भले ही अंग्रेजों ने अपने लाभ के लिए रेलवे बनाई लेकिन उसका लाभ भारत की जनता को भी मिला। मेरा विश्वास है कि अंग्रेजों ने भारत को उतना नहीं लूटा जितना पिछले 10 साल में सत्ता और पूंजीपतियों ने मिल कर लूट लिया है।
सुन्दर वृत्तचित्र। इसके अतिरिक्त, रेल मंत्रालय की आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक विनती करना चाहता हूं। और यह विचार व्यापारिक रूप से सफल होने की बहुत बड़ी आशा है, क्योंकि, लगभग हर आदमी की इच्छा होती है नीचे बताई गई चीज़ को करने की। बात है कि यदि भारतीय रेलवे, जनता को (२, ४, ८, १०, जितने भी ठीक लगें) रेल के इंजन में बैठा कर (जिस इंजन में से डिब्बे अलग किए जा चुके हों) १ या ½ किलोमीटर की दूरी वाली यात्रा करा सके (बल्कि और रोमांचक अनुभव के लिए लोको पायलट और जीआरपी पुलिस की निगरानी में, उन्हें हल्की गति में थोड़े थोड़े समय के लिए ट्रेन खुद चलाने की छूट दे), तो उम्मीद है देश के बहुत सारे ऐडवेंचर-प्रेमी युवा और सामान्य जन, इस रोमांचक क्रीड़ा+शिक्षा के गठजोड़ का आनन्द ज़रूर लेना चाहेंगे। पूरी उम्मीद है कि युवजन इस रोमांच के लिए रेलवे को अच्छा पारिश्रमिक भी देंगे (₹५०० से लेकर १००० तक, प्रत्येक यात्री द्वारा)। एक दो स्थानों पर प्रायोगिक रूप से इस गतिविधि के सफलतापूर्वक शुरू करने के पश्चात, पूरे देश में लागू किया जा सकता है। इससे, जहां एक तरफ युवाओं का मनोरंजन हो जाएगा, वहीं रेलवे के आर्थिकोपार्जन की एक अतिरिक्त सम्भावना भी पैदा हो जाएगी। इस सम्बन्ध में जो कुछ भी आवश्यक सावधानियां हैं, वे अवश्य बरती जानी चाहिए।
पूरा विडिओ गलत है , मुंबई ठाणे की प्रथम रेल अंग्रेजो ने नहीं एक मारवाड़ी व्यापारी ने अपना और मुंबई के सेठो का पैसा लगाकर अंग्रेजो से बनवाई , धौलपुर ग्वालियर झाँसी सबलगढ़ सिंधिया ने , खरगोन इंदौर खंडवा होल्कर ने अपने पैसो से जनता के लिए बनवाई
मैं सरकारी चालान दीदी न्यू से उम्मीद करता हूं कि वह इस तरह के वीडियो आगे भी बनाएं आपके द्वारा बनाए गए वीडियो सत्यापित होते हैं यह उम्मीद होती है कि यह पूरी तरीके से सही है तथा भारत की जनता फिर से खुश होती है कि हम पूरी सत्यापित चीज को देख रहे हैं ना की कोई झूठा फैक्ट देख ते है
पूरा विश्व मुसलमानो की सभ्यता साहित्य त्याग समर्पण और पैगम्बर साहब पर अटूट विश्वास से पूरा विश्व अज्ञात भय से भयभीत होकर मुस्लिम के प्रति शंकालु रहता है
वर्तमान के रेल हादसों में वृध्दि को देखते हुए ऐसा लगता है फिर से वही समय आएगा की लोग रेल को देखते ही भागने लगेंगे। मोदी जी की कृपा है। कोई उद्योगपति/बड़े नेतागण तो रेल में बैठते नहीं है। देश में अच्छे दिन सिर्फ बड़े घरानों के लिए होना चाहिए, ऐसा वर्तमान सरकार चाहती है।
@@amitsingh7731 सही कहा भाई आपने । आपके विचार से सहमत हूं । वर्तमान में जयपुर वन्देभारत ट्रेन ट्रैक पर सिमेंट के ब्लॉक रखे होने के चलते दुर्घटना से बच गई क्योंकि समय रहते ट्रेन के ड्राइवर द्वारा ब्रेक लगा दिया गया था ।
Inhe train sai hi mere mummy ke dada dadi aur nana nani pakistan sai aye the mere mummy ke dada dadi jhelum punjab pakistan sai ambala aye the train ke chath par bethkar unke safed kurta pyjama aur mummy ke dadi ke suit salvar kafi hadh takh kala ho chuka tha aur mummy ke nanaji vo bhi jhelum sai aye the leken the toh rehene vale lahore ke aur mummy ke nani peshawar tangi gao khyber pakhtunkhwa pakistan sai aye the kurukshetra unhone bhi kafi parasthithi ka samna kiya ate hue bhuke pyase aur dur dur takh pakistan mai safar karte karte unhone logo ke ghar barbadh jalte hue dekhe aur raste mai jo jo log unke sath safar kar rahe the unhone bhi sare raste rote rote nikale apna parivar ghar ujadne ke karan sai.
हमने सचमुच रेल्वे का इतिहास जितना देखा उसमे रेल्वे परदेस मे सिर्फ चार चाक वाली नही सिर्फ एक लाईन मे सिर्फ एक चाक की लाईन पे चलती थी उसके बारे मे जानकारी देखी थी|
1947 आजादी के पश्चात देश के पास कुछ भी नहीं था.. फिर लूटा क्या गया.. असली लूट तो 70 साल के पश्चात शुरु हुई.. जिसे निजीकरण के नाम पर लुटाया जा रहा है..?
@@ShivKumar-wv6zl BSNL ko पिछले कूछ सालो से दबाने का प्रयास किया गया मानो उसे पणपने ही नाही दिया,नतिजा ये रहा की एक अन्य प्रायव्हेट कंपनी अपने recharge plan महंगे कर कर इस देश की जनता को लुटणे लगा ..., ताकी गरीब का बच्चा ऑनलाईन पढाई ना कर सके ,सरकारी स्कूल प्रायव्हेट बना दिया जाता हैं ,ता गरीब कभी आगे नाही badh sake...
सरकारी कारण क़े बाद हर सरकारी संश्थान को लोगो को पालाने वाली संस्था बना दिया था जिससे अकारमन्य लोगो कि भरमार रही कुछ लोगो तीन दिन क़े बाद आते तीन दिनों हज़ारी लगाकर भाग जाते the
बकवास है कि ब्रिटिश ने केवल अपने लिए काम किया क्यों सेना के लिए काम करते तो फिर दो ही डिब्बे तीन डिब्बे की छोटी ट्रेन हीं डालते रही बात फायदे की तो बिना फायदे के रेलवे कैसे चलती
Excellent narration, but to defame Britishers is very unethical and beyond real true. They were great hearted, innovators, dynamic in their aims and thoughts. We salute to them.
Itihas to bhara padasathi hai ab wo sirf hadse our hamari rajkiya senmarime janta ki kal ban gai railway to mahange tikit ke sath mehangi mouth bhi bankar seva namki kais yatra karwati hai.?
Bharat ki janta apna saubhagya mane k us samay pandit tha jis ne desh k pas kuchh na rahte hue bhi itna majboot bana diya k aaj 10 k baad ek chaai wala aur kuchh dhramandhra sangathan usko dimak ki tarah kha k apna pet paal rahe h 😅😅😅 10 k baad pora system hijack kar k .
Mai History par bas 30% hi bharosa karta hu ok ku k Aaj k date me agar kisi ko Bharat k 2k10 k baad k father yani Namo k baare me kisi ko bhi un k baare me history likhne bola jaai us me aap is baat ki sachai dekh paainge😅😅😅 isliye History me bas itna karo k agar past me kisi ne koi galti ki us ko na repeat kiya jaai aur samaj ko achha bana ne me naya naya dimag lagana chahiye na k todne me aur netagiri( ***after ajadi ) karne me😅😅😅
बहुत ही शानदार है, पहले rajyasabha TV पर भी ऐसे ही रोचक वीडियो डाले जाते थे ।।।
@@deepprakashpouranik5602 अब तो सब जगह महामानव जी का ही गुडगांन होता है
Achha prayash
भले ही अंग्रेजों ने अपने लाभ के लिए रेलवे बनाई लेकिन उसका लाभ भारत की जनता को भी मिला। मेरा विश्वास है कि अंग्रेजों ने भारत को उतना नहीं लूटा जितना पिछले 10 साल में सत्ता और पूंजीपतियों ने मिल कर लूट लिया है।
Knowledgeable Video
Nice vidio
सुंदर और रूचिकर जानकारी। आज भारतीय रेल अपने विकास के अगले दौर में.. बुलेट ट्रेन चलाने की ओर अग्रसर है.
Badiya ek number 👍 done very well done kya kahne lajawab relway is the great zabardast
Very beautiful presentation of facts
Very very nice and very good thank you sir
आपका धन्यवाद 👍
सुन्दर वृत्तचित्र।
इसके अतिरिक्त, रेल मंत्रालय की आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक विनती करना चाहता हूं। और यह विचार व्यापारिक रूप से सफल होने की बहुत बड़ी आशा है, क्योंकि, लगभग हर आदमी की इच्छा होती है नीचे बताई गई चीज़ को करने की।
बात है कि यदि भारतीय रेलवे, जनता को (२, ४, ८, १०, जितने भी ठीक लगें) रेल के इंजन में बैठा कर (जिस इंजन में से डिब्बे अलग किए जा चुके हों) १ या ½ किलोमीटर की दूरी वाली यात्रा करा सके (बल्कि और रोमांचक अनुभव के लिए लोको पायलट और जीआरपी पुलिस की निगरानी में, उन्हें हल्की गति में थोड़े थोड़े समय के लिए ट्रेन खुद चलाने की छूट दे), तो उम्मीद है देश के बहुत सारे ऐडवेंचर-प्रेमी युवा और सामान्य जन, इस रोमांचक क्रीड़ा+शिक्षा के गठजोड़ का आनन्द ज़रूर लेना चाहेंगे। पूरी उम्मीद है कि युवजन इस रोमांच के लिए रेलवे को अच्छा पारिश्रमिक भी देंगे (₹५०० से लेकर १००० तक, प्रत्येक यात्री द्वारा)।
एक दो स्थानों पर प्रायोगिक रूप से इस गतिविधि के सफलतापूर्वक शुरू करने के पश्चात, पूरे देश में लागू किया जा सकता है। इससे, जहां एक तरफ युवाओं का मनोरंजन हो जाएगा, वहीं रेलवे के आर्थिकोपार्जन की एक अतिरिक्त सम्भावना भी पैदा हो जाएगी। इस सम्बन्ध में जो कुछ भी आवश्यक सावधानियां हैं, वे अवश्य बरती जानी चाहिए।
इतिहास और साहित्य की वीडियो ऐसे ही लाते रहिए
भारतीय रेलवे होना चाहिए
👍👍👍👍👍👍👍 उम्दा वीडियो....!
जयपुर मे रेलवे की शुरुआत महाराजा सवाई राम सिंह जी ने की थी ।
दिल्ली वाली लाईन और सवाई माधोपुर लाईन
पूरा विडिओ गलत है , मुंबई ठाणे की प्रथम रेल अंग्रेजो ने नहीं एक मारवाड़ी व्यापारी ने अपना और मुंबई के सेठो का पैसा लगाकर अंग्रेजो से बनवाई , धौलपुर ग्वालियर झाँसी सबलगढ़ सिंधिया ने , खरगोन इंदौर खंडवा होल्कर ने अपने पैसो से जनता के लिए बनवाई
Thanks for sharing
अच्छी और विस्तृत जानकारी
DD again ❤
Excellent
मैं सरकारी चालान दीदी न्यू से उम्मीद करता हूं कि वह इस तरह के वीडियो आगे भी बनाएं आपके द्वारा बनाए गए वीडियो सत्यापित होते हैं यह उम्मीद होती है कि यह पूरी तरीके से सही है तथा भारत की जनता फिर से खुश होती है कि हम पूरी सत्यापित चीज को देख रहे हैं ना की कोई झूठा फैक्ट देख ते है
पूरे विश्व में मुस्लिम समाज पर आखिर कोई अन्य समाज भरोसा क्यों नही करता ?
@@ManSingh-qj4py o pagal hai kya tum
@@ManSingh-qj4py क्योंकि यह लोग अपने हि धर्म वालो को ज्यादातर अपना मानते है और ज्यादातर झगड़ालू किस्म के लोग और मांसाहारी लोग होते है
Agar India ek Muslim(APJ Abdul Kalam) par bharosa nhi krta to apne desh ko ek 'Missile man of India' nhi milta.
@@ManSingh-qj4py kyoki wo gair muslim ko kaafir kahte hai aur unka katal karna wajib hai unke Mazhab me
पूरा विश्व मुसलमानो की सभ्यता साहित्य त्याग समर्पण और पैगम्बर साहब पर अटूट विश्वास से पूरा विश्व अज्ञात भय से भयभीत होकर मुस्लिम के प्रति शंकालु रहता है
वर्तमान के रेल हादसों में वृध्दि को देखते हुए ऐसा लगता है फिर से वही समय आएगा की लोग रेल को देखते ही भागने लगेंगे। मोदी जी की कृपा है। कोई उद्योगपति/बड़े नेतागण तो रेल में बैठते नहीं है। देश में अच्छे दिन सिर्फ बड़े घरानों के लिए होना चाहिए, ऐसा वर्तमान सरकार चाहती है।
@@AnandKumar-kp4cy 😜
Do you really know, who derail train, the peacefull community.
@@amitsingh7731 you are piece maker
Yes, I will make piece of your brain n a#₹@@s, bloody 2paise ka realfact checker.
@@amitsingh7731 सही कहा भाई आपने । आपके विचार से सहमत हूं । वर्तमान में जयपुर वन्देभारत ट्रेन ट्रैक पर सिमेंट के ब्लॉक रखे होने के चलते दुर्घटना से बच गई क्योंकि समय रहते ट्रेन के ड्राइवर द्वारा ब्रेक लगा दिया गया था ।
अंग्रेजो ने असली अत्याचार और नरसंहार railway शुरुआत के बाद ही किए. लूट तो कई गुणा बढ़ा दी थी
First train engen Sultan and Sindh now in Rewari Haritage Musium ❤❤
Inka Kala sach yahi hai Inka pura karam hi Kala hai.
मेरे जिले में तो अब तक लोग ट्रेन चढ़ ने को तरस ते हैं। हमारे लिए ट्रेन चढ़ना हवाई जहाज चढ़ ने जैसा है। 😢
@@KNSC-z5j
Kis जिले से हो bhai
Train is everywhere
Roorkee mai Bombay se bhi phle train run hui thi
Jai hind
Inhe train sai hi mere mummy ke dada dadi aur nana nani pakistan sai aye the mere mummy ke dada dadi jhelum punjab pakistan sai ambala aye the train ke chath par bethkar unke safed kurta pyjama aur mummy ke dadi ke suit salvar kafi hadh takh kala ho chuka tha aur mummy ke nanaji vo bhi jhelum sai aye the leken the toh rehene vale lahore ke aur mummy ke nani peshawar tangi gao khyber pakhtunkhwa pakistan sai aye the kurukshetra unhone bhi kafi parasthithi ka samna kiya ate hue bhuke pyase aur dur dur takh pakistan mai safar karte karte unhone logo ke ghar barbadh jalte hue dekhe aur raste mai jo jo log unke sath safar kar rahe the unhone bhi sare raste rote rote nikale apna parivar ghar ujadne ke karan sai.
हमने सचमुच रेल्वे का इतिहास जितना देखा उसमे रेल्वे परदेस मे सिर्फ चार चाक वाली नही सिर्फ एक लाईन मे सिर्फ एक चाक की लाईन पे चलती थी उसके बारे मे जानकारी देखी थी|
Nana Jagganath Shanker Sheth was the founder of GIP
Thank you DD
1947 आजादी के पश्चात देश के पास कुछ भी नहीं था.. फिर लूटा क्या गया.. असली लूट तो 70 साल के पश्चात शुरु हुई.. जिसे निजीकरण के नाम पर लुटाया जा रहा है..?
Asli namakharam lootere to tumhare jaise atankwadiyon ke samarthak hain.
सरकारी नौकर बिना काम किये पूरा वेतन लेते है... निजीकरण इस महान रोग की रामबाण औषध है
@@ShivKumar-wv6zl BSNL ko पिछले कूछ सालो से दबाने का प्रयास किया गया मानो उसे पणपने ही नाही दिया,नतिजा ये रहा की एक अन्य प्रायव्हेट कंपनी अपने recharge plan महंगे कर कर इस देश की जनता को लुटणे लगा ..., ताकी गरीब का बच्चा ऑनलाईन पढाई ना कर सके ,सरकारी स्कूल प्रायव्हेट बना दिया जाता हैं ,ता गरीब कभी आगे नाही badh sake...
Ohh what a thought...😂😂😂😂
सरकारी कारण क़े बाद हर सरकारी संश्थान को लोगो को पालाने वाली संस्था बना दिया था जिससे अकारमन्य लोगो कि भरमार रही कुछ लोगो तीन दिन क़े बाद आते तीन दिनों हज़ारी लगाकर भाग जाते the
22 dec 1851
🙏🙏🙏🙏🙏
Abhi bhi log bhagte hai train dekh ke , kyuki har roz accident jo ho rhe🤡🤡🤡
It was 16 km not 34
Isme roorkee ka naam kyo nhi aaya yha bhi to bahut time phle se railway ka vikas hua h
बकवास है कि ब्रिटिश ने केवल अपने लिए काम किया क्यों सेना के लिए काम करते तो फिर दो ही डिब्बे तीन डिब्बे की छोटी ट्रेन हीं डालते
रही बात फायदे की तो बिना फायदे के रेलवे कैसे चलती
भगवान करे की जल्द भगवान मोदीजी को प्यार करने लगे और उन्हें मिल जाए पूरा देश प्रार्थना करता है
Excellent narration, but to defame Britishers is very unethical and beyond real true. They were great hearted, innovators, dynamic in their aims and thoughts. We salute to them.
stop saying lord to them...this culture shoild stop in books as well
Commentary is very poor.
Bhai desh train india me pehli train kab chali thi no bookish ok
Lauh path gamini kise kehte hain yeh v bataeyega
1937 में ......रेडिकल और मद्रास के बीच 4 डब्बों वाली माला,,ड़ी थी ......और पहली सवारी रेलगाड़ी बंबई और थाणे के बीच चली थी .......
@@MishaVerma502 exactly sister aapne sahi kaha 😊😊😊
God bless you
Itihas to bhara padasathi hai ab wo sirf hadse our hamari rajkiya senmarime janta ki kal ban gai railway to mahange tikit ke sath mehangi mouth bhi bankar seva namki kais yatra karwati hai.?
Bharat ki janta apna saubhagya mane k us samay pandit tha jis ne desh k pas kuchh na rahte hue bhi itna majboot bana diya k aaj 10 k baad ek chaai wala aur kuchh dhramandhra sangathan usko dimak ki tarah kha k apna pet paal rahe h 😅😅😅 10 k baad pora system hijack kar k .
Mai History par bas 30% hi bharosa karta hu ok ku k Aaj k date me agar kisi ko Bharat k 2k10 k baad k father yani Namo k baare me kisi ko bhi un k baare me history likhne bola jaai us me aap is baat ki sachai dekh paainge😅😅😅 isliye History me bas itna karo k agar past me kisi ne koi galti ki us ko na repeat kiya jaai aur samaj ko achha bana ne me naya naya dimag lagana chahiye na k todne me aur netagiri( ***after ajadi ) karne me😅😅😅
BJP ने भारतीय रेल को पुरी तरह बर्बाद कर दिया।
Aab ticket lene se pahle puchho ki kaha ki ticket kaha ki de rahe ho bhai 😂
Inka Kala sach yahi hai Inka pura karam hi Kala hai.
@@sarfarajkhan8996andhnamaji
Andhnamaji