LIVE - Shri Ram Katha by Avdheshanand Ji Maharaj - 13 April | Narela, Delhi | Day 5
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- Опубліковано 15 гру 2024
- Watch Day 5 of Shri Ram Katha by Avdheshanand Ji Maharaj From Narela, Delhi
9 to 15 April 2024
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जय सीताराम 🙏🏻🚩😊
Pranam Guru dev 🙏🙏🙏
पहला शब्द भेदी बाण श्री दशरथ जी ने प्रयोग किया, आज भी शब्दों के बाण आत्मा को सबसे ज्यादा घायल करते हैं।
राम बन चले गये। में श्री अयोध्या में रहुगा।
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम💐🙏
सबसे बड़े गुरु तो आप ही हैं।
परम पूज्य गुरु देव भगवान के श्री चरणों में सादर प्रणाम
में अवचेतन हूंॐकार।
में यहीं रहुंगी रहुंगा।🎉🎉🎉
विधि, श्री श्री १००८ अवधेशानंद जी। उस समय जब आप भरत जी बने थे। अभी अजर अमर रहने का समय है।
ये सब व्यवहार आज भी समाज में व्याप्त हैं।
चौदह श्री राम जी वाले।
यहीं पादुका तो श्री राम जी ने भेजीं हैं।
पादुका पुजन तो नौ देवियों का होना चाहिए। देखा श्री अयोध्या जी। एक भी अटैक नहीं
में तो जन-गण मन बनुंगा।
पूज्य गुरुदेव महाराज जी को सादर प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
में बात करता रहुंगा। आप हनुमानजी बन जायें सभी बानर।
कौशल युद्धाभ्यास।
चौहदें भवन।
Hari om guruvar maharj ji ke charno me mera sader parnam svikar kare guruvar
विधि, श्री श्री १००८ अवधेशानंद जी।
धरती चले जैसे रघुराई।
जननी जाई।
संग के कारण।
उल्टा नाम जपे।
पादुका पुजन तो नौ देवियों का होना चाहिए।
एहसास हो गया था।
श्री तुलसी बाबा ने आधी अधूरी लिखी हम सबको बुलाने के लिए।
जय श्री राम
महाकाल, श्री लक्ष्मण जी क्यों रहे थे महाकाल भी लड जाते हैं।
ठीक है।
श्री तुलसी बाबा ने आधी अधूरी लिखी हम सबको बुलाने के लिए। संगीतमय बनाने हेतु।
ये करुणा है।
तीनों।
फिर मंत्र दे दिया जाओ में जा नहीं रहा हुं, यहीं रहुगा, रात को आया करुंगा। आप गांव से बहार रहना, किसी को पता नहीं चलेगा।
अधर्म।
ये हम सब को भ्रमण में फसा रहे हैं। तीनों माताओं को भी विश्वास दिला दिया था, किसी को पता ही नहीं चलेगा। दोनों तरफ सूर्य दिखाई देगा। आप तीनों दिन में, भरत भैया रात में। लंका में बानर।
आप लेलो।
फिर भरत क्या लेने गये थे।
ये केवट भी नहीं है।
ग्लानि
मुझे कृतज्ञता अच्छी नहीं लगती।
शेष , फूं फां करता है।
हिन्दी मां के कारण। हिन्दी अनुवाद नहीं था।
मार मार कर अधमरा कर दिया है।
में भी मर जाऊंगी।
बाज की तरह उठा लेता है। सब खाओ
बाज की तरह उठा लेता है।
ये मेरा भारत है। ये मेरा भरत है।
Guru charno me mera sader parnam svikar kare guruvar maharj ji aap ki kirpa dristi bani rahe Hari Om
Hariom Swamiji prannam Swamiji
भव भय हरणम।