Hindu Dharam ke baare mayy Hindu Dharam ke Dharma Acharyo Shankracharyao ke muqable ambedkar ji ka gyan seemet tha. Truth is he might be master in other fields but not on Hindu relegion.
अमरत्व हिंदू धर्म कि काॅन्सेप्ट है,,, ईसिलिये जिस किसी भी महामानव ने महात्मा ने या पुन्यात्मा ने हिंदू सनातन धर्म के कल्यान का काम किया वो सभी भगवान के आशिर्वाद से निश्चित हि अमर होगा हि होगा,,,जय हिंदू सनातन धर्म
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
@@kailashgavai9005 और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Jiwan maran iswar ke hath me hai.. Agar inka jiwan bacha hoga to use kisi bhi tarh bacha sakta hai..baki jiwan vyatit karne ke liye.. Par tere jaiso ko kya taklif..
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
एकदम सही कहा संत रामभद्राचार्य जी ने....आंबेडकर ने मनुस्मृती जलानी नहीं चाहिए थी...अभी सविंधान जो बाबासाहेब ने लिखा हैं अगर वो किसी को पसंद नही हैं तो क्या सविंधान फाडणा या जलाना ठीक रहे गा क्या?.....ये तो संशोधन का विषय हैं....एसलिये बाबासाहेब ने जो किया वो गलत हैं.
मनु स्मृति,,,मनु स्मृति पढ़ी किसी ने नहीं कुछ मूर्ख जलाकर खुश कुछ मूर्ख जलने से दुखी 😂😂😂😂 जैसे गीता के नाम पर बहुत सी नकली किताबें बिकती हैं उसे पढ़कर बहुत से लोग भड़कते रहते हैं,,,,😂😂😂😂😂
@@ButaHoney-hr6br बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को कोई कैसे ऐसा कह सकता है भाई। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि बाबा साहेब ने पढ़कर जलाई,,,अब जिन्हें ये सही लगा,, उन्हें बाबासाहेब जी की इस बात का भी स्मरण होना चाहिए कि किसी के कहे सुने पर मत जाना, पहले जानो स्वयं परिक्षण करना, फिर करना। बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसे महान लोग ही ऐसा कह लिख सकते हैं। वे न खुद अंधानुकरण किये न समाज को करने देना चाहते थे। आज जो लोग मनु स्मृति का विरोध करने आगे देखें जाते हैं, उन्होंने इसे पढ़ा हो,इस पर तर्क रखा हो,,,,ऐसा होता नहीं। अंधानुकरण ही अधिक है। क्योंकि मैंने मनु स्मृति की प्रामाणिक किताब बहुत ढूंढी पर मिली नहीं।
@AGAG-pq7wk अम्बेडकर से देश चलता है, कदम कदम पर अम्बेडकर का कानून चलता है। जज बनने के लिए DM आदि बनने के अम्बेडकर जी को पढ़ने पड़ेंगे ambedkar साक्षात भगवान है।
@@happydon0808 🔔 .... सबसे ज्यादा भेदभाव तो copy paste wale संविधान में है .....अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
मनुस्मृति जलाने से पाप हुआ तो मानवता को तार तार करने वाली मनुस्मृति लिखने वाले ने तो बहुत बड़ा पाप किया है? लिखने वाले का प्रायश्चित हो जाय , ऐसा क्या किया जाय?
यह सृष्टि मनु जी से शुरू हुई । वे ही हमारे पूर्वज हैं। मनुस्मृति की व्यवस्था का ज्ञान नहीं होने के कारण लोग विरोध करते हैं ।किसी को मनुस्मृति जबरदस्ती तो नहीं पढ़ाई जा रही है। अधजल गगरी छलकत जाए।
गुरु जी को बार बार प्रणाम मनु स्मृति के बारे में जो नहीं जानते मूर्ख वो ही जोमनु स्मृति की बुराई करते है मनु स्मृति को पड़ कर देखे उसमें केवल ज्ञान ही है किसी भी जाती या धर्म का बुराई नहीं है
मनुस्मृति यदि सही थी तो हिंदुओं को उसे अपने अपने घरों में लागू करना चाहिए । साथ ही उसे अपनी महिलाओं पर लागू करना चाहिए । अगर असली हिंदू हो तो कृपया मनुस्मृति को आज से ही अपने घरों में लागू करो ।
गुरु जी ने सही कहा बड़ा दिल दिखाने के वजह से ही मुसलमानो और अंग्रेजों ने शासन किया हम लोग गुलाम रहे हम अपने देश में ही सुरक्षित नहीं है सर धड़ से अलग कर दिया जाता है अपने त्योहार न मना पायें
मनुस्मृति ने देश को गुलाम बनाया। ऊंच नीच जात पात के कारण देश कमजोर हुआ। अकबर के दरबार में बीरबल, तानसेन, टोडरमल तुलसी क्या कर रहे थे? अकबर को भविष्य पुरान में ब्राह्मण बताया गया है। यदि ब्राह्मणवाद नही होता तो देश विश्वगुरु होता, जैसे सम्राट अशोक के समय था, अखंड भारत था
राष्ट्र के मजबूती के लिए सत्य सनातन धर्म संस्कृति की मजबूती बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी मजबूती ही सभी धर्म माझा पंखों की मजबूती सुरक्षित करेगी अन्यथा यहां 25% वाले हैं वहां किसी की नहीं चलती है सबको इज्जत नहीं बजाई जा सकता
इन आदरणीय से कई गुना ज्यादा विद्वान थे डॉक्टर अंबेडकर यह सिर्फ एक धर्म के बारे में जानते हैं मगर वो दुनिया के लगभग सारे धर्मो के बारे में बारीकी से जानते थे
भाई बहुत जिज्ञासा है की 57डीग्रीया और वह भी पीएचडी,ऊस के नाम और स्वतंत्रता संग्राममे सहभाग,और यह जो संविधान लीखा वह अकेले ने लीखा क्या ऊसमे 3ब्रामहण भी प्रारुप सभा मे थे अयंगार बैनर्जी मुस्तफा मुस्लीम आंबेडकर और 300के ऊप्पर लोग रातदीन दो साल के ऊप्पर रातदीन लगे थे यह झुठ न्युज हैक्या ईतना बडा थोर पुरूष था जरा बताये
पुस्तकीय ज्ञान से कई गुना अधिक बडा वैदिक ज्ञान बडा होता है जो हमारी भारतीय ऋषि परंपरा में है इसे कोई झुटला नही सकता यह ससवत है और अनंत है यह हमारी धरोरर है।
हिन्दुओं के देश में क्या सारी शिक्षा हिन्दुओं को ही दिया जाता रहेगा और त्याग क्या केवल हिन्दू से ही अपेक्षित है ? यदि मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़े तो उसके लिए हिन्दू कोर्ट क्यों नहीं जा सकता ?
अंबेडकर क्या सच में इतना महान थे..?? जितना अम्बेडकर के बारे में बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है..?? 🤔 अम्बेडकर और उसका झूठा प्रचार बंद होना चाहिए। मैं कुछ मिथक रखता हूं अम्बेडकर से जुड़े हुए.. 1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे। सच्चाई -अंबेडकर पूरी जिंदगी में सदैव थर्ड डिग्री में पास हुए। 2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे। सच्चाई -जिस जमाने में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमाने में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है वह भी कोट पैंट में। 3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया। सच्चाई -अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे। 4-मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया। सच्चाई -उस जमाने में अंबेडकर को गुजरात बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर दिया। 5-मिथक- अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया। सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 20 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 6- मिथक-अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। सच्चाई -अंबेडकर ने सदैव अंग्रेजों का साथ दिया भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की अंग्रेजो को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया। 7-मिथक -अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे। सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी। 8- मिथक-अंबेडकर ने अकेले आरक्षण दिया। सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा ने दिया जिसमे कुल 389 लोग थे अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था आरक्षण सब के वोट से दिया गया था। 9-मिथक-अंबेडकर बहुत विद्वान था। सच्चाई-अंबेडकर संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। स्थाई समीति के अध्यक्ष परम् विद्वान डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे। 10-मिथक-अंबेडकर राष्ट्रवादी थे। सच्चाई-1931मे गोलमेज सम्मेलन में गांधी जी से भारत के टुकड़े करने की बात कर दलितों के लिए अलग दलिस्तान की मांग की थी। 11-मिथक-अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा। सच्चाई-जो संविधान अंग्रेजों के1935 के मैग्नाकार्टा से लिया गया हो और विश्व के 12 देशों से चुराया गया है , उसे आप मौलिक संविधान कैसें कह सकते है ? अभी भी सोसायटी एक्ट में 1860 लिखा जाता है। 12-मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे। सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी। पटेल जी संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे बाद में नेहरू के कहने पर पटेल जी वापस आये थे। सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनाने के लिए भारतीय देशी राजाओं, महराजाओं, रियासतदारों, तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी।इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुंच जाएगा। 13-मिथक-अंबेडकर स्वेदशी थे। सच्चाई-देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती -कुर्ता, पैजामा-कुर्ता, सदरी व टोपी,पगड़ी, साफा, आदि हुआ करता था।गांधी जी ने विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी। यद्यपि कि नेहरू, गाधीं व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे। अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावा में नही है।अंबेडकर अंग्रेजिएत का हिमायती था। जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡 रिपोस्ट
ऐसा वैसा कुछ नहीं है इतने भी अंधभक्त ना बनो उनके पहले हुए नहीं क्या विद्वान भारत मे चाणक्य हुए आर्यभट हुए ये क्या थे फिर अब तुम एक को ही पकड़ कर बैठ जाओगे तो की भाई यही सही है कयुकि इसी ने हमे आरक्षण दिया है😅😅
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
संत राजनीति मैं बहुत पहले से रहते आए हैं तुम्हे पता ही नही तो क्या करना, अयोध्या, मथुरा, जनकपुरी, जहा तक की मगध साम्राज्य के भी पुरोहित चडक्या हुए जो राजनीति से लेकर युद्ध कोसल मैं भी राजा को सहयोग प्रदान करते थे
मनोज जी सही कह रहे हैं ये दोनों पूजनीय है कुछ आततायियों की वजह से पहले से ही हिन्दू अलग हो गए हैं राम जी ने सबरी ,केवट, भील आदि में कभी नहीं भेद किया किसी भेद शास्त्र में भेद भाव नहीं लिखा है ।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर.… से कुछ ऐसे कार्य करवाए गये ताकि के सनातनी हिंदुओं को आपस में लड़ा कर और बांट कर सत्ता सुख की राजनीति करी जा सके क्योंकि जो जितना अधिक बुद्धिजीवी और विचार सील होता है वो उतनी ही जल्दी प्रभावित भी होता है ये सारे कार्य उनसे कांग्रेस ने करवा लिए आखिर कार उन्हें जब समझ में आया तब तक देर हो चुकी थी अंततः उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर प्रायश्चित किया पर जो कुछ उनके हाथों हो चुका था उसे कैसे गलत कहें बात आत्मसम्मान की भी थी बेचारे अपराध बोध को साथ लेकर मर गए
मनुस्मृति देव ग्रंथ है ओर उसका अपमान करते हुए भीमराव आंबेडकर ने उसकी पृति फाड़कर जो जघन्य अपराध किया गया था अनादर किया गया था। उसका फल तो उन्होंने भोगा ही मरणोपरांत भी ता भविस्य उनको आदर भारत में तो कम से कम नहीं मिल सकता।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
बाबा साहब ने कभी मनुस्मृति नहीं जलाई न फाड़ी, 25 दिसंबर 1927 को अम्बेडकर जी शाम को भाषण दिया और चले गये थे रात को मनुस्मृति जलाई उसका प्रस्थाव भी एक ब्रह्मण ने दिया था, और जिस मनुस्मृति को जलाया गया उसके बारे मै बाबा साहब ने 1938 मै बताया की मै जिस मनु का बिरोध करता हूँ ओ असली मनु महाराज की लिखी मनुस्मृति नहीं है बल्कि ईसा पूर्व 183 वर्ष पहले एक राज्य कर्मचारी सुमित भार्गव जिसका उपनाम मनु था उसकी लिखी थी, ये बाते आपको अम्बेडकर सम्पूर्ण वाढमय भाग 7 पेज 151 मै मिल जायेगी 🙏
@sonu-patil05 तू ऑर तेरे खानदान को ही पढा तेरे कितने दीन काम आएगा ओ मेरे को बाद में बता... ओर तू भारतीय संविधान ऑर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अच्छा से पढ तब तेरे को संविधान की ताकत ऑर लढणेका होसला मिलेगा.
उन से दूर रहो; वे अंधे मार्गदर्शक हैं; और यदि अन्धा अन्धे को मार्ग दिखाए, तो दोनों गड़हे में गिर पड़ेंगे।” इसलिये उन पर ध्यान न दो; वे अंधे अगुआ हैं जो अंधों को मार्ग दिखाते हैं; और यदि एक अंधा दूसरे को मार्ग दिखाए, तो वे दोनों ही गड़हे में गिर पड़ेंगे।”
Russia claimed to have cancer vaccine in 2024 China claimed to have diabetes cure in 2024 America claimed to have HIV vaccine...What Vishwaguru have ??😂😂😂
हम भी आग्रह करते हैं अम्बेडकर को भी हम पर थोपा na jai. ..अंबेडकर कोई आजादी के आंदोलनकारी नहीं थे। वो ब्रिटिशर्स के कोनियल सस्ता के रहनुमा थे जो उनकी फेलोशिप पर उनके एजंडे को पूरा करने के लिए रिसर्च का काम करते थे ,झूठ बोलकर आप सिर्फ इसलिए अंबेडकर का बचाव नहीं कर सकते क्योंकि भारत में एक जाति विशेष का व्यक्ति उनको अपनी जाति का नेता मानता है, अंबेडकर कोई वास्तविक संविधान निर्माता भी नहीं थे न ही उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक दिन भी हिस्सा लिया। वो तो आखिर आखिर तक भारत की आजादी का विरोध ही करते रहे। हां, गांधी और नेहरु जरूर उनको साथ रखे हुए थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि एक साथ दो फ्रंट खुल जाए। एक ओर मुसलमान जिन्ना को लेकर अलग देश मांग ही रहे थे, दूसरी ओर दलितों को लेकर अंबेडकर भी अलग देश की मांग कर दें , भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाये रखने में उनका इतना ही योगदान था कि उन्होंने अलग दलित देश की मुहिम नहीं चलाई बस। दलितों के लिए सुरक्षित सीटों के फार्मूले पर मान गये इसलिए अंबेडकर को व्यर्थ का पैगंबर या मसीहा मत बनाइये वरना एक दिन अंबेडकर के नाम पर लगातार गढा जा रहा झूठ इतना बड़ा संकट बन जाएगा कि फिर इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा। अंबेडकर जो थे, सच सच उतना ही बताइये,
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Desh chalega Sirf samvidhan se ❤
Sanvidhan se Desh nahin chal raha hai Desh Kuran se chal raha hai
@@aditisen5134 किसी ने तुमसे कहा है कि देश संविधान से नहीं चलेगा 😂😂😂😂😂😂😂
Sab Hindu, christian, sikh , jain samvidhan ke support me hai koi mana nhi kar raha but Muslims shariya chahte hain
70 साल से काश्मीर में पूरा संविधान क्यों नही लागू किया गया था?
संविधान में कितने बार बदल किए गये है 😂😂😂 कुछ@@ramkrishantripathi धर्मो के लिये😂
ये भारत का दुर्भाग्य हैं की 15% वाले देश चला रहा है
15% v ni h
3.5%
To tumlog kya ukhar rahe ho itne years se reservation leke .kewal ek hi baat sikhi hai jai bhim.
Ha aur wo pattharbaazi krta rhta hai
15% lakar bhi naukari wale ?😂😂
कोई भी dr आंबेडकर के पैर के धुल के बराबर भी नही हैं इतने पढे लिखे dr आंबेडकर है.
आत्मज्ञानी से कोई बङा नही और रामभद्राचायॅ जी आत्मज्ञानी हे समजे भीमटे
मैं हूं जय माता दी जय निषाद
Hindu Dharam ke baare mayy Hindu Dharam ke Dharma Acharyo Shankracharyao ke muqable ambedkar ji ka gyan seemet tha. Truth is he might be master in other fields but not on Hindu relegion.
सुन रे अंबेडकर कोइ भगवान नहीं था उसने भी संविधान में कइ गलती कर गया जिनको ठीक करना भी आज के ज्ञानियों का काम है ।रामभद्राचार्य कोइ कम ज्ञानी नहीं है ।
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर अमर रहे।
लेकिन अगले बीस पच्चीस सालों बाद न ही ये संविधान रहेगा ,न ही भागवत का नाम
@@nyayendar आमीन ll
अमरत्व हिंदू धर्म कि काॅन्सेप्ट है,,, ईसिलिये जिस किसी भी महामानव ने महात्मा ने या पुन्यात्मा ने हिंदू सनातन धर्म के कल्यान का काम किया वो सभी भगवान के आशिर्वाद से निश्चित हि अमर होगा हि होगा,,,जय हिंदू सनातन धर्म
Dr बाबासाहेब अम्बेडकर अमर रहे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@nyayendarसंविधान को मानने वाले 97% है बेटा बाकि तू समझदार है ऐसा समझेंगे 😂😂😂😂😂😂😂
भगवा रंग पहन लेने से कोई हिंदू धर्म का ट्ठेकेदार नही बन जाता
मनुस्मृति का दहन किया बाबासाहेब जी ने फाड़ा नहीं गया था। और एक बात इस भारत देश में हर 25 दिसंबर को दहन होना चाहिए जयभीम
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Hm tmko dhn kr denge
@@kailashgavai9005 और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
@@balakramshukla4876tere purvaj bhi nhi rok paye teh Baba sahab ko manusmriti ko dehan karne se toh tu kiya rokega
ये वही है जब स्वर्ग मिलने को हुआ तब अस्पताल भाग गए थे।
Jiwan maran iswar ke hath me hai..
Agar inka jiwan bacha hoga to use kisi bhi tarh bacha sakta hai..baki jiwan vyatit karne ke liye..
Par tere jaiso ko kya taklif..
Kehne ko hai sab Veer je marne se sab ko dar lagta hai
Mout ko toh haste haste Guru Tagebhadar ji nae he Kabul kea vo hai real jagatguru
Kya re Srivastava tu bimar parega to tu kya karega Gyani baba ye Gyan muslim majhab ke baare de 😡
ओ श्रीवास्तव भाई जब श्री राम जी तीर लग गया था तो हनुमान जी संजीवनी बूटी (दवाई) लाए थे और हम तो इंसान हैं 🙏
तुम हिन्दू हो करके ऐसी बात करते हो शर्म करो 😂
100 sal pahle manusmriti jala di gayi par aag aaj tak bar k rar hai😅💙
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
Right 👍
समय आने पर सारे कानून,रद्दी की टोकरी में पडे मिलेंगे.😂😂😂😂😂
@@dewaryaneet3974 बाबा साहेब जी ने मनू को कचरा बना दिया 😂😂😂jay bhim jay mim 💚💙⚔️💪
एकदम सही कहा संत रामभद्राचार्य जी ने....आंबेडकर ने मनुस्मृती जलानी नहीं चाहिए थी...अभी सविंधान जो बाबासाहेब ने लिखा हैं अगर वो किसी को पसंद नही हैं तो क्या सविंधान फाडणा या जलाना ठीक रहे गा क्या?.....ये तो संशोधन का विषय हैं....एसलिये बाबासाहेब ने जो किया वो गलत हैं.
सही बात है
मनुस्मृति जलाकर बहुत अच्छा काम किया
मनु स्मृति,,,मनु स्मृति पढ़ी किसी ने नहीं कुछ मूर्ख जलाकर खुश कुछ मूर्ख जलने से दुखी 😂😂😂😂
जैसे गीता के नाम पर बहुत सी नकली किताबें बिकती हैं उसे पढ़कर बहुत से लोग भड़कते रहते हैं,,,,😂😂😂😂😂
Tumne padhi hai manusmriti
Jab padhe hi nhi ho to aishi baten mat bolo...
Baba sahib ne v jalaya hai kea un ko v murkh bolo gar hadd hai besharmi ke@@vandematram-n2t
मनुष्य को मानवता से जोड़ने वाला ग्रंथ मनुस्मृति ।
शांत मन से बढ़कर फिर गलत बातों पर प्रकाश डालता आपकी बुद्धिमत्ता कहलाई gi।
@@ButaHoney-hr6br बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को कोई कैसे ऐसा कह सकता है भाई।
मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि बाबा साहेब ने पढ़कर जलाई,,,अब जिन्हें ये सही लगा,, उन्हें बाबासाहेब जी की इस बात का भी स्मरण होना चाहिए कि किसी के कहे सुने पर मत जाना, पहले जानो स्वयं परिक्षण करना, फिर करना।
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसे महान लोग ही ऐसा कह लिख सकते हैं। वे न खुद अंधानुकरण किये न समाज को करने देना चाहते थे।
आज जो लोग मनु स्मृति का विरोध करने आगे देखें जाते हैं, उन्होंने इसे पढ़ा हो,इस पर तर्क रखा हो,,,,ऐसा होता नहीं। अंधानुकरण ही अधिक है।
क्योंकि मैंने मनु स्मृति की प्रामाणिक किताब बहुत ढूंढी पर मिली नहीं।
जो खुद अपने मुँह से कहें हम गुरु हैं वो दुनिया में सबसे बड़ा दो कौरी का इंसान हैं
Sach hai bahi
फिर तो अम्बेडकर भी 2 कोड़ी का हुआ .....wo bhi to apne ap ko so called copy paste wala संविधान nirmata bolta tha
ये संत कभी भी sc st OBC समाज को ना तो मठाधीश ना तो शंकराचार्य बनाएगा।
@AGAG-pq7wk अम्बेडकर से देश चलता है, कदम कदम पर अम्बेडकर का कानून चलता है। जज बनने के लिए DM आदि बनने के अम्बेडकर जी को पढ़ने पड़ेंगे ambedkar साक्षात भगवान है।
@@happydon0808 🔔 .... सबसे ज्यादा भेदभाव तो copy paste wale संविधान में है .....अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
मनुस्मृति जलाने से पाप हुआ तो मानवता को तार तार करने वाली मनुस्मृति लिखने वाले ने तो बहुत बड़ा पाप किया है? लिखने वाले का प्रायश्चित हो जाय , ऐसा क्या किया जाय?
@@SanjayKumar-un2mc मनुस्मृति में नीले अंबेडकर वादी अंडों का उल्लेख नहीं किया गया है 😂 😂 😂 😂
Manusmriti me milawat hua tha toh hazaro shloka ka milawat hua tha
जय श्री राम जय बजरंगबली की हर हर महादेव जय भोले बाबा की वन्दे मातरम् जय हिन्द भारत माता की जय ❤
मूर्खो की सोच को तुलना बाबा साहेब के विचारो से करना मूर्खता है।
Ambedkar ne sahi kiya tha ❤
Usme reservation nhi tha eslye jalaya bhim ji ne
Hai kaha uss main janam jaat arakshan nahi tha
अम्बेडकर ने गलत किया था
गुरु जी सही बोल रहे है🚩🚩🙏🙏
यह सृष्टि मनु जी से शुरू हुई । वे ही हमारे पूर्वज हैं। मनुस्मृति की व्यवस्था का ज्ञान नहीं होने के कारण लोग विरोध करते हैं ।किसी को मनुस्मृति जबरदस्ती तो नहीं पढ़ाई जा रही है। अधजल गगरी छलकत जाए।
अलीगढ़ विश्वविद्यालय में आरक्षण नहीं हैं लेकिन कोई भी अम्बेडकरवादी नेता दलितों के हित में आरक्षण की मांग नहीं करता हैं, ये चिंता की बात हैं
ये स्वयं घोषित धर्मगुरु होंगे और बाबा साहेब अपने ज्ञान के बल पर विश्व गुरू बने इसका प्रमाण विश्व के कई देशों में मिल जाएगा ।
Kun sa desh puchta ha ambedkar ko
@@amitkumarrai5962ambedkar ko samjhna anpdho ki baat nhi hai colambia university ja kr dekh kiska samman ho rha hai
Kis desh ne man h bhai ambedkar ko vishv guru
Jinke bare bol rhe h
बाबासाहबको विश्वरत्न पदवी कौनसे देशने दी जराबताये भारतमे भारतरत्न है फीर विश्वरत्न कौनसे देशने दीया
अम्बेडकर जी कि आड़ मे नफ़रत फैला रहे हैँ हिन्दू विरोध कर रहे हैँ ये जय भीम जय मीम वाले अम्बेडकर जी महान व्यक्तित्व थे उनको नमन 🙏
एक ही हिंदू धर्मजाती होना चाहिए अगर मानुस्मृती में नीच्य,उच्य जाती हो तो हम उसका विरोध करते हैं .बदलनेका समय आ चुका है
चित्रा जी, भारत का नुकसान हिंदुओं का अंस्तित्व समाप्त होने से होगा जब तक सनातनी अस्तित्व जीवित रहेगा हिंदुस्तान संपन्न समृद्ध और निर्विकार रहेगा।
@Gammu-e7d sanatan nahi hota to tu bhi nhi hota pita ji ko aise nhi bolte
बाबा साहब ब्रह्मांड गुरु है
तो भी ब्रह्माण्ड के लोग दुखी है।सडकके उपर हंगामा करनेवाले गुरू के चेलेतो नही हो सकते।
@@MadhukarShinde-k2t😂
ब्रामाणड गुरू के चेले 70 साल से गदहे से घोरे होने का प्रयास कर रहे है,पर फिर भि गदहे ही रह जाते है.😂
Kis bat ka guru
घंटा गुरू ,
मनुस्मृति दहन दिवस की हार्दिक बधाई।
एक दिन जलदी तेरी धार्मिक किताब का भी दहन होना तय है ज्यादा खुशी मत मना
आज के संविधान से बेहतर उस समय की मनु स्मृति थी ।
गुरु जी को बार बार प्रणाम मनु स्मृति के बारे में जो नहीं जानते मूर्ख वो ही जोमनु स्मृति की बुराई करते है मनु स्मृति को पड़ कर देखे उसमें केवल ज्ञान ही है किसी भी जाती या धर्म का बुराई नहीं है
मनुस्मृति यदि सही थी तो हिंदुओं को उसे अपने अपने घरों में लागू करना चाहिए । साथ ही उसे अपनी महिलाओं पर लागू करना चाहिए ।
अगर असली हिंदू हो तो कृपया मनुस्मृति को आज से ही अपने घरों में लागू करो ।
मैं मनुस्मृतिको मानता हूं मनुस्मृति में कोई भी गलत श्लोक नहीं है यह लोग जातिवाद करके हिंदू को बांटना चाहते हैं इसलिए ऐसा बोलते हैं
@@singeruditnarayan_मैं कहता हूं एक गांव में केवल मनुस्मृति लागू पता लग जायेगा क्या है मनुस्मृति
@sonu-patil05 मनुस्मृति में जो मिलावटी श्लोक है उसे हटाकर लागू करने से कुछ नहीं होगा
@@singeruditnarayan_ तो फिर लागू करलें अपने घर में
Manusmriti is correct......... Kam dimak Wale Log uska galat matlab nikalte hi.....
मनुस्मृती ही हिंदूराष्ट्र का असल संविधान है , अब वक्त आ गया है की मनुस्मृती लागू होनी चाहिए सनातन राष्ट्र मे , जय श्री राम 🚩🚩🚩
Yaha sanvidhan chalta hai manusmriti kabhi nahi
Teri 100 pidhi khatam ho jayega but not completed
Sabse pehle salwar pehan kr bhagne wala😂
जगद्गुरु जी को प्रणाम
आपसे यही उम्मीद थी
गुरु जी ने सही कहा बड़ा दिल दिखाने के वजह से ही मुसलमानो और अंग्रेजों ने शासन किया हम लोग गुलाम रहे हम अपने देश में ही सुरक्षित नहीं है सर धड़ से अलग कर दिया जाता है अपने त्योहार न मना पायें
मनुस्मृति ने देश को गुलाम बनाया। ऊंच नीच जात पात के कारण देश कमजोर हुआ। अकबर के दरबार में बीरबल, तानसेन, टोडरमल तुलसी क्या कर रहे थे? अकबर को भविष्य पुरान में ब्राह्मण बताया गया है। यदि ब्राह्मणवाद नही होता तो देश विश्वगुरु होता, जैसे सम्राट अशोक के समय था, अखंड भारत था
Rambhadra मनुस्मृती हर वर्ष जलायेंगे
जो समानता के khilaf हैं
"यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता " यह मनुस्मृति का ही श्लोक हैं
After hearing him , I am impressed and will follow on his path. Great interview by Anchor Chitra Tripathi
राष्ट्र के मजबूती के लिए सत्य सनातन धर्म संस्कृति की मजबूती बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी मजबूती ही सभी धर्म माझा पंखों की मजबूती सुरक्षित करेगी अन्यथा यहां 25% वाले हैं वहां किसी की नहीं चलती है सबको इज्जत नहीं बजाई जा सकता
मोहन भागवत का बयान 100% सही है
ये सही है कि अंबेडकर साहेब ने मनु-स्मृति को जलाया पर 20 वषों बाद उस पर अफसोस जताया। यह कटु सत्य है कि मनु-स्मृति की कॉपी है सविधान...😎
Aur tu kiski copy hai
Ye to bohot badiya baat hui...kaho fir sanvidhan zindabad. Sanvidhan ko bachane sadkon pe utro.
बाप को भेज तेरे बस की बात नहीं
If sanvidhan is a nothing but a copyfrom Manusmruti then any Brahman could have written the constitution of India...
इन आदरणीय से कई गुना ज्यादा विद्वान थे डॉक्टर अंबेडकर
यह सिर्फ एक धर्म के बारे में जानते हैं मगर वो दुनिया के लगभग सारे धर्मो के बारे में बारीकी से जानते थे
हां बिल्कुलसही अंबेडकर साहब ने बताया था पृथ्वी गोल है धरती से सूरज की दूरी भी अंबेडकर ने बताया था वरना हमारे ऋषि मुनि ने धरती चपटी बताई थी 😅😅😂😂😂😂😂😂🤣😂😂
Ha to ambedkar ki puja kijiye jarur स्वर्ग mil jayega
@singeruditnarayan_ तर्क करने की इसी तरीके को अंधभक्ती कहा जाता है, अगर इस महाशय की तुलना आप ऋषि मुनियों से कर रहे हैं तो ये आपकी नासमझी है मेरी नहीं
भाई बहुत जिज्ञासा है की 57डीग्रीया और वह भी पीएचडी,ऊस के नाम और स्वतंत्रता संग्राममे सहभाग,और यह जो संविधान लीखा वह अकेले ने लीखा क्या ऊसमे 3ब्रामहण भी प्रारुप सभा मे थे अयंगार बैनर्जी मुस्तफा मुस्लीम आंबेडकर और 300के ऊप्पर लोग रातदीन दो साल के ऊप्पर रातदीन लगे थे यह झुठ न्युज हैक्या ईतना बडा थोर पुरूष था जरा बताये
@@WaytoPolytechnic पहले अपने धर्म के बारे में ही ठीक से जानकारी हासिल कर लो अभी तक स्वर्ग नरक के जाल में उलझे पड़े हो,
सभी हिन्दुओं को जाग जना चाहिए ओर मनुस्मृती को ही देश के संविधान के स्वरूप में स्वीकार करना चाहिए
पुस्तकीय ज्ञान से कई गुना अधिक बडा वैदिक ज्ञान बडा होता है जो हमारी भारतीय ऋषि परंपरा में है इसे कोई झुटला नही सकता यह ससवत है और अनंत है यह हमारी धरोरर है।
LOL ja ke jangal me bina kapda ke kahe nahi rahta hai tumlog
Pelhar है।😂😂
😂😂😂
Pustakiya gyan se he log bade bade bane huye hai.
Pahle aap apna itihas janiye _Dr. Kiran
जगद्गूरू रामानंदाचार्य का कथन को हम सारे सनातनी पुर्णतया मानते हैं और माननिभी चाहिए।
Hahahaha
कभी खुद पढ़ कर देखलो।
हिन्दुओं के देश में क्या सारी शिक्षा हिन्दुओं को ही दिया जाता रहेगा और त्याग क्या केवल हिन्दू से ही अपेक्षित है ? यदि मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़े तो उसके लिए हिन्दू कोर्ट क्यों नहीं जा सकता ?
बाबासाहेब आंबेडकर समस्त विश्व के गुरु है ऐसा विद्वान शायद ही दुनिया में पैदा होगा
अंबेडकर क्या सच में इतना महान थे..??
जितना अम्बेडकर के बारे में बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है..??
🤔
अम्बेडकर और उसका झूठा प्रचार बंद होना चाहिए।
मैं कुछ मिथक रखता हूं अम्बेडकर से जुड़े हुए..
1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे।
सच्चाई -अंबेडकर पूरी जिंदगी में सदैव थर्ड डिग्री में पास हुए।
2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे।
सच्चाई -जिस जमाने में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमाने में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है वह भी कोट पैंट में।
3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया।
सच्चाई -अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे।
4-मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया।
सच्चाई -उस जमाने में अंबेडकर को गुजरात बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर दिया।
5-मिथक- अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया।
सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 20 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
6- मिथक-अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
सच्चाई -अंबेडकर ने सदैव अंग्रेजों का साथ दिया भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की अंग्रेजो को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया।
7-मिथक -अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे।
सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी।
8- मिथक-अंबेडकर ने अकेले आरक्षण दिया।
सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा ने दिया जिसमे कुल 389 लोग थे अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था आरक्षण सब के वोट से दिया गया था।
9-मिथक-अंबेडकर बहुत विद्वान था।
सच्चाई-अंबेडकर संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
स्थाई समीति के अध्यक्ष परम् विद्वान डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे।
10-मिथक-अंबेडकर राष्ट्रवादी थे।
सच्चाई-1931मे गोलमेज सम्मेलन में गांधी जी से भारत के टुकड़े करने की बात कर दलितों के लिए अलग दलिस्तान की मांग की थी।
11-मिथक-अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा।
सच्चाई-जो संविधान अंग्रेजों के1935 के मैग्नाकार्टा से लिया गया हो और विश्व के 12 देशों से चुराया गया है ,
उसे आप मौलिक संविधान कैसें कह सकते है ?
अभी भी सोसायटी एक्ट में 1860 लिखा जाता है।
12-मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे।
सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी। पटेल जी संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे बाद में नेहरू के कहने पर पटेल जी वापस आये थे।
सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनाने के लिए भारतीय देशी राजाओं, महराजाओं, रियासतदारों, तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी।इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुंच जाएगा।
13-मिथक-अंबेडकर स्वेदशी थे।
सच्चाई-देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती -कुर्ता, पैजामा-कुर्ता, सदरी व टोपी,पगड़ी, साफा, आदि हुआ करता था।गांधी जी ने विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी।
यद्यपि कि नेहरू, गाधीं व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे।
अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावा में नही है।अंबेडकर अंग्रेजिएत का हिमायती था।
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡
रिपोस्ट
ऐसा वैसा कुछ नहीं है इतने भी अंधभक्त ना बनो उनके पहले हुए नहीं क्या विद्वान भारत मे चाणक्य हुए आर्यभट हुए ये क्या थे फिर अब तुम एक को ही पकड़ कर बैठ जाओगे तो की भाई यही सही है कयुकि इसी ने हमे आरक्षण दिया है😅😅
❤❤
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
विश्व का मतलब भी पता है..? 😅😅😅
भारत का सर्वश्रेष्ठ संविधान है मनुस्मृत धर्मग्रंथ है मूर्ख लोग क्या समझेगे
आचार्य व जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी को प्रणाम !
सनातन धर्म की जय !
वन्दे मातरम !
जगद्गुरु जी को कोटि कोटि प्रणाम।
हिंदू समाज को ऐसे ही गुरुओं के मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
यह दुखद है कि हमारा संत अब राजनीति में दिलचस्पी रखने लगे हैं। शंकराचार्य कांग्रेसी और ये महराज भाजपाई
Rajniti ka gyan sant ko hi hota hai, sant hi gyan dete hai rajniti ka 👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼
संत राजनीति मैं बहुत पहले से रहते आए हैं तुम्हे पता ही नही तो क्या करना, अयोध्या, मथुरा, जनकपुरी, जहा तक की मगध साम्राज्य के भी पुरोहित चडक्या हुए जो राजनीति से लेकर युद्ध कोसल मैं भी राजा को सहयोग प्रदान करते थे
ऐसा आपको लगता है
पूज्य गुरुदेव जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
पूज्य महाराज जी की सदा जय हो- जय श्री राम
जगद्गुरु रामभद्राचार्य को हमारा कोटी कोटी प्रणाम बहुत सही सही तरीके से लोगो को समझाते है वो हमारी जगद्गुरु है आचार्य प्रमाण है
कम से कम एक सप्ताह तक प्रतिदिन लगातार 2-3 घंटे का प्रोग्राम कीजिए मनुस्मृति पर। बहुत बड़ा विषय है।
फाडी नहीं जलाई थी मनुस्मृती...
हर एक महिला हर एक भारतीय वही करेगा....
मनोज जी सही कह रहे हैं ये दोनों पूजनीय है कुछ आततायियों की वजह से पहले से ही हिन्दू अलग हो गए हैं राम जी ने सबरी ,केवट, भील आदि में कभी नहीं भेद किया किसी भेद शास्त्र में भेद भाव नहीं लिखा है ।
मनुस्मृति सनातन भारत का प्राचीन तम सविंधान है।
Sc st aur obc ke shoshan ka aadhar ,,,kuchh padh likh le
जिसको पसंद है अपने घर मे लागु करले ।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
Gandagi he 😂
@@RohitKumar-ir2qm गंदगी to sada gala संविधान hai ....or uska so called papa jo humpe zabaddasti थोपा gaya hai
मनुस्मृति को अगर बाबा साहेब अम्बेडकर जी अगर नहीं फाड़ते तो चित्रा जी को न्यूज एंकर बनने का भी मौका नहीं मिलता
पूजनीय स्वामी जी ने बिल्कुल सही बोले,
सहनशीलता ही करता है। ॐ क्रांति
Hajaron baudha mathon ko tumhi logon ne toda,,,wapas karoge
Poojniya nahi hain,,daya ke patra hain
Hahahahahahahahahahahahahahahahahahaha
Jagadguru rambhadracharya ko Mera sat sat Naman Jay Ho Shri Ram
जय हो स्वामी जी आपसे निवेदन है कि 25 dec को पेरियार की लिखी पाप गाथा सच्ची रामायण जलाने का शुभारंभ करें
बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर.…
से कुछ ऐसे कार्य करवाए गये ताकि के सनातनी हिंदुओं को आपस में लड़ा कर और बांट कर सत्ता सुख की राजनीति करी जा सके
क्योंकि जो जितना अधिक बुद्धिजीवी और विचार सील होता है वो उतनी ही जल्दी प्रभावित भी होता है
ये सारे कार्य उनसे कांग्रेस ने करवा लिए
आखिर कार उन्हें जब समझ में आया तब तक देर हो चुकी थी
अंततः उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर प्रायश्चित किया
पर जो कुछ उनके हाथों हो चुका था उसे कैसे गलत कहें
बात आत्मसम्मान की भी थी
बेचारे अपराध बोध को साथ लेकर मर गए
मनुस्मृति देव ग्रंथ है ओर उसका अपमान करते हुए भीमराव आंबेडकर ने उसकी पृति फाड़कर जो जघन्य अपराध किया गया था अनादर किया गया था। उसका फल तो उन्होंने भोगा ही मरणोपरांत भी ता भविस्य उनको आदर भारत में तो कम से कम नहीं मिल सकता।
इस व्यक्ति को तुम जैसे लोग ही महाराज जी कहेंगे जो हमेशा देश में एक पक्ष के बारे में सोचता है दूसरे शोषित और वंचित पक्ष को दबाने का काम करता है
किस को दबा दिया तेरे पापा से पूछ इन महाराज जी ने दबाया था क्या तेरे पापा मम्मी तुझे या तेरी बहन को 😂😂😂
Tera bhi guru sirf ek paksh ka hi bat karte hai
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Tu jabtak khud parisram nhi karega tujhe koi nhi utha skta , tujhe aaj v neta vanchit bolke vanchit rakh rha hai, ye tu jb tk nhi smjhega vanchit hi rhega
Where humanity ends , Islam begins
मनुस्मृति जलाकर बिल्कुल सही किया बाबा साहब ने जय भीम
बहुत सुंदर और स्पष्ट बात कही महाराज श्री ने …
एक भी ऐसा स्थान नहीं छोड़ा जाएगा जहाँ मंदिर था
कुछ नही कर होगा।
Har ek mandir leke rahenge jay shree ram
और हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ भी जल्दी से ढूंढना चालू होंगे एक भी मंदिर नहीं छोड़ा जाएगा जहां मठ न हो
@@ShivamShingh-r7p बुद्ध के पापा किस धर्म के थे, 😝
@shivam19962 वो तुम सोचो कि पापा जिस धर्म से थे बेटे ने वो धर्म छोड़ कर दूसरा धर्म बना लिया
We Have Too Much Respect For Mohan Bhagabat Sir.
हे गुरुवर हमारे भगवान समदर्शी है आप जगद्गुरु है इस जगत में सभी है
मनुस्मृति जला कर बाबा साहेब जी सही किए l❤
मनुस्मृति पहले खुद पढ़ो सुनी सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए
कुंठित मानसिकता से बाहर निकलो और उसे पड़ो, साथ ही अंबेडकर को भी पड़ो, ये नहीं की किसी ने बोल दिया बस वही गाते रहो
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
गूरूदेव की जय स्वागत योग्य वक्तव्य।
बाबा साहब ने कभी मनुस्मृति नहीं जलाई न फाड़ी, 25 दिसंबर 1927 को अम्बेडकर जी शाम को भाषण दिया और चले गये थे रात को मनुस्मृति जलाई उसका प्रस्थाव भी एक ब्रह्मण ने दिया था, और जिस मनुस्मृति को जलाया गया उसके बारे मै बाबा साहब ने 1938 मै बताया की मै जिस मनु का बिरोध करता हूँ ओ असली मनु महाराज की लिखी मनुस्मृति नहीं है बल्कि ईसा पूर्व 183 वर्ष पहले एक राज्य कर्मचारी सुमित भार्गव जिसका उपनाम मनु था उसकी लिखी थी, ये बाते आपको अम्बेडकर सम्पूर्ण वाढमय भाग 7 पेज 151 मै मिल जायेगी 🙏
मुझे अगर बाबा साहेब और रामभद्राचार्य जी में से एक को चुनना है तो मैं बिना सोचे १०० % बाबा साहेब जी को चुनूंगा। 🙏
संत की वाणी समाज को जोड़ने के लिए होती है तोड़ने के लिए नहीं मीडिया इस समय उन्हें को तवज्जो दे रही है इंसान से टीआरपी बढ़ रही है
संत को भी तुमसे सीखना पड़ेगा क्या बोलना चाहिए
क्या दुसरे समाज के संत मीडिया पर आकर अपनी वाणी से कितना समाज जोडने का काम करते है दिखाई नहीं देता या सुनाई नहीं देता।
Great ❤❤
अब ये सिखाएंगे कि अम्बेडकर ने सही किया या गलत
😂😂
अंबेडकर ने मनुस्मृति की जगह कुरान की आयत पढ़ ली होगी 😂😂😂😂😂😂😂
@@PremchandMaurya-ht6tj जय भीम जय संविधान भाई 💙
पढ़ तो ले पहले मनुस्मृति यहां पर बात कर
@sonu-patil05 तू ऑर तेरे खानदान को ही पढा तेरे कितने दीन काम आएगा ओ मेरे को बाद में बता... ओर तू भारतीय संविधान ऑर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अच्छा से पढ तब तेरे को संविधान की ताकत ऑर लढणेका होसला मिलेगा.
अब तो जब तक प्रत्येक मस्जिद न तोड़ दे तब तक रुकेंगे नहीं।
हर हर महादेव
मनुवादी, ब्राह्मणवादी कभी भी अपना असर नहीं छोड़ सकते कितना भी पढ़ जाए
उन से दूर रहो; वे अंधे मार्गदर्शक हैं; और यदि अन्धा अन्धे को मार्ग दिखाए, तो दोनों गड़हे में गिर पड़ेंगे।” इसलिये उन पर ध्यान न दो; वे अंधे अगुआ हैं जो अंधों को मार्ग दिखाते हैं; और यदि एक अंधा दूसरे को मार्ग दिखाए, तो वे दोनों ही गड़हे में गिर पड़ेंगे।”
भारतीय संविधान जिंदाबाद।
मोहन भागवत अब बूढ़े हो गये हैं उनका विकल्प भी तलाशना चाहिए
Or aa jo tera jagadguru hai e taa nojawan hai
मैं हू जगत गुरू वाह मरा घमण्डाचार्य जी
Rambhadracharya ji ko naman 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 main unke saath hu 👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼
Tumhare saath hone se kuch nahi hota 😂😂
Is desh mai rehna hai to ambedkar ambedkar karna hoga
Russia claimed to have cancer vaccine in 2024
China claimed to have diabetes cure in 2024
America claimed to have HIV vaccine...What Vishwaguru have ??😂😂😂
Charan sparsh guru ji
कोई भी एक व्यक्ति या तथाकथित धर्माचार्य हिन्दू धर्म का ठेकेदार नहीं हो सकता।
सबसे बड़े जगतगुरु बाबा साहेब अम्बेडकर जी हैं
😂
मनुस्मृति केवल ब्राह्मण के लिए होनी चाहिए
पूज्य महाराज जी को प्रणाम।जय श्री राम।
जिनको आंखों से दिखता नहीं है वह अपने आप को जगतगुरु कहता है
Haa he wo jagatguru tu dekh bina dekhe Jo jagatguru ho gye wah kya ni kar skte
Gurudev ko Pronam🙏🙏
जय सनातन धर्म की, 🙏🚩 गुरू देव की जय, धरोहर तो मिलना ही चाहिए।
मनु स्मृति तो भगवान बुद्ध के जन्म से पहले से है फिर भगवान बुद्ध ने तो उसका खंडन नहीं किया और ना ही जलाया।
मनुस्मृति में ऐसी कोई श्लोक ही नहीं है जिसे भगवान बुद्ध उसकाखंडन करते अंबेडकर कुछ ज्यादा ही पढ़ा लिखा था 😂😂😂😂 भगवान बुद्ध से भी ज्यादा
Manusmriti ek nimnkoti ki kitab hai,,aur ye buddha ke 400 varsh baad aaya
Tumhare hajaron dharm granth buddha ke ek din ke gyan se bhi kam hai,,,kyonki tumhara poora dharm granth kapol kalpit kahaniyon se bhara pada hai
बुद्ध के जीवनी के बारे मे पहले पढा करे ,उनके समय मे ब्राम्हणवाद नाही था!
शांति का संदेश देने वाले बुद्ध थे जिनको दुनिया आदर देती है
Acharya hiiii ka dhanyabad
जो हिंदू धर्म में वापस लौटेंगे उनको किस जाति में रखेंगे
सब बुद्ध के मंदिर तोड़कर काल्पनिक देवी देवता बनाया हैं।
काल्पनिक देवी देवता की जगह भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्त करने क्यों आए जरा बताना तो
@singeruditnarayan_ टोटल २८ बुद्ध हूए आप कीसकी बातें कर रहे हैं।
उत्तर नहीं आता तो तुरंत बुद्ध, पिताजी यादआते हैं।
@@singeruditnarayan_ कौन से देवी देवता के पास बुद्ध गए ज्ञान प्राप्तिके लिए।
भारत में सबसे पुराना मंदिर बोधगया का बुद्ध मंदिर है।
डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर विश्व के सबसे बडे विद्वान है . मनुस्मृती फाडके महान कार्य हुवा है .
Sahi kaha guru ji ne
To apne ghr pe lagu karo
@civilengineerak9487 wahi lagu ho rha h
अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा
यह कैसा महान देश है जहां पर
१. अंधा व्यक्ति देखता है
२. बहरा सुनता है
३. गूंगा बोलता है
मै सब हिन्दुओ से आग्रह करता अगर आपको मनुस्मृती चाहिये तो आप अपने घरमे लागू करें उसका पालन करें अन्य धर्मियो पर नहीं.
हम भी आग्रह करते हैं अम्बेडकर को भी हम पर थोपा na jai. ..अंबेडकर कोई आजादी के आंदोलनकारी नहीं थे। वो ब्रिटिशर्स के कोनियल सस्ता के रहनुमा थे जो उनकी फेलोशिप पर उनके एजंडे को पूरा करने के लिए रिसर्च का काम करते थे ,झूठ बोलकर आप सिर्फ इसलिए अंबेडकर का बचाव नहीं कर सकते क्योंकि भारत में एक जाति विशेष का व्यक्ति उनको अपनी जाति का नेता मानता है,
अंबेडकर कोई वास्तविक संविधान निर्माता भी नहीं थे न ही उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक दिन भी हिस्सा लिया। वो तो आखिर आखिर तक भारत की आजादी का विरोध ही करते रहे। हां, गांधी और नेहरु जरूर उनको साथ रखे हुए थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि एक साथ दो फ्रंट खुल जाए। एक ओर मुसलमान जिन्ना को लेकर अलग देश मांग ही रहे थे, दूसरी ओर दलितों को लेकर अंबेडकर भी अलग देश की मांग कर दें ,
भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाये रखने में उनका इतना ही योगदान था कि उन्होंने अलग दलित देश की मुहिम नहीं चलाई बस। दलितों के लिए सुरक्षित सीटों के फार्मूले पर मान गये
इसलिए अंबेडकर को व्यर्थ का पैगंबर या मसीहा मत बनाइये वरना एक दिन अंबेडकर के नाम पर लगातार गढा जा रहा झूठ इतना बड़ा संकट बन जाएगा कि फिर इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा। अंबेडकर जो थे, सच सच उतना ही बताइये,
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Gurudev pranam
Bahot achha rambhadracharya ji