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श्री सदगुरू देव श्री अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने अपना सम्पूर्ण जीवन इन गाथाओं को सुनाते सुनाते निरन्तर जारी है। नमोस्तु नंनताय नमः।
श्री श्री परमपुजयनीय परमहंस परमानंद सद्गुरु वेदव्यास.................
ये शब्द हैं जो झंकृत करते हैं। यत कृपा त्वम हम वंदे। परमानंद माधवं।
जय गौ माता की महाराज जी 🙏 राधे राधे श्याम
आज जो व्याभिचार और अत्याचार बढ रहा, दुषित विचारों के कारण ही है। तस्मै श्री गुरुवे नमः। 🎉🎉🎉
ॐ हरि ॐ। ॐ नमो नारायणा। तस्मै श्री गुरुवे नमः।
श्री गुरु देवाय नमः।
चारों युगों में दो नाम सबसे पहले लिए जाते हैं। श्री गणेश जी और बलि राजा। श्री राम से बड़ा राम का नाम।
गुरु देव, श्री राम जी नाम में इतना बल है। कुछ कार्य सोचने से पहले ही पूर्ण हो जाते हैं।
हम मनुष्य के अलावा, हमारे आसपास जितने भी प्राणी हैं, वे सभी अवचेतन और चेतन मन रहते हैं। चेतन मन, पशु पक्षी आदि। अवचेतन सभी।
हम सब बहुत सौभाग्यशाली हैं। आज इंद्रप्रस्थ का उद्घाटन है।
गुरु देव, अशोक वृक्ष बन गया। आपकी कृपा मिल जाये तो, शुभ रात्रि। आप आज्ञा कर दें। 🎉🎉🎉
गुरु देव, विधि भी यही है। श्री सदगुरू जनों की और भगवान की भी।
पूज्य आदरणीय आचार्य जी को सादर प्रणाम
Guru charno me mera sader parnam svikar kare guruvar maharj ji aap ki kirpa dristi bani rahe 😊
उसके लिए, बहुत अच्छा श्रवण 🎉🎉🎉 बरगद से 🎉🎉
उसके लिए, बहुत अच्छा श्रवण 🎉🎉🎉
उस परमपिता परमात्मा ने हमको अपना माध्यम बनाकर यहां भेजा है।
इस शरीर में सत्य का उद्गम स्थल है।
श्री सदगुरू देव जी। यदि हम सत्य का अनुसरण ही करें तो मंत्र हमारा कहना मानते हैं।
गुरु देव, अशोक वृक्ष बन गया। आपकी कृपा मिल जाये तो, शुभ रात्रि।
इस शरीर में सत्य का उद्गम स्थल है। सत्यार्थ प्रकाश को कुछ भी शुद्ध ही चाहिए। अशुद्धता मान्य नहीं है। जैसे बदबू का एहसास होते हैं, नाक मुंह सिकोड़ना।
आंनद से आनन्द को पाया जा सकता है, बुद्ध भी में ही, श्री राम
,,🙏,ram ram ram ram ram,🙏🙏🙏🙏🙏
हम सब बहुत सौभाग्यशाली हैं।
जय श्री राम
श्री राम जी गति मिलती है। कालचक्र बढ़ता रहता है। समय भी श्री राम ही हैं।
आप बीमार नहीं होंगे, इसलिए, गुरु चाहिए। 🎉🎉🎉
Hari om prabhuji🙏🙏🙏🙏🙏 🌹🌹🌹🌹🌹❤❤❤❤❤
सहस्रनाम नाम से सहस्र कोटि हो गये हैं हम सब।
हम हमेशा एक ही थे, जब तक विचार मिलेगा।
एहसास 🎉🎉🎉
परम्परा से 🎉🎉🎉
मन चाहा संग मिल गया श्रषियौ और प्रकृति
हम श्रषियौ से आये हैं। 🎉🎉🎉
ये मेरा सौभाग्य है 🎉🎉🎉 आप भेद बता देंगे 🎉🎉🎉
हम सभी को अपनी कृपा का पात्र बनाएं।
श्री हनुमान जी ने पहचान लिया 🎉🎉🎉मत
श्री गणेश, 🎉🎉🎉
जो प्राणी सत्य से जुड़ जाता है, उसके सामने असत्य आते ही उसमें व्याकुलता पैदा होती है।
सभी व्रत आदि प्रक्रिया, शरीर शुद्धिकरण के लिए हैं। सबसे पहले मां अपर्णा ने व्रत रखकर अपने शरीर को शुद्ध किया। भगवान शिव के समदर्शी बनने के लिए।
🙏🏼🌹🙏🏼हमारे गुरूदेव अपने संस्कार, आचरण के द्वारा ही सबको अपनी ओर खींच लेतें हैं🌹🌹 आशीर्वाद दे 🙏🏼🌹
चारों तरफ से 🎉🎉
श्री राम जी गति मिलती है। कालचक्र बढ़ता रहता है।
गुरु देव, श्री सूर्य देव मोहनिशा से कहते हैं। जाने दो, जाने दो, मुझे जाना है। वायदा जो किया है वह निभाना।
मैह लागी, लगन, हरियाणा 🎉🎉🎉
वेदों के शुद्ध निर्माण के लिए।
इच्छा, जाग्रत होती है। 🎉🎉
भबरे ने खिलाया फूल, फूल 🎉🎉🎉
सत्यार्थ प्रकाश।
इन सबसे ही अहम् बनता है।
जय सियाराम ❤
मन से मन को बोलिए 🎉🎉🎉
🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼जय श्री राम🙏🏹 जय श्री गुरूदेव🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🏻
27:00 🔖
वेदों के शुद्ध निर्माण के लिए। पहले असत्य को लिखा गया। उसी का प्रसार हो गया। कालगति। समय।
चलते, रहना। 🎉🎉🎉
वेदों के शुद्ध निर्माण के लिए। पहले असत्य को लिखा गया। उसी का प्रसार हो गया। कालगति। समय। पिंढियों की सीढ़ियां बनाने हेतु।
Jai Jai gurudev
सबसे पहले, उन्होंने, अहंकार में कहा, हम अच्छा बनायेंगे।
जैसा, आप , कहेंगे।
सभी व्रत आदि प्रक्रिया, शरीर शुद्धिकरण के लिए हैं। सबसे पहले मां अपर्णा
तीनों, 🎉🎉🎉
ये बहुत बड़ी बात है,
ये न🎉🎉🎉
बोधगया।
हम दिव्य पुरुष हैं
चलते, रहना। 🎉🎉🎉, चक्षू
बाबा ने कहा, श्री गणेश जी ने लिखा।
वातावरण बनता है
पतन। दूसरों के आगे हाथ फैलाएं। मांगन में चला।
बोध से बुद्ध बनते हैं।
13:40🔖
सम्पूर्ण शरीर का शुद्धिकरण है।
गुरु कूल
जय सीताराम 🙏🚩😊
द्वापर युग में तैंतीस करोड़ थे। आज कम से कम अस्सी करोड़ हो गये हैं। चौरासी करोड़ होने के करीब पहुंच चुके हैं।
हम गणेश जी से आये हैं, ॽ
हमारे, पुर्वजों से है
जब जब बच्चे को भूख लगती है, मां को पुकारता हैं।
तुम हमको, परेशान करोंगे , हम उनको, 🎉🎉🎉
प्रत्यक्ष हैं
🎉🎉🎉🎉
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
संवाद संघर्षण का।
मंथन से उत्पन्न हुई गाय, हमसे ही कहतीं हैं माॅं।
असत्य के बहुत ज्यादा प्रचार प्रसार के कारण आसान तो नहीं है लेकिन सम्भव है।
हमारी तरफ, गुरु होंगे
करके दिखाना 🎉🎉🎉
फिर एक दुसरे के पुरक।
क्योंकि गौ धन नहीं है।
जठराग्नि ब्रह्म ही तो है। शरीर में खाता कौन है।
छलांग तो सिर्फ, बंदर और लंगूर ही लगाकार चढ़ते हैं।
एक राजा को कामधेनु से ही तो ईर्ष्या हुई थी।
अट्टालिकाओं पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां चाहिए।
गाय यही तो कहतीं हैं हम से माॅं।
अंकुरित करने के लिए। किसी भी बीज को गलना पड़ता है।
ये,🎉🎉🎉आप बताते तो हैं,
उच्चिठित। ऊपर की ओर उठिए।
टेलर
श्री सदगुरू देव श्री अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने अपना सम्पूर्ण जीवन इन गाथाओं को सुनाते सुनाते निरन्तर जारी है। नमोस्तु नंनताय नमः।
श्री श्री परमपुजयनीय परमहंस परमानंद सद्गुरु वेदव्यास.................
ये शब्द हैं जो झंकृत करते हैं। यत कृपा त्वम हम वंदे। परमानंद माधवं।
जय गौ माता की महाराज जी 🙏 राधे राधे श्याम
आज जो व्याभिचार और अत्याचार बढ रहा, दुषित विचारों के कारण ही है। तस्मै श्री गुरुवे नमः। 🎉🎉🎉
ॐ हरि ॐ। ॐ नमो नारायणा। तस्मै श्री गुरुवे नमः।
श्री गुरु देवाय नमः।
चारों युगों में दो नाम सबसे पहले लिए जाते हैं। श्री गणेश जी और बलि राजा। श्री राम से बड़ा राम का नाम।
गुरु देव, श्री राम जी नाम में इतना बल है। कुछ कार्य सोचने से पहले ही पूर्ण हो जाते हैं।
हम मनुष्य के अलावा, हमारे आसपास जितने भी प्राणी हैं, वे सभी अवचेतन और चेतन मन रहते हैं। चेतन मन, पशु पक्षी आदि। अवचेतन सभी।
हम सब बहुत सौभाग्यशाली हैं। आज इंद्रप्रस्थ का उद्घाटन है।
गुरु देव, अशोक वृक्ष बन गया। आपकी कृपा मिल जाये तो, शुभ रात्रि। आप आज्ञा कर दें। 🎉🎉🎉
गुरु देव, विधि भी यही है। श्री सदगुरू जनों की और भगवान की भी।
पूज्य आदरणीय आचार्य जी को सादर प्रणाम
Guru charno me mera sader parnam svikar kare guruvar maharj ji aap ki kirpa dristi bani rahe 😊
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उस परमपिता परमात्मा ने हमको अपना माध्यम बनाकर यहां भेजा है।
इस शरीर में सत्य का उद्गम स्थल है।
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गुरु देव, अशोक वृक्ष बन गया। आपकी कृपा मिल जाये तो, शुभ रात्रि।
इस शरीर में सत्य का उद्गम स्थल है। सत्यार्थ प्रकाश को कुछ भी शुद्ध ही चाहिए। अशुद्धता मान्य नहीं है। जैसे बदबू का एहसास होते हैं, नाक मुंह सिकोड़ना।
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श्री गणेश, 🎉🎉🎉
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🙏🏼🌹🙏🏼हमारे गुरूदेव अपने संस्कार, आचरण के द्वारा ही सबको अपनी ओर खींच लेतें हैं🌹🌹 आशीर्वाद दे 🙏🏼🌹
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🙏🏻
27:00 🔖
वेदों के शुद्ध निर्माण के लिए। पहले असत्य को लिखा गया। उसी का प्रसार हो गया। कालगति। समय।
चलते, रहना। 🎉🎉🎉
वेदों के शुद्ध निर्माण के लिए। पहले असत्य को लिखा गया। उसी का प्रसार हो गया। कालगति। समय। पिंढियों की सीढ़ियां बनाने हेतु।
Jai Jai gurudev
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जैसा, आप , कहेंगे।
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13:40🔖
सम्पूर्ण शरीर का शुद्धिकरण है।
गुरु कूल
जय सीताराम 🙏🚩😊
द्वापर युग में तैंतीस करोड़ थे। आज कम से कम अस्सी करोड़ हो गये हैं। चौरासी करोड़ होने के करीब पहुंच चुके हैं।
हम गणेश जी से आये हैं, ॽ
हमारे, पुर्वजों से है
जब जब बच्चे को भूख लगती है, मां को पुकारता हैं।
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मंथन से उत्पन्न हुई गाय, हमसे ही कहतीं हैं माॅं।
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