प्रजापिता ब्रह्मा सूर्य उदय के निमित्त बनती है और ब्रह्मा बाबा सूर्यास्त के निमित बनती है।।

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  • Опубліковано 9 лют 2025
  • Disc 906
    यज्ञ के आदि में, जो ॐ मंडली बनी थी, उस ॐ मंडली में झगड़ा पैदा हुआ या नहीं? जो झगड़ा पैदा करने वाले होते हैं, झगड़ा कराते हैं, वो अंदर के होते हैं या बाहर से आते हैं? दुश्मन अंदर है या बाहर होते हैं? अंदर से झगड़ा करने वाले पैदा हुए। तो दो पार्टियां उस समय प्रसिद्ध हुई। एक ॐ मंडली और एक एंटी ॐ मंडली। क्या? जब एंटी ॐ मंडली निकली तो ब्रह्मा बाबा के लड़ाई झगड़ा के संस्कार है या नहीं है? ब्रह्मा बाबा के लड़ाई झगड़ा के संस्कार थे? नहीं थे। जब विनाश का साक्षात्कार हुआ, तब ब्रह्मा बाबा रोने लगे। तो लड़ाई झगड़ा वो देखना भी नहीं चाहते थे। जब ज्यादा स्वर सरबा बढ़ने लगा तब ब्रह्मा बाबा छोड़ छाड़ करके के कहा चले गए? कराची। फिर कोर्ट कचेरी का झगड़ा चलता रहा। झगड़ा इतना बड़ा की जितने भी सत संग में जाते थे, वो सब ताले में बंद कर दिए गए। ब्राह्मणों की दुनियां में ही दो पार्टियां हुई। उस समय सिंध हैदराबाद के आबादी कितनी थी? वो 9 लाख पापुलेशन कौनसे आत्माएं थी? सतयुग के आदि में आने वाली वोही 9 लाख आत्माएं। वो अंतिम जन्म में कहा जाके जन्म लेती हैं? सिंध हैदराबाद। या तो उनका कनेक्शन होता वहां। तो देखो सिंद हैदराबाद भारत ने पश्चिम में है या पूरब में? पश्चिम में। तो सूर्य का उदय कौनसी दिशा से होती हैं? भारत के पूरब में कोलकाता जहां बनियान ट्री का यादगार है। जहां ज्ञान का बीजारोपण होता हैं। ज्ञान सूर्य उदय होता हैं। और उदय होकर के कहा अस्त होता हैं? पश्चिम में जाके अस्त होता हैं सिंद हैदराबाद। तो दो रूप हो गए पूर्वी सभ्यता और पश्चिमी सभ्यता। पूर्वी सभ्यता में बंगाल गया। जहां के लिए अभी भी बोला हुआ है अव्यक्त वाणी में की दिल्ली है स्थापना कारी, बॉम्बे है विनाश कारी। और आवाज फैलाने में कौनसा शहर आगे जाएगा? कोलकाता आगे जाएगा। बाप को प्रत्यक्ष कौन करेगा? जो आवाज फैलाएगा वो प्रत्यक्ष करेगा। तो बाप की प्रत्यक्षता दुनियां की बड़े बड़े धनी मानी लोग करेंगे, मल्टी मिलेनियर करेंगे, बड़े बड़े देशों के बड़े बड़े राष्ट पति और प्रधानमंत्री करेंगे या ब्राम्हणों की दुनियां का कोई खास ऐसा संगठन निम्मित बनेगा? जिसका बीज पड़ता हैं बंगाल में। अव्यक्त वाली में बोला इस रथ को कहां से पकड़ा? पूर्वी बंगाल से। तो निम्मित तो बनना पड़ता हैं। बाप की प्रत्यक्षता की आवाज बच्चों के द्वारा होगी या दुनियावी मनुष्यों के द्वारा होगी? बच्चों के द्वारा होगी। वो भी बता दिया, तौड तरीका क्या होगा? तुम बच्चों की अव्यक्त स्टेज ही बाप को प्रत्यक्ष करेगी। जैसे धर्म पिताए, महात्मा बुद्ध, क्राइस्ट, गुरु नानक, इनकी अव्यक्त स्टेज वाला चेहरा धर्म पिताओं को प्रत्यक्ष करता रहा? ऐसे उन धर पिताओं का बाप, बापो का बाप कहा जाता हैं, वो बाप को प्रत्यक्ष करेगा। जो आत्माओं का बाप है उसको। उदय की यादगार हैं। सूर्य उदय कहा से होता हैं? पूरब से। अस्त कहा होता हैं? पश्चिम में। माउंट आबू में दोनों ही यादगार बनती हैं। पहले पहले कौनसी यादगार हुई? सुन सेट प्वाइंट, सूर्य अस्त की यादगार बनी। तो सूर्य अस्त हुआ तब बनी या अस्त होने को आया तब बनी? सूर्य अस्त होने के बाद प्रैक्टिकल में ज्ञान सूर्य के अस्त होने के बाद यादगार बनी या सूर्य अस्त होने के साथ साथ यादगार बनी? साथ साथ यादगार बनी। ऐसे ही अभी माउंट आबू में सनराइज प्वाइंट भी तैयार हो रही हैं। क्या? यह दोनों एक दूसरे के विरोधी प्वाइंट है। तो सुन राइस के निम्मित कोई बनता होगा। और सूर्य अस्त का भी निम्मित कोई बनता होगा। तो कौन है सूर्य अस्त के निम्मित? और कौन है सूर्य उदय होने का निम्मित? उदय होने का निम्मित प्रजापिता। और अस्त होने के निम्मित ब्रह्मा। इसीलिए शास्त्र में ब्रह्मा की कोई मूर्तियों नहीं, कोई मंदिर नहीं, कोई पूजा नहीं। सूर्य अस्त करने का निम्मित बन गया। ब्रह्मा कुमार कुमारियों ने ब्रह्मा की दारी की लाज नहीं रखी। नाम दूबाई दिया। तो यह दोनों हस्तियां एक दूसरे के क्रॉस जाती हैं। यह राम और रावण का खेल है। बाप और बेटे का खेल है। सतयुग के आदि में, नई सृष्टि के आदि में, यह बाप और बेटी मिलकर के एक जो जाते हैं। बिष्णु। और कलियुग के अंत में एक दूसरे के क्रॉस में आ जाते हैं। राम रावण का युद्ध सामने आता हैं। देव असुर संग्राम सामने नजर आता हैं। कौरव पांडवों की लड़ाई महाभारी महाभारत सामने खड़ा नजर आता हैं। जो आदि में सो अंत में। दुनियां में भी कोई न कोई निशान मिलता हैं। बाहर की दुनियां में भी हिरोशिमा नालाशागी, प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जिसमें हीरो की सीमा भस्म हो गई थी। आदि में भी भस्म हुई थी,तो अंत्य में भी क्या होगा? आदि में तो अधूरे थे, और अंत्य में अधूरे नहीं सम्पन्न बन जावेंगे। आदि में राम ओली आत्मा फेल हो गई। अंत्य में? कोई जरूरी नहीं कि जो आदि में फैल हुआ, वो अंत्य में भी फैल हो जाएगा।
    जैसे ब्राह्मणों की दुनियां में दो हस्तियां रही। ऐसी ही भारत वर्ष के अंदर बाहर के दुनियां में भी दो हस्तियां उस समय मौजूद थी। सुबास चंद्रबोस और उनके मुकाबले गांधी जी। एक गरम दल का और दूसरा नरम दल का। भारतवासियों ने देखा कि विजय किसके हाथ लगी? गांधी जी के हाथ झूठी विजय हाथ लगी या सच्ची विजय हाथ लगी? झूठा राम राज्य स्थापन हुआ या सच्चा राम राज्य स्थापन हुआ? झूठा राम राज्य स्थापन हुआ। ब्राह्मणों के दुनियां का भी बेहद का गांधी है। दोनों हस्तियां में आदि में भी झगड़ा थी, गरम दल नरम दल का। अंत में भी झगड़ा है। आदि में सुबास चंद फेल हो गया, उनकी सारी सेना नेस्ट नाबूत हो गई, फेल हो गई। क्या उनकी हिम्मत भी खलास हो गई थी? सुबास चंद्रबोस और उनकी बनाई हुई सेना आजाद हिंद फौज, जो नेस्ट नाबूत हो गई, वो हिम्मते बच्चें मदतते खुदा के बच्चें थे। सुबास चंद्रबोस मरते मरते मर गए। लेकिन मरते मरते उनकी हिम्मत फ़स्त हो गई? या हिम्मत बनी रही? हिम्मत बनी रही। अंत मते सो गते। वही हिम्मत लेकर के, वही आजाद हिंद फौज, जो हिन्दुस्तान को आजाद कराने वाली बनती हैं।

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