संतन को कहा सीकरी सों काम? आवत जात पनहियाँ टूटी, बिसरि गयो हरि नाम।। जिनको मुख देखे दुख उपजत, तिनको करिबे परी सलाम।। कुभंनदास लाल गिरिधर बिनु, और सबै बेकाम।। 🙏
मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण धन मैं ज्ञान धन को ही मानता हूं। और आपने पता नही हमारे जैसे कितनों के ज्ञानवर्धन मैं सहयोग करा है। आपका सदैव आभारी रहूंगा गुरूजी ❤️।।
Duniya mein hoon, duniya ka talabgaar nahi hu..... Bazaar se guzra hoon, magar khariddaar nahi hu........ Ati sundar......... Saadhu Saadhu Saadhu........
🙏🌹 ॐ शिव गौरक्ष जय शिव गौरक्ष 🌹🙏 हे मेरे नाथ में आपको कभी ना भूलूं 🌹🙏 हे गुरुदेव प्रणाम गुरु जी हम गृहस्थ जीवन में फसे हुए है काम धंधा नौकरी की चाहना ना करे तो जीवन का निर्वाह कैसे करेंगे हां जी जो भाग्य से मिला संतोष जरूर रखते हैं 🌹🙏
Yahi baat kai dharm guru dusri vaani aur shabdo me bolte hai par unpe trust nhi hota...pr Sinha sir ki bato me saralta hai..aur vaani me sachai hai... thankyou for uploading
@@RahulSharma-wt1vy unko mai 2 salo se sunta aa rha hu. Mujhe ye topic disattach par tha esliye present situation ko dekhte huye hme rahat mila, aap jante hi honge ki aaj kal sadiyo ka season chal rha hai.
This is the modern kind of Upanishad whoever carefully listens and contemplate and practicality applies in life can liberate himself in this Life only . Thanks.
Pranam Gurudev and Vikash ji. 1-3 parts of this episodes have essence of Astavekra Gita. I read many commentaries but couldn’t understand it but Gurudev explained it very simple way. The best part was that you did not ask any questions in the conversation and the nectar was dripping down from his mouth without interruption. I am in New York City and eagerly await episode of Gurudev to listen. 🌺👏
vikasji aap ke question vo hain jo mein khud bhi nahin pooch sakta . aapke guruji ke saath rehne se bahut hi accha question answer ka environment banta hai. bahut bahut sadhuvaad
आपका सादर चरंण स्पर्श आप अनमोल हैं। मैने तकनीकि से पढाई की है। फिर भी मेरा मन दर्शन की ओर ही आकर्षित होता रहता है। हाल ही में आपके चैनल का सजेशन मिला तब से लग रहा है दिशा मिल गई है । अभी मैं खाना बना रहा हूं और विटगेस्टीन के चौथे भाग को सुन रहा हूं। About Tractatus.
बारंबार नमन 🙏🙏🙏 गुरुजी का एक अच्छा सरल व्यंग्य गंभीरता के साथ हंसने को भी अनानंदित करता है अंग्रेजों की गुलामी का किस्सा क्या गजब कहा 😂 ! कबीर ने सच कहा मन लागा मोरा यार फकिरी में ❤
🚩|| ॐ श्री गंगाई नाथाय नमः ||🚩 ■ समर्थ सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग की दिव्य वाणी में मंत्र दीक्षा घर बैठे द्वारा कुण्डलिनी जागरण ■ सिद्ध योग (ध्यान) ■ स्वचालित योग (ऑटोमेटिक योग) ■ पूर्णतः निशुल्क सिद्ध योग (ध्यान) से निम्न परिवर्तन - ● सभी प्रकार के साध्य - असाध्य रोगों से पूर्ण मुक्ति सम्भव। ● सभी प्रकार के नशों से पूर्ण मुक्ति संभव। ● विद्यार्थियों की स्मरणशक्ति व एकाग्रता में अभूतपूर्व वृद्धि। ● आध्यात्मिकता के पूर्ण ज्ञान के साथ भूत , वर्तमान एवं भविष्य की घटनाओं को ध्यान के दौरान प्रत्यक्ष देखना और सुनना। ● गृहस्थ जीवन में रहते हुए 'भोग' व 'मोक्ष' दोनों तत्त्वों की सहज प्राप्ति। ● ईश्वर की प्रत्यक्षानुभूति व साक्षात्कार। ● संपूर्ण मानव जाति का दिव्य रूपांतरण। ● आर्थिक , पारिवारिक , सामाजिक व व्यावसायिक परेशानियों से छुटकारा संभव। ■ ध्यान की विधि - ● आरामदायक स्थिति में बैठकर 2 मिनिट के लिए खुली आँखों से गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग के चित्र को एकाग्रता से देखें व ध्यान स्थिर करने हेतु गुरुदेव से करुण प्रार्थना करें। ● अब आँखें बंद करके दोनों भौहों के बीच आज्ञाचक्र पर ( जहाँ तिलक या बिंदी लगाते हैं ) गुरुदेव के चित्र को याद करके मन ही मन ( बिना होंठ - जीभ हिलाए ) 'संजीवनी मंत्र' का 15 मिनिट तक निरन्तर मानसिक जाप करते रहे , इस दौरान अपनी आँखें बंद रखें। ● ध्यान के दौरान किसी भी प्रकार की यौगिक क्रिया ( आसन , बंध , मुद्रा व प्राणायाम आदि ) अथवा विशेष अनुभूति होने पर उन्हें रोकने का प्रयास न करें व उन्हें सहज में होने दें। ● ये यौगिक क्रियाएँ तन - मन व आत्मा की शुद्धि के लिए मातृशक्ति कुण्डलिनी स्वयं अपने नियंत्रण में करवाती है। ● रोजाना सुबह - शाम 15 मिनिट खाली पेट ध्यान करें। ● 'संजीवनी मंत्र' का मन ही मन यथासंभव दिनभर जाप करते रहें। अपने कष्टों से मुक्ति एवं आध्यात्मिक प्रगति के लिए पूज्य सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग से अंतर्मन प्रार्थना आवश्य करें। ________________ ★ गुरुदेव की दिव्य आवाज में ' संजीवनी मंत्र ' सुनने हेतु कॉल करें - 8010882288 Sanjeeveni mantra sidhyoga ua-cam.com/video/YBraoSGcCIY/v-deo.html __________________________ ■ visit for more details at ◾Website - www.gurusiyag.org Guru siyag's yoga online deeksha program session ua-cam.com/video/wfGjfThIkBE/v-deo.html
आप साक्षात गुरु वृहस्पति हैं, आप के महा प्रस्थान से चिंतन जगत रिक्त हो गया।विषय को इतनी सरलता से वही प्रस्तुत कर सकता है जिसकी अंतर्दृष्टि अथाह हो।भावभीनी श्रद्धांजलि।
Chitta ek jagah tahar kar soonya bhaw m jena lagata , maan bahut si baato ko soon kar vichaar k record kar maan maan ko illusion m rak kar ahankar ko chupa kar jeeta h
गुरु जी प्रणाम 🙏 *उच्च कोटि के ज्ञान का अति सरल भाषा में मार्गदर्शन देने के लिए अनंत कोटि धन्यवाद...* _इस मार्गदर्शन के लिए निमित्त बनने वाली पूरी टीम का भी बहुत बहुत धन्यवाद 🙏_
HINDUSTAMIYON KO apne Swabhan ko Girana Nanhi Chahiye chahe wo koibhi ho......Mugal , Engrage, Secular Neta.........🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌍🌎🌏 Kai ho guruji🙏🙏🙏🙏
Guru ji namaskar I am dr sardari Lal DIG BSF retd from jammu i am regularly listening ur lectures on various religious topics to keep myself abreast with the religious philosophy. The clarity, understanding indepth insight about the subject matter which u have there is no any comparison on this plant. I feel intoxicated but thirst is more n more for gathering knowledge on religious n non religious matters. The way u explain the subject a layman can understand the essence. I definitely want to meet u in person but due to knee replacement surgery of both knee joints not able to undertake long journey Regards
मैं तो एक मूर्ख हूं और मैं सिंहा जी का कोई आलोचना या परसंसा करने के काबिल कभी होगी nhi सकता लेकिन इतना समझ आता ही की सिंहा जी महान ज्ञान और गुण के भंडार है इनका कोई तुलना नहीं किया जा सकता इनको मैं कोटि कोटि नमन करता हु........ में मूर्ख के साथ साथ एक गोड और ज्ञान का खोजी हु और सिंहा जी द्वारा ये बात की गई की लाभ हानि ईश्वर के हाथ है इसी बात का मै खोज और निराकरण करना चाहता हु जैसे एक चौपाई hy तुलसी दास जी के राम चरित मानस का.......सुनहु भरत भावी प्रबल विल्ख कहे मुनि नाथ हानि लाभ जीवन मरण जस अपजास विधि हाथ इसका अर्थ दुनिया ये लगाती है की विधि हाथ का मतलब विधाता के हाथ यानी भगवान के हाथ लेकिन मैं इसका ये मतलब लगाता हु की विधि मतलब विधाता नही विधि मतलब नियम नियम के हाथ ये सारी चीजे नियम के कायदो के हाथो है विधि मतलब विधाता नही विधि मतलब नियम कानून कायदा होता है जैसे विधान सभा विधेयक विधायक जैसे शब्द प्रचलन में आते है नियम कानून भी भगवान ही है भगवान द्वारा ही बनाया गया माना जाना चाहिए पर नियमो का पालन मुझे करना है अति सावधानी पूर्वक तो मेरा ये खोज या सोच ही विधि मतलब नियम सयम आचरण के आधीन है लाभ हानि जीवन और यहां तक की मरण यानी मृत्यु भी विधि के ही हाथो है तभी हम सही मार्ग सही फलाफल प्राप्त कर सकते है आप मान लो अपने ने दुकान खोला लाखो लाख लगा कर बड़ा से बड़ा भूत ही बढ़िया दुकान या मॉल ही खोला बड़े उत्साह के साथ बहुत कुछ उम्मीद के साथ और अब आप उस दुकान को मनमाना तरीके के साथ कभी दिन के बारह बजे खोलते कभी साम को छह बजे खोलते कभी सुबह छह बजे ही खोलते है अपनी दुकान को यानी जब मर्जी जब फुरसत मिला खोल लिए या मर्जी नुसार बंद किए कोई पंचुअल टाइम या कोई नियम समय का नही ही मनमौजी है अपनी चीज है जब मर्जी खोले जब मर्जी बंद किए तो क्या ये दुकान चल पाएगी!?????नही क्यों की लोगो की सोच ये होगी की पता nhi khuli मिलेगी या नही कोन इतनी दूर जाय छोड़ो क्या भरोसा hy खुली भी ही या बंद है हालाकि की आप की दुकान सहर में सबसे बड़ी और बढ़िया है लोग आना भी चाहते है आकर्षण भी है लोगो में लेकिन बस एक ही भरोसे की कमी है की पता नही खुली भी है या बंद है !! तो यही है नियम का मतलब इसी प्रकार से जीवन और मृत्यु पर भी लागू होता है या होना चाहिए तो कुल मिलाकर यही अर्थ निकलता है की...... हानि लाभ जीवन मरण विधाता के हाथ तो बाद में होगी लेकिन सबसे पहले आपके अपने हाथ है तो विधि मतलब नियम कानून विधेयक विधान वैसे तो सब कुछ विधाता के हाथो और मर्जी पर है पर सबसे पहले आपके अपने जीवन का पतवार आप पर है उसके बाद विधाता है !!
Jo organiser/host hain.. unhone bohot mehnat karke Sir ki knowledge record karne ka bida uthaya!! Bohot thank you!!
55llL
Thanks
0
Yes 🙌🏼
@@vinodchhabra8020 out O9OŪp oooo nice👏👏👏 to 👏one point Uuuuppuupuuuuuupupup I yup yup 9oooooooooopppo
😂😂
अति सुन्दर..अति सुन्दर..सादर प्रणाम, नमन गुरु जी...
चाह गई चिंता गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए...वे ही "शहंशाह"....
🌸🙏
असली ज्ञान ही ज्ञान है जिसे दादा जी समझा रहे हैं धन्यबाद।
How do you know that this gyan is asli sir ? Have you had a direct experience or you just like the explanations forwarded by Guruji?
गुरुदेव आपका ज्ञान समुद्र के समान अनन्त है आपको सत सत नमन 🙏❤️
साधु साधु साधु अति उत्तम सत संग
यही है सनातन धर्म का वास्तविक सन्देश ।
संतन को कहा सीकरी सों काम?
आवत जात पनहियाँ टूटी, बिसरि गयो हरि नाम।।
जिनको मुख देखे दुख उपजत, तिनको करिबे परी सलाम।।
कुभंनदास लाल गिरिधर बिनु, और सबै बेकाम।।
🙏
Love ❤ from Kathmandu 👏 guru.
मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण धन मैं ज्ञान धन को ही मानता हूं। और आपने पता नही हमारे जैसे कितनों के ज्ञानवर्धन मैं सहयोग करा है। आपका सदैव आभारी रहूंगा गुरूजी ❤️।।
हमारे भाग्य जो आपकी वाणी सुनकर जीवन धन्य हो गया प्रणाम गुरूजी
आदरणीय डा. सिन्हा जी को उनकी विद्वत्ता के लिए शत शत नमन.
Pl
Duniya mein hoon, duniya ka talabgaar nahi hu.....
Bazaar se guzra hoon, magar khariddaar nahi hu........
Ati sundar.........
Saadhu Saadhu Saadhu........
पत्रकार जी आप के विडियोज महान् हैं। आप के विडियोज सुनने मात्र से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।
Kalyug me aap jaise bhakto ki marg darshan hi ek matra jiban ka lakshy hai .
Hare Krishna apke darshan pake acha laga
Hare Krishna hare Krishna
मेरे को बहुत से ग्रंथो का ज्ञान आपकी अमृत वाणी में देखने को मिलता हैं कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏
🙏🌹 ॐ शिव गौरक्ष जय शिव गौरक्ष 🌹🙏 हे मेरे नाथ में आपको कभी ना भूलूं 🌹🙏 हे गुरुदेव प्रणाम गुरु जी हम गृहस्थ जीवन में फसे हुए है काम धंधा नौकरी की चाहना ना करे तो जीवन का निर्वाह कैसे करेंगे हां जी जो भाग्य से मिला संतोष जरूर रखते हैं 🌹🙏
Pranam in Mahaan Guru ko.
Gyan, bhakti, or samarpan apko mahapurush, yug purush bana sakta h. Dr. H.s. Sinha ji aap aap dhany h. 💐
सभी व्यक्ति को अपने इच्छा अनुसार ही चलना चाहिए
क्योंकि ह्रदय में प्रभू का वास होता है
महान व्यक्तित्व👌👌👍
thanks ASHOK ji
कर्मफल सिद्धांत हर जगह कार्य करता है !
सादर प्रणाम🙏
आनंदित करने वाली कथा......
चरणों में मेरा नमन
ISLAM ki jo tarif kare SAmjhna woh Dhookebaj hain
Gurudev aapko pranam🙏. Aapne adbhut gyan dia hai humlogo ko.
Yahi baat kai dharm guru dusri vaani aur shabdo me bolte hai par unpe trust nhi hota...pr Sinha sir ki bato me saralta hai..aur vaani me sachai hai... thankyou for uploading
🙏🙏 shat shat naman🙏🙏
आपको कितना ज्ञान है इसका अनुभव करना समंदर के समान है गुरुजी 🙏🙏🙏🙏🙏
Radhe
इस उच्चकोटि की विद्वता के लिए हृदय से आभार। यह भी एक प्रकार की श्रेष्ठ समाजसेवा है जी। जय हो।
Very good medetitation
मेरे अन्दर जो भी conflict था वो आपको सुनकर दूर हो गया, मेरे अंदर की बेचैनी शांत हो गया।
धन्यवाद..।।।
Aachrya Prashant jee ko v sune
@@RahulSharma-wt1vy unko mai 2 salo se sunta aa rha hu.
Mujhe ye topic disattach par tha esliye present situation ko dekhte huye hme rahat mila, aap jante hi honge ki aaj kal sadiyo ka season chal rha hai.
@@babla3856 ok bhai
One of the most intellectual person I've ever seen.
This is the modern kind of Upanishad whoever carefully listens and contemplate and practicality applies in life can liberate himself in this Life only . Thanks.
न बंधो न अस्थि न मोक्षो न अस्थि।।
धन्यवाद, गुरुजी।
जय हो प्रभु 🙏🙏
चाह गई चिंता गई मनुवा बेपरवाह, जिनको कछु न चाहिए वो तो शाहन के भी शाह |
Pranam Gurudev and Vikash ji.
1-3 parts of this episodes have essence of Astavekra Gita. I read many commentaries but couldn’t understand it but Gurudev explained it very simple way.
The best part was that you did not ask any questions in the conversation and the nectar was dripping down from his mouth without interruption.
I am in New York City and eagerly await episode of Gurudev to listen. 🌺👏
Sir I think u would be an eye witness of how people rush for getting false pleasure restlessly in the city ..
vikasji aap ke question vo hain jo mein khud bhi nahin pooch sakta . aapke guruji ke saath rehne se bahut hi accha question answer ka environment banta hai.
bahut bahut sadhuvaad
आपका सादर चरंण स्पर्श
आप अनमोल हैं।
मैने तकनीकि से पढाई की है। फिर भी मेरा मन दर्शन की ओर ही आकर्षित होता रहता है। हाल ही में आपके चैनल का सजेशन मिला तब से लग रहा है दिशा मिल गई है ।
अभी मैं खाना बना रहा हूं और विटगेस्टीन के चौथे भाग को सुन रहा हूं। About Tractatus.
Krishna ne Arjun ko Santosh rakhane ko kahaa ya yuddha karane ko? Spashta kar payenge please?
आपके ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम गुरुजी
गुरु जी धन्य हो।इतना ज्ञान आज के दिन बहुत ही मुश्किल मिलेगा।आपको और आपके श्री गुरुदेव को मैं कोटि कोटि प्रणाम स्वीकार करें गुरु जी।जय हो जय हो
प्रवचन सुनाने वाले के साथ- साथ सुनने वाला भी कितना महान है जो तनमय होकर सुन रहा है !!!!!
EXCELLENT INTERVIEW EXPLAINING REAL SPIRITUALITY
Koti koti Naman guru ke charno me
सहज, सरल अभिव्यक्ति के लिए आभार , सादर प्रणाम,
अद्भुत व्याख्यान!
धन्यवाद देवगुरु ❗️
🌺🙏🏼🌺
अष्टाविंशतिमेव गीता में कुछ विशेष रस था।
गोधन, गज-धन, बाजि-धन, और रतन धन-खान। जब आवे संतोष-धन, सब धन धूरि समान।
🙏
बारंबार नमन 🙏🙏🙏 गुरुजी का एक अच्छा सरल व्यंग्य गंभीरता के साथ हंसने को भी अनानंदित करता है अंग्रेजों की गुलामी का किस्सा क्या गजब कहा 😂 ! कबीर ने सच कहा मन लागा मोरा यार फकिरी में ❤
Pranaam guru Ji..... Naman h apko
Jahan chah hogi vahan atma ka patan hoga,,, wah🙂🙏🙏👍
हानि लाभ, जीवन मरण, यश अपयश, विधि हाथ 🙏
The guy sitting with this grand old man is so blessed:)
🙏🙏🙏
गुरु जी को शत् शत् नमन करती हूँ|
Guruvaar Pranaam 🙏🏻
🚩|| ॐ श्री गंगाई नाथाय नमः ||🚩
■ समर्थ सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग की दिव्य वाणी में मंत्र दीक्षा घर बैठे द्वारा कुण्डलिनी जागरण
■ सिद्ध योग (ध्यान)
■ स्वचालित योग (ऑटोमेटिक योग)
■ पूर्णतः निशुल्क
सिद्ध योग (ध्यान) से निम्न परिवर्तन -
● सभी प्रकार के साध्य - असाध्य रोगों से पूर्ण मुक्ति सम्भव।
● सभी प्रकार के नशों से पूर्ण मुक्ति संभव।
● विद्यार्थियों की स्मरणशक्ति व एकाग्रता में अभूतपूर्व वृद्धि।
● आध्यात्मिकता के पूर्ण ज्ञान के साथ भूत , वर्तमान एवं भविष्य की घटनाओं को ध्यान के दौरान प्रत्यक्ष देखना और सुनना।
● गृहस्थ जीवन में रहते हुए 'भोग' व 'मोक्ष' दोनों तत्त्वों की सहज प्राप्ति।
● ईश्वर की प्रत्यक्षानुभूति व साक्षात्कार।
● संपूर्ण मानव जाति का दिव्य रूपांतरण।
● आर्थिक , पारिवारिक , सामाजिक व व्यावसायिक परेशानियों से छुटकारा संभव।
■ ध्यान की विधि -
● आरामदायक स्थिति में बैठकर 2 मिनिट के लिए खुली आँखों से गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग के चित्र को एकाग्रता से देखें व ध्यान स्थिर करने हेतु गुरुदेव से करुण प्रार्थना करें।
● अब आँखें बंद करके दोनों भौहों के बीच आज्ञाचक्र पर ( जहाँ तिलक या बिंदी लगाते हैं ) गुरुदेव के चित्र को याद करके मन ही मन ( बिना होंठ - जीभ हिलाए ) 'संजीवनी मंत्र' का 15 मिनिट तक निरन्तर मानसिक जाप करते रहे , इस दौरान अपनी आँखें बंद रखें।
● ध्यान के दौरान किसी भी प्रकार की यौगिक क्रिया ( आसन , बंध , मुद्रा व प्राणायाम आदि ) अथवा विशेष अनुभूति होने पर उन्हें रोकने का प्रयास न करें व उन्हें सहज में होने दें।
● ये यौगिक क्रियाएँ तन - मन व आत्मा की शुद्धि के लिए मातृशक्ति कुण्डलिनी स्वयं अपने नियंत्रण में करवाती है।
● रोजाना सुबह - शाम 15 मिनिट खाली पेट ध्यान करें।
● 'संजीवनी मंत्र' का मन ही मन यथासंभव दिनभर जाप करते रहें। अपने कष्टों से मुक्ति एवं आध्यात्मिक प्रगति के लिए पूज्य सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग से अंतर्मन प्रार्थना आवश्य करें।
________________
★ गुरुदेव की दिव्य आवाज में ' संजीवनी मंत्र ' सुनने हेतु कॉल करें - 8010882288
Sanjeeveni mantra sidhyoga
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__________________________
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Guru siyag's yoga online deeksha program session
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Sat Nam sat guru Naman
So great sir Ji..Guru Ji. Your speech word.is motivated to me. Jai Gurudev.koti..koti pranam.
आप साक्षात गुरु वृहस्पति हैं, आप के महा प्रस्थान से चिंतन जगत रिक्त हो गया।विषय को इतनी सरलता से वही प्रस्तुत कर सकता है जिसकी अंतर्दृष्टि अथाह हो।भावभीनी श्रद्धांजलि।
Kya tum ne Bram gyaan prapt kr liya hai.
गुरुजी आपके चरणों में सत सत प्रणाम
Spread vedic civilization and culture all over the world.
Helpful informations in details thanks Sir.
नमन गुरु जी 🙏🙏🙏💓
Charansparsh guruji😌🙏🙏🙏bahot badhiya explanation with various exact examples.dhanyawad dhanyawad dhanyawad.
अद्भुत 💐🌹✨🙏🏻🙏🏻
ओम नमोः भगवते वासुदेवाय🙏
इस संसार की रोज बदलती तस्वीर जो हम देखते है उसका एकमात्र कारण तृष्णा ही है। हर क्षण कुछ और पाने की लालसा।
Pranam guruji🙏
❤dhanyawaad ! Badi kripa gurudev ki
अदभुत कथा,अदभुत विचार
कोटि कोटि प्रणाम गुरुदेव
चित तथा मन में अन्तर होता है और अन्तर बहुत गूढ़ आध्यात्मिक अन्तर है 🙏🙏🕉️
Chitta ek jagah tahar kar soonya bhaw m jena lagata , maan bahut si baato ko soon kar vichaar k record kar maan maan ko illusion m rak kar ahankar ko chupa kar jeeta h
आपको हार्दिक नमन गुरूदेव 🔱🙏🏻
Hare Krishna 🙏🙏
@@VikasSharma-eu2vp आपका no मील सकता है sir मे गुरुजी से मिलना चाहती हूं हार्दिक इच्छा है कृपया मदद करे आपका धन्यवाद🙏🏻🔱
HAR HAR MAHADEV 🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱
आप को दंडवत प्रणाम।
Pratah vandan guruji.
Guru ji aapka aur aachrya Prashant jee ka gyan kaafi accha h
प्रणाम गुरुजी आपका वीडियो एक बार सुनने के बाद फिर सुनते हैं तब गहरी बातें समझ में आती है धन्यवाद
में गुजरात के एक छोटे से शहर से
गुरु जी की मर्यादा भरी आवाज मीठे शब्द मूर्ख को भी ज्ञानी बनादे श्रवण मात्र से। चरण स्पर्श ।
गुरुजी बहुत अच्छे। से समझाया किसान और
सेठ की कहानी आसक्ति अनासक्ति
Om nam shivya
Om nam shivya
Jai guru ji
Super excellent interpretation and advice
Sadar pranam Gurudev 🙏🙏 Gurudev ji jo log hindu dharm ko andhvishwas batate hai un logo ke bare me kya kahege
गुरूजी के श्री चरणों में साष्टांग प्रणाम💐
ua-cam.com/video/Sg4cRqi8Ipk/v-deo.html
Wah
Pranam dadaji.aapka koti koti aabhar🙏
गुरु जी प्रणाम 🙏
*उच्च कोटि के ज्ञान का अति सरल भाषा में मार्गदर्शन देने के लिए अनंत कोटि धन्यवाद...*
_इस मार्गदर्शन के लिए निमित्त बनने वाली पूरी टीम का भी बहुत बहुत धन्यवाद 🙏_
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम शिवाय
चाह गई चिंता गई, मनुआ बेपरवाह
जिनको कछु न चाहिए वे साहन के साह।।।।
Guru ji ko sat sat pranam.
Aapko bhi bahut dhanyawad Jo aap jakarke ye Gyan hamare bujurgo se ikathe kr rahe.
Jai ho maharaj ji 🙏
HINDUSTAMIYON KO apne Swabhan ko Girana Nanhi Chahiye chahe wo koibhi ho......Mugal , Engrage, Secular Neta.........🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌍🌎🌏
Kai ho guruji🙏🙏🙏🙏
Kya baat hai 🙌
आसक्तिको अन्त्य मुक्तिका मार्ग हे।
Guru ji namaskar
I am dr sardari Lal DIG BSF retd from jammu i am regularly listening ur lectures on various religious topics to keep myself abreast with the religious philosophy. The clarity, understanding indepth insight about the subject matter which u have there is no any comparison on this plant. I feel intoxicated but thirst is more n more for gathering knowledge on religious n non religious matters. The way u explain the subject a layman can understand the essence. I definitely want to meet u in person but due to knee replacement surgery of both knee joints not able to undertake long journey
Regards
🙏🙏🙏
🇮🇳🕉🌹🕉🌹🙏🏽from. Canberra. Sleep on floor 9 Pm. Till 5 Am
Koti koti appreciation to your work sir hats off
प्रणाम गुरुवर जी 🌹🙏
I have just bought book "Ashtavakra Gita" from chinmaya missions, I will be able get insight into my questions
गुरु जी प्रणाम, जब हमारा धर्म ही इतना सशक्त सशक्त है तो कुरान जैसी पुस्तक का सहारा लेने की क्या जरूरत
This is great didactic knowledge, it is primarily of essence life
Geeta ek sampurna pustak hai
🙏🙏🙏🙏har har mahadev 🙏🙏🙏🙏
मैं तो एक मूर्ख हूं और मैं सिंहा जी का कोई आलोचना या परसंसा करने के काबिल कभी
होगी nhi सकता लेकिन इतना समझ आता ही की सिंहा जी महान ज्ञान और गुण के भंडार है
इनका कोई तुलना नहीं किया जा सकता इनको
मैं कोटि कोटि नमन करता हु........
में मूर्ख के साथ साथ एक गोड और ज्ञान का खोजी हु और सिंहा जी द्वारा ये बात की गई
की लाभ हानि ईश्वर के हाथ है इसी बात का
मै खोज और निराकरण करना चाहता हु जैसे
एक चौपाई hy तुलसी दास जी के राम चरित
मानस का.......सुनहु भरत भावी प्रबल विल्ख
कहे मुनि नाथ हानि लाभ जीवन मरण जस अपजास विधि हाथ इसका अर्थ दुनिया ये लगाती है की विधि हाथ का मतलब विधाता के
हाथ यानी भगवान के हाथ लेकिन मैं इसका ये
मतलब लगाता हु की विधि मतलब विधाता नही
विधि मतलब नियम नियम के हाथ ये सारी चीजे
नियम के कायदो के हाथो है विधि मतलब विधाता नही विधि मतलब नियम कानून कायदा
होता है जैसे विधान सभा विधेयक विधायक जैसे शब्द प्रचलन में आते है नियम कानून भी
भगवान ही है भगवान द्वारा ही बनाया गया माना
जाना चाहिए पर नियमो का पालन मुझे करना है
अति सावधानी पूर्वक तो मेरा ये खोज या सोच ही विधि मतलब नियम सयम आचरण के आधीन है लाभ हानि जीवन और यहां तक की
मरण यानी मृत्यु भी विधि के ही हाथो है तभी हम सही मार्ग सही फलाफल प्राप्त कर सकते है
आप मान लो अपने ने दुकान खोला लाखो लाख
लगा कर बड़ा से बड़ा भूत ही बढ़िया दुकान या मॉल ही खोला बड़े उत्साह के साथ बहुत कुछ उम्मीद के साथ और अब आप उस दुकान को
मनमाना तरीके के साथ कभी दिन के बारह बजे
खोलते कभी साम को छह बजे खोलते कभी सुबह छह बजे ही खोलते है अपनी दुकान को
यानी जब मर्जी जब फुरसत मिला खोल लिए या
मर्जी नुसार बंद किए कोई पंचुअल टाइम या कोई नियम समय का नही ही मनमौजी है अपनी
चीज है जब मर्जी खोले जब मर्जी बंद किए तो क्या ये दुकान चल पाएगी!?????नही क्यों की
लोगो की सोच ये होगी की पता nhi khuli मिलेगी या नही कोन इतनी दूर जाय छोड़ो क्या
भरोसा hy खुली भी ही या बंद है हालाकि की आप की दुकान सहर में सबसे बड़ी और बढ़िया
है लोग आना भी चाहते है आकर्षण भी है लोगो
में लेकिन बस एक ही भरोसे की कमी है की पता नही खुली भी है या बंद है !! तो यही है नियम
का मतलब इसी प्रकार से जीवन और मृत्यु पर
भी लागू होता है या होना चाहिए तो कुल मिलाकर यही अर्थ निकलता है की......
हानि लाभ जीवन मरण विधाता के हाथ तो
बाद में होगी लेकिन सबसे पहले आपके अपने
हाथ है तो विधि मतलब नियम कानून विधेयक
विधान वैसे तो सब कुछ विधाता के हाथो और
मर्जी पर है पर सबसे पहले आपके अपने जीवन
का पतवार आप पर है उसके बाद विधाता है !!
चाह मिटि चिंता मिटि , मनवा बेपरवाह । जिसको कछु न चाहिए , वो शाहनपतिशाह ॥
श्री हनुमान जी धाम की जय हो श्री हनुमान जी सरकार की जय हो