मृत्यु के समय प्राणवायु का महत्व | importance of prana At the time of death
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- Опубліковано 5 вер 2024
- मुत्यु के समय प्राणवायु की गति का ही महत्त होता है। आगे का मार्ग भी प्राण तत्त्व के द्वारा तय किया जाता है। यह प्राण तत्त्व समस्त सुक्ष्म लोकों में व्याप्त रहता है।
जिसका प्राण अधिकांश रूप में अशुद्ध होगा, मृत्य के समय उसकी अधोगति ही होगी। उस समय अपान वायु अधिक प्रभावी हो जाती है, क्योंकि ऐसे मनुष्य ने अपनी प्राणवायु कभी भी शुद्ध करने का प्रयास ही नहीं किया होता है। मनुष्य जैसा भोजन करता है और जैसा कर्म करता है उसका प्रभाव चित्त पर पड़ता है।
चित्त के साथ-साथ उसका प्रभाव प्राणों पर भी पड़ता है, इसलिए हर मनुष्य का कर्तव्य है कि वह प्राणों को शुद्ध बनाए रखने का प्रयास करता रहे।
||ॐ शान्ति विश्वम||
बहुत अच्छा लगा यह सुनने में आशा करते हम कि आप ऐसे ही हम लोगों को इस संसार के बारे में ज्ञान करते रहोगे
जय जय श्री गुरुदेव दत्त कोटी कोटी प्रणाम गुरुदेव
आपके ऐसे ज्ञानवर्धक वचनोको सूनकर आपको गुरु शब्दो से सम्बोधीत करने की इच्छा हो रही है ।
परंतू आपने ही कहा है की मुझे गुरु न कहे इसिलिए । 🙏🙏🙏 धन्यवाद🙏🙏🙏🌹🌹🌹
आत्मज्ञानी परमेश्वरी सहाय गुप्त ने अपने लेख, "ब्रह्मांड भ्रमण" में लिखा है की एक वर्ष तक आत्मा को आकाश में रहना पड़ता है, जहां उसको जीवन की सारी सुविधा, खानपान चाहिए। इसलिए मासिक श्राद्ध पहले वर्ष, फिर वार्षिक, फिर पितृपक्ष श्राद्ध करने चाहिए।
पितृ तर्पण नित्य क्रिया है।
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आत्म ज्ञान देने केलिए तहेदिल से धन्यवाद कोटिआभार ❤
मनुष्य की जीवन भर जिन चीजों पर रूचि होती है , उसके अनुसार 9द्वारों में से किसी एक द्वार से अंत में प्राण निकलते हैं पहचान, मल , मूत्र निकल जाना, आंखें अधिक खुली रह जाना, मुंह अधिक खुला रह जाना आदि नौ द्वारे संसार सब, दसवें योगी साध।एकादश खिड़की बनी,जानत संत सुजान।।साहिब वचन 🙏🙏
आपने बहुत सही और अचुकता से प्राण का वर्णन किया है.। ईसे समझाना बहुत मुश्किल है.। आध्यात्मिक योग साधना ईसपरही अवलंबीत है.। मुझै ध्वज की पूर्व तयारी और लापरवाही समझना है.। ईसमें विचारोंका की अडचन को समझना है.। कृपया मार्गदर्शन करें.। 🙏
शास्त्रों में विशेष कर गरुड़ पुराण में बहुत विस्तार से दिया है
सुक्ष्म शरीर की यात्रा करने की विधी बताये कृपया मेरी बहुत ईच्छा है इस रोमांचक यात्र को करने की शून्य गुरुत्व आकर्षण को अनुभव करने की । धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏
Tatva Gyani say guru mantra lay yaa geta press ki book patanjali yog pradipika Jai Shri Krishna
बहुत सुंदर विवेचन ❤
अति गुह्य अभ्यास से मुमुक्षू को अध्यात्मिक गती में फायदा हो शकता है ।
बहुत अच्छा उपदेश।
Omshanti Meethi Atma
ओम नमो भगवते वासुदेवाय
Koti Koti Pranam Sadguru🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आत्मा किस इंद्रिय से निकली है उसका तर्कसंगत प्रकरण हमे कृपा करके बताओ
ये तो उस मनुष्य पर निर्भर है कि उसके कर्म कैसे है?
मैने इसकी चर्चा आगे वीडियो में की है आप पूरा वीडियो देखे।
ॐ शान्ति विश्वम।।
@@तत्त्वGyanharivishwakarma479क्या ऐसा संभव है की जीवंत स्थिती में शरीर के बाहर का अनुभव करके पुन्हा इस स्थूल शरीर मे वापस आ सके । 🙏🙏🙏🙏
@@SagarGosavi-hb1xl हां ऐसा होता है। योग के द्वारा ऐसा अनुभव किया जा सकता है। आप ने भी किया है ये अनुभव परन्तु स्वप्न की अवस्था में। जब आप कोई सपना देखते हैं। तो स्थूल शरीर तो शैया पर होती है लेकिन सूक्ष्म शरीर कहीं और विचरण कर रही होती है। योगी ये सब अनुभव जाग्रत अवस्था में करते हैं ।
Ramsitaramji
इस तत्व ज्ञान चैनल के शॉर्टस विड्यू status को रखता हूँ क्यूँकी सबको अध्यात्म ज्ञान प्राप्त हो सके ।
अद्भुत❤
Jai shree ram
🙏🙏🙏🙏🙏🕉🕉🕉🕉🕉🌹🌹🌹🌹👏 Om Shanti vishvam
Thanks for this information ! 👍🙏
❤❤❤❤❤❤ mere ❤❤❤❤❤ bholenath ❤❤ ❤❤❤ji❤❤❤❤❤ love ❤❤❤❤❤❤ you ❤❤ bholenath ❤❤ ji 🕉️🕉️🕉️🕉️❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Radhey radhey bahut sundar ❤❤❤❤❤❤
Om. Shanti. Har. Har. Mahadev. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉️🕉️🕉️🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आसक्ती. के. कारण. !! महत्वपूर्ण ! 🌹🙏
Bahut Sundar❤
परमशांति.ओआरजी. भी देखें। बेहद का महापरिवर्तन हो रहा है। सबको बंधन मुक्ति जीवन मुक्ति मिल रही है। मृत्यु लोक में अविनाशी अमरलोक लोक परमधाम का वायुमंडल बन रहा है।
Bahut dhanyavaad
राम
Sadguru koti koti pranam.
Jai Gurudev pranam.
Om shanti
Har Har Mahadev 🙏
Nice video
He prabhu bada bhayanak drishya hai
🙏🙏🙏🌺
पहले प्रत्येक इंद्री से प्राण निकलकर कंठ में केंद्रित होते है। फिर मुख्य प्राण के साथ मिलकर कर्मानुसार आंख, कान, मुंह, ब्रह्मरंद्र, मल, मूत्र के रास्ते निकल जाते है।
जो ज्ञान कागजो मे है उसे ही लोग बताते हैं, लेकिन ब्रहमरंधर से प्राण कैसे निकले वह बताओ
35 minutes meditation Karo kisi tatva gyani say guru mantra lay kar yaa jub Tak guru nahi milta geta press ki patanjali yog pradikapa book study Karo meri knowledge mai tatva gaini hai manav dharam sansthan, Anandpur walay 3 aur bhi hai abhi yaad nai aa rahay koi baat bhi pasand Naa ho gyatri mantra adhik japo guru prapti kaa koi rasta mil Jai gaa Jai shri Krishan
That's True🎉
Ram ram g
❤shiv❤
Dada aapne ye pran nikalte samay kab dekhe khud ne. Aur wo jab nikalte hai to dikhte hai hai eyes se
Nice video but good karma washes out bad karma. Do good karma daily.
नास्तिक व्यक्ति के प्राण भी गुदा मार्ग से निकलता है
Mere bichar se iswar ke mamn ne Yana man ne se piran ka कोई sambandh nahi hai jisme sato gun se jitna adhik hoga boh uttam gati ko prapt hoga nastik bhee achchhe kam kar sakta hai
Gudadwar se pran niklne par mal , mutra nikal jaate hai, netra se niklne par netra khule rah jaate h, mukh se niklne par mukh khula rah jaata h , aur brahmrandra se niklne par sir fatt jaata hai
🎉🎉🎉om santi
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Om Sai maa ❤❤❤❤
🙏
Yeh Garud puran hai.
ये " योगी आनन्द जी" की पुस्तक तत्त्व ग्यान से लिया गया है।
ॐ शान्ति विश्वम।।
Par Yeh SAB Garuda Puran Mei bhi hai
@sonia42616 हां जी गरुड़ पुराण का ही अंश है।
हमने गरुड़ पुराण पे भी वीडियो बनाया था लेकिन उसको लोगों ने पसंद ही नहीं किया।
मैं अपनी बात बता रहा हूं कि हमें गरुड़ पुराण से ही जीना सीखा उससे ही हमें आगे की प्रेरणा मिली है।
ॐ शान्ति विश्वम।।
@@तत्त्वGyanharivishwakarma479padne likhne ka bishay nahi hai dhyan abhyas se anubhav hee sahi hai baki kori kalpna hai seekho mata ji nirmala deviji ke sahaj yog me jakar
Attam kaysay nikalti hai tark sangt bataya
Kese pta chalta h... Ki kisi vaykti ke pran Kis marg se nikle hai.... 🙏
Huda dwara se nikalne pr toilet potty nikal jati hai , netr se nikalne pr netr phat jate hai , mooh se nikalne pr mooh fat jata hai sashtrardh se nikalne pr kapal chatak jata hai pr ye ye sadhu santon ke hi nikalte hain bhautik jagat wale nater tak hi rhte hain
Mere papa ke pran mathe me se ek light neklti dekhe thee
Dekho aisi comedy wali baate itne serious time pe nhi karte...
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kon se book ka hai
Tatva gyan, Yogi ANAND JI.
😅😂😂 ajj Tak kise ne dekhe ni praan nikalte Bhai
Ye sab bramhan k mangadant kahani hai...balki kisi ne dekha nahi...lekin ye bat sahi hai ki acha kram karey toh..mritu k bad me jiwan prapt karta hai..hindu dram me bramhan k mangadant kahani matra jyada hota ..hai...Bible me.sahi or saccha likha hai..
आप को कैसे अनुभव हुआ मृत्यु का
ऋषि मुनियों के उपनिषदों में दिये हुए ज्ञान से।
ॐ शान्ति विश्वम।।
कोरी वकवास है आयुर्वेद किसी भी प्रकार से मृत्यु के बाद का वर्णन नही करता यह कोरी वकवास है 13:26 13:26
डर का सामना करना सीखो आंखें मूंदने से खतरे करते नहीं ,बहाने नहीं चलेंगे ,