एसा सुना है कि शरीर आत्मा से ही दीप्तिमान है । आत्मा निकाल दो तो शरीर माँस का ढेर मात्र है और सड़ने लगता है ।तो यदि आत्मा शरीर को दीप्तिमान कर रही है तो श्वास (प्राण) और भोजन की आवश्यकता क्यों ?
आचार्य जी कृपया संध्या के 19 मंत्र अर्थ सहित सरल भाषा मे बताऐं ,तथा सुबह शाम, एक साथ, एक अनुशासन मे समाज में प्रचलित करने की परम्परा शुरू करें, ताकि सामाजिक तथा आत्मिक उन्नति होकर वैदिक धर्म की रक्षा हो सके। धन्यवाद
हरि 🕉️🙏🏻जय हो 🙏🏻
Pranam Aacharya ji
बहुत ही सुंदर व्याख्यान
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
Very good explanation 🌷
बहुत सुंदर ढंग से समझाया ,प्राणों के बारे में
धन्यवाद आचार्य जी 🙏
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
We r too late
Video good 💯/💯🙏🏻
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
हार्दिक धन्यवाद आचार्य जी।सादर प्रणाम आदरणीय जी। The Netherlands Europe ॐ।
🕉🕉🕉🙏 Saadar Namastey !🙏🙏🙏
ओउम् नमस्ते आचार्य जी🙏
सादर प्रणाम
🙏🙏❤
🙏👍
सुप्रभातम् शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 धन्यवाद: ।
🙏🏻🕉🙏
नमस्ते आचार्य जी
Very nice. Explained Prana and Upaprana Very well. Touched my heart. I knew more. Namaste ji. Stay blessed always.
Bht bht dhanyawad
बहुत सुंदर👌
Namaste ji
🎉ati sundar laga
Jaygirudev
Good
Bahut sundar aur Saral trike se samjhaya Acharya ji🙏🙏
Om
महाशय जी इस की साथ ही ऐसा भी बताने की दया करे कि हमारे शरीर को ठीक से चलने कौन सा प्राण सबसे काम करने की कार्य करता है
🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद आचार्य जी 🌹🙏🏻
This channel is vary knowledgeable. Sabh ko dekh na chahiae.
सादर प्रणाम आचार्य जी
Namaste Acharya ji
अति महत्वपूर्ण सूचना ,बुद्धिमत्तापूर्ण प्रतिपादन❤
धन्य हो आचार्य जी,नमस्ते।
Pranam guruji 🙏🙏🙏🙏🙏
Punch praan
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी आप ने आचार्य श्री अंकित जी सादर प्रणाम!🚩🕉️🌞🙏🙏🅿️💪
शरीर के विभिन्न अंगों में कौन कौन देवता का निवास hai
कृपया समझाएँ ।
Mera prasna hai hanuman koun hai Bandar hai manau hai kripaya bathaye 👏
प्राण और आत्मा में क्या अंतर है ।
सत्यार्थ प्रकाश ऑडियो बुक है??
Bajut badiya. 33 bibhag hai esliye shashtro mei 33koti devta ka barnan hai. Aaj samajh mei aaya. Enka uttar to sant bhi nahi de paate.
Aacharya ji parnam om shanti
एसा सुना है कि शरीर आत्मा से ही दीप्तिमान है । आत्मा निकाल दो तो शरीर माँस का ढेर मात्र है और सड़ने लगता है ।तो यदि आत्मा शरीर को दीप्तिमान कर रही है तो श्वास (प्राण) और भोजन की आवश्यकता क्यों ?
जब शरीर रहेगा तभी तो आत्मा उसे दीप्ति मान करेगी। और शरीर रहे इसके लिए आवश्यक है कि शरीर भोजन करे और श्वांस ले।
33kotidevi delta kyu
मृत्यु मे धनंजय प्राण पहले साथ छोडता है, अन्य प्राण किस क्रम मे साथ छोड़ते हैं ? कृपया बताए । ओ3म् । नमस्ते जी ।
आचार्य जी कृपया संध्या के 19 मंत्र अर्थ सहित सरल भाषा मे बताऐं ,तथा सुबह शाम, एक साथ, एक अनुशासन मे समाज में प्रचलित करने की परम्परा शुरू करें, ताकि सामाजिक तथा आत्मिक उन्नति होकर वैदिक धर्म की रक्षा हो सके। धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी सारी शंकाएँ दूर करने के लिए, वरना लोग तो 33 करोड़ देवता माने बैठे हैं।
Saath me chutiyaaarth parkash bhi padhte chalna
🙏🙏
Good
Namaste ji
Om
धन्यवाद आचार्य जी 🙏👏🚩
🙏🙏
Om