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मैं दो साल से बैंगलोर के एक नामी विश्व विद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हूँ । यहां पर विदेशी विश्व विद्यालयों में पढ़े लोग मात्र अंग्रेजी और अभारतीय सोच के सहारे बड़े बुद्धिजीवी बने बैठे हैं ।
देश का दुर्भाग्य है कि जो उधार की वस्तु थामे बैठा है,उसे सम्मानित किया जाता है और जो अपने देश की संस्कृति के अनुरूप चलने का प्रयास करता है। उसे ये मैकाले के दत्तक पुत्र हीन भावना से देखते हैं। कौन बोलता है हमें आजादी मिल गई। हम अभी भी बड़े मजे से मानसिक गुलामी का रसास्वाद्न कर रहे हैं।
मैं अंग्रेजी का शिक्षक हूं। परंतु हिंदी की विशेषताएं हर कदम पर बताता हूं। इससे होता ये है कि बच्चे बहुत अच्छे से समझते है की सर को इंग्लिश तो बहुत अच्छे से आती है, फिर भी हिंदी को सबसे सुन्दर भाषा बताते है, और ये सब मैं उदाहरण के साथ बताता हूं
सारे विश्व को आपकी जरुरत तो है ही, लेकिन हम भारतीयों को , जो सबसे ज्यादा हीनभावना से ग्रसित है, आपकी सबसे ज्यादा जरुरत है। आपको सुनकर अनुग्रहित हूँ। कोटि कोटि नमन आचार्य जी🙏🙏🙏🙏❤️
Behar interview dene jate hsi toh hum Bhartiya hi English me interview lene me buddhimani intellectual level !!!agr hindi me jawab diya toh anpadh keh kr koi job nhi milege. .!!!
Ye acharya ji IIT qualified hai ye mt bhulo bhai... Inko english bahut acche s ate hai... Or agr inhone ye sab nhi padha hota to inko koi janta bhi nhi...
प्रशांत जी आपकी बातें हमेशा की तरह दिल को छू जाती है,, एक दो साल पहले आपके वीडियो देखें जब दिल्ली की भागदौड़ छोड़कर ऋषिकेश शिफ्ट हुआ तो काफी मन में उथल-पुथल थी, हां इतना तो तय था कि जो भी दिल्ली में था वह मेरे लिए नहीं है,, आपके पूरे वीडियो को सुनने के बाद मुझे लगा कि शायद आपका डिस्क्रिप्शन बॉक्स खुद इंग्लिश में लिखा होगा,, चेक किया तो पाया हिंदी में सब कुछ लिखा हुआ है तो दिल को सुकून मिला और खुद को गलत पाकर बड़ी खुशी हुई,,, मेरा खुद का एंजॉय लाइक चैनल है,, चलिए नाम तो रख दिया है अंग्रेजी में उसका तो कुछ नहीं करेंगे लेकिन आज से और अभी से अपने डिस्क्रिप्शन बॉक्स की सारी जानकारी हिंदी में होगी... वाकई जो भाव व्यक्ति अपनी मातृभाषा में प्रदर्शित कर सकता है वह किसी और की भाषा में कहां,, यही बात मैं हमेशा से अपनी 10 साल की कॉर्पोरेट नौकरी और 26 साल की पिछली नौकरियों में बोलता आया हूं कि भारत की बदकिस्मती है कि यहां पर अंग्रेजी बोलने वाले को सर्व ज्ञानी क्यों समझा जाता है जबकि मैंने पाया है यह नकली सो कॉल्ड कूल डूड वाकई बहुत जीवन के असली पहलुओं के संदर्भ में बहुत हल्के होते हैं,,, जो भी आपने कहा यह बातें मन में पहले से थी लेकिन जिस प्रकार आप समझाते हैं वह काफी प्रेरणादायक है,, आपको सप्रेम धन्यवाद,,
बहुत impress हो गया हूं इस बंदे से । बहुत दिनों बाद कोई ओशो की तरह original बोलने वाला और अपनी बातों से मंत्रमुग्ध कर देने वाला मिला। I consider you as my Guru।
शुद्ध सत्य, कोरा सच, पीड़ादायी सत्य, वास्तविकता दर्शाता सत्य सत्य की ओर जाने को प्रेरित करता सत्य स्व की स्थिति मे स्थित हो जाने का आह्वान करता सत्य 😊🙏🏼👏👏👏👏
हम समुद्रगुप्त को नेपोलियन ऑफ इंडिया कहते है मगर नेपोलियन को समुद्रगुप्त ऑफ फ्रांस नही कहते जबकि समुद्रगुप्त नेपोलियन से कई सौ साल पहले अस्तित्व में थे
मुझे आश्चर्य है कि आप जैसे लोगों की वीडियो टीवी पर नहीं दिखाई पड़ती वरना देश कब का सुधर जाता मीडिया वो दिखाती है जो देश में चलता है वह नहीं दिखाती जिस सोच से चलना होता है!! काम तो राम ही आएंगे जय श्री कृष्णा!!
99% log duniya k toh murkh h or murkh hi bne rehna chahte h lekin jb aapki ankh khul chuki h toh aap toh AP joh hmare liye sangharsh kr rhe h unka sath de...dusro ko is Amrit ka mhatv smjhane ki koshish toh kre,geeta sessions join kre or dusro ko bhi prerit kre agar sach m itna prem h saty k prati toh👍🏻
आचार्य जी, आप शत प्रतिशत सही कह रहे हैं। मैं सिंगापुर में 3 साल रहकर आ चुकी हूं मैंने जब वहां ऐसा देखा तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि वहां के लोकल लोग हम भारतीयों से भी बहुत टूटी-फूटी अंग्रेजी बोल पाते थे। ज्यादातर मैंडारिन भाषा का ही प्रयोग करते हैं और वहां डिपेंडेंट पास वाले लोगों को नौकरी ढूंढने में इसलिए परेशानी भी आती है क्योंकि मंडारिन लैंग्वेज आनी चाहिए यह वहां पर एक अनिवार्य आवश्यकता होती थी। इतना उन्नत देश होते हुए भी वे भारतीयों को इसीलिए महत्व देते हैं कि भारतीय उन से अच्छी अंग्रेजी समझ, बोल और लिख पाते हैं। 🙏🙏🌸🌸💖💖🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी🙏 मेरे मन की बात आप लोगो तक पहुँचा रहे हो। आज मैं सुरक्षित महसूस कर रहा हूं कि कोई तो है जो हमारे संस्कृति की सुरक्षा करने में लगा है🙏🙏🙏🙏
कभी- कभी ऐसा लगता है कि आचार्य जी नहीं होते तो हम सब का किया होता? कौन हमे ये सब बातें बताता? हम तो कच्चे ही रह जाते अज्ञान में ही जिंदगी बीतता ओर पता भी नहीं लगता। अब काम से कम आँखे तो मिल गया है रास्ता भी पता है,बस इन सब बातों पे अमल पूरा-पूरा हो जाये तो जिंदगी सफल हो जाये। समय समय पे मार्गदर्शन ओर गलत रास्ते से बचाने के लिए कोटि- कोटि नमन।
रातें बीत गई ,दिन बीत गए घाव बहुत थे,सीने पर आज जैसे सभी अश्रु बन धुल गए सरदार भगत सिंह ,था इस सीन में छिपा गहन अंधेरे में दफन ,था गुहार कर रहा आज तुम्हारी वाणी सुनी लगा कुछ जगा निकल आया सूर्य ,जो था अंधकार में जल रहा बोल उठा आज मेरे अंदर हे गुरुवर ,तेरी असीम जय जय कार हो तेरी असीम जय जय कार हो भारत अब नहीं होगा नगन उसकी शान है ,आत्मा में मगन वो आत्म है ,वो रोशनी है जो तू भी , मैं भी जो जगत ना समझ पाया गुरुवर आपने कितने प्यार से समझाया आपकी जय जय कार हो आपकी जय जय कार हो
टिप्पणी अनुभाग में युवक युवतियों द्वारा हिंदी भाषा में की गई टिप्पणियां देखकर मन अत्यंत प्रफुल्लित हुआ, क्षणभर को लगा मानो मेरे देश की गरिमा पुनः लौट आयी हो... 🙏🙏 गुरु चरणों में नमन 💐💐
आजकल हर भारतीय हिन भावना से ग्रस्त है सही है भारत की संस्कृति, भाषा बहुत ही महत्वपूर्ण है जो हमको दुसरे देश की तुलना में विशेष महत्व देते हैं लेकिन भारत में तो सिर्फ एक ही चीज़ की गुणगान है पश्चिम सभ्यता की और झूकाव जो बहुत दयनीय है
आचार्य जी के इस वक्तव्य से मेरे जैसे बहुत सारे भारतीयों को अपनी भाषा बोलने एवं लिखने में शर्म की जगह पर गर्व महसूस होगा। सायढ ही कोई कुल ढुढ अंग्रेजी में कमेन्त करने कि हिमाकत करेगा।
@@gouravsaxena4485 आप समझे नही वो ये कह रहे हैं कि जितने भी आईएएस अफसर परीक्षा पास करते है उनमें से ज्यादतर लोग उनका बैग्राउंड अंग्रेजी माधयम का ही होता है लगभग 90 से 95 % तक का । क्यों की आईएएस के परीक्षा में जो हिंदी है वो बहुत ज्यादा मुश्किल है । क्यों की आईएएस परीक्षा में आप हिंदी लिखने में गलती नहीं कर सकते ।
आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l आधुनिक युग के कृष्ण हैं आप 🙏 आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है आचार्य जी 🙏श्री चरणों में नमन स्वीकार करें 🙏❤️
स्वामी विवेकानन्द भी इस मामले मे स्पष्टरुप से बोले थे , हम भारतीय हमारी पुरानी संस्कृति भूल कर हीन भाब से जी रहे हैं .... अरे हमारी विचारधारा इतनी पुरानी और ख़ास हैं, जिनका लोहा German भी मानती है। हमें बस अपनी अतीत मैं झाँकना है...और जीवन को अपनी सहीं लक्ष्य देना है ।.... अगर तुम भारत में जन्मे हो तो इसका तात्पर्य यही है तुम्हें भारतीय होके ही इस शरीर और मन को आगे बढ़ाना है। बाक़ी देश की culture के कुछ गुण भले ही आधुनिकीकरण के लिये अपनाने पड़े पर हमारा मूल भारतीय रहना आवश्यक है। प्रणाम आचार्यजी।
नेहरू जैसे प्रधान मंत्रियों ने भी सदा ही पाश्चात्य संस्कृति व भाषा को बढ़ावा दिया यह बड़ा है दुर्भाग्य पूर्ण है जब देश की सरकार ही विदेशी संस्कृति को उच्च माने
मुझे गर्व है कि मैं भारतीय नागरिक हूं वंदे वंदेमातरम... मैं अपने स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों को सलाम करती हूं, जो हमारे लिए तत्पर भी जान लगाए खड़े रहते हैं!
आज पहली बार अपने दुख के कारण नहीं वरन् अपनों की हीनता के कारण आंखो में आंसू आ गया ,,, परंतु यह समझ नहीं आता कि देश अपना बचेगा कैसे गुरु जी आज विद्यार्थी अपने गुरु को गुरु जी नहीं कहना चाहता ,,, पैर छूकर प्रणाम करना तो दूर की बाते हो गई ,,,,,, ना जाने क्या होगा भारत का 😘😭😭😭
अद्भुत वकतव्य हैं साहब मजा आ गया इसी तरह संस्कृति के गौरव का बोध ,लोगों को बार बार समझाया जाय तो देश ,धर्म ,संस्कृति पुनः जागृत हो उठेगी ।क्योंकि एक बार कहने से तो जीवन में नही उतरने वाली हैं ।😅
आचार्य जी, नमन!! आपका आशीर्वाद रहे, की किसी मोड़ पर भय से सामना भी हो तो कदम पीछे ना हों। पूरे संसार में दहाड़ने की हिम्मत हो, और पूरा जीवन सच्चाई की सेवा में समर्पित हो। चरण स्पर्श 🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी , आपने जो प्रकाश इस विषय पर डाला उससे वास्तव में खुद को नगण्य महसूस हो रहा है। एक भय का अनुभव हुआ कि वास्तव में हम किस अमूल्य विरासत से धन धान्य हैं और इसे छोड़ किस झूटी जीवन शैली के पीछे पड़े हैं जिसने हमारी संस्कृति को तार तार कर दिया। मेरा भ्रम दूर करने के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम। 🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी! एकदम सत्य आचार्य जी आजकल यही हो रहा है आपका ये वीडियो आज के सभी नवयुवक और नवयुतिवों को देखना अति आवश्यक है और अंग्रेजी परस्त माता पिताओं को भी देखना और इसका पालन करना बहुत जरूरी है और सबसे ज्यादा तो हिंदी फिल्म उद्योग जगत ने माहौल को बिगाड़ा है क्योंकि वो सब कमाते हैं हिंदी फिल्म के नाम से और साक्षात्कार देते हैं गिटिर पिटिर अंग्रेजी में
३५:४१ न किसी के पैसे के प्रदर्शन के आगे दबो, झुको न किसी की ताक़त के प्रदर्शन के आगे दबो , झुको और किसी की अंग्रेज़ियत के आगे तो बिलकुल दबना झुकना नहीं है | और किसी के सौंदर्य के आगे भी झुकना दबना नही है |
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पैसे लेते हो क्या
Acharya jee maine Form fill kar diya tha..
But pata nhi Chal pa rha Hai..
Form Accept huya ki nhi
धन्यवाद, गुरु जी!
In which civil service were you? How many years you served in that source?
@@mangaramchoudharyRYM nahi dil se hi kaam chal jata hai
मैं दो साल से बैंगलोर के एक नामी विश्व विद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हूँ । यहां पर विदेशी विश्व विद्यालयों में पढ़े लोग मात्र अंग्रेजी और अभारतीय सोच के सहारे बड़े बुद्धिजीवी बने बैठे हैं ।
ऐसा कैसे 🤔🤔
Unko smjhaiye
देश का दुर्भाग्य है कि जो उधार की वस्तु थामे बैठा है,उसे सम्मानित किया जाता है और जो अपने देश की संस्कृति के अनुरूप चलने का प्रयास करता है।
उसे ये मैकाले के दत्तक पुत्र हीन भावना से देखते हैं।
कौन बोलता है हमें आजादी मिल गई।
हम अभी भी बड़े मजे से मानसिक गुलामी का रसास्वाद्न कर रहे हैं।
Sanjay ji bahut acchi baat hai
मैं पूरी तरह से सहमत हूं।
मैं अंग्रेजी का शिक्षक हूं। परंतु हिंदी की विशेषताएं हर कदम पर बताता हूं।
इससे होता ये है कि बच्चे बहुत अच्छे से समझते है की सर को इंग्लिश तो बहुत अच्छे से आती है, फिर भी हिंदी को सबसे सुन्दर भाषा बताते है, और ये सब मैं उदाहरण के साथ बताता हूं
Appreciable !
Great 👍😊
👍👍मेरा भी यही करने का प्रयास है।
Good sir
I m too English teacher but always describes the value of Hindi with pride because I have read in a Hindi medium school.
आप आईना ही हो बिना किसी शक के । आपकी बातें सुन के पेट तो नहीं भरता मगर कुछ है जो तृप्त हो जाता है बार बार । आपको नमस्कार 🙏
You are Right Sir Ji
वो चेतना है
Awesome awesome awesome acharya
सही कहा आपने
shi kh rhe ho
आज सारे कमैंट्स देवनागरी में है यह देख कर ख़ुशी हुई 😊🤗
बिल्कुल 😅
लिपि बिना भाषा अधूरी है ❤🎉
सारे विश्व को आपकी जरुरत तो है ही, लेकिन हम भारतीयों को , जो सबसे ज्यादा हीनभावना से ग्रसित है, आपकी सबसे ज्यादा जरुरत है। आपको सुनकर अनुग्रहित हूँ। कोटि कोटि नमन आचार्य जी🙏🙏🙏🙏❤️
Shaastron ka swaadhyaay karne se inferiority complex mit jaati hai,western non culture par aankh moond kar bharosa na kare
मैं अभी 19 वर्ष का हूं | और मुझे इनकी बातें परभावित करती हैं| धन्यवाद
विवेकानंद ने वही केसरिया वस्त्र डाल कर शिकागो में अँग्रेजों को एक भारतीयता में कितना दम है।
कुछ ही पल में समझा दिया था।
Behar interview dene jate hsi toh hum Bhartiya hi English me interview lene me buddhimani intellectual level !!!agr hindi me jawab diya toh anpadh keh kr koi job nhi milege. .!!!
आपका चल चित्र देखने के बाद मैंने अपने दूरसंचार यन्त्र की भी भाषा हिंदी कर दी।
main saare apps bhi Hindi mein hi prayog karta hu.sabhi jagah Hindi mein hi baat bhi krta hu.
Q
Hindi Hamari rashtra bhasha thodi hai...
Ye acharya ji IIT qualified hai ye mt bhulo bhai... Inko english bahut acche s ate hai... Or agr inhone ye sab nhi padha hota to inko koi janta bhi nhi...
अति सुंदर मित्र
प्रशांत जी आपकी बातें हमेशा की तरह दिल को छू जाती है,, एक दो साल पहले आपके वीडियो देखें जब दिल्ली की भागदौड़ छोड़कर ऋषिकेश शिफ्ट हुआ तो काफी मन में उथल-पुथल थी, हां इतना तो तय था कि जो भी दिल्ली में था वह मेरे लिए नहीं है,, आपके पूरे वीडियो को सुनने के बाद मुझे लगा कि शायद आपका डिस्क्रिप्शन बॉक्स खुद इंग्लिश में लिखा होगा,, चेक किया तो पाया हिंदी में सब कुछ लिखा हुआ है तो दिल को सुकून मिला और खुद को गलत पाकर बड़ी खुशी हुई,,, मेरा खुद का एंजॉय लाइक चैनल है,, चलिए नाम तो रख दिया है अंग्रेजी में उसका तो कुछ नहीं करेंगे लेकिन आज से और अभी से अपने डिस्क्रिप्शन बॉक्स की सारी जानकारी हिंदी में होगी... वाकई जो भाव व्यक्ति अपनी मातृभाषा में प्रदर्शित कर सकता है वह किसी और की भाषा में कहां,, यही बात मैं हमेशा से अपनी 10 साल की कॉर्पोरेट नौकरी और 26 साल की पिछली नौकरियों में बोलता आया हूं कि भारत की बदकिस्मती है कि यहां पर अंग्रेजी बोलने वाले को सर्व ज्ञानी क्यों समझा जाता है जबकि मैंने पाया है यह नकली सो कॉल्ड कूल डूड वाकई बहुत जीवन के असली पहलुओं के संदर्भ में बहुत हल्के होते हैं,,, जो भी आपने कहा यह बातें मन में पहले से थी लेकिन जिस प्रकार आप समझाते हैं वह काफी प्रेरणादायक है,, आपको सप्रेम धन्यवाद,,
वाह! मज़ा आ गया ।
हिंदी भाषा का यह प्रेम हर देशवासी
मे होना चाहिए ।
मन खुश गया कि जो मै करता हूं वो आप जैसे विद्वान भी बताते है।
धन्यवाद
बहुत impress हो गया हूं इस बंदे से
। बहुत दिनों बाद कोई ओशो की तरह original बोलने वाला और अपनी बातों से मंत्रमुग्ध कर देने वाला मिला। I consider you as my Guru।
आचार्य जी ऐसी बात बोलते है जो हमे थोड़ी असमान्य लगती है पर 100% सही होती है।
🙏🙏🙏
शुद्ध सत्य, कोरा सच,
पीड़ादायी सत्य,
वास्तविकता दर्शाता सत्य
सत्य की ओर जाने को प्रेरित करता सत्य
स्व की स्थिति मे स्थित हो जाने का आह्वान करता सत्य 😊🙏🏼👏👏👏👏
हम समुद्रगुप्त को नेपोलियन ऑफ इंडिया कहते है मगर नेपोलियन को समुद्रगुप्त ऑफ फ्रांस नही कहते जबकि समुद्रगुप्त नेपोलियन से कई सौ साल पहले अस्तित्व में थे
@@vineetverma6645 gajab nahi sharm ki baat hai
यही तो मानसिक गुलामी है 😏
मुझे आश्चर्य है कि आप जैसे लोगों की वीडियो टीवी पर नहीं दिखाई पड़ती वरना देश कब का सुधर जाता मीडिया वो दिखाती है जो देश में चलता है वह नहीं दिखाती जिस सोच से चलना होता है!! काम तो राम ही आएंगे जय श्री कृष्णा!!
Sahi Kaha Mere Bhai Aap Ne
99% log duniya k toh murkh h or murkh hi bne rehna chahte h lekin jb aapki ankh khul chuki h toh aap toh AP joh hmare liye sangharsh kr rhe h unka sath de...dusro ko is Amrit ka mhatv smjhane ki koshish toh kre,geeta sessions join kre or dusro ko bhi prerit kre agar sach m itna prem h saty k prati toh👍🏻
आचार्य जी, आप शत प्रतिशत सही कह रहे हैं। मैं सिंगापुर में 3 साल रहकर आ चुकी हूं मैंने जब वहां ऐसा देखा तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि वहां के लोकल लोग हम भारतीयों से भी बहुत टूटी-फूटी अंग्रेजी बोल पाते थे। ज्यादातर मैंडारिन भाषा का ही प्रयोग करते हैं और वहां डिपेंडेंट पास वाले लोगों को नौकरी ढूंढने में इसलिए परेशानी भी आती है क्योंकि मंडारिन लैंग्वेज आनी चाहिए यह वहां पर एक अनिवार्य आवश्यकता होती थी।
इतना उन्नत देश होते हुए भी वे भारतीयों को इसीलिए महत्व देते हैं कि भारतीय उन से अच्छी अंग्रेजी समझ, बोल और लिख पाते हैं।
🙏🙏🌸🌸💖💖🙏🙏
भारतीय संस्कृति को ले कर आपकी सोच अति उत्तम है । 🙏
गुरूजी के एक इशारे पर देवनागरी में लिखकर युवाओं ने साबित कर दिया की यह देश अगले दशक तक India से भारत बनने की काबिलियत रखता है 🙏🙏🚩🚩
अद्भुत🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हम मुट्ठीभर हैं मित्र
सुन कर बहुत तृप्ति हुई, इतना सुंदर व्याख्यान कभी नहीं सुना, आपको कोटि कोटि प्रणाम ॥
आचार्य जी सचमुच ज्ञान के भंडार हैं। किसी भी विषय पर आचार्य जी का व्याख्यान अद्वितीय ,सरल और रोचक होता है। 🙏🙏
He is Gods gift for the Humanity. 😊👌🙏
वाह! करारा सच | उम्मीद है कि भारत और भारतीयता इस वीडियो को देखकर भारतीयों में जाग उठे |
Gulam nahi samajhte
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी🙏
मेरे मन की बात आप लोगो तक पहुँचा रहे हो।
आज मैं सुरक्षित महसूस कर रहा हूं कि कोई तो है जो हमारे संस्कृति की सुरक्षा करने में लगा है🙏🙏🙏🙏
हर एक भारतीय आपका संदेश सुनें और जीवन में उतारे ।
कभी- कभी ऐसा लगता है कि आचार्य जी नहीं होते तो हम सब का किया होता?
कौन हमे ये सब बातें बताता?
हम तो कच्चे ही रह जाते अज्ञान में ही जिंदगी बीतता ओर पता भी नहीं लगता।
अब काम से कम आँखे तो मिल गया है रास्ता भी पता है,बस इन सब बातों पे अमल पूरा-पूरा हो जाये तो जिंदगी सफल हो जाये।
समय समय पे मार्गदर्शन ओर गलत रास्ते से बचाने के लिए कोटि- कोटि नमन।
Amit yadav जी स्वामीविवेकानंद जी को पढ़ लो सारि संकाएँ दूर हो जाएंगी
*आचार्य जी आपके जैसे महाज्ञानी और विद्वान लोगों ने हि भारतवर्ष को विश्वगुरु बनाया है।❤️🙏🙏🙏🙏🙏*
रातें बीत गई ,दिन बीत गए
घाव बहुत थे,सीने पर
आज जैसे सभी अश्रु बन धुल गए
सरदार भगत सिंह ,था इस सीन में छिपा
गहन अंधेरे में दफन ,था गुहार कर रहा
आज तुम्हारी वाणी सुनी
लगा कुछ जगा
निकल आया सूर्य ,जो था अंधकार में जल रहा
बोल उठा आज मेरे अंदर
हे गुरुवर ,तेरी असीम जय जय कार हो
तेरी असीम जय जय कार हो
भारत अब नहीं होगा नगन
उसकी शान है ,आत्मा में मगन
वो आत्म है ,वो रोशनी है
जो तू भी , मैं भी
जो जगत ना समझ पाया
गुरुवर आपने कितने प्यार से समझाया
आपकी जय जय कार हो
आपकी जय जय कार हो
Wah kya khub lihika h
Please
जिसे अपनी मातृभाषा का संपूर्ण ज्ञान नहीं हो सकता उसे किसी और भाषा का ज्ञान भी नहीं हो सकता।
बहुत ही तर्कशील व मार्मिक वर्णन।
मैं कोशिश करूंगा कि इन सब बातों को बहुत अच्छी तरह याद रखूंगा। सच मे ये बहुत काम आयेंगी।
बहुत - बहुत धन्यवाद, युवा पीढ़ी को जरूर सुनना चाहिए।
टिप्पणी अनुभाग में युवक युवतियों द्वारा हिंदी भाषा में की गई टिप्पणियां देखकर मन अत्यंत प्रफुल्लित हुआ, क्षणभर को लगा मानो मेरे देश की गरिमा पुनः लौट आयी हो... 🙏🙏 गुरु चरणों में नमन 💐💐
निःशब्द हूँ आचार्य जी, क्या ही कहू। सादर प्रणाम🙏
Mai ek upsc aspirant hoo..aur history ki padhai itne deep Mai Maine bhi nahi ki..Thank u...
हमें आपके जैसे आचार्यों और विद्वानों की बहुत ज़रूरत है।
अब हमारी भारतीयों कि संस्कृति विलुप्त होने कि कगार पर है।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
शीलं परम भूषणं (सदाचार ही सबसे बड़ा आभूषण है)। यही असली भारतीय विचारधारा है।
आज की युवा पीढी को आपकी बहुत जरूरत हैं|
कोई शब्द नहीं।। सिर्फ अभिवादन 🙏🏽
आजकल हर भारतीय हिन भावना से ग्रस्त है सही है भारत की संस्कृति, भाषा बहुत ही महत्वपूर्ण है जो हमको दुसरे देश की तुलना में विशेष महत्व देते हैं लेकिन भारत में तो सिर्फ एक ही चीज़ की गुणगान है पश्चिम सभ्यता की और झूकाव जो बहुत दयनीय है
आचार्य जी के इस वक्तव्य से मेरे जैसे बहुत सारे भारतीयों को अपनी भाषा बोलने एवं लिखने में शर्म की जगह पर गर्व महसूस होगा। सायढ ही कोई कुल ढुढ अंग्रेजी में कमेन्त करने कि हिमाकत करेगा।
धन्यवाद ,खुद को खुद का मूल्य आभास कराने के लिए। भारतीयता और सत्य एक दुसरे के पूरक है।
किसी बात का इतनी गहराई से संदर्भ निकाल कर दिया है कि मेरी सोच ही बदल दी, धन्यवाद🙏💕
Me kota rajasthan se hu aapse प्रभावित हूं काफी समय से आप समाज का उद्धार कर रहे है
मैं भी कोटा से ही हूं भाई
देवनागरी में आज लिखना पड़ा।
कभी इस बात पे गौर नहीं फरमाया परन्तु कितनी सच्ची बात है ये ।
बस कामना यही है कि सभी भारतीय अपने संस्कृति को समझने की कोशिश करें।।वरना पूरी तरह पश्चिम के मार्ग पर चल कर बर्बाद हो जाएंगे।।
सर आप एक IAS अप्सर् रहे है आप ये देखो की आज IAS में सबसे ज्यादा अगेजी में लोगों का ९०%चयन हो रहा है सरकार खुद भी अपनी भाषा को खत्म कर रही है....
ऐसा नहीं है आप हिंदी में बात कर सकते है।
@@gouravsaxena4485 आप समझे नही वो ये कह रहे हैं कि जितने भी आईएएस अफसर परीक्षा पास करते है उनमें से ज्यादतर लोग उनका बैग्राउंड अंग्रेजी माधयम का ही होता है लगभग 90 से 95 % तक का ।
क्यों की आईएएस के परीक्षा में जो हिंदी है वो बहुत ज्यादा मुश्किल है । क्यों की आईएएस परीक्षा में आप हिंदी लिखने में गलती नहीं कर सकते ।
@@gouravsaxena4485 बात कर सकते है पर चयनकर्ताओं को प्रभावित नही कर सकते..👍
@@Varsha02145 तुम घंटी हो क्या? ये वीडियो देखकर भी अक्ल नही आ रही?
@@amitsingh-sl2zg
Yes Indian government is most Responsible for that
Har jagah Agreji manga jata h to Log kya pagal h Jo Hindi ko bdhava denge.. 🙏
आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l
आधुनिक युग के कृष्ण हैं आप 🙏 आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है आचार्य जी 🙏श्री चरणों में नमन स्वीकार करें 🙏❤️
आचार्य प्रशांत को सादर प्रणाम। धर्म, संस्कृति, भाषा व लिपी के संबंध को स्पष्ट करने के लिए हार्दिक अभिनंदन।
मै अपने जीवन के प्रारम्भिक काल से केवल शुद्ध हिन्दी ही बोलता और लिखता हूं और मुझे गर्व है अपने देश अपने धर्म अपनी भाषा और अपने कुल पर हर हर महादेव
स्वामी विवेकानन्द भी इस मामले मे स्पष्टरुप से बोले थे , हम भारतीय हमारी पुरानी संस्कृति भूल कर हीन भाब से जी रहे हैं .... अरे हमारी विचारधारा इतनी पुरानी और ख़ास हैं, जिनका लोहा German भी मानती है।
हमें बस अपनी अतीत मैं झाँकना है...और जीवन को अपनी सहीं लक्ष्य देना है ।....
अगर तुम भारत में जन्मे हो तो इसका तात्पर्य यही है तुम्हें भारतीय होके ही इस शरीर और मन को आगे बढ़ाना है।
बाक़ी देश की culture के कुछ गुण भले ही आधुनिकीकरण के लिये अपनाने पड़े पर हमारा मूल भारतीय रहना आवश्यक है।
प्रणाम आचार्यजी।
नेहरू जैसे प्रधान मंत्रियों ने भी सदा ही पाश्चात्य संस्कृति व भाषा को बढ़ावा दिया
यह बड़ा है दुर्भाग्य पूर्ण है जब देश की सरकार ही विदेशी संस्कृति को उच्च माने
मैं आपकी वचन से बहुत कुछ सीखा रहा हूं गुरू जी 👏 मैं जीवन में एक बार आपसे जरूर मिलूंगा ❤️
भाषा व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा साधन है। इसलिए भाषा तो सरल ही होनी चाहिए। 🙏
शुक्रिया १०१% सही आपने बताया। मैं खुद से वादा करता हूँ की मैं हमेशा एक भारतीय नागरिक बना रहूँगा ।♥️♥️🙏🏻🙏🏻🇮🇳
Dil jeet liya aur jivan m bhut badi jgha bna li apne acharya ji. !👍
आपने आचार्य जी ठीक से नही सुना उन्होंने कहा कि कमेंट देवनागरी लिपि में करें न कि रोमन लिपि में
सभी साधक संस्था में कुछ दान पूर्ण करें केवल सवाली न पूछते रहे, जोकि मिशन को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है
सत्य वचन अपनी भाषा ही नही रही तो जो थोड़ा बहुत जो बचा है,वो भी नही रहेगा।
धन्यवाद गुरु जी🙏मार्गदर्शन के लिए 🙏
गुरू जी आप में श्री राजीव दीक्षित जी दिखाई देते है। जौ अब हमारे बीच नहीं रहे।
आप धन्य हो 🙏
धन्य है वो मॉ जिसने आपको जनम दिया। 🙏🙏
आप को सुनने के बाद हिंदी बोलने में गर्व होगा
जीवन में पहले से बहुत परिवर्तन है ।।।
आप को प्रणाम । मार्गदर्शन करते रहीए । ॐसीता राम
काश ऐसी सोच हर हिंदुस्तानी के अंदर हो 🫡❤आप को कोटि कोटि नमन 🙏🏻🙏🏻आचार्य जी
मुझे गर्व है कि मैं भारतीय नागरिक हूं
वंदे वंदेमातरम...
मैं अपने स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों को सलाम करती हूं, जो हमारे लिए तत्पर भी जान लगाए खड़े रहते हैं!
🙏🙏 प्रणाम आचार्य श्री l सनातन धर्म और संस्कृति को इतने सुस्पष्ट, सुंदर और सहज तरीके से समझाने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद l🙏🙏
आज पहली बार अपने दुख के कारण नहीं वरन् अपनों की हीनता के कारण आंखो में आंसू आ गया ,,,
परंतु यह समझ नहीं आता कि देश अपना बचेगा कैसे गुरु जी
आज विद्यार्थी अपने गुरु को गुरु जी नहीं कहना चाहता ,,, पैर छूकर प्रणाम करना तो दूर की बाते हो गई ,,,,,, ना जाने क्या होगा भारत का 😘😭😭😭
सादर चरणस्पर्श आचार्य जी !बहुत- बहुत अनुग्रहित हुए 👌🏽
धन्यवाद, आचार्य जी। आपको सुनकर मन शांत होता है।
34:39
तुम जा के खड़े हो गए हो एक हिन्दुस्तानी के सामने और
तुम उससे बात किसमें' कर रहे हो ? अंग्रेज़ी में
ये बात ही बत्तमीज़ी की है|
@@shauru771 अगर भाषा संचार के लिए है तो आप हिंदी को संस्कृति और राष्ट्रवाद क्यों मान रहे हैं ?
अंग्रेजी ज्यादा बोलने वाले अभी भी अंग्रेजों के गुलाम हैं.. मुर्ख अपने अस्तित्व को भूल गये .. दुर्भाग्य की बात है
आप जिस किसी के भी शिष्य रहे हो , उनको प्रणाम , अपना यात्रा रुकने न दे।
नमन गुरुजी आपने आँखें खोल दी अब रोमन लिपि बन्द और अपनी देवनागरी सुरू👏👏
आपका हिंदी चैनल अंग्रेजी चैनल से बेहतर चल रहा है👍👍
आज मेरे आंतरिक भावों को शब्द मिल गए। 🙏
बस अब तो करोड़ो में सब्सक्राइबर होने की तलाश है 🙏😇😇😇😇,,,बस टीवी इंडस्ट्री बैन हो जाए ,, और हमारा भारत अपनी प्रगति की ओर चल पड़े 🙏😇😇😇
आपकी इच्छा पूरी हूंई अब आचार्य जी भारत का नंबर 1 यूट्यूब चैनल बन गया है 4.3करोड़ सबेस्क्राइबर हो गए हैं 😊
अत्यंत सुंदर आचार्य जी
सत्यम शिवम सुंदरम,सत्य ही शिव है,शिव ही सुंदर है।
बहुत अच्छा लगा कि आप इस तरह से काम कर रहे हैं और यह सब देख कर मुझे अपने ऊपर गर्व महसूस हो रहा है ।
नमामि आचार्यन्
अहम् इच्छामि यत् भवान् सँस्कृतम् कथं श्रेष्ठम् इति बोधयतु
🙏🏻 गुरू जी मेरे पास शब्द नहीं है आपको सम्मान देने के लिए , भारत को आपके नेतृत्व की आवश्यकता है 🙏🏻
आपकीे वाणी और ज्ञान में अद्भूत तेज है।
आपको सत सत प्रणाम है।
आपकी जय हो गुरुदेव। कोटिशः नमन🙏🙏🙏
बहुत बहुत अच्छा ज्ञान आपके द्वारा प्रदान किया गया।
प्रणाम आपको आचार्य जी।🙏
वाह यह मेरी जिंदगी का पहला हिंदी में दिया गया कमेंट है । धनयवाद । 🙏
अद्भुत वकतव्य हैं साहब मजा आ गया
इसी तरह संस्कृति के गौरव का बोध ,लोगों को बार बार समझाया जाय तो देश ,धर्म ,संस्कृति पुनः जागृत हो उठेगी ।क्योंकि एक बार कहने से तो जीवन में नही उतरने वाली हैं ।😅
आचार्य जी आप भविष्य के विश्वगुरु होगे,,. निसंदेह 💯🙏🙏✅
आचार्य जी, नमन!!
आपका आशीर्वाद रहे, की किसी मोड़ पर भय से सामना भी हो तो कदम पीछे ना हों। पूरे संसार में दहाड़ने की हिम्मत हो, और पूरा जीवन सच्चाई की सेवा में समर्पित हो।
चरण स्पर्श 🙏🙏
अंग्रेजी की ये खूबी नहीं है की वो अन्तर्राष्ट्रीय भाषा है अंग्रेजी की खूबी यह है कि अंग्रेजों ने हमें खूब लात मारी है।_आचार्य जी
प्रणाम आचार्य जी
आपने तो दिल छू लिया. बिलकुल गहराई की बाते बता दी आपका तहे दिल से आभार.🙏🙏
Are waaa aachary ji aapne to jivan sikha diya
धन्यवाद ❤
अत्यन्त ही सत्य वचन कहे आपने।
हम सब लोग IAS जैसे अफसर और बड़े businessman बने और अपनी गीता आदि धार्मिक ग्रन्थों पर अधारित का प्रचार करे और भारतीयो को गौरव से भर दे
प्रणाम आचार्य जी , आपने जो प्रकाश इस विषय पर डाला उससे वास्तव में खुद को नगण्य महसूस हो रहा है। एक भय का अनुभव हुआ कि वास्तव में हम किस अमूल्य विरासत से धन धान्य हैं और इसे छोड़ किस झूटी जीवन शैली के पीछे पड़े हैं जिसने हमारी संस्कृति को तार तार कर दिया। मेरा भ्रम दूर करने के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम। 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आपका अचार्य जी। ईश्वर आपको हमेशा स्वस्थ रखें, आप दीर्घायु हों। 🙏🙏
👉अति सत्य वचन हैं गुरुदेव।कड़वा पर सत्य है👏👍👍👇
👍👍👍
प्रणाम आचार्य जी।🙏🧡
🕉️🇮🇳 हर हिंदुस्तानी को सुननी चाहिए ये आंखें खोलने वाली अतभूत प्रवचन.. 🕉️🇮🇳
सादर प्रणाम आचार्य जी! एकदम सत्य आचार्य जी आजकल यही हो रहा है आपका ये वीडियो आज के सभी नवयुवक और नवयुतिवों को देखना अति आवश्यक है और अंग्रेजी परस्त माता पिताओं को भी देखना और इसका पालन करना बहुत जरूरी है और सबसे ज्यादा तो हिंदी फिल्म उद्योग जगत ने माहौल को बिगाड़ा है क्योंकि वो सब कमाते हैं हिंदी फिल्म के नाम से और साक्षात्कार देते हैं गिटिर पिटिर अंग्रेजी में
सत्यता स्वीकार कहा पाते है अधिकांश व्यक्ति।
बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी
ये चलचित्र को बनाने के लिए आपको कोटि धन्यवाद् सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी से ।
ये चलचित्र को बनाने के लिए आपको कोटि धन्यवाद् ।
आपसे प्रेम हो गया है आचार्य जी।🙏🙏🌸🌸💖💖
३५:४१
न किसी के पैसे के प्रदर्शन के आगे दबो, झुको
न किसी की ताक़त के प्रदर्शन के आगे दबो , झुको
और किसी की अंग्रेज़ियत के आगे तो बिलकुल दबना झुकना नहीं है |
और किसी के सौंदर्य के आगे भी झुकना दबना नही है |
वाह जी वाह आपने तो संख्या भी देवनागरिक लिपी मे लिखा , वाकयी प्रशंसनीय है ।