बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि|संत कबीर दास जी के दोहे-58|Sant Kabir ke Dohe|
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- Опубліковано 23 сер 2024
- यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर ही उसे मुंह से बाहर आने देता है।
इसलिए ही कबीर दास जी ने कहा है-
बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।
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Video Name-बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि|संत कबीर दास जी के दोहे-58|Sant Kabir ke Dohe|
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