स्व+आ+हा =स्वाहा. इसका अर्थ- स्व= स्वयम, आत्म भाव । आ =आह्वान करना और फिर हा =समर्पित करना किसमें ? - अग्नि में । अग्नि क्या है ? - परम सत्ता का प्रतीक है । पूर्ण अर्थ हुआ = मैं 'स्व' भाव या 'आत्म भाव' को 'परम भाव' अथवा 'परम सत्ता' की भावना में आहूति देता हूँ, या अपने आप को समर्पित करता हूँ।
शूद्र=सेवक। शूद्र वेदानुसार कोई जाति नहीं है अपितु वह मनुष्य जो काफी प्रयास के बाद भी किसी भी विधा में पारंगत नहीं हो पाता वो शूद्र यानी सेवक वर्ण में आता है।। लेकिन शूद्र की संताने पड़लिख कर ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य वर्ण में जा सकती हैं। परन्तु वर्तमान जाति व्यवस्था में जिस जाति में पैदा हुआ वो मनुष्य उसी जाति का ही रहेगा।।।। ओ३म।।।।
Jinse स्वाहा का शाब्दिक अर्थ नहीं निकल रहा है उनके विषय में यह कैसे समझा जा सकता है कि इनको वेदों का अर्थ समझ आ गया है। अपने मन से कुछ भी बना लेते हैं।
झांसी की रानी देश के लिए नहीं लड़ी थी हमें इतिहास गलत पढ़ाया जाता है वह अपने राज्य के के लिए लड़ी थी और उन्हीं के जगह पर झलकारी बाई लड़ी उसे वीरांगना को बहुत कम लोग ही जानते हैं महारानी लक्ष्मी बाई की जगह लड़ते हुए उसने अपने प्राणों कीआहुति दी जय बुद्धि जयज्ञान
स्वामी जी को सत सत नमन और कोटि कोटि प्रणाम स्वामी जी बस एक ही बात अच्छे लगते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र कब बनेगा संविधान में कब घोषित होगा कि भारत हिंदू राष्ट्र है और मुस्लिम मुक्त भारत कब बनेगा भारत से अफगानिस्तान का टाइम बांग्लादेशी काटा पाकिस्तान काटा सब मुस्लिम राष्ट्र कम से कम भारत तो हिंदू राष्ट्र होना चाहिए संविधान में होना चाहिए
स्वामी जी नमस्ते जी मेरी दृष्टि में हवन में स्वाह इसलिए बोलते हैं। स्व: :_इस शरीर को प्राप्त करने के बाद पद प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद अहम अहंकार घमंड का आना स्वाभाविक है। अपने हवन में इसी अहम की आहुति दी जाती है।यह अहम अहंकार ही सद्गुरू रूपी पुरोहित भगवान का भोजन है।केवल भगवान ही इसका सेवन कर सकते हैं।
ऊं जयन्ति मगला काली भद्रकाली कपाल्नी दुर्गा क्षमा शिवाधात्रि स्वाहा स्वाधा नारायणि नमस्तुते हरि ऊं जी स्वाहा अर स्वाधा दोनो ही पराम्बा भगवती के नाम हैजी अति सुन्दरजी राधे राधे जी हरि ऊं जी
04:15 - " मेरे 'कुछ यज्ञ' से सम्बंधित प्रश्नों का उत्तर दीजिये " ?? ❌ ❌ ===> " .. यज्ञ से सम्बंधित, मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दीजिये " ✅✅ - " ... मेरे कुछ यज्ञ ...." ==>" ... कितने 'यज्ञ' हैं आपके " ???
स्वाहा की आपने जिस प्रकार व्याख्या की वह तार्किक नहीं लगी स्वामी जी।चलो मान लें वाह ठीक है किन्तु आह सही कैसे हुआ? शब्द तो आहा है जो प्रसन्नता के लिए भी प्रयुक्त होता है। और आपकी यह व्याख्या शास्त्र संगत भी नहीं लगी।।
Very Beautiful 🎉I agree 👍 Very good Programme 👍 I studied in Lucknow ❤Now we are in Nairobi 🎉we go to Arya Samaj Nairobi..I sing Bhajans in Arya Samaj ❤I 💘 love Music 🎶 ❤
स्वामी जी आप ईतने दिनों से भगवान का प्रचार करते हैं तो आप हमें भगवान के घर का रास्ता बताऐ जय भीम साथियों जय भीम राव अम्बेडकर साहब जय भारत जय समविधान जय हिंद ऊनमः बुद्ध नमःजय गुरू रावि दास नमः सत्य मेव जयते
परम पूज्य पातस्मरणीय श्री सच्चिदानंद स्वामी जी को, शत् शत् नमन करते हैं,,, विदेशी संस्कृति हमारी संस्कृति की तुलना में,,कुछ भी नहीं है,, फिर भी,,वे लोग,, हमसे महान है,, क्योंकि वे,हररोज छोटी मोटी बातों में,,, SORRY,,,,THANK YOU,,,,बार बार, कहते हैं,,और हमें अपनी निजी स्वार्थ इगो सकुचितता पुर्व ग्रह बीच में, रूकावटें डालते हैं,,,और,, विश्व युद्ध, के लिए तैयार हो जातें हैं,,,❤❤😂😂😂😂आपकी बात सही है, कि परम पूज्य पातस्मरणीय श्री सच्चिदानंद स्वामी जी,,,,❤❤❤❤😂😂 हाहाहाहाहा हरि ॐ ईन्शाअल्ला खुदा हाफ़िज़ हर-हर महादेव हर जय श्री राम जय द्वारकाधीश जय माताजी जय जगत,,,,,,
Jai shri ram ji
Swaha sudah namostute
वाह् बहुत शुंदर समजाया
ॐशच्चिदानन्दाय नम:।🇳🇵🇳🇵❤️❤️❤️
बहुत अच्छा लगा सत्संग गुरु जी।
ओउ्म् श्री सच्चिदानंद जी को सप्रेम नमस्कार हादिँक सम्मान बा अभिनंदन करता हूँ परमात्मा आप सभी को प्रफुल्लित रखें ओउ्म् ओउ्म् ओउ्म् ओउ्म् ओउ्म्
Wahh 😊🙏
Your very very right this video
🇮🇳🚩🕉️ 🪯 जय श्री भारत माता प्रणाम वन्देमातरम 🙏
स्वामी जी को शत शत नमन
अति उत्तम, श्री स्वामी जी ।
स्व+आ+हा =स्वाहा.
इसका अर्थ-
स्व= स्वयम, आत्म भाव ।
आ =आह्वान करना और फिर
हा =समर्पित करना
किसमें ? - अग्नि में ।
अग्नि क्या है ? - परम सत्ता का प्रतीक है ।
पूर्ण अर्थ हुआ = मैं 'स्व' भाव या 'आत्म भाव' को 'परम भाव' अथवा 'परम सत्ता' की भावना में आहूति देता हूँ, या अपने आप को समर्पित करता हूँ।
सही.बात
Proper absolutely 😂meaning
Whaaa❤
आपकी बात अक्षरसः सत्य है और मैं आपका समर्थन करता हूँ ।
EXCELLENT
शूद्र=सेवक। शूद्र वेदानुसार कोई जाति नहीं है अपितु वह मनुष्य जो काफी प्रयास के बाद भी किसी भी विधा में पारंगत नहीं हो पाता वो शूद्र यानी सेवक वर्ण में आता है।। लेकिन शूद्र की संताने पड़लिख कर ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य वर्ण में जा सकती हैं। परन्तु वर्तमान जाति व्यवस्था में जिस जाति में पैदा हुआ वो मनुष्य उसी जाति का ही रहेगा।।।। ओ३म।।।।
वाह स्वामी जी आपने बहुत अच्छे ढंगसे सरलता पूर्वक समझा दिया। मन को अच्छा लगा। जय श्री सीताराम🙏🙏 🌺🌹
🌺🙏🏼
🧘🏼
यही है सच्चा आत्मज्ञान ❤❤से आपका आभार
Jajy koi lootane ka dhndha nahi ,lekin jajy keranebal manushy koi mahatma nahi Hota hai , ye jov chdhawa Hota hai usake liye mara Mari Hota hai,
जय श्रीराम जय भारत जय सनातन
अग्निका स्वामी है स्वाहा ईष्लिए, हुम् कर्ते समए स्वाहा बाेला जाता है 🙏😮
સાદર નમસ્તેજી સ્વામીજી
Swamigi.appki..bath.bahut
He.ati.sunder.lage.is.
Prasang.ko.kese.vi.bakta.
Na.nahe.batia.appki.jai.ho
स्वामीजी ने बहुत ही शानदार बातें बताई है
Jinse स्वाहा का शाब्दिक अर्थ नहीं निकल रहा है उनके विषय में यह कैसे समझा जा सकता है कि इनको वेदों का अर्थ समझ आ गया है। अपने मन से कुछ भी बना लेते हैं।
नमस्कार धन्यवाद भारत में ऐसी गुरुओं की आवश्यकता है वैदिक धर्म की जय
Swamiji thankyou very much
.you told real meaning of Yajyà, cleared the dust & rust of doubts of the character of Lord Krishna
Jay jay sitaram
Very good Knowledge given my have Thanks
Very well Maharaj ji God Help you Excellent Speech Your By the Hindu Rashtriya Religion JI HIND JI BHARAT JI BIHAR R L M
Great sawami ji vah ji
Jai shree RUKAMANI KRISHAN ge
गुरु जी 🙏🙏🙏 को कोटि कोटि प्रणाम ❤❤❤❤❤
देश को आजादी दिलाने मैं झांसी की रानी की सबसे बड़ी भूमिका है
झांसी की रानी देश के लिए नहीं लड़ी थी हमें इतिहास गलत पढ़ाया जाता है वह अपने राज्य के के लिए लड़ी थी और उन्हीं के जगह पर झलकारी बाई लड़ी उसे वीरांगना को बहुत कम लोग ही जानते हैं महारानी लक्ष्मी बाई की जगह लड़ते हुए उसने अपने प्राणों कीआहुति दी जय बुद्धि जयज्ञान
@@PredeepKeshriqqqqqqqqqqq lo, s😊
@@PredeepKeshriaa0
Vah.
" मैं " ❌ ❌ ❌ ❌ ❌ ❌ ❌ ===> " में "
स्वामी जी,हमें इतनी गूढ बातें बताने के लिए धन्यवाद ! सादर प्रणाम!!
वाह! आपकी बानी दिल को चुभा दिया और स्वाहा का अर्थ भी जान गया।
प्रणाम गुरु देव
@@udayshankar1046 तत्त्वज्ञान बिना सारा ज्ञान अधूरा है
तत्त्वज्ञान में पूर्ण मोक्ष की जानकारी है जो तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही बता सकता है
बलतकारी कब से संत हो गया? पेगनेट ट्यूब का फैक्ट्री खोलने बोलना रामपाल को।@@jograjsingh3804
Exilent
Om swaha
स्वाहा का अर्थ अग्निका स्वाहा बाेला जाता है,🙏🕉️🕉️🙏🙏🙏
ॐ का ध्वज ऊंचा रहे वेद की ज्योति जलती रहे ❤❤❤ स्वामी जी को प्रणाम करते हैं
स्वामी जी प्रणाम।
❤ very nice 👍
स्वामी जी को शत् शत् नमन,,,,, सतीश कुमार आर्य,,, वैदिक पथ
स्वामी जी बहुत बहुत धन्यवाद
प्रणाम
स्वामी जी को सत सत नमन और कोटि कोटि प्रणाम स्वामी जी बस एक ही बात अच्छे लगते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र कब बनेगा संविधान में कब घोषित होगा कि भारत हिंदू राष्ट्र है और मुस्लिम मुक्त भारत कब बनेगा भारत से अफगानिस्तान का टाइम बांग्लादेशी काटा पाकिस्तान काटा सब मुस्लिम राष्ट्र कम से कम भारत तो हिंदू राष्ट्र होना चाहिए संविधान में होना चाहिए
पूरी वसुधा को अपना कुटुंब मानना चाहिए। माता भूमि पुत्रोअहम पृथिव्या।
एक गांव हिन्दू बनाकर दिखाओ
Maharaj ji ke charno me koti koti Pranam ❤❤❤❤❤❤❤
Thanks Ji,,,,,🙏🙏
Jai Radhe krishna,
स्वामी जी प्रणाम आपने बहुत अच्छी जानकारी दी स्वाहा के बारे में विस्तृत रूप से बताया
स्वामी जी नमस्ते जी
मेरी दृष्टि में हवन में स्वाह इसलिए बोलते हैं।
स्व: :_इस शरीर को प्राप्त करने के बाद पद प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद अहम अहंकार घमंड का आना स्वाभाविक है।
अपने हवन में इसी अहम की आहुति दी जाती है।यह अहम अहंकार ही सद्गुरू रूपी पुरोहित भगवान का भोजन है।केवल भगवान ही इसका सेवन कर सकते हैं।
Very good
व।ह व।ह स्वामी जी व।ह🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🚩🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति
लकड़ी में अग्नि है प्रणाम बिना रगड़ बिना मंत्र जप केदुधमेघीहैपरबिनाजावनकेदहीनहीऔरबिनामथैऐलवनानहीऔरबिनाआगमेपिघलायेनहीतबतकघीनहीउसीपकारसंतबिनाज्ञाननही
वहा वहा वहा बहुत-बहुत धन्यवाद धन्यवाद प्रेमचंद ग्वाला भीलवाडा
ऊं जयन्ति मगला काली भद्रकाली कपाल्नी दुर्गा क्षमा शिवाधात्रि स्वाहा स्वाधा नारायणि नमस्तुते हरि ऊं जी स्वाहा अर स्वाधा दोनो ही पराम्बा भगवती के नाम हैजी अति सुन्दरजी राधे राधे जी हरि ऊं जी
Jai hoooo Jai shree Rammmmmmm
🎉🎉
बहुत सुंदर है
ધન્યવાદ યજ્ઞ વિસે ધણુજાણવામળીયુ
सादर 🙏 श्रद्धेय स्वामी जी 🎉
।।जय श्री राधे कृष्णा,, स्वामी जी,,जय हो। सभी श्रद्धालुओं व भक्तों पर ईश्वर की कृपा द्रष्टि बनी रहे।जय श्री राधे राधे गुरु जी।।
Swami ge ko Prnam ge
नमस्ते स्वामी जी यह विषय परं उत्तम है, भगवन इस प्रकार की चर्चा किया करो इस से समाज का कल्याण हो गा, जयश्रीकृष्णः जयसत्य सनातन धर्म।जय आर्य।
वाह महाराज जी वाह
हिंदी शब्दकोश में स्वाहा का अर्थ त्वाहा(अग्नि से जलकर खाक होना) से है इसलिए आप को इतना समझाना पड रहा है।मन में शंका आप के भी है ।।
💯 sahi hai Jai Sri Ram Sita Ram Sita Ram Sita Ram
Bahut sunder Maharaj ji 🙏 pranam koti koti dhayan wad
सु वाह ❤ 🙏गुरूजी
सादर प्रणाम स्वाहा अग्नि की पत्नी का नाम है धन्यवाद
अति उत्तम जानकारी 🙏💐🙏
वाह, वाह
बहुत ही सुंदर
Om. Nmishivai
Wah shree man ji
धर्म का मूल धन है।
Swami Ji Ka bar bar dhanyvad ham sabhi ko chahie ki inki baat se Shiksha grahan Karen aur aur use per Amal Karen
स्वामी जी प्रेम से पणम ❤
Pranam guroo ji hindoo dharm
Sanatan kee jaankaari ka prachar kar rahe h
Pranam pranan
04:15 - " मेरे 'कुछ यज्ञ' से सम्बंधित प्रश्नों का उत्तर दीजिये " ?? ❌ ❌ ===> " .. यज्ञ से सम्बंधित, मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दीजिये " ✅✅
- " ... मेरे कुछ यज्ञ ...." ==>" ... कितने 'यज्ञ' हैं आपके " ???
बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी
Good night
❤
Jai shree Ram Gurudav ❤❤❤❤❤❤❤
।।जय श्री गुरुदेव जी।।
स्वाहा की आपने जिस प्रकार व्याख्या की वह तार्किक नहीं लगी स्वामी जी।चलो मान लें वाह ठीक है किन्तु आह सही कैसे हुआ? शब्द तो आहा है जो प्रसन्नता के लिए भी प्रयुक्त होता है। और आपकी यह व्याख्या शास्त्र संगत भी नहीं लगी।।
❤😂😂😮s
🎉🎉😢I😢 6:05 😊
6:19 6:25 😅
😊
6:54 7:03 😊
🙏
Vah
Ji ho
Good ge, I Lachhman From Mansa PB
वह सर जी आप बहुत अच्छा बोलते हैं हिंदुओं को पड़ती है उसकोसमझते
Very Beautiful 🎉I agree 👍 Very good Programme 👍 I studied in Lucknow ❤Now we are in Nairobi 🎉we go to Arya Samaj Nairobi..I sing Bhajans in Arya Samaj ❤I 💘 love Music 🎶 ❤
स्वाहा अग्नि का स्वामी है ईष्लिय ।स्वाहा बाेला जाताहै,।
🎇🎇🙏🙏😢
स्वामी जी आप ईतने दिनों से भगवान का प्रचार करते हैं तो आप हमें भगवान के घर का रास्ता बताऐ जय भीम साथियों जय भीम राव अम्बेडकर साहब जय भारत जय समविधान जय हिंद ऊनमः बुद्ध नमःजय गुरू रावि दास नमः सत्य मेव जयते
एकमात्र योग मार्ग है, नान्य पंथा: विद्यते$यनाय !
आर्य समाज जिन्दाबाद
वाहा ❤❤❤
Jai shree Ram.
परम पूज्य पातस्मरणीय श्री सच्चिदानंद स्वामी जी को, शत् शत् नमन करते हैं,,, विदेशी संस्कृति हमारी संस्कृति की तुलना में,,कुछ भी नहीं है,, फिर भी,,वे लोग,, हमसे महान है,, क्योंकि वे,हररोज छोटी मोटी बातों में,,, SORRY,,,,THANK YOU,,,,बार बार, कहते हैं,,और हमें अपनी निजी स्वार्थ इगो सकुचितता पुर्व ग्रह बीच में, रूकावटें डालते हैं,,,और,, विश्व युद्ध, के लिए तैयार हो जातें हैं,,,❤❤😂😂😂😂आपकी बात सही है, कि परम पूज्य पातस्मरणीय श्री सच्चिदानंद स्वामी जी,,,,❤❤❤❤😂😂 हाहाहाहाहा हरि ॐ ईन्शाअल्ला खुदा हाफ़िज़ हर-हर महादेव हर जय श्री राम जय द्वारकाधीश जय माताजी जय जगत,,,,,,
Wah ji wah 🙏🙏🚩🕉️🚩
जय श्री राम
Guru,ji,ram.ram.
सारगर्भित व्याख्यान ❤❤❤
वाह गुरूजी जय हो।।
Bahut Sundar pravachan
स्वामी जी स्वाह शब्द वास्तविक मनोभाव समझना है तो बाब सास गुरू नानक देव जी की वाणी की शरण में जाओ 🙏🌹
Hello🎉
Me heartily regards🙏🙏🙏
Whah bhai whah bhai thanks for your support❤
जय हो संत महात्मा जी ❤❤
❤
वाह❤❤