स्वामी जी नमस्ते। आर्य समाज मिशन जिन्दाबाद। स्वामी दयानंद जी सरस्वती अमर रहे। मैं आपके (आर्य समाज के)विचारो से बहुत प्रभावित हू। जय सचिदानंद जी महाराज। ॐ ॐ.........
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के विचार सत्य सनातन वैदिक धर्म की कुंजी है जिसे आर्य समाज ने समझा और सत्य के प्रचार प्रसार में अनेक विद्वान और विदुषी बहिन कार्य रत है। बहुत बहुत धन्यवाद। स्वामी सच्चिदानन्द जी महाराज जी को सादर नमस्ते।। आर्य पुत्र।।
Sadar Namaste Pujya Swamiji ! very practical examples on Traitavad . Very convincing , very logical . comprehensible for common people. Thanks with gratitude.
वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है।❤❤
वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद, सरषटि से भिन्न है ऐसा वेद कहते हैं। और वेदों में सृष्टिका ज्ञान है।🎉🎉
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध नहीं कर सकते क्योंकि वेद और गीता निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार साकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।🎉🎉
सच्चिदानंद दुनिया में नहीं है। सच्चिदानंद सरस्वती से भिन्न है। वह सत्य है सृष्टि असत्य है वह चेतन है सृष्टि जड़ है वह आनंद का स्वरूप है सृष्टि दुख का रूप है। जिसे सच्चिदानंद कहते हैं वही पूर्ण ब्रह्म है जो सृष्टि से भिन्न है। इस बात को वेद भी कह रहे हैं की पूर्ण ब्रह्म सृष्टि से भिन्न है सृष्टि में नहीं। क्योंकि सृष्टि सपना है। सपना में सत्य नहीं होता। इसी बात को कबीर जी ने कहा है। पिंड में होता मरता न कोई ब्रह्मांड में होता देखता सब कोई। पिंड ब्रह्मांड दोऊ से न्यारा कहे कबीर सोई साईं हमारा।।🎉🎉
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है देखो कबीर जी ने कहा है कि वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। वेद निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।🎉🎉
अद्वैतवाद,विशिष्ट अद्वैतवाद, द्वैतवाद, द्वेता अद्वैतवाद अचिंत्य भेदा भेद वाद और अब त्रेतवाद।हो सकता है कल कोई और वाद भी आ जाए? इसी वाद विवाद में इंसान का जन्म निकल जाता है।और वो ठीक से समझ ही नहीं पता की क्या गलत और क्या सही है?? 🙏 हरे कृष्ण
जब मिलावट का प्रसाद भगवान् स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास और मनघड़ंत बातों को स्वीकार करेगा? कदापि नहीं। इसलिए धर्म ग्रंथों का शुद्धिकरण होना अति आवश्यक है। सत्य सनातन वैदिक धर्म की रक्षा तभी संभव है। अन्यथा नहीं।
❌❌❌❌क्षमा करेल महाराज जी आप यहां पर गलत कर रहे है यह शरीर सत नही है किस सत खुशी को कहता है जो हमेशा एक जैसा रहता है अर्चित के मतलब है जो हमेशा प्रकाश वान रहता है आनंद के मतलब है हमेशा प्रसन्न रहता है तो आपने पहिला ही सच्चिदानंद का मतलबी गलत अर्थ करके दुनिया को सुना रहे है ये गलत है आत्मा का स्वरूपी संचित आनंद है अपने शरीर को सब कहा है यही पर आपके गलत है तो हमेशा बदलते रहता है इसके तो ये सब कैसा हो सकता है शरीर परिवर्तनशील है कृपया ध्यान रखे
मिशनरियों से और शांति दूतों से अपने परिवार और बच्चों को दूर और सुरक्षित रखें, ये आसमानी किताब के जानवर मानवता के लिए खतरा है, हिंदू समुदायों से निवेदन है शांति दूतों का बहिष्कार करें, कभी भी किसी शांति दूत पर विश्वास या सहायता न करें,
1200 सालों का इतिहास उठाकर देख लो-😕अधर्मीयों पर दया करना ही भारत देश और हिंदुत्व के विनाश का कारण रहा है...😔जय श्री राम🙏🚩खुद को शिक्षित समझकर अपने धर्म को भूलने की गलती मत कीजिए काल कर्म देखता है डिग्री नहीं🚩
स्वामी जी नमस्ते। आर्य समाज मिशन जिन्दाबाद। स्वामी दयानंद जी सरस्वती अमर रहे। मैं आपके (आर्य समाज के)विचारो से बहुत प्रभावित हू। जय सचिदानंद जी महाराज। ॐ ॐ.........
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के विचार सत्य सनातन वैदिक धर्म की कुंजी है जिसे आर्य समाज ने समझा और सत्य के प्रचार प्रसार में अनेक विद्वान और विदुषी बहिन कार्य रत है। बहुत बहुत धन्यवाद। स्वामी सच्चिदानन्द जी महाराज जी को सादर नमस्ते।। आर्य पुत्र।।
स्वामी जी, आपने त्रैतवाद को बहुत ही अच्छी तरह से समझा। आपका धन्यवाद।
नमस्ते जी 🙏 कैथल हरियाणा
स्वामी जी बहुत ही सुंदर समझाया ,dhdnyvad
आचार्य जी को सत् सत् प्रणाम
Arya samaj jindabaf
हर हर महादेव
सादर प्रणाम आचार्य जी ❤❤
🙏 ॐ सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏
Namaste swamiji.
🇮🇳🌍🏹🕉🚩Ram Ram 🚩🕉🏹🌍💯💯
Sadar Namaste Pujya Swamiji ! very practical examples on Traitavad . Very convincing , very logical . comprehensible for common people. Thanks with gratitude.
Swami ji aapka bada bada dhanyvad स्वामी जी आपकी बात सुनकर हमको कोटि कोटि धन्यवाद आपको देते हैं
Swami ji ko kotti kotti naman
धन्यवाद स्वामी जी।
सत्य सनातन की जय हो
🙏🕉🙏
Satsat.naman.guru.ji namaste 🙏 ❤❤❤❤❤
🙏जय श्री राम 🙏
Satsat.naman.guru.ji namaste 🙏 to be with u
❤❤🚩
स्वामी जी नमस्ते
बहुत सुंदर तरीके से समझाया है
आपको कोटि कोटि धन्यवाद
🚩🙏🎤👍
Arya.smaj.ki.jai.ho.namaste guru.ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🔥🌷🙏
🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर आचार्य जी।🙏🙏🙏
जय सदगुरुदेव भगवान की
ओ३म् 🙏🙏🙏
वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है।❤❤
वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद, सरषटि से भिन्न है ऐसा वेद कहते हैं। और वेदों में सृष्टिका ज्ञान है।🎉🎉
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध नहीं कर सकते क्योंकि वेद और गीता निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार साकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।🎉🎉
सच्चिदानंद दुनिया में नहीं है। सच्चिदानंद सरस्वती से भिन्न है।
वह सत्य है सृष्टि असत्य है वह चेतन है सृष्टि जड़ है वह आनंद का स्वरूप है सृष्टि दुख का रूप है।
जिसे सच्चिदानंद कहते हैं वही पूर्ण ब्रह्म है जो सृष्टि से भिन्न है। इस बात को वेद भी कह रहे हैं की पूर्ण ब्रह्म सृष्टि से भिन्न है सृष्टि में नहीं। क्योंकि सृष्टि सपना है। सपना में सत्य नहीं होता।
इसी बात को कबीर जी ने कहा है।
पिंड में होता मरता न कोई ब्रह्मांड में होता देखता सब कोई। पिंड ब्रह्मांड दोऊ से न्यारा कहे कबीर सोई साईं हमारा।।🎉🎉
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है देखो कबीर जी ने कहा है कि
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
वेद निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।🎉🎉
अद्वैतवाद,विशिष्ट अद्वैतवाद, द्वैतवाद, द्वेता अद्वैतवाद अचिंत्य भेदा भेद वाद और अब त्रेतवाद।हो सकता है कल कोई और वाद भी आ जाए? इसी वाद विवाद में इंसान का जन्म निकल जाता है।और वो ठीक से समझ ही नहीं पता की क्या गलत और क्या सही है?? 🙏 हरे कृष्ण
Swami ji I am hindu but not know diff between hindu and Arya samaji pl explain
Af
जब मिलावट का प्रसाद भगवान् स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास और मनघड़ंत बातों को स्वीकार करेगा? कदापि नहीं। इसलिए धर्म ग्रंथों का शुद्धिकरण होना अति आवश्यक है। सत्य सनातन वैदिक धर्म की रक्षा तभी संभव है। अन्यथा नहीं।
❌❌❌❌क्षमा करेल महाराज जी आप यहां पर गलत कर रहे है यह शरीर सत नही है किस सत खुशी को कहता है जो हमेशा एक जैसा रहता है अर्चित के मतलब है जो हमेशा प्रकाश वान रहता है आनंद के मतलब है हमेशा प्रसन्न रहता है तो आपने पहिला ही सच्चिदानंद का मतलबी गलत अर्थ करके दुनिया को सुना रहे है ये गलत है आत्मा का स्वरूपी संचित आनंद है अपने शरीर को सब कहा है यही पर आपके गलत है तो हमेशा बदलते रहता है इसके तो ये सब कैसा हो सकता है शरीर परिवर्तनशील है कृपया ध्यान रखे
मिशनरियों से और शांति दूतों से अपने परिवार और बच्चों को दूर और सुरक्षित रखें, ये आसमानी किताब के जानवर मानवता के लिए खतरा है, हिंदू समुदायों से निवेदन है शांति दूतों का बहिष्कार करें, कभी भी किसी शांति दूत पर विश्वास या सहायता न करें,
1200 सालों का इतिहास उठाकर देख लो-😕अधर्मीयों पर दया करना ही भारत देश और हिंदुत्व के विनाश का कारण रहा है...😔जय श्री राम🙏🚩खुद को शिक्षित समझकर अपने धर्म को भूलने की गलती मत कीजिए काल कर्म देखता है डिग्री नहीं🚩
Satsat.naman.guru.ji namaste 🙏 ❤❤❤❤❤
Namaste swamiji.