अत्यंत मानवी तड़प और दर्द को समेटे पंडित जी की ये रचना शायद इससे अच्छे तरीके से नहीं गुनगुनाई जा सकती है। जब भी मन बोझिल होता है, जब आशा का दीपक तम के समक्ष झुकने को व्याकुल होता है, जब भी नयन में अश्रु का आगमन होने वाला होता है, मैं अकिंचन इस कविता को दोहराता हूँ। बहुत अच्छा काम किया है डॉक्टर साहब आपने। आपको बार बार चरण स्पर्श। माँ हिन्दी अपना स्नेह आप पर बनाये रखे।
आदरणीय डॉ कुमार विश्वास साहब सादर नमन। मुझे आपकी प्रस्तुति का बेसब्री से इन्तज़ार रहता है।एक ऐसे समय में जब कविता आम जन से दूर जा रही थी उस समय आपने कविता को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया। आपकी काव्य साधना को शत शत नमन। मैं भी एक छोटा सा कबि हूँ । मैंने भी अपनी ग़ज़लो को कुछ नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया है।
यह कविता हाई स्कूल मे पढ़ी । इससे प्रेरित होकर मैंने भी 14 वर्ष की उम्र में 18 Sep 1977 को अपनी पहली कविता रची थी। यहीं कही घूमती होगी वह ज़िन्दा लाश श्रम से लथपथ बहाती पसीना दूभर कर दिया अमीरों ने जिसका जीना वे छिनते हैं ग़रीबों की रोटी हर झोली पड़ती है इनके लिए छोटी ये भी करते है उसी पैसे की तलाश यही कही घूमती होगी वह ज़िन्दा लाश कुमार आपको बहुत बहुत धन्यवाद वो दिन याद दिलाने के लिये ।
जब हम छठवीं-सातवीं कक्षा में पढ़ते थे तब हमें भावार्थ समझने के लिए कुंजी का सहायता लेना पड़ता था...ये वीडियो में सुनने के बाद लगता है कि इसी लय में सर जी पढ़ते तो भावार्थ समझने के लिए और किसी भी साधन की आवश्यकता ही न होती।।। "वह तोड़ती पत्थर" सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ये कभी ना भूल पाऊंगा मैं।
मेरे प्रेरणा स्वरूप आदरणीय कविवर कुमार विश्वास मैं आपको नमन करता हूँ की आपने इतने अलौकिक रूप से कवियों से उनकी कवीता से हम सभी को परिचित करा कर हिंदी साहित्य के अर्थ गौरव से परिचित कराया। वास्तव में हिंदी साहित्य दुनिया के सभी साहित्य में सर्वश्रेष्ठ है और ऐसे विलक्षण कवि तो ईश्वर का उपहार हैं। हम हिंदी जगत के सभी विद्वानों को नमन करते हैं।
आदरणीय कुमार विश्वाश जी, तर्पण के शुरुआत के लिए आपको और हिन्दी कवितावों के श्रोताओं को हार्दिक बधाई! आपने भारतीय युवाओ में हिंदी की पुराने कवितावों के माध्यम से नई रुचि पैदा की है। इसके लिए धन्यवाद!
गुरुदेव आपकी आवाज का सीधा असर रूह तक होता है अत: एक आवाज़ उन बच्चों के लिए भी दे जिनके हाथों में सुबह की पहली किरण के साथ किताबो की जगह कूडा बीनने का थैला आ जाता है🙏🙏🙏
jis trh Friday ko release hone vali movies ka intjar rahta hai logo ko teek usi trh sahitya premiyo k liye aap ne Wednesday & Saturday ko Bana diya hai sir today I'm waiting next episode of TARPAN.
मजा आग्या महोदया:इस कविता को मैंने 2007में NCRT के 10th में पढ़ा था। पर आज जिस अंदाज़ में सुना सोचा भी नहीं की इतनी मुश्किल कविता। को आप इतनी आसानी से गया दिया।प्रणाम महोदया
यह कविता मुझे बहुत ही पसंद है , बचपन से ही गुनगुनाता आ रहा हु बहुत ही खुशी हुई आपसे सुनकर शब्द कम पड़ रहे है आपके लिए क्या कहे सोचते है जो भी कहेंगे कम ही होगा फिर भी अपने ज्ञान के अनुसार कहते है !!!......अति उत्तम.....!!!!
शब्दों के गायन के पश्चात जो कविता को सुंदर रूप मिला "निराला"जी ने भी कहा होगा पुत्र आज मेरे आत्मा को सुकून मिला बहुत ही अच्छा तर्पण है सर बहुत अच्छी आवाज है आपकी
गुरुदेव, आप जो हिन्दी के लिये इतना कर रहे है आने वाले समय मे आप और प्रासगिक होगे , और मा सरस्वती कि कृपा आप पर सदैव बनी रहे आपके माध्यम से हिन्दी विश्व पटल पर जगमगाते रहे।
thank you sir. aapne sbhi kviyo or kviytriyo Ko punrjivit krke jo bhumulya kaam Kiya h uske liye mere pass sbd km h aapki taarif k liye. bus Etna khna chahunga. AAP Jese sachche or Achche Insaan Bharat maa or peda kre.....Achche lgte ho.
जय हो महाप्राण।। हिंदी में बात है क्योंकि, हिंदी में जज्बात है।। सर इस कविता को आपने बहुत ही मधुर आवाज दी है।। आप वह हैं जो कार्यक्रम करके जाते हैं तो अखबारों में आपके गीत छपते हैं, फोटो नहीं।। जय हिंद जय भारत।।
प्रणाम गुरुदेव सर्वप्रथम आप अपनी सेहत का ख्याल रखे। अन्यथा हमे बहुत कष्ट होगा तर्पण ठीक होने के बाद कर लीजिये गा। अमित जी ने ये क्या कह दिया आप की इस लड़ाई में हम आप के साथ है।क्यूंकि "जिये या मारे पर तुम्ही से वफ़ा करेंगे ये तय हुआ था"☺☺💐
निराला जी की मार्मिक कविता के लिए आपका बहुत बहुत आभार विश्वास सर लगता है आपने भी यू पी बोर्ड से पढ़ाई की है...😊☺😊 निराला जी का काव्य दिल की अनंत गहराई से निकला काव्य है...महसूस वही कर सकता है जिसने जीवन मे इसकी स्वानुभूति की हो...
सर आप के कारण हम सब ने महान कवियों को वापस पड़ना आरंभ किया, सर आप बहुत नेक काम कर रहे हैं ऎसे ही करते रहिये, हम सब से जिस तरीके से होगा हम सब आप का साथ देंगे We love u sir
नर हो न निराश करो मन को ,कुछ काम करो कुछ धाम करो , जग में रहकर नाम करो कृपया अपने सुरो से लोगो का ध्यान आकर्षित करने का कष्ठ करे ,, विश्वास जी 👍👍👌👌 आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आप इन कवियों को याद कर ,,उनकी कवितायें गा कर उनको गौरवान्वित कर रहे है ,,
woooooowww sir...... thatsss grateeeeee .....y kavita bahut pasand thi suru se lakin kabhi asa nhi socha tha ki esee etne sundar tarike se bhi gaya ja skte h........ i salute u sir.....👍
Very very nicee kumar sir ... suryakant tripathi nirala ji jinko humne apne sylabus me pdha bht acha gayaa h sir aapne itni sundar lines ko jo ...kahi na kahi asal zindagi se jodtii h thnxxxx
jindaabd sir, you are too good.... apse bahot kuchj sikha hai aur apki aawaj ka mai bahot kaayal hu, sir ap TARPAN ke madhyam se hindi maa ki seva ki se jo karya ap ker kr rhe ho isse hmari HINDI MAA bhi ap jaise bete per garv kr rhi hogi..... hatsss of to you sir....really luv u sir
सर आपको तहे दिल से धन्यवाद जो आप हिन्दी भाषा की कविताओ को गीत के रुप मे हमारे लिए प्रस्तुत कर रहे है हम आप की आगामी कविता गीत की प्रतिक्षा करगे जय हिन्द
शानदार सर् ! अंग्रेजी में सिमटती दुनिया में हमें हिंदी का दीवाना बनाने के लिये धन्यवाद् ! और
तर्पण 7 के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं 🙏🙏🙏
अत्यंत मानवी तड़प और दर्द को समेटे पंडित जी की ये रचना शायद इससे अच्छे तरीके से नहीं गुनगुनाई जा सकती है। जब भी मन बोझिल होता है, जब आशा का दीपक तम के समक्ष झुकने को व्याकुल होता है, जब भी नयन में अश्रु का आगमन होने वाला होता है, मैं अकिंचन इस कविता को दोहराता हूँ।
बहुत अच्छा काम किया है डॉक्टर साहब आपने। आपको बार बार चरण स्पर्श। माँ हिन्दी अपना स्नेह आप पर बनाये रखे।
आदरणीय डॉ कुमार विश्वास साहब सादर नमन।
मुझे आपकी प्रस्तुति का बेसब्री से इन्तज़ार रहता है।एक ऐसे समय में जब कविता आम जन से दूर जा रही थी उस समय आपने कविता को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया।
आपकी काव्य साधना को शत शत नमन।
मैं भी एक छोटा सा कबि हूँ ।
मैंने भी अपनी ग़ज़लो को कुछ नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया है।
इलाहाबाद से होने के नाते, यह रचना आपके मुख से सुनकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा | धन्यवाद कविवर |
यह कविता हाई स्कूल मे पढ़ी । इससे प्रेरित होकर मैंने भी 14 वर्ष की उम्र में 18 Sep 1977 को अपनी पहली कविता रची थी।
यहीं कही घूमती होगी वह ज़िन्दा लाश
श्रम से लथपथ बहाती पसीना
दूभर कर दिया अमीरों ने जिसका जीना
वे छिनते हैं ग़रीबों की रोटी
हर झोली पड़ती है इनके लिए छोटी
ये भी करते है उसी पैसे की तलाश
यही कही घूमती होगी वह ज़िन्दा लाश
कुमार आपको बहुत बहुत धन्यवाद वो दिन याद दिलाने के लिये ।
पंडित निराला जी की उत्कृष्ट कृति और आपके स्वर ...अद्धभुत!!!!!!!!!👌👌
Dil khush ho gaya dr. Sahab
जब हम छठवीं-सातवीं कक्षा में पढ़ते थे तब हमें भावार्थ समझने के लिए कुंजी का सहायता लेना पड़ता था...ये वीडियो में सुनने के बाद लगता है कि इसी लय में सर जी पढ़ते तो भावार्थ समझने के लिए और किसी भी साधन की आवश्यकता ही न होती।।।
"वह तोड़ती पत्थर"
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
ये कभी ना भूल पाऊंगा मैं।
Very touchy poem by suryakantji and in ur voice it is just superb,eyes filled with tears😢
अतिसुन्दर मॉ सरस्वती इन के गले मै हमेशा रहै। जय श्री राधे कृष्णा
मेरे प्रेरणा स्वरूप आदरणीय कविवर कुमार विश्वास मैं आपको नमन करता हूँ की आपने इतने अलौकिक रूप से कवियों से उनकी कवीता से हम सभी को परिचित करा कर हिंदी साहित्य के अर्थ गौरव से परिचित कराया। वास्तव में हिंदी साहित्य दुनिया के सभी साहित्य में सर्वश्रेष्ठ है और ऐसे विलक्षण कवि तो ईश्वर का उपहार हैं। हम हिंदी जगत के सभी विद्वानों को नमन करते हैं।
आदरणीय कुमार विश्वाश जी,
तर्पण के शुरुआत के लिए आपको और हिन्दी कवितावों के श्रोताओं को हार्दिक बधाई! आपने भारतीय युवाओ में हिंदी की पुराने कवितावों के माध्यम से नई रुचि पैदा की है।
इसके लिए धन्यवाद!
SHANDAAAR!!!!!!! Lajwab hai..!!
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।
Love You #Sir #MyInspirsation #KV
♥️♥️♥️♥️♥️♥️😍😍😍😍😍 thanks for this series and for covering our poets poems 😭♥️
गुरुदेव आपकी आवाज का सीधा असर रूह तक होता है अत: एक आवाज़ उन बच्चों के लिए भी दे जिनके हाथों में सुबह की पहली किरण के साथ किताबो की जगह कूडा बीनने का थैला आ जाता है🙏🙏🙏
वह तोड़ती पत्थर
अति सुंदर
अगली कड़ियों के लिये अनंत शुभकामनाएं
Another wowww! Dard chupa ankhon main ,kavi se jyeda koun pehchane!
Thanks for this sir🙏❤️
so beautiful ..Dr. kumar sir आपका कोई जवाब नही जितनी तारीफ उतनी कम ।🙏
इलाहाबाद ♥️♥️ प्रयागराज ♥️♥️
Bahut Hi Shandar Prastuti Sir Ji......
Big Fan Of You Sir.....
dr. sahab aapne nirala ji ki is kvita ko sangeet aur swar dekar us mahamanav ko sacchi sradhanjali de di...jy ho..
सहसा ही याद आ गई आज,
वह तोड़ती पत्थर......
The great Nirala ji
अद्भत... अत्यंत मार्मिक वर्णन... धन्य है हिंदी साहित्य जिसने "निराला" जैसी महान विभूतियों को जन्म दिया🙏🙏🙏
bahut sahi sir love you ☺️☺️
nice sir
अकल्पनीय
नीड़ का निर्माण फिर-फिर में अमिताभ जी हरकत उनका मानसिक चरित्र चित्रण करती है।
अतिसुंदर काव्य पाठ किया है आपने डॉ. कुमार जी । गरदा गरदा कर देनी ।
dil ko touch krti hui poem... dard ko sabdo se bayan nahi kar sakte.. pr bhavnao ko samjh sakte h.. sundar kavita Kumar sir..
jis trh Friday ko release hone vali movies ka intjar rahta hai logo ko teek usi trh sahitya premiyo k liye aap ne Wednesday & Saturday ko Bana diya hai sir today I'm waiting next episode of TARPAN.
बहुत खूबसूरत गाया है। इतना मजा पढ़ने में नही जितना सुनने में आया
बहुत दर्द भरी कविता हैं . यह किविता दिल को छू जाती. महाकवि निराला जी को प्रणाम. आपको भी प्रणाम . आपने बहुत ही खूबसूरती से दिल से गाया हैं .
मजा आग्या महोदया:इस कविता को मैंने 2007में NCRT के 10th में पढ़ा था। पर आज जिस अंदाज़ में सुना सोचा भी नहीं की इतनी मुश्किल कविता। को आप इतनी आसानी से गया दिया।प्रणाम महोदया
बहुत दिन से इंतजार कर रहा था इस कविता का thanku कुमार भैया
निराला को फिर से हम सब के बीच लाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ........…शनिवार का इंतजार रंग लाया
Bahut badhiya 👌👌
प्रणाम सर जी,..
आपको सुनकर बहुत अच्छा लगता है।
तर्पण ..के लिए धन्यवाद,
बहुत अच्छा कविता भईया। ऐसा लगा निराला जी स्वयं गा रहे हैं
Bahut shaandar sir.......... Aapko pranaam h sir mera jo hmare kaviyon ko. jinko aaj ki generation bhulti jaa rhi h.. unko aap yaad dila rhe h... My favourite poet ....... Namste sir...😍😍😍😍😍😍😍
निराला जी की हर बात निराली,,
आपकी 'तर्पण' की सौगात निराली,,
उनको पढ़, आपको सुन बार- बार
धन्य हम, हमारी हर रात निराली,.....
सर नमन आपको....
Wha Wha maza aagya aapki awaz sunkar
adbhut ........................tarpan kbhi band na krna sir
यह कविता मुझे बहुत ही पसंद है , बचपन से ही गुनगुनाता आ रहा हु बहुत ही खुशी हुई आपसे सुनकर शब्द कम पड़ रहे है आपके लिए क्या कहे सोचते है जो भी कहेंगे कम ही होगा फिर भी अपने ज्ञान के अनुसार कहते है
!!!......अति उत्तम.....!!!!
waah ... Tarpan ... nirrala ji ki kavita apke muh se sun kar bahut achha laga
बहुत बहुत धन्यवाद आपका कुमार जी! इतने कठिन कबिता को इतना सरल बनाने के लिए।
बहुत ही सुन्दर लय के साथ 🙏🙏🙏🙏🙏
आपकी ये "तर्पण " रुकना नही चाहिए,
बुढ्पे में झंडू बाम बेचने वालों से क्या डरना।
बिलकुल सही कहा
सही कहा भाई वैसे भी अमिताभ ने देश के लिये किया ही क्या ह
sch kha yaar
You are right brother
शब्दों के गायन के पश्चात जो कविता को सुंदर रूप मिला
"निराला"जी ने भी कहा होगा पुत्र आज मेरे आत्मा को सुकून मिला
बहुत ही अच्छा तर्पण है सर बहुत अच्छी आवाज है आपकी
क्या बोले सर आप महान है ।बहुत खूसूरत।
वाह सर् बहुत खूब बहुत सुंदर आप जैसे कवियों ने जितना हिन्दी को सम्मान दिया हैं और हिन्दी को इतनी बुलंदियों तक पहुचाया हैं उसके लिये धन्यवाद
गुरुदेव, आप जो हिन्दी के लिये इतना कर रहे है आने वाले समय मे आप और प्रासगिक होगे , और मा सरस्वती कि कृपा आप पर सदैव बनी रहे आपके माध्यम से हिन्दी विश्व पटल पर जगमगाते रहे।
बहुत सुंदर बहुत ख़ूब अद्भुत काव्य संजीवनी है और आप वो कार्य कर रहे है जो कभी हनुमत ने किया था
जय हो 👌👌👌💐
प्रणाम कविवर
Nirala mere Fav Poet hain... Tarpan ke dwara aapka Hindi Sahitya ko yogdaan sarahniya hai... :)
अतिसुन्दर कविता 👌👌👍👍👍
अदभुत..👌👌
@DrKumarVishwas
सप्ताह के आखिर में मिलने वाला सुकून है। तर्पण।आनंद मिलता हैं सुनके ... 🙏🙏🙏
@The_APC
वाह सर् । मेरी पसंदीदा कविताओं में से एक, हमारे समाज का एक चेहरा दर्शाती है ।
धन्यवाद् सर् ।
thank you sir.
aapne sbhi kviyo or kviytriyo Ko punrjivit krke jo bhumulya kaam Kiya h uske liye mere pass sbd km h aapki taarif k liye.
bus Etna khna chahunga.
AAP Jese sachche or Achche Insaan Bharat maa or peda kre.....Achche lgte ho.
जय हो महाप्राण।।
हिंदी में बात है क्योंकि,
हिंदी में जज्बात है।।
सर इस कविता को आपने बहुत ही मधुर आवाज दी है।।
आप वह हैं जो कार्यक्रम करके जाते हैं तो अखबारों में आपके गीत छपते हैं, फोटो नहीं।। जय हिंद जय भारत।।
bahut bhavukta se bhari kavita hai...adhbhut rachnaaa ko jeevant karne ke liye aapka dhanyaawad...bhaiya jee.
बहुत सुंदर कुमार सर् जी, अद्धभुत अकल्पनीय कविता निराला जी की
प्रणाम गुरुदेव सर्वप्रथम आप अपनी सेहत का ख्याल रखे। अन्यथा हमे बहुत कष्ट होगा तर्पण ठीक होने के बाद कर लीजिये गा। अमित जी ने ये क्या कह दिया आप की इस लड़ाई में हम आप के साथ है।क्यूंकि "जिये या मारे पर तुम्ही से वफ़ा करेंगे ये तय हुआ था"☺☺💐
निराला जी की मार्मिक कविता के लिए आपका बहुत बहुत आभार विश्वास सर लगता है आपने भी यू पी बोर्ड से पढ़ाई की है...😊☺😊
निराला जी का काव्य दिल की अनंत गहराई से निकला काव्य है...महसूस वही कर सकता है जिसने जीवन मे इसकी स्वानुभूति की हो...
Behtareen Kumar sir!!
Rooh tak pohonch Gyi aawaz aapki!!
Shaandaar...
bHt bdiyaa Sir 💝 get well soon sir
I'm third to watch😁😁😁
देखते देखा मुझे तो एक बार
उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार
वाह सर
Adhbhut kavita h mahapran ki ..aur adhbhut apke swar
सर आप के कारण हम सब ने महान कवियों को वापस पड़ना आरंभ किया,
सर आप बहुत नेक काम कर रहे हैं
ऎसे ही करते रहिये, हम सब से जिस तरीके से होगा हम सब आप का साथ देंगे
We love u sir
नर हो न निराश करो मन को ,कुछ काम करो कुछ धाम करो , जग में रहकर नाम करो
कृपया अपने सुरो से लोगो का ध्यान आकर्षित करने का कष्ठ करे ,, विश्वास जी 👍👍👌👌 आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आप इन कवियों को याद कर ,,उनकी कवितायें गा कर उनको गौरवान्वित कर रहे है ,,
Wow.......... Amazing sir......... Big like........ Keep up it
love you sir ......kho chuki moti ko phir se ek ek karke duniya ke samne lane ke liye......💟💟💟
सर आप का यह काम अत्यंत महान है । आपकी वजह से हमारे अंदर साहित्य के प्रति रूचि बढ़ी है।
woooooowww sir...... thatsss grateeeeee .....y kavita bahut pasand thi suru se lakin kabhi asa nhi socha tha ki esee etne sundar tarike se bhi gaya ja skte h........ i salute u sir.....👍
वाह। अद्भुत sir, आज आपका सच में फैन हुआ
बहुत खूब...सादर प्रणाम कुमार भय्या...।
Sir... aapke jesa tarpan ...bhut kam log hi purwajo ko de pate h bhut khoob
Very very nicee kumar sir ... suryakant tripathi nirala ji jinko humne apne sylabus me pdha bht acha gayaa h sir aapne itni sundar lines ko jo ...kahi na kahi asal zindagi se jodtii h thnxxxx
कुमारजी धन्यवाद आपने हमे माँ हिंदी का इतना अच्छा परिचय दिया। आपको शुभकाम्नाये।
अति सुन्दर प्रस्तुति
बहुत खूब भैया, शानदार
Shaandar...Jisko mai b.a. first year me padha tha aaj aapke mukh se us shabd ko aawaj mili hai.wakai lajabab.
बहुत खूबसूरती से गाया है सर आपने निराला जी की कविता को ।।।।
Shabdo aur sur ka adbhut Sangam ..bahut achha presentation.
अती उतम एवं बहुत सुरीली आवाज जिसे सुनकर भाव विभोर हो जाती हु मै
jindaabd sir, you are too good....
apse bahot kuchj sikha hai aur apki aawaj ka mai bahot kaayal hu, sir ap TARPAN ke madhyam se hindi maa ki seva ki se jo karya ap ker kr rhe ho isse hmari HINDI MAA bhi ap jaise bete per garv kr rhi hogi.....
hatsss of to you sir....really luv u sir
हिन्दी माँ का स्वर्णिम युग.....
Wowwwwwwwwwww koi shabd nahi aapki tareef main sir.
waah
Motivational song for human being.
School days...yaad aa gaye...jab Hindi ki teacher teach karte the...bahut achha laga...
vah todti paththar.
kumar bhayiya aankhe bhar aayi😢
बहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुति कुमारी भाई ।
तर्पण की आगामी श्रृंखला के लिए शुभकामनाएँ ।।
निराला सर शत-शत नमन विश्वास सर थैक्स ।
बहुत ही सुन्दर......सर....शव्द नही है सर...
बहुत ही सुंदर कविता सर मै प्रयागराज से 🙏
wah kumar sir.. awesome poem.. Vah Todti pathhar.. Amazing
सर आपको तहे दिल से धन्यवाद जो आप हिन्दी भाषा की कविताओ को गीत के रुप मे हमारे लिए प्रस्तुत कर रहे है हम आप की आगामी कविता गीत की प्रतिक्षा करगे जय हिन्द
बहुत खूब ...... गुरु देव
My all time favourite poem
I learn this poem in class 6
thanks for remembering my childhood...
धन्यवाद गुरुजी हमे साहित्य के करीब लाने के लिए।
Love you sir ji ek aap hi ho jo hum jaise ko jine ki raaha dete ho aap