आत्मा जब पुण्य आत्मा बन जाती हैं तो फिर पांच तत्व, जड़ तत्वों का शरीर छूट जाता है। VCD 3656 @2.25
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- Опубліковано 9 лют 2025
- VCD 3656 Time : 2:25 to 6:35
विनाश करना किसका पाप है? भक्त लोग कहेंगे शंकर ने विनाश कराया उन्हीं का पाप है बाबा कहते हैं माया भी ऐसे ही है, जो शंकर है बड़ी राजाई ले लेता है ना दुनिया की, और माया भी आधा हिस्सा बटाय लेती है बाप से, माया भी पाप में ले जाती है । बाप आकर पुण्य में ले जाते हैं । यह कौन सा बाप है बेहद के दो बाप हैं एक मनुष्यों का बाप, एक आत्माओं का बाप ,पुण्य में कौन ले जाते हैं ? वह ले जाना लाना करते हैं? हां वह ज्ञान सुना कर पुण्य में ले जाते है तो जब पाप आत्माएं क्या बन जाती है ? तो जब आप आकर पुण्य में ले जाते हैं, किसको ? पाप आत्माओं को ही ले जाते हैं ना?
तो पाप आत्मा पुण्य आत्मा बन जाती है तो बस पाप आत्मा जब पुण्य आत्मा बन जाती है तो उनका शरीर ,शरीर जो पांच तत्वों का बना हुआ है जड़ तत्वों का बना हुआ है ना? हां शरीर छूट जाता है, शरीर छूट जाता है जो पाप करने वाला है वह शरीर छूट जाता है और कौन सा शरीर मिलता है पुण्य आत्माओं का, देव आत्माओं का शरीर मिल जाता है क्योंकि जिस शरीर से पाप करती है तो पाप आत्मा ठहरे ना बड़े से बड़ा पाप बाबा क्या बताते हैं? हां बड़े से बड़ा पाप है काम विकार। तो आत्मा जो पुण्य आत्मा ठहरी तो फिर नया शरीर मिलता है पुण्य आत्मा वाला ऐसा नहीं दुनिया खलास हो जाती है दुनिया चलती रहती है तो यह पुराना शरीर छोड़ने और नया शरीर लेना यह किसका काम हुआ यह कौन करता है पुराना शरीर छोड़ने नया शरीर लेना आत्मा करती है ना ऐसे ही एक शरीर छोड़कर के दूसरा फिर 84 जन्म लेना पड़ता है लेना पड़ता है मजबूरी हो गई ना? हां ड्रामा में नूँध है।