जब तक मन में अहंकार था तब तक ईश्वर का साक्षात्कार न हुआ, जब अहंकार (अहम) समाप्त हुआ तभी प्रभु मिले | जब ईश्वर का साक्षात्कार हुआ, तब अहंकार स्वत: ही नष्ट हो गया | ईश्वर की सत्ता का बोध तभी हुआ | प्रेम में द्वैत भाव नहीं हो सकता, प्रेम की संकरी (पतली) गली में केवल एक ही समा सकता है - अहम् या परम ! परम की प्राप्ति के लिए
🙏🏻मैं आपकी बात से सहमत हूँ प्रियंका जी । अपनी जिन्दगी की लड़ाई लड़ने और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करने वालों के पास बस "अपनी आत्मा " के लिए चिंतन करने का समय होना चाहिए न कि पड़ोसियों का । आचार्य जी जीवन के सही मार्ग दर्शक हैं ।
हे परम पूज्य गुरुदेव जी हमने तो आपके हर रूप में ईश्वर को देखा है यहां तक कि कंकड़ पत्थर में भी ईश्वर को आपने ही बताया है फिर यह जटिल प्रश्न किस लिए संपूर्ण लोकों के स्वामी धूल पहाड़ आस्तिक नास्तिक कोमल कठोर नर असुर पशु जीव निर्जीव हर किसी को सर ने बनाया है तो हम ईश्वर के ऊपर विश्वास क्यों ना करें
आचार्य जि का प्रबचन सुनके ऐसा आभाष हाेता है कि! बाहर का ईश्वर सब मिथ्या है! भगवान हाे ईश्वर ईश्वर हाे सत्य हाे सब मै हुँ अपना मन है! मन जाे कलपना करता है वही अध्यात्मा है! सबसे पहले बाहर खाेजना नहीँ सब अपना मनकी भित्र ही खाेजना ही सत्य है!👌🙏
एक ही है स्वर ईश्वर 🚩ईश्वर सत्य है सत्य ही शिव 🚩 शिव से सुंदर ये संसार है 🚩 भक्ति का भाव मूल आधार है 🚩शिव से यदि ई की मात्रा हटा दें तो वह शव हा जाता है 🚩 अर्थात् जिस प्राणी में प्राण न हो वह प्राणी नहीं कहलाता🚩 कृपा कर ज्ञान दें किसी को ई की मात्रा चड़ने से वह ज्ञानी कहलाता है🚩 दें वरदान में गुण तो वह गुणी कहलाता है 🚩 जय श्रीराम 🚩
आचार्य प्रशांत जी महराज आपको बहुत बहुत धन्यवाद शुक्रिया दिल से हे प्रभु आपका आवाजे बहुत मधुर लगता हैं और आप बहुत गहराई में बताते हैं इसलिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद शुक्रिया दिल से
1-*मनुष्य पढ़ाई से विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करता है* 2- *ईसके बाद आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं* 3- * ईसके बाद नेचुरल ईनर्जी की शिक्षा प्राप्त करना है जो युगों युगों मे प्राप्त किए जा सकते हैं*
प्रणाम आचार्य जी। मैंने अभी कुछ दिनों से ही आपको सुनना प्रारंभ किया है। ऐसा लग रहा है जैसे मेरे मन के ज्यादातर प्रश्नों का हल मिल गया है। मैं बचपन से ही गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी के प्रभाव में रहा हूँ। ऐसा लगता है की आप में और उनके विचारों में काफी समानताये हैं, बस समय का अंतर है।
Really nice lecture. I recommend everybody to join Acharya Ji's classes on the Upanishads, he really hones in on the falseness of the ego and the message of the Upanishads to go beyond the ego. I have never seen such authentic and articulate knowledge being spoken, anywhere; Acharya Ji is a treasure.
Archarya ji aap ki baat jishe samajh mein ayege uska jeevan badal jayega, 🙏aapke baat mein itne gheraiya he jitne sagar mein v nahin🙏 Aap ki gyaan satya gyan hain🙏woh gyan jo bhagwat geeta mein hai sataya gyan Or satya gyan insaan ko bohut kam samajh mein atehe mujhe v🙏jo gyaan bhagwat geeta say samajh nahi aaya woh aap say samajh rahihu🙏Aap haame gyan dete rahiye,🙏ki apne jeevan ko parivartan kar shaku🙏
Pranam acharya ji Apne kaha dharm ka priskrit rup adhyatm hai bilkul sahi kaha apne Mai pahle bahut dharmik thi per jabse mantra jap chhod Diya tabse bahut Santi aur sookun mila lekin apman ka samna bhi karna par Raha hai lekin itne kast ke bad bhi man anandit rahta hai
प्रणाम आचार्य जी, आप ने कहा कि व्यक्ति जन्म से अध्यात्मिक नहीं होता है, किंतु उसका परिवेश भगवान पर आस्था सच बोलने का प्रशिक्षण दिया गया हो, मुझे झूठ बोलने पर बचपन से ही दंडित किया जाता था, सच आदत बन गयी जिसका बहुत नुकसान भी हुआ मगर आज यह संतुष्टि है मन में किसी भी प्रकार का बोझ नहीं है, कभी-कभी कटाक्ष मिलते हैं इनका नार्को टेस्ट करवाया जाय, ऎसा नहीं की झूठ नहीं है कि कभी झूठ नहीं बोला बोला भी है, रहा अध्यात्म जिस तरह से आपने समझाया कि मैं को हर अध्यात्मिक गुरु यही कहते हैं आप ने भी कहा यह भी ठीक है भगवान से परे है वो भी मानती हूं किसी भी रास्ते चलें मंजिल एक ही है वहां तक बिना माध्यम के पहुंचना उतना आसान नहीं है जितना आप ने कहा हम ईश्वर को माध्यम मान करेंगे तो सरल होगा मेरा अनुभव है एक स्तर के बाद हम उससे ऊपर उठ ही जाते हैं, आपसे क्षमा चाहते हुए कह रही हूं मेरा पढ़ने-लिखने का अनुभव नहीं है, मेरा अध्यात्म प्रकृति से शुरू हो कर वहीं खत्म होता है, दूसरों की पीड़ा समझना उतना ही दर्द स्वयं को होने लगे और हम उसको दूर करने के प्रयास में लग जायें, फिर आपको उसके परिणाम में अपयश भी मिले यह अध्यात्म है।
आचार्य जी का मार्गदर्शन, प्रेरणा और ज्ञान का स्रोत है, जिससे कई लोगों को जीवन की जटिलताओं को स्पष्टता और उद्देश्य के साथ पार करने में मदद मिली है। ❤✍️✍️
मेरे हृदय में भी यही प्रश्न रहा है । आध्यात्मिक चिंतन संतों,महापुरुषों की तर्कसंगत उपदेशों से ग्रहण करते हैं । "कभी किसी धार्मिक स्थल पर जाने की चाह नहीं हुई ।" क्या मैं धार्मिक दृष्टि से पथभ्रष्ट हूँ? मुझे ऐसा भी नहीं लगता-------
Tamaso ma jyotirgamaya.. Guruji ..i gyan ki roshni mey le jane k liye hriday se naman .. ab mannn kafi shaant hai 🙏🙏 isi mann se bahar nikalne ka abhyass evam prayaas jari jaari rahega
I feel myself so fortunate that I understand these sessions, talks and discussions, because there are people around me and in society who don't understand this much!
So true ♥️ One who lives an observing self life, can understand it with an ease, while others may say it all as an illusion & that doesn’t mean it didn’t happened with them, but actually they didn’t paid enough attention to their-self, so that they can understand the conversation of Acharya ji 🙏 Apki batein sidhe point pe hit krti hai boht logo ko bura lgta hai prr wo whi log hai jo khud me dekhna hi ny chahte, jo khud ek behtar insaan ban na chata hai use apki batein point to point hit krti hai 😇
I love this explanation of yours. The subject ahinsa plus not eating met is so mindblowingly True. Listening to you constantly brings one to find what is reality, true. Thank you so much.
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
आदरणीय आचार्य जी हमारी मानसिक कल्पनाएं हमारी किसी भी परिस्थिति को नही सुधार सकती, सिवाय उस परिस्थिति का सत्य ही जानना उसमें सुधार का कारण बन सकता है । मार्गदर्शन के लिए आपकी कृपा हमेशा हम पर बनी रहे ।
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
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Thanks!
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अध्यात्म का अर्थ होता है- स्वयं को गहराई से जानना।
-आचार्य प्रशांत
*अध्यात्म का अर्थ है अणु को जानना है*
*पुस्तकों को पढने वाले सब पढ लेते हैं*
आपने स्वयं के अंदर क्या पाया
Super meaning.
Aatma ka vistar
Apane aap ko janana budhi sthar par kya sahi kya galat anta kya hai bodhisatwa sanatan vahi hai
इतिहास गवाह बनेगा की आचार्य प्रशान्त भविष्य के ऋषि बनेंगे ❤🙏💯💯
Banege nahi ye hai rishi vo bhi vartamaan ke,ur bhavishya kabi hota he nahi
जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि है मैं नाहीं ।
प्रेम गली अति सांकरी जामें दो न समाहीं ॥
Ab samjh me aayea
जब तक मन में अहंकार था तब तक ईश्वर का साक्षात्कार न हुआ, जब अहंकार (अहम) समाप्त हुआ तभी प्रभु मिले | जब ईश्वर का साक्षात्कार हुआ, तब अहंकार स्वत: ही नष्ट हो गया | ईश्वर की सत्ता का बोध तभी हुआ | प्रेम में द्वैत भाव नहीं हो सकता, प्रेम की संकरी (पतली) गली में केवल एक ही समा सकता है - अहम् या परम ! परम की प्राप्ति के लिए
अहंकार को जितना जानोगे उतना ही वो मिटा जाता है।
अध्यात्म को इतने आसान तरीके से समझाया आपने इसके लिए कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी❤❤
सारी धारणाएं, सारी साधना धरी की धरी रह गयी मेरी। जैसे कुछ ऐसा हुआ हो मरने के बाद मैं स्वर्ग पहुंचा और वहां स्वर्ग था ही नहीं।
❤
आपके भीतर बैठे परमात्मा को नमन्
Badia
@@rajneeshifollower811 aatma ko bolte hai paramatma
आपके भीतर बैठे अहंकार को भी नमन्। परमात्मा किसी के भीतर नहीं बैठ सकता। उनके भीतर जो है वो है उनकी ईमानदारी।
Aatma jb param ko prapt kr let h to to wo paramaatam bn jati h.
𝓐𝓹𝓹 𝓴𝓮 𝓹𝓪𝓼𝓼 𝓫𝓱𝓲 𝓹𝓪𝓻𝓶𝓪𝓽𝓶𝓪 𝓱𝓪𝓲
मन अहं का घर है।
मन वो सुरक्षित घेरा है जहाँ अहं प्रश्रय पाता है।
-आचार्य प्रशांत
Aapne sahi kaha 🤔
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः,
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अध्यात्म वहाँ शुरू होता है
जहाँ आप लगाई-बुझाई, दोषारोपण में
रस लेने से थोड़ा ऊपर उठ जाते हैं।
-आचार्य प्रशांत
🙏🏻मैं आपकी बात से सहमत हूँ प्रियंका जी । अपनी जिन्दगी की लड़ाई लड़ने और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करने वालों के पास बस "अपनी आत्मा " के लिए चिंतन करने का समय होना चाहिए न कि पड़ोसियों का । आचार्य जी जीवन के सही मार्ग दर्शक हैं ।
@@faheemwriter 🙏🏻जानकारी देने के लिए शुक्रिया बेटा जी ।
प्रियंका जी आर्चय प्रशांत जी अध्यात्मिक गुरू है क्या है मेरे समज मे नही आरहै आप बहोत व्हिडिओ मे कमेंट दे रहे हो
Diwar agar mere gher ki h to problem to mujhe hogi diwar ko nhi
बोहोत सही कहा है आपने
हे परम पूज्य गुरुदेव जी हमने तो आपके हर रूप में ईश्वर को देखा है यहां तक कि कंकड़ पत्थर में भी ईश्वर को आपने ही बताया है फिर यह जटिल प्रश्न किस लिए संपूर्ण लोकों के स्वामी धूल पहाड़ आस्तिक नास्तिक कोमल कठोर नर असुर पशु जीव निर्जीव हर किसी को सर ने बनाया है तो हम ईश्वर के ऊपर विश्वास क्यों ना करें
Swami Vivekananda ji ne kaha hai....swayam ko Jane bina tum ishwar ko nahi Jan sakte...
True
भारतवर्ष के युवा को एक नई और उचित मार्ग दिखाने वाले आप आज के महान व्यक्तित्व है
Sir aapke samjhane ka tarika bahut saral hai.
Man ka vilop hona hi sachhai hai
अब मेरा मन बदल रहा है क्यंकि मैंने मूर्खों को सुनना बंद कर दिया
Murkh nhi hai wo bs abhi tk sachai se durhai..but jb eishwar ki kripa hogi jo sachai ki talaash m jaayegaa usko adhyatam ka bodh hoga
एक एक शब्द सोचने पर मजबूर कर देता हे कि ये अन्दर बैठा " मैं " कौन है जिसको हम अपना अस्तित्व मानते है । क्या चाहता है यह?
@@Ro8kashyap ji bilkul
@@Ro8kashyap nice job bro
आचार्य जि का प्रबचन सुनके ऐसा आभाष हाेता है कि! बाहर का ईश्वर सब मिथ्या है! भगवान हाे ईश्वर ईश्वर हाे सत्य हाे सब मै हुँ अपना मन है! मन जाे कलपना करता है वही अध्यात्मा है! सबसे पहले बाहर खाेजना नहीँ सब अपना मनकी भित्र ही खाेजना ही सत्य है!👌🙏
Wahwah AhaAha wonderful Chamatkaric Explanation DhanyabadDhanyabadDhanyabad thanksgretitude dhanyabad ACHARYAjI dhanyabad
अध्यात्म किसी दैवीय सत्ता में विश्वास करने के बारे में बिल्कुल भी नहीं है। अध्यात्म का अर्थ होता है स्वयं को गहराई से जानना।
-आचार्य प्रशांत
vishaw karo ya na karo ushse koi parak nhi padne wala 😐
😊 mujhe to pata hi nhi kiya saty hain
❤❤😊
जटिल बात को सुलझा कर बताना..आपके सिवाय किसे आता है..कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
True that. That's what the real teaching is.
जब मन का लोप हो जाता है तो वह कौन है जिसे हमे मैं होने की समझ आती है।
आप मुझे पहले क्यों नहीं मिले ....मिले होते तो शायद मेरी जिदंगी आज कुछ और ही होती ;.....गुरु जी कोटि कोटि नमन🙏
अब तो मिल गए और अब भी ज़िन्दा हो आप। तो अब संभाल लो अपनी ज़िंदगी सही ज्ञान लेकर।
Kyuki pehle tumne dhundha nahi 😊
आज के कबीर दास अगर कोई है तो आचार्य प्रशांत
बहोत ही ठोस बाते। 👏 ईश्वर को मानना या ना मानना अध्यात्म नही है। अध्यात्म क्या है?: ठोस, पैनी जिज्ञासा ~ आचार्य प्रशांत।
एक ही है स्वर ईश्वर 🚩ईश्वर सत्य है सत्य ही शिव 🚩 शिव से सुंदर ये संसार है 🚩 भक्ति का भाव मूल आधार है 🚩शिव से यदि ई की मात्रा हटा दें तो वह शव हा जाता है 🚩 अर्थात् जिस प्राणी में प्राण न हो वह प्राणी नहीं कहलाता🚩 कृपा कर ज्ञान दें किसी को ई की मात्रा चड़ने से वह ज्ञानी कहलाता है🚩 दें वरदान में गुण तो वह गुणी कहलाता है 🚩 जय श्रीराम 🚩
कृपा तेरी गुरूवर क्या खूब गहराई
आज फिर आईने पर धूल नजर आई l
🙏🙏🙏
❤️❤️❤️
Dsp
मन की सामग्री में सत्य नहीं है, मन की विलोप में सत्य हैं ~ आचार्य प्रशांत
तो क्या ऐसी स्थिति हो भी सकती है जहा मन का विलोप हो जाए?
अध्यात्म का अर्थ होता है स्वयं को गहराई से जानना ~ आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत जी महराज आपको बहुत बहुत धन्यवाद शुक्रिया दिल से हे प्रभु आपका आवाजे बहुत मधुर लगता हैं और आप बहुत गहराई में बताते हैं इसलिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद शुक्रिया दिल से
Aapkaa bahut bahut dhanyawad Guru ji amulya Gyan ke liye
यह एकदम सत्य है, क्योंकि कबीर साहिब ने पहले ही बताई है, मन के परे ही सत्य (ईश्वर) है
अध्यात्म किसी भी दैवीय सत्ता पर विश्वास करने के बारे में बिल्कुल भी नहीं है।
-आचार्य प्रशांत
Sahi baat
1-*मनुष्य पढ़ाई से विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करता है*
2- *ईसके बाद आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं*
3- * ईसके बाद नेचुरल ईनर्जी की शिक्षा प्राप्त करना है जो युगों युगों मे प्राप्त किए जा सकते हैं*
Jisko samasya hai vahi samasya hai
अध्यात्म का सरोकार सिर्फ मैं से है। मन से है।
चंचलं हि मन: कृष्ण 🙏💐
🙏🏻"आचार्य जी के परम-ज्ञान के महाकुंभ में जितना डूबता गया उतना स्वयं से बाहर आता गया!"🙏🏻🙏🏻धन्यवाद आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
acharya ji ki hindi bahut hi acchi hai 👌 aur inke gyan ka to kehna hi kya,naman 🙏👌
My Aashram is SELF REALIZATION FELLOWSHIP .I am with you completely.Thanks.
अध्यात्म सिर्फ मैं को जानने के लिए है।
बहुत बड़ा जिगर चाहिए अहंकार को मिटाने के लिए🙏🙏🙏
अज्ञान के अंधेरे से ज्ञान के प्रकाश की और लाने के लिए धन्यवाद।
You are really a good philosopher in modern era.
Aapke gyan ko sat sat Naman acharyaji or explain Karne Ka tarika very unique and realistic.
जिसको समस्या है, वो ही समस्या है।
रोगी ही रोग है।
-आचार्य प्रशांत
प्रणाम आचार्य जी। मैंने अभी कुछ दिनों से ही आपको सुनना प्रारंभ किया है। ऐसा लग रहा है जैसे मेरे मन के ज्यादातर प्रश्नों का हल मिल गया है। मैं बचपन से ही गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी के प्रभाव में रहा हूँ। ऐसा लगता है की आप में और उनके विचारों में काफी समानताये हैं, बस समय का अंतर है।
*आज का आदमी अपनी बातो को हीरा मानते हैं और
दूसरो की बातों को कचरा समझते हैं यही कारण है कि शिक्षा कमजोर हो रही है*
*धन्यवाद*
Really nice lecture. I recommend everybody to join Acharya Ji's classes on the Upanishads, he really hones in on the falseness of the ego and the message of the Upanishads to go beyond the ego. I have never seen such authentic and articulate knowledge being spoken, anywhere; Acharya Ji is a treasure.
बहुत ही सही आध्यात्मिक ख़ोज 🌹🙏🌹
भाई ये बात आप हिंदी बोलते तो अच्छा होता🙏🙏🙏🙏🙏
Archarya ji aap ki baat jishe samajh mein ayege uska jeevan badal jayega, 🙏aapke baat mein itne gheraiya he jitne sagar mein v nahin🙏 Aap ki gyaan satya gyan hain🙏woh gyan jo bhagwat geeta mein hai sataya gyan Or satya gyan insaan ko bohut kam samajh mein atehe mujhe v🙏jo gyaan bhagwat geeta say samajh nahi aaya woh aap say samajh rahihu🙏Aap haame gyan dete rahiye,🙏ki apne jeevan ko parivartan kar shaku🙏
सत्य से साक्षात्कार कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏
कितनी सहजता से आप अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को खोल कर रख देते हैं। नमन🙏
Acharya Prashant is talking about 'practical spirituality,' which is the need of the hour.
Arvind
Kalyug ke shree Krishna hai Aacharya ji .....aur wo hm jaise Arjun ko Geeta Saar de rhe hai
मैं और मन साथ साथ चलते हैं। जिसको समस्या है वही समस्या है। सत्य वचन आचार्य प्रशांत जी।🙏😊
आपकी बातें बहुत गहरी है, आपने निश्चित तौर पर बहुत अधिक अध्ययन किया है और उससे कही ज्यादा चिन्तन और मनन किया है ।
Hari Om
🙏🙏
Thanks
Spirituality means rigorous and sharp enquiry.
- Acharya Prashant
अद्भुत , अनिर्वचनीय , तात्विक सत्संग 🪔धन्य हो आचार्य जी , शत शत नमन 🙏👏🙏
जिसको समस्या है, 'वो' ही समस्या है।
-आचार्य प्रशांत
@@shauru771 jis din sb kuch chodh doge, akele nahi sabse judh jaegi
@@aaweshkhali6317 अपने अनुभव से बता रहे है या किसी से सुन रखा है?😇😇
@@greentea8799 bhai self implemented hai..
Bina koe aasha rakhe sb kuch chodh do. Fir dekhna kya hoga
मन है ही मैला, जो इससे जुड़ते है वो भी मैले हो जाते है।
Pranam acharya ji
Apne kaha dharm ka priskrit rup adhyatm hai bilkul sahi kaha apne
Mai pahle bahut dharmik thi per jabse mantra jap chhod Diya tabse bahut Santi aur sookun mila lekin apman ka samna bhi karna par Raha hai lekin itne kast ke bad bhi man anandit rahta hai
@@shraddhanandray828 bhagwat geeta pado sab samaj main aajayega
मैने खुद को जान लिया आपको पाने के बाद
पहेली बार वो बात समझ में आया के मन और मैं अलग अलग है लेकिन चलते है साथ साथ. जिसे समस्या है वो ही समस्या है. 🙏 नमन आचार्य
मनःशांती मिल रही है। आपको सूनकर
अब धर्म समजने लगा हु।
इसी लिए सत्य सनातन धर्म कहते हे 🙏 सत्य को ही ईश्वर कहते हे🙏
आप की बात समझने के लिए इस विडिओ को एक बार फिर से देखना पड़ेगा
Hum roz upanishad padhte hain. Roz kai chotein lagti hain. Lekin roz alag level ki clarity bhi aati hai. I agree with you acharya ji.
सत्य ही तो ईश्वर है....
सत्य , आनंद और ईश्वर एक दूसरे का पर्याय है।
प्रणाम आचार्य जी, आप ने कहा कि व्यक्ति जन्म से अध्यात्मिक नहीं होता है, किंतु उसका परिवेश भगवान पर आस्था सच बोलने का प्रशिक्षण दिया गया हो, मुझे झूठ बोलने पर बचपन से ही दंडित किया जाता था, सच आदत बन गयी जिसका बहुत नुकसान भी हुआ मगर आज यह संतुष्टि है मन में किसी भी प्रकार का बोझ नहीं है, कभी-कभी कटाक्ष मिलते हैं इनका नार्को टेस्ट करवाया जाय, ऎसा नहीं की झूठ नहीं है कि कभी झूठ नहीं बोला बोला भी है, रहा अध्यात्म जिस तरह से आपने समझाया कि मैं को हर अध्यात्मिक गुरु यही कहते हैं आप ने भी कहा यह भी ठीक है भगवान से परे है वो भी मानती हूं किसी भी रास्ते चलें मंजिल एक ही है वहां तक बिना माध्यम के पहुंचना उतना आसान नहीं है जितना आप ने कहा हम ईश्वर को माध्यम मान करेंगे तो सरल होगा मेरा अनुभव है एक स्तर के बाद हम उससे ऊपर उठ ही जाते हैं, आपसे क्षमा चाहते हुए कह रही हूं मेरा पढ़ने-लिखने का अनुभव नहीं है, मेरा अध्यात्म प्रकृति से शुरू हो कर वहीं खत्म होता है, दूसरों की पीड़ा समझना उतना ही दर्द स्वयं को होने लगे और हम उसको दूर करने के प्रयास में लग जायें, फिर आपको उसके परिणाम में अपयश भी मिले यह अध्यात्म है।
सहज और विलक्षण बात इतनी सरलता से बताई है अपने की बुद्धि की पूरी वायरिंग ही अलग हो गयी।
आचार्य जी ने अध्यात्म और ईश्वर को बहुत गहरे से समझा दिया मन के घेरे को अच्छे से समझा दिया आपको कोटि कोटि नमन 🙏🙏
आचार्य जी का मार्गदर्शन, प्रेरणा और ज्ञान का स्रोत है, जिससे कई लोगों को जीवन की जटिलताओं को स्पष्टता और उद्देश्य के साथ पार करने में मदद मिली है। ❤✍️✍️
हरे कृष्ण हरे राम जय राम जय राम जय श्री राम जय श्रीराम
मेरे हृदय में भी यही प्रश्न रहा है । आध्यात्मिक चिंतन संतों,महापुरुषों की तर्कसंगत उपदेशों से ग्रहण करते हैं । "कभी किसी धार्मिक स्थल पर जाने की चाह नहीं हुई ।" क्या मैं धार्मिक दृष्टि से पथभ्रष्ट हूँ? मुझे ऐसा भी नहीं लगता-------
नहीं वास्तव में आप ही धार्मिक हो कम से कम पाखंडी तो नहीं हो।
सच गुरुजी,आप महान दार्शनिक हो।आल इज वेल,बस यही बात सत्य है।इसी का ध्यान सदा रखना चाहिए।
आचार्यजी आपका एक एक शब्द हमारे जीवन में बहुत प्रकाश लेके आता है 🙏🙏🙏
मेरे मे अहम् कब ख़त्म होगा
The most favorite till today. Very gr8 fact made very easy n simple. To demolish all that is false. आचा र्य प्रशांतजी ज्ञान प्रसार को नमन
बहुत ही सही जानकारी और वास्तविकता जिससे आज लोग परे हैं ।
👌 👍 👌
बहुत बहुत धन्यवाद ।
अध्यात्म आपको अमर बना देता है
मन के हारे हार है मन को जीते जीत।
The problemed is the problem.
The diseased is the disease.
- Acharya Prashant
One of the best vedios i had seen in my life..
जितना हम अहंकार की और जाते है वो उतना ही मिटता जाता है।❤
Tamaso ma jyotirgamaya.. Guruji ..i gyan ki roshni mey le jane k liye hriday se naman .. ab mannn kafi shaant hai 🙏🙏 isi mann se bahar nikalne ka abhyass evam prayaas jari jaari rahega
I feel myself so fortunate that I understand these sessions, talks and discussions,
because there are people around me and in society who don't understand this much!
Same here
Same
Founder Acharya of ISCKON speaks of Krishna consciousness, all about Krishna
God is real diamond on journey honour souls honours thank you thankyou thankyou from Kenya thanks again
Meri mann ki baat guru ji ke juban par 🙏 Love from atheist ⚛️ Adhyatmik chetan ❤️😘
लगता सबेरा हो गया जीवन में आपको धन्यवाद भी तो नहीं कह सकता हूं अब क्योंकि वह भी अहम का ही घेरे की बात होगी
जय जय श्री राम जय जय श्री आचार्य प्रशांत जैसा बहादुर गुरु चाहिए ताकि आज हमें सही रास्ता दिखाएं ❤❤❤
Simply rigorous, sharp enquiry..🙏🌹🙏
आचार्य जी! ये year 2020 वाली videos में आपकी energy कुछ अलग ही दिख रही है🔋
Mental main bee atakna hy app ney himath bataney kee hy too mich danywadhjii👏👏👏👏👏👏
आस्तिक और नास्तिक सब मन के घेरे की बात।
Sahi bat hai bhai
Ap Real Hero Ho Meri Life K !
@@truelife8989 Sahmat Hon Apki Bat Se !
मन को समझना आसान है लेकिन जब सच्चाई के साथ कोशिश करोगे तो ♥️🙏🙏
So true ♥️
One who lives an observing self life, can understand it with an ease, while others may say it all as an illusion & that doesn’t mean it didn’t happened with them, but actually they didn’t paid enough attention to their-self, so that they can understand the conversation of Acharya ji 🙏
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I love this explanation of yours. The subject ahinsa plus not eating met is so mindblowingly True. Listening to you constantly brings one to find what is reality, true. Thank you so much.
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
आदरणीय आचार्य जी हमारी मानसिक कल्पनाएं हमारी किसी भी परिस्थिति को नही सुधार सकती, सिवाय उस परिस्थिति का सत्य ही जानना उसमें सुधार का कारण बन सकता है । मार्गदर्शन के लिए आपकी कृपा हमेशा हम पर बनी रहे ।