Kaleem Iqbal क्रांतिकारी बनना लाज़मी है पर दिशा के साथ अगर आपके पास एक मौजू है आपके पास नजरिया है जिसमे अमीर और गरीब पर नफरत को उड़ेलने कि जगह सबको समानता और बंधुत्व की डोर से बांधते हैं!तब कभी हमे दिशाहीन क्रांतिकारी बनने की जगह शिक्षा चिकित्सा और न्याय की डोर पकड़ेंगे और अपने विकास की पतंग बहुत ऊंचे होगी।जय हिंद
Mashoor hune ka criteria pehle kuch our tha. Pehle log Dhondthe the Jab yhe nazem padhi gayee, dusri bat abadi kam thi, theesri social media ka dour nhi tha. Lekin ab UA-cam mai samne atta hai Thu dekh lethe hain our istarah viewers increase hu jata hai, population ziada hai our social media ka dour hai. Aj kal Ju bhi chiz UA-cam pr dalo, viewers lakhon mai hu jathe hain. Aj kal songs jiska millions views huthe hain lekin old singers jaise Nayyara noor, Mehdi Hassan khan, Radhik chopra, Medam Noor jahan, Humaira channa, Tassawur khanum, Naheed akhtar jinke viewers sirf 50k huthe hain. Maqsad yhe hai k mashhoor hune ka standard yhe nhi hai k apke millions of viewers hu
@@abedkhan4629 Sorry, you have got it wrong. I am a Urdu speaker and I don't understand Hindi language fully, only bits and pieces. Please don't belittle a great language URDU of the sub-continent. Urdu is a unique and separately rich language on its own, just like Hindi is a separate and rich language on its own.
ना तो मैंने उर्दू पड़ा है ना हमारे वक्त पर हुआ करता था पर इस ग़ज़ल को सुनकर हर किसी को ऐसा लगता है कि यह तो हमारी अपनों के बारे में है इसमें धर्म का कोई बंधन धर्म का एंगल धर्म का कोई लगाओ टकराव है ही नहीं इतनी इतनी सुंदरता से इसको बयान किया गया है जो जहां चाहे जिंदगी के जिस मोड़ पर चाहे वही इस ग़ज़ल को लगा सकता है चाहे भगवान से लगा लो चाहे दुश्मन से लगा लो चाहे यार दोस्त से लगा लो चाहे अरे गैरे से लगा लो
Hindi Translation: I got this translation done from google though I made some changes . हम देखेंगे निश्चित है कि हम भी देखेंगे वो दिन कि जिसका वचन मिला है जो वेदों में लिख रखा है जब अत्याचार का हिमालय भी रुई की तरह उड़ जाएगा हम प्रजाजनों के कदमों तले जब पृथ्वी धड़ धड़ धड़केगी और शासक के सर के ऊपर जब बिजली कड़ कड़ कड़केगी जब स्वर्गलोक सी पृथ्वी से सब असुर संहारे जाएँगे हम दिल के सच्चे और वंचित गद्दी पर बिठाए जाएँगे सब मुकुट उछाले जाएँगे सिंहासन तोड़े जाएँगे बस नाम रहेगा ईश्वर का जो सगुण भी है और निर्गुण भी जो कर्ता भी है साक्षी भी उठेगा “अहमब्रह्माअस्मि:” का नारा जो मैं भी हूँ और तुम भी हो और राज करेगा ब्रह्म-पुरुष जो मैं भी हूँ और तुम भी हो हम देखेंगे!
It's good that Indians are using Pakistan's poetry for a genuine cause atleast, otherwise it is usually copied by bollywood for movies that have nothing to do with real life and thus destroy the meanings of lyrics.
The words of this ghazal is hinting towards the day of judgement when everyone will get justice and no one will be blessed based on his status in this mortal world
Lady sang wearing sari after zia ul haq banned sari for muslim women in pakistan! it was her way of opposing! i guess people hardly know this fact! And such a nice piece of faiz sahab has been used for all kind of perspectives!
@@wasichaudhary2473 ji Ye koi zaroori nahi k inko samjh na aayi ho ..Ye aap log urdu ko mazhab me kyu taqsim karte ho ..Aapko kya lagta hai urdu sirf aapko samjh aati hai میں آپ کو بتاتا ہوں کہ میں نے اردو زبان گھر بیٹھے ہی سیکھ لی تھی
it's not for only for urdu speakers but everybody oppressed the words are like mirror for rulers of the day that's why people like zia and now modi supporters are disturbed
हम देखेंगे मा को सफल होते हुए अपने किस्से लोगो को सुनाते हुए हम देखेंगे जब पिताजी को फोन आते हुए बधाई के और उनके मुस्कुराते हुए सबको शुक्रिया कहते हुए हम देखेंगे जब सारी थकान मिट ते हुए मेहनत की और खुशी से ढेर सारे आम खाते हुए हम देखेंगे खुद को सफल होते हुए!
Pakistan has seen things long before India is experiencing nowadays . We have passed through tough times durning 72 years. Brave poets and singers played their parts in pakistan to take back their rights. This poetry kills all dictators like Zia and now MOODY sala. See how the people clapping and shouting during her singing as Indians are doing nowadays first time. Pakistani people suffered a lot at the hand of India America Russia and our own dictators
अब विश्व उन लोगों के छत्र के नीचे आएगा जो सच स्वीकार करेगा। यह अन्तरिक्षकाल है और फिजिक्स की पराकाष्ठा रिमोटसेंसिग का दौर है।इसके आगे मेटाफिजिक्स का खुला हुआ द्वार है।
Truth always prevail.... But stil we think otherwise that that will not happen to us, let the good sense prevails up on to whom this is dedicated and other like
Hum Dekhenge, Hum Dekhenge, We will see. We will see. Lazim Hai Ke Hum Bhi Dekhenge, It is inevitable (that) we too shall see. Hum Dekhenge, Hum Dekhenge, We will see. We will see. Wo Din Ke Jis Ka Vaada Hai, The day that has been promised. Jo Lauh-E-Azal Mein Likha Hai, Hum Dekhenge That is written in the book of destiny. We will see. Hum Bhi Dekhenge, Hum Bhi Dekhenge We, too, shall see. We also shall see. Jab Zulm-O-Sitam Ke Koh-E-Garan When the mountains of oppression and cruelty. Rooyi Ki Tarah Ud Jayenge, Hum Dekhenge Will float away like carded wool. We will see. Hum Mehkumon Ke Paon Tale, Underneath our feet - we the governed. Ye Dharti Dhar Dhar Dharkegi, The ground will echo like a thumping heartbeat. Aur Ahl-E-Hakam Ke Sar Oopar, And the sky over the heads of the rulers. Jab Bijli Kar Kar Karkegi, Will echo with the sound of thunder. Hum Dekhenge. Hum Dekhenge. Bas Naam Rahega Allah Ka, And only Allah’s name will remain. Jo Gayab Bhi Hai Hazir Bhi, Who is both elusive and present. Jo Manzar Bhi Hai Nazir Bhi, Who is the spectacle and the beholder. Utthega An-Al-Haq Ka Nara, ‘I am the truth’ will be the acclamation. Jo Main Bhi Hoon, Aur Tum Bhi Ho, Which I am, and so are you. Aur Raaj Karegi Khalq-E-Khuda, And then God’s own people will rule. Jo Main Bhi Hoon Aur Tum Bhi Ho, Which I am, and so are you. Hum Dekhenge. Hum Dekhenge We will see. We will see.
अगर ये अघोषित आपातकाल है और तब लोग इतना बेधड़क होकर बोल पा रहे है सरेआम जिसका जिसे मन हो रहा है बोल रहा है और हरकते भी कर रहे है । कोई आग लगा रहा है कोई तोड़ फोड़ कर रहा है ।तब अगर ये अघोषित आपातकाल नही होता तब क्या करते समझ में नही आता । आम जनता तो इतना ही उपद्रव देखकर हैरान है कि इस देश में हो क्या रहा है । ठीक है अभी बीजेपी की सरकार है जो नाराज है उन्हें इंतजार करना चाहिए अपनी बारी आने का । कई कानून ऐसे बने जिससे स्वर्ण समाज नाराज रहा पर ऐसा उपद्रव करने की सोच भी नही पाया और सोचे भी कैसे स्वर्ण समाज को अपने अलावा हरामखोरो के पेट भरने की भी चिंता करनी होती है । उसे कहा सब मुफ्त में मिलता है । कुछ तोड़ने फोड़ने से पहले उसे अपने द्वारा दिए गए टैक्स की भी तो याद आ जायेगी ना ।ये अघोषित आपातकाल का दौर नही है ।बल्कि नाराज लोगो की उच्छश्रृंखलता का दौर है
@@sandhyaojha643 sabhi peaceful protest me sanghi suwaro ne ghus ke aagjani Kiya hai. Sabhi peaceful protest ko hinsak tumare Jaise sanghi suwaro ne banaya hai. Or paaltu kutte ki Tarah kaam Kar rahe police walo ne hinsak banaya. Lekin ab ham krantikari rukne wale Nahi. Hain. Pahle Hindu Muslim milke lade the. Goro se. Ab HM milke ladange. Choro se
@@sandhyaojha643 - तुम सत्य से दूर और अंधी हो । तोड़ फोड़ और आगजनी सब तुम्हारे भाई आर एस एस के कुत्तों ने किया है । तुम निर्लज्ज हो अपनी आँखों का इलाज और हो सके तो दिमाग का इलाज करवा लो ।
@@HUDANOORUL आपको कम से कम भाषा की मर्यादा का ही ध्यान रखना चाहिए । मैंने तो किसी वर्ग विशेष का नाम ही नही लिया । ठीक है मैं अंधी ही सही और आप सही कहते है मैं ही नही कितने ही अंधे बनकर घूम रहे थे देर से ही सही अब कुछ कुछ दिखना तो शुरू हुआ है । निर्ल्लज मई ही क्यों मेरी पूरी कौम है जिस कौम ने पूरी दुनिया को परेशान करके रखा है उसी कौम को हमने सर चढ़ा रखा है । आप ही सही हो
@@whoknows4678 Sir jab Pakistan mein jiyaul huq ka shashan tha emergency jaise halat the tana Shahi ka bolbala tha yaha tak k kale rang per bhi paribandh tha aur Faiz Ahmad Faiz ka yeh geet to bilkul paribandhit tha aise samay mein Iqbal bano ne ek program mein Kali sari pehan kar janta k beech isse gaya aur Pakistan mein inqilab ki lahar door gayi
I have no words. I haven't understand any thing but enjoyed every line as if I am in heaven. The hell and the heaven are very much here on this most beautiful Earth and so the Gods and goddesses are too. Do we really require any other imaginary things. Kudos to the writer and singer, as if Total calm, total peace.
जब जनरल जिया उल हक़ ने पाकिस्तान में साड़ी पहनने पर पाबंदी लगाई थी तब इक़बाल बानो ने काली साड़ी पहन कर लाहौर में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की यह नजम लाइव कंसर्ट में गाई थी वहाँ आये लोग जोश में इंक़लाब ज़िंदाबाद के नारे लगाने लगे। इसके बाद जनरल जिया ने इक़बाल बानो के कंसर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था यहाँ तक कि इक़बाल बानो के गानों पर भी बैन लगा दिया था।
सरकारी नहीं क्रान्तिकारी बनो
फ़ैज़ साहब को मेरी रूह का सलाम
Kaleem Iqbal क्रांतिकारी बनना लाज़मी है पर दिशा के साथ अगर आपके पास एक मौजू है आपके पास नजरिया है जिसमे अमीर और गरीब पर नफरत को उड़ेलने कि जगह सबको समानता और बंधुत्व की डोर से बांधते हैं!तब कभी हमे दिशाहीन क्रांतिकारी बनने की जगह शिक्षा चिकित्सा और न्याय की डोर पकड़ेंगे और अपने विकास की पतंग बहुत ऊंचे होगी।जय हिंद
Bhai aap kaha qabrasthan se likh rahe hei? FAIZ SAHAB KI RIH KO MERA SALAM. it should be other way around. Thanks
@@manzaruldey5583 😂😂sahi baat hai bhai
Sabse pahle Bharatiya bano
Faiz Sahab represents the whole lot of oppressed Globally. Salam to this immortal poem which will be relevant for all the time under any tyrant ruler.
Wow
Weldone Iqbal Bano Ji ♥
भाई मुझे तो ये नज़्म बहुत लगा।
मैंने जब से सुना है बार बार सुन रहा हु।
रोज 2-4 बार सुनता हूं।
बहुत अच्छा लिखा है गाया भी है।
लाजवाब, जितनी भी इस गीत की तारीफ की जाए ,कम ही होगी।
I havent heard such lively audience, so involved in the song .. You deserve applause .. One like for audience ..
It's most likely that evening when she wore a saree in Zia's Pakistan and sang this on stage, with the audience applauding every line
50,000 audience in the stadium supposedly
बहुत सुन्दर। सत्यमेव जयते।
Jai Hind 🙏
You are right
Satyamev Jayate exactly...
Iqbal bano , a Pakistani singer ,singing beautiful poetry written by a Pakistani poet ,in pakistan still lives in our hearts .
Faiz Ahmed faiz saab ki klm se hai
Ye nazam iqbaal bano ne jis vaqat padi os se zayada mashhoor ho rahi hai.
Mashoor hune ka criteria pehle kuch our tha. Pehle log Dhondthe the Jab yhe nazem padhi gayee, dusri bat abadi kam thi, theesri social media ka dour nhi tha. Lekin ab UA-cam mai samne atta hai Thu dekh lethe hain our istarah viewers increase hu jata hai, population ziada hai our social media ka dour hai.
Aj kal Ju bhi chiz UA-cam pr dalo, viewers lakhon mai hu jathe hain. Aj kal songs jiska millions views huthe hain lekin old singers jaise Nayyara noor, Mehdi Hassan khan, Radhik chopra, Medam Noor jahan, Humaira channa, Tassawur khanum, Naheed akhtar jinke viewers sirf 50k huthe hain. Maqsad yhe hai k mashhoor hune ka standard yhe nhi hai k apke millions of viewers hu
Baji yeh app ab sun rahe ho, hum Pakistani bohat phely se sunte aa rahe hein, aur boht shuq se sunte aa arahe hein,
Ye aap ki galt fhemi hai
The poet reflected all oppressed class irrespective of region,religion and ideology
Pure eternal timeless truth for justice everywhere in urdu. This poem is to give support to oppressed that cruelty and injustice always end. Wah! 👏👏👏
How can this be labelled Hindi ghazal? It is immortal just as Faiz is!
It is Urdu Sir ! Not Hindi.
Hindi Urdu same , they are sisters
@@abedkhan4629 Sorry, you have got it wrong. I am a Urdu speaker and I don't understand Hindi language fully, only bits and pieces. Please don't belittle a great language URDU of the sub-continent. Urdu is a unique and separately rich language on its own, just like Hindi is a separate and rich language on its own.
@@worldwatcher9671 such thinking partitioned the Great nation India ,it's language people what's next you want to seperate
And they havnt even mentioned Faiz Sir's name
बहुत गजब की नज्म, शुक्रिया.
ना तो मैंने उर्दू पड़ा है ना हमारे वक्त पर हुआ करता था पर इस ग़ज़ल को सुनकर हर किसी को ऐसा लगता है कि यह तो हमारी अपनों के बारे में है इसमें धर्म का कोई बंधन धर्म का एंगल धर्म का कोई लगाओ टकराव है ही नहीं इतनी इतनी सुंदरता से इसको बयान किया गया है जो जहां चाहे जिंदगी के जिस मोड़ पर चाहे वही इस ग़ज़ल को लगा सकता है चाहे भगवान से लगा लो चाहे दुश्मन से लगा लो चाहे यार दोस्त से लगा लो चाहे अरे गैरे से लगा लो
Hindi Translation:
I got this translation done from google though I made some changes
.
हम देखेंगे निश्चित है कि हम भी देखेंगे
वो दिन कि जिसका वचन मिला है
जो वेदों में लिख रखा है
जब अत्याचार का हिमालय भी
रुई की तरह उड़ जाएगा
हम प्रजाजनों के कदमों तले
जब पृथ्वी धड़ धड़ धड़केगी
और शासक के सर के ऊपर
जब बिजली कड़ कड़ कड़केगी
जब स्वर्गलोक सी पृथ्वी से
सब असुर संहारे जाएँगे
हम दिल के सच्चे और वंचित गद्दी पर बिठाए जाएँगे
सब मुकुट उछाले जाएँगे
सिंहासन तोड़े जाएँगे
बस नाम रहेगा ईश्वर का
जो सगुण भी है और निर्गुण भी जो कर्ता भी है
साक्षी भी उठेगा “अहमब्रह्माअस्मि:” का नारा जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगा ब्रह्म-पुरुष
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो हम देखेंगे!
Amazing sir.
Beautiful sir
Beautiful. Good attempt.
जब से कुछ लोगों/संस्थाओं ने इसका विरोध किया है तब से ये अधिक लोकप्रिय हुआ है।
Absolutely correct translation
Most people won't understand the meaning it's legend stuff what a singer
Great both Faiz saheb and Iqabal bano.. Hats off!
Uthhega Ana-al-Haq ka naara,
Jo main bhi hun aur tum bhi ho.
Aur raaj karegi khalq-e-khuda,
Jo main bhi hun aur tum bhi ho.
I love Iqbal Bano,'s way of singing so sweet voice she has been gifted by God.
It's good that Indians are using Pakistan's poetry for a genuine cause atleast, otherwise it is usually copied by bollywood for movies that have nothing to do with real life and thus destroy the meanings of lyrics.
😅🤣😂
Agree
Well said dear. C the fate. An Pakistan gazal giving nightmares 2 these communal despots.Faiz Sahab ko lal salam.
bara e karam shayri ko sarhado Mai na bandhe yeh is DUNIYA ka Sach hai ilam ki koi sarhad nahi hoti Sach ki koi sarhad nahi hoti
@vadda afffg vxfvd dfvgg fdvff f yaar aukad Kar apne purke ki phir baat kar. Tu gobar khata hooga aeesiLiya dimak nahi. Ja ka sambar iddi kaha.
Next to great FAIZ SAAB and IQBAAL BANO sahiba💐
The words of this ghazal is hinting towards the day of judgement when everyone will get justice and no one will be blessed based on his status in this mortal world
Love from nepal. Har desh ko is gaane ki jaroorat hai.
No word to say it's amazing
इतना मत डराओ की लोग डर ना भूल जाए
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
इंकलाब जिंदाबाद जय हिंद एकता जिंदाबाद
फ़ैज़ साहब को दिल से सलाम।इस क्रांतिकारी गीत की जितनी तारीफ की जाए कम है।
No words for appreciation.
Faiz sb. is now more
familiar among the people.
Lady sang wearing sari after zia ul haq banned sari for muslim women in pakistan! it was her way of opposing! i guess people hardly know this fact! And such a nice piece of faiz sahab has been used for all kind of perspectives!
O God what a beautiful song 😘😘
WAH BAHUT HI CUTE AWAZ HAI
Apko to smjh bi nhi ayi hogi
🤣🤣🤣🤣🤣
@@wasichaudhary2473 ji
Ye koi zaroori nahi k inko samjh na aayi ho ..Ye aap log urdu ko mazhab me kyu taqsim karte ho ..Aapko kya lagta hai urdu sirf aapko samjh aati hai
میں آپ کو بتاتا ہوں کہ میں نے اردو زبان گھر بیٹھے ہی سیکھ لی تھی
@@wasichaudhary2473 ji
Vaise bhi unhone Iqbal Bano sahiba ki awaz ki ta'arif ki hai
@@pritpalsingh4634 paji apto naraz ho gye mzak kr rha tha bas wese bhi mai janta hu Panjabi Urdu ziyada jante h 😊
Sowet year nice
Bas naam rahega allah ka no one was equal to iqbaal bano marvelous
Hindi aur urdu se fark nahi padta ruhu tho ek hai.
Jai Hind 🙏
You are right
It makes difference.
@@walfidono bus jhubane hai apne khayalo ko share karne ka zariya. Ultimately all are one
❤❤❤❤❤❤@@monumeerut516
Audience applaud for FAIZ. ❤
The voice of Iqbal Bano gives goosebumps 🎉
Par excellent gazal by Faiz sb represented by excellent and magic Iqbal ji in a fantastic way. !!A magical representation for oppressed people
Simply amazing- every word , singer , tune, Music and the writer.
किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी की भविष्य में ये ये गीत क्रांतिकारियों को प्रेरणा देगा।
it's not for only for urdu speakers but everybody oppressed the words are like mirror for rulers of the day that's why people like zia and now modi supporters are disturbed
क्रांतिकारी शायर * फैज अहमद फैज * की शानदार और जानदार रचना , और * इकबाल बानो * की पेशकश , बहोत खूब।
It’s a Urdu ghazal, written by Pakistani poet Faiz and sung by Pakistani singer Iqbal Bano.
Apun ko jhat pharak nahi padta.. Apun hi khuda hai.. Aham bhramaAsmi...Anhalak.. Anhalak.. Anhalak..
It is a nazm and not a ghazal. They are structurally different.
Kya karu fir? Job chod du?
@@krishdewan lund pujaari
@@khawaja1951 ji
Yes it's not a ghazal its nazm
हम देखेंगे
मा को सफल होते हुए अपने किस्से लोगो को सुनाते हुए
हम देखेंगे
जब पिताजी को फोन आते हुए बधाई के और उनके मुस्कुराते हुए सबको शुक्रिया कहते हुए
हम देखेंगे
जब सारी थकान मिट ते हुए मेहनत की और खुशी से ढेर सारे आम खाते हुए
हम देखेंगे
खुद को सफल होते हुए!
🙏
Subhan Allah mashaallha dil ko sukun mil gaya nazam sunkar
दुनिया के तानाशाहों के लिए एक ईमानदार शायर और कवि की क्या खूब लाईन है//
Pakistan has seen things long before India is experiencing nowadays . We have passed through tough times durning 72 years. Brave poets and singers played their parts in pakistan to take back their rights. This poetry kills all dictators like Zia and now MOODY sala. See how the people clapping and shouting during her singing as Indians are doing nowadays first time. Pakistani people suffered a lot at the hand of India America Russia and our own dictators
Pakistan will rise and will be a great nation. in sha Allah. Pakistan is a gift from Allah.
@@akhan4559 ameen
Bhag mc Pakistani
Subhaan Allah it's really touch to my heart
Bahut khoob bahut umda kya alfaz kya jazbaat hai salute ❤
Wow superb ghazal wel done iqbal bano
अब विश्व उन लोगों के छत्र के नीचे आएगा जो सच स्वीकार करेगा। यह अन्तरिक्षकाल है और फिजिक्स की पराकाष्ठा रिमोटसेंसिग का दौर है।इसके आगे मेटाफिजिक्स का खुला हुआ द्वार है।
The great faiz Ahmed Faiz
My dear Muslim brothers and sisters, no one can touch you. I want to assuage your fear. You are not alone. Let's spread message of love and harmony.
Ham Dekhenge.. Lazim hai k ham v Dekhenge....
Salute to IQBAL BANO JI ❤❤❤✊✊✊
Great Evergreen revolutionary song
सब ताज उछाले जाएंगे
सब तख्त गिराए जाएंगे
हम देखेंगे लाजिम है कि हम भी देखेंगे
Gajal ke saath hi singing aur music bhi lajavav h
Inqalab Zindabad...
Truth always prevail.... But stil we think otherwise that that will not happen to us, let the good sense prevails up on to whom this is dedicated and other like
Faij ahemad faij....and.Iqubal Bano..... very mining ful song answer to her Government...and other Criminal Government of country
इकबाल बानो, एक मील का पत्थर हैं जो हमें हमेशा रास्ता दिखाएंगी
Hum Dekhenge, Hum Dekhenge, We will see. We will see. Lazim Hai Ke Hum Bhi Dekhenge, It is inevitable (that) we too shall see. Hum Dekhenge, Hum Dekhenge, We will see. We will see. Wo Din Ke Jis Ka Vaada Hai, The day that has been promised. Jo Lauh-E-Azal Mein Likha Hai, Hum Dekhenge That is written in the book of destiny. We will see. Hum Bhi Dekhenge, Hum Bhi Dekhenge We, too, shall see. We also shall see. Jab Zulm-O-Sitam Ke Koh-E-Garan When the mountains of oppression and cruelty. Rooyi Ki Tarah Ud Jayenge, Hum Dekhenge Will float away like carded wool. We will see. Hum Mehkumon Ke Paon Tale, Underneath our feet - we the governed. Ye Dharti Dhar Dhar Dharkegi, The ground will echo like a thumping heartbeat. Aur Ahl-E-Hakam Ke Sar Oopar, And the sky over the heads of the rulers. Jab Bijli Kar Kar Karkegi, Will echo with the sound of thunder. Hum Dekhenge. Hum Dekhenge. Bas Naam Rahega Allah Ka, And only Allah’s name will remain. Jo Gayab Bhi Hai Hazir Bhi, Who is both elusive and present. Jo Manzar Bhi Hai Nazir Bhi, Who is the spectacle and the beholder. Utthega An-Al-Haq Ka Nara, ‘I am the truth’ will be the acclamation. Jo Main Bhi Hoon, Aur Tum Bhi Ho, Which I am, and so are you. Aur Raaj Karegi Khalq-E-Khuda, And then God’s own people will rule. Jo Main Bhi Hoon Aur Tum Bhi Ho, Which I am, and so are you. Hum Dekhenge. Hum Dekhenge We will see. We will see.
Very nice explanation
The Poet of all times
किसने सोचा था एक दिन भारत मे ये गीत अघोषित आपातकाल के दौर में गाया जायेगा।
अगर ये अघोषित आपातकाल है और तब लोग इतना बेधड़क होकर बोल पा रहे है सरेआम जिसका जिसे मन हो रहा है बोल रहा है और हरकते भी कर रहे है । कोई आग लगा रहा है कोई तोड़ फोड़ कर रहा है ।तब अगर ये अघोषित आपातकाल नही होता तब क्या करते समझ में नही आता । आम जनता तो इतना ही उपद्रव देखकर हैरान है कि इस देश में हो क्या रहा है । ठीक है अभी बीजेपी की सरकार है जो नाराज है उन्हें इंतजार करना चाहिए अपनी बारी आने का । कई कानून ऐसे बने जिससे स्वर्ण समाज नाराज रहा पर ऐसा उपद्रव करने की सोच भी नही पाया और सोचे भी कैसे स्वर्ण समाज को अपने अलावा हरामखोरो के पेट भरने की भी चिंता करनी होती है । उसे कहा सब मुफ्त में मिलता है । कुछ तोड़ने फोड़ने से पहले उसे अपने द्वारा दिए गए टैक्स की भी तो याद आ जायेगी ना ।ये अघोषित आपातकाल का दौर नही है ।बल्कि नाराज लोगो की उच्छश्रृंखलता का दौर है
@@sandhyaojha643 sabhi peaceful protest me sanghi suwaro ne ghus ke aagjani Kiya hai. Sabhi peaceful protest ko hinsak tumare Jaise sanghi suwaro ne banaya hai. Or paaltu kutte ki Tarah kaam Kar rahe police walo ne hinsak banaya. Lekin ab ham krantikari rukne wale Nahi. Hain.
Pahle Hindu Muslim milke lade the. Goro se.
Ab HM milke ladange. Choro se
@@sandhyaojha643 - तुम सत्य से दूर और अंधी हो । तोड़ फोड़ और आगजनी सब तुम्हारे भाई आर एस एस के कुत्तों ने किया है । तुम निर्लज्ज हो अपनी आँखों का इलाज और हो सके तो दिमाग का इलाज करवा लो ।
@@HUDANOORUL आपको कम से कम भाषा की मर्यादा का ही ध्यान रखना चाहिए । मैंने तो किसी वर्ग विशेष का नाम ही नही लिया । ठीक है मैं अंधी ही सही और आप सही कहते है मैं ही नही कितने ही अंधे बनकर घूम रहे थे देर से ही सही अब कुछ कुछ दिखना तो शुरू हुआ है । निर्ल्लज मई ही क्यों मेरी पूरी कौम है जिस कौम ने पूरी दुनिया को परेशान करके रखा है उसी कौम को हमने सर चढ़ा रखा है । आप ही सही हो
ہم دیکھیں گے لازم ہے ہم بھی دیکھیں گے
क्या खूब गाया है बानो ने
ATI Sundar
What a .... beautiful nazam ...
A great poet. Sir Faiz Ahmed Faiz.
Sarkar change krdo yaar kaise bhi😶
Allah talah unhe Jannat me ala muqaam atta kare aameen
Faiz Saahb's fan here❤
Title needs to be changed. It's a Urdu poem not Hindi. But it is a masterpiece the voice of oppressed people in our societies.
Dil khush kardiya
Very nice poem
यग नज़्म मैदान हश्र का हाल।बयान करती है ....कया बात।है फ़ैज़ आौर इक़बाल बानो ....بہترین شاھکار ھے
Rehan baig.....karachi. रेहान बेग कराची
ایسا لگ رھاھے کہ فیض احمد فیض صاحب نے یہ غزل آج ھی کہی ھو
It’s not a gazal..It’s like acid melts hearts when you play it with earphones.
Bas nam rhega ....Allah ka...beshak
जब यह गीत नफरत वादियों के कानों तक पहुंचता है तब उनके सीने पर सांप लोटता है..लेकिन एक दिन अमन और शांती जरुर आयेगी..!
👌👌👌
Lovely combination of a barave song and a brave singer
Iss Me brave kia hai?
@@whoknows4678 iss song ki history mein Jai to aap samajh jayenge ki kin halat mai yeh song pakistan mai gaya gaya tha
@@taherasaify633 chlo history na mene prhee hai or na search kr krskta Hun... Tum asan alfaz me smjao ... Q k tume pta hai ...
@@whoknows4678 Sir jab Pakistan mein jiyaul huq ka shashan tha emergency jaise halat the tana Shahi ka bolbala tha yaha tak k kale rang per bhi paribandh tha aur Faiz Ahmad Faiz ka yeh geet to bilkul paribandhit tha aise samay mein Iqbal bano ne ek program mein Kali sari pehan kar janta k beech isse gaya aur Pakistan mein inqilab ki lahar door gayi
@@taherasaify633 baqi smj me bt ya nahi ye dobara tumara text prhunga pr ik bt hai k Tum hind se ho mtlb indian
Red salute to Faiz sahab
This single audio is able to connect both the borders..
Asadharan gan just amazing god bless you
I have no words. I haven't understand any thing but enjoyed every line as if I am in heaven. The hell and the heaven are very much here on this most beautiful Earth and so the Gods and goddesses are too. Do we really require any other imaginary things. Kudos to the writer and singer, as if Total calm, total peace.
Sarfaroshi ki tammana like song..
Bhagat Singh Jindabad
Pranam
❤ Hare Krishna!
Excellent words.
Excellent voice.
Sab put uthaaye jaayenge means all idols will be removed
@@amnotpiercebrosnan3150 it means all ruling powers shall be removed
Awesome lyrics
This ghazal of the great Urdu poet Faiz Ahmed Faiz. Sung by Iqbal bano who are Pakistanis.
Ameen Ameen Ameen
My full family used to hear this song and enjoy it . His Choice was good .
Zabardast
Gazab ki gzal h dil ko cho gai
Bahutkhubmasaalah
Mashaallah
Great. Faiz saheb is only one.
Mashallah
Anjum ne cment mne bhut simpal bat khi dar lag rhahe hukumrano ko
بس نام رہے گا اللہ کا
جو غاٸب بھی ہے حاضر بھی ⭐
Naam bas rahega ram ka
खाली इंसानियत की बात करो ना ! यह बीच में अल्लाह कहां से आ गया! बढ़िया गजल चल रही है धर्म को संगीत से अलग रहने दो!
Not a ghazal. Its a nazm
वाह फ़ैज़ साहेब
❤❤❤❤❤❤faiz sahab
जब जनरल जिया उल हक़ ने पाकिस्तान में साड़ी पहनने पर पाबंदी लगाई थी तब इक़बाल बानो ने काली साड़ी पहन कर लाहौर में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की यह नजम लाइव कंसर्ट में गाई थी वहाँ आये लोग जोश में इंक़लाब ज़िंदाबाद के नारे लगाने लगे।
इसके बाद जनरल जिया ने इक़बाल बानो के कंसर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था यहाँ तक कि इक़बाल बानो के गानों पर भी बैन लगा दिया था।