मैं भारत की राजधानी दिल्ली के भजन पुरा करावल नगर के प्रेम विहार में रहता हूं मेरी उम्र लगभग 8 से 10 वर्ष के करीब ठ थी तब मैं दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के बागपत शहर बड़ोद के सरूरपुर के लिए अप डाउन करता था सिर्फ एक याद कायम रखने के लिए इसी टैंपू में जिसे बागपत में गणेश जी के नाम से जाना जाता है
Got tears in my eyes ...in summers We use to go to the "nani k ghar" ... Suddenly reminded me demise of my nani...We don't go now anywhere with that enthusiasm...
मेने आप का ये हैन्ड सैट टैम्पो देखा तो मुझे 1977 की याद आ गयी मैं पहाड़ गन्ज नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से आज़ाद पुर मंडी के लिए बैठ कर जाता था उस समय केवल मात्र 20 पैसे किराया लगता था इस को गणेश टैम्पो के नाम से जाना जाता था
टेम्पो के पेट्रोल इंजन की आवाज बहुत अच्छी लगती थी। आवाज भी बहुत धीमी होती थी लेकिन बाद में इसमें डीजल इंजन लगा दिया जोकि रस्सी से स्टार्ट होता था और बहुत आवाज करता था
पुरानी गाडियां मजबूत बहुत थी टेम्पू, लेंब्रेटा स्कूटर, एंबेसडर कार, टाटा मरसरी टर्क, जीप, जावा मोटर साइकिल, हरकुलस साइकल, निसान टर्क आर्मी वाला, जोंगा जीप, बुलेट मोटर साइकिल,, 1970के बाद तक 1984/85के बाद बदलाव शुरू हुआ दिल्ली,में
Good video विश्वास नही होता की 452 cc 2 stroke इंजिन १०-११ सवारी और सामान के बोझ को सहजता से ढो लेता था। आज घर घर में 350 cc 500cc bike हैं और सब्जी भाजी लाने मे दिक्कत होती है। बेटे की 750cc Harley में भी बड़ी मुश्किल से pillion rider की सीट दी है
मेरी उम्र .55. वर्ष है मैं जयपुर में रहता हूं। मैं लगभग में 15.वर्ष का था। तब इसकी सवारी बहुत की है । उस समय , एक से दो किलोमीटर यात्रा करने के बीस पैसे लगते थे। और हमारे हवामहल बाजार में चढ़ाई होने के कारण ये बहुत धीमी गति से चलता था।इसी कारण होली के त्यौहार पर इसमें बैठी सवारियों पर रंग, पानी से भरे गुब्बारे फैंकने में बहुत ही मजा आता था।😀👍
#carinfo Main Bhopal se hoon aur yaha ye wale tempo public transport ke liye istemal kiya jata tha aur hamare yaha isko modify karte the owners chamakte yellow colour jaise polished ho sound bullet ke jaisi aaye uske liye bhi jugadh andar leather seats aur grab handles main plastic grab handle back support leather ka andar flooring foam aur carpet ki fully decorated with different panels of lights barish main andar pani na aaye uske liye window covers aur haan ek cassette player bhi aur hamare yaha ye 2003 se 2005 tak chale depending on there papers.... Childhood memories.... ❤️😊😊❤️
@@shantsheelshukla3475 nahi Kasturba Hospital se lekar hamidiya hospital mera school St John's tha govindpura C sector main isliye kayi baar jana hota tha tempo se agar main late ho jaun to....
I am from Burhanpur Madhya Pradesh i saw these tempos from my childhood to teenage.these tempos banned in year 2013 . Those tempos far better than appe and auto rickshaw on that time and now as well.it was good experience for me to got ride of it . tempos ussed to running between Burhanpur city market to Burhanpur railway station.
I used to ride these when visiting my grandparents in Jodhpur. Would pay double fare just to sit with the driver. They had a tough time on high inclines of flyover and struggled if overloaded. Passengers had to get down and board again after reaching the top.
जितना भयानक यह दिखता था, उससे कहीं ज़्यादा भयानक इसकी आवाज़ होती थी😱😱😱 । जैसे कोई 50 caliber राइफल full automatic mode पर चल रहा हो। ठंड की अंधेरी शाम को धुंध के बीच सुनसान सड़क पर खड़ा देखना तो और भी भयानक होता था।
yesss... humne childhood 👶👧👦era me TEMPO HANSET k original petrol version me hi sawaari kiya karte the ... badi pyari awaaj thi engine ko .... pollution Negligible hi tha... dar asal village se naye naye industrial township me convert hote cities k liye conventional (very slow) tonga/taanga/🐎coach ko replace karne k liye India🇮🇳 k roads me introduced kiya gaya tha.. ok 👌🇮🇳
मेरा जन्म1992 का है ,, मैं राजस्थान में अजमेर का रहने वाला हूं ,, आज से ठीक 24 25 साल पहले में जब दूसरी तीसरी कक्षा में पढ़ता था ,, जब मेरे माता पिता मुझे 2 रू किराए के लिए देते थे ,, घर से स्कूल और फिर स्कूल से घर आने जाने के लिए ,, उस समय 1 रू किराए का लगता था ,, जब में इसी टेंपो में आता जाता था ,, मेरा पूरा बचपन इसी टेंपो में बीता है ,, ❤❤ वो भी क्या दिन थे।
Maine mp me ekbaar tempo me safar kiya tha ujjain k as paas Seat k hisabse sharing me Humare yaha tempo trax Minidor Matador Gadiya sawariyon ko le jate hain
पंजाब में मोगा, जगराऊं शहर के ऐरीआ में बहुत है, पंजाब में इसके नाम गणेशा, भूंड, काले मुंह वाला आदि नाम से बुलाते हैं, जिस ने इसकी रैगूलर सवारी की है तकरीबन उसके नाक और बाजू पे इसका निशान तकरीबन होता है, कयोंकि इसका गला़, गरदन से बहुत टूटता है, फिर उसके नाक और बाजू पे चोट जरूर पडता था.
यह मेरे पापा के पास भी थी। इससे कई सारी यादें जुड़ी है। हम इसे गणेश टैंपो कहते थे। ❤️
मैं भारत की राजधानी दिल्ली के भजन पुरा करावल नगर के प्रेम विहार में रहता हूं मेरी उम्र लगभग 8 से 10 वर्ष के करीब ठ थी तब मैं दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के बागपत शहर बड़ोद के सरूरपुर के लिए अप डाउन करता था सिर्फ एक याद कायम रखने के लिए इसी टैंपू में जिसे बागपत में गणेश जी के नाम से जाना जाता है
Right sir
Bilkul sahi 👍
Bhayi PRAYAGRAJ me bhi ese Ganesh ji k naam se jana jata hai.
Ganesh hi hum bulate the👌
Maine ye shahadra mein chalte dekhein hain
ਜ਼ਿਲਾ ਲੁਧਿਆਣਾ ਦੇ ਪਿੰਡ ਵਿੱਚ ਚਲਦਾ ਹੈ ਜੀ ਸ਼ਹਿਰ ਦੋਰਾਹਾ ਤੋਂ ਰਾੜਾ ਸਾਹਿਬ ਤੱਕ ਚਲਦਾ ਹੈ ਜੀ ਤਹਿਸੀਲ ਪਾਇਲ
Got tears in my eyes ...in summers We use to go to the "nani k ghar" ... Suddenly reminded me demise of my nani...We don't go now anywhere with that enthusiasm...
💕♥️♥️
मैं पंजाब से हूं हमारे गांव से मोगा शहर को अब भी टेम्पो चलते हैं और मोगा से अलग अलग गांव को कम से कम 150से ज्यादा टेम्पो चलते हैं
Now I am around 50. But the typical tempo sound " bud bud bud bud................." of childhood will never be erased from my memory.
Uncle tempo toh aaj bhi bud bud bud hii karti smooth toh chalti nahi hai😂
मेने आप का ये हैन्ड सैट टैम्पो देखा तो मुझे 1977 की याद आ गयी मैं पहाड़ गन्ज नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से आज़ाद पुर मंडी के लिए बैठ कर जाता था उस समय केवल मात्र 20 पैसे किराया लगता था इस को गणेश टैम्पो के नाम से जाना जाता था
ਸਾਡੇ ਪਿੰਡ ਅੱਜ ਵੀ ਚਲਦਾ ਹੈ ਜੀ
Kolkata me Tempo ka naam Bhutt tah aaj kolkata me Tempo ek bhi zinda nahi hai gayab hogaya lekin Kamal ka cheez tah🌹
ਮੈ ਵੀ ਟੈਪੋ ਦੀ ਸਵਾਰੀ ਕੀਤ ਹੈ
Punjab mein ajj bhi chalte hai Moga,jagraon, barnala mein aur bhi bhut chll rhe hai
टेम्पो के पेट्रोल इंजन की आवाज बहुत अच्छी लगती थी। आवाज भी बहुत धीमी होती थी
लेकिन बाद में इसमें डीजल इंजन लगा दिया जोकि रस्सी से स्टार्ट होता था और बहुत आवाज करता था
Bhi ganes ki kapasti 30 yatri ko batha ke lejane ki samta ha
Baki ham log kitni savari batha te the ye to mat pucho bhai
Good ganes
J aaj v chl rha hai
25 year pehle ghuma hai is pe sach bohot yade jude hai isse 😊 awesome video
Humre v 2 tempo the Aaj v 1hai humre paas tempo wo abhi v chalta hai
पुरानी गाडियां मजबूत बहुत थी टेम्पू, लेंब्रेटा स्कूटर, एंबेसडर कार, टाटा मरसरी टर्क, जीप, जावा मोटर साइकिल, हरकुलस साइकल, निसान टर्क आर्मी वाला, जोंगा जीप, बुलेट मोटर साइकिल,, 1970के बाद तक 1984/85के बाद बदलाव शुरू हुआ दिल्ली,में
Good video विश्वास नही होता की 452 cc 2 stroke इंजिन १०-११ सवारी और सामान के बोझ को सहजता से ढो लेता था। आज घर घर में 350 cc 500cc bike हैं और सब्जी भाजी लाने मे दिक्कत होती है। बेटे की 750cc Harley में भी बड़ी मुश्किल से pillion rider की सीट दी है
IN MY CHILDHOOD (1971)THESE TEMPOS ARE RUNNING BETWEEN TIRUPATHI TO THIRUTHHANNI.
Ha meni ke hi
Way back to 1996 ::::When I was in class 1 .
I first time saw this tempo and started crying😭😭😭😭. It's sound and looks were very horrifying at that age
🤣🤣🤣🤣😭😭
I also find it look horrifying during childhood. Used to stop my bicycle and let this vehicle pass.
When I was 3-4, I was afraid of tractors whenever I'd visit my native place
@@AmitGupta-md7oxhorrifying specially in black colour
Ha ye hamare gwalior ki shaan thi aik time ham bahut ghume h
आपने हमारे बचपन की याद दिला दी
हमारे यहां अब भी दो चार चल रहे हैं इनको गणेश बोलते हैं 20 सवारी बैठाते हैं पुरानी यादें हैं
Ye dekhne ke baad mujhe Bachpan yaad aathaa hai. Ye savari mujhe pasand hain.
मेरे तो मामा चलाते थे आगरा से फतेहपुर सीकरी
Bachpan ki yaadein taaza ho gayi 😍😍
chandigarh me aabhi bhi ye chalte hai
हां हां हम लोग भी बचपन में शुगर गाड़ी बोलते थे पर अब यह विलुप्त हो चुकी
Nhi j ab bhi hai
मेरी उम्र .55. वर्ष है मैं जयपुर में रहता हूं।
मैं लगभग में 15.वर्ष का था। तब इसकी सवारी बहुत की है । उस समय , एक से दो किलोमीटर यात्रा करने के बीस पैसे लगते थे।
और हमारे हवामहल बाजार में चढ़ाई होने के कारण ये बहुत धीमी गति से चलता था।इसी कारण होली के त्यौहार पर इसमें बैठी सवारियों पर रंग, पानी से भरे गुब्बारे फैंकने में बहुत ही मजा आता था।😀👍
You recall my memories,,,, Tq,, 🙏
#carinfo Main Bhopal se hoon aur yaha ye wale tempo public transport ke liye istemal kiya jata tha aur hamare yaha isko modify karte the owners chamakte yellow colour jaise polished ho sound bullet ke jaisi aaye uske liye bhi jugadh andar leather seats aur grab handles main plastic grab handle back support leather ka andar flooring foam aur carpet ki fully decorated with different panels of lights barish main andar pani na aaye uske liye window covers aur haan ek cassette player bhi aur hamare yaha ye 2003 se 2005 tak chale depending on there papers....
Childhood memories.... ❤️😊😊❤️
Jinsi chourahe se kamla park...
Iska naam tha bhat suvar
@@shantsheelshukla3475 nahi Kasturba Hospital se lekar hamidiya hospital mera school St John's tha govindpura C sector main isliye kayi baar jana hota tha tempo se agar main late ho jaun to....
J aaj v jinda hai chl rhe hai
Ratlam me aaj bhi chalte he ..Mp me
We still have these in Punjab
Aaj bhi Punjab k kuch districts me abhi bhi. Chalte hain .2022 me.
Kasam se bachpan yaad aa gaya
Thank you so much
Good information about Ganesh Tampoo.👌
I am from Burhanpur Madhya Pradesh i saw these tempos from my childhood to teenage.these tempos banned in year 2013 . Those tempos far better than appe and auto rickshaw on that time and now as well.it was good experience for me to got ride of it . tempos ussed to running between Burhanpur city market to Burhanpur railway station.
1992 m mana karada tha jiska mula 84000 kimet the very beautiful savari the
In our city there was a famous stand for these called tempo stand . It was a huge almost 35 tempo's used to stand there in small area. It was so good.
मेरे यहाँ इस टेम्पो को गणेश जी कहते थे, बचपन में मैं गणेश जी पर बैठ कर अपनी ननिहाल जाया करता था। वो भी क्या दिन थे।
Hmare yha isko
Ganesh g kha jata tha
Isme koi yaqeen na bhi
Kre Tb bhi
Lekin ye bat bilkul Sach he
70 swari tak bitha li jati thi
Bhopal aur ujjain me bohut chalti thi ye gadi
❤Good information. Thanks ❤
Mere gavon main bhi ajj bai chlte hai
Dost1972 mey daddy is tempo ko karidha tha mein isme driving sikha, us waqt mein sirf 8 saal ka tha
I used to ride these when visiting my grandparents in Jodhpur. Would pay double fare just to sit with the driver. They had a tough time on high inclines of flyover and struggled if overloaded. Passengers had to get down and board again after reaching the top.
Childhood memory !
जितना भयानक यह दिखता था, उससे कहीं ज़्यादा भयानक इसकी आवाज़ होती थी😱😱😱 । जैसे कोई 50 caliber राइफल full automatic mode पर चल रहा हो।
ठंड की अंधेरी शाम को धुंध के बीच सुनसान सड़क पर खड़ा देखना तो और भी भयानक होता था।
In my country called bemo based on Daihatsu Midget MP5. greetings from Indonesian🇲🇨
In my childhood in 1980s I have traveled in Tempo Hanset, even i have traveled from Kanpur to Lucknow
Tempo bahut hi fascinate karta hai aur life time karta rahega issko restart karna chahiye because ye sabse sasta mod of transport he ❤❤❤
हमारे तो घर में 2 थे लोडिंग में इसका कोई जवाब नही था
मैंने भी इस टैंम्पो मे जयपुर में आठ साल तक सफर किया था
हमारे यहां पर इसको “तोता गाड़ी” कहते थे।
Old is Gold
Yes bhai
यह टेमपो बहुत सही गाडी है भिलाई चलती है
अभी भी चलती very Good है
main khoob ghuma Hun ine gadiyon mein tempo mein nice wali hoti thi 😇😇🤗🤗
Mai bhi school ismai hi jaya karta tha ik baar chalaya bhi tha...when i was in 8th class
Nostalgic one. 🌹👌
Bachpan ki Dukkar gaadi 90s me
Bahut hi shandar gadi shaktishali engine hota Hai Maine khud ne drive Kiya hai 💪
अजमेर मे बहुत थे । हम भी बैठे हे 😎
Mast tha ye dukkar riksha
बहुत ही अच्छा लगता था उस समय और बहुत ही मजा आता था अपनी लिमिट से 20 परसेंट सवारी एक्स्ट्रा लेकर चलता था
I also travell this tempo farodia
yesss... humne childhood 👶👧👦era me TEMPO HANSET k original petrol version me hi sawaari kiya karte the ... badi pyari awaaj thi engine ko .... pollution Negligible hi tha...
dar asal village se naye naye industrial township me convert hote cities k liye conventional (very slow)
tonga/taanga/🐎coach ko replace karne k liye India🇮🇳 k roads me introduced kiya gaya tha.. ok 👌🇮🇳
Madhya Pradesh me dikhte he aaj bhi kabhi kabhi
मेरा जन्म1992 का है ,, मैं राजस्थान में अजमेर का रहने वाला हूं ,, आज से ठीक 24 25 साल पहले में जब दूसरी तीसरी कक्षा में पढ़ता था ,, जब मेरे माता पिता मुझे 2 रू किराए के लिए देते थे ,, घर से स्कूल और फिर स्कूल से घर आने जाने के लिए ,, उस समय 1 रू किराए का लगता था ,, जब में इसी टेंपो में आता जाता था ,, मेरा पूरा बचपन इसी टेंपो में बीता है ,, ❤❤ वो भी क्या दिन थे।
Old golden days in my life
Owaisom Bhai Ispe Bachpan Me Bahot Sawari Kiya Hun Bhai
Wo Maza Hi Kuch Aur Tha 👍
Maine mp me ekbaar tempo me safar kiya tha ujjain k as paas
Seat k hisabse sharing me
Humare yaha tempo trax
Minidor
Matador
Gadiya sawariyon ko le jate hain
Ganesh ji
loved the sound.. 2stroke.
यह पंजाब के पठानकोट साइड में आज भी चलते हैं। 😊☺️ बहुत सवारी की है इस गाड़ी में
Bajaj ka ganesh Auto 1980 me ye aam tha jo 70 ka average deta tha lekin bahut awaz karta tha 😂
Nostalgic and childhood memories.
Very important and usefull information about old automotive vehicles. Very good 👍
I was a great time ever since we can see it we are going to 🚜🚜tractors to go on the first time with my family and I love it❤
Childhood memories
1975ke wakt me ye Aj Ke tata marcopolo bus thi
This was the rare vehicle in south India during it's Era.
👍👍👍👍👍👍👍👌👌👌👌supar bai
Tempo दुबारा लाया जाए और कुछ चेंज कर के
Ise Ganesh tempo kehte hain
Maza aata tha.....😂😂😂
Kouwa bola karte the hum...
I remember way back 1987 school children's use to commute with this. At that time it use to cost more then 75000.
Travelled in UP Gawlior 10 years before
Nostalgia... Wow.
हमारे लखनउ और कानपुर में इसे गणेश कहते थे ।
Fatafati bolte hum log
My dad is driving the tempo 1965
Tempo for those who are educated....
For us it was "Suar Gaadi"....
😁😁😁
Old is gold
Bachpan me bahut travelling kiya tempo hanset se...hum esko " Dukkar " bolte the...usme etna vibration tha ke free me pura body massage ho jaata...😂😂😂
most people call dukker
It was very spacious.. I think it is best design for 3wheeo car concept. Its dimensions must be included in info.
Actually rempo hanseat petrol engine was a excellent machine. Smooth noiseless but diesel version was not at all good yet a jugad vehicle
Yes but it was powerfull
Nice Three wheeler
Prayagraj me ise ganesh kahte hai.
Aaj bhi hamare gaon mein chalta hai tempo
पंजाब में मोगा, जगराऊं शहर के ऐरीआ में बहुत है, पंजाब में इसके नाम गणेशा, भूंड, काले मुंह वाला आदि नाम से बुलाते हैं, जिस ने इसकी रैगूलर सवारी की है तकरीबन उसके नाक और बाजू पे इसका निशान तकरीबन होता है, कयोंकि इसका गला़, गरदन से बहुत टूटता है, फिर उसके नाक और बाजू पे चोट जरूर पडता था.
2000s ke time par last dekha tha maine isko.