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मन जड़ है आत्मा चेतन है बहुत सुंदर प्रस्तुति केलिए धन्यवाद।
Sadar Charan sparsh Swami ji
Dhan nirankar Swami ji 🙏❤️💖
Swami ji sadar pranam
आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी 🙏🙏
स्वामी जी नमस्ते। बहुत बेहतरीन विश्लेषण। धन्यवाद।
Namaste swamiji 🎉🎉❤
स्वामी जी नमस्ते मन की शान्ति कैसे मिलती है बहुत सुंदर।
स्वामी जी को सादर नमस्ते। एक आर्य वाले भाई को साधुवाद।
सादर प्रणाम एवं आभार स्वामी जी
नमस्ते स्वामी जी
Namestey Swami ji bahut bahut abhar apkepravachn ke liye
बहुत ही ज्ञानवर्धक byakhyan धन्यवाद जी
Sadar namaste ji
आदरणीय नमस्ते स्वामी जी
Swami ji namaste
बहुत बहुत साधूवाद
Swami ji Maharaj Namaste. Bahut Sundar pravachan sun rahen hain
अच्छे जीवन के लिए इसका आचरण करना बहुत जरूरी है
🙏🧘♂️🇮🇳
🎉
❤❤ स्वामी जी सादर नमस्ते। स्वामी जी आपके प्रवचन सुनते ही रहे।फिर काम कोन करे।
పూజ స్వామీజీ నమస్తే
आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏
ओम् आनन्द ।ओम् न्यायकारी ।
Swamijenamaste
नमस्ते स्वामीजी🙏
Omomom❤❤❤🎉🎉🎉omomom
🙏🏻🕉🌹 सादर प्रणाम
आप में ध्यान की बहुत सरल विधि बताएं धन्यवाद
ओम नमस्ते .बढिया व्याख्यान.धन्यवाद
सादर नमस्ते आचार्य जी
नमस्ते आर्य जी
Swami ji aapka bahut bahut dhanyvad aapka pravachan bahut hi Achcha Laga
Namasteji swamiji dhanyabad om
इच्छाऐं और आवश्यकताऐं । इच्छाओं को आवश्यकता मत बनाईए।
Cxcx
Namaste 🙏🙏
Namaste swamiji
Atiuttam Atisunder
Omsanti
जय हो स्वामी जी
Namaste 🙏Swami ji
Swami Vivekanandjee ko sadar Naman
ओ३म् नमस्ते जी 🙏 बहुत अच्छा व्याख्यान
ज्ञान/ज्यान
🕉 🕉 ❤❤
ईश्वर को निराकार नहीं कह सकते है, क्यों कि उस का रूप नूरी है।संत गरीब दास जी महाराज ने तथा कबीर साहब जी ने बताया था।सत साहेब महाराज जी
🙏🙏
वैदिक त्रैतवाद का सिद्धान्त ।ईश्वर आत्मा (जीव)प्रकृति
Om
योग चीत्त बृती नीरोधह।चीत्त की बृतीको रोक देना योग है ।मनकी बिचारोको रोक देना योग है ।
कोही हमेशाके लीये नही रहता सीवाय ईश्वर के।
ईच्छा पुरा भएन भने मनलाई शान्त गर्न =केही छैन भनेर मनलाई शान्त गर्न सकिन्छ ।महर्षि पतञ्जलि को अष्टाङ योग ले यो सिकाउछ ।
जीस बस्तुमे आपको सुख दिखता है आपका मन वही जाता है ।आय्मा के ईच्छा के कारण मनको वो भगाता रहता है ।गीयर ~ऐक्सीलेटर ~ब्रेक ।
जो सच्चाई है उस्को अगर आप स्वीकार करेगे तो आपको दुख नही होगा ।
कोई बात नही ।केही छैन ।
Aise hi vicharon Wale vyaktitva Ko Arya Kahate Hain
3
मनकी शान्ती के लोये थोडासा ध्यान किजीये ईश्वरकी ।
जड बस्तुस्वयम क्रिया नही करती पर आत्मा करती है।जैसे दो कुत्ते के आगे रोटी फेक दिजीये वो झगडा करने लगेगा पर दो कार के आगे पेट्रोल रख दो वो झगडा नही करेगा ।
आदरणीय स्वामी जी एक प्रश्न है ?
om
Pujya Swamiji namaste
ओम
Namaste🙏 ji
मन जड़ है आत्मा चेतन है बहुत सुंदर प्रस्तुति केलिए धन्यवाद।
Sadar Charan sparsh Swami ji
Dhan nirankar Swami ji 🙏❤️💖
Swami ji sadar pranam
आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी 🙏🙏
स्वामी जी नमस्ते।
बहुत बेहतरीन विश्लेषण।
धन्यवाद।
Namaste swamiji 🎉🎉❤
स्वामी जी नमस्ते मन की शान्ति कैसे मिलती है बहुत सुंदर।
स्वामी जी को सादर नमस्ते। एक आर्य वाले भाई को साधुवाद।
सादर प्रणाम एवं आभार स्वामी जी
नमस्ते स्वामी जी
Namestey Swami ji bahut bahut abhar apkepravachn ke liye
बहुत ही ज्ञानवर्धक byakhyan धन्यवाद जी
Sadar namaste ji
आदरणीय नमस्ते स्वामी जी
Swami ji namaste
बहुत बहुत साधूवाद
Swami ji Maharaj Namaste. Bahut Sundar pravachan sun rahen hain
अच्छे जीवन के लिए इसका आचरण करना बहुत जरूरी है
🙏🧘♂️🇮🇳
🎉
❤❤ स्वामी जी सादर नमस्ते। स्वामी जी आपके प्रवचन सुनते ही रहे।फिर काम कोन करे।
పూజ స్వామీజీ నమస్తే
आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏
ओम् आनन्द ।
ओम् न्यायकारी ।
Swamijenamaste
नमस्ते स्वामीजी🙏
Omomom❤❤❤🎉🎉🎉omomom
🙏🏻🕉🌹 सादर प्रणाम
आप में ध्यान की बहुत सरल विधि बताएं धन्यवाद
ओम नमस्ते .बढिया व्याख्यान.धन्यवाद
सादर नमस्ते आचार्य जी
नमस्ते आर्य जी
Swami ji aapka bahut bahut dhanyvad aapka pravachan bahut hi Achcha Laga
Namasteji swamiji dhanyabad om
इच्छाऐं और आवश्यकताऐं । इच्छाओं को आवश्यकता मत बनाईए।
Cxcx
Namaste 🙏🙏
Namaste swamiji
Atiuttam
Atisunder
Omsanti
जय हो स्वामी जी
Namaste 🙏Swami ji
Swami Vivekanandjee ko sadar Naman
ओ३म् नमस्ते जी 🙏 बहुत अच्छा व्याख्यान
ज्ञान/ज्यान
🕉 🕉 ❤❤
ईश्वर को निराकार नहीं कह सकते है, क्यों कि उस का रूप नूरी है।संत गरीब दास जी महाराज ने तथा कबीर साहब जी ने बताया था।सत साहेब महाराज जी
🙏🙏
वैदिक त्रैतवाद का सिद्धान्त ।
ईश्वर
आत्मा (जीव)
प्रकृति
Om
योग चीत्त बृती नीरोधह।
चीत्त की बृतीको रोक देना योग है ।
मनकी बिचारोको रोक देना योग है ।
कोही हमेशाके लीये नही रहता सीवाय ईश्वर के।
ईच्छा पुरा भएन भने मनलाई शान्त गर्न =केही छैन भनेर मनलाई शान्त गर्न सकिन्छ ।
महर्षि पतञ्जलि को अष्टाङ योग ले यो सिकाउछ ।
जीस बस्तुमे आपको सुख दिखता है आपका मन वही जाता है ।
आय्मा के ईच्छा के कारण मनको वो भगाता रहता है ।
गीयर ~ऐक्सीलेटर ~ब्रेक ।
जो सच्चाई है उस्को अगर आप स्वीकार करेगे तो आपको दुख नही होगा ।
कोई बात नही ।
केही छैन ।
Aise hi vicharon Wale vyaktitva Ko Arya Kahate Hain
3
मनकी शान्ती के लोये थोडासा ध्यान किजीये ईश्वरकी ।
जड बस्तुस्वयम क्रिया नही करती पर आत्मा करती है।
जैसे दो कुत्ते के आगे रोटी फेक दिजीये वो झगडा करने लगेगा पर दो कार के आगे पेट्रोल रख दो वो झगडा नही करेगा ।
आदरणीय स्वामी जी एक प्रश्न है ?
om
Pujya Swamiji namaste
ओम
Namaste🙏 ji