बहुत शुक्रिया अपूर्वानंद साहब आप जैसे लोगों से कुछ उम्मीद कायम है। तारीख इस बात को याद रक्खेगी कि जब चारों तरफ अंधेरा बढ़ता जा रहा था तो कुछ आप जैसे चराग़ थे जो निडर होकर उस अंधेरे से लड़ते जा रहे थे। एक बार फिर आपका और आप जैसे सभी महानुभावों का शुक्रिया🙏🙏
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए। किताब के हवाले से इस इंटरव्यू में आपने बेगम साईदा हमीद की ज़िंदगी के बारे में बात की और इसके अंतिम भाग में आज के भारत में मुसलमानों की हालत और हालात पर भी उनका नज़रिया पेश किया है। जितना दुख उन्हें है यकीन मानें कि उतना ही दुख हमें भी है और उम्मीद करते हैं कि हालात जल्द बदलेंगे। शुक्रिया प्रो. अपूर्वानंद जी।
जख्म दोनों ने खाए हैं , तो सहलाएंगे भी दोनों - मगर एक दूसरे के | सईदा आपा ! आपको सलाम करूँ या प्रणाम करूँ -- गरज तो अपनापे से है -- आपा ! दादी संस्कृत मे शिवोSहम शिवोSहम का वाचन करती , मगर पैदायश पर दाई अम्मा --शकूरन , पहला स्कूल -- गणेश पाठशाला मगर पहले टीचर मो. रिजवान , तीसरे साल स्कूल बदला -- मौलाना आज़ाद मोंटेसरी स्कूल -- सादर -- खलीफा सैयद मंजूर हसन ,, दीवाली पर मिठाई आती दादी अल्लादी के यहाँ और ईदी देती मेरे दादी चन्द्र कला | दो दोस्त -- एक देवेंद्र -दूसरा हसन | सईदा आपा ! अमूमन साफ हवाएँ सारे साल सांस देती हैं --काले -कडवे तूफान कभी कभी | चलिये --हाथ मे हाथ , चलेंगे साथ |
जब ख्वाजा अहमद अब्बास का नाम आए और उसमें उनकी फिल्म दो बूंद पानी का जिक्र न हो इससे लोगों के नजरिए या रुचि की प्राथमिकता का पता चलता है। या तो हमीदा साहिबा ने वो फिल्म देखी नहीं है या उनकी संवेदना को राजस्थान की पानी की समस्या से जोड़ती नहीं है
bataane ko kya hai bhai. - koi bhi insaan , kai pehloo se soch sakta hai , dekh sakta hai. ; agar aankh band na kar li hon haqeeqat se , toh. -- koshish kijiey. , dheerey dheerey aankhey kholne ki. -- koi khatraa nahi hai dharm bhrasht hone ka. - 🇮🇳🕉🇮🇳. 🇮🇳☪️🇮🇳. 🇮🇳✝️🇮🇳. 🌟🇮🇳🌟
बहुत शुक्रिया अपूर्वानंद साहब आप जैसे लोगों से कुछ उम्मीद कायम है। तारीख इस बात को याद रक्खेगी कि जब चारों तरफ अंधेरा बढ़ता जा रहा था तो कुछ आप जैसे चराग़ थे जो निडर होकर उस अंधेरे से लड़ते जा रहे थे। एक बार फिर आपका और आप जैसे सभी महानुभावों का शुक्रिया🙏🙏
सईदा हमीद!सच्ची हिन्दुस्तानी!
ढेर सारी शुभकामनाएं!
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।
किताब के हवाले से इस इंटरव्यू में आपने बेगम साईदा हमीद की ज़िंदगी के बारे में बात की और इसके अंतिम भाग में आज के भारत में मुसलमानों की हालत और हालात पर भी उनका नज़रिया पेश किया है। जितना दुख उन्हें है यकीन मानें कि उतना ही दुख हमें भी है और उम्मीद करते हैं कि हालात जल्द बदलेंगे। शुक्रिया प्रो. अपूर्वानंद जी।
बहुत आभार गुरुवर प्रो. अपूर्वानंद
सलाम सैयदा ji❤
Bahut badhian apurv ji continue these type of conversation in future also it's a value addition
Excellent conversation.
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
Proud of you appa and Apurvanadjii
वाह अपूर्वानंद जी हमें भी आप लोगों से गले मिलना है आपा से ख़स्तौर से. आपा ,लंबी है ग़म की शाम पर शाम ही तो है ❤गुजरेगी ही
Apoorvanand ji aapko bahut bahut badhai
बहुत शानदार सुंदर दिल को छूने वाली 🎉🎉
Beautiful...just amazing...
सर जी आपने सैयदा आपा से मुलाकात कराई इसके लिए शुक्रिया आप इस किताब का हिंदी में अनुवाद कब कर रहे है बने का कष्ट करे
अपूर्वा❤❤❤❤
शुभकामनाएं❤
वो सुबह ज़रूर आयेगी
Mazhab nahi sikhata apas me bair rakhna
Hindi hai hum watan hai
Hindustan hamara
Saare jahan se achcha....
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
For many non muslims Hali's religion is our Islam too.
अब्बास साहब की दो बूंद पानी बेहतरीन फिल्मों में से है जिसमें तू पी तू पी के स्मारक की चर्चा है
जख्म दोनों ने खाए हैं , तो सहलाएंगे भी दोनों - मगर एक दूसरे के | सईदा आपा ! आपको सलाम करूँ या प्रणाम करूँ -- गरज तो अपनापे से है -- आपा ! दादी संस्कृत मे शिवोSहम शिवोSहम का वाचन करती , मगर पैदायश पर दाई अम्मा --शकूरन , पहला स्कूल -- गणेश पाठशाला मगर पहले टीचर मो. रिजवान , तीसरे साल स्कूल बदला -- मौलाना आज़ाद मोंटेसरी स्कूल -- सादर -- खलीफा सैयद मंजूर हसन ,, दीवाली पर मिठाई आती दादी अल्लादी के यहाँ और ईदी देती मेरे दादी चन्द्र कला | दो दोस्त -- एक देवेंद्र -दूसरा हसन |
सईदा आपा ! अमूमन साफ हवाएँ सारे साल सांस देती हैं --काले -कडवे तूफान कभी कभी |
चलिये --हाथ मे हाथ , चलेंगे साथ |
34:20
कॉफी शानदार है मीठी है 🎉कड़वी एकदम नहीं
जब ख्वाजा अहमद अब्बास का नाम आए और उसमें उनकी फिल्म दो बूंद पानी का जिक्र न हो इससे लोगों के नजरिए या रुचि की प्राथमिकता का पता चलता है। या तो हमीदा साहिबा ने वो फिल्म देखी नहीं है या उनकी संवेदना को राजस्थान की पानी की समस्या से जोड़ती नहीं है
aap apni jindagi mein kabhi kuch nahi bhoole honge. ?? ya jahaan jaroori na ho wahaan bhi gair silsilevaar hi apna percpective rakhtey hain. -
अपूर्वा सर आपके स्तर लायक इंटरव्यू देने वाली नहीं हैं। कॉफी बेस्वाद निकली।
aap ster ki baat na hi kare - aur chai pe hi gujara karen kuch din. - theek hone pe fir se dekhiey
Change spelling of kadwi to Kadvi कड़वी and not Kadwi
कडवी कोफि नही कडवा जहर
कड़वा ज़हर नहीं होता। कड़वी दवा होती है। लगता है यह दवा तुम जैसे बीमार लोगों को शिफ़ा बख़्शेगी और हम फिर से अच्छे नागरिक बन सकेंगे।
meetha jehar. =. amrit kaal , khatraaaaa. laathi le ke bhaagooo.
जब हिंदुस्तानी कह रहे हैं तो आप मुसलमान भी क्यों जोड रहे हैं ।क्या आपके मन में संशय है!
Apuravanand. आप इस्लाम कबूल कर लिया है तो उसे बेझिझक बताइए
कड़वा ज़हर नहीं होता। कड़वी दवा होती है। लगता है यह दवा तुम जैसे बीमार लोगों को शिफ़ा बख़्शेगी और हम फिर से अच्छे नागरिक बन सकेंगे।
bataane ko kya hai bhai. - koi bhi insaan , kai pehloo se soch sakta hai , dekh sakta hai. ; agar aankh band na kar li hon haqeeqat se , toh. -- koshish kijiey. , dheerey dheerey aankhey kholne ki. -- koi khatraa nahi hai dharm bhrasht hone ka. - 🇮🇳🕉🇮🇳. 🇮🇳☪️🇮🇳. 🇮🇳✝️🇮🇳. 🌟🇮🇳🌟
Only fakery on this channel. 😅
कड़वा ज़हर नहीं होता। कड़वी दवा होती है। लगता है यह दवा तुम जैसे बीमार लोगों को शिफ़ा बख़्शेगी तथा हम और तुम फिर से अच्छे नागरिक बन सकेंगे।
@@rajnishkrmanga. bhai majmoon dekh ke jawaab do na. - ek hi. baat. ? galat nahi hai baat , lekin fir bhi. ,,,,
fakery wale yahaan kya dekhney aaye. -- pod cast dekho inssan hone ka.