Pehle bharatiy log tarksheel the isliye aaj JNU jaise nalanda university ko bi samja jaata iss vajase kuch so called ke log jariya usko nalanda university jalaya gaya taki log tark bina rahe aur andhavishwas me dube taki apna dharma ka dhanda chale..
@@brijeshtailor2695 😂😂bhaiya jankari saara manipulated hain matlab Pro Buddhism hain . Main Jo link diya hoon woh Official history hain Jo Study IQ ne cover kiya hain aur UPSC exam k perspective se yahi history true hain .
Bhartiye itihaaskaar Hindu aur Boddh Dharam ko picchda maante the aur Mughal aur British ho "modern" the.. aaj bhi sanatan dharma ki 3 sthambh hindu jain boddh ko pichda hi maante hein
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म। तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन। बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है। गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
इस देश की मिट्टी के कण कण में ज्ञान ओर ज्ञानी बसे है बस उन्हें ढूँढना बाकी हैं । धर्म के नाम पर लोगो को बाटना छोड दो हम सब पहले इन्सान है । और हमारा धर्म इनसानियत ।
Ye uncle kitne intelligent hain! Apart from his knowledge of the university, we must also appreciate his knowledge of Buddhist culture, English and scientific terms! 😊❤️
@@BLUESTARTV1 Hinduism aur Buddhism alag nahi dono seeking Mae believe karte haii!! Apni backchhodi apne yaha rakho!! Kabhi kisi hindu ko bhuddh kae bare Mae kuch kharab bolte yaa likhte hue Suna haii kya!!
@@Aryan-iu9ck hahahah apni suvidha ke anusar dharam bhi badal lete ho bhai...tum logon ka koi wajud nahi hai ..tum jaisey chutiya hi unpad salon se desh ka naam karab ho raha hai...lagta hai rss university mei pad liya tuney...pagal sale ho tum..north ke sare states sirf desh ka naam barbad karne mei lage hai aur south india ki gdp ka paisa karch karthe hai salon thodi sharam karon bhikariyon..
Bhai logo ye Blue Star tv jeso logo ka kaam hi h har cheej ko dharm se jodna .....iss chacha ko ye nahi pta nalanda me 90% teacher hindu hi the aur main language Sanskrit thi....takhsila nalanda se purana school tha aur waha bhi hindu hi padhate the par in universities ka basis dharm dekh k sikha dena nahi tha bahut muslim country se aaye log bhi yaha padhte the
Itna chota mat kro iss University ko, yaha Kai chijo ka education diya jata tha, like yoga, language grammar, Different Darshan, Magic, Tantra, Mantra etc. Isse yahi ke raja ne banaya , leadership nahi hone ke karan tuta. North Pal Kingdom & South King Chol Kingdom ke bich me raja busy ho gaye the. Norht East se Naga King bad me counter kiya ,but sab kuch lut chuka tha. Prithivi Raj Chauhan to pahel hi har chuka tha, jisse hara uski ek commander ne ye galat kam Biharsharif ke udantapuri me bhi kiya.
नालंदा विश्वविद्यालय हमारे देश के लिए शान है और यह पूरे विश्व के लिए ज्ञान के नाम से जाना जाता है... ✍️🇮🇳🇮🇳 In the coming times, Nalanda University will once again be written in golden letters in history.... 🎓
@Devil Hunter ..tumhara bhrahamanvaad boudh kaal ke baad aya hai ...!!! Jitna angrezo ne indian history manipulate nahi kiya usse jyada to brahaman ne ghaal mel ki hai indian history me..!
@@sinsunjai Tum logo ko samjhana matlb deewar me sar marna ..... Colonise bhi to vo hi karta he jiske pass power hoti he.... Albert Einstein, Stifen Hawkins , or Tesla jese mahan scientists ne bhagwan ko ak ansuljhi paheli bataya , or na hi apni taraf se koi position ya negative approach diya, unke anusar agar God he bhi to vo insano ki samajh se pare he, aur India me to bhagwaano ka pura ka pura khandaan ke baare me logo ko pata he, 33crore devi devta bataye jate he, kya ye pakhand nhi he?? ( or jo bhi unhone bola use proof kr ke dikhaya, or jo proof nhi kar paye us par aajeevan research kiya) . Tum bhai ak bhi proof de do jo tumhari manyataon ko sahi sabit kr de...Jawab na hone par tum log aastha ka raag alaapne lagte ho , mere hisaab se galat tarike se rakhi gyi aastha ka matlb hi agyanta he......
Aryabhatt kabhi peda hi nai hua ye total fergy bat he... Zero ka aviskar budhisto ne kiya tha... Aryabhatt, bhaskracharya, chanakya kabhi peda hi nai hue ye total fergy bate he........ Me proof de sakta hu jise proof chahiye science journey channel dekhe
@Trilok jaat sarkar भाई ये सब भाजपा की बकचोदी है, नही तो खुद भारत सरकार JNU को भारत का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय मानती है। वो तो आप जैसे लोगो को मूर्ख बनाने के लिए JNU को बदनाम किया जाता है। देखो भाई कुछ लोग JNU में गलत हो सकते है लेकिन JNU गलत नही है, ये एक बहुत अच्छा शिक्षण संस्था है, JNU वास्तविक में ऐसी जगह है जहाँ सही मायने में लोकतंत्र ज़िंदा है। JNU ऐसी शिक्षण संस्था है जहाँ वो बच्चे भी उच्च कोटि की शिक्षा प्राप्त कर सकते है जो गरीब होते है!! तो JNU गलत नही। कुछ लोग हर जगह गलत होते है!!
@@tkgiinfmkvb mere bhai university kharab nhi hoti...Kuch log ho skte hai kharab.... But the facts is this year indian govt awarded JNU as best university..... Ye sab politics hoti hai...JNU is one of the best university....World class university hai...
ये बुजुर्ग महाशय किसी सीनियर प्रोफेसर से कम नहीं है।क्या टैलेंट है और क्या पुख्ता जानकारी है इनकी। इन्हें सरकार के तरह से पूरी तनख्वाह दी जानी चाहिए और इनके ज्ञान भंडार का पूरा फायदा उठाना चाहिए।प्रसाद साहब आपको शत-शत नमन 🙏🙏🙏!
this great man left job to become guide for our great cultural heritage and he is there since 1983. but i dont see that our great historian/guide has any help from the govt
Because most of the Guides aren't Qualified enough or they don't care , They are just there to earn some Money . Secondly who wanna listen the truth ? ☺️
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म। तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन। बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है। गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
Ha us samye Koi jaati vaad nhi that lekin ask k log bolte h pehele dalit logo ko padne likhne ka adhikaar nhi thaaa lo G ek or jhut ka parda faash huaa 😀 Sach kabhee chup nhi sakta. # librandu , desh drohhi
बहुत बधीया ओर रोचक जाणकारी दि आपणे, बहोत शुक्रिया आप का , LT का ओर महाघ्याणी प्रोपेसार साहाब बहुत ज्ञानी है , बहोत शुक्रिया आप सभी का.. सौरभ जी की जरा भी कमी महसुस न होणे दि सुमित जी आपणे, बहोत शुक्रिया..💐💐💐
@ Jaa ke padh le chutiye teeno ki kitaabein... Jews, Christian tere tarah chutiya nahi hain
5 років тому+3
@@sadiqueiqbal6065 mujhe bhi pata hai abrahamic religion hai aur saari baatein copied Judaism kyuki Mohammed ek false prophet hai. Dusre k religion aur even practices ko churaya hai. Jaise kosher meat bana halal meat penis circumcision bana khatna. Jews azan bani muslim azan.
Tht was past.. Great past ... But now Bihar is land of corruption, poorness, crime, crore pati neta ... Uneducation .. Uselessness ... Zero proud... Bihar was great when budhism and Jainism rule .... But wish, pray great future for bihar
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म। तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन। बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है। गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म। तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन। बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है। गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
@@Sourabh_81 wase ye Hindu university nai tha. Hindu Raja kuch nai kar paye jab Muslim ne jalaya. Bahut ye Historian ye bhi bolte hai ye hindu bharman raja ye University ko jalne diya aur Muslim ko roka nai. Kyu ki ye Buddhist University tha Hindu ka nai.
sarthak z u idiot it wasn’t nalanda alone rather vikramshil and takshila were two other oldest universities. Muslims brought destruction with themselves.
@@sarthaksrthkyoutu100 Gupt Empire ke time mai Nalanda University ko daan milta tha aur zaroori madad bhi ki jaati thi jabki Gupt kings Hindu thei. Khilji ke time Delhi Sultanate ki hukumat thi. Khilji khud King Qutb al-Din Aibak ka military general tha.
सभी लोग मुगलों को गाली दे रहे होंगे लेकिन मुगल 16वीं शताब्दी में भारत आए थे, उस से पहले भारत में तुर्क और अफगानों का अधिकार था। बख्तियार खिलजी खुद एक तुर्क अफगान था।
Vihar (Buddhist monastery) Buddhist Monks (Bhikshu) ke rahne ke liye hota thaa specially in rainy season (barsaat ke dino mai). Vihar ek tarah se dharmshala / sarai / guest house hote thei
@@deepspacekunal5468 no my friend I'm a Buddhist ....buddha vihar kaha jata hai...bodhgya k mahaboddhi temple ko bhi mahabhodhi vihar kaha jata hai....buddha bhikshu ...hamre desh main Kashmir se leke kanyakumari main failye huie buddha caves (gufaa) buddha leniyi in marathi main ...waha apna varsha vaas karte the...vihar ka upyig aaj jarur hum ghar pe ya colony k liye karte hai par buddha temple ko vihar hi kehate hai...ye aap kisi bhi vihar main jake dejh skte ho ya kisi aur Buddhist se pych sakte ho
@@kapilpetkar1982 The term is also found in Ajivika, Hindu and Jain monastic literature, usually referring to temporary refuge for wandering monks or nuns during the annual Indian monsoons. Vihara is a Sanskrit word that appears in several Vedic texts with context-sensitive meanings. It's usually refers to a monastery for Buddhist renunciate) not buddist temple , temple are different context
4 роки тому
@@amols8836 thailand mei log kyu Buddhist temple bolte hai. Kya vaha ka buddhism alag hai.
Mano na mano BUDDHISM ke tatvdyan ek truth lagta hai, Buddhism se har ek insaan ko kuch na kuch sikhne ko milta hai..chahe vo Amir ho, garib ho, khush ho, dukhi ho, padha likha ho ya na ho🙏
The Lallan Top ko bahut bahut dhanyvad..Bahut hi achchhi jankari dilaai hai..Aisi janakaari abhi tak kisi ne nahi dilaai. Aage bhi aisi hi aasha hai The Lallan Top se...Vande-Mataram.
I don't know why the anchor start distracting and start moving when the guide say something bout budhha or Buddhism. And also react so irresponsive.. Mr.Lallan top pay attention to it.
Baat IT sell ki nahi hai thumere kisi bhi dharmik neta ne in chizo me liye mafi ya khed jataya? Magar same time they do loud and shout to call them as muslims hero.
@dream31 चमार जाती से इतनी नफरत क्यु भाई? तुम कौन जाती के हो? नाम तो लिखे ही नहीं हो। कोई बाप नहीं था क्या नाम देने के लिए? चकले में पैदा हुए हो लगता है 😂😂 जाओ माँ से पूछ कर पता करो तुम्हें कोई नाम क्यु नहीं दिया।
आप लोग बहुत ही अच्छी जानकारी दे रहे हैं ऐसे सत्य की जानकारी देने से इस देश में तथा पूरे विश्व में संप्रदायवाद जातिवाद पाखंडवाद अंधविश्वास जैसी बुराइयों का खात्मा होगा अच्छी जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
The Budhists scholars used to come from China , Mongolia,South east Asia, Japan ,Ghandhar ,Persia , Caucasus and central Asia where budhism was spread , to study of erstwhile science, history , literature etc .
सुमित जी , बहुत बहुत धन्यवाद आपको। आपने विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में बहुत सी सारगर्भित और ज्ञानवरधक एवं रोचक जानकारीयां दी है। बचपन में हमारे द्वारा पाठ्य पुस्तकों में पढ़ें हुए दिनों की याद ताजा क्या दी। सुक्रिया
The third and most destructive attack came when the ancient Nalanda University was destroyed by the Muslim army led by the Turkish leader Bakhtiyar Khilji in 1193. It is believed that Buddhism as a major religion in India had a setback for hundreds of years due to the loss of the religious texts during the attack.S
यह हमारे भारत की महान सांस्कृतिक विरासत है जो हमारे संस्कृति का पर्याय हैं हमारी पहचान हैं । कोई शक नहीं की उस समय हम विश्व गुरु थे , लेकिन मुस्लिम राजाओं को हमारी सांस्कृतिक विरासत से भय था जिससे उन्होंने महान विश्वविद्यालय को तबाह करने की ।जो उनके भय , मूर्खता , और हमारे सांस्कृतिक विरासत की भव्यता को दर्शाता है।
राजाओं का व्यवहार उनके मर्यादित जीवन पर निर्भर हैं , यही उनकी इतिहास में पहचान दिलाती हैं कि लोग उनके लिए क्या विचार , सम्मान रखे। आज राजा अपने अतीत में सिमट चुके हैं, आज के दौर में उनका कोई वजूद नहीं हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या हम मर्यादा के अस्तित्व को अनदेखा कर रहे हैं? जवाब आपको देना...
मुझे गर्व की अनुभूति होती है नालन्दा वासी होने पर, विशेषकर नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष से २ किमी के पास से। आज मुझे मेरे M.B.A के लिए अमेरिका जाना पड़ रहा है, वापिस आऊंगा मै, अपने धरा को पुनःगौरव दिलाने के लिए। आज भी हमारे नालंदा के लोग तुलनात्मक दृष्टिकोण से सभ्य और शिक्षित हैं।
दी लल्लनटॉप का ऐंड्रॉयड ऐप इंस्टॉल करिए और फीडबैक दीजिए: thelallantop.app.link/zCSsHooQSU
ua-cam.com/video/AtR-wD0LNWc/v-deo.html
Nalanda university
Bhoudh aur Jain darshanik grantho me kabi krishna aur ram ka naam hi nahi milta.....
Pehle bharatiy log tarksheel the isliye aaj JNU jaise nalanda university ko bi samja jaata iss vajase kuch so called ke log jariya usko nalanda university jalaya gaya taki log tark bina rahe aur andhavishwas me dube taki apna dharma ka dhanda chale..
Mai nahi kiya kuch log compare Karr rahe hain apne soch se....aaj kuch log library ko thod phod kiya....inki soch jo idealogy se aayi hai..
Bhagawa ranga, meditation aur sanyas lena ye sab bhoudh se aaya hai...
मेरा नालंदा विश्वविद्यालय को सॅलूट ।
बुद्ध ही बुद्ध है ।
@All Tech Gyan दलितो ने बुद्ध को बदनाम कर दिया है,
Bhai yeh video galat hain .
ua-cam.com/video/3Fg4tLWy4qg/v-deo.html
Study IQ ne Puri acchi tarah se cover kiya hain
@@TheOmYadavShow Abe brahmanwaad ne Kiya dalit toh gulaam the 2000 Saal se🙄
Nalnda university ke bareme alag alag jankariya he par is video me kuchh alag hi he "ua-cam.com/video/AtR-wD0LNWc/v-deo.html"
@@brijeshtailor2695 😂😂bhaiya jankari saara manipulated hain matlab Pro Buddhism hain . Main Jo link diya hoon woh Official history hain Jo Study IQ ne cover kiya hain aur UPSC exam k perspective se yahi history true hain .
आभार अभिव्यक्ति :
ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के प्रसारण हेतु दि लल्लनटॉप का बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद ।
बहुत ही शर्म की बात है कि इस विश्वविद्यालय के बारे मे हमे एक विदेशी लेखक से पता चला.....
हमारे लोगो को इसके बारे मे पता ही नही था......😔😔😢😢😢🙏🙏🙏
Thanks to British India who found the ruins of Nalanda university and well preserved it...
Bhartiye itihaaskaar Hindu aur Boddh Dharam ko picchda maante the aur Mughal aur British ho "modern" the.. aaj bhi sanatan dharma ki 3 sthambh hindu jain boddh ko pichda hi maante hein
🙄☹️😱🙉🤱
Isska Karan he bhramhan
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है।
गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
इस मिट्टी के कण कण में बुद्ध हैं जहाँ खोदोगे बस बुद्ध और महावीर ही मिलेंगे
इस देश की मिट्टी के कण कण में ज्ञान ओर ज्ञानी बसे है बस उन्हें ढूँढना बाकी हैं ।
धर्म के नाम पर लोगो को बाटना छोड दो हम सब पहले इन्सान है । और हमारा धर्म इनसानियत ।
Sanatan Dharma hai
@@archanasengar2854 pramaan do.
Nalanda university ko UNESCO ko world heritage ma lala na chahiya
@@archanasengar2854 launda h 😂😂
शानदार ,नालंदा हम सब की शान , मानवता का पाठ इस जगह पढ़ाई जाती थी ,धन्य थे बुद्ध और धन्य थी उनकी शिक्षा
हमरा बिहार फिर से इतिहास दोहराएगा और इस वार हम लोग दोहराएंगे ।
अपना खोया हुआ इतिहास पुनः जीवित करेंगे 🙏😭
Ye uncle kitne intelligent hain! Apart from his knowledge of the university, we must also appreciate his knowledge of Buddhist culture, English and scientific terms! 😊❤️
You are right. Besides
Complete package hain uncle ji... Is age me bhi memory itni sharp hai
हमारे देश की शान नालंदा
hinduism chod budist ban ja..thoda knowladge tho badega tumahra..
@@BLUESTARTV1 Hinduism aur Buddhism alag nahi dono seeking Mae believe karte haii!!
Apni backchhodi apne yaha rakho!!
Kabhi kisi hindu ko bhuddh kae bare Mae kuch kharab bolte yaa likhte hue Suna haii kya!!
@@Aryan-iu9ck hahahah apni suvidha ke anusar dharam bhi badal lete ho bhai...tum logon ka koi wajud nahi hai ..tum jaisey chutiya hi unpad salon se desh ka naam karab ho raha hai...lagta hai rss university mei pad liya tuney...pagal sale ho tum..north ke sare states sirf desh ka naam barbad karne mei lage hai aur south india ki gdp ka paisa karch karthe hai salon thodi sharam karon bhikariyon..
@@Aryan-iu9ck good joke unpad shyad tu gdp ka chat nahi dekha..tere papa se puch le..sharam ayegi tujko.
Bhai logo ye Blue Star tv jeso logo ka kaam hi h har cheej ko dharm se jodna .....iss chacha ko ye nahi pta nalanda me 90% teacher hindu hi the aur main language Sanskrit thi....takhsila nalanda se purana school tha aur waha bhi hindu hi padhate the par in universities ka basis dharm dekh k sikha dena nahi tha bahut muslim country se aaye log bhi yaha padhte the
Huge respect for this old man.... whole historical facts and names are on his tongue🙏🙏
Nalanda University is the Great thinking of the Indian Culture we like this very much for all Jai Bhim Namo Buddhism from Khurja U P state
नालंदा विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था जिसमें पूर्वी एशिया से बौद्ध धर्म के बारे में शिक्षा प्राप्त करने आते थे।
Abbe Koi Bodh Siksha Nahi Thee Ha Jyadatar Log Bodh Hi Huva Karte The Par Yaha Sarvpratham Sanskrit Padhayi Jati Thee
@@parmarbholu2242 nope
@@ajaylokare5384 LANGUAGE SANSKRIT THI
Buddhuo ko kuch pata khud nhi
Itna chota mat kro iss University ko, yaha Kai chijo ka education diya jata tha, like yoga, language grammar, Different Darshan, Magic, Tantra, Mantra etc. Isse yahi ke raja ne banaya , leadership nahi hone ke karan tuta. North Pal Kingdom & South King Chol Kingdom ke bich me raja busy ho gaye the. Norht East se Naga King bad me counter kiya ,but sab kuch lut chuka tha. Prithivi Raj Chauhan to pahel hi har chuka tha, jisse hara uski ek commander ne ye galat kam Biharsharif ke udantapuri me bhi kiya.
कितना आगे से कितना पीछे पहुँच गया हमारा बिहार।
sayad yahi main vajah he bihar ka itna pichhe hona
@@VinodKumar-ld3nh kya matlab.
Bihar angrezi saashn aur uske bad politicians ke corruption k kaaran pichda hai.
@@abdabhinav.2413 We should revert to Buddhism.
उसका जिम्मेदार कौन है
क्यू की इतिहास कभी झूट नहीं बोलता। बुद्ध धम्म ही मानवता धर्म है। और एक दिन पूरी दुनियां ए मानेगी।
नमो बुद्धाय 🙏
Bhagwaan Buddha ke naam pe hinduo ko gaali dena chhod do
@@yogeshkumar-rk5db kon gali diya be?
Koi nahi Diya
@@gstarop3337 comment padha Karo pta chal jayega
आने वाले समय में बुद्घ और प्रासंगिक होंगे।
नालंदा विश्वविद्यालय हमारे देश के लिए शान है और यह पूरे विश्व के लिए ज्ञान के नाम से जाना जाता है... ✍️🇮🇳🇮🇳
In the coming times, Nalanda University will once again be written in golden letters in history.... 🎓
महोदय, नालंदा विश्व विद्यालय का संबंध सनातन धर्म से नही, बल्कि बौद्ध धम्म से संबंधित है ।
Right
सनतनियो ने ही जलाया था,,,,, विदेशि आर्यो ने,,,,, विदेशी ब्रहमनो ने
सनातन अलग सोच औंर परंपरा हे... बुद्ध बिलकुल अलग हे सनातन से... बुद्ध पुरी दुनिया में हे...
Accha? Toh kya isiliye waha vedo ki shiksha di jati thi 😂
@Devil Hunter ..tumhara bhrahamanvaad boudh kaal ke baad aya hai ...!!!
Jitna angrezo ne indian history manipulate nahi kiya usse jyada to brahaman ne ghaal mel ki hai indian history me..!
हमारे बिहार में दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय बिहारी होने पर हमें गर्व महसूस होता है
tumhare he Bihar ke logo ko iske baare mai pta nhi ta
ek videshi ne btya
जिन देशो ने बुद्ध को अपनाया वो उन्नत हो गए ।।
और भारत ने पाखंड को अपनाया इस लिए भारत आज भी भगवानो में भी जातिया ढून्ढ रहे हैं।।
भारत ने अपनाया नही था, भारत पर जबरदस्ती थोपा गया था।
@@adv.anilbhauraosalve1721 kya thopa gya tha
@@sinsunjai Tum logo ko samjhana matlb deewar me sar marna .....
Colonise bhi to vo hi karta he jiske pass power hoti he....
Albert Einstein, Stifen Hawkins , or Tesla jese mahan scientists ne bhagwan ko ak ansuljhi paheli bataya , or na hi apni taraf se koi position ya negative approach diya, unke anusar agar God he bhi to vo insano ki samajh se pare he, aur India me to bhagwaano ka pura ka pura khandaan ke baare me logo ko pata he, 33crore devi devta bataye jate he, kya ye pakhand nhi he?? ( or jo bhi unhone bola use proof kr ke dikhaya, or jo proof nhi kar paye us par aajeevan research kiya) .
Tum bhai ak bhi proof de do jo tumhari manyataon ko sahi sabit kr de...Jawab na hone par tum log aastha ka raag alaapne lagte ho , mere hisaab se galat tarike se rakhi gyi aastha ka matlb hi agyanta he......
Bharat desh ko sabse jada fergy devi devtao ne barbad kiya......
Aryabhatt kabhi peda hi nai hua ye total fergy bat he... Zero ka aviskar budhisto ne kiya tha... Aryabhatt, bhaskracharya, chanakya kabhi peda hi nai hue ye total fergy bate he........ Me proof de sakta hu jise proof chahiye science journey channel dekhe
पत्रकार महोदय! इनको चलने में काफी तकलीफ है. कम से कम इनके चलने पर कुछ सहारा दे कर चलायें.
सर jnu में तो वहि किताबें जलाने वाले हैं ओर नालन्दा विश्वविद्यालय की किताबें जलाई गई थी
@Trilok jaat sarkar भाई ये सब भाजपा की बकचोदी है, नही तो खुद भारत सरकार JNU को भारत का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय मानती है।
वो तो आप जैसे लोगो को मूर्ख बनाने के लिए JNU को बदनाम किया जाता है।
देखो भाई कुछ लोग JNU में गलत हो सकते है लेकिन JNU गलत नही है, ये एक बहुत अच्छा शिक्षण संस्था है, JNU वास्तविक में ऐसी जगह है जहाँ सही मायने में लोकतंत्र ज़िंदा है।
JNU ऐसी शिक्षण संस्था है जहाँ वो बच्चे भी उच्च कोटि की शिक्षा प्राप्त कर सकते है जो गरीब होते है!!
तो JNU गलत नही। कुछ लोग हर जगह गलत होते है!!
@@TheOmYadavShow BHU and JNU k placements and packages check kar Lena. lol
And Bharat tere tukde honge gang Mai Kon Jana chahega !!
@@tkgiinfmkvb mere bhai university kharab nhi hoti...Kuch log ho skte hai kharab....
But the facts is this year indian govt awarded JNU as best university.....
Ye sab politics hoti hai...JNU is one of the best university....World class university hai...
World Top 1000 University me Sirf BHU hai vo bhi 759 rank per hai. IIT chorkar koi badhiya University nahi hai. Science me vo hi top 500 me hai.
@@TheOmYadavShow India ka top University kevel IISC Banglore hai JNU ka naam bhi nahi hai.
बहुत दुःख होता है,,सुन के,,, हमारे धरोहर को मिटा दिया गया।।
ये बुजुर्ग महाशय किसी सीनियर प्रोफेसर से कम नहीं है।क्या टैलेंट है और क्या पुख्ता जानकारी है इनकी। इन्हें सरकार के तरह से पूरी तनख्वाह दी जानी चाहिए और इनके ज्ञान भंडार का पूरा फायदा उठाना चाहिए।प्रसाद साहब आपको शत-शत नमन 🙏🙏🙏!
Right bhai
Right bhai
this great man left job to become guide for our great cultural heritage and he is there since 1983. but i dont see that our great historian/guide has any help from the govt
They should...
Sabhi Buddhist sthalo per manuwadi kabja kar liye isi liye Bharat se budh dham katam hone ke kagar per hai
Thanks a lot!🙏सुमीतजी ऐसे ही ज्ञानवर्धक video बनादेते रहो देश की तर्ककी होती रहैगीआपका बहोत बहोत शुक्रीया 🙏
प्रसाद साहब के द्वारा बहुत अच्छी जानकारी, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।जय भीम नमो बुद्धाय
चीन पुस्तक चूरा कर नहीं ले गया था ह्वेनसांग को गिफ्ट में मिला था
I want to go back in time to see real "Bharat". :)
Sir please तक्षशिला विश्वविद्यालय के बारे में भी video बनाये
Uske liye Pakistan jana padega bhai.
Thank you lallontop for describe Nalanda Universty in my home state bihar
How talented and knowledgeable person is this !! 🙏🙏🙏
निष्पछ सच्चाई को नहीं दिखाया जाता इंडिया में इसमें भी नहीं है
What a beautiful knowledge this man have. He could have been a true 'Gatekeeper' of Nalanda.
Amazing old man who knows a lot and still remember at this age
I know him ...He is very good by nature
Hatsoff for this man
I love him
He is well informed💝💝💝
This university shows that buddha was a greatest revolutionary for the entire world👏👏👏
बौद्ध धर्म की श्रेष्ठ विरासत... दुनिया के लिए.
I have never seen any guide at tourist place, giving correct information and historically correct information.
Because most of the Guides aren't Qualified enough or they don't care , They are just there to earn some Money . Secondly who wanna listen the truth ? ☺️
Kon Kon Bihar se hai like here
I am from nalanda district bihar
I am from Patliputra bihar
Binod
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है।
गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
नालंदा मे गरीब बच्चो को फ्री मे शिक्षा दि जाती थी सभी वर्ग के बच्चे पढते थे
यार इंडिया में कब से गरीब को एजुकेशन था.? Thanks to अंग्रेज जो एक नई sikchha पद्धति लाए
तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय सब बौद्ध कालीन विद्यालय हैं नमो बुद्धाय
भाई उस समय वर्ग नहीं थे
Ha us samye Koi jaati vaad nhi that lekin ask k log bolte h pehele dalit logo ko padne likhne ka adhikaar nhi thaaa lo G ek or jhut ka parda faash huaa 😀 Sach kabhee chup nhi sakta. # librandu , desh drohhi
शानदार, असली पुरातात्वीक अवशेष और ज्ञान का अदिवीतीय तथा अनुपम नालंदा बौद्ध विहार दिखलाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद्
नांलदा विश्वविद्यालय अगर आजतक चलता तो हमारी गिनती चीन जापान अमेरिका से भी आगे रहता लेकिन यहा मनुवादी लोग देश का बहुत बड़ा नुकसान किये
Being a student, and a love for history, this video is GOLD STANDARD. Make such more Historical videos.
Love to channel and master saahb.
बहुत बधीया ओर रोचक जाणकारी दि आपणे, बहोत शुक्रिया आप का , LT का ओर महाघ्याणी प्रोपेसार साहाब बहुत ज्ञानी है , बहोत शुक्रिया आप सभी का..
सौरभ जी की जरा भी कमी महसुस न होणे दि सुमित जी आपणे, बहोत शुक्रिया..💐💐💐
इस वीडियो के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Truly, the guide is a legend,God bless him with good health and long life.
मौर्य काल ही भारत का स्वर्णिम काल था ❤ बहुत शर्म की हमारे देश में इसका इतिहास पढ़ाया नहीं जाता ❤
Bihar was and will always give birth to great personalities to the country and to the world.
Heart breaking 😞😞
Itna sara knowledge.. sab ek dictator ne jala diya 😓😓
Waise b pure Bharat aur hindu culture aur property Ko islam aur British logonehi khatam Kar diya.....
@@Sourabh_81 12th 84% CBSE (PCM)
B. Tech C. S (NIT Delhi)
@@Aryan-iu9ck Christian, Jews, Islam ek hi root Abraham se hain.... 3/4th of the world's population
@ Jaa ke padh le chutiye teeno ki kitaabein... Jews, Christian tere tarah chutiya nahi hain
@@sadiqueiqbal6065 mujhe bhi pata hai abrahamic religion hai aur saari baatein copied Judaism kyuki Mohammed ek false prophet hai. Dusre k religion aur even practices ko churaya hai. Jaise kosher meat bana halal meat penis circumcision bana khatna. Jews azan bani muslim azan.
I am from the exact place - "The land of knowledge" NALANDA
Me too
Tht was past.. Great past ... But now Bihar is land of corruption, poorness, crime, crore pati neta ... Uneducation .. Uselessness ... Zero proud... Bihar was great when budhism and Jainism rule .... But wish, pray great future for bihar
@@natural1041 yes bro it's 100% true and we have to accept the truth.
And remember one thing "WE WILL BOUNCE BACK WITH THE FULL POTENTIAL"
@@abhaymathur_ I wish.... With u..
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है।
गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
नालन्दा की शेष खुदाई देश की आजादी के बाद क्यों नहीं करायी गई?
उसके बाद देश पर ब्राह्मणों का कब्जा हो गया।
बिहार में तो लालू जी और नितिश जी 30 साल से बिहार में राज कर रहे हैं, क्या वो भी ब्रह्मण हैं? अजीब चुतियो हो तुम हमेशा जाति जाति।। 😂
@@kewalkumarsingh9251 चुद्दाई का काम ए एस आई करती है।बिहार सरकार नहीं करेगी।
@@vinodkumargupta8444 सही बात। खुदाई रोकने का भी काम ASI कराती है, ब्रह्मण नहीं।। भाई गजब तर्क है तुम्हारा। 😂😂😂
ब्राह्मण कृत बौद्ध धर्म।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
बौद्ध धर्म के अधिकतर सिद्धांत ब्राह्मणों के बनाए गए सांख्य दर्शन से लिए गए हैं। पुनर्जन्म का सिद्धांत वैदिक धर्म से लिया गया है।
गौतम बुद्ध क्षत्रिय राजा के पुत्र थे उन्होंने जब सन्यास लिया तो उन्हें सर्वप्रथम ब्राह्मणों ने ही वैदिक दर्शन और वेदों का ज्ञान दिया भगवान बुद्ध बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने से पहले 10 वर्षों तक ब्राह्मणों के सानिध्य में विभिन्न दर्शनों का ज्ञान प्राप्त करते रहें ब्राह्मणों से उन्हें सांख्य दर्शन वैदिक धर्म योग और प्राणायाम और तपस्या की विधियों का ज्ञान प्राप्त हुआ। ध्यान करना गौतम बुद्ध को ब्राह्मणों ने सिखाया। पाली भाषा के सारे विद्वान पाली भाषा के व्याकरण और शब्दावली की रचना करने वाले ब्राह्मण विद्वानों थे जितना भी लिखित बौद्ध साहित्य है उसे ब्राह्मण विद्वानों ने ही लिखा है। आधुनिक काल के सबसे बड़े बौद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन एक ब्राह्मण है जिनका वास्तविक नाम केदारनाथ पांडे है भारत में बख्तियार खिलजी जैसे मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बौद्ध साहित्य के नष्ट होने के का चुके थे ऐसे समय में राहुल सांकृत्यायन ने कठिन परिश्रम करके तिब्बत देश में 10 वर्षों तक रह कर तिब्बत की सारी पांडुलिपियों का प्रतिलिपि और अनुवाद करके उन्हें भारत लेकर आए और बौद्ध धर्म और साहित्य को पुनर्स्थापित किया।
Es umar m chacha Ji Ko Etni jankari h ye taarif k kaabil Hai.. We are proud to having this type of people in our India
मुर्ख राजा सबसे पहले शिक्षण संस्थानों को तबहा करता है।
Waise b pure Bharat aur hindu culture aur property Ko islam aur British logonehi khatam Kar diya.....
@@Sourabh_81 wase ye Hindu university nai tha.
Hindu Raja kuch nai kar paye jab Muslim ne jalaya. Bahut ye Historian ye bhi bolte hai ye hindu bharman raja ye University ko jalne diya aur Muslim ko roka nai. Kyu ki ye Buddhist University tha Hindu ka nai.
sarthak z u idiot it wasn’t nalanda alone rather vikramshil and takshila were two other oldest universities. Muslims brought destruction with themselves.
@@sarthaksrthkyoutu100 Gupt Empire ke time mai Nalanda University ko daan milta tha aur zaroori madad bhi ki jaati thi jabki Gupt kings Hindu thei. Khilji ke time Delhi Sultanate ki hukumat thi. Khilji khud King Qutb al-Din Aibak ka military general tha.
*Waise hi jaise hamare Pntpradhan **#Modi** Ji **#JNU** ko khtm krne ki sajish kr rhe hai*
धन्यवाद सर आपने इस प्रकार नालंदा विद्यापीठ का दर्शन करा या .🙏🙏👍 जयभीम नमो बूद्धाय.
Imagine how prosperous our country was in ancient time
बिहार की शान है नालंदा विश्वविद्यालय
बुद्धम् शरणम् गच्छामि
Then you should follow Buddhism .
Jai budh
मगध
#मौर्य_साम्राज्य❤🙏
ऐतिहासिक जगह पर भी लोगो को सिर्फ कचरा करना और फोटो खिचना ही पसंद.....कब सूछरोगे
लोग जब बुद्घ और उनके धम्म को अपनाएंगे
@@amanmotghare7293 iska dharm se koi jod nahi hai manners aur culture se hai
@@surajbiradar9827 jitne Dharm hinsha andhvisvas Ko mante hai Manav Ko ek saman nhi samjhte manner aur culture kaise smjh payege
Log kounse bhi dharm me jaye basic nature toh vahi rehta hai unless woh khud ko change kare
Kabhi nhi sudhrenge bhai
हमारी महान शैक्षिक धरोहर के बारे में अत्यंत प्रशंसनीय जानकारी।
वीडियो बनाने वाले को बहुत-बहुत सैल्यूट ।
Bihar hai desh ki shan....kon kon ye manta hai ki hame apne bihar pe garv h.......
सभी लोग मुगलों को गाली दे रहे होंगे लेकिन मुगल 16वीं शताब्दी में भारत आए थे, उस से पहले भारत में तुर्क और अफगानों का अधिकार था। बख्तियार खिलजी खुद एक तुर्क अफगान था।
Superb! After 44 yrs, I can see once again this University.
buddha mandir nahi buddha vihar kaha jata hai
Vihar (Buddhist monastery) Buddhist Monks (Bhikshu) ke rahne ke liye hota thaa specially in rainy season (barsaat ke dino mai). Vihar ek tarah se dharmshala / sarai / guest house hote thei
@@deepspacekunal5468 no my friend I'm a Buddhist ....buddha vihar kaha jata hai...bodhgya k mahaboddhi temple ko bhi mahabhodhi vihar kaha jata hai....buddha bhikshu ...hamre desh main Kashmir se leke kanyakumari main failye huie buddha caves (gufaa) buddha leniyi in marathi main ...waha apna varsha vaas karte the...vihar ka upyig aaj jarur hum ghar pe ya colony k liye karte hai par buddha temple ko vihar hi kehate hai...ye aap kisi bhi vihar main jake dejh skte ho ya kisi aur Buddhist se pych sakte ho
@@deepspacekunal5468 Dost, jaise hinduo ke mandir hote hai, Muslim ke masjid hote hai, Christian ke church hote vaise hi bauddho ke vihar hote hai.
@@kapilpetkar1982 The term is also found in Ajivika, Hindu and Jain monastic literature, usually referring to temporary refuge for wandering monks or nuns during the annual Indian monsoons.
Vihara is a Sanskrit word that appears in several Vedic texts with context-sensitive meanings.
It's usually refers
to a monastery for Buddhist renunciate) not buddist temple , temple are different context
@@amols8836 thailand mei log kyu Buddhist temple bolte hai. Kya vaha ka buddhism alag hai.
बहुत ही अच्छा लगा जानकर कि हम नालंदा सन्स्कृति वाले देश के वासी हैं लेकिन उन लोगों को भी दिल से धिक्कारते जिन्होंने नालंदा को नुकसान पहुंचाया।
Mano na mano BUDDHISM ke tatvdyan ek truth lagta hai, Buddhism se har ek insaan ko kuch na kuch sikhne ko milta hai..chahe vo Amir ho, garib ho, khush ho, dukhi ho, padha likha ho ya na ho🙏
@AadiYogi Bhai me khud Hindu hu ok..aur me kisise Dharm ke bare me behas nhi kr sakta ..sorry
He is my grandfather 😊
The Lallan Top ko bahut bahut dhanyvad..Bahut hi achchhi jankari dilaai hai..Aisi janakaari abhi tak kisi ne nahi dilaai. Aage bhi aisi hi aasha hai The Lallan Top se...Vande-Mataram.
Thanks Sumit...well done...great reporting 👍
Bhai aap to mere district me pahuch gye... Love you lallatop 😍
Aisa bihar h mera .
Mujhe to proud h bhai
Aplog btayiye
I am from Nalanda district and now I am a student of JNU
#PROUD_TO_BE_NALANDAITE
दुनिया की no 1 बुद्ध यूनिवर्सिटी थी।
आज का राजा यूनिवर्सिटीज नहीं मन्दिर बनाने में लगा हुआ है।
तुम्हारा राजा बाबर था क्या?
I don't know why the anchor start distracting and start moving when the guide say something bout budhha or Buddhism. And also react so irresponsive..
Mr.Lallan top pay attention to it.
क्योंकि लल्लनटॉप वाले अपने आप को जरूरत से ज्यादा intellectual समझते हैं।
Pady Jones sahi bol rahe hain bhia.
Yes
Every Proud Bihari kindly Hit like and comment your district name plzz!!
भगवान महावीर भी बिहार से ही थे
Nalanda rajgir
Bihar was always great ..n it will great 🙏🙏 proud to be Bihari
नालंदा, तक्षशिला, ओदंतपुरी, जगद्दल, तेल्हारा और विक्रमशिला यह प्राचीन भारत के सबसे श्रेष्ठ बौद्ध विश्वविद्यालय थे ।
Respect for this old very wise man wish to meet him once…I wish lallantop do not interrupt him before finishing ..thanks
very nice coverage......seen after long time....thanks for sharing
The great मगध🙏🌹🙏
Thank u Lallantop 😍😍😍
That old man is genius ♥️
सरकार इस पर किऊं मेहनत नहीं करती।असल मुद्दा तो यही है।
@@krishnaagrawal9703 bhai bas mansikta yahi rakho aur hindu muslim kartey raho ,lagta IT cell ke student ho।
Kya mehnat krna hai?
Baat IT sell ki nahi hai thumere kisi bhi dharmik neta ne in chizo me liye mafi ya khed jataya?
Magar same time they do loud and shout to call them as muslims hero.
Aj ka choukidar bhi bahut km pda-likha sorry anpd hai... 🤣😂😁😆😅😆
padhe likhe pappu se 100 guna behtar hai 😂😂
@Mohammad Tausif Jo andhbhakti me apni lulli katwa lete hai Vo dusro ko Andhbhakt bolte acche nahi lagte 😜😂😂
@dream31 it
@dream31 चमार जाती से इतनी नफरत क्यु भाई? तुम कौन जाती के हो? नाम तो लिखे ही नहीं हो। कोई बाप नहीं था क्या नाम देने के लिए? चकले में पैदा हुए हो लगता है 😂😂 जाओ माँ से पूछ कर पता करो तुम्हें कोई नाम क्यु नहीं दिया।
Aur tu phd hai fir b berozgar hai😂😂🤣🤣🤣🤣
आप लोग बहुत ही अच्छी जानकारी दे रहे हैं ऐसे सत्य की जानकारी देने से इस देश में तथा पूरे विश्व में संप्रदायवाद जातिवाद पाखंडवाद अंधविश्वास जैसी बुराइयों का खात्मा होगा अच्छी जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
Ye University pakhand dhong samajik bhedbhav ko mitane aur Manav Kalyan ke liye banaya gaya tha
The Budhists scholars used to come from China , Mongolia,South east Asia, Japan ,Ghandhar ,Persia , Caucasus and central Asia where budhism was spread , to study of erstwhile science, history , literature etc .
सुमित जी , बहुत बहुत धन्यवाद आपको। आपने विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में बहुत सी सारगर्भित और ज्ञानवरधक एवं रोचक जानकारीयां दी है। बचपन में हमारे द्वारा पाठ्य पुस्तकों में पढ़ें हुए दिनों की याद ताजा क्या दी। सुक्रिया
I guess it before watching it will be "Nalanda University"
haan wahi university jise bakhtiyar khilji naam ke musalman atankwadi ne jalaya tha.
aajtak inhone hmare mandiro ke paise ko ho dkara ha. govt sarapaisa ln pe kharach karti ha.
When myself also visited That place Our guide also was this gentleman Mr. R B Prasad
Khuda Bakhsh Library, Patna, Aur Munger ke forts ke bare me bhi ek video banado. Please
सुंदर व्हिडिओ। धन्यवाद।सुंदर प्रस्तुति और समीक्षा ।
Kafi detailed video hai Nalanda University ki, thanks to prasad sir & the reporter 🙏🏼🙏🏼
Nalanda university ko JNU se compare matt kariye , JNU ek common university hai...Nalanda university hi baat lag h...
I'm proud to be Buddhist
अपना घुटनों का इलाज क्यों नहीं करवाते गवर्नमेंट को इनका घुटनों का इलाज करवाना चाहिए यह प्रॉब्लम आखिर हो कैसे गई इनको
Singh Prashant you’re correct,Mr Prashant, hope he becomes okay
अटल बिहारी का ईलाज सरकार ने कराया था वो दोबारा नहीं चल सके 😛😛😛
@@reenasonkar4362 😂😂😂😂😂
Thanks for sharing this video 😍
जब तक ब्राम्हण संस्कृती भारत मे हैं , प्रगती होना मुश्किल है, ब्राम्हण कभी सुधरेंगे नही.
Nalanda University -phle gyan lene ate the ab photo, incredible India
The third and most destructive attack came when the ancient Nalanda University was destroyed by the Muslim army led by the Turkish leader Bakhtiyar Khilji in 1193. It is believed that Buddhism as a major religion in India had a setback for hundreds of years due to the loss of the religious texts during the attack.S
Bakhtiar khilji destroyed Odantpuri Mahavihar. Not Nalanda Mahavihar.
@@satyamsinha4693 khilji destroyed nalanda university
@@funnytale9995 try to read history not propaganda
यह हमारे भारत की महान सांस्कृतिक विरासत है जो हमारे संस्कृति का पर्याय हैं हमारी पहचान हैं । कोई शक नहीं की उस समय हम विश्व गुरु थे , लेकिन मुस्लिम राजाओं को हमारी सांस्कृतिक विरासत से भय था जिससे उन्होंने महान विश्वविद्यालय को तबाह करने की ।जो उनके भय , मूर्खता , और हमारे सांस्कृतिक विरासत की भव्यता को दर्शाता है।
Actually destruction of nalanda started much before khilji by hindu kings. Read history.
@@CoronaVirus-fu3zl sahi kaha aap nay sabhi King chahtay hai ki log ko knowledge na ho aur wo unkay gulam banay rahay
@@CoronaVirus-fu3zl kahan se padhte ho esa history ? I belong nearby this place , i didn't read or hear about ....akele. khilji ne barbad kiya h
राजाओं का व्यवहार उनके मर्यादित जीवन पर निर्भर हैं , यही उनकी इतिहास में पहचान दिलाती हैं कि लोग उनके लिए क्या विचार , सम्मान रखे। आज राजा अपने अतीत में सिमट चुके हैं, आज के दौर में उनका कोई वजूद नहीं हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या हम मर्यादा के अस्तित्व को अनदेखा कर रहे हैं? जवाब आपको देना...
@@prabhatkantkiran7242 read Rajatarangini by written by kalhana in 11th century and come to discuss here.
मुझे गर्व की अनुभूति होती है नालन्दा वासी होने पर, विशेषकर नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष से २ किमी के पास से।
आज मुझे मेरे M.B.A के लिए अमेरिका जाना पड़ रहा है, वापिस आऊंगा मै, अपने धरा को पुनःगौरव दिलाने के लिए। आज भी हमारे नालंदा के लोग तुलनात्मक दृष्टिकोण से सभ्य और शिक्षित हैं।
बोद्ध मंदिर नही. बोद्ध विहार कहते है 🙏