वासा आभीर अनहिलपुर पाटन का था और अनहिलवाड़ पाटन नाम अन्हिल भरवाड़ के नाम पर से पड़ा है हेमचंद्र ने ध्याश्रय ग्रंथ में अन्हिल भरवाड़ के परिचय मे भरवाड़ को गोपाल आभीर जाति का बताया है। जिनप्रभासुरी ने विविधतीर्थकल्प नामक ग्रंथ में भरवाड़ को गोपालक जाति का बताया है । मेरूतुंग ने प्रबंध चिंतामणि में भरवाड़ को आभीर कहा है ध्याश्र्य में झांझ भरवाड़ को आभीर बताया है जिसने जिंजुवाड़ा गांव बसाया था और वो २४ गांव के मालिक थे जिनको साक्षात मां विंध्यवासिनी ने प्रकट होकर तलवार दी थी बारोट/भाट के मुजब ये झांझ भरवाड़ हैहय वंश के थे और अभी भी उस वंश की ५ शाखा जो भरवाड़ में है ऐसे ही उस समय के सभी जैन ग्रंथो में भरवाड़ को आभीर और गोपाल जाति का कहा है|
आप ने जो जो जानकारी दे रहे है इसके लिए आपको और आपके चैनल को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।।
जय मा दुर्गा
*_Wasa Ahir_* 💪🏻🚩
❤❤
Jay yadav Jay madhav
जय हो
Good. Yadav ji
Jay ho
❤
वासा आभीर अनहिलपुर पाटन का था और अनहिलवाड़ पाटन नाम अन्हिल भरवाड़ के नाम पर से पड़ा है हेमचंद्र ने ध्याश्रय ग्रंथ में अन्हिल भरवाड़ के परिचय मे भरवाड़ को गोपाल आभीर जाति का बताया है। जिनप्रभासुरी ने विविधतीर्थकल्प नामक ग्रंथ में भरवाड़ को गोपालक जाति का बताया है । मेरूतुंग ने प्रबंध चिंतामणि में भरवाड़ को आभीर कहा है
ध्याश्र्य में झांझ भरवाड़ को आभीर बताया है जिसने जिंजुवाड़ा गांव बसाया था और वो २४ गांव के मालिक थे जिनको साक्षात मां विंध्यवासिनी ने प्रकट होकर तलवार दी थी बारोट/भाट के मुजब ये झांझ भरवाड़ हैहय वंश के थे और अभी भी उस वंश की ५ शाखा जो भरवाड़ में है
ऐसे ही उस समय के सभी जैन ग्रंथो में भरवाड़ को आभीर और गोपाल जाति का कहा है|
Bhai egypt me bhi ahir ka kuch itihaas hai kya
Jay ho
Jay yadav. Jay madhav
❤❤❤