धर्म आत्मा का उत्सर्जन है,उत्तम स्वरूप है,उत्तम कर्म है, और उत्तम अवस्था है,और उच्चतम गतिशील कर्तव्य है।सत्य धर्म का आचरण करने से मनुष्य सत्यस्वरूप परमात्मा से एकरूपता को प़ाप्त हो जाता है,और परमानंद उपभोग करता है ,यही जीवन का , * सर्वोच्च पद हैं,।जयसियाराम
जय श्री राम भगवन बडा सी निभ्रान्त सत्य कहा धर्म की शरण ही आत्मा का स्वरुप है जिसने आत्मा को जान लिआ उसको धर्म की पहचान हो गई
Jai shree Krishna 🙏
आपका कोटि कोटि धन्यवाद is episode के लिए 💐🙏
Jay shree Jagannath Swami jee ki Jay hoo 🙏🙏❤️
धर्म आत्मा का उत्सर्जन है,उत्तम स्वरूप है,उत्तम कर्म है, और उत्तम अवस्था है,और उच्चतम गतिशील कर्तव्य है।सत्य धर्म का आचरण करने से मनुष्य सत्यस्वरूप परमात्मा से एकरूपता को प़ाप्त हो जाता है,और परमानंद उपभोग करता है ,यही जीवन का ,
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सर्वोच्च पद हैं,।जयसियाराम
Koti Koti Dandawat Prem pranam 🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Koti koti naman gyqni mahRaj
Apko naman
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सत श्री अकाल जी
ਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਆਕਾਲ ਜੀ
ਸ਼੍ਰੀ ਵਾਹੇਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖ਼ਾਲਸਾ ਸ਼੍ਰੀ ਵਾਹੇਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਿਹ
We we we😮😮 weqqw😢w is a great day and time of year for you and time to get a 😢😮😢😢😢😢😢
Very deep knowledge
વાહ બ્રહ્મજ્ઞાન વાહ
❤
Will.will..find..away.
❤❤❤
Om Namah shivay 🙏🙏🌺🌺
🌹🌹🙏🌹🌹
Atma ki prapti kisi na kisi rup mein jaroor hogi. There are 84 lakhs yonis.:Gopal
😂😂😂❤❤❤