इस तरह के बुजुर्गो की बोहोत जरूरत है समाज में न कि आजकल के बूढो की तरह जिनका दिमाग सिर्फ घर की बहुओं के घूंघट या बच्चे कही प्यार में न पड जाए बस इन्ही बातों में रहता है ।
कर्मकाण्ड का देश मे प्रचार-प्रसार की आड़ मे वैज्ञानिक सोच और शारीरिक बल पर ग्रहण न लगे यह दायित्व है बुद्धि जीवियों का है चार्वाक को सही रूप मे इमानदारी से पेश करना । गर्व होना चाहिए सभी लोगों को चार्वाक पर गर्व होना चाहिए।
@@Gayansagarchaman pdle pehle, or haan fir bakio, vedo me karam kaand k sth gyan kaand b hai, vo b pdleta, puranas symbolism ka kaam krte h smjhane k liye, mahabharat and ramayan itihas me ati h, chaman tera naam h or harkate b chaman wali.
चाणक्य, व्यास, हेगल, कांट, अरस्तू, स्पेन्सर, मार्क्स, आदि सभी विद्वानों के पूर्व ही चार्वाक ने भौतिकता के कई बातों को बताया था, अफसोस है कि चार्वाक दर्शन के सभी ग्रंथ नष्ट कर दिए गए। इससे ब्राह्मणो की दुकान बंद हो जाती। उस समय जनता में ये दर्शन बहुत लोकप्रिय दर्शन था।
Mughals ne nasht kiye to baaki darshan kaise bach gye? 7th century se pehle ka koi hindu mandir milte kyun nhin? Baudh jo Bharat mein hi shuru hua uska astitva Bharat se hi kaise khtm ho gya?
इस वीडियो को देखने से पहले तक में समझ नहीं पा रहा था कि मेरी सोच किस दर्शन से मैल खाती हैं पर अब मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया। मेरी सोच बहुत हद तक चार्वाक दर्शन से मैल खाती है। धन्यवाद , आपने मुझे खुद से मिला दिया। 🙏🙏
Same bro mera bhi or do nastik darsan baudh or jain darsan bi sahi lagta hai pakhanwad se mukt insaniyat k liye hai jo na ki astik darsan jo bhagwan ko sabit karne me laga hota hai jaruri kam insaniyat ko bhula kar..
आपकी ही सोच नहीं लगभग 95 फीसदी लोगों की सोच ऐसी ही है।। जो ऐसी सोच का नहीं है तो निकल पाया है इस जगत से। ये भौतिक भौतिक करते रहे और कुछ विरले लोग कष्ट सहन करके अभौतिक की तरफ चले गए होंगे। सृष्टि बहुत बड़ी है। सृष्टि जो बात करेगी हम सृष्टि से बड़ी बात कभी नहीं कर पाएंगे।। क्योंकि हमने इसे जन्म नहीं दिया इसने हमें जन्म दिया है
आजकल सभी विकसित राष्ट्र जीडीपी यानि ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट को नकार कर ग्रॉस डॉमेस्टिक हैप्पीनेस करने लगे हैं ।चार्वाक दर्शन एक असाधारण दर्शन है और हमें अपने जीवन में इसके सिद्धांतों को उतारना चाहिए । प्रोफेसर सिन्हा को मेरा नमन ।
चार्वाक दर्शन यथार्थ जीवन को जीना सिखाता है, और काल्पनिक जीवन (स्वर्ग नरक) जिसका किसी ने अनुभव नहीं किया है, उसकी कटु वास्तविकता से अवगत कराते हुए मनुष्य जीवन को धन्य बनाने की प्रेरणा देता है। चार्वाक दर्शन मुख्यतः अर्थ व काम के सिद्धांत पर टिका है, जो जीवन का मूल आधार है। डॉ साहब को कोटि कोटि वन्दन व अभिवादन कि वे उम्र के इस पड़ाव में भी अनेकों अनेक के प्रेरणास्त्रोत हैं।
Charvak darshan insaan ko swarthi banata hai... Sab charvak ke siddhant par chalne lage to social structure hi tabah ho jayega...aur hum wapas janwaro ki tarah ho jayenge...
Sidhanto se kuch nahi hota... Keh dene ko to bachpan se sabhi jaante hain ki imaandar rehna chahiye par last mein sab beimaan hi bante hain... Sidhant bekar ki chiz hoti hai
4 वाक्यों का दर्शन, सुखमय जीवन, नास्तिक दर्शन वास्तविक जीवन जीना सिखाता है। किसी भी चीज को बढ़िया ढंग से प्रस्तुत करने वाले विचार बुद्धिमान मनुष्य में ही होता है आप को शत-शत प्रणाम।।
ऐसे ज्ञानी पुरुष इस देश में अभी मौजूद हैं, इनके गुणों का आत्म सात करें।ब्यर्थ की सीरियल्स देखकर समय नष्ट न करें । इन्हें मेरा कोटि कोटि प्रणाम।__तात्विक दशरथ बड़ाईक, रांची।
Serials dekh kar hi ghar ghar me ashanti fael gayi. Saas bahu ke jhagde, pati ka parstreegaman wagehra dekh dekh kar mahilao me kutilta bhar rahi hai. Jo cheez vastavik nhi usko bhi log vastavik maan kar apne hi logo par sandeh karne lagte hain. Kuchh serials toh tanaav badhane wale hote hain. Aur kuchh serials apne hi mahapurusho ki lampat-ta dikhane me lage hain. Jaise Radha Krishna ka serial (Srinivas aur bhargavi ka extramarital affair). Pata nhi ki ye sab kisse kahani aate kaha se hain? Jarur Gupt kaal ki rachna hogi.
यावज्जीवेत्सुखं जीवेत् ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत् । भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः ।। त्रयोवेदस्य कर्तारौ भण्डधूर्तनिशाचराः । perhaps, the best philosophy India has produced 🙏
परम आदरणीय Dr. HS Sinha आपने इस discourse के द्वारा जीवन के सत्य को उजागर किया है,इससे ये पुख्ता हो गया है कि चार्वाक सिधांत phylosphy को स्वार्थवश भारत देश से समाप्त करने वालों ने देश को बहुत पीछे ढकेल दिया है और सज़ा उनको मिलनी ही चाहिये परंतु सजा राज देता हैं?
सौभाग्य ....🙏🙏 जिस तरह प्रेम की असली कहानियां सिनेमा टीवी स्क्रीन्स पर नही होतीं... वे दुर किसी शान्त आशियाने मे चुपचाप लिखी जाती हैं... उसी तरह विश्व के असली शिक्षक और गुरु आज के स्कूलों और विश्वविद्यालयों मे कतई नही हैं... वे आपकी ही तरह.. दुर किसी कोने मे हैं..बेतहाशा ज्ञान से लबालब ... सौभाग्य कि आपको सुनने का अवसर मिला...आभार🙏🙂🙇♂️
हम बहुत भाग्यशाली है जो चार्वाक दर्शन जैसे हमारे पूर्वज है,,,ये विचार धारा भारतीय लोग आजमाते तो विश्व में हम सबसे आगे नंबर 1होते, में समझता हूं नास्तिक सच में आस्तिक और वास्तविक है,,, जय चार्वाक लोकायत दर्शन विचार धारा,,, जय सर्वोत्तम भूमिपुत्र गौतम बुद्ध जय शिवराय जय जिजाऊ जय शंभूराजे संत तुकाराम जय गुरु नानक,, जय संत रोहिदास,,, डॉ शहा आपको प्रणाम करते हैं।
Charvak दर्शन बहुत अच्छा लगा आपका वीडियो सम्पूर्ण भारत को charvak सिद्धांत जानना चाहिए ताकि लोग इस जग में सुख पूर्वक जीवन यापन कर सके, जय बृहस्पति जय चार्वाक
Sirf badan ka sukh hi kaafi nahi hai, balki man ka aur atma ka sukh sabse mahan hai. Isliye charwak darshan ke dhokhe me punjiwadi, bhautikwadi, anaitikwadi nahi banna chahiye.
I am Hindu yogi. You will reach highest goal because of your own beautiful mind. Mind which accept everything and everyone and analyse the reality, is bound to become Buddha.
@@jt.dhsgolaghat9549 charwak philosophy doesnt oppose drinking and prostitution which is morally wrong. Also diving into luxuries by borrowing money from someone else is a kind of irresponsibility. So when they say "yavat jeevet, sukham jeevet" that should be taken with a pinch of salt because whatever makes you happy doesnt imply that the act is morally right or wrong.
@@sulusukta3935 indeed most of the people around the world are unknowingly following it. There are bollywood songs which have similar lyrics as charwak philosophy. There are programs which ask participants to beg, borrow or steal (Roadies). This philosopy supports incest with blood relatives as long as there is no pregnancy. If anyone follows such atheism, they are sure to fall into the abyss of darkness.
@@rizwanalisalam1057 toh kya dukhi rehna achhi baat hai? Jitna bhi time ye bade bade seth jiya, logo ko naukriya mili, sab ka ghar chala. Duniya ke liye bahut se log apne tarah se contribute kiya. Sab ko ek na ek din jana hi hai lekin hum duniya ko kya de kar jaa rahe hain ye bhi maayne rakhta hai. Bhagat Singh, Chandrashekhar aazaad ke jaise log bhi duniya se chale gaye lekin aaj bhi unke liye kaafi izzat hoti hai. Koi duniya me aa kar aise hi chala jaay toh log bhi usko bhula denge marne ke baad.
बहुत अच्छा विश्लेषण प्रस्तुत किया है sir आपने। मैं गणपति की यही कल्पना करता था जो आपने बताया है बृहस्पति शास्त्र के माध्यम से। बहुत सुंदर और सटीक ज्ञान दिया है Dr। Sinha Sir धन्यवाद 🙏
चार्वाक दर्शन को आपने बहुत ही अच्छी तरह से समझाया है इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं और आगे ऐसे ही चार्वाक दर्शन का प्रचार प्रसार आप आगे ऐसे ही करते रहिए धन्यवाद गुरुजी ❤️❤️🙏🙏
अति सुन्दर व्याख्या गुरुजी! आज तक चार्वाकों की सिर्फ बुराई सुनी थी, आपने स्पष्ट किया की चार्वाक भी प्रशंसनीय है बशर्ते की उनकी व्याख्या आपके जैसी प्रभावी होनी चाहिए!🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मैं चारवाक दर्शन को ठीक से समझना चाहता था और मेरे पास कोई स्रोत नहीं था। अपने कैंसर से उबरने के बाद सोचा था चरवाक दर्शन पर किताब लिखूँ आज छह महीने बाद मुझको आपके माध्यम से चरवाक दर्शन पर प्रकाश मिला है, आपका शुक्रिया। कविता की किताब तो लिखी है पर अब सोच रहा जैसे आपने समझाया कोई नहीं समझा सकता, तो इस पर नहीं लिखूंगा।
I'm an atheist from Brazil and I recently discovered the philosophy लोकायत चार्वाक here no one was talking about लोकायत चार्वाक I would love an opportunity to listen to Dr HS SINHA and how we can learn more about लोकायत चार्वाक. डॉ एच एस सिन्हा का जीवन लंबा है
आपके विचार निश्चित ही श्रेष्ठ हैं। किन्तु स्मरण रहे ये बात केवल भारतीय दर्शन सनातन व उसकी शाखाओं तक ही सत्य है। अब्राहमिक दर्शन ऐसे नहीं। उन्हें हमारे जैसा समझने की त्रुटि न करें। सहस्त्र वर्ष का इतिहास इसका प्रमाण है।
@@thakurshouryapratapsingh3506 atleast charwak darshan abrahamic faiths se far better hai. Vastavikta me vishwas karta hai, naa ki 72 hooro wale jannat aur jahannum ki aag me. Aaj tak kisi ne 72 hooro ka bhog kar ke batane nhi aaya ki kitna maza aaya. Ye sab bas kisse kahani manoranjan ke liye sunaya jata raha hai. Ved me bhi aise koi sthaan ka varnan nhi, bas moksh ki baat milti hai. Ved ka logic infallible hai. Agla janm kaisa milega woh toh ab tak ke karmo se decide hoga lekin abhi ke time hum kya kar rahe hain wo jyada important hai. Iss drishti se dharti ko hi swarg banane ki koshish bahut achhi baat hogi.
@@Dave_en darshan ka matalab pata hai? Jiski tum baat kr rhe ho vo sab religious stories hai vo humare dharm mai bhi hai purano mai, swarg apsaraye etc, western philosphy doesnt imply Christianity and Islam.
@@romilmahant2971 darshan ka matlab point of view. Stories ki baat nhi kar raha hu. Purano me metaphysical stories milengi, darshan nhi. 6 darshan hain vedic fold me. Non vedic fold me budd, jain, charwak, ajeevika etc. Sab ka aim hai suffering ko kam karna.
Mujhe 3 nastik darsan bahot acha lagta hai charvak, baudh or jain darsan pakhanwad se mukt jo insaniyat k upar dhiyan dene ki bat karta hai na ki 6 Astik darsan jo bhagwan hai ya nhi ye sabit karne me laga hota hai jaruri kam insaniyat ko bhula kar aj 😢🙏
अत्यंत महत्वपूर्ण वार्ता। कोटि कोटि धन्यवाद। दो बातों की ओर ध्यान आकर्षित करूँगा: १. चार्वाक निःसंदेह वृहस्पति सूक्त से प्रभावित रहे होंगे; परन्तु वृहस्पति सूक्त को चार्वाक सूक्त कहना हो सकता है जल्दबाजी न हो जाय। मुख्यतः वृहस्पति स्वयं वैदिक ऋषि हैं। २. चाहे डेकार्ट (René Descartes) का जेसुइट (Jesuit) विद्यालय के माध्यम से हो, या हेगल (G. W. F. Hegel) का स्वयं संस्कृत से सीधा सम्बन्ध हो; यह कहना आश्चर्यजनक नहीं होगा कि उनके विचार इन्ही शास्त्रों से प्रभावित हुए हों।
विज्ञान (Since) का अद्भुत शोध... और हम जैसे तुच्छ प्राणी (मनुष्य) जातिय भेदभाव, सम्प्रदाय, धर्म विषमता, छुआछूत, गोरे काले में भेद, असमानता और अमानवीय कृत्य में न सिर्फ समल्लित हैं बल्कि इस धरती के दूसरे अन्य प्राणियों को भी जीने के हक से वंचित कर रहें हैं... अर्थात असंतुलन पैदा करने पर तुले हैं सिर्फ अपनी सुख भोग समृद्धि आनंद और निजी स्वार्थ के लिए। सबसे बड़ी बात स्त्रियों के प्रति भी दुराग्रह जिनके गर्भ से पुरुष नौ महिने बाद पैदा होते हैं उन्हें भी शोषण का शिकार बनाते हैं। इस धरती पर जन्म लेने वाले हर प्राणी के लिए प्रकृति ने तमाम संसाधन दिए फिर भी मनुष्य संतुष्ट नहीं है। इसी का संघर्ष युगों युगों से कम्युनिस्ट (नाम चाह कुछ भी रख लें) करते रहें हैं... ua-cam.com/video/IzTId_PDJic/v-deo.html
सादर वंदे गुरूदेव! आपकी पुस्तक -"धर्मदर्शन की रूपरेखा " बहुत वर्षों पहले पढ़ी थी. आज आपके दर्शन हुए धन्य हुआ मैं! यह पुस्तक स्नातक के अंतिम वर्ष में दर्शनशास्त्र का एक पेपर था. इस वीडियो में आपने लोकायत की चर्चा की है, यह पुस्तक भी मैने पढ़ रखी है जो कि देवीप्रसाद चटर्जी ने लिखी हैं. -भंवरलाल महरिया भंवरो, ढाकाळी (सीकर) राजस्थान.
Thanku so much apka....... Really a great.... Session.... I thought that charwak were negative but after watching this..... I understand they were realistic..... ❤️
बहुत सुंदर वर्णन। चार्वाक दर्शन आज की भौतिकवादी सोच व जीवन शैली के प्रायः अनुरूप है। बशर्ते ईमानदार और शोषण रहित व्योहार वह सर्वस्य सुखम का सिद्धांत वह मर्यादा बनी रहे।
Thank you for enlightening us about the existence of this philosophy among the many great Indian gurus' lineages. Indian philosophy is genuinely significant because of schools of thought like Charavaka. Seeing that everyone engages in the behaviors that Charavaka has emphasized in their daily lives has given me new insight into the reality of our lives. Everyone is leading the same kind of life and being as active in it as Charavaka pointed out, including the supposedly great religious leader who railed against Charavaka and claimed their very own propaganda of religions. 27:39
Wonderful! Reminded me of our Shesh Guru Shastri ji: Famous Charvaka (Atheist and materialist) Samskrit (Sanskrit) quotes यावत् जीवेत् सुखम् जीवेत्। ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत्। भस्मिभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः। Yavat Jivite Sukham Jivite Rinam Kritva ghartam pibet Bhasmibhutasya dehasya punragmanm kutah Meaning: As long as you live, live happily. Take debt and drink ghee. Once the body is reduced to ashes, how can it come back! Hindi अर्थ: जब तक आप जिएं, खुशी से जिएं। कर्ज लो और घी पियो। एक बार जब शरीर राख हो जाता है, तो यह कैसे वापस आ सकता है!❤🎉
आपने फिर पढ़ा ही क्या?? आपका प्रश्न और तर्क दोनों गलत है। आप पहले चार्वाक को पढ़े फिर दूसरे दर्शन शास्त्रों को भी पढ़े तब तर्क करे। कोई भी चीज़ गलत या सही पूर्ण नहीं होती आपका नज़रिया उसको सही गलत के पैमाने पर नापता है।।
@@NeOmehra महोदय , आप स्वयं अपने आप को गलत साबित कर रहे हैं. चार्वाक दर्शन अगर मिथ्या या गलत हैं तो उसे नष्ट करने की क्या जरुरत थी. चार्वाक मिमांसा और उपनिषद साथ साथ विराजमान रह सकते थे. चुंकी चार्वाक मिमांसा स्वार्थ हित साधने मे बहुत बडी बाधा थी इसलीये उसका नष्ट होना अतीआवष्यक था और उस परंपरा या विचारधारा को मूल से नष्ट कर दिया गया.
@@AshokKumar-zg8xf आज के इस दौर मे शब्द:शह अर्थ लेनेवालो को महामूर्ख की संज्ञा दिगयी हैं. या फिर हमारे पडोसी मुल्क की भाषा मे उन्हे शेखचिल्ली कहते हैं.
Sir yhi baat main dusro ko samjhana cha rha tha mere bhi yhi sabd hain meri maansikta bilkul charwak se hi milti hai aur mujhe unke baare main aaj hi pta lga jab mai mere aadarsh BHAGAT SINGH ❤️ ki book Why I Am An Atheist padh rha tha to us book main charwak ka jikr tha to main uske madhyam se aap tak pauccha aapne bahut acche se explain kiya
Us time bhi ek dusre school of thought sampradaya ek dusre ke khilaf baate likhte the sramana vedic logo ke khilaf adaivt vedanta kamakhya ke khilaf aajivika jain ke khilaf
Bharat Darshan is duniya ki sabse badi kamyabi hai. hum log kasturi mrig hai jo apne bhitar hi itni achi cheez hai par hume to What's App, Insta se bahar nh nikal paa rahe. Doctor Sahab aap ko koti koti naman. Bahut Bahut Dhanyawad
महोदय, चार्वाक जी की एक एक बात सत्य है, लेकिन जो अन्य भारतीय दर्शन के प्रवर्तक है शायद उन्हें भली भाति ज्ञात है की ज्ञान मे किये गये सदाचार बेमन और मजबूरी मे होते है क्योंकि उन्हें सब बातो का ज्ञान है और भक्ति मे किये गये सदाचार मे सदैव बस भाव निहित होता है, जो दिमाग़ से नहीं दिल से होता है, इसलिए चार्वाक जी को नहीं स्वीकार किया जाता है 🙏🙏🙏🙏🙏 नमन है आपको चार्वाक जी के दर्शन को जन जन मे प्रसारित करने के लिए
Pl. accept my my regards and big salute to Dr.Sinha saheb. I have started hearing him very recently. He is great inspiration for others. There are no words in praise of his mastery over variety of subjects ,be it philosophy, psychology ,religion and education. It is like you name the subject, he will go on speaking on it for hours with enviable clarity at his age. Not just that ,but he is never irrelevant anywhere in his discourse. He never beats about the bush. His discourse is always very very illuminating. I feel much enlightened and more delighted too ever since I started listening to him on social media. I once again offer my big regards and humble namaste to him. I am from Mumbai. Wish I sometime come your side and have a little meeting with respected Sinha Saheb. Pray my wish comes true one day. Till then, I will keep listening to him on social media.
सुखी इंसान बनो भूखा,प्यासा, कमजोर,बीमार,गरीब अभावग्रस्त कभी खुश नहीं हो सकता इसलिए इसी दुनिया मे इसी जीवन मे अपने अभाव समाप्त करो शक्तिशाली बनो धनी बनो सम्पनता हासिल करो और मौज मस्ती करो। मरने के बाद मोक्ष ओर स्वर्ग/जन्नत की कामना से बेहतर है इसी जीवन को सुंदर और संम्पन्न बनाओ इसी दुनिया को बेहतर बनाओ। आत्मा की शुद्धि के चक्कर मे पड़ने से पहले शरीर को स्वस्थ बनाओ।
सुंदर मीमांसा। चार्वाक दर्शन को पढ़ना आधुनिक दर्शन को समझना है। प्रत्येक दर्शन के अपने सकारात्मक व नकारात्मक पहलू हैं। इसमे भी हैं पर वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में इसे नकारना एक भूल होगी।
बहुत सुंदर , चार्वाक ऋषि ने धर्म , अर्थ , काम , मोक्ष , out of these 4 principles explained in sanatan dharma, charvak have concentrated their theories , mostly around artha & kam , but both in a righteous manner , so worth appreciable 👏👏👏 for world , BUT inspite of acquiring wealth & pleasures , a stage will come when you will require peace, by silent sitting with omkar & other practices, here last principles which is moksha may get fulfilled & no body knows moksha would be attained or not , but a peaceful , balanced personality will get made, which is the fulfillment of life .
भारत की दुर्दशा के लिए धार्मिक पाखंड ही जवाबदेह है।
ना,तुम्हारे जेसे लोग
Aap pahle जान तो लो सनातन सिद्धांत को पहले फिर ये बात करना😂😂
और तुम अब लिबरांडू हो😂
Bharat ki durdasha ke liye, punjiwadi, manuwadi, Brahmanwadi, saamantwadi soch Puri tarah se zimmedar hai.
@@rizwanalisalam1057 kat we bheekh wadi 🤣🤣
चार्वाक दर्शन को फिर से जिवित करने के लिए डाॅ. साहब को बहुत बहुत बधाई.
इस तरह के बुजुर्गो की बोहोत जरूरत है समाज में न कि आजकल के बूढो की तरह जिनका दिमाग सिर्फ घर की बहुओं के घूंघट या बच्चे कही प्यार में न पड जाए बस इन्ही बातों में रहता है ।
@@creativefunwithyash8050 aisa sochna bhi pap hai
jee bhai
Sir se philosophy ke Professor hai
Sir is great scholar, sadar Vandan, Use 'Bujurg' word For him is not proper. They are the real brain of Bharatvarsh. You are right for other comment.
ये महाशय भ्रमित आत्मा है ऊल जलूल बकवास कर रहा है।। तभी तो जावालि के शिष्य का शिरोच्छेद किया था राम ने
कर्मकाण्ड का देश मे प्रचार-प्रसार की आड़ मे वैज्ञानिक सोच और शारीरिक बल पर ग्रहण न लगे यह दायित्व है बुद्धि जीवियों का है चार्वाक को सही रूप मे इमानदारी से पेश करना । गर्व होना चाहिए सभी लोगों को चार्वाक पर गर्व होना चाहिए।
ऐसे ही वेदों व उपनिषद, पुराण को भी सही समझें तों वो भी बढ़िया लगेंगी।
@@who_mahendra वेदों में जन्म ही मुंह से और गर्भधारण भी मुंह से?
@@Gayansagarchaman पहलें पढ़ो फिर अपना ज्ञान पेलो, फालतू का ज्ञान अच्छा नहीं।
@@Gayansagarchaman pdle pehle, or haan fir bakio, vedo me karam kaand k sth gyan kaand b hai, vo b pdleta, puranas symbolism ka kaam krte h smjhane k liye, mahabharat and ramayan itihas me ati h, chaman tera naam h or harkate b chaman wali.
सभी लोगो को नही सिर्फ स्वार्थी लोगो को ,,,,जिनकी बुद्धि सिर्फ खाने पीने में लगी हो ,,,,पशु बुद्धि जिनकी है चार्वाक उनके लिए है 🙏
चाणक्य, व्यास, हेगल, कांट, अरस्तू, स्पेन्सर, मार्क्स, आदि सभी विद्वानों के पूर्व ही चार्वाक ने भौतिकता के कई बातों को बताया था, अफसोस है कि चार्वाक दर्शन के सभी ग्रंथ नष्ट कर दिए गए। इससे ब्राह्मणो की दुकान बंद हो जाती। उस समय जनता में ये दर्शन बहुत लोकप्रिय दर्शन था।
Beta brahmno ne nahi apko jaise logo ko convert krne wale muslims ne bharat ke bahut se grantho ko nast kr diya tha..padhai kro to pta lge ye sab
Mughals ne nasht kiye to baaki darshan kaise bach gye? 7th century se pehle ka koi hindu mandir milte kyun nhin? Baudh jo Bharat mein hi shuru hua uska astitva Bharat se hi kaise khtm ho gya?
बेटा इस दर्शन को जिंदा भी ब्राह्मणों ने रखा भी और प्रचार किया ।
मन में नफरत रखकर तुम भारतीय दर्शन को समझ ही नही सकते ।
Right 👍
@@ajaysinghazaxx9318Gupta kaal ki aur Tamil Nadu mein bhi Pallava ke koi Mandir 7 century ae pehele ka hain
इस वीडियो को देखने से पहले तक में समझ नहीं पा रहा था कि मेरी सोच किस दर्शन से मैल खाती हैं पर अब मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया।
मेरी सोच बहुत हद तक चार्वाक दर्शन से मैल खाती है।
धन्यवाद , आपने मुझे खुद से मिला दिया।
🙏🙏
Congrats.....😂😂😂
मैल नहीं मेल होता है, अर्थ का अनर्थ हो जाता है
@@rrrajan2009 भावनाओं को समझो, शब्दों में क्या रखा है...।
फिर भी धन्यवाद आपको, मुझे correct करने के लिए... 🙏😌
Same bro mera bhi or do nastik darsan baudh or jain darsan bi sahi lagta hai pakhanwad se mukt insaniyat k liye hai jo na ki astik darsan jo bhagwan ko sabit karne me laga hota hai jaruri kam insaniyat ko bhula kar..
आपकी ही सोच नहीं लगभग 95 फीसदी लोगों की सोच ऐसी ही है।। जो ऐसी सोच का नहीं है तो निकल पाया है इस जगत से। ये भौतिक भौतिक करते रहे और कुछ विरले लोग कष्ट सहन करके अभौतिक की तरफ चले गए होंगे। सृष्टि बहुत बड़ी है। सृष्टि जो बात करेगी हम सृष्टि से बड़ी बात कभी नहीं कर पाएंगे।। क्योंकि हमने इसे जन्म नहीं दिया इसने हमें जन्म दिया है
आजकल सभी विकसित राष्ट्र जीडीपी यानि ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट को नकार कर ग्रॉस डॉमेस्टिक हैप्पीनेस करने लगे हैं ।चार्वाक दर्शन एक असाधारण दर्शन है और हमें अपने जीवन में इसके सिद्धांतों को उतारना चाहिए । प्रोफेसर सिन्हा को मेरा नमन ।
चार्वाक दर्शन यथार्थ जीवन को जीना सिखाता है, और काल्पनिक जीवन (स्वर्ग नरक) जिसका किसी ने अनुभव नहीं किया है, उसकी कटु वास्तविकता से अवगत कराते हुए मनुष्य जीवन को धन्य बनाने की प्रेरणा देता है।
चार्वाक दर्शन मुख्यतः अर्थ व काम के सिद्धांत पर टिका है, जो जीवन का मूल आधार है। डॉ साहब को कोटि कोटि वन्दन व अभिवादन कि वे उम्र के इस पड़ाव में भी अनेकों अनेक के प्रेरणास्त्रोत हैं।
Himacha ki traf aana kabhi yaaha bade bhkti waale bajurg aate swarg ghumkar .
Beta chawaaak chutiya tha
But it's not good for well functioning of society..
Charvak darshan insaan ko swarthi banata hai... Sab charvak ke siddhant par chalne lage to social structure hi tabah ho jayega...aur hum wapas janwaro ki tarah ho jayenge...
@@sulusukta3935 kuch factors missing hi is philosophy me but hume jo achi chize mile khi se bhi unko accept krna chahiye
@@sanatandharmaurham Can I know which factors are missing ??
चार्वाक के विचार "वर्तमान" में इंसान बनकर जीने का सिद्धांत है।
कोई स्वर्ग या जन्नत ऐसी कोई चीज नही होगी...ये सिर्फ कल्पना होगी।
yahi par jannat hai bharat ko swarg banao apane ghar se suruaat karo
Right sir
@@sachinsingh-bl6wz ...भारत को स्वर्ग बनाने की जिम्मेदारी भारत मे राहनेवाले सभी की है.
@@India-Bharath
Ekdum sahi
Aur sirf bharat hi nhi
Puri prithivi
Sidhanto se kuch nahi hota... Keh dene ko to bachpan se sabhi jaante hain ki imaandar rehna chahiye par last mein sab beimaan hi bante hain... Sidhant bekar ki chiz hoti hai
पुरोहितों और सत्तालोलुपतों ने दुनिया को हमेशा गुमराह किया है।
चार्वाक दर्शन बहुत अच्छा है
जब तक जियो सुख में जियो, जीवन ही सत्य उसके बाद सब मिथ्या
Satya watchan🙏🙏🙏
Use maanne se log pashu saman baan jaata hain. Pleasurism se Animalism, Nihilism aata hain aur samaj, desh ki sarbanash hota hain
4 वाक्यों का दर्शन, सुखमय जीवन, नास्तिक दर्शन वास्तविक जीवन जीना सिखाता है। किसी भी चीज को बढ़िया ढंग से प्रस्तुत करने वाले विचार बुद्धिमान मनुष्य में ही होता है आप को शत-शत प्रणाम।।
सर आपके द्वारा दिया गया चार्वाक दर्शन का सही पक्ष बहुत अच्छे से समझ आया इससे पहले हम सिर्फ ऋण लेकर घी पीने तक ही सीमित थे। सर आपका हृदय से धन्यवाद।
ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ ਜੀ ਰਿਸ਼ੀ ਚਾਰਵਾਕ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਨ ਦਾ
चार्वाक दर्शन के विशद्, विषम वर्णन के लिए हार्दिक धन्यवाद. बेहद की परम शांति.
ऐसे ज्ञानी पुरुष इस देश में अभी मौजूद हैं, इनके गुणों का आत्म सात करें।ब्यर्थ की सीरियल्स देखकर समय नष्ट न करें । इन्हें मेरा कोटि कोटि प्रणाम।__तात्विक दशरथ बड़ाईक, रांची।
Serials dekh kar hi ghar ghar me ashanti fael gayi. Saas bahu ke jhagde, pati ka parstreegaman wagehra dekh dekh kar mahilao me kutilta bhar rahi hai. Jo cheez vastavik nhi usko bhi log vastavik maan kar apne hi logo par sandeh karne lagte hain. Kuchh serials toh tanaav badhane wale hote hain. Aur kuchh serials apne hi mahapurusho ki lampat-ta dikhane me lage hain. Jaise Radha Krishna ka serial (Srinivas aur bhargavi ka extramarital affair). Pata nhi ki ye sab kisse kahani aate kaha se hain? Jarur Gupt kaal ki rachna hogi.
@@Dave_en sahi bat
kuchh aalsi log hote hain bhai joh keh dete hain ueh gyan ki baatein humein samajh nahin aati
Sach me humare sikshan sansthav me yahi dershan ase hi padana chaiye jisse hum is sansar ko swarg bana sake
जो स्वर्ग और नर्क की अवधारणा को मानते हैं उन्हें चार्वाक दर्शन समझ नहीं आ सकता।
यावज्जीवेत्सुखं जीवेत् ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत् ।
भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः ।।
त्रयोवेदस्य कर्तारौ भण्डधूर्तनिशाचराः ।
perhaps, the best philosophy India has produced 🙏
परम आदरणीय Dr. HS Sinha
आपने इस discourse के द्वारा जीवन के सत्य को उजागर किया है,इससे ये पुख्ता हो गया है कि चार्वाक सिधांत phylosphy को स्वार्थवश भारत देश से समाप्त करने वालों ने देश को बहुत पीछे ढकेल दिया है और सज़ा उनको मिलनी ही चाहिये परंतु सजा राज देता हैं?
ये भारत की वेदांत परंपरा बड़ा रहे है आचार्य जी को साधुवाद , भारतीय और पश्चिम दर्शन बहुत अच्छे से समझ आ रहा है । धन्यवाद सर ।।
वेदिक दर्शन काल्पनिक है और चार्वाक दर्शन वास्तवीक है। मानव वास्तवीक है और वर्तमान में विश्वास करते हैं और उनका परिवार और जीवन वर्तमान में रहता हूं।
दोनो ॠगवेद में अता है। कोई काल्पनिक नही। दोनो आपने जगह पर सही। हमे दोनो से क्या आच्चा है वह लेना है।
वेदों को पढ़ा है क्या ?
चावार्क उसी का अंग है ।
ओर सभी दर्शनों का योग गीता है ।
Hr cheej ko rigvedh se mt joda karo@@rajshekhar31
सौभाग्य ....🙏🙏
जिस तरह प्रेम की असली कहानियां सिनेमा टीवी स्क्रीन्स पर नही होतीं... वे दुर किसी शान्त आशियाने मे चुपचाप लिखी जाती हैं...
उसी तरह विश्व के असली शिक्षक और गुरु आज के स्कूलों और विश्वविद्यालयों मे कतई नही हैं...
वे आपकी ही तरह.. दुर किसी कोने मे हैं..बेतहाशा ज्ञान से लबालब ...
सौभाग्य कि आपको सुनने का अवसर मिला...आभार🙏🙂🙇♂️
Bilkul...🙏🙏
हम बहुत भाग्यशाली है जो चार्वाक दर्शन जैसे हमारे पूर्वज है,,,ये विचार धारा भारतीय लोग आजमाते तो विश्व में हम सबसे आगे नंबर 1होते, में समझता हूं नास्तिक सच में आस्तिक और वास्तविक है,,, जय चार्वाक लोकायत दर्शन विचार धारा,,, जय सर्वोत्तम भूमिपुत्र गौतम बुद्ध जय शिवराय जय जिजाऊ जय शंभूराजे संत तुकाराम जय गुरु नानक,, जय संत रोहिदास,,, डॉ शहा आपको प्रणाम करते हैं।
भारत की व्यवस्था का बेड़ा गर्ग बुद्ध ने किया ।
अशोक ने सारा धन धर्म के प्रचार में लगा दिया निकला क्या वज्रयान जिससे पाखंड पैदा हुआ ।
चार्वाक दर्शन के बारे में पहली बार सुना। बहुत सुंदर।
Maine apni life me pehli bar itne oldman se inta important philosophy sikhi, may you live long
चार्वाक दर्शन का बोध कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सर्🙏
चार्वाक के बारे में सुना था पर पता नहीं था और आज पता लगा बहुत-बहुत धन्यवाद आपका साहब
Charvak दर्शन बहुत अच्छा लगा आपका वीडियो सम्पूर्ण भारत को charvak सिद्धांत जानना चाहिए ताकि लोग इस जग में सुख पूर्वक जीवन यापन कर सके, जय बृहस्पति जय चार्वाक
Sirf badan ka sukh hi kaafi nahi hai, balki man ka aur atma ka sukh sabse mahan hai.
Isliye charwak darshan ke dhokhe me punjiwadi, bhautikwadi, anaitikwadi nahi banna chahiye.
I am Tibetan bhudhist. Watch every upload. Lots of respect.
Lots of thanks dear...
🌺
I am Hindu yogi. You will reach highest goal because of your own beautiful mind. Mind which accept everything and everyone and analyse the reality, is bound to become Buddha.
@@anandisingh117 Even our Upnishads says same thing..
@@anandisingh117 थे
Anandi where are you from?
I pay my respect to Doctor Sahab as I understood for the first time the principles of Charvak Darshan. Long live Doctor Sahab!
Practical philosophy but need to look into future also with proper planning.It seems CHARWAK is against planning
@@jt.dhsgolaghat9549 charwak philosophy doesnt oppose drinking and prostitution which is morally wrong. Also diving into luxuries by borrowing money from someone else is a kind of irresponsibility. So when they say "yavat jeevet, sukham jeevet" that should be taken with a pinch of salt because whatever makes you happy doesnt imply that the act is morally right or wrong.
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी आपने चार्वाक दर्शन के बारे बहुत अच्छी जानकारी दी है ।
!!! जय संविधान !!! जय भारत !!! जय विज्ञान !!!
@@Dave_en hmm.. True of everyone follow then the society will end
@@sulusukta3935 indeed most of the people around the world are unknowingly following it. There are bollywood songs which have similar lyrics as charwak philosophy. There are programs which ask participants to beg, borrow or steal (Roadies). This philosopy supports incest with blood relatives as long as there is no pregnancy. If anyone follows such atheism, they are sure to fall into the abyss of darkness.
दुनियादारी के हिसाब से चार्वाक दर्शन ही सही है गुरुदेव,,,🙏
Duniya me kya hamesha rahna hai.
Dhirubhai ambani jaisa mahaseth nahi raha, to duniya ka sukh aur aish bakwas aur dhokha hai.
@@rizwanalisalam1057 toh kya dukhi rehna achhi baat hai? Jitna bhi time ye bade bade seth jiya, logo ko naukriya mili, sab ka ghar chala. Duniya ke liye bahut se log apne tarah se contribute kiya. Sab ko ek na ek din jana hi hai lekin hum duniya ko kya de kar jaa rahe hain ye bhi maayne rakhta hai.
Bhagat Singh, Chandrashekhar aazaad ke jaise log bhi duniya se chale gaye lekin aaj bhi unke liye kaafi izzat hoti hai. Koi duniya me aa kar aise hi chala jaay toh log bhi usko bhula denge marne ke baad.
बहुत अच्छा विश्लेषण प्रस्तुत किया है sir आपने। मैं गणपति की यही कल्पना करता था जो आपने बताया है बृहस्पति शास्त्र के माध्यम से। बहुत सुंदर और सटीक ज्ञान दिया है Dr। Sinha Sir धन्यवाद 🙏
चार्वाक दर्शन को आपने बहुत ही अच्छी तरह से समझाया है इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं और आगे ऐसे ही चार्वाक दर्शन का प्रचार प्रसार आप आगे ऐसे ही करते रहिए धन्यवाद गुरुजी ❤️❤️🙏🙏
अति सुन्दर व्याख्या गुरुजी! आज तक चार्वाकों की सिर्फ बुराई सुनी थी, आपने स्पष्ट किया की चार्वाक भी प्रशंसनीय है बशर्ते की उनकी व्याख्या आपके जैसी प्रभावी होनी चाहिए!🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
शानदार प्रस्तुति
शायद अल इकलौते शख्स है जिनके ज्ञान से मैं प्रभावित हुआ हूँ
आपको नमन है
मैं पूरा हिल चुका हूं ,, अब प्रकृति के इशारे का इंतजार है मुझे..
आज तक सिर्फ चार्वाक की negative बाते सुनी थी. सही दृष्टी आज समझ गाये
गुरू जी आपके द्वारा दर्शन सुनना बहुत ही अच्छा लगता है ।
🙏🙏🙏
चार्वाक दर्शन की अति सुन्दर व्याख्या।
आज सुबह ही ओशो के चार्वाक दर्शन पर विचार सुन रहा था l शाम को आप के विचार सुन कर धन्य महसूस कर रहा हूं l
चार्वाक दर्शन का बहुत सुंदर विश्लेषण किया डाक्टर सिन्हा जी ने। सहज और सरलता से। आज भी प्रासंगिक है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। 🙏 🙏
मैं चारवाक दर्शन को ठीक से समझना चाहता था और मेरे पास कोई स्रोत नहीं था। अपने कैंसर से उबरने के बाद सोचा था चरवाक दर्शन पर किताब लिखूँ आज छह महीने बाद मुझको आपके माध्यम से चरवाक दर्शन पर प्रकाश मिला है, आपका शुक्रिया। कविता की किताब तो लिखी है पर अब सोच रहा जैसे आपने समझाया कोई नहीं समझा सकता, तो इस पर नहीं लिखूंगा।
चार्वाक दर्शन पर यदि हम चलते तो आज हम पूरे संसार पर छा जाते और देश शत प्रतिशत शिक्षित होता औरं जातपात नहीं होती ।
Right sir 🙏🙏 nmobuddhay 🙏🙏🙏🙏🙏
Khatam they udhar leke ghee piye to vo chori krne se rukega
Aur RBI diwaliya ho Jata...🤣🤣🤣
@@dineshmanav3756 ìì
@@surajthakur401 udhar le kar pina ek metaphor hai iska matlab hai take care of your precious body and this wonderful life
I'm an atheist from Brazil and I recently discovered the philosophy लोकायत चार्वाक here no one was talking about लोकायत चार्वाक I would love an opportunity to listen to Dr HS SINHA and how we can learn more about लोकायत चार्वाक.
डॉ एच एस सिन्हा का जीवन लंबा है
सकारात्मक और नकारात्मक दोनों विचार सृष्टि में उपलब्ध है. अपनी अपनी सोच से लोग विचार ग्रहण करते हैं. यही ईश्वरीय लीला है जिससे जीवों का छुटकारा नहीं
आपके विचार निश्चित ही श्रेष्ठ हैं। किन्तु स्मरण रहे ये बात केवल भारतीय दर्शन सनातन व उसकी शाखाओं तक ही सत्य है। अब्राहमिक दर्शन ऐसे नहीं। उन्हें हमारे जैसा समझने की त्रुटि न करें। सहस्त्र वर्ष का इतिहास इसका प्रमाण है।
@@thakurshouryapratapsingh3506 atleast charwak darshan abrahamic faiths se far better hai. Vastavikta me vishwas karta hai, naa ki 72 hooro wale jannat aur jahannum ki aag me. Aaj tak kisi ne 72 hooro ka bhog kar ke batane nhi aaya ki kitna maza aaya. Ye sab bas kisse kahani manoranjan ke liye sunaya jata raha hai. Ved me bhi aise koi sthaan ka varnan nhi, bas moksh ki baat milti hai. Ved ka logic infallible hai. Agla janm kaisa milega woh toh ab tak ke karmo se decide hoga lekin abhi ke time hum kya kar rahe hain wo jyada important hai. Iss drishti se dharti ko hi swarg banane ki koshish bahut achhi baat hogi.
Bat sahi but,,,,
@@Dave_en darshan ka matalab pata hai? Jiski tum baat kr rhe ho vo sab religious stories hai vo humare dharm mai bhi hai purano mai, swarg apsaraye etc, western philosphy doesnt imply Christianity and Islam.
@@romilmahant2971 darshan ka matlab point of view. Stories ki baat nhi kar raha hu. Purano me metaphysical stories milengi, darshan nhi. 6 darshan hain vedic fold me. Non vedic fold me budd, jain, charwak, ajeevika etc. Sab ka aim hai suffering ko kam karna.
प्रणाम गुरुजी। इतना सुंदर तरीके के से आप समझाते हैं की कठिन विषय भी आसानी से समझ में आ जाता है।
विद्वत्तापूर्ण प्रवचन- गुरुजीको हृदयत: नमन !
सिन्हा साहेब आपको शिर साष्टांग प्रणिपात ......धन्यवाद.
Charvak was an extremely rational & erudite person & his philosophy is really great!
charvak was not a person, it was a philosophy believed to be derived by Brihaspati.
@@kaushikkashyap9534😂😂
@@pojha5is he wrong?
@@rudraveerpratapsingh4359 yes dear. Charwak is philosophy...not philosopher
@@pojha5 do you have a thorough knowledge on ANY Indian philosophy? ANYY???
Mujhe 3 nastik darsan bahot acha lagta hai charvak, baudh or jain darsan pakhanwad se mukt jo insaniyat k upar dhiyan dene ki bat karta hai na ki 6 Astik darsan jo bhagwan hai ya nhi ye sabit karne me laga hota hai jaruri kam insaniyat ko bhula kar aj 😢🙏
अत्यंत महत्वपूर्ण वार्ता। कोटि कोटि धन्यवाद।
दो बातों की ओर ध्यान आकर्षित करूँगा:
१. चार्वाक निःसंदेह वृहस्पति सूक्त से प्रभावित रहे होंगे; परन्तु वृहस्पति सूक्त को चार्वाक सूक्त कहना हो सकता है जल्दबाजी न हो जाय। मुख्यतः वृहस्पति स्वयं वैदिक ऋषि हैं।
२. चाहे डेकार्ट (René Descartes) का जेसुइट (Jesuit) विद्यालय के माध्यम से हो, या हेगल (G. W. F. Hegel) का स्वयं संस्कृत से सीधा सम्बन्ध हो; यह कहना आश्चर्यजनक नहीं होगा कि उनके विचार इन्ही शास्त्रों से प्रभावित हुए हों।
विज्ञान (Since) का अद्भुत शोध...
और हम जैसे तुच्छ प्राणी (मनुष्य) जातिय भेदभाव, सम्प्रदाय, धर्म विषमता, छुआछूत, गोरे काले में भेद, असमानता और अमानवीय कृत्य में न सिर्फ समल्लित हैं बल्कि इस धरती के दूसरे अन्य प्राणियों को भी जीने के हक से वंचित कर रहें हैं... अर्थात असंतुलन पैदा करने पर तुले हैं सिर्फ अपनी सुख भोग समृद्धि आनंद और निजी स्वार्थ के लिए। सबसे बड़ी बात स्त्रियों के प्रति भी दुराग्रह जिनके गर्भ से पुरुष नौ महिने बाद पैदा होते हैं उन्हें भी शोषण का शिकार बनाते हैं। इस धरती पर जन्म लेने वाले हर प्राणी के लिए प्रकृति ने तमाम संसाधन दिए फिर भी मनुष्य संतुष्ट नहीं है। इसी का संघर्ष युगों युगों से कम्युनिस्ट (नाम चाह कुछ भी रख लें) करते रहें हैं...
ua-cam.com/video/IzTId_PDJic/v-deo.html
सादर वंदे गुरूदेव! आपकी पुस्तक -"धर्मदर्शन की रूपरेखा " बहुत वर्षों पहले पढ़ी थी. आज आपके दर्शन हुए धन्य हुआ मैं! यह पुस्तक स्नातक के अंतिम वर्ष में दर्शनशास्त्र का एक पेपर था. इस वीडियो में आपने लोकायत की चर्चा की है, यह पुस्तक भी मैने पढ़ रखी है जो कि देवीप्रसाद चटर्जी ने लिखी हैं.
-भंवरलाल महरिया भंवरो, ढाकाळी (सीकर) राजस्थान.
चार्वाक एक वैज्ञानिक सोच थी परलोक में विश्वास नहीं करते थे
चार्वाक दर्शन बहुत बढ़िया जानकारी
डॉ. साहेब अपने बहुत ही सरल भाषा मे चार्वाहक के बारे मे बताया धन्यवाद
Thanku so much apka....... Really a great.... Session....
I thought that charwak were negative but after watching this..... I understand they were realistic..... ❤️
चार्वाक दर्शन अब तक का सबसे अकल्पनीय वर्णन
बहुत सुंदर वर्णन। चार्वाक दर्शन आज की भौतिकवादी सोच व जीवन शैली के प्रायः अनुरूप है। बशर्ते ईमानदार और शोषण रहित व्योहार वह सर्वस्य सुखम का सिद्धांत वह मर्यादा बनी रहे।
क
अतीव रुचिकरम्ज्ञानम्।जुग जुग जीयो हमारे गुरु जी। नरेंद्र शास्त्री।
Thank you for enlightening us about the existence of this philosophy among the many great Indian gurus' lineages. Indian philosophy is genuinely significant because of schools of thought like Charavaka. Seeing that everyone engages in the behaviors that Charavaka has emphasized in their daily lives has given me new insight into the reality of our lives. Everyone is leading the same kind of life and being as active in it as Charavaka pointed out, including the supposedly great religious leader who railed against Charavaka and claimed their very own propaganda of religions.
27:39
I like charvak philosophy.
Wonderful! Reminded me of our Shesh Guru Shastri ji: Famous Charvaka (Atheist and materialist) Samskrit (Sanskrit) quotes
यावत् जीवेत् सुखम् जीवेत्।
ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत्।
भस्मिभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः।
Yavat Jivite Sukham Jivite
Rinam Kritva ghartam pibet
Bhasmibhutasya dehasya punragmanm kutah
Meaning: As long as you live, live happily. Take debt and drink ghee. Once the body is reduced to ashes, how can it come back!
Hindi अर्थ: जब तक आप जिएं, खुशी से जिएं। कर्ज लो और घी पियो। एक बार जब शरीर राख हो जाता है, तो यह कैसे वापस आ सकता है!❤🎉
चार्वाक ग्रंथों को अगर नष्ट नहीं किया गया होता तो हमारा देश सुखी और समृद्ध होता और शायद इस देश के लोगों की स्थिति इतनी दयनीय नहीं होती।
तो तथाकथित उच्च वर्ग की मनमानी कैसे चलती ?
आपने फिर पढ़ा ही क्या?? आपका प्रश्न और तर्क दोनों गलत है। आप पहले चार्वाक को पढ़े फिर दूसरे दर्शन शास्त्रों को भी पढ़े तब तर्क करे। कोई भी चीज़ गलत या सही पूर्ण नहीं होती आपका नज़रिया उसको सही गलत के पैमाने पर नापता है।।
@@NeOmehra
महोदय ,
आप स्वयं अपने आप को गलत साबित कर रहे हैं. चार्वाक दर्शन अगर मिथ्या या गलत हैं तो उसे नष्ट करने की क्या जरुरत थी.
चार्वाक मिमांसा और उपनिषद साथ साथ विराजमान रह सकते थे.
चुंकी चार्वाक मिमांसा स्वार्थ हित साधने मे बहुत बडी बाधा थी इसलीये उसका नष्ट होना अतीआवष्यक था और उस परंपरा या विचारधारा को मूल से नष्ट कर दिया गया.
मूर्ख कभी किसी दर्शन देखा व सुना भी है?
@@AshokKumar-zg8xf
आज के इस दौर मे शब्द:शह अर्थ लेनेवालो को महामूर्ख की संज्ञा दिगयी हैं.
या फिर हमारे पडोसी मुल्क की भाषा मे उन्हे शेखचिल्ली कहते हैं.
Sir yhi baat main dusro ko samjhana cha rha tha mere bhi yhi sabd hain meri maansikta bilkul charwak se hi milti hai aur mujhe unke baare main aaj hi pta lga jab mai mere aadarsh BHAGAT SINGH ❤️ ki book Why I Am An Atheist padh rha tha to us book main charwak ka jikr tha to main uske madhyam se aap tak pauccha aapne bahut acche se explain kiya
Great explanation. Previously I thought that charvaks were negative people. Now I have learnt that they were great philosophers.
Yeah they are portrayed negatively
Us time bhi ek dusre school of thought sampradaya ek dusre ke khilaf baate likhte the sramana vedic logo ke khilaf adaivt vedanta kamakhya ke khilaf aajivika jain ke khilaf
बहुत सुन्दर व्याख्याता है. आसान भाषा में समझाया
Bharat Darshan is duniya ki sabse badi kamyabi hai. hum log kasturi mrig hai jo apne bhitar hi itni achi cheez hai par hume to What's App, Insta se bahar nh nikal paa rahe. Doctor Sahab aap ko koti koti naman. Bahut Bahut Dhanyawad
Real hero.. 90 sal ka noujawan ise kahte hai 🙏🙏🙏🙏🙏
धन्य हो प्रभु आज पहली बार शुद्ध और शाश्वत और सत्य ज्ञान सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ धन्य हो आप तो परम ज्ञान के भंडार है
सिन्हा सर प्रणाम, चार्वाक दर्शन नीति का दर्शन है जानकारी के लिए धन्यवाद।
महोदय, चार्वाक जी की एक एक बात सत्य है, लेकिन जो अन्य भारतीय दर्शन के प्रवर्तक है शायद उन्हें भली भाति ज्ञात है की ज्ञान मे किये गये सदाचार बेमन और मजबूरी मे होते है क्योंकि उन्हें सब बातो का ज्ञान है और भक्ति मे किये गये सदाचार मे सदैव बस भाव निहित होता है, जो दिमाग़ से नहीं दिल से होता है, इसलिए चार्वाक जी को नहीं स्वीकार किया जाता है 🙏🙏🙏🙏🙏
नमन है आपको चार्वाक जी के दर्शन को जन जन मे प्रसारित करने के लिए
❤चार्वाक दर्शन स्वार्थी है यहा एक के लिए ठीक हो सकता है लेकिन सामाजिक रूप मे नैतिकता नष्ट करेगा
really charvak darshan.....shresth darshan....thanks sir jee...achhe vani sath prastuti ke liye...
Pl. accept my my regards and big salute to Dr.Sinha saheb. I have started hearing him very recently. He is great inspiration for others. There are no words in praise of his mastery over variety of subjects ,be it philosophy, psychology ,religion and education. It is like you name the subject, he will go on speaking on it for hours with enviable clarity at his age. Not just that ,but he is never irrelevant anywhere in his discourse. He never beats about the bush. His discourse is always very very illuminating. I feel much enlightened and more delighted too ever since I started listening to him on social media. I once again offer my big regards and humble namaste to him. I am from Mumbai. Wish I sometime come your side and have a little meeting with respected Sinha Saheb. Pray my wish comes true one day. Till then, I will keep listening to him on social media.
Thanks, welcome Kurukshetra
Eye opening explanation, great sir.
बहुत सुंदर विवेचना की है आपने
सर आपके सारे वीडियो बहुत ही अनुकरणीय हैं।
Bestowed to listen to Himmat Sir। ईश्वर गुरू जी को सवस्थ रखे!!
पोगा पंडितो से चार्वाक् सिधांत कही अच्छा है। चार्वाक मतलब खुशी से जियो बस यही बात है।
Tum Hari Moti buddhi bhi achhi h
😅😅😅😅😅😅😅😅@@AmanMishra-y7r
बहुत बहुत धन्यवाद
आपके वक्तव्य से पता चलता है की आस्तिक लोगों ने भी चार्वाक के बहुत से सिद्धांतों को अपना तो रखा है मगर सिर्फ मानते नही है।
सुखी इंसान बनो
भूखा,प्यासा, कमजोर,बीमार,गरीब अभावग्रस्त कभी खुश नहीं हो सकता
इसलिए इसी दुनिया मे इसी जीवन मे अपने अभाव समाप्त करो शक्तिशाली बनो धनी बनो सम्पनता हासिल करो और मौज मस्ती करो।
मरने के बाद मोक्ष ओर स्वर्ग/जन्नत की कामना से बेहतर है इसी जीवन को सुंदर और संम्पन्न बनाओ
इसी दुनिया को बेहतर बनाओ।
आत्मा की शुद्धि के चक्कर मे पड़ने से पहले शरीर को स्वस्थ बनाओ।
ज्ञान के धनी हैं डा. साहब | शत -शत नमन ....
सुंदर मीमांसा। चार्वाक दर्शन को पढ़ना आधुनिक दर्शन को समझना है। प्रत्येक दर्शन के अपने सकारात्मक व नकारात्मक पहलू हैं। इसमे भी हैं पर वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में इसे नकारना एक भूल होगी।
Adhunik darshan (Western philosophy) is not good. It's immoral. Irreligious. Materialistic .selfishness.
charwak ke siddhant scientific hai...apka bahut bahut dhanyawad
Very enlightening....impressive knowledge...thanks for sharing details on Charvak
Charwak philosophy is only truth
चारवाक दर्शन वर्तमान मे प्रासंगिक हैं इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत हैं
Aapko hme charvak darshan sarlta se samghhane k liye Sadar nmn🙏🙏🙏🙏🙏aapka aabhar🙏🙏🙏🙏🙏 nmobuddhay 🙏🙏🙏🙏🙏
मैं तो आज से चार्वाकों का फैन हो गया हूँ
बहुत सुंदर , चार्वाक ऋषि ने धर्म , अर्थ , काम , मोक्ष , out of these 4 principles explained in sanatan dharma, charvak have concentrated their theories , mostly around artha & kam , but both in a righteous manner , so worth appreciable 👏👏👏 for world , BUT inspite of acquiring wealth & pleasures , a stage will come when you will require peace, by silent sitting with omkar & other practices, here last principles which is moksha may get fulfilled & no body knows moksha would be attained or not , but a peaceful , balanced personality will get made, which is the fulfillment of life .
चार्वाक दर्शन के अनुसार
प्रत्यक्ष ही सत्य है
चार्वाक दर्शन सुखवादी दृष्टिकोण पर बल देता हे अर्थात
जब तक "जियो सुख से जियो और ऋण लेकर घी पियो "
बहुत बढ़िया एवं सुन्दर विश्लेषण।👍👍👌👌🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 प्रणाम गुरु जी।
a sophisticated person along with wisdom and consciousness
आदरणीय सिन्हा सर को पुनः सादर नमन 🙏🙏
सादर नमन, ज्ञान आत्मस्थ हो रहा है 🙏🙏
Aap jaisa guru Teacher mil jaye aur kuch nahi chahiye ....apke charno me sadar pranam.
I’ve become your fan listening to your critical analysis of Charvak philosophy vis a vis other scriptures of Indian & Greek philosophy !!
मौजूदा दौर का विकास मॉडल ही वैश्विक स्तर पर विनाश का कहर ढा रहा है।
गुरूदेव बहुत आभार अद्भुत वर्णन के लिए.. ये पक्ष किसी ने नहीं बताया आज तक
दादा साहब प्रणाम बहुत ज्ञानी हो
महापुरुष हो आप 🎉❤
आपका बहुत बहुत हृदय से आभार बहुत ही सुंदर ढंग से आपने समझाया ..💐💐
Wastavik anubhav (practical experience) sabse behtar hai 😊😊
Apna karm ko guru maan kar aage chalna hai..