भाषा-विशेष को पहली बार 'संस्कृत' कब कहा गया?//

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  • Опубліковано 6 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 53

  • @dayashankartripathi39
    @dayashankartripathi39 21 годину тому

    अति सुंदर। सादर प्रणाम।

  • @maheshmalviya6028
    @maheshmalviya6028 27 днів тому

    Since subscribed. Regards

  • @NarendraSingh-jf7ml
    @NarendraSingh-jf7ml Місяць тому +6

    आपसे अच्छा साइंस जर्नी चैनल पर सबूत के साथ दिखाया जाता है।

  • @RohanKumar-h7p
    @RohanKumar-h7p Місяць тому +1

    Bahut achhi jankari

  • @saurabhsinghchauhan5482
    @saurabhsinghchauhan5482 Місяць тому +1

    बहुत सुंदर...

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 Місяць тому +2

    चार कर्म = शिक्षा + सुरक्षा + उद्योग + व्यापार।
    चार वर्ण = ब्रह्म + क्षत्रम + शूद्रम + वैशम।
    चार आश्रम = ब्रह्मचर्य + गृहस्थ + वानप्रस्थ + यति आश्रम।
    चार मानव गुण = सत + रज + तप + तम।
    चार मुख्य शरीर अंग = मुख + बांह + पेट + चरण।
    चार युग = सतयुग + द्वापर + त्रेतायुग + कलयुग।
    चार वेद = ऋग्वेद + यजुर्वेद + सामवेद + अथर्ववेद।

  • @raviranjannilay5744
    @raviranjannilay5744 Місяць тому +1

    प्रणाम गुरुदेव, नेट के सिलेबस के अनुसार वीडियो उपलब्ध कराया जाय ❤

  • @ShrawanSaazOfficial
    @ShrawanSaazOfficial Місяць тому +1

    महाशय, बाल्मीकि रामायण की रचना किस सदी में हुई और इस का ऐतिहासिक प्रमाण क्या है?

  • @Dhoonki
    @Dhoonki Місяць тому

    Prakrit Language is the sister language of indus valley civilization language.

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 Місяць тому

    चार वर्ण कर्म विभाग जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कभी नहीं बदलते हैं सदा शाश्वत सदाबहार हैं और आयु के चार आश्रम कभी नहीं बदलते हैं। बस इन चारवर्ण कर्म को करने वाले बदलते रहते हैं यही सत्य सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान है।

  • @AshishTiwari-vh2fb
    @AshishTiwari-vh2fb Місяць тому +1

    महत्वपूर्ण 😊

  • @ramphalgaurgaur5374
    @ramphalgaurgaur5374 Місяць тому +1

    श्री मान जी आपकी विडीयो बहुत ही ज्ञानवर्धक लगी। कृपया अगले विडीयो में ये बताने का कष्ट करें कि वेद कब लिखे गए -रामफल गौड़

    • @rkpathakaubr_mahachiti
      @rkpathakaubr_mahachiti  Місяць тому

      हार्दिक धन्यवाद! समय और सुयोग रहा, तो कोशिश करूंगा।

  • @chatararam3778
    @chatararam3778 Місяць тому +2

    प्रमाण सहित तलस्पर्शी विवेचन!!

  • @sunilkast455
    @sunilkast455 Місяць тому +5

    sanskrit bhashaa phir sindughati sabhytaa main q nahin yaa buddh ke shilalekh woo bhi nahin samrat ashok bhi pali main likwatee thee

  • @bharatmeena5523
    @bharatmeena5523 Місяць тому

    तद्भव शब्दों से तत्सम बनते हैं।

  • @nandkishorswarnkar2600
    @nandkishorswarnkar2600 13 днів тому

    देवभाषा, वेद भाषा का अंतर स्पष्ट कर अनुग्रहित करेन्।

  • @Amit_Kumar985
    @Amit_Kumar985 Місяць тому +1

    महत्वपूर्ण विषय पर विडियो बनाने के लिए आभार सर।
    मेरा एक प्रश्न है की जब शब्द में से उपसर्ग और प्रत्यय को अलग करते तो उपसर्ग किए हुए प्रायः शब्दों के अर्थ कैसे पहचानेंगे सर??

    • @rkpathakaubr_mahachiti
      @rkpathakaubr_mahachiti  Місяць тому +1

      प्रश्न को थोड़ा और स्पष्ट करते हुए मेरे मेल या whatsapp पर भेजें।

    • @Amit_Kumar985
      @Amit_Kumar985 Місяць тому

      @@rkpathakaubr_mahachitiसर जैसे 'प्रहार' एक शब्द है जिसका उपसर्ग ' प्र ' हुआ तो प्रत्यय हार हुआ तो इसमें मुझे हार का मतलब समझ आ रहा है परंतु प्र का मतलब नहीं समझ आ रहा है। और यह किस स्थिति में शब्दों के साथ उपयोग होता है ये भी जानकारी चाहिए थी सर कृपया प्रकाश डालने की कृपा करें।

    • @rkpathakaubr_mahachiti
      @rkpathakaubr_mahachiti  Місяць тому

      ठीक है।

    • @rkpathakaubr_mahachiti
      @rkpathakaubr_mahachiti  Місяць тому +2

      अमित जी! प्रहार में 'प्र' उपसर्ग है, पर 'हार' कोई प्रत्यय नहीं। हिंदी के अनुसार रूढ़ शब्द है, संस्कृत के अनुसार यौगिक। पर, प्रहार जैसे शब्द अथवा प्र जैसे उपसर्ग केवल हिंदी की व्याकरण-प्रक्रिया से ठीक से समझ में नहीं आएंगे। कारण, प्रहार आदि संस्कृत से हिंदी में सीधे आये हुए शब्द यानी कथित तत्सम शब्द हैं। ऐसे शब्दों की रचना को पहले संस्कृत में समझ लें, तो अधिक बेहतर रास्ता होगा। जैसे - प्रहार: = प्र (उपसर्ग)+ हृ (धातु) + घञ् (प्रत्यय)।
      ..... प्र, परा आदि उपसर्गों के संभावित अर्थों की सूची किसी प्रतिष्ठित व्याकरण या कोश में आप देख कर स्मरण कर लें, तो बेहतर है। (जैसे - कामताप्रसाद गुरु के 'हिंदी व्याकरण' में प्र उपसर्ग का अर्थ दिया हुआ है - अधिक, आगे, ऊपर।

    • @rkpathakaubr_mahachiti
      @rkpathakaubr_mahachiti  Місяць тому +1

      उपसर्ग विषयक इसी चैनल के पीछे के एक वीडियो को भी आप देख सकते हैं।

  • @saurabhsinghchauhan5482
    @saurabhsinghchauhan5482 Місяць тому

    वास्तव में हिन्दी पाली और फारसी से बनी है, जिसका संस्कृतकरण करने की कोशिश जारी है.

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 Місяць тому

    आप्तधर्म का मतलब क्या होता है ? जानना चाहिए। अधर्म का मतलब क्या होता है वो भी जानना चाहिए और धर्म का मतलब क्या होता है वो तो जानना ही चाहिए। धर्म, अधर्म और आप्तधर्म तीनो परिस्थिति अनुसार धर्म लक्षण नियम पर चर्चा बातचीत वार्तालाप करनी चाहिए।
    उदाहरणार्थ- खान पान विषय में आपातकाल में आप्तधर्म अनुसार जीने के लिए शाक नहीं होने पर मांस को भी आपत्ति काल में जीने के लिए सेवन करना कहा गया था उसी की जरूरत पडती थी आजकल भी विपत्ति काल में जीने के लिए जरूरत हो जाती है। इसलिए पूर्व काल में मांस खाना विधि-विधान नियम अनुसार पूजा करके शुद्धता के साथ सिखाने के लिए विज्ञानमय धर्म सम्मत जोड़कर बताया गया था।

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 Місяць тому

    शूद्रं का मतलब उत्पादक निर्माता उद्योगण।
    अशूद्र का मतलब व्यभीचारी नपुसंक जुआरी चाटुकार।
    क्षुद्र का मतलब पाशविक सोच रखने वाला।

  • @AnilKumar-bv8uv
    @AnilKumar-bv8uv 19 днів тому

    इन भाई साहब को बताना चाहिए की संस्कारी संस्कृति की लिपि कौन सी है।😂😂

  • @yogeshkrohit1652
    @yogeshkrohit1652 Місяць тому +2

    Aapki bate manyatayon ke aadhar par he
    Par pali pakit bhasha jo sanskrit ya vedik sanskrit ki mool bhasha he
    Uske saboot sarvatrik roop se mojood he
    Or jin bharatmuni ki aap bat kar rahe ho unka janm ya stahan aapko pata v nhi he
    Jabki pali/pakit se sanskrit ko banane ka kam Ashwagosh ne kiya tha jo ki doosri sadi ke budhism ki mahayan sakha ke gyani or kavi the
    Jinke v dhero saboot he itihas me
    To aapki bate tathyagat na hokar keval kalpit he
    Par 1 bat to aap v mante h ki sanskrit sabse purani bhasha nhi he
    Reply v de

  • @RameshSharma-sn5vk
    @RameshSharma-sn5vk 18 днів тому

    Kuch kitaab ka naam dikhaye jo pali or sanskrit ka time ka v pata chale

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 Місяць тому

    ब्रह्मा के पांच मुख का मतलब क्या है ? जानें।
    जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य है और स्त्री भी मुख समान ब्रह्मणी, बांह समान क्षत्राणी, पेट समान शूद्राणी और चरण समान वैशाणी है।
    एक मुख अध्यापक -ब्राह्मण है, दूसरा सुरक्षक - क्षत्रिय है, तीसरा मुख उत्पादक शूद्राण है ,चौथा मुख वितरक वैश्य है और पांचवे मुख का मतलब है दासजन/ जनसेवक है जोकि चारो वर्ण कर्म विभाग में सहयोग करने वाला है। यह चारवर्ण पांचज़न सनातन वेद दर्शन शास्त्र विधान अनुसार वर्ण कर्म विभाग जीविकोपार्जन समाज प्रबन्धन विषय है। प्रत्यक्ष प्रमाण है ।
    ब्रह्म = ज्ञानसे । ज्ञान मुखसे ।
    ब्रह्म वर्ण = ज्ञान विभाग।
    ब्राह्मण = ज्ञानदाता/ अध्यापक/ गुरूजन/ विप्रजन/ पुरोहित/ आचार्य/ अनुदेशक/ चिकित्सक/ संगीतज्ञ।
    क्षत्रम = ध्यानसे । बांह से ।
    क्षत्रम वर्ण = ध्यान न्याय रक्षण विभाग।
    क्षत्रिय = सुरक्षक बल चौकीदार न्यायाधीश ।
    शूद्रम = तपसे = पेटऊरू से ।
    शूद्रम वर्ण = उत्पादन निर्माण उद्योग विभाग।
    शूद्राण = उत्पादक निर्माता उद्योगण तपस्वी ।
    वैशम =तमसे । व्यापार से = चरण से ।
    वैशम वर्ण = वितरण विभाग।
    वैश्य = वितरक वणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर।
    चरण पांव चलाकर ही व्यापार ट्रांसपोर्ट वाणिज्य क्रय विक्रय वैशम वर्ण कर्म होता है ।
    दासजन/ जनसेवक = वेतनभोगी /नौकरजन।सेवकजन/भृत्यजन। चारो वर्ण कर्म विभाग में कार्यरतजन।
    जय विश्व राष्ट्र प्रजापत्य दक्ष धर्म सनातनम वर्णाश्रम संस्कार। जय अखण्डभारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।ॐ।

    • @AnilKumar-bv8uv
      @AnilKumar-bv8uv 19 днів тому

      आज कल ब्राह्मण शुद्र का काम कर रहे है वे किस वर्ण मे आयेंगे।
      आशा करता हूं सारे ब्राह्मण मुख से पैदा हुए होंगे।

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 Місяць тому

    शूद्रं का मतलब उत्पादक निर्माता उद्योगण।
    अशूद्र का मतलब व्यभीचारी नपुसंक जुआरी चाटुकार।
    क्षुद्र का मतलब पाशविक सोच रखने वाला।