चित्रण। सलाम है इन महान कलाकारों को
जिन्दगी के हर मोर पर संघर्ष है आने वाला कल के लिए प्रेरणा है इस फिल्म से कुछ सीखने-समझने कि जरुरत है किसान भाइयो को इस फिल्म मे बहुत ऐसे सीन है जो आप को भावुक बना देता है जय श्री कृष्णा
Very heart touching and realistic movie.Nothing has changed since that time,even at present situation is almost same.Poverty is a curse. Farmers who are our Life line are still suffering.
भारत में पुंजीवादी सामंतवादी लोगों से कभी कोई गरीब मजदूर वर्ग आज तक उनके शोषण और गुलामी से मुक्त नहीं हो पाया है आजादी सिर्फ अंग्रेजो से मिली बाकि समस्या जैसी की वैसी ही है
One thing doesn't change in our lovely country. किसान कल भी रोता था आज भी रोता हैं और शायद आने वाले कल में भी रोयेगा।काल जो जमींदार गरीबो का लहू चूसते थे आज वही काम मंद बुद्धि नेता करते है । कम से कम हर इंसान की बेसिक जरुरत की पूर्ति करना सरकार का दायित्व हैं।लेकिन सरकार सिर्फ दावा और नेता सिर्फ वादे के अलावा कुछ नही करते।
कर्ज की सीमा बदली है...... भौतिक सुखों का विस्तार बढ़ा है..... इस बेचारे ने जमीन बचाने के चक्कर में और दो जून की रोटी के चक्कर मे इतने दुःख झेले है । मगर आज का आदमी ऐशो आराम की झूठी जिंदगी के लिऐ बैंक और अन्य व्यवस्थाओं से ऋण लेता है ।
What a majestic movie. I bet you can't watch the whole movie without crying. Balraj Sir Hats off. Watching this movie in 2023. I started watching old hindi movies during covid19. I'm 28 YO. Just going to join Indian Railways. ❤दो बीघा ज़मीन❤
कल भी ईमानदारी का कोई महत्व नहीं था। आज भी ईमानदारी का कोई महत्व नहीं है। फिर भी मैं ऐसे किसान परिवार की ईमानदारी को नमन करता हूँ। क्योंकि मैं भी ईमानदार हूँ। ऐसे किसान परिवार हार कर भी जीत जाते हैं।
Urvi, you 'r doing fine watch such movies gautam ghosh, mrinal sen, satyajit ray purposely have named ray after mrinal see Akaler sandhane then watch ray, Understanding social history also requires you visit the south, read marathi literature, maybe the plays marathi as well gujrati and bengali. Just look around you son, i call my daughter, son, its just a word, don't think otherwise, you learn more by observation, what you see sets in thought, when you are there, talk to people their condition, co relate to the theories, you will come to your individual thinking your very own, write that down without fear, I have been there just to prove a point to my dad, didn't join. You go ahead do your family proud, blessings.
आज 26 जनवरी 2024 को लगभग 72 साल पहले बनी इस फिल्म को देख रहा हूं । ऐसा लगा ही नहीं की मैं कोई फिल्म देख रहा ऐसा लगा जैसे ये सब सच में हो रहा मेरे आंखों के सामने और मैं ये सब देख रहा हूं। शब्द ही नहीं है । जितनी तारीफ करे काम है।
Bo din laut aayein kaun se din shoshan aur atyachar k ghutan bhri jindagi k ab km se km utna shoshan to nahi sb k pass kuch na kuch hai ab sab almost free Hain abhi bhi parivartan baaki hai
Our grandparents was too much strong and strongest. That's reason we are at this place. Bee happy and work hard. Thanks for this old version.❤️🌹❤️🌹❤️🌹❤️🌹🇦🇹. Love from Vianna Austria. I had learned a big and beautiful lesion from this movie. Thanks.
इस फिल्म ने रूला दिया, बलराज और निरूपा राय ने गरीब किसान के संघर्ष को बड़े ही मार्मिक ढंग से जीवंत कर प्रस्तुत किया है उतना ही शानदार उनके बेटे के रोल कन्हैया ने निभाया। इसमें एक प्रसिद्ध हसोड़ बाल कलाकार भी है| कौन है?
M just 18 yrs...And its strange that I still love black and white movie...bcoz that time.. the actor and actress have no any attitude..they r just simple...really sometime i feel y i does not born on that era
यह फिल्म भारत की ऐतिहासिक परिस्थितियों को बहुत ही भावनात्मक तरीके से दर्शाती है। आज इसको देख कर ऐसा महसूस हुआ कि धन, परिवार की कीमत कितनी अधिक होती है और यह जिंदगी में कितना मायने रखती है। भगवानों सारे दबे, कुचलों, किसानों व गरीबों को सहारा दे।
यह फ़िल्म नही भारत की सच्चाई है यह कहानी आज भी भारत के किसी हिस्से में किसी व्यक्ति के साथ दोहराई जा रही है। अफसोस न हम उसे देख पा रहे है। और देख भी पा रहे तो समझने नही पा रहे है । हमे समता मूलक समाज की स्थापना करनी ही होगी नही तो यह आभासी दुनिया की चकाचौंध हमारे आंखों की रोशनी छीन लेगी
दिल भर आया, आंखें छलक गई, ए फिल्म में हम सबकी जिवन कहानी, बलराज साहनी के आगे कोई हीरो ठीक नहीं वक्ता, बिनती करता हूं ए फिल्म देखे, और दुसरो को प्रोत्साहित करें, जय हिन्द वन्देमातरम
🙏🙏🙏🙏🙏
A film dekhkar mai khub rota hu
Ye film 1953 में बनी ठीक आजादी के 6वे साल...जब देश में किसानी की जगह द्वितीय पंचवर्षीय योजना में उद्योग को सेंटर में रखा गया...तब बिमल रॉय ने साहसिक कदम उठा के ये किसानों की दशा पे मार्मिक फिल्म बनाई जो अपने आप में अद्भुत है...एक सच्चाई बयां करती है की किस तरह समाज में किसी बड़े जमींदार द्वारा छोटे से किसान को तबाह किया जाता है और पैसा कैसे पैसे को खींचता है...अद्भुत डायलॉग
आज आजादी के 75 साल बाद भी किसानों की हालत ठीक नहीं है बल्कि उससे भी बुरा है । पिछले 30 वर्षो में देश की जीडीपी बहुत बढ़ी है वो भी किसानों के बल पर....क्योंकि प्राथमिक वस्तुएं ही सब उद्योग की इनपुट है । लेकिन आज भी सरकार क्या कर रही है उनके साथ , 60 लाख किसानों ने अब तक आत्महत्या की है और ये बढ़ता ही जा रहा है क्यों? वो अपना 15 से 20 हजार का कर्ज नहीं चुका पा रहे है जबकि सरकार पिछले 5 सालो में उद्योग का 9 लाख करोड़ की कर्ज माफ कर चुकी है....!
#पूजीवादी सरकारें तब भी थी और अब भी है बल्कि अब खून चूसने वाली सरकार है ....!
खैर कोई नही .....मैं अनाज खाता हूं इसलिए शर्मिंदा हूं की ऐसी सरकार चुनने में मेरे भी परिवार की भूमिका रही है...मैं उन सभी किसानों से माफी मगना चाहता हू जो सरकार की वजह से तबाह हुए या मर गए😢😢😢🙏
अफसोस की मैं उनके लिए कुछ नहीं कर पाता...!
आज किसान भी निठल्ला हो गया है,,,,, आधा खर्च तो ट्रैक्टर की बुहाई,,, यूरिया,DAP, दवाइयों में चला जाता है जबकि बैल से खुद खेती करे तो diesel का खर्च बचेगा व ट्रेक्टर की महंगी बुआई नही देनी पड़ेगी, जैविक खेती करें तो यूरिया,DAP, दवाइयों का खर्च कम होगा , ,,, फसल भी जैविक मिलेगी लोगो को बीमारियां नही होंगी, कच्चे तेल और खाद का आयात कम होगा कितने ज़्यादा फायदे है
हां भाई
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आप उनमें से है जो एक्सीडेंट हो जाने पर खुद को कोसते है की वहा गया ही क्यों था...! इतनी बड़ी पॉपुलेशन और मेहनत के बाद क्या 1 बीघे में 2 कुंतल से जीवन चल जायेगा
#सारी कुर्बानी किसान दे?
क्या आप गेहूं उनसे ६० रूपये में लोगे? ताकि उनका मेहनताना मिल सके!
#क्या सरकार उन्हे सही msp दे रही है?@@0__-_-..._-.Matter._-_._-_-._
A Madrasa graduate
वो लोग महान है , जिन्होंने इस जमाने में किसान की यह फिल्म देखी। सलाम है उन दर्शकों को🙏🙏
Shi bat h ab nge luchi ko dekho
Bhut sachi film h bhai hmare sath bhi aisa hi huya h sach main
@@SunnyKumar-me4in हां भाई हमारा बचपन भी ऐसा था किसानी के कारण
Just seen
Aap bhi to ji dekhe ji ,🙏🙏
ऐसी फिल्मों की प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं!❣️
आँखों से आंसू नहीं रुक रहे । एक किसान और उसके परिवार की कहानी बयां करती यह फ़िल्म । काफी अच्छे तरीके से पेश किया गया है। फ़िल्म के बीच में कई कई बार आँखों से आंसू छलक आएं । ''बलराज साहनी'' जी का बेमिशाल अभिनय । अब की फिल्मो की पुराने दौर की फिल्मो के सामने कोई औकात हीं नहीं 🙏 2020/21 में कौन देख रहे हैं ।
Bro farmers having worst situations than this they're sucieding day by day no progress after almost a century it's shameful
sahi kaha tumane, balaraj sahni is ahead of time, kisi hollywood actors se kam nahi the wo
Premchand Munshi Ki Book Read Karna Do Bidha Zameen Vo Aur Zada Achi hai
@@anshumansinghraghuvanshi3502
Ji bilkul read karoonga.. 💯Suggest karne ke liye shukriya..🙏
Bro sahi kaha ye jo hero tha ye ek bht ameer or pada likha insan tha englend se padai ki thi or is movie me gareeb kisan ka rol kiya kya koi bata sakta h movie dekh k ye bht ameer the real story h aisi movie nahi ban sakti or aisi ecting ni kar sakte aaj k zamane me
मैं बहुत भग्यशाली हूँ जो ईश्वर ने मुझे यह फ़िल्म दिखाई । इस फ़िल्म ने हमे दिखाया कि किस प्रकार ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल झूल कर कमाने वाला व्यक्ति, सिर्फ इसलिए दुख का भागीदार बना क्योंकि वह अशिक्षित था, जिसलिये उसे कितने कष्ट उठाने पड़े, इस लिए यही कहना चाहूंगा, पहले अपनी रोज़ी रोटी का इंतज़ाम कर लें, उसके बाद ही परिवार बनाएं, अन्यथा आप अपनी आने वाली सन्तान को गन्दगी और सड़न , और बदहाली के अलावा कुछ न दे पाएंगे । कड़वा ज़रूर है पर सच है । शानदार फ़िल्म
👌👌👌👌💯
😓😭🙁👳💪👨👨👦👦
Bahut achcha Baat bole ho babu
यह बात जिन के लिए है,,उनतक कैसे पहुंचेगी,,सभी तो यह नही देखेगे मूवी
भावनाओं की उदात्त कहानी,,अद्भुत,,,मार्मिक
ये फिल्म मैंने आज देखी, मुझे इतनी ज़दा अच्छी लगी की दिल भर आया,
शुक्र है भगवान ने मेरे अंदर ये कबीलियत दिया है की मैं अनमोल चीज को परख सकूं🤗😌
इसी तरह विदेशी पुजीवादी व बड़े बड़े कंपनियों, फैक्ट्रीयों ने हमारे छोटे छोटे किसानों को खत्म कर दिया, किसानों की जमीनों से बेदखल करके किसानों को मजदूर, लेबर,चौकीदार,रिक्शाचालक, ठेला चालक बना दिया गया😭😭😭😭भारत में 75 साल से किसानों को खत्म करने का प्लान चल रहा है,😭😭😭😭😭😭
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Apki age
@@dakshamatte5822 19
To hamare gaav aa jao apko yaha asli me dekhne milega aao aa bhi jaa
पता नही आज कल इस तरह की फिल्मे क्यू नही बनती.. जबकि एक बहुत बड़ा दर्शक वर्ग इस तरह की फिल्मों का दीवाना है..
मैं इस फ़िल्म को 2021 में देखा ।
मेरी ये सौभाग्य हैं।
मै भी भाई
Me 2 bhai
Mai bhi
@@mahreenzara1565 Padri Fan???
Mera bhi
वास्तविक बॉलीवुड ये था जिसमें भारत की सभ्यता,संस्कृति,आर्थिक स्थिति को जीवंत किया गया है। गरीबी में भी भारतीय बेईमानी,चोरी नही करते थे बल्कि स्वाभिमान से जीते थे। आप दोनों अमर हो बलराज जी, निरुपा जी ...
आँखे भर आयी ..😢😢
*shemaroo* आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
😭😭😭😭
तुम्हें गुलामी में भी संस्कृति नजर आती है🤦🤦
@@rishavraj7911 गुलामी का मतलब भी पता है तुम्हें। यहाँ 10000 की नौकरी के लिए 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। तो वो गुलामी नहीं है। गुलामी और गरीबी में फर्क सीख लो बाबू 🙋
@@anilawadhUP sahi kaha aapne
True
संसार की रानी है तू राजा मेरा लाडला... आजा रे निंदिया आजा.... वाह कितना ह्रदय स्पर्शी संगीत है... कितनी समता है कोई भेदभाव नहीं. 🙏
उस समय की देश की आर्थिक परिस्थिति देखकर रोना आ जाता है।
सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश की ये हालत कर दी थी अंग्रेजों ने ......
अंग्रेजी आज के नेताओं से बेहतर थी
Aaj ke netao se ache the phle ke angrej
Britishers,bhrasth neta jimmedar h sath m kuch lalchi baman bhi jo mandir m baithe baithe apna Ghar sone se bhar rakha b
जितनी बद्तर हालत अंग्रेजो ने की थी उससे ज्यादा खराब हालत तो यहां के धनी और जमींदारों ने की थी।
उस समय की ऐसी परिस्थितियों के लिए अंग्रेजो से भी ज्यादा जिम्मेदार थे जमींदार और सूदखोर।
🙏🙏
Angrejo ne jo kiya so kiya sirf liya nhi, diya b but khatmal to zamindar the
ये सच्ची कहानी है हमारे भारत देश के किसानों की,
जिस जिस ने इस फिल्म को डिसलाइक किया वे सब फिल्म में दिखाई गई गली सड़ी व्यवस्था के हिमायती हैं ।
इनके मन में अब भी ये दंभ है कि वे ही सारी जमीन के मालिक थे और आगे भी रहना चाहते हैं ।
तर्क भी गले सड़े कि हमने उस जमीन की रक्षा के लिए अपना खून बहाया ।
खून अपने ऐशो-अराम के लिए या देश की रक्षा का भार समझते हुए ?
अगर अपने सुखों के लिए बहाया तो तुम्हें इन भूमिपुत्रों को कुछ भी कहने का अधिकार नहीं और अगर भारतीय वर्ण व्यवस्था के अंग क्षत्रिय बनकर बहाया है तो वो भी वो आपका फर्ज था । तुम सीमा पर तो किसान और अन्य वर्ग भी अपने अपने कामों से तुम्हें पोषित कर रहा था ।
आज जब ना वर्ण व्यवस्था रही और ना वो पुराने कानून तो सबको अहंकार छोड़कर उस पुरानी व्यवस्था को धिक्कारना चाहिए समझदारी इसी में है ।
जय मां भारती ! जय किसान !! जय जवान !!!
Bhai wo log chutiyan log hai or aajkl KI KI chutiyan movies ke shokeen hai
lakin es movie ka happy ending hona chahiye tha
सही कहा आपने
@@khushwantkumar4882 ye movie Nahi sachhi jindgi h. Or garibo ki jindgi me Kabhi happy ending Nahi hota.
comment of the day
मैने खून बहा बहा के पैसे जुटाए।
अब उसी पैसे से खून खरीदना पड़ रहा है।
Most emotional dialogue.
Epic Movie
I'm also jaunpuri
Bilkil
Khun Nahi pasina
😭😭😭Mai ye movie Papa ke sath dekha tha bahut dukh hua ye film Dekh ke
😭😭😭
ये मूवी 2024 मे कोन देख रहा 🎉
Mee
@@khushiprajapati5608 itni purani movie k bare m kisne btaya?
Me too
Ek majdoor bhai
2014 se dekhta aa rh hu
में नतमस्तक हूँ उस बॉलीवुड का,जिसने हमे उस जमाने का परिचयः करा दिया।
ये पूंजीवाद लोग किसानों को कभी उभरने नही देंगे।
Aaj bhi yahi zamana hai....bas log andhe ho gye hain....jo gareebo ki halat nahi dekh paa raha h
Zaruri hai shikshit hona.
बलराज साहनी की फिल्मों का कोई मुकाबला नही कर सकता । आज के दौर में भी ।
Sahi baat anuj ji
2 more to go
Bilkul sahi kaha aapney
Ue film nahi Hindustan ki hakikat he chamak chond ki jindgi Jine wale logon ko ue dikhai nahi deta
Kuch nahi hota jamin p ,,,,
Mera paas 10 biga jamin h ,,,,
10,000 rs ki fasal hoti h 😂😂😂
मेरा प्रणाम है डायरेक्टर और कलाकारों को जीने की शानदार मूवी बनाई यह मूवी समाज के लिए एक आईना का काम करती है
क्या बताऊं भाईयो, आज दिल इतना रोया कि आंखों से आंसू बंद नहीं हो रहे हैं। रोते रोते कब आंख लग गई पता नहीं चला। दिल को झकझोर देने वाली सच्ची कहानी पर आधारित है फिल्म।
मैं तो रो पड़ा ये फिल्म देखते देखते 😭😭
एक किसान का बेटा होकर मैंने बलराज साहनी जी का तकलीफ महसूस की है।। क्या फिल्म थी जिसमें किसान का दर्द करीब से दिखाई गई है।।
ईश्वर करे शंभू महतो की जमीन उन्हें वापस मिल जाये🙏🙏
अभी भी आंसू झर रहे हैं 😥
Bhai sahab ye ek movie hai aur shambhu mahto bhi ek hi kisan,
Jabki hamare desh me beiman zamindaro aur sarkar ki galat nitiyo ke karan aesa lakho kisano ke sath hota aaya hai. 🤔
My best movie
Thanks Ji Mai bhai sahani hi ho thanks
Movie me shambhu mahto ko jamin vapas nhi milta h. Tb main nhi dekhungi movie. adhuri movie nhi dekhna chahiye
@@kaminijha2213 acchi movi h
इस फिल्म में गरीब किसानों की दुर्दशा को बहुत ही बारीकी से दिखाया गया है.. बेहतरीन अभिनय और बेहतरीन फिल्म
Yes bro
भाइ मेरे किसान की जिन्दगी बङी मेहनत और मुवफलसी की है
70 saal purani durdasha hai ye aaj halat 100 guna achhe hain
Aaj bhi aisi hi h
Yes bro.
वेस्टरन कल्चर में पला बढा बलराज साहनी बीबीसी का एनाउनसर और यह रोल, आते ही। शब्द नहीं हैं, तारीफ के लिए।
सादर
एक किसान का बेटा हो के तूने चोरी की....
ये लाइन सुनकर गर्व होता है...
एक किसान ❤
सच क्या कमाल की थी वो काली-सफेद दुनियाँ, आज के रंगीन चित्रों में भावनाएं न जाने कहाँ खो गईं हैं। मैं अपनी हर एक कविता में इन भावनाओ को जीवित रखने की कोशिश करता हूँ। उम्मीद है आप सबको पसंद आयेंगी।
I wish I was born 50 - 60 years ago
Bilkul sahi kaha aapne.
Rightly said. Those films were the mirror of that era, so are today's.
Rait
Nice Yarr
यह फिल्म देश के लाखों छोटे-छोटे किसानों के जीवन के यथार्थ का वास्तविक और सजीव चित्रण है
The golden era of हिंदी सिनेमा।समाज का वास्तविक चित्रण ।शानदार अभिनय शानदार पटकथा । Hats off to all legends .
आज इस मूवी को देख के लगा की पुराने समय के लोगो ने कितने दर्द सहे होंगे ,,कितनी war उनकी भावनाओं को दुखी होना pda होगा ,,,एक छोटे से बच्चे से लेकर बड़े बुड्डो में अपनो के लिए कितना अपनापन ,,कितनी उम्मीद थी ,,,इस मूवी के एंड ने मुझे भी दुखी कर दिया 😢
वाह यार बच्चे ने जो अभिनय किया है वो लाजवाब है।
ख़राब वक्त तो हर किसीका है लेकिन हमें हिम्मत, मेहनत और ऊपर वाले की दया पे परिस्विथिति से लड़के उसपर विजय होना होता है. यह मूवी यही सिखाता है.
जय श्री कृष्णा जय श्री राम.
What a movie! I m crying loudly. So practical situation.
রাজার হস্ত করে সমস্ত গরীবের ধন চুরী
ধন্য বিমল রায়
ধন্য বলরাজ সাহানি
ধন্য নিরুপা রায়
😍😍
अद्भुत क्षमताओं से भरी है फिल्मों की दुनिया
मगर इन क्षमताओ का उपयोग कर दो बीघा जमीन जैसी फ़िल्म नही बना सकता❤
नमन हैं ऐसे निर्माता और निर्देशक को❤
2020 mai movie kon dekh rha h yaha like kare👍👇
Dekhi tu nai lekin comments dekh raha hon agar comments m kia likha h moive achi h ya buri .. Aap bataien moive kaisi h ?
@@Blackkk_wehshi hai to achhi baaki apna apna dekhne ka nazariya hai
@@azaherbari8040 aap apni pasandeda 3 moives k naam bataien bhai dekhta hon aap ki pasan kaisi h ?
Mai 1920 me hu I'm a time Traveller LoL
Bahut achi movie h
Nothing has changed for farmer even after 72 years 😥
aaj bhi kuch log kisano ko ghulam banane me jute he
I agree with you brother
Kya bat karta he yar ,,, Aaj ke kisan ese kya ye kuch jyada ho gya
@@jeetGurjar1606 bilkul sahi keh rhe Aaj ke kisan ki haalat mai bhi koi sudhar nhi hai
Farmers fate not changed for better it goes to worst compared to 70 years😢
वाकई इस देश के किसान और देश की मिट्टी की बड़ी दुर्दशा है, जैसा की फिल्म में दरसाया गया है....
Rona aa gaya bhai ye film dekhne ke baad old is gold 🪙🪙😢😢😢😢😢
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे,
इन्सान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी मत सोचो,
क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे…
Thanks for motivat
You right durga ji
Wah bohot achhi bat likhi hae aapne
Are waw
I love you 7575863770
आगे बढ़ने की होड़ मै क्या क्या छोड़ दिया
संस्कार, प्यार,समर्पण
हर तरफ है सिर्फ नफरत
इन मूवी को आज के बच्चो को दिखाना चाहिये
My favourite movie old is gold
Par sir ji aaj ke bachhe to inhe dekhana to bari dur ki bat h yaise Film ka nam bhi lenge to gussa hote h
@@birthdaycelebration495 sahi kaha
नसीब वाले होते है वो जिनके सर पर पिता का हाथ होता है,
परेशानियां कम हो जाती है सब जब पिता का घर में वास होता है।
You are right
अति सुंदर व ह्दयविदारक मार्मिक फिल्म। सच में ये फिल्म नहीं हमारे जीवन की सच्चाई है। आज भी हमारे देश के किसानों की यही हालत है।
पिता के प्रति पुत्र का अगाध प्रेम और समर्पण देख आखों से आसूं आ गए।
हम इस कहानी से अनेक प्रेरणाऐं ले सकते हैं।
Movie lived 63 years ... Immortal film, imortal acting. even after 63 years from today this film will be as great and fresh as today. Hats Off Bimal Roy.
And now 68 years and still fresh as mint.
दुनिया की सबसे बेस्ट फिल्म❤
@@jhashemi782 and now 69 years
@@ArchanaKumari-kr8lp yes brother 👍👍👍
Till now 🙂
आत्मा को झकझोर दिया , आंसू नही रुकते 😭😭😭😭
हां, जी 😭😭😭😭
Bilkul bhai maine to 4 ya 5 baar dekh chuka hun 😢😢😢
इतना दुखद अंत
आंखे भर आई
मैने खुन बहा बहा कर पैसे जुटाए आज उसी पैसे से खुन खरिदना पड रहा है।
देश की व्यवस्था का संजीदा चित्रण।
सलाम है इन महान कलाकारों को
ये फिल्म 1953 में बनी ये फिल्म भारत की दशा को दर्शाती है इस फिल्म को बनाने वाले और इस फिल्म के कलाकारों को बहुत-बहुत नमन धन्यवाद
2019 m bhi kon kon Dekh RHA h Classic Movie
I
I like classic movie
bro please listen ug Krishnamurti
I
Yes , I Shamsher from Hisar .
जिन्दगी के हर मोर पर संघर्ष है आने वाला कल के लिए प्रेरणा है इस फिल्म से कुछ सीखने-समझने कि जरुरत है किसान भाइयो को इस फिल्म मे बहुत ऐसे सीन है जो आप को भावुक बना देता है जय श्री कृष्णा
यार क्या फिल्म है हर स्टेप पर रूला देता है
हा सिनेमा बघताना डोळे भरुन येतात परत असा सिनेमा कधीच होऊ शकत नाही .अशी कलाकार माणस मनात घर करुन राहतात.अशा कलाकारांना माझा मनापासुन धन्यवाद जय भिम
Very heart touching inspirational movie...This movie has won national film fare award in 1953. ONE OF THE BEST MOVIE EVER...
Very heart touching and realistic movie.Nothing has changed since that time,even at present situation is almost same.Poverty is a curse. Farmers who are our Life line are still suffering.
Hay
Saras
Yes, present situation. I saw in 21 century real.
8933859151
Manju Kumar nope there are many rich farmers
क्या फिल्म बनाई है, गरीबो का जीवन इसी तरह बीत जाया करता है. कोई देखने वाला नही है. पता नही कब तक सुधार होगा.
Qayamat k baad bol bhai😱
मेरे पास शब्द नहीं है इस फिल्म के लिए दुनिया की सबसे अच्छी फिल्मों में इसका नाम रहेगा
भारत में पुंजीवादी सामंतवादी लोगों से कभी कोई गरीब मजदूर वर्ग आज तक उनके शोषण और गुलामी से मुक्त नहीं हो पाया है
आजादी सिर्फ अंग्रेजो से मिली
बाकि समस्या जैसी की वैसी ही है
Aap marksvad ke bicharo ko jante hai kya....
@@abhishekchandra6983 kyoun Kya hua ?? Kuch special hai Kya Marx me
आपको नहीं लगता कि ऐसा कहना उन लोगो के लिए अन्याय होगा जिन्होंने इतने सालो तक गरीब वर्ग के लिए दिन रात मेहनत की है।
अग्रेंजो के समय भी खराब हाल हो गये है इस देश के ।
Ye angrejo aur muglo ko jamindari niti ka parinam hai
rula rula ke behaal kar diya ..kya power pack performance hai , Director Bimal Roy , ki film yaha toh khatam ho gayi lekin dimag me chalu ho gayi.
Nice
Mother india, Godan $ Do biga Zamin ever best movie on Indian farmers
Salute our industrious $ hard worker farmers
Aur in jameedaro k atyacharo ki bhi prateek hain
Ohh क्या फिल्म थी...कैसे वर्णन करूं किन शब्दों से करूं!
ऐसा कोई शब्द नहीं मिल रहा है!
बलराज सहनी और निरुपमा रॉय को हमारा प्रणाम 🙏
One thing doesn't change in our lovely country.
किसान कल भी रोता था आज भी रोता हैं और शायद आने वाले कल में भी रोयेगा।काल जो जमींदार गरीबो का लहू चूसते थे आज वही काम मंद बुद्धि नेता करते है । कम से कम हर इंसान की बेसिक जरुरत की पूर्ति करना सरकार का दायित्व हैं।लेकिन सरकार सिर्फ दावा और नेता सिर्फ वादे के अलावा कुछ नही करते।
amit chaudhary Thanks bhai sahi kaha.
U r right brother'..... When exploitation of farmers stops in our country our country will again become so called "SONE KI CHIDIYA".....
Sahi bola shir ji
Sahi bat he bhai
amit chaudhary
क्या बदला है अब और तब में ?
बस ......
लूटने का तरीका और कुछ नहीं !
कर्ज की सीमा बदली है......
भौतिक सुखों का विस्तार बढ़ा है.....
इस बेचारे ने जमीन बचाने के चक्कर में और दो जून की रोटी के चक्कर मे इतने दुःख झेले है ।
मगर आज का आदमी ऐशो आराम की झूठी जिंदगी के लिऐ बैंक और अन्य व्यवस्थाओं से ऋण लेता है ।
Kya tum kavi ya lekhak ho?
Bilkul sahi kaha apne
👍👍👍
Right
अप्रैल 2020 में कौन कौन देख रहा है।
लाइक कीजिए 👍👍
🤩🤚🤚🤚🤚
🤩 I am
Azad khan
Phokat me hi like leta hai re ...bahut sayana banta hai re...
@@sunilmahawar8504 😁😁
बहुत ही सराहनीय फिल्म बनाई गई गरीब किसानों के जीवन पर
एक किसान के चरित्र को बखुबी से दिखाया हैं इस फिल्म में।। अतुल्निय .😍😍
🙌🙌🙌
इस फिल्म में जो दिखाया वो सब कुछ हमारे पूर्वजों ने सहा है गरीब किसानों पर हमेशा से ही अत्याचार होते आए है😭
atyachar kisne kiya apno ne hi kabhi jamidaro me or kabhi netao ne
बलराज साहनी को कोटी कोटी प्रणाम
What a majestic movie. I bet you can't watch the whole movie without crying. Balraj Sir Hats off. Watching this movie in 2023. I started watching old hindi movies during covid19. I'm 28 YO. Just going to join Indian Railways.
❤दो बीघा ज़मीन❤
Best of luck 🌤️
ज़मींदारों ने हमेशा ऐसा ही किया हम गरीबों के साथ 😥😥😢 बेइमानी बेइमानी इस संसार में हमेशा निर्दोष के साथ नाइंसाफी हुई 😢😢😢इस भारत देश में 😢
फिर से नया मोबी निकला हैं दो बीघा जमीन पुराना वाला और नया वाला दोनो है ठिक हैं। किसान लोग गरीब था तो पैसा वाले जबरजस्ती कब्जा कर लिया।
कल भी ईमानदारी का कोई महत्व नहीं था। आज भी ईमानदारी का कोई महत्व नहीं है।
फिर भी मैं ऐसे किसान परिवार की ईमानदारी को नमन करता हूँ।
क्योंकि मैं भी ईमानदार हूँ।
ऐसे किसान परिवार हार कर भी जीत जाते हैं।
Kitane bhole log kitana sidha sachch nature 🙏☺️😔
Kitnay achay log thay tub kitni mehnat kartay thay bht mushkil dor tha tub mgar sachay log tahy tub aik dosray ka khayal rakhnay walay
My economics teacher recommend me this movie for more detailed study of Indian economy in interesting way so I am watching this movie.
Upsc waali lagti ho
@R C you are too shallow to grasp the concept of this movie.
Urvi, you 'r doing fine watch such movies gautam ghosh, mrinal sen, satyajit ray purposely have named ray after mrinal see Akaler sandhane then watch ray, Understanding social history also requires you visit the south, read marathi literature, maybe the plays marathi as well gujrati and bengali. Just look around you son, i call my daughter, son, its just a word, don't think otherwise, you learn more by observation, what you see sets in thought, when you are there, talk to people their condition, co relate to the theories, you will come to your individual thinking your very own, write that down without fear, I have been there just to prove a point to my dad, didn't join. You go ahead do your family proud, blessings.
@R C peasant, money landaer , land less labour, debt trap these are the elements of this movie
@R C do you know why India peasants have small holding land ??
बुरा मत सुनो , बुरा मत कहो , बुरा मत देखो , ये सीख है । ये भारत के अन्न दाता की कहानी है ।
I have no words. This is cinema at its best. A masterful depiction of the travails of a poor rural family. Thanks for uploading!
बलराज साहनी जी आपको कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏🙏
Such a masterpiece !! Bimal Roy such a genius and Balraj Sahni the best actor Kya baat hai !
jst watch pyasa of guruduttjii masterpiece and gem
ananya mukherjee I'm agree with you u are right
ananya mukherjee very true.....
Good
Good
आज 26 जनवरी 2024 को लगभग 72 साल पहले बनी इस फिल्म को देख रहा हूं । ऐसा लगा ही नहीं की मैं कोई फिल्म देख रहा ऐसा लगा जैसे ये सब सच में हो रहा मेरे आंखों के सामने और मैं ये सब देख रहा हूं। शब्द ही नहीं है । जितनी तारीफ करे काम है।
This is not a movie. This is the reality. The reality of the life of a person from the lowest class of the society.
Hum ve dak raha hai
Balraj sahani live the role of farmer.
What a class actor👍
You are right
Phle k time se reality h but aaj k time esha kuch nhi hota ulta sc)st act lg jata h
ये केवल फिल्म नहीं वो इतिहास है जो अजर अमर है
एक महान एवं कालजयी फिल्म। महान फिल्मकार बिमल राय और उनकी पूरी टीम को सादर नमन। सभी लोग इस फिल्म को अवश्य देखें । बहुत रुलाया इस फिल्म ने।
इन old मूवी का कोई तोड़ नहीं है जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है
No doubt Balraj and Nirupa are birriliant actors but you can't neglect that young boy he is damn innocent with perfect acting skills
You r right
लालू उस्ताद भी
oh my words my wish
SHAYNA vardhaan Sahni saab wasn't just an actor, he used to live his characters, I hope you've also warched Waqt,Garam Hawaa...
Small boy in this movie is jagdeep saheb (comedian of old movies) father of javed jaffery... He died yesterday (8 july 2020).
मूवी देखने के बाद कुछ कह नही सकता बस आँखे भर आयीं😢😢😢👌👍
काश वो दिन लौट आते
यह एक कल्पना मात्र ही है।
Jai Javan jai kisan
Jai hind jai Bharat,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Bo din laut aayein kaun se din shoshan aur atyachar k ghutan bhri jindagi k ab km se km utna shoshan to nahi sb k pass kuch na kuch hai ab sab almost free Hain abhi bhi parivartan baaki hai
@@princeraghavdeniz8893 chij vahi hai but quality ka fark hai(struggle)
ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म है लेकिन दिल को छू जाती है लेकिन फिर भी इस फिल्म की तरह कभी फिल्म नहीं बन बन पाई लेकिन आज की 😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😅
Wow ...
This movie is a masterpiece
The ending made me cry :(
I'm binge watching old movies to understand my country better :)
Phenomenal! Y don’t we see this kind of cinema today
View dekhke hi pata kar lo q nahi banate.. film banate hai munafa kamane k liye.. lekin log nahi dekhe ga to q banayega aise film...
Because we evolved.
@@iMangeshSN bt our problems didnt. Even today poor farmers go through it.
@@ishachaudhary2902 that's hard reality. Pity.
Kyunki aajkal k log aisi movie nahi dekhte hain....aajkal Netflix ka zamana h ...aaj ki generation ko yeh movie ki keemat kya pata
Our grandparents was too much strong and strongest. That's reason we are at this place. Bee happy and work hard. Thanks for this old version.❤️🌹❤️🌹❤️🌹❤️🌹🇦🇹. Love from Vianna Austria. I had learned a big and beautiful lesion from this movie. Thanks.
Hindi?
Bhai yaha k musalmaano ko bolo k hindu musalmaan ka khoon ek hai toh unko bura lagta hai, pata nhi kyu? 😅
इस फिल्म ने रूला दिया, बलराज और निरूपा राय ने गरीब किसान के संघर्ष को बड़े ही मार्मिक ढंग से जीवंत कर प्रस्तुत किया है उतना ही शानदार उनके बेटे के रोल कन्हैया ने निभाया। इसमें एक प्रसिद्ध हसोड़ बाल कलाकार भी है| कौन है?
क्या दिन थे वो पुराने 😭 गरीब किसान के लिए परिस्थिति वही है आज भी🙏
Cldnt hold my tears watching this movie. . Life on celluloid. . Thnks for uploading this masterpiece..
कितना भी समय खराब हो हमें अपना ईमान नहीं छोड़ना चाहिये
Good
Santosh Bhai! Laakh rupaye ki baat ki
Right
Aisa iman koi kaam ka nahi jo Khun choos le..
kya bat hai
इस फिल्म को देखकर आंखें भर आयीं
वास्तविकता के बिल्कुल निकट फिल्म कोई और नहीं हो सकती
I am 22 yrs old but When i am watching this movie I wanna say that its just amazing .Oh The creater of this movie Hats off to U .
कुछ भी तो नहीं बदला आज़ादी के इतने सालों में गरीब तो आज भी लुट रहा है कुछ भोलेपन में कुछ मजबूरी में
M just 18 yrs...And its strange that I still love black and white movie...bcoz that time.. the actor and actress have no any attitude..they r just simple...really sometime i feel y i does not born on that era
no one says you shouldnt. i love em black and white films and I am 16. So quit the bragging and do something worthwhile
@@abhaymishra30 yeahhhhh
Realty....asi jisse aadha bharat anjaan hai
Or aadha jankar b Anjaan.
Yes, i hav same feeling, b&w has something special feel.... we r like minded
I feel the same way!!! Movies had meaning back then, they are all about making money these days.
यह फिल्म भारत की ऐतिहासिक परिस्थितियों को बहुत ही भावनात्मक तरीके से दर्शाती है। आज इसको देख कर ऐसा महसूस हुआ कि धन, परिवार की कीमत कितनी अधिक होती है और यह जिंदगी में कितना मायने रखती है।
भगवानों सारे दबे, कुचलों, किसानों व गरीबों को सहारा दे।
Purane dowr ki zindagiyon ko bilkul khoobsurat tarah se bataya hai.
just loved it.❤
M jaldi rota nahin hun par ye film ne mujhe 😭😭😭😭 diya
Janewari 2021 me konkon dekhe raheho jarur layk karen jai hind is film dirmata ko hamare tarafse sellut
Baap ji
March mae
Bahut sundar movie. Ek gareeb kisan ka bilkul sahi Charitra chitran.
यह फ़िल्म नही भारत की सच्चाई है
यह कहानी आज भी भारत के किसी हिस्से में किसी व्यक्ति के साथ दोहराई जा रही है।
अफसोस न हम उसे देख पा रहे है।
और देख भी पा रहे तो समझने नही पा रहे है ।
हमे समता मूलक समाज की स्थापना करनी ही होगी
नही तो यह आभासी दुनिया की चकाचौंध हमारे आंखों की रोशनी छीन लेगी
Shahi kahadost
मुझे तो रोना आ गया इतना दुख देख के 😭😭
1954 65 rupees=2 bigha
2020 65 lakh=2 bigha
Inflation rate unaccountable.
1945 = 1$ =1₹
2021 = 1$ =74₹
8
सच में आज भी मजा आ जाता हैं ये मूवी देख के।
ओ पहले की दुनिया बहुत सुंदर लगती थी और आज?
ओ बचपन के दिन ओल्ड इज़ गोल्ड 🙏🙏🙏