जाति-प्रथा का कड़वा सच बताती, अदम गोंडवी की कविता ‘चमारों की गली’| Ek Kavita Roz| The Lallantop
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- Опубліковано 28 тра 2022
- Caste discrimination has been a bane to our country. During an era when situations weren’t better or conducive for those born ‘low,’ a poet wrote some of the most heart-shattering and yet motivational pieces. This man was Adam Gondvi - a phenomenal writer; an understatement nonetheless.
These poems and excerpts not only make us think hard as an aware citizenry but render us speechless too. In today’s episode of Ek Kavita Roz, we bring to you ‘Chamaron Ki Gali’ by Adam Gondvi.
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Edited By: Utsav
ब्राह्मण हूं! निश्चय ही साहस नहीं जुटा पाया सुनने का। वर्षों पहले हमने "जूठन" भी पढ़ी थी। दलित समाज को आगे बढ़ाने वाले कार्यकर्ताओं को मेरा प्रणाम।🙏🙏🙏
लल्लन टॉप वामपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाने वाला चैनल है। कृपया सतर्क रहें 🙏
जो कविता में दर्शाया गया है ऐसा कभी नहीं होता था। कविता का क्या है कुछ भी लिख डालो। यह मूर्ख पत्रकार कविता को सच मानकर भावुक हो रही है 🤣
कमज़ोरों को ताकतवर ने हमेशा सताया है। जाति से इसे जोडना अपराध और अपराधी को बचाने जैसा है। क्या सवर्ण लड़कियों के रेप नहीं होते?? क्या सवर्णों पर अत्याचार नहीं होते?? क्या किसी दलित का उत्पीडन उसकी अपनी ही जाति के व्यक्ति द्वारा नहीं हो सकता?? उत्पीडन और शोषण का सम्बन्ध ताकतवर और कमजोर से है जाति से नहीं। यह सरकारी तंत्र का फेल्योर है न कि जाति व्यवस्था का।
अरे tohre chhinaro ke 52 log fela ke chhuwa chhot gyan pelta h
एडम गोंडवी (जन्म राम नाथ सिंह ; 22 अक्टूबर 1947 - 18 दिसंबर 2011) [1] [2] अट्टा परसपुर, गोंडा , उत्तर प्रदेश के एक भारतीय कवि थे । [1] [3] उन्होंने हाशिए पर पड़ी जातियों, दलितों , दरिद्र लोगों की दुर्दशा को उजागर करते हुए हिंदी में कविता लिखी । [2] एक गरीब किसान परिवार में जन्मे, हालांकि, उनके पास काफी कृषि योग्य भूमि थी। गोंडवी की कविता सामाजिक टीका-टिप्पणी, भ्रष्ट राजनीतिज्ञों के तीखे दृष्टिकोण और क्रांतिकारी स्वभाव के लिए जानी जाती थी। [1] [2]
एडम गोंडवी
स्थानीयनाम
आदम गोंडवी
जन्म
राम नाथ सिंह 22 अक्टूबर 1947 अट्टा परसपुर, गोंडा , उत्तर प्रदेश
मृत
18 दिसंबर 2011 (आयु 64)
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान , लखनऊ
पेशा
कवि
भाषा
हिंदी , अवधी
राष्ट्रीयता
भारतीय
उल्लेखनीय पुरस्कार
1998 में दुष्यंत कुमार पुरस्कार
1998 में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें दुष्यंत कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया। [1] 2007 में उन्हें अवधी/हिंदी में उनके योगदान के लिए शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया। [4]
गोंडवी की 18 दिसंबर 2011 को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान , लखनऊ में पेट की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। [2] [3]
उनके कविता संग्रह धरती की सतह पर (पृथ्वी की सतह) और समय से मुठभेद (समय के साथ मुठभेड़) काफी लोकप्रिय हैं। [1] [3]
उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताएँ हैं -
तुम्हारी फिल्मों में गांवों का मौसम गुलाबी है [5]
मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको, आइए महसूस कीजिए [6]
काजू भुनी थाली में, व्हिस्की भरी गिलास में
संदर्भ
संपादन करना
"कवि राम नाथ सिंह, जिन्हें आदम गोंडवी के नाम से जाना जाता है, का लखनऊ में निधन हो गया"। जागरण जोश डॉट कॉम। 19 जनवरी 2011। 22 अक्टूबर 2016को पुनःप्राप्त।
"अदम गोंडवीः विद्रोह की रोशनी से लिखा बेबाक कलाम" . aajtak.intoday.in (हिंदी में) । 22 अक्टूबर 2016 को पुनःप्राप्त ।
"कुछ इस तरह थी गोंडवी की राजनीति पर कटाक्ष" . hindi.oneindia.com । 3 नवंबर 2016 को मूल से संग्रहीत । 22 अक्टूबर 2016 को पुनःप्राप्त ।
"जन-जन के कवि आदम गोंडवी" । दैनिक जागरण । 23 अगस्त 2020 को पुनःप्राप्त ।
"Hindisamay.com: अदम गोंडवी की कविताएँ :: अदम गोंडवी की कविता" . hindisamay.com । 22 अक्टूबर 2016 को पुनःप्राप्त ।
"\'मैं चमारों की गली तक ले जाऊंगा आपको\'" . aajtak.intoday.in (हिंदी में) । 22 अक्टूबर 2016 को लिया गया ।
आदम गोंडवी कविता/ग़ज़ल/कविता (हिंदी)en.m.wikipedia.org/wiki/Adam_Gondvi
Aapke paas emotions h yhi kafi h hmare liye thanks
@@Godofgods7 ye Brahman he sale kshatriya Samaj ko badnam bhi carte he aur hiteshi bhi bante he
बहन , आपने कितनी साहस से यह यह कविता सुनाया , दिल को झकझोर गई , मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए सुनने में , ऐसे लेखकों को चरण स्पर्श .
जाति है कि जाती ही नही
मैंने कई बार इस कविता को सुना जब भी सुनता हूँ आँखे नम हो जाती है लगता है आज की ही व्यथा है।
आपको और आपकी टीम को साधुवाद।
Me Ise Km se km 100 baar dekh liya 😢😢
ua-cam.com/users/shorts6JEGIegBipE?si=jLsNBhrP0SAfV6Uj
❤❤❤
Ak baar aur dekh lete 101 subh hota h 👍😢😢😂😂😂
@@NeetGirl_KRISHiii 😂😂😂😁
4000 साल की क्रूर जाति प्रथा का दर्द चंद लाइनों में उतर दी... अदम गोंडवी को मेरा सलाम 🙏
ادم گوںڈوی کی نظم ایک سچی اور تلخ حقیقت ہے
Phooan Devi ji ki kavita likho. Jisme reply hai.
4000 nhi.. 200 saal purani
@@pratyushrajput1090 jhooth mat bol. Sab kuch British ke upar blame mat karo. Hinduism and scriptures of Hinduism are all about Casteism. Accept it and change it.
@@nisargdhamecha8476 aap koi bhi ek scripture (written in sanskrit) utha ke usmein se koi bhi ek line bta do mujhe ki ismein yaha jaatibaad h...
Ya fir
Kisi bhi sanskrit scripture mein chamar, dalit, jaise sbd milein to aap mujhe comment krke btaye
जाति के नाम पर आरक्षण सबको दिखाई देता है लेकिन जाति के आधार पर भेदभाव हिंसा प्रताड़ना किसी को दिखाई नहीं देता.. निःशब्द
Right
Reservation se bhedbhav or badhega
@@jitubannaji pehle bhedbhav phir reservation aaya
Jab tak reservation tb tk bhedbhav
Jin sawarno ne aisa kiya wo neech the jo bhedbhaw karte the unka mn dushit tha lekin un logo ki saja pura savarn paye ye to uchit nhi na😞
Aaj hamara shoshan kiya ja rha hai tb sb kyu chup hai yahi hota hai jb kisi varg vishesh ko dabaya jata hai ek din wo uthega aur wahi karega jo uske sath hua aur ye pratha chalti rahegi
जाति के आधार पर भेदभाव हिंसा प्रताड़ना ....ऐसे कवियों को ह्रदय से नमन
अदम गोंडवी की इन पंक्तियों को सुनकर मेरा मन नि शब्द हो गया ❤❤❤❤
चमारों की गली तक ले चलूंगा❤❤❤
भारतीय संविधान के जनक बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जय हो❤❤❤❤
ये जाति है कि जाती ही नहीं, इसका दर्द सिर्फ वो ही लोग समझ सकते है।इतनी बेहतरीन रचना के लिए दिल से धन्यवाद और इसे दिखाने के लिए आपका आभार🙏
Jaisa jinhe reservation milta h woh iska support kerte ha jinhe nhi woh iska virodh kerta hai . Waise hi jinhe swarn caste milti h woh iska support kerta h jinhe nhi woh iska support kerte hai
Bhai ye jati h kabhi nhi jayegi yad rkhana q ki na to political parties chahti h or na log q ki dono ko maja arha h
@@lightsforall7076 hmm
Aao ek jatibihin samaj ka nirman kare aur , Ambedkar Sahab ke sapano ko sakar kare .
Jai Hind Jai Bheem
Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं
धन्य है बाबा साहब जो संविधान के माध्यम से वंचित समाज को सम्मान से जीने का हक दिया । आप को कोटि कोटि नमन ।
kya samman se jeene ka haq diya samvidhan me b to obc sc st h baaki hm log to hai hi general wale to alag kya kiya ...aarakshan tumko hmari wajah se mila..caste certificate me to jaati bharte hi ho to kya samman diya ye bta do jra.
@@shivammishra5103aur pdho beta abhi, jaativaad me itne andhe na ban jao ki ye puchne lago ki ambedkar ne kya kiya.
@@cloudless_night beta mere laal mere poot padne ki jaroorat tumko h abi tumko pta nhi h baba ambedkar ko gyan kisne diya tha. Jin brahmano ko Kos rahi h na bhim army ...unke baap ko bnane wale brahman the ...smjhe isliye baap ka virodh nhi krte ...tumhare khandaan me mila kr itna koi pada likha nhi h jitne abi hm h thik h na beta ...to baap ko kosna bnd kro aur suno chuslims se bade dogle tum log ho ...sbse pahle tumhi bhagte the tumhi hhagoge abki baar phir 24 me modi aaega rok k dikha dena
@@shivammishra5103half knowledge is always dangerous and you're having too much pain
Samvidhan ka matalab saman vidhan hota hai...angrezo ke vidhan copy paste nahi...jo samaj ko jatiyon me bantata ho wo kahe ka samvidhan 😂 sirf divide n rule he
सचमुच बहुत भावुक और दलितों के जीवन की कठिनाइयो को जीवंत कर देनी वाली कविता है,साथ ही आपकी प्रस्तुति भी बहुत शानदार थी। बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
ua-cam.com/users/shorts6JEGIegBipE?si=jLsNBhrP0SAfV6Uj
सदा सर्वदा सटीक सत्य है ये कविता ही नही बल्कि निम्न वर्ग समाज के लोगों का पीड़ा है जो अदम गोंडवी जी ने महसूस करके उसका वर्णन किया है।
मैं ऐसे कवि को बार बार सादर प्रणाम करता हूं🙏🙏🙏
आज तक ऐसी कविता नही सुनी ।आंखों में आंसू का गया।
अद्भुत
Jatiwaad k kaaran desh avi takk trakki nhi kar aaka
Tumlog ka gand se khun bhi ayega sabar Karo beta sabar
आपने तो कहानी सुनी है जिनके साथ यह हादसा हुआ होगा उनका सोचिए उनका क्या हाल हुआ होगा
@UA-cam Addict matlab system thik nahi karna..?? privatisation nahi usko bechna kehte hain
कविता नहीं सर सच्चाई है।
आज भी ऐसी सच्चाई अनेकों मिल जाएगी।
शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि अदम गोंडवी जी स्वयं ठाकुर थे। जिनका असली नाम रामनाथ सिंह था। ठाकुर होकर भी चमारों के लिए ऐसी कविता लिखने की हिम्मत सभी में नहीं होती। अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में उन्होंने जातिगत भेदभाव, समाज की कुरीतियों, और सत्ता को आइना दिखाया।
@@anwaransari9095 चुप रह ये दया और सहानुभूति एक गुण है जो अच्छे लोग में होता है
राम नाथ सिंह ,अदम गोंडवी
एक सच्चे मानस से उसकी जाति मत पूछो
Isme tere bare me sahi kaha likha h bhai🤣
Adam gondvi Ji ko shat shat Naman
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सलाम है लेखक की सोच को ,
आपके हृदय में उठे जोश को |
ये जोश हृदय में हमेशा बरकरार रहे,
हम भी ऐसी कुरीतियों से लड़ने के लिए तैयार रहे |🫡
ये कविता मैंने हजारों बार पढ़ी है। और यकीनन ये दौर आज भी जारी है। अदम साहब गोंडा के ही रहने वाले थे और ये घटना गोंडा उनके गांव की हैं। इस बारे में
मैंने कई लोगो से पता जो उसी गॉव के थे।
आखिरी चंद पंक्तियों को पढ़ते वक़्त मैंने आपकी आवाज में वो भारी पन देखा आपका गला भर आया था।
आपने उसे महसूस किया जो मैं हजारों बार कर चुका हूं
मैडम अगर कोई व्यक्ती इस कविता को सुनकर भावुक होता है तो इंसान कहलाने लायक वो ही है 👌👌
Hmm bossi ke kyu nhi
Ye kavita nhi samaj ka adhura sach hai.
Thakur bhi garib bebas hote hai.
@@abhishekkumarpandey1842 kas
@@abhishekkumarpandey1842 ... Are lallu hum thakur kbhi gareeb nhi hote... Tum bheeksha mngo hum zamindaar the smjha
@@xyz6297 to bhai EWS kyo liya...
निःशब्द हूं।
समाज का ऐसा आइना सामने लाने के लिए ऐसे कवियों को ह्रदय से नमन करता हूं।ऐसी हिम्मत सभी में नहीं होती है..... 🙏🙏🙏
Aisi kavita phli bar suni ankho se ansu aaaa gye
👍👍👍👍
Kaha se ho
@@MukeshKumar-mp6bs इंद्रलोक से
नि शब्द हूँ
हरियाणा no.1
जाति पाती सब ठीक है यहां
Proud to be a Haryanvi
Proud to be chamar 😎 jay bheem jai samvidhan 💙🙏🏻
Baba saheb ko kabhi dekha hai proud to be Mahar kahi likha ho . Tum murkho ki trah kahi n kahi Brahmano ki manyatao ko approval de rhe ho. Padho likho Bharatiya🇮🇳 ho itna parichay kafi hai.
Proud to be an Indian. Jay Bhim, Jay Samvidhan, Jay Vigyan❤❤❤
@@VR-ui5vxu r right bro
No no no my dear friend please don't say so.I will not use that word.You are a great human soul.God bless you ❤🎉🙏
अरे मेम क्या ही चमत्कारी शब्दों में आपने समाज की सच्चाई कहीं है! जो भी सुनेगा उसका भावुक होना स्वाभाविक है
धन्यवाद मेम 🙏🏻
इस कविता को सुनने के बाद आज ये एहसास हुआ की हमारे बाप दादाओं ने कड़े संघर्ष के बाद ये स्वतंत्रता पाई है
अदम गोंडवी की कविता जो आप ने पढी सच मे भाव विभोर कर दिया ❤आपके बोलने के तरीके से कविता में जान सी भर देती है।
धन्यवाद हमारे साहित्य के अनमोल खजाने से रूबरू करवाने के लिए ❤❤🎉 तहदिल से शुक्रिया 🎉🎉
Being a Muslim I Always Support My DALIT BROTHERS AND SISTERS 😢😢😢😢
ये कोई कविता नहीं हैं ये किसी के जीवन का परिचय हैं 😭😭😭😭 जय भीम 🙏🙏🙏
Jai bhim
अदम गोंडवी जी की कविता जितनी खूबसूरत है,
आपके पढ़ने का लहज़ा भी उतना ही खुबसूरत है।🙏🙏
और ये खुद भी
@@rishisharmasharma5437 बजरंग बली की फोटो लगाकर उल्टी बात क्यूं करे है।
Sahi kaha aapne.
Pura emotional ho gya 😢😢
Adam godavi ji ko mera naman,
Aur aapko bhi es episode ke liye , thank you
अदम गोंडवी साहब को मेरी सत सत नमन,,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आँखों में आंसू आ गये कविता सुन कर😢 इस कविता ने हमारे समाज की जाती प्रथा का सही आईना दिखाया है आपको सलाम हैं गोंडवी जी को लेकिन बड़े दुख की बात है यह आज भी प्रचलित है।
रोंगटे खड़े हो गए ये कविता सुनकर,,,, धन्य हैं आप अदम गोंडवी जी 🙏🙏🙏🙏
अदम गोंडवी (रामनाथ सिंह) नहीं रहे।
ऐसे महान कवि को मेरा कोटि कोटि प्रणाम। जाति प्रथा के कड़वे सच को आपने अपनी कविता से बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया है।
Sach Much Hakikat Kavita Mein Utar Di Ha Abhi Bhi Jatti Bhed Bhave Bahut Ha Kavi Ko Koti Koti Naman
ये कविता मात्र नहीं , समाज की सच्चाई है और मार्मिक भाव है जो भारत के हर 7 वें इंसान को झेलना होता है हर रोज 😕
समाज की सच्चाई याने हिंदू धर्म की गंदगी. जातीभेद हिंदू धर्म की देन है.
Sahi baat sir....ye durbhagya hai
Bas yahi hamari galti h hum haar chj haar baat ko bas gernalise kr lete hn.
Takatwar ko kmjoor ne hmesha dbya h dabyega, haar koe apne se kmjoor ko dbata h. Or jo ajj kmjoor hn kal jab takawr bn jayega wo phir dusre kmjoor ko dbayega. Ye bas insani chetna ki kmi h jo kmjoor or taktwr sab me mjood h. Lekin takawr ki kmyn ko takt ka sath milta h jiske wjh se man mana bhviour rkh pata h, destructive bn jata h, uski kmyaan smne ate hn. Andaar sbke jaanwar bhara h bs ye smjik dawaab use roke hue h. Yhi manv chetana ki kmi.
Kabhi kala - gore , gareeb - Ameer, uchi jati or neechi jati ke roop me smne ayi h.
Absolutely right...
Ha ...abhi bhi Bratman m bhi ...y hi Hal h ....uchi jati bale dalet k uper Utne par Chad jate h ...Ander hi Ander khate ...y hamari barabri nhi karne chaye
पूरी पंक्तियां सुनने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, माफ़ करना. जब लिखा इतना दर्दनाक है तो कैसा सुलूक करते रहे होंगे ये लोग छोटी जाति के लोगों के साथ. धन्य हो बाबा साहब जो आपने हम सबके लिए संविधान जैसा पवित्र ग्रन्थ लिखा वरना ये सब तो खा जाते.
Bhai tum apni cast ko chhota kyu bol rhe ho
@@AbhishekKumar-hf4ps syd aapne pda nhi shi se
शरीर की जाति होती नहीं और आत्म अजात है। अब आप किस जाति की बात कर रहे हैं मित्र। उधार के ज्ञान से अज्ञान भला...🙏🙏🙏😊
आपका तह दिल से धन्यवाद,❤❤❤❤❤❤
अच्छी कविता। लेखक और पाठ करने वाले को धन्यवाद।
क्या लगता है ये ठाकुर कोई जाति है या सामाजिक आर्थिक विभेद ! क्या ये ठाकुर ही है जो क़ानून को अपने हिसाब से नाचता है। क्या ये पुलिस वाले सिर्फ ठाकुर जाति की बात सुनती है ? या ये ठाकुर की श्रेणी में वो सभी पैसे वाले लोग आते है। मेरे नज़र में ये ठाकुर एक आर्थिक रूप से मजबूत व्यक्ति है जिसकी अपनी अलग धौंस है। ये आज भी अपने समाज में मौजूद पूँजीपति लोग ही ठाकुर है। और पुलिस हमेशा से ठाकुर उर्फ़ पूंजीपतियों की ग़ुलाम रही है। पहले अंग्रेजो के , आज राजनितिक लोगो के। पैसा ही ठाकुर है। ठाकुर पैसा है। और इन पैसो वालो का यूनियन ही बड़ी / ऊँची जाति है। इनसे पार पाना पहले भी मुश्किल था। आज भी मुश्किल है। क़ानून - सिर्फ किताबो में अच्छा है। क़ानून की पहली सिद्धान्त "Justice delayed is justice denied" किस हद तक पालन होता है हम सब जानते है। आज कितने सारे फैसले जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है। लागू ही नहीं होता है। उसे लागू करवाने के लिए फिर से केस कीजिए। और इंतज़ार कीजिए। example - मजिठिआ वेज बोर्ड को लागू करने का फैसला 2011 से दिया गया है। केन्द्र सरकार , सुप्रीम कोर्ट सब बड़े मीडिया हाउस को खुश करने में चुप्पी साधे हुए है। मजाल है किसी मीडिया ग्रुप का या किसी दमदार रिपोर्टर / जर्नलिस्ट का जो इस पर बात करें। कोई गलती से आवाज उठाए तो नौकरी ख़त्म। अब खाओगे , परिवार पालोगे या केस लड़ोगे। मीडिया ग्रुप के मालिक ठाकुर जाति से है या ठाकुर हो गए है। संविधान , क़ानून - जय हो !
जातिवाद व स्त्री शोषण को प्रस्तुत करती अदम गोंडवी की कविता। गोंडवी जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏
Adarniye gondvi ji ko bahut bahut saidu vaad aap ki mahenat ko ham khali nahi jane denge is ko jan jan ko pahuchakar chodenge or jinhone ye kavita sunai h unka bhi bahut badhai bahut dhaniywad 🙏💐💐
.tum batao puri duniya me jati pratha..aaj tum proof karo ab kaha jati hai..koi jati ko nahi manta....except shadi vivah ke
Aur adam gondavi ko musalmano me 72 firake hajn usper likho..
72 hoor ka dalal alla per kucch likho..
Hallala per likho.
Ladki ko gulam banao..rape karo muhammad ne yahi likha hai us per likho..kafir ko loot maro usper likho
लिखने मात्र से काम नहीं चलता ! नारीमुक्ति दाता भेदभाव का अंत करने वाले हस्ती बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को नमन
अदम गोंडवी जी भी एक ठाकुर जाती से थे
Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं
कवि साहस को कोटी कोटी नमन 🌹 🌹🙏🙏
जाति धर्म अपनी छोड़।
मानवता से नाथा जोड लो।।
गर्व से कहो हम भारतीय हैं 💪🤝🇮🇳
बहुत खूब। यही है भारतवर्ष की असलियत। बहुत दुख होता है जब सरकारें बोलती हैं कि देश ने बहुत तरक्की कर ली है। मैं कहती हूँ कि जब तक किसी एक भारतीय पर भी जाती के कारण या गरीबी के कारण अन्याय हो रहा है तब तक ना तो देश ने तरक्की की और ना ही वह गुलामी से मुक्त हो सका। मुझे England में रहते हुए 45 साल हो गये हैं लेकिन अपने देश के लोगो के लिए आज भी आंख भर आती है।
निशब्द ही कर दिया कविता ने। जो वाकई हकीकत है। और आज भी दूर गांवों में यही हो रहा है।
समाज के घिनौने सच से रूबरू कराती कविता है।
अदम गोंडवी जी को नमन है।
अद्भुत 👏👏👏
ये कविता दलितो के साथ होने वाले अन्याय और प्रताड़नाओ का सदृश्य वर्णन करती हैं!
कवि के चरणों में नमन 🙏
Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं
कविता का पठन बहुत अच्छा किया आपने ।आज भी ऐसी घटनाएं खत्म नहीं हुई हैं, शिक्षा - रोजगार - उन्नति ही सहारा है ऐसी स्थिति से निकलने का।
में भी ब्राह्मण हु किंतु सभी दलित मेरे प्यारे मित्र हे हमने सुना जरूर है किंतु तीन पीढ़ी से मैने मेरे परिवार में कोई भेदभाव नही देखा और ना ही किया ये चालीस वर्ष पूर्व ही हमने हमारे दादाजी से सीखा, हे।सभी धरती के लाल हे और दिल से भाई है,जय भारत माता।हम सभ सनातनी हे थे और एक होकर रहेंगे।❤
Ye shanatni kya lga rkha h hindu bolne mae sharm lgta h
Dimag thikane hai ki nhi sanatani bola to kya galat bola satya jo hai wahi to bola @@palakison1970
कविता ----अदम गोंडवी जी बेहद जीवन्त लगी। आज भी दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के समाज के साथ दरिंदगी को बयां करती ये कविता कितनी प्रासंगिक है जो देश की सत्ता पर काबिज सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है।बहन ऐसी कविताएं लाती रहिए,आपका ये प्रयास सराहनीय है।
जाती और समाज के नाम पर कड़वा प्रहार करने वाली कविता के लिए ....
'अदम गोंडवी' जी को सादर नमन...🙏
Jaati ek post hain koi insan nahi sharir to karmo anusar har janam mein badal jata hain jo aaj vaushya sudra hain wo kabhi bramhan thakur thae hum sab to atmaa hain jiska sambandh sirf bhagwan se hain 😎😎😎😎😎
@@underworldevolution2564 to
@@underworldevolution2564 epitome of moulding arguments according to your needs...things which you cant defend you blame it to non scientific concept of karma to perpetuate your position of power defined by caste...
आपकी आवाज़ मर्म से भरी हुई हैं 👌👌👌🙏🙏🙏
अप्रतिम कविता.....सच को उजागर करती कविता।🙏🙏🙏✍️✍️✍️
हिन्दू कौम दुनिया की एकमात्र ऐसी कौम जो अपने बच्चों को कुछ और सिखाये या नहीं
पर जाति व्यवस्था की ऊंच नीच ज़रूर सिखाते हैं 🤔🤔🤔🤔🤔🤔
Ryt bro
Right
अरबो रुपये की बात केह दी आप ने सर 🙏
भावुक हो गया धन्य है वो लोग जिन्होने समाज से जातिवाद खत्म करने का प्रयास किया।
Totally goosebumps and also tears in my eyes❤❤❤
दिल को छू गया ये कविता।
आंख से अचानक ही आंसू छलक गए।
ये कही न कही समाज की वास्तविकता को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किए हैं।
नमन है ऐसे कवि को। 🙏🙏🙏
ye sachai h is samaj ki or kavita bhi dil ko bhavik kar gai or samajh main aa gaya ki Somnath mandir ko hajaro bar q loota tha jab temurlung ne Delhi main khoon ki nadhiya baha di thi tab ye dalit ko ghodi se utarne wale kahan chhipa gaye the
आपको और कवि अदम गोंडवी जी को बहुत बहुत धन्यवाद। समाज की सच्चाई को बयां करती एक महान कविता।
Jaati ek post hain koi insan nahi sharir to karmo anusar har janam mein badal jata hain jo aaj vaushya sudra hain wo kabhi bramhan thakur thae hum sab to atmaa hain jiska sambandh sirf bhagwan se hain 😎😎😎😎😎
@@underworldevolution2564😂😂😂😂castiest parasites defending everything
वाकई ।। हृदय को झिंझोड़ देने वाली कविता है, शायद इस कविता के माध्यम से कुछ लोगों को समझ आए, गरीब व दलितों का दर्द
आपका भावुक होना आपका जिन्दा होना है. जिंदाबाद
दिल को छू लिया, आंखें नम हो गया इस वास्तविक कविताएं सुनकर ऐसे ही कविताएं सुनाए करे दिल से धन्यवाद 😭😭😭😭🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Yeh kavita nhi सच्चाई है दलितों की ठाकुरों ने बहुत जूल्म किया था 🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
अदम गोंडवी जी ने इस कविता में दलित जिंदगी को पूरी तरह से छू लिया है। सबसे ज्यादा दिल छू लेने वाली कविता।
kushwaha kon hote hai
@@alwayswithhumanity4520 बहुत सही जवाब दिया भाई
Aap dalit h😳
@@mrinalsingh2016 dalit
@@mrinalsingh2016 Dalit
Thanku writer ji ❤❤
रिजर्वेशन की जगह अगर लोग जातिवाद खत्म करने के लिए आवाज उठाते शायद आज उजनीच खत्म हो जाती 😮
जाति वो कीड़ा है जो समाज को इंसान नहीं बनने दे सकता है 🙏🙏🙏
😂🤣😂
Right bro
Bhartiya sanskriti mein jaati ka concept nahin hai jaatiyon ka concept angrejon ne banaya aur dakshin panthi itihaaskaaron ne badhaya hai
@Shivam kumar dikkat to yahi hai ki tum jaise log Bina ved padhe vedo ke bare mein baat karte ho.
Vedon mein jaatiyon ka nahin balki ward ka ullekh hai lekin tum jaise gadhe log nahin samjhenge.
@Shivam kumar chamar nai badhai sunar yah Koi jaati nahin balki karm hai jisko samay ke bad धीरे-धीरे jaatiyon mein bandh Diya Gaya
प्रणाम है श्री अदम गोंडवी जी को जिसने इतनी सुंदर छवि और वास्तविक समाज से रूबरू कराया इस कविता के माध्यम से। कविता के शब्द और पंक्ति अदभुत हैं और मैम की आवाज एहसास दिलाती है जेसे की कविता के शब्द सीधे कानों को छूते हुए हृदय को छू गई। शायद यह कविता समाज को एक साथ कदम से कदम मिलाकर बिना जातिवादी और बिना भेद भाव के आगे बढ़ाए।
धन्यवाद
Writer or sunane wali mam ka bahut bahut aabhar ,sach jo bol diya aapne is time mai 😢😢
Beautiful poem. Made me cry.
*अदम गोंडवी जी को नमन*
*लाजवाब कविता*
*कविता दिल को छू गई और आँखों में आँसू आ गए*
Jati todo samaj jodo.Arthik asamanat ki khayi. ko puri tarah pato.
इसे सुनकर आंसू आ गए
सलाम है ऐसे कवि को जो देश की वास्तविकता को सामने लाए
Mam आपने क्या शानदार तरीके से इस कविता को सुनाया है 👌👌👌👏👏🙏 लाजवाब ❤️
Thanx aastha ji... Yeh kavita sai roobru karane ke liye... Naman hai apko...
कसम से बहन जी खून खोल गया 😡😠😠 इतनी बद्तर हालात थी हमारी,हमारा कसूर क्या था की हम चमार थे,जिसे नीच जाति के नाम से जाना जाता था,,,आपकी हिम्मत है जो नई जागृति समाज में लेकर आ रहे हो
Oye tere paise diye the kya bo kuch ban gaya hai tho tujhe bhi hak hai jineka or chamaro ko bhi hak hai jine ka jo sale tu un chamaro khane deta hai kya🤬😡😠😡😡
भाई जाति तो एक फैक्टर जरूर था
पर सबसे बड़ा फैक्टर जो था वो मत भूलो
वो था उनका कमजोर होना
साहस की कमी
अगर वो होता तो ठाकुर क्या थे
मैं भी ठाकुर हूं पर
मेरी गलती के लिए सारे ठाकुर दोषी नहीं हो सकते
जाति ने ठाकुरों को ताकत दी
मगर इससे बड़ी ताकत शोषण होने वाले के द्वारा विरोध ही न होना
और न ही समाज द्वारा इश्का विरोध होना
अगर उस समय वो साहस दिखाते और
उनके लोग हिम्मत करते तो क्या वो ठाकुर कुछ कर पाता
ठाकुर बहादुर और साहस के बल पर ही राज करते रहे
गांव देहात में इनकी संख्या बाकी जातियों से कम रही पर दबदबा रखा
एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में गए तो वहां भी कब्जा किया साहस के बल पर
और वही साहस तुम्हें भी दिखाना चाहिए
तभी जाति प्रथा खत्म होगी
मैं स्वयं चाहता हूं ये नष्ट हो जाए
बहुत ही क्रूर और शोषण करने वाली है
ठाकुर से उम्मीद करने के बजाय स्वयं कुछ करो
क्योंकि वो अपनी सत्ता ताकत बनाए रखना चाहत है
@कोलाहल स्वामी kolahal swami
Kavi sahi bol Raha hai...iska live example hai Phoolen Devi...jao pehle uske bare me search Karo...ye sirf kavi ki kalpana nahi hai...
@कोलाहल स्वामी kolahal swami andhbhakto ke andbhakt tu kitna padha hai ki tere ye pata nahi poet reality likhte hai sam aj ki dasha aur samaj me ho Rzahi ghatnao ko dekhte huye hai wah Kavita ko roop me sabhi dasao ko prastut karta hai tere ko dalito ki kahani jhoothi hai to itihas dekh pandit pakhandi
@कोलाहल स्वामी kolahal swamiऐसे तो महाभारत aur रामायण भी काव्य थे तो वो भी क्या लेखक की ऐशनाये थी
सुनकर बड़ा भावुक हो गए हैं
ये कैसी आज़ादी है जो आजादी मे गुलाम है
कितनी पीढ़ा की बात है कि जिस समाज में
इंसान को इंसान नहीं समझा जाता है
Apke ki soch achchi lgi sir ji
नमन है ऐसे कबी को जिसने इतनी अछि कबिता लिखी और बहन आपको भी नमन है जिसने इतने अच्छे से समझाया 🙏🇪🇺
Vah kya kavita hai adbhut such mein kabiletariph aise kaviyon ko mera hirday se naman 🎉🎉
समाज की हकीकत बयां करती कविता अदम गोंडवी जी को इस लेखन शैली के लिए मेरा कोटि कोटि नमन।💐🙏🙏💐
बहुत मार्मिक कविता दीदी जी , और आपकी प्रस्तुति भी अत्यंत शानदार है , शायद ही इसके भाव को समझाने का कोई दूसरा आवाज़ मिले 🙏🙏
Thank you so much Aastha for introducing this poem to us. This is just so heart wrenching. This mere poem is enough to show the power of literature and poems.
More of these videos please ❤
बहूत ही सुन्दर पंक्तियाँ ,ये कड़वी सच्चाई है जिसको कोई झुठला नही सकता
आपको रोना देखकर मुझे रोना आ गया 😥😥
ऐसा जानवरो के साथ व्यवहार नहीं होता है
जैसा हमारे साथ होता है ऐसा लगता है की हम कचड़े में पैदा हुए है मां की पेट में नही 😥
Sahi haha Bhai
Mai jaha bhi Jata Hun log MERI Kati poochate hai aisa feel ata hai Jaise Mai ensan Nahi Hun
Wah lajawab be misal ❤ Adam gondvi ❤
अदभुत। जिस तरह से कविता को प्रस्तुत किया गया। लिखने वाले के हर शब्द की, जज्बे की तो क्या बात कहे। अदम गोंडवी जी को लाखों सलाम। आक्रांत तभी कम होगा, जब सच में आज के "हर एक" क्रांति के लिए तैयार होंगे। अपने सेल्फी के घेरे से बाहर होंगे, तभी तो जिम्मेदार हमारे पहरेदार होंगे।
मैं राजपूत समाज से हूं
इस कविता को सुनकर निशब्द हूं क्योंकि यह हमारे पूर्वजों की कड़वी सच्चाई है
जितनी बार भी इस कविता को पढ़ती हूं मैं जोर जोर से रो पड़ ती हूं
लेखक तथा वक्ता दोनों को मेरा सलाम
@@Traderdhiraj इस बारे में अभी तक में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई
समय समय पर ब्राह्मणों ने अपने मंदिर तथा अपने धार्मिक साम्राज्य की रक्षा के लिए
आम कबीले वालों को क्षत्रिय बताकर सीमांत में नियुक्त कर दिया करते थे
वह उन्हें कभी अग्नि से कभी सूर्य तथा कभी चंद्रमा से उत्पन्न हुआ बताया करते थे
लेकिन विज्ञान पढ़ने के बाद हम यह जानते हैं कि इसे कभी कोई मनुष्य उत्पन्न नहीं होता
स्पष्ट होता है
कि ब्राह्मण क्षत्रियों को उनका उत्पत्ति का स्थल नहीं बताना चाहते थे
कई क्षत्रिय शुद्र भी हो सकते हैं
कई विदेशी रक्त भी हो सकते हैं
@@Traderdhirajbakchodi band kro
@@Traderdhiraj rajput pahle bhi kshatriya the or ab bhi kshatriya hai or aage bhi kshatriya rahenge
Chutney😂
Koi bhi kisi ka dushman anayaas nahi hota ek ki galti ki vajah se sabako gali sunna padata hai samaj main aise bahut se thakur mil jayenge jo apane jindagi samaj kalyaan ke liye lga diye aadami ka charitra kabhi nahi badalta hai jab se sanvidhan lagu hua hai tab se dekh lo kitane thakuro ne ye ghatiya kaam kiya hai aur jo karte hai usake virodh main bahut se thakur khade bhi ho jaate hai jisaka samman hota hai usi ka sabase jyada bejjati bhi ki jaati hai
बहुत खूब लिखा है। मेरे देश के मजबूर, मजलूम लोगों की गाथा है ये कविता। कहीं धर्म के नाम पर कहीं जाती के नाम पर उत्पीड़न की इंतहा हो रही है।
@@akm9101 qud se ku nahi karte qud me himmat nahi kab tak dusre k sahara apne liy rasta saaf karo to zyada acha h qud par confidenc karo aqir tum bhe es desh k nagrik ho
@Secret Superstar sunni shiya h par esa nahi karte or Bodh snatan Panjabi wo kiy h aha ha
आपकी कविता के लिए जो भी लिखा जाए वो बहुत कम ही होगा।
Ese sen kar Dil ghabara jati hai hakikat ki samana karene vale ko Dil de salam
कण्ठ मे पीड़ा का ज्वार फूट पड़ा, ज़बान भी कुछ लड़खड़ाई।भावुक होना ये पहचान है कि आप कविता के मर्म को समझने मे सफल रहे।
Peeda sabko hoti hai sirf manuwadiyo ko maja aata hai
नमन है ऐसे कवि को जो इस जाति प्रथा को उजागर किया 😓😭😭😭देश में दलितों का आरक्षण सबको दिखाई देता है लेकिन उनकी हालतों को कोई भी नहीं समझता 🙏🙏🙏🙏
@Jonty Mol hamare purvajo ne jo bhukta uski ladayi Ladi or unko fayda mila apke purvajo ne jo chori or beimani ki uske badle me apse reservation cheen gya jo salo se ap ke pas tha
Jab bhagwan Ram ne apne father ka karm bhugta vanvas kar kar to app bhi bhugtane ke patr he
@Jonty Mol ajj ki generation intercaste marriage kar rahi he mostly jese jese cast khatm hogi wese wese reservation bhi khatam ho jayega
@Jonty Mol government ke bolne se khatam hota to kab ka ho jata government sirf kanoon banati he or ek bat sabhi kota ka upyog nhi krte he jiske pas pesa he wo gov job ki seat kharid skta he ajj bhi wo ye sach he
Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं
@@haryanvijatt2672 acha mazak he poem ka mtlb apko samjh nhi aya usme ek ladki ke rape ki bat ho rahi he jiski awaj ko dabaya ja raha he free rashan Pani par hi dimag chal raha he abb tak ye insaniyat ke upar he poem
Or likhne wala bhi ek swarn hi he
क्या खूब गाया है सलाम हैं आपको
Great literature touches with reality of society
जिस तरह आपने सुनाया उससे कविता का बल दस गुना बढ़ गया।
When you can actually feel the emotion and depth. It's just amazing.
आपके पढ़ने से ऐसा लगा जैसे यह घटना हमारे सामने चल रही हो 🙏🙏🙏
Tears rolled down.
Bahut shandar thi apki prastuti aur path. Asha karta hu ape is khand ki kavita aage bhi sunane ko milega.
मेरी आँखे नम हो गई ये एक सच्चाई है जो दलित भाईयो बहनो पर हर रोज किसी न किसी तरीके से बितती है😌
नमन आपको जो आपने कविता सुनाई 🙏❤️
Jay chamar
😊
@@ashmitagahlawat2859 🙏
Chitiyo chamar sabd ki koi jaati nhi thi yeh ek gali h or tum khud ko chamar keh rahe ho khud ko gali de rahe ho chamar kisi jamane k yoddhaaon ko chattriyo ko gulam banake unse janvro khal utarvai jati thi or un gulam chattriyo k raja ne inko ye gali di jati thi band karo ye chamar sabd use karna chattriy ho tum sab ager jati se jorna chate ho chattriy chattriy or jo bhi madrchod randi ki olaad tumhe chamar kahe use bataao ki tumhari asliyat kya h babbr sher ho tum ye na mardo wali baat mat kya karo ek mahila k sath itna sab kuch hone pe bhi ganduo ki tdha khada rehna wala chattriy nhi ho sakta ye sab bakwas khaanaiya h bus dimag m bitha lo chattriy h tum chanar ek gali h
Chamar as a gaali use karte hai hum 😁😁
A Huge respect and love to Respected Adam Gondvi ji
कवि(अदम गोंडवी साहब)को शत-शत् नमन करता हूं,,,
इस कविता ने अंदर से झकझोर दिया हर हाल मे ऐसा ही साहित्य लोगो को पढ़ कर जागरूक होना चाहिए बहुत बहुत आभार साधुवाद एवं सद्भावनाएं जय संविधान जय भीम
इस समाज की सच्चाई से रूबरू कराती है यह कविता , रुला दिया 🙏🙏
बेहद सुक्रिया आपका i
दीदी आपने कविता का बड़े मार्मिक ढंग से वर्णन किया है आपके मुंह से कविता सुनकर हम भी भावुक हो गए ये सच्चाई है मानवता तथा हिंदू धर्म को कलंकित करने वाली सच्चाई है लेकिन आज भी यही हो रहा है बड़े शर्म की बात है कि 21 वी शदी में भी ऐसी घटिया मानसिकता के लोग रहते हैं जो छूआ छूट की बीमारी से ग्रसित हैं घृणा इस कदर भरी है कि मासूम बच्चों पर भी रहम नहीं खाते हैं अभी राजस्थान के जालोर जिले की घटना है 9 साल के मासूम को स्कूल में अध्यापक ने पीट पीट कर मार डाला कसूर सिर्फ इतना कि उसने मटके को छू लिया
हमें गर्व है कि हमारी पावन धरती गोंडा पर अदम गोंडवी जैसे कवि लेखक हुए नमन 🙏
Wah kye acting krte ho . award milna chahiye notanki
gonda me kha se ho bhai
Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं