सत्यार्थ प्रकाश के सातवें समुल्लास का सार। महर्षि दयानन्द सरस्वती। आचार्य अंकित प्रभाकर।
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- Опубліковано 29 вер 2024
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बहुत ही बहुत धन्यवाद आचार्य जी सादर नमस्तेजी सौदान सिंह आर्य अलीगढ़
ॐ पूज्य आचार्य जी 13वे समुल्लास का सार का व्याख्यान दीजिए
Nameste ji bahut achcha lega aap ka pervachan
अति सुन्दर ढंग से सत्यार्थ प्रकाश का सार समझा रहे हैं आचार्य जी बहुत बहुत आभार
धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय
आपको सादर नमस्ते आचार्य जी
Guruji pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति 🚩🕉️🌞🕉️🚩🙏🙏🙏
आप सभी से अनुरोध है केरला फिल्म देखने जरूर जाएं टेलर रिलीज हो गया है sun Sain indiya 🌞👍😎👍
धन्यवाद आचार्य जी
Awesome
ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏
ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी
मेरा मत - भगवान, ईश्वर का पर्यायवाची नहीं है। देवताओं को भगवान कहते लिखते हैं ईश्वर नहीं। क्षमा करें।
Very excellent, congratulation my dearest sweetest and loving archarya
परंतु भाई, आत्मा सुख चाहती हैं वह तो केवल शरीर के साथ हैं, अगर जन्म हुआ ही नही तो आत्मा को कैसा सुख और कैसा दुख, ये समझाइये🙏
कौन पाखंडी है।जो मूर्ति पूजा को सनातन बताता है।
उसे पाखंडी से कह दो
वेद में परमात्मा ने संदेश दिया
न, तस्य प्रतिमा अस्ति,..... उसे परमात्मा का कोई मूर्ति नहीं बन सकता क्योंकि वह सर्व व्यापक है.. शब्द का रूप नहीं. हवा का रूप नहीं आकाश का रूप नहीं! वेद माता ने कही!,(ओम खं ब्रह्म) परमात्मा वैसे है जैसे आकाश सब जगह व्याप्त हैं वैसे परमात्मा सब जगह व्यापक है?
Sir. Ji. Aap. Gurkul. Me. Tilak. Lagakar. Padhai. Karne. Jaate. The. !!!!
आचार्य जी नमस्ते
उत्तम ज्ञान प्राप्त हुआ।
दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई, गीतकार हसरत जयपुरी।
आचार्य जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद
नमस्ते गुरुजी जो लोग यह कहते हैं की आत्मा ही परमात्मा है क्या यह लोग नास्तिक होते हैं
❤️❤️❤️🔥
बहुत अच्छा आचार्य जी
🙏🕉🙏
नमस्ते आचार्य जी
नमस्ते
Dhanyawad. Sir. !!!
❤
Satayarth Prakash Bharat ko Satyanisht Banayega.
Satya sanatan dharm ki Jai Jai shree ram