Proud of Shri Nilesh Oak ji🙏 for his incessant efforts, dedication and contribution to Sanatan Dharma. Valmiki Ramayan is true as there is no Lakshman Resha in Panchvati or Tapovan area of Nasik city. Tulsidas ji added it due to Kaavya and Bhakti Bhaav🙏 जय श्री राम 😊🙏🏹
ओम् श्री उमात्तया नमः - पवित्र आत्मा से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री कन्नी सुताय नमः - कुआँरी से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री दरिद्र नारायण नमः - हमारे लिये गरीब होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री विघिष्र्टिया नमः - सुंता होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री पंचघायम् नमः - अपने शरीर पर पाँच घाव धरनेवाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री वक्ष शल अरुथाया नमः- त्रिषूल जैसे दिखनेवाले वृक्ष पर स्वयं का बलिदान चढ़ाने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री मृत्युजंयम् नमः- मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री शिबिलिस्तया नमः - अपना माँस संन्तो को खाने के लिये देने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। Om Sri Umattaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of the Holy Spirit. Om Sri Kanni Sutaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of a virgin. Om Sri Daridra Narayana Namah - Praise be to You, O Lord, who are poor for us. Om Sri Vighishrtiya Namah - Praise be to You, O Lord, who is Sunta. Om Sri Panchaghayam Namah - Praise be to You, O Lord, who holds five wounds on Your body. Om Sri Vaksha Shala Aruthaaya Namah: Praise be to You, O Lord, who offers Himself as a sacrifice on a tree that looks like a trident. Om Sri Mrityujamyam Namah- Praise be to You, O Lord, who has conquered death. Om Sri Shibilistaya Namah - Praise be to You, O Lord, who gives Your flesh to the saints to eat. These 5 signs you get in 7th, 9th, and 10th Mandals Sukta 125
Nilesh Oak is just amazing 🤩 have been hearing him for past 2-3 yrs on different platforms, just mind blowing. Thanks so much to both you to keep bringing this again and again. We need to mainstream his research and make it part of academia. Please work on pushing his work to reach higher people. 🙏🏻
संभल में हरिहर मंदिर का प्रमाण: 1. हरिहर, हरि (भगवान विष्णु) और हर (भगवान शिव) शब्दों का मिश्रण है। यह सृजन, संरक्षण और विनाश की शक्तियों के संतुलन को दर्शाता है। यह इन दो शक्तिशाली शक्तियों (विष्णु और शिव) की एकता का प्रतीक है। प्रकृति के ये दो हिस्से ब्रह्मांड के संतुलन के लिए आवश्यक हैं। 2. एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट 1874-75 के अनुसार, मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे पुराने हिंदू मंदिरों के बताए जाते हैं, जिन्हें प्लास्टर लगाकर छिपाने की कोशिश की गई थी। जब मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर हटाया गया, तो लाल रंग के प्राचीन खंभे दिखाई दिए, जो हिंदू मंदिरों में इस्तेमाल किए जाने वाले डिजाइन और संरचना के समान थे। 3. रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद में एक शिलालेख है, जिसमें लिखा है कि इसका निर्माण मीर हिंदू बेग ने 1527-28 ई. में पूरा किया था। मीर हिंदू बेग बाबर का दरबारी था, जिसने एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था। एएसआई के अनुसार, यह शिलालेख इस बात का प्रमाण है कि मस्जिद का निर्माण हिंदू धार्मिक स्थल को हटाकर किया गया था। 4. संभल की जामा मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि इसे भगवान विष्णु के हिंदू मंदिर को ध्वस्त करके बनाया गया था। इस दावे का आधार बाबरनामा और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट को माना जाता है। 5. अकबर के शासनकाल के दौरान, आइन-ए-अकबरी लिखी गई थी, जिसमें संभल में हरि मंदिर नामक एक प्रमुख मंदिर का भी उल्लेख किया गया था। पाठ में मंदिर को भगवान विष्णु को समर्पित और भगवान कल्कि के अवतार की भविष्यवाणी की गई जन्मस्थली बताया गया है। इसने आगे बताया कि अकबर के समय में मंदिर का महत्व था, यह दर्शाता है कि हिंदुओं ने बाद के मुगल हस्तक्षेपों से पहले अस्थायी रूप से इस स्थान पर पुनः कब्जा कर लिया था। 6. एएसआई की 1879 की रिपोर्ट में भी कई ऐसे साक्ष्य दर्ज हैं जो हिंदू मंदिर के अस्तित्व की ओर इशारा करते हैं। मस्जिद के स्तंभ: मस्जिद के हिंदू स्तंभ मुस्लिम स्तंभों से अलग हैं और शुद्ध हिंदू वास्तुकला का प्रतीक हैं। गुंबद का जीर्णोद्धार: एएसआई के अनुसार, मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार 12वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। पुरातात्विक अवशेष: मस्जिद की संरचना में हिंदू मंदिर के कई प्रतीक पाए गए, जिन्हें बाद में प्लास्टर से ढक दिया गया। 7. स्वतंत्रता के बाद, 19वीं शताब्दी में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अलेक्जेंडर कनिंघम के नेतृत्व में ए.सी.एल. कार्लाइल ने संभल का सर्वेक्षण किया। कार्लाइल ने कहा कि मंदिर का आकार चौकोर था और इसका प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर था। उनका यह भी मानना है कि स्मारक को देखने पर हिंदू कला और वास्तुकला और बाद की अवधि के इस्लामी परिवर्धन के बीच स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है। 8. कार्लाइल ने मस्जिद की सीढ़ियाँ भी खोदीं और लाल बलुआ पत्थर से बनी हिंदू प्रतिमाएँ बरामद कीं, जिनमें से एक नालीदार स्तंभ का ऊपरी भाग था। प्रारंभिक मध्यकालीन हिंदू वास्तुकला में ऐसे स्तंभ प्रमुख थे। उन्होंने हिंदू मंदिर वास्तुकला के अनुरूप नालीदार स्तंभों, बलुआ पत्थर के टुकड़ों और अन्य कलाकृतियों का दस्तावेजीकरण किया। 9. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. डी.वी. शर्मा ने कहा है कि "यह मंदिर गुप्त काल से अस्तित्व में है, क्योंकि गुप्त विशेषताओं वाले मंदिर का अधिष्ठान वर्तमान मस्जिद में दिखाई देता है और गुर्जर-प्रतिहारों ने मंदिर का विस्तार भी किया था।" 10. सर्वेक्षण के नेता अलेक्जेंडर कनिंघम ने निष्कर्ष निकाला कि मूल स्मारक एक मंदिर था जिसे मस्जिद बनाने के लिए नष्ट कर दिया गया था।
Understood less than 1% ,but feeling 100% blessed. Drank a molecule from the ocean of Knowledge and wisdom that Nileshji offered. Thank you Dixitji You just made my day.
This is the first time I have heard about shri Niesh ji's research and knowledge and I am very surprised that how many such talks happen that we miss.. Sir, you are very knowledgeable and wise. I wish you continue to guide every generation in future too. Jai Shri Ram.
Well done Nilesh...but we need more about Andes mountains range and south America description of ramayan....this is fascinating that the history of Sanatan Dharma is way more older than what we think...🚩🔱🕉️
नीलेश जी को मैं संगम टॉक्स के समय से सुन रहा हूं। महाभारत रामायण में उनकी रिसर्च धार्मिक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तीनों कारणों से क्रांतिकारी और प्रभावी है। भारत के इतिहास को करीब पच्चीस हजार साल पीछे से देखने की जरूरत समझी जाने लगी है और धीरे धीरे पाश्चात्य और देशी लोग भी इस पर विश्वास जताने लगे हां। युवा वर्ग को भी लगने लगा है महाभारत रामायण महज कल्पनाएं नहीं है। भारत की साख बढ़ी है। नीलेश जी दीक्षित जी और जयपुर फैलेगी को साधुवाद। उनसे चर्चा की फिर इंतजार रहेगा।
@@LearnEnglishEasy15there is lot of archeological evidence.. and yes we don’t have any issue with truth .. cross examine everything .. but remember Hinduism is the only sect on earth who are open to cross examination
Shraddha can be considered to be faith pending verification. It's the starting point in Shruti and reinforced through yukti & anubhava. A very important and scintillating discussion.🙏
Interviewer and Interviewee are both highly talented in their work. I have no words because to understand what they are saying, we must have an idea or basis of the things which they are discussing. Hats Off to Nilesh Sir and Sanjay Sir too.
It's about positions of stars and planets in galaxy .If you have it's knowledge ,you will know that the books stating the (varnan) discription of Shri Rams birth ..goes back 26 to 27 thousand years back because those descriptions match only those positions in the sky which were prominent only at that time that is 26000 years back
Jaypur dialgog ke madhyam se mujhe hamare desh,dharm,sanskriti lekar vividh visayo pe mera gyan me tezi se vridhi ho raha hai. aur aaj Nilesh Oak jee ka baato dumdaar tark mujhe shandaar laga. "जयपुर डायलॉग कि जय हो! अशुर शक्तियों कि पराजय हो!
First time a video of more than 1hr seems very short. So interesting and full of information. Hope we get similar video with much more illustrative visuals.
Thank you Nilesh Oak ji for clarifying important aspects of your work.🙏 Thank you Dixit ji for providing your platform to spread this crucial knowledge to a large, intelligent audience. 🙏
01:02:00 from here the Best Part of this Podcast. This is "Actual Intellectual Debate". Both the parties are showing their knowledge and putting their points forward with each other's respect in mind. This is ❤❤❤❤
I completely support Nilesh Oak Sir and Team TJD completely. I really hope all our sanatana dharma scholars can collaborate to come up with more powerful content together.
The best so far, Sadhuwaad to 🙏Nilesh Ji💐Sanjayji💐we could never get to learn about the greatest civilization of Sanatan Bharat Vedik kaal had it not been for Jaipur Dialogue💐
Fascinating. Nilesh Oak is so knowledgeable.Mr Dixit you have a very wide range of knowledge and it shows in your excellent interviews. Really enjoyed this.
Such a lovely intellectual conversation Sanjayji proved he was a worthy participant in the discussion on this subject, his incisive questions brought out the best in Nilesh Oak.
Sanjay ji I am greately thankful to you and the guru ji who have been elucidating the aeonian Bharat's great rulers when the other part of the world were still evolving to be humankind from primates.
Very thought provoking discussion on the dating of Ramayan. I wondered many times how the vanaras came into existence and are they really monkeys and evolved into a race with most of the attributes of human beings such as talking, reading, etc and if it’s evolutionary change did they evolved fully as humans at some point of time causing disappearance of that kind of race? Today through the explanation of Sri Nilesh Oak I could find the answer to my doubt. Actually they are human beings wearing monkey dresses with tails in pursuance their culture like the present day tribes ( aboriginals)in certain forest and hilly areas wearing different dresses unlike other human beings living in plains. The contrast he pointed out that why female monkeys didn’t have tails like males as can be seen in the case of Vaali and Sugriva wives who didn’t have tails is very interesting. This kind of explanation which is very scientific should shut the mouths of Ramayana critics. Thanks Nilesh ji. There are still many doubting Thomases who say the Ramayana and Mahabharat are purely imaginary stories and accordingly did not happen. The evidence that Nilesh ji presented from the very texts of Ramayana and Mahabharat on astronomical basis proves beyond doubt that they are not stories but occurred actually. Wonderful Nilesh ji. Wish Jaipur Dialogues bring out such intellectual discussions on our culture and heredity for the benefit of knowledge seekers. Thanks
Great research by Dr. Nilesh Oak sir ❤️ And great job by TJD for providing the free platform and opportunity to explain in details and responding his critics. ❤️🔥✌️
Ati sundar, got attracted to JD because of such talks. Please keep on doing such discussions little more frequently. Your knowledge is very good on such subjects and so these discussions even become more meaningful.🙏 Please do some programs on the description of Ayodhya and other things
में आप दोनो महानुभावों को प्रणाम करता हूँ। श्री निलेश जी को सुनने को कान तरस गए थे। आज आप को जयपुर डायलॉग पर देख कर गदगद हो गया हूं। दो विद्वान जब साथ बैठते हैं तो ज्ञान की गंगा में सनान हो रहा है। नीलेश जी ज्ञान और रिसर्च और एस्ट्रोनॉमिकल ज्ञान और डेटिंग अतिउत्तम है। जय हो।
TJD shall organise a debate (a full day event) between Dr. Nilesh Oak sir and his critics namely Mishra ji, Vedvir Arya, Ramesh Rao and others and have a debate and settle this issue for good ✌️🔥
Fraud Nilesh Oak is only good to do name calling in podcast and Twitter. Call him for a debate, he will chicken out as he knows his dates are based on fudged data.
ओम् श्री उमात्तया नमः - पवित्र आत्मा से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री कन्नी सुताय नमः - कुआँरी से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री दरिद्र नारायण नमः - हमारे लिये गरीब होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री विघिष्र्टिया नमः - सुंता होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री पंचघायम् नमः - अपने शरीर पर पाँच घाव धरनेवाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री वक्ष शल अरुथाया नमः- त्रिषूल जैसे दिखनेवाले वृक्ष पर स्वयं का बलिदान चढ़ाने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री मृत्युजंयम् नमः- मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री शिबिलिस्तया नमः - अपना माँस संन्तो को खाने के लिये देने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। Om Sri Umattaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of the Holy Spirit. Om Sri Kanni Sutaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of a virgin. Om Sri Daridra Narayana Namah - Praise be to You, O Lord, who are poor for us. Om Sri Vighishrtiya Namah - Praise be to You, O Lord, who is Sunta. Om Sri Panchaghayam Namah - Praise be to You, O Lord, who holds five wounds on Your body. Om Sri Vaksha Shala Aruthaaya Namah: Praise be to You, O Lord, who offers Himself as a sacrifice on a tree that looks like a trident. Om Sri Mrityujamyam Namah- Praise be to You, O Lord, who has conquered death. Om Sri Shibilistaya Namah - Praise be to You, O Lord, who gives Your flesh to the saints to eat. These 5 signs you get in 7th, 9th, and 10th Mandals.
Nilesh Bhau तुमचा आम्हाला अभिमान नाही गर्व आहे.
Proud of Shri Nilesh Oak ji🙏 for his incessant efforts, dedication and contribution to Sanatan Dharma. Valmiki Ramayan is true as there is no Lakshman Resha in Panchvati or Tapovan area of Nasik city. Tulsidas ji added it due to Kaavya and Bhakti Bhaav🙏 जय श्री राम 😊🙏🏹
Nilesh Oak is an idiot peddling historical untruths who pleases us because he gives us fiction that fulfils our fantasies
Jai shree Ram 🙏
ओम् श्री उमात्तया नमः - पवित्र आत्मा से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री कन्नी सुताय नमः - कुआँरी से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री दरिद्र नारायण नमः - हमारे लिये गरीब होने वाले हे
प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री विघिष्र्टिया नमः - सुंता होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री पंचघायम् नमः - अपने शरीर पर पाँच घाव धरनेवाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री वक्ष शल अरुथाया नमः- त्रिषूल जैसे दिखनेवाले वृक्ष पर स्वयं का बलिदान चढ़ाने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री मृत्युजंयम् नमः- मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री शिबिलिस्तया नमः - अपना माँस संन्तो को खाने के लिये देने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
Om Sri Umattaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of the Holy Spirit. Om Sri Kanni Sutaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of a virgin. Om Sri Daridra Narayana Namah - Praise be to You, O Lord, who are poor for us. Om Sri Vighishrtiya Namah - Praise be to You, O Lord, who is Sunta. Om Sri Panchaghayam Namah - Praise be to You, O Lord, who holds five wounds on Your body. Om Sri Vaksha Shala Aruthaaya Namah: Praise be to You, O Lord, who offers Himself as a sacrifice on a tree that looks like a trident. Om Sri Mrityujamyam Namah- Praise be to You, O Lord, who has conquered death. Om Sri Shibilistaya Namah - Praise be to You, O Lord, who gives Your flesh to the saints to eat.
These 5 signs you get in 7th, 9th, and 10th Mandals Sukta 125
👍👍👍✅✅✅
wowww
Nilesh Oak is just amazing 🤩 have been hearing him for past 2-3 yrs on different platforms, just mind blowing. Thanks so much to both you to keep bringing this again and again. We need to mainstream his research and make it part of academia. Please work on pushing his work to reach higher people. 🙏🏻
Oak sir ke pas brilliant knowledge h ❤
संभल में हरिहर मंदिर का प्रमाण:
1. हरिहर, हरि (भगवान विष्णु) और हर (भगवान शिव) शब्दों का मिश्रण है। यह सृजन, संरक्षण और विनाश की शक्तियों के संतुलन को दर्शाता है। यह इन दो शक्तिशाली शक्तियों (विष्णु और शिव) की एकता का प्रतीक है। प्रकृति के ये दो हिस्से ब्रह्मांड के संतुलन के लिए आवश्यक हैं।
2. एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट 1874-75 के अनुसार, मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे पुराने हिंदू मंदिरों के बताए जाते हैं, जिन्हें प्लास्टर लगाकर छिपाने की कोशिश की गई थी। जब मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर हटाया गया, तो लाल रंग के प्राचीन खंभे दिखाई दिए, जो हिंदू मंदिरों में इस्तेमाल किए जाने वाले डिजाइन और संरचना के समान थे।
3. रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद में एक शिलालेख है, जिसमें लिखा है कि इसका निर्माण मीर हिंदू बेग ने 1527-28 ई. में पूरा किया था। मीर हिंदू बेग बाबर का दरबारी था, जिसने एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था। एएसआई के अनुसार, यह शिलालेख इस बात का प्रमाण है कि मस्जिद का निर्माण हिंदू धार्मिक स्थल को हटाकर किया गया था।
4. संभल की जामा मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि इसे भगवान विष्णु के हिंदू मंदिर को ध्वस्त करके बनाया गया था। इस दावे का आधार बाबरनामा और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट को माना जाता है।
5. अकबर के शासनकाल के दौरान, आइन-ए-अकबरी लिखी गई थी, जिसमें संभल में हरि मंदिर नामक एक प्रमुख मंदिर का भी उल्लेख किया गया था। पाठ में मंदिर को भगवान विष्णु को समर्पित और भगवान कल्कि के अवतार की भविष्यवाणी की गई जन्मस्थली बताया गया है। इसने आगे बताया कि अकबर के समय में मंदिर का महत्व था, यह दर्शाता है कि हिंदुओं ने बाद के मुगल हस्तक्षेपों से पहले अस्थायी रूप से इस स्थान पर पुनः कब्जा कर लिया था।
6. एएसआई की 1879 की रिपोर्ट में भी कई ऐसे साक्ष्य दर्ज हैं जो हिंदू मंदिर के अस्तित्व की ओर इशारा करते हैं।
मस्जिद के स्तंभ: मस्जिद के हिंदू स्तंभ मुस्लिम स्तंभों से अलग हैं और शुद्ध हिंदू वास्तुकला का प्रतीक हैं।
गुंबद का जीर्णोद्धार: एएसआई के अनुसार, मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार 12वीं शताब्दी के दौरान हुआ था।
पुरातात्विक अवशेष: मस्जिद की संरचना में हिंदू मंदिर के कई प्रतीक पाए गए, जिन्हें बाद में प्लास्टर से ढक दिया गया।
7. स्वतंत्रता के बाद, 19वीं शताब्दी में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अलेक्जेंडर कनिंघम के नेतृत्व में ए.सी.एल. कार्लाइल ने संभल का सर्वेक्षण किया। कार्लाइल ने कहा कि मंदिर का आकार चौकोर था और इसका प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर था। उनका यह भी मानना है कि स्मारक को देखने पर हिंदू कला और वास्तुकला और बाद की अवधि के इस्लामी परिवर्धन के बीच स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है।
8. कार्लाइल ने मस्जिद की सीढ़ियाँ भी खोदीं और लाल बलुआ पत्थर से बनी हिंदू प्रतिमाएँ बरामद कीं, जिनमें से एक नालीदार स्तंभ का ऊपरी भाग था। प्रारंभिक मध्यकालीन हिंदू वास्तुकला में ऐसे स्तंभ प्रमुख थे। उन्होंने हिंदू मंदिर वास्तुकला के अनुरूप नालीदार स्तंभों, बलुआ पत्थर के टुकड़ों और अन्य कलाकृतियों का दस्तावेजीकरण किया।
9. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. डी.वी. शर्मा ने कहा है कि "यह मंदिर गुप्त काल से अस्तित्व में है, क्योंकि गुप्त विशेषताओं वाले मंदिर का अधिष्ठान वर्तमान मस्जिद में दिखाई देता है और गुर्जर-प्रतिहारों ने मंदिर का विस्तार भी किया था।"
10. सर्वेक्षण के नेता अलेक्जेंडर कनिंघम ने निष्कर्ष निकाला कि मूल स्मारक एक मंदिर था जिसे मस्जिद बनाने के लिए नष्ट कर दिया गया था।
आपकी यह लेख अत्यंत महत्वपूर्ण है|
जय श्री राम🙏
अब सनातन अपने अस्तित्व की ओर लौट रहा है। लोगों को जागरूक करना बहुत ही आवश्यक है। आपका यह लेख बहुत ही सराहनीय है।
🌹ॐ नमः शिवाय 🙏
l000@
❤
Bohot badhiya Ram ji karpya bni rhe 🚩🚩
🚩 *जयश्रीराम*
🇮🇳 *जयश्रीकृष्ण*
🕉️ *हर हर महादेव*
Truly a modern day Rishi. Prodigious knowledge!
Sashtang pranams to Nileshji Oak!
🙏🙏🙏🙏🙏
Superb discussion Dixit ji. Thankyou. The references and intellectual rigor of Nileshji is spellbinding.
Understood less than 1% ,but feeling 100% blessed.
Drank a molecule from the ocean of Knowledge and wisdom that Nileshji offered.
Thank you Dixitji
You just made my day.
Nilesh ji ko 10 Saal se sunn Rahe hai...unka kaam in detail aur accurate hai. 😊
This is the first time I have heard about shri Niesh ji's research and knowledge and I am very surprised that how many such talks happen that we miss.. Sir, you are very knowledgeable and wise. I wish you continue to guide every generation in future too.
Jai Shri Ram.
Nilesh Ji has indepth knowledge. So much hardwork would have gone into building his knowledge
Naman
What a podcast! Watching with my son and daughter 😊
👍👍As it should be.
Well done Nilesh...but we need more about Andes mountains range and south America description of ramayan....this is fascinating that the history of Sanatan Dharma is way more older than what we think...🚩🔱🕉️
श्रद्धावान लाभते ज्ञानं - Geeta
The first video I saw on my new phone ❤❤❤❤❤❤
Podcasts like this made me a Jaipur Dialogues fan and subscriber some years ago ...
नीलेश जी को मैं संगम टॉक्स के समय से सुन रहा हूं। महाभारत रामायण में उनकी रिसर्च धार्मिक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तीनों कारणों से क्रांतिकारी और प्रभावी है। भारत के इतिहास को करीब पच्चीस हजार साल पीछे से देखने की जरूरत समझी जाने लगी है और धीरे धीरे पाश्चात्य और देशी लोग भी इस पर विश्वास जताने लगे हां। युवा वर्ग को भी लगने लगा है महाभारत रामायण महज कल्पनाएं नहीं है। भारत की साख बढ़ी है। नीलेश जी दीक्षित जी और जयपुर फैलेगी को साधुवाद। उनसे चर्चा की फिर इंतजार रहेगा।
I’m
Where is archaeology of 25000 years? Let us focus on facts not fiction
@@LearnEnglishEasy15there is lot of archeological evidence.. and yes we don’t have any issue with truth .. cross examine everything .. but remember Hinduism is the only sect on earth who are open to cross examination
Excellent analysis. All Indians will be forever indebted to Nikilesh Oak .
Mr Nileshji doing really amazing work
Thank you TJD team 🙏
Shraddha can be considered to be faith pending verification. It's the starting point in Shruti and reinforced through yukti & anubhava.
A very important and scintillating discussion.🙏
Highly indebted to Nilesh Oak ji 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Commendable that even Dr KS Narayanachar agreed with Shri Oak’s methodology. 🙏🙏🙏
Interviewer and Interviewee are both highly talented in their work. I have no words because to understand what they are saying, we must have an idea or basis of the things which they are discussing. Hats Off to Nilesh Sir and Sanjay Sir too.
It's about positions of stars and planets in galaxy .If you have it's knowledge ,you will know that the books stating the (varnan) discription of Shri Rams birth ..goes back 26 to 27 thousand years back because those descriptions match only those positions in the sky which were prominent only at that time that is 26000 years back
@DhimmiSantook I understood which topic they were talking about, but to understand it's base we must have which I personally do not have.
Jaypur dialgog ke madhyam se mujhe hamare desh,dharm,sanskriti lekar vividh visayo pe mera gyan me tezi se vridhi ho raha hai.
aur aaj Nilesh Oak jee ka baato dumdaar tark mujhe shandaar laga.
"जयपुर डायलॉग कि जय हो!
अशुर शक्तियों कि पराजय हो!
Bahut knowledge mila aap dono se aap ka dyanvad
Aap samjate ho ache se
map ke sat aur bhi explain kare to hame ache se samaj me aayega 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
Absolutely spellbound and overwhelmed! I'm fortunate to have listened to this horizon-broadening discourse🙏
नीलेश ओक जी को बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Thank you Nilesh ji, always love to your great work 👍
13:29 Dr. Raja Rammohan Roy is very jealous of Sri Nilesh Oak 😂! He created a fake account named Eka Sanatani to troll and abuse him 🤣
Mai bhi dekhi hu, unhe bohot mirchi lagi hai 😁
@Shristi_9969 😜
I didn't know that I'm that famous.
First time a video of more than 1hr seems very short.
So interesting and full of information.
Hope we get similar video with much more illustrative visuals.
We should really feel proud on our scriptures due to so extensive research done by people like Sh Nilesh Oak ji.
Nilesh Oak hats off to u man u have given platform to our next generation ..
Thank you Nilesh Oak ji for clarifying important aspects of your work.🙏
Thank you Dixit ji for providing your platform to spread this crucial knowledge to a large, intelligent audience. 🙏
Sanjay Ji aur Nilesh Ji ko Saadhuwaad 😊
Great Nilesh Oak sir
Bohot upayukt jankari mili. Sanjay Sir, aap bhi is vishay me details jante hain. Dhanyawad.
Jai Shree Raam 🙏🏽
Tysm sir❤❤
Jai Ho!!🚩Feel blessed to meet Shri Nilesh Oakji in Nashik🙏Jai Shri Ram🙏💮🚩
01:02:00 from here the Best Part of this Podcast. This is "Actual Intellectual Debate". Both the parties are showing their knowledge and putting their points forward with each other's respect in mind.
This is ❤❤❤❤
Thank you for such an enlightened and revealing discussion, yeh dil mange more
Jai shree Ram
I completely support Nilesh Oak Sir and Team TJD completely. I really hope all our sanatana dharma scholars can collaborate to come up with more powerful content together.
आदरणीय निलेश जी भारत के सच्चे रत्न है।
🙏🏻🌼🙏🏻
You were right sir, after you website, the second result was of Dr. Raja Ram Mohan Roy.
Nileshji aap ka sidhayanth bahut ahha hai.""Tapabhumi Narmada "" Grantha ki sath milta v hai🙏
Many congratulations to Nilesh ji for his untiring research on our civilizational history.
We need more people like him
Oak sir ki knowledge brilliant hai ❤🔥
Great discussion. Thank you to both.
I hv read both his books on Ramayana and Mahabharatha datings. Very scientific and I believe very close to truth.
Jai Shree Ram.
The best so far, Sadhuwaad to 🙏Nilesh Ji💐Sanjayji💐we could never get to learn about the greatest civilization of Sanatan Bharat Vedik kaal had it not been for Jaipur Dialogue💐
Fascinating. Nilesh Oak is so knowledgeable.Mr Dixit you have a very wide range of knowledge and it shows in your excellent interviews. Really enjoyed this.
नीलेशजी प्रणाम ❤
Guru Nilesh oak don’t worry you r the Hero’s of the Sanatanis getting us closer to our Bhagvan Ram
Such a lovely intellectual conversation Sanjayji proved he was a worthy participant in the discussion on this subject, his incisive questions brought out the best in Nilesh Oak.
Beautiful narration by Nilesh oak. 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Nilesh Oak ji lots of respect and admiration to you sir ❤
Great conversation. Thanks Sanjay ji and Nilesh ji
Sanjay ji I am greately thankful to you and the guru ji who have been elucidating the aeonian Bharat's great rulers when the other part of the world were still evolving to be humankind from primates.
Very thought provoking discussion on the dating of Ramayan. I wondered many times how the vanaras came into existence and are they really monkeys and evolved into a race with most of the attributes of human beings such as talking, reading, etc and if it’s evolutionary change did they evolved fully as humans at some point of time causing disappearance of that kind of race? Today through the explanation of Sri Nilesh Oak I could find the answer to my doubt. Actually they are human beings wearing monkey dresses with tails in pursuance their culture like the present day tribes ( aboriginals)in certain forest and hilly areas wearing different dresses unlike other human beings living in plains. The contrast he pointed out that why female monkeys didn’t have tails like males as can be seen in the case of Vaali and Sugriva wives who didn’t have tails is very interesting. This kind of explanation which is very scientific should shut the mouths of Ramayana critics. Thanks Nilesh ji. There are still many doubting Thomases who say the Ramayana and Mahabharat are purely imaginary stories and accordingly did not happen. The evidence that Nilesh ji presented from the very texts of Ramayana and Mahabharat on astronomical basis proves beyond doubt that they are not stories but occurred actually. Wonderful Nilesh ji. Wish Jaipur Dialogues bring out such intellectual discussions on our culture and heredity for the benefit of knowledge seekers. Thanks
Excellent video, thanks
Always something new learning with नीलेश
Respect and admiration for both of you ❤
Great research by Dr. Nilesh Oak sir ❤️
And great job by TJD for providing the free platform and opportunity to explain in details and responding his critics. ❤️🔥✌️
Such sweet jolly NileshJi
Bus sunte hi rho
JaiShreeRam 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
We need more such podcasts with Nileshji here on Jaipur dialogues, thank you and Pranam Sanjayji & Nileshji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री राम 🚩🚩
I read the books of Nilesh oak father also a famous historian P.N. Oak sabh.
TOO GOOD "SANJAY JEE" and "NILESH JEE"
Keep it up ... waiting to here your next video soon
God Bless You
Ati sundar, got attracted to JD because of such talks. Please keep on doing such discussions little more frequently. Your knowledge is very good on such subjects and so these discussions even become more meaningful.🙏
Please do some programs on the description of Ayodhya and other things
Great discussion. Hope to hear more from Nilesh ji
Dixit Sir, you are the soul if JD and we love you for it. Nilesh Ji, you are a gem!
Gurubyo namah!!! Appreciate duo for their relentless efforts for uplifting and spreading nuances / perennial aspects of Santana Dharma
So insightful! 👍🏻👍🏻👍🏻🙏🏻🙏🏻
Nilesh Sir
Sir is my guru of past knowledge..thank you sir for coming here and englighting us with your insights and knowledge
Two living legends at one frame.❤❤
Namaskar India and the world is proud of nileshji,s work.prsnam to both of for such grate discussion.jay Bharat.ja।
Jai shree Ram
में आप दोनो महानुभावों को प्रणाम करता हूँ। श्री निलेश जी को सुनने को कान तरस गए थे। आज आप को जयपुर डायलॉग पर देख कर गदगद हो गया हूं। दो विद्वान जब साथ बैठते हैं तो ज्ञान की गंगा में सनान हो रहा है। नीलेश जी ज्ञान और रिसर्च और एस्ट्रोनॉमिकल ज्ञान और डेटिंग अतिउत्तम है। जय हो।
Bahut Anand Aaya. Need to share link n put on what's app status for others.
jay shree siyaram
TJD shall organise a debate (a full day event) between Dr. Nilesh Oak sir and his critics namely Mishra ji, Vedvir Arya, Ramesh Rao and others and have a debate and settle this issue for good ✌️🔥
Fraud Nilesh Oak is only good to do name calling in podcast and Twitter. Call him for a debate, he will chicken out as he knows his dates are based on fudged data.
धन्य भाग्य 🙏
Jai shree sitaram
😢why cant we study these Rishi’s n such great scientists of different fields in our regular education system.
This is the most modern thing.
Nice episode 👍
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
Aap dono ke vartalap sunkar badi prasannata hui
ओम् श्री उमात्तया नमः - पवित्र आत्मा से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री कन्नी सुताय नमः - कुआँरी से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री दरिद्र नारायण नमः - हमारे लिये गरीब होने वाले हे
प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री विघिष्र्टिया नमः - सुंता होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री पंचघायम् नमः - अपने शरीर पर पाँच घाव धरनेवाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री वक्ष शल अरुथाया नमः- त्रिषूल जैसे दिखनेवाले वृक्ष पर स्वयं का बलिदान चढ़ाने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री मृत्युजंयम् नमः- मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो। ओम् श्री शिबिलिस्तया नमः - अपना माँस संन्तो को खाने के लिये देने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
Om Sri Umattaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of the Holy Spirit. Om Sri Kanni Sutaya Namah - Praise be to You, O Lord, born of a virgin. Om Sri Daridra Narayana Namah - Praise be to You, O Lord, who are poor for us. Om Sri Vighishrtiya Namah - Praise be to You, O Lord, who is Sunta. Om Sri Panchaghayam Namah - Praise be to You, O Lord, who holds five wounds on Your body. Om Sri Vaksha Shala Aruthaaya Namah: Praise be to You, O Lord, who offers Himself as a sacrifice on a tree that looks like a trident. Om Sri Mrityujamyam Namah- Praise be to You, O Lord, who has conquered death. Om Sri Shibilistaya Namah - Praise be to You, O Lord, who gives Your flesh to the saints to eat.
These 5 signs you get in 7th, 9th, and 10th Mandals.
Thanks!
great learning sir kudos to you both
Chitpavan Brahmin Oak ji really a Brahim as he spreads knowledge and wisdom
Thanks Dixitji for giving wonderful treat it's like 7 course meal for intellectuals
We are feeling proud for you Nilesh Sirji
Bit esoteric but a brilliant podcast!!! Thoroughly loved it!!!
As always I love to hear Nileshji.. learned some new things and building confidence on the timeline provided on Ramayan and Mahabharat 😊
Jai shree Ram 🙏
जय भारत जय श्री राम।।