ये मैंने इसलिए पूछा क्योंकि मनुष्य को सर्वोपरि माना गया है। वो समझदार है। पढ़ा लिखा होता है। किताबें पढ़ सकता है। फिर समझ बूझ के बाद भी गलती करेगा तो पाप का भागीदार बनेगा। यह तो ठीक है समझ में आता है। लेकिन जानवर की समझ इंसान से अलग होती है। विश्लेषणात्मक क्षमता अलग होती है। वे पढ़ लिख नही सकते हैं। जैसे मनुष्य समझ होने के बाद जानवरों को मारे काटे फिर खाए तो पापी होता है। लेकिन बाघ, शेर, भेड़िया आदि जानवर को समझ नही होती। उनके चरित्र को वैसा प्रकृति ने ही बनाया है। अब ऐसे में वे बकरी, हिरण आदि दूसरे जानवरों को मारकर खाते हैं। फिर ईश्वर यह भी जानता है कि उस बाघ, शेर आदि जानवर को समझ उनके तरफ से ही यानी प्रकृति की तरफ से ही रोकी गई है। तब गलती/गुनाह क्या माना जाएगा। अगर माना जायेगा तो क्या पाप का भागीदार होगा। कर्म तो सबके लिखे जा रहे हैं। ये सवाल है मेरा। कोई विरोध के उद्देश्य से मैंने नही पूछा है। बस जिज्ञासा के तहत तर्क, विज्ञान, ग्रंथों के कथनों को मिला कर जोड़कर क्या निष्कर्ष आ रहा है ये अक्सर देखता हूं।
@@lakanpatidar9601 ये मैंने इसलिए पूछा क्योंकि मनुष्य को सर्वोपरि माना गया है। वो समझदार है। पढ़ा लिखा होता है। किताबें पढ़ सकता है। फिर समझ बूझ के बाद भी गलती करेगा तो पाप का भागीदार बनेगा। यह तो ठीक है समझ में आता है। लेकिन जानवर की समझ इंसान से अलग होती है। विश्लेषणात्मक क्षमता अलग होती है। वे पढ़ लिख नही सकते हैं। जैसे मनुष्य समझ होने के बाद जानवरों को मारे काटे फिर खाए तो पापी होता है। लेकिन बाघ, शेर, भेड़िया आदि जानवर को समझ नही होती। उनके चरित्र को वैसा प्रकृति ने ही बनाया है। अब ऐसे में वे बकरी, हिरण आदि दूसरे जानवरों को मारकर खाते हैं। फिर ईश्वर यह भी जानता है कि उस बाघ, शेर आदि जानवर को समझ उनके तरफ से ही यानी प्रकृति की तरफ से ही रोकी गई है। तब गलती/गुनाह क्या माना जाएगा। अगर माना जायेगा तो क्या पाप का भागीदार होगा। कर्म तो सबके लिखे जा रहे हैं। ये सवाल है मेरा। कोई विरोध के उद्देश्य से मैंने नही पूछा है। बस जिज्ञासा के तहत तर्क, विज्ञान, ग्रंथों के कथनों को मिला कर जोड़कर क्या निष्कर्ष आ रहा है ये अक्सर देखता हूं।
Har radha krishn❤❤
Jai shree narayan❤❤❤❤❤
Jai Shri Hari 🌹🌹🌹❤️🙏
श्री मन नारायण नारायण हे नाथ आपसे ही हम हैं हमसे कोई गलती हो जाती है। एच तो छमा क्रना आपके अलावा कोई नहीं एच हमारा आपकी सदा ही जय हो नाथ नारायण नारायण
Jey shiri man narayan
❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤❤😊😊 jai shree Narayan ji ki kirpa sabhi jivoh par barsey om namah shivay om namah shivay 😊😊😊
Om Vishnu Laxmi Narayan namaha 🙏👋
Jai Shree Lakshmi Narayana Namah:😊😊😊😊🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻.
Jai Shree Lakshmi naryan namha
Ram Ram
Jay shree Narayan ji❤❤❤❤
Hare Krishna ❤❤
Jai shree Narayan
Radhe radhe
Jai shree narayan sachidaanand
जय श्री नारायणन❤❤❤❤
Jay shi ram ram
Om namah shivay ❤
Jay shree Narayan hamari rakhsha karo
Jay shreeman Narayan
Radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy radhy
Jai hori narayan ❤️ 🌏 ✨
Aum Namo Narayanay❤
Hare krishna
Om Shree Narayanay Namah
Jay Sita Ram
Jai shri nharyan g
Jay shree ram
Jai shri hari
Jai Balaji baghvan
Jay Shri
JaijaiRam
Jaishreenaraynanamah
जय श्री नारायण
Jay sree narayan
Jai
ये मैंने इसलिए पूछा क्योंकि मनुष्य को सर्वोपरि माना गया है। वो समझदार है। पढ़ा लिखा होता है। किताबें पढ़ सकता है। फिर समझ बूझ के बाद भी गलती करेगा तो पाप का भागीदार बनेगा। यह तो ठीक है समझ में आता है। लेकिन जानवर की समझ इंसान से अलग होती है। विश्लेषणात्मक क्षमता अलग होती है। वे पढ़ लिख नही सकते हैं। जैसे मनुष्य समझ होने के बाद जानवरों को मारे काटे फिर खाए तो पापी होता है। लेकिन बाघ, शेर, भेड़िया आदि जानवर को समझ नही होती। उनके चरित्र को वैसा प्रकृति ने ही बनाया है। अब ऐसे में वे बकरी, हिरण आदि दूसरे जानवरों को मारकर खाते हैं। फिर ईश्वर यह भी जानता है कि उस बाघ, शेर आदि जानवर को समझ उनके तरफ से ही यानी प्रकृति की तरफ से ही रोकी गई है। तब गलती/गुनाह क्या माना जाएगा। अगर माना जायेगा तो क्या पाप का भागीदार होगा। कर्म तो सबके लिखे जा रहे हैं। ये सवाल है मेरा। कोई विरोध के उद्देश्य से मैंने नही पूछा है। बस जिज्ञासा के तहत तर्क, विज्ञान, ग्रंथों के कथनों को मिला कर जोड़कर क्या निष्कर्ष आ रहा है ये अक्सर देखता हूं।
Ling puran
18hand। 9side 9side।
18puran prgya uranp
#jj
I
Vishnu ki vaishvanvi G
ये सब मनुष्यों पर ही सिर्फ़ लागू होता है? या जानवरों पर भी?
जानवरों के लिए भी होता हे क्यों की मोत सबको आती हे चाहे मनुष्य हो या जानवर
@@lakanpatidar9601 ये मैंने इसलिए पूछा क्योंकि मनुष्य को सर्वोपरि माना गया है। वो समझदार है। पढ़ा लिखा होता है। किताबें पढ़ सकता है। फिर समझ बूझ के बाद भी गलती करेगा तो पाप का भागीदार बनेगा। यह तो ठीक है समझ में आता है। लेकिन जानवर की समझ इंसान से अलग होती है। विश्लेषणात्मक क्षमता अलग होती है। वे पढ़ लिख नही सकते हैं। जैसे मनुष्य समझ होने के बाद जानवरों को मारे काटे फिर खाए तो पापी होता है। लेकिन बाघ, शेर, भेड़िया आदि जानवर को समझ नही होती। उनके चरित्र को वैसा प्रकृति ने ही बनाया है। अब ऐसे में वे बकरी, हिरण आदि दूसरे जानवरों को मारकर खाते हैं। फिर ईश्वर यह भी जानता है कि उस बाघ, शेर आदि जानवर को समझ उनके तरफ से ही यानी प्रकृति की तरफ से ही रोकी गई है। तब गलती/गुनाह क्या माना जाएगा। अगर माना जायेगा तो क्या पाप का भागीदार होगा। कर्म तो सबके लिखे जा रहे हैं। ये सवाल है मेरा। कोई विरोध के उद्देश्य से मैंने नही पूछा है। बस जिज्ञासा के तहत तर्क, विज्ञान, ग्रंथों के कथनों को मिला कर जोड़कर क्या निष्कर्ष आ रहा है ये अक्सर देखता हूं।
86yojn ki duri close
बच्चो ko btaye R
Aap jha pe h vhi yamlok h 50yojn
Pran swarup। Use kya pd di
Apka time up hua lo aawala 1947
Marane ke baad haatho me laddu kyo rakhate hai bhai
जय श्री नारायण
Jai shree Narayan
Jai sree narayan
जय श्री नारायण
Karshana
Jai Shree Narayan