भारत का सातवां आश्चर्य वारंगल का किला - कोइतूरों की अनमोल विरासत ,( Warangal Fort) Dr Suraj Dhurvey.
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- Опубліковано 8 лют 2025
- दक्षिण भारत के काकतीय वंश और उनके इतिहास के बारे में आप लोगों ने जरूर पढ़ा या सुना होगा लेकिन काकतीय इस देश में मूलनिवासी कोइतूर थे यह बात शायद आप लोगों ने न तो सुनी होगी और न ही पढ़ी होगी। दक्षिण भारत के तेलंगाना, आँध्रप्रदेश और तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों पर कभी काकतीय वंश के कोइतूर राजाओं का वर्चस्व रहा है जिन्होंने यादव वंश और चालुक्य वंश के राजाओं को हराकर यह साम्राज्य स्थापित किया था। वारंगल जिले में वारंगल शहर के दक्षिणी पूर्वी भाग में तीन दीवारों से सुरक्षित काकतीय राजाओं के प्राचीन किले के अवशेषों को आज भी देखा जा सकता है।
800 वर्षों से ज्यादा समय के बाद भी इस साम्राज्य के वैभव, समृद्ध और उन्नति को इसके किले, महलों, मंदिरों इत्यादि के खंडहरों में साफ़ साफ़ देखा जा सकता है। इस वीडियो में बहुत विस्तार से इस इस राजवंश की शासन व्यवस्था और उसके सम्राज्य के बारे में बताया गया है। तीन सुरक्षा दीवारों से घिरे इस किले में आज भी इसके राजमहल के खँडहर और अवशेष सीना ताने अपना इतिहास बयां कर रहे हैं। लाख षणयंत्रों और जान बूझ कर किये गए परिवर्तनों के बावजूद भी कोइतूरों के राजवंश की निशानियाँ आज भी इस राजमहल में देखी जा सकती हैं। इसे काकतीय कला तोरणम के नाम से जाना और पहचाना जाता है। कहने को तो आज के इतिहासकार और लेखक इसे मंदिर बताते हैं लेकिन राजमहल होने के प्रमाण ज्यादा है। इतने बड़ा किला क्या मंदिर की सुरक्षा के लिए बनाया गया होगा? अगर यह मंदिर है तो फिर किले के अन्दर का राजमहल कहाँ गया? आज वारंगल के किले के अनादर जिस खंडहर को लोग मंदिर के नाम से लिखते पढ़ते और प्रचार करते हैं वास्तव में वह कोइतूरों के महान सम्राट रुद्रदेव, महादेव, गणपति देव, रानी रूद्रमा देवी और प्रतापरुद्र जैसे महान कोइतूर राजाओं और रानियों का राजमहल है।
गोंडवाना और कोइतूरों के राजचिन्ह का प्रतीक “हाथी पर सवार शेर”(गज सुडूम) चीख चीख कर कोइतूरों की राजधानी होने का प्रमाण दे रहा है। इस राजचिन्ह के प्रति घृणा, नफरत और वैमनस्य साफ़ साफ़ देखा जा सकता है क्यूंकि हर जगह हाथी पर सवार शेर के राजचिन्ह को बुरी तरह से खंडित किया गया है। जगह जगह हाथी और शेर की टूटी हुई प्रतिमाएं और मूर्तियाँ मिलती हैं और ख़ास बात इनको एक दूसरे से अलग अलग रख कर इस राजचिन्ह को दुनिया की नज़रों से बचने का प्रयाश भी साफ़ साफ़ दिख रहा है। कहते हैं कि सत्य को कितना भी छुपाओ वह किसी न किसी रूप में दुनिया के सामने आ ही जाता है। यद्यपि राज चिन्ह के शेर के नीचे से हाथियों को बड़ी सफाई से काटकर या तोड़कर अलग कर दिया गया है लेकिन आज भी एक शिला पट्ट पर कई हाथी पर सवार शेर - राजचिन्ह, अभी भी देखे जा सकते हैं। तो आइये आज इसी रहस्य से पर्दा उठाते हैं और कोइतूरों की इस महान विरासत में किये जा रहे परिवर्तनों को समझने के कोशिश करते हैं।
वारंगल का किला अपने अन्य कई विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है जैसे दुनिया का प्रसिद्द हीरा “कोहिनूर” इसी काकतीय राजवंश का था जिसे दिल्ली के सुल्तानों ने लूटा था। मुगलों, पठानों, सरदारों और अंग्रेजों से होता हुआ महारानी विक्टोरिया तक पहुंचा था। बस्तर का प्रसिद्द काकतीय राजवंश इसी वंश की एक शाखा था जो बस्तर में 635 वर्षों तक राज्य किया। दिल्ली सल्तनत ने काकतीय साम्राज्य के धन दौलत, सोने चांदी, हीरे जवाहरात से भरे खजाने को पूरी तरह लूट कर बर्बाद कर दिया था।
दिल्ली सल्तनत के बाद आने वाले मुगलों और अंग्रेजों ने भी इसके निशानों को मिटाने का क्रम जारी रखा और कभी भी इस वंश की असली सच्चाई को दुनिया के सामने आने नहीं दिया। आशा कर हूँ कि यह वीडियो आपको सोचने पर मजबूर करेगा और आपके दिमाग में यह प्रश्न उठाने पर मजबूर करेगा कि हाथी पर सवार शेर की इस किले में उपस्थिति को क्यूँ छुपाया जा रहा है ?
डॉ सूरज धुर्वे
बहुत ही शानदार काकतीय राज़ वंशीय वारंगल के ऐतिहासिक राजमहल प्राचीन काल में कोयतुरों राजाओं के द्वारा निर्मित प्राचीन अवशेषों से गोंडवाना रहा होगा जो कि षड्यंत्र के तहत इसे खण्डित किया गया है ताकि कोई कोयतुरों के पहचान मिली न मिले। जय बढ़ा देव जय जोहार सेवा जोहार जय गोंडवाना 💐🙏
Aapko Sadar seva johar yah video dekhkar ham Khush hue Warangal tak ham ka shasan tha
जोहार
सेवा सेवा सेवा जोहार
जय जय बड़ा देव
धन्यवाद आपको और शानदार जय भीम जय मूलनिवासी जय भारत जय संविधान। सेवा जोहार। जय गोंडवाना।
सेवा जोहार
सराहनीय प्रयास हमारे प्राचीन इतिहास से हमारा परिचय करवाने के लिए।
साधुवाद सर जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐
ज्येष्ठ भ्राता श्री जी, मैं भी घूमने के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ शहर जिनमें हैदरबाद, गुंटूर, बोनगिरी और वारोंगल मुख्य रूप से घूमा था, लेकिन समय के अभाव मे मै ये किला नही देख पाया, और काकटेया डायनेस्टी का ऐतिहासिक वीडियो प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, राजवाड़ा कॉइन फ्रॉम हरियाणा.
बहुत अच्छी जानकारी
Dhanyawad
Bahut bahut sewa johar sir. Aap hamesha kuchh na kuchh aitihaasik cheeje dikhate rahte hai
Very important information. Dr sahab ko fearless commentary on kakatiya dynasty of warangal ke liye dhanyavad.
Really great, M,s,g, good sir
Gondwana ka Itihas batane waste bahut bahut dhanyavad . Jai gondwana land.
Seva sewa dost seva johar
Jay sewa johar ji
V nice sir
Maine bahut se rajyo me dekha hai
Gondwana rajy chinh
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
आज हमे एकजुटता की संगठन होने की जरूरत है
Dh. Seva johar
आप जो इतिहास खोज कर बहुत महनत कर जानकारी देते हो आप को बड़ा देव खुश रखे
आपका हृदय से आभारी हूं मसराम जी आपको सादर सेवा जोहार
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
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Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
आपको सादर सेवा जोहार जय गोंडवाना हम सब प्रयास करे की हमारा राजमहल फिर से पहले जैसे वापस हो जाए इसके लिए एक साथ एकमत होकर काम करने की जरूरत हैं
Jai bhim
Jay Royal gond wanna🚩🚩🚩🚩
Jai gondwana
Jai seva
Bahut hi sunder adewaseyo Kai gorbpurn etihas ko punrjiwit krnai Ka Aapka paryas jabrdust hai
Joharjohar दादा आपको सही सटीक जानकारी देते रहने के लिए औरभविष्य में यही आशा करते हैैं
नाईट 🙏💞
जयसेवा,जय गोंडवाना । आज हम अपने गोंडवाना समाज और उसके भग्नावशेष अस्तित्व को देखते हैं, वह हमेशा से ऐसा नही था ।संगठन के अभाव और लुटेरों के निरंतर प्रयास का नतीजा है, जोकि आज भी लगातार जारी है ।यह हम सभी गोंडवाना के गणों के लिए शर्म की बात है ।आज हम अपने धरोहरों को बचाने के लिए अधिक कुछ नहीं कर सकते,लेकिन एक दूसरे की रक्षा के लिए एक दूसरे की सेवा करके मदद अवश्य कर सकते हैं ।यदि हम सही मायने में प्रकृति से जुड़े उसकी संतान हैं, तो पुनः संगठित होकर यह प्रमाणित करना पड़ेगा । एक दिन प्रकृति स्वतः अपने पूर्व रूप में आएगी, आततायियों का विनाश हो कर रहेगा ।जयसेवा, जय गोंडवाना ।
Aisi jankari dete rahna dada jay seva
सेवा जोहार दादा
Sewa Sewa Dinesh JI
पुरी भारत में जहां जहां हमारा गोंडवाना शासन था वहां वहां की अमुल्य बिरासत धरोहर को हमारा समाज को जगाने के साथ वचाय रखने की शक्त जरुरत है भाई साहब जय सेवा जय जोहार जय गोंडवाना
दादा आपलोग इसका विरोध क्यों नहीं करते जो हमारी पहचान हमारी विरासत है
Very good vidio.
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
Sir agee v banaaiye...
Bastar ke sambandh bataya,,thanks
जय सेवा
सादर सेवा जोहार महेंद्र जी
Jai sewa sajor pen jai gondwana
भाईसाहब, आपने जबरदस्त जानकारी दि है.👏👏👍👍जय आदिवासी.....
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
जय गोंडवाना लैंड, जय सेवा।
Sewa sewa
Jay Seva banayenge gondwana
Ek sunder jankari
बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत बढ़िया सर जी
गोंड गोंडी गोंडवाना ता सेवा सेवा
Jai seva johar jankari badhane k liye
Bahot proud fill ho raha hai apne gondwana pe
जय सेवा जय गोंडवाना साम्राज्य
सादर सेवा जोहार
Bahut accha jankari hai
Hamara history bahut vishal hai 👏👏👏
बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
Sewa sewa
Sewa sewa
Bhut dukh hottaa hh bhai shab hmari sbhytaa ki esi dssaa dekhkrr ....prnam...
काकतीय वंश आज भी हमारे बस्तर के राजा हैं प्रवीण चंद देव महारा जी हैं
बहुत अच्छी जानकारी। पहली बार सुना इस किले के बारे में।
बहुत-बहुत धन्यवाद मनोज भाई अभी तो किले का एक छोटा सा हिस्सा कवर किया है इसके लिए मैं बहुत कुछ देखने और कवर करने लायक है
Etihas ki sachhai ko samne lane me apka prayas bahut hi prashansa ka patra hai.
Hum tak sahi jankari pahuchane ke liye apka bahut bahut dhanyavad. Bali sir ji
आपने अपनी संस्कृति सभ्यता इतिहास की तरफ अपना ध्यान दिया और हमारी मेहनत को सार्थक किया इसलिए हम आपके आभारी हैं आपको सेवा जोहार
Sahi bol rhe hai aap Mai bhi dekhkar aai hu
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
अनमोल जानकारी प्रदान किये दादा
आपको सेवा जोहार
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार और पोर्ते जी
छत्तीसगढ़ के भोरमदेव और पचराही में भी गोंडवाना राज्य चिन्ह है
इतिहास पढा था काकतीयवंश का लेकिन आपने बहुत शानदार समझाया
जय सेवा
जय गोंडवाना
जय आदिवासी
मैं अभी भुवन गिरी में, हूँ, भुवन गिरी से, कितना किलोमीटर है अभी भुवन गिरी और, वारगल,के, बीच में, हु, रहता, हूँ मैं भी, एम, पी, से, आया हूँ काम, करने जय, सेवा जय, जोहार
यह तो 1000 परसेंट सत्य है असली इतिहास छुपाकर नकली इतिहास थोप दिया गया
Yes
Thank you so much
Jay gondwana sirant ke Rajaonko koti-koti sewa 'sewa johar
Sadar sewa johar
जय आदिवासी साथीयो हमारी ईस विरासत को पुनर जिवीत करना चाहिए जय आदिवासी जय जोहार जय रावण जय धरती आबा बिरसा मुंडा जी
जय गोंडवाना
जय आदिवासी
कोयातूर गोंड आदिवासी राज़ाओ का इतिहास 565 रियासत था जिसमें 300 से अधिक आदिवासी राजाओ का रियासत था जिसमें 258 गोंड आदिवासी राज़ाओ का रियासत था
भारतीय मनुवादी मानसिकता के इतिहासकारो इसके बार में कुछ नहीं बताया
1. धरती दो भाग में बांटा हुंआ है
गोंडवाना लारेशिया
गोंडवाना मध्य प्रदेश में था अभी हैं
2 . देश का सबसे पहला नाम गोंडवाना था गोंडवानाद्धीप कोयामोरीद्धीप सिंगारद्धीप नागद्धीप जम्म्बूद्धीप आर्याव्रत रीवाखंड भारत इंडिया
हिन्दुस्तान
3 . भारत में अंग्रेजो के आने तक देश का 65% जमींने आदिवासी लोगो के पास था
या तो कोइतूर बोलिए या केवल आदिवासी बोलिए दोनों अलग-अलग है अगर कोई कोइतूर है तो वह आदिवासी नहीं हो सकता और कोई अगर आदिवासी है तो वह कोइतूर नहीं हो सकता...
आदिवासी जो खुद कपड़े नहीं पहन सकते वह किले और महल और रियासत कहां से बनाएंगे??
ये समय कि बात है साहब आपने सुना होगा यथा राजा तथा प्रजा राजा प्रजा का होता है राजा को भगवान (पेन)का अंश माना जाता है ! जब जनता का वैभव रहेगा तोही राजा का वैभव है इस देश पे बहुत बाहेरी आक्रमक हुये यह के रहवाशी का हर प्रकार से लुटे गये शक,हुण,कुषाण ,सिंकदर मुसलमान ,डच french ,east india company आई बहुत लुट हुई इतिहास गवाह है !आदिवासी मतलब ...... यह भुमी को सोने की चिडीया कहा जाता था और आज भी है आपको लगता है सर आदिवासी मतलब....कोई भी .
हमारा भी राज्य था ! अभी चला गया हमारे पुरवज भी राजा महाराज थे ये भुमी पे अभी हम आदिवासी है ! I proud I am adivasi .आज कोया समाज आदिवासी मे है! Bhine koya and Rajkoya ये समय कि बात है !
जय गोंडवाना लैंड, जय सेवा, फडा़ पेन ता सेवा।
सेवा सेवा सेवा जोहार
Gond dhrohar ko gond Itihas ko Nast karane ki koshis ki ja rahi hai sir apaka prayas Sarahniya hai
अद्भुत औऱ इतिहासिक जानकारी सर,जय गोंडवाना✊✊✊
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार धर्मवीर जी जय गोंडवाना
बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी
आदरणीय सर जी सेवा सेवा जोहार
Jay sewa Dr. SURAJ DHURVE SIR JI .गोंडवाना का इतिहास बताने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद! और इसी तरह आप हमें गोंडवाना का सच्चा इतिहास पढ़ाते रहे । आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉक्टर साहब
Chhindwara student
Thank you so much
Jay sewa Jay Gondwana
Jay johar jay Seva jay Gondwana 🙏💯💯
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
Jay sewa Jay bada devata devi
Bhojapuriya भाषा में Jay ho घर के devata devi,pitaro-purakho ki Jay ho.
Abhi bhojapuri भाषा ko अनुसूची 8 में सामिल karana बाकी hai jo uttar pradesh tatha बिहार में boli jati hai.
Sagajan ji history में 16 mahajanapad ek cheptar hai.
एकदम सहीं। वारंगल में राज करने वाले काकातिया असल मे आदिवासी गोंड़ हुआ करते थे जिन्हें समय के साथ दूसरे लोग राजपूत समझने लगे। आदिवासी रीत रिवाज आज भी मानते हैं वो और उनका ये किला तथा कई किताबों में उन्हें इंदिगिनस किंग के नाम से बताया गया है। जय बूढ़ा देव 🙏
राजपूत तो बिल्कुल नहीं थे
India me bahut sare jagah me gond Rajao ko rajput bataye gaye hai..
इंडिगिंनस किंग का मतलब
Bahut bada pahal hai,. Gondwana aou Gond samaj ko ekatrit Kar ne ki,.. jay seva jay johar 🙏🙏
सेवा सेवा सेवा जोहार🙏💐
बहुत ही शानदार प्रस्तुति।डॉ साहब सेवा जोहार।
जय सेवा जय जोहार जय फड़ापेन
इसके उपर Court मे Case लगाओ Sir hum Sath hai hamare Dharohar ko apna naam de rahe hai ye log
Jaygondvana
Jai Gondwana
सेवा जोहार साहब l हम लोगो को कोर्ट मे पेटीशिन दाखिल करना चाहिए l
सेवा जोहार अवधेश जी कला संस्कृति भाषा इतिहास को खुद में दाखिल कर लें फिर जब वक्त बचे तब कोर्ट चलेंगे
बहुत जल्दी नहीं तो पूरा इतिहास मिटा दिया जायेगा
Good information bhai
दादा सब को सिमेंनटेड कर सकते हैं न अपनी संस्कृति बचाने के लिए आदिवासी समाज मिलकर
Sir ye hamare chinh ko ye chher char kiye gaye hai . to inka punh nirman kiya jaye
Kaktiya Gond koytur the kya ?
इसके लिए गोंड को लोगो आंदोलन करना चाहिए
Yes
Jai gondwana,jai aadiwasi,👍
आप के चेनल से महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रसारित की जाती है ।हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकारें ।
धुर्वे जी का योगदान गोंडवाना विरासत की जानकारी समाज तक पहुंचाने में में अतुलनीय एव सराहनीय है।
जय सेवा जय जोहार
Jay seva jaj gondwana samrajya
जय गोण्डवाना
Mujhe bahut dukh ho raha hai........
Same on hinduism
इसका पुस्तक मिल सकता है क्या
Case kariya sir ji
भारत के आधे से ज्यादा किले है सभी गोंडवाना के धरोहर है आज मंदिर में तब्दील हो गया है.
Jay seva johar dada
Hamare jo pehachan hai use chupane or manuvadi logon ke duara yah chalaki kiya ja raha hai aap sabhi budhi jivi logon se anurodh hai ki aap age aay or apni sanskriti raj mehal jo bache hai unki sanrakchad kiya jaye
काकतीय वंश की कुल देवी का क्या नाम था
I am from Warangal. My grandfather's home was located within the Warangal Fort. So I spent my childhood there. 50 years back, there were some "murtis " outside the Sitab Khan Mahal. But no Murtis inside Sitab Khan Mahal. At that time (the 1970s ), there was no roof also. It is recently installed. As you correctly said, recently, it has been renovated and some " Murtis " of different faiths ( Jain and Buddhist ) have been placed. Nice informative video. Regards
छिपाने से इतिहास नहीं छिपाया जा सकता
Jay.gondwana
Jai sewa sir, ish galat kam karne wale ko hum virudh karna chahiye
Sir. Yeh brahmin logo ka hi kam hain.
Jagat Gond from Assam.