Sir ek new topic main aapko suggest krna chahata hoon ki Bina tax ke black money ko white kese kare ....sir ye topic mere dil ke boht karib hai ...! Agar 1 crore ko share market mai invest krna hai ( jo ki rishwat ka pesa ho ) to kis trah tax se bach kar kaam kru please ...! How to convert black money into white money
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Jo bolta hai usko news channels se nikal diya jaata hai, or agar news channel na nikale to news channels ko hi kharid liya jaata hai Ab to bs yt hi sahara hai Jaha pr journalism bacha hai
Real reason why Tharoor lost is- All congress workers and politicians knew clearly that they won't be able to read notices issued by Sashi Tharoor without using a dictionary.
@@thakorGopalsinh04 bhaw bhaw dosto, dosto dekhiye kaise modi ji democracy ko khtm krr rhe hai dostooo, bjp hatao dosto, aur INC le aao(communism) se hi sabka bhala hoga dostoooo,dhaniya bad dostoo
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Every party do these cheap tricks Keju is different because he brags about other parties and then repeat what others do (just a hypocrite) Even I think wish we get a better way than democracy
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
@@mausenpai215 yes u are right, but the voters are not common ordinary citizens like us, they are Congress's 9000+ delegates, who felt that Kharge was a "Congress organization men" who had given 50yrs to the party
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
@Bhupinder Singh BJP me position District members aur Working Committee decide krti hai... isiliye aaj tak koi bhi Party president aaj tak koi particular pariwar se nhi aaya.....aur ab Pappu gang k chamche kahenge ki Decision Modi aur amit shah lete hai toh unko bata dun....Modi aur amit shah 2014 m main stream National level politics m senior posts per aaye but usse pehle bhi President Hote rahe h BJP k 🙏🙏🙏 wo bhi alag alag Insaan....Na ki congress jaise 24 saal se sirf gandhi aur 8 saal nehru jaise 🙏🙏🙏🙏....waise Official candidate Shashi Tharoor ne toh Intra party election ki authenticity per hi questions utha diye 🙏🙏🙏Uska kya jawaab hai....ek toh party k election karaye usme bhi ghotala 🙏🙏😊
How many of you know that BJP MP Dr. Umesh Jadav defeated Congress President Mallikarjun Kharge by 1 lakh votes in 2019 Lok Sabha elections. Real elections are different than stage managed elections
As per my understanding of this video I conclude that Rahul Gandhi wanting change , wanting that youth to be be come ahead but senior politicians of congress not want to make this happen! Pappu is the symbol of smartness 🙃
As per IIT Delhi Report, the *pollution caused during Diwali is not due to crackers but due to biomass burning.* So requesting everyone to happily celebrate Diwali without any guilt.
I have even better idea Book a banquet hall/community center, lock the doors and windows and burst cracker, TNT, dynamite or whatever you like. Even courts don't have problems with people smoking indoors, these are just crackers. I am sure neither they nor any other would have any problem with you guys burning crackers inside your house instead of open
Also, if "pollution is due to biomass burning", then we should call for removal of ban and promotion of beef. It'll save crops, reduce stray cattle menace, provide food and reduce pollution too
Tharur is born rich. What ED file against him. Thurur has huge money from his ancestors, father and himself super talented, and very high salaried carrier.
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को......... ....... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
@@जयभारत-च4श Doosari parties, khas karke BJP me bhi yehi haal hai, lekin Notebandi ke baad BJP ke party fund me bahut Paisa aaya, paisa and power se BJP ne media ko apane remote par nachaane ke karan ye party ke ander ki to kiya koi bhi khabar bahar nahi aati.
Loved the information shared and told in a single video! I would like to see you make a video on Bengal Violence because of the political clash. Since no one likes to talk about it, Nitish. 💞
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
The more I learn about our country's politics the more scared I am, because we don't have even halfway good options. I just turned 18, and I am so confused as to who to vote for in 2024. But seriously even if he had not managed to turn congress 180 degrees, Shashi Tharoor would still have been a breath of fresh air. And honestly in a country like India, being well educated and speaking english well are kind of like deterrents in politics. No matter how talented of how smart he is, he will always be labelled as elitist and not grounded.
What is wrong in RSS deciding head of BJP? RSS isn't family running organisation any poor man with hard work can be head of RSS and any poor man with hard working can be head of bjp as well
Pehele me bhi dhurv ka fan tha magar munawar k video aur Kerala story k baad mujhe pata chala sach kya hai... Bohot manipulate karta hai wo banda... Munawar ko help karne k liye Ram ji ki gali wali video na deke apni khud ki baat boli or Fuck and Bitch apne baat me ura diya...
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
@@alienfrommars2038 chup be sale , imandar ghanta hai vo jhoot ki dukan hai pehle bola age cm Bana to Apne baccho ki Kasam kha hi sarkari gadi Bangla Ni lunga , ek mahine phle ki bat hai ek auto driver Ko pesa dekar apni tarif karavaya tha aur Apne ghar khana khane Bulaya tha , auto driver ne hi bataya ye bat Private plane se jakar for auto me baithta hai fir bolta hai am admi hai Ghanta ka imandar hai ch**
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Fast forward to 8 months Congress won election with thumping majority in karnataka and himachal. It’s in the position to win 4 states in upcoming assembly elections. Decentralisation of power is what Rahul Gandhi wanted, his popularity is rising even after not holding any post, nor in party or constitutionally. Congress seems to be in reviving mode after 2014. BJY and kharge’s appointment as CP are the sole reasons for this.
You are absolutely right sir...when politically become nepotism so most of the Government section post also be going on Nepotism..... ye bahut ghatia hai yar Ham ta khabi chhodenge nhi ki.....
@@shrikantyadav9248 first of all they need to qualify as lawyer and then a judge and after a lot of experience they get a chance to be a HC judge and after atleast 14 years of experience in HC they get a chance to be a SC judge . And Chief justice of SC or HC is elected according to Seniority .
@@shrikantyadav9248 first of all they need to qualify as lawyer and then a judge and after a lot of experience they get a chance to be a HC judge and after atleast 14 years of experience in HC they get a chance to be a SC judge . And Chief justice of SC or HC is elected according to Seniority .
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को......... ....... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
All are facts but one point is wrong that if Tharoor comes to high position ED and CBI make reopen the cases. Whatever the cases are there the court has given him cleanchit.
Fact :There is no Internal democracy in any party It’s always few powerful hands those decide role of any President/etc In Congress Gandhi Family In BJP Modi & Shah In AAP it’s Kejriwal
सितंबर 2021 ➡️पंजाब सितंबर 2022 ➡️राजस्थान ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है। "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था )) और अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई। साथ - ही - साथ एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए। सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को......... ....... .... नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔 क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है। ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है। लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि। फिर ऐसा करने से चाहे कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Toh Banayein ye Diwali Kamyabi wali 🪔 with KukuFM -
Download link -kukufm.page.link/Tx1ftrPDoUMrGqZeA
Kon kon इस 🇮🇳 तिरंगे कोन कोन like देगा🇮🇳
Everything is temporary but KUKU FM Is Permanent 😂
BEST OYO ROOM 🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋
@Meme King 😂😂
Sir ek new topic main aapko suggest krna chahata hoon ki
Bina tax ke black money ko white kese kare ....sir ye topic mere dil ke boht karib hai ...!
Agar 1 crore ko share market mai invest krna hai ( jo ki rishwat ka pesa ho ) to kis trah tax se bach kar kaam kru please ...!
How to convert black money into white money
You nailed it man ....no one has gutts to speak truth like this
I have
BJP ka gala kharab ho gya ye bolte bolte🤦🏻
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Jo bolta hai usko news channels se nikal diya jaata hai, or agar news channel na nikale to news channels ko hi kharid liya jaata hai
Ab to bs yt hi sahara hai
Jaha pr journalism bacha hai
@Nitin-fl8bq Abey librandu ke chode, iss duniya me tujhse jada log padhe likhe hain
This man is born to make a difference in every human
@Meme King you don't deserve help
@Meme King lawde tujhe 1 week mein success chahiye
@Meme King views ke liye bhi bheekh manghenge ye chapri
@Meme King nhi hogi spammer
@Meme King Chutiye Jaise Video dalega toh koi nhi aaega.
Nitish Bhai mehnat karta hai terR Jaisa Make up nhi BSDK
Real reason why Tharoor lost is- All congress workers and politicians knew clearly that they won't be able to read notices issued by Sashi Tharoor without using a dictionary.
😂
Ye badhiya tha guru😂😂😂😂😂😂
🤣
Aacha majak hai they have option for hindi translation ,😂
😂😂😂😅😅 🤣🤣🤣😅😂😂😄😄
केजरीबबाल = मम्मी ने कहा था,,, जान जाए पर दिल्लीना जाए।😂
राहुल गांधी = दादी ने कहा था,,, जान जाए पर मुंह से सच निकल जाए😂😂
Keju to Aam Admi Party workers :-
“Kyu hila dala na” 😂😂
Keju nahi kejuddin bolo darte kyu ho it sell bhi sab dekh rha hai 😂😂😂
Uska ek agent hai jante ho ... German shepherd 😂😂
@@thakorGopalsinh04 bhaw bhaw dosto, dosto dekhiye kaise modi ji democracy ko khtm krr rhe hai dostooo, bjp hatao dosto, aur INC le aao(communism) se hi sabka bhala hoga dostoooo,dhaniya bad dostoo
This is journalism in its true sense which is needed to fix the crackfilled 4th pillar of our democracy, great work
Right
Waise bhi Paisa to Journalism me hi hai.
Ye Sab pehle Trust gain krte hai fir sabhi Political parties ke Agendas ke Part ban jaate hai.
@@acutevision5211 so much justifying your name buddy😂
@@acutevision5211 nope
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
बेहतरीन विश्लेषण नीतीश भाई। 🙏
Thank you bhai
❤️
@@NitishRajput sir ek video WAQF board Par बनाए
ua-cam.com/video/OPA2CzrnrDs/v-deo.html
Abe dalle tu yaha kya kar raha haii..jake national dastak dekh...
Nitish bro>>>>>>>>Dhruv rather and Bhakt Banerjee
Dhruv rather ❌ German shepherd ☑️
nitish >>>>> engineer explains, abhiand nyu and sam with sharma
And also dhruv rather and bhakt banerjee@@satchellin8099
@@satchellin8099 na bhai engineer explains bhi sahi video banata h baki sam aur abhi nyu duggal ki tarah extreme stance me h
@@satchellin8099Nitish,engineer and Sham Sharma>>>>>>>German shepherd, bhakt Banerjee and Rabies Kumar
Kejriwal after winning majority: hatao ye constitution,yha mera law chalega 🤣
😂😂😂
Every party do these cheap tricks
Keju is different because he brags about other parties and then repeat what others do (just a hypocrite)
Even I think wish we get a better way than democracy
😂😂😂
this man is my idol , no bull shit , no intro , facts only straight to the point .... love u bhaiya
Phir bhai mar gaya....
Shashi Tharoor sir RCB ki tarha hai.....match nhi jita , magar dil jeet liya 🔥🔥🔥🔥🔥
He has no collective leadership quality. No doubt he is an excellent leader
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
shashi tharoor is a good person but on the wrong team.
woh dil jit ko katal bhi kar dete hai
Nowadays people are distracting us only the man who provide right source of information ❣️❣️🙏🙏🙏👍👍👍
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
You are the most intelligent and sensible Rajput I know... Hats off!!! Subscribed after observing the last few videos
Dojakh main to ye bhi Jalega! Katue S@l@
@Raj Is that a statement or recommendation?
@@saliimmohammed9152 Rajputs are goods . Simple
So all other Rajputs are insensible?
No one can explain better than u brother. Pure content, no spicy mirch masala pure journalism and facts
Congress, BJP, AAP and other party supporters can criticise other parties but can't face criticism of their own party
Mallikarjun Kharge- Elected
J. P. Nadda- Selected
Kejriwal- Pancho...Friday hai aaj
Kharge elected?
Most ppl didn't even Heard his name before.
Tharoor is way popular and influentialm
@@mausenpai215 yes u are right, but the voters are not common ordinary citizens like us, they are Congress's 9000+ delegates, who felt that Kharge was a "Congress organization men" who had given 50yrs to the party
@@mausenpai215 jp nadda kon janta hai fir bhi wo president hai na
@@mausenpai215 log sashi tharoor se jada kharge ko jante hai
@@alokmandal2803 ghanta jante hai log kharge ko .Tharoor ko jada janta tha lekin .
Nitish Bhaiya's Sarcasm And Facts Are Next Level ... 🤣
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Druv rathe be like ye andhbhakt hai 😂😂esliye aam admi party ko dho raha hai😂😂.
@KARMA 😉😂😂sorry bro
Dhurv rathee yeh sab congress party k against kabhi nhi dikhayega.....unka dalla jo h 😂😂😂😂😂
@Bhupinder Singh party members ne. Party ke andar bhi election hota hai
@Bhupinder Singh BJP me position District members aur Working Committee decide krti hai... isiliye aaj tak koi bhi Party president aaj tak koi particular pariwar se nhi aaya.....aur ab Pappu gang k chamche kahenge ki Decision Modi aur amit shah lete hai toh unko bata dun....Modi aur amit shah 2014 m main stream National level politics m senior posts per aaye but usse pehle bhi President Hote rahe h BJP k 🙏🙏🙏 wo bhi alag alag Insaan....Na ki congress jaise 24 saal se sirf gandhi aur 8 saal nehru jaise 🙏🙏🙏🙏....waise Official candidate Shashi Tharoor ne toh Intra party election ki authenticity per hi questions utha diye 🙏🙏🙏Uska kya jawaab hai....ek toh party k election karaye usme bhi ghotala 🙏🙏😊
@Bhupinder Singh tujhe thodi bulayega 😂😂
Jaise congress me khare ko chuna party members ne
Keju मियां तो बड़े ही शातिर निकले फायदे के लिए पार्टी के नियम ही बदल दिया 😅
I like him , he always talk about all parties unlike dhruv tatti.
Druv bai toh abtoh angrezi pel rha h😂
How many of you know that BJP MP Dr. Umesh Jadav defeated Congress President Mallikarjun Kharge by 1 lakh votes in 2019 Lok Sabha elections.
Real elections are different than stage managed elections
Kharge lost in an election for the first time in last 30+ years
Kharge won the mla election 9 times, 2times lok sabha MP .. he only lost 1 election in 2019.
अबे बिजेपीके चाटू चूदासम 🤣🤣🤣
Copy pasting trolls...
Typical chutiyapa do you know how many times Nadda has won.
👌👌This was great, Nitish. Explained political interests within members of the party in short and lucid manner. No one works for the nation.
Everything is temporary but promoting Kuku FM is permanent.
I, and hope many Indians too, want a political party to arise that will strictly follow intra-party democracy.
Sir best line was 8:45 when you said "Pehle Congress ne rasam nibhaya ki Rahul Gandhi jada deserving hai aur hum unko manayege"
As per my understanding of this video I conclude that Rahul Gandhi wanting change , wanting that youth to be be come ahead but senior politicians of congress not want to make this happen! Pappu is the symbol of smartness 🙃
They didn't let Shashi Tharoor win coz he would reform the Gandhi family centric party into a better party
@@nero9881 yes indeed he won't listen to them
Not only him but also tharoor. Well Rahul is trying his best but i feel like its too late for him now also tharoor lost so not Congress i doomed
@Jojo yeah politicians+ comedians the best combination for democracy!
Yes only smart ones are feku and tadipar inventing new concept of
Extra 2ab
Naala gas
Colour radar theory.
As per IIT Delhi Report, the *pollution caused during Diwali is not due to crackers but due to biomass burning.* So requesting everyone to happily celebrate Diwali without any guilt.
I have even better idea
Book a banquet hall/community center, lock the doors and windows and burst cracker, TNT, dynamite or whatever you like. Even courts don't have problems with people smoking indoors, these are just crackers. I am sure neither they nor any other would have any problem with you guys burning crackers inside your house instead of open
Also, if "pollution is due to biomass burning", then we should call for removal of ban and promotion of beef. It'll save crops, reduce stray cattle menace, provide food and reduce pollution too
@@SShreyas17 arey bhai bhai bhai 🤣🤣
@@SShreyas17 beef se kitna pollution hota h ,pta kr jaake
@@Shandilya-q3i Toh puchh na ussey joh bol rha hai biomass se pollution hota hai, patakho se nahi
🤣🤣🤣 खुजलीवाल जय हो😳🤣🤣
5:57 epic line.. 😂😂 it’s like gangadhar hi shaktimaan hai.. 🤣🤣
Khujliwal is synonyms of U-turns 🤣
15 lakh + acche din also
@@Anonymous-kw7lskhud ke ghar sise ke ho toh dusro ke ghar pe pathar ny fekna chahiye😂
@@PujaKumari-od1subhai bhai 🤣🤣🤣🤣
No left wing,no right wing.nitish rajput is current wing..
Tharur is born rich. What ED file against him. Thurur has huge money from his ancestors, father and himself super talented, and very high salaried carrier.
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को......... ....... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
@@जयभारत-च4श Doosari parties, khas karke BJP me bhi yehi haal hai, lekin Notebandi ke baad BJP ke party fund me bahut Paisa aaya, paisa and power se BJP ne media ko apane remote par nachaane ke karan ye party ke ander ki to kiya koi bhi khabar bahar nahi aati.
Loved the information shared and told in a single video! I would like to see you make a video on Bengal Violence because of the political clash. Since no one likes to talk about it, Nitish. 💞
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
You are Right 🤗
Anamalai is one of the famous leader with out any political support . He became famous on ground level .
Happy diwali ❤️ bhaiya ❤️ ur content is incredible!!
Same to you
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
The more I learn about our country's politics the more scared I am, because we don't have even halfway good options. I just turned 18, and I am so confused as to who to vote for in 2024. But seriously even if he had not managed to turn congress 180 degrees, Shashi Tharoor would still have been a breath of fresh air. And honestly in a country like India, being well educated and speaking english well are kind of like deterrents in politics. No matter how talented of how smart he is, he will always be labelled as elitist and not grounded.
Nota 😂
Don't worry।। Welcome to the real world. There are still a few people for whom system is still running. find them respect them nd support them
As Muslim, u can't vote for bjp, they literally hate u
@@cam0987 Yep BJP hates Muslims but still has spent twice of what Congress has spent on Minorities in just 8 Years 🙂🙂
@Virat Chaudhary Yep people like camy are stupid af
Puri duniya ki politics ek taraf aur Nitish bhai ek taraf 😂
आज ये बात सच हो गई😂😂
What is wrong in RSS deciding head of BJP? RSS isn't family running organisation any poor man with hard work can be head of RSS and any poor man with hard working can be head of bjp as well
Hard core presentation! Cut to point! I watch all videos from this channel always within hours of upload
भाई गजब का विश्लेषण 👌👌👌🔥
05:47 Bro slapped aap and dhruv rathee without touching them😂😅
Pehele me bhi dhurv ka fan tha magar munawar k video aur Kerala story k baad mujhe pata chala sach kya hai... Bohot manipulate karta hai wo banda... Munawar ko help karne k liye Ram ji ki gali wali video na deke apni khud ki baat boli or Fuck and Bitch apne baat me ura diya...
@@fine____444 Mei bhi..... But after seeing Nitish bhai..... I came to know the reality of dhruv #doglaNRI
@@fine____444 mai bhi pehle dhruv tatti ka subscriber hua kar ta tha abhi kuch din pehle unsubscribe kara
@@fine____444 Sam bro
Dhruv Rathi or ek or he deshbhakt
अंत ही आरंभ है ❤
Ur little career is much more valuable than our 90% youtubers and our whole Indian media 🙏🙏🙏🙏🙏
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Incredible explanation and knowledge, Nitish sir🔥❤️
Kejriwal sir se accha imandar koi nahi
@@alienfrommars2038 chup be sale , imandar ghanta hai vo jhoot ki dukan hai pehle bola age cm Bana to Apne baccho ki Kasam kha hi sarkari gadi Bangla Ni lunga , ek mahine phle ki bat hai ek auto driver Ko pesa dekar apni tarif karavaya tha aur Apne ghar khana khane Bulaya tha , auto driver ne hi bataya ye bat
Private plane se jakar for auto me baithta hai fir bolta hai am admi hai
Ghanta ka imandar hai ch**
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
So much exited for this
Fast forward to 8 months
Congress won election with thumping majority in karnataka and himachal. It’s in the position to win 4 states in upcoming assembly elections.
Decentralisation of power is what Rahul Gandhi wanted, his popularity is rising even after not holding any post, nor in party or constitutionally.
Congress seems to be in reviving mode after 2014. BJY and kharge’s appointment as CP are the sole reasons for this.
Are you still there ? 😂
😂ab kya khoge bhai 3 state har gyi
You are absolutely right sir...when politically become nepotism so most of the Government section post also be going on Nepotism..... ye bahut ghatia hai yar Ham ta khabi chhodenge nhi ki.....
You are a too good a researcher..you need to be the part of main stream media.. Good for our country.
Top notch analysis with facts bro👌👍
Jai Hind
Jai Congress 👍
Kuch bhi
Congress 😂😂😂 monarch murdabad
🙏🙏🙏
So unbiased content as always better then many pseudo unbiased creators (u know who) !
Btw Happy Diwali bhaiya !
Congress party made the Indian constitution with its great leaders in the past 🎉
Extremely important topic 🔥
Awesome explanation, you have next level guts 🔥❤️ Thank you so much 🥰
Our Judiciary system also follows Nepotism 😅
True 🙂
Not at all
@@saurabhbajaj735 bro tell me how the SC and HC judges take their position ? Or just read our all SC judges names...you also find the dynasties there😀
@@shrikantyadav9248 first of all they need to qualify as lawyer and then a judge and after a lot of experience they get a chance to be a HC judge and after atleast 14 years of experience in HC they get a chance to be a SC judge . And Chief justice of SC or HC is elected according to Seniority .
@@shrikantyadav9248 first of all they need to qualify as lawyer and then a judge and after a lot of experience they get a chance to be a HC judge and after atleast 14 years of experience in HC they get a chance to be a SC judge . And Chief justice of SC or HC is elected according to Seniority .
JAI SHREE RAM 🚩🚩🚩
NITISH BRO
LOVE FROM WEST BENGAL ❤️
Superb analytical view with honesty.
Not End This time Rise congress
Perfectly Explained 👏
Happy diwali nitish sir🙏😊
Happy Diwapawali Karan
@@NitishRajput Happy Diwali Sir
Dirty politics 😠👎
Missing rajiv dixit ji ♥️🙏
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को......... ....... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
😅
This is what actual non politically inclined analysis looks like , best chanel of this genre.
जब राहुल गांधी पैदा हो रहे थे तो डॉक्टर ने राजीव गांधी से कहा कि हम मां और बच्चे को बचा लेंगे लेकिन कांग्रेस को नही बचा पाएंगे
😂😂😂😂😂
outstanding way of explaining!
Always unbiased videos.. ❤
Happy Diwali brother..🌹🌹
Same to you
I hope you always remain unbiased 👏
Jai Shri Ram nitish bahi namaste 🙏
Bhai Dil se achha lagta hai jab aap consistent video dalte hai
EXCELLENT👏 EXPLANATION
Being neutral and speaking the truth at the same time is an art of highest level and needs immense courage
Great work by Nitish
So true🕉️
@nitish rajput. nehru Gandhi kese bana is pr video banaye
Apka political related explanation video,bahut acchi hoti hai
बिहार रोज़गार नहीं मिलता है मनीष भैया गरीबों को मसीहा हैं यादें आरह हैं 🌆🙏🙏🙏🙏🙏🙏🏃
Bro.. Doing a great job.. 👏 With You..
Kuku fm se jada maja apka ye show dekhne me maja aata hai
मोदी ❤️ मोदी ❤️ मोदी ❤️ मोदी ❤️
Ap jaise log sir logo ko jagruk kr rhe jai hind 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
End of Congress in 2024
Aur log German shepherd ki baato ko such maam lete hai 😂
Great explanation 🥳🥳
All are facts but one point is wrong that if Tharoor comes to high position ED and CBI make reopen the cases. Whatever the cases are there the court has given him cleanchit.
Thank you sirji....🙏🙏🙏
these videos are so good and educational thank you sir or making these kind of videos hope we get more videos in future 🙏🙏
Please make a video about veganism and animal agriculture along with it's impact on the planet earth
nahi🤣🤣🤣
veganism is impractical except for rich kidoos
@@Vignesh_15 abe dudh pite hai jain to vegan kaise hue ,wo to veggiterian hue
@@Vignesh_15 waise to brahmin bhi vegitarian hote hai mostly
@@ABC-rg1tt Oh really dal, sabji, roti, chawal, fruit aur vegetables meat se mein mehnge hai. Kuch likhne se pehle dimag ka priyog krlena achi baat hai.
Fact :There is no Internal democracy in any party
It’s always few powerful hands those decide role of any President/etc
In Congress Gandhi Family
In BJP Modi & Shah
In AAP it’s Kejriwal
dude BJP ma itna sara new leaders aaya hai
@@vht_88
Is hisab se to fir AAP sabse better Huyi
wha to sb naye hi h ?
It’s all about Internal Democracy !
BJP mein rss?
@@AjayPatil-fj5tu RSS doesn't decide for BJP now .
Many BJP leaders are not from the RSS
and that number is only going to increase
@@AjayPatil-fj5tu Unlike Congress+gang who R just son's nd daughter of older leaders
You are Gem and there are just few like you and you are really one among them 😍😍😍
Ye badi achi baat kahi apneee❤❤❤❤❤
Congress in karnataka INC
Your reasearch is sick brother in every video, required hard work and guts to talk about that. Appreciate a lot.
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को......... ....... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
We need more and regular content.
❤Real talk🎉
8.48 epic line......Rasm nibhaye gayeee......
Best and epic line "congress party president ki kursi sabse unsafe position hai"
I always look up to your videos.Thanks for giving us fact based data and not inclined to certain bias society.Thanks a lot
I always defeat my friends in our conversation with the help of ur video's knowledge bhaia..... Thanks a lot for ur effort to show us the reality 🙏🙏🙏