डॉक्टर सिन्हा साहब बहुत ज्ञानी महापुरुष हैं। इनकी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगता है। इनका ज्ञान आध्यात्म, धर्म, दर्शन शास्त्र जिसमे दुनिया भर के विचारकों का समावेश है जो मानव कल्याण और ज्ञान अर्जित करने के लिए किसी को भी सुनना पसंद आएगा।
@@mantarang9702 भाई जी ऐसा नहीं है की ओशो की ही प्रशंसा की हो मैने तो उनके काफी वीडियो देखे हैं मगर मुझे तो ऐसा लगा की उन्होंने जो बातें सराहने वाली थी और जनकल्याण की विचारधारा वाली रही हैं सभी की प्रशंसा की है।
Bahut vinamra Hain guru ji yahi sachhe sant ki pehchan hai itne gyani hone ke bawjood bhi guru ji me ahankar ka lesh matra bhi nahi aapko sunkar lagta hai jaise bhole baba maa bhagwati ko samjha rahe koti koti Naman🙏🌹real gem of india
U r very right sir . Patanjali's yam , niyam have to be followed first and that is enough to start with . For society's safety and growth people have to to be moral . Rest is all about them who want to get deep into spiritual knowledge.
भाई, नमस्कार, प्रश्न चाहे बहुत हों या कम हों, लेकिन जीवन में प्रश्न होने ही चाहिएं। अब देखिए, यह बात अलग है कि, कोई व्यक्ति किसी प्रकार का सवाल करे और उत्तर देने वाला बिल्कुल ठीक ठीक उसका जवाब दे, और वह जवाब सौ प्रतिशत बिल्कुल सही हो, तो फिर यह उस सवाल करने वाले पर निर्भर करता है कि, वह ठीक ठीक दिये गए जवाब पर विश्वास करेगा या नहीं। देखिए, यदि कोई सवाल है तो, उसका उत्तर भी अवश्य ही है और यदि कोई सवाल ही नहीं है तो उसका कोई उत्तर भी नहीं है। सवाल भी दो प्रकार के होते हैं एक वह जो वास्तव में सवाल है और सवाल करने वाला वास्तव में उसका उत्तर पाना चाहता है। वह सवाल नहीं होना चाहिए कि, व्यक्ति यह सोचे कि, चलो सवाल करके देखते हैं कि यह क्या जवाब देगा। आजमाईश करने वाला सवाल कभी भी अपना उत्तर प्राप्त नहीं कर सकता है। दूसरा यह कि किए गए सवाल का जवाब वास्तविक ही होना चाहिए, क्योंकि किसी भी सवाल के बहुत से जवाब होते हैं परन्तु वास्तविक जवाब एक ही होता है जो कि वास्तविक ही होता है। खैर, एक व्यक्ति के अंदर एक सच्चा सवाल होना ही चाहिए इस अपेक्षा से कि काश मुझे इसका वास्तविक जवाब मिल सके।
मैं आपको मैं आपको असाधारण शिष्य मानता हूं इसने ऐसी गुरुजी का सानिध्य प्राप्त किया भविष्य में आशा करता हूं आप ऐसे ही महा अनुभव और ज्ञानियों से हमारा परिचय करते रहेंगे
🙏🙏🙏🙏🙏 In recent days I found you and started listening to you babaji. All i can say मैं धन्य हुई बहुत ख़ुश हूँ आप मिले ओर आपके बहुत सारे video मैंने देखे ओर देखती रहूँगी ओर बहुत सारे सवालों के जवाब मिल रहे हैं ख़ास कर के शिव जी के बारे में बाबाजी आपके चरणो में मेरा हृदय से नमस्कार 🙏
अध्यात्म ज्ञानी,आत्म ज्ञान जिसको प्राप्त हो गया उसकी दृष्टि में हर जीव एक जैसा है।अध्यात्म ज्ञान वो है हर एक जीव का सम्बन्ध ईश्वर से है यही सत्य है। जय श्री कृष्ण
आचार्य जी प्रणाम अध्यात्म का एक सीधा अर्थ है ।वह पथ,मार्ग जो आत्मा के स्वरूप का , ईश्वर का बोध या अनुभव कराए । और जो इस दिशा में प्रयत्न करे तथा स्वरूप को अनुभव कर ले वह आध्यात्मिक कहलाया जाता है । रही बात स्लेबस की तो हमारे पास तो वेद ,उपनिषद ही है उन्ही से लिया जा सकता है । इसमें ही यम नियम आसन प्राणायाम आदि सब आते ही हैं । 🙏
Guruji, mera durbhagya ki aap is duniya chhod kar jane ke baad mujhe aap ke saare videos dekhne ko mil raha.. Par aaj e video dekhne ke baad mujhe lag raha ki mei dhanya hu jo ek devta se mil paya hu..🙏🏾🙏🏾🙏🏾
आध्यात्मिकता( Spiritualism) के अनुसार पुरुष केवल ईश्वर हैं, हम प्रकृति हैं। हर जीवों में आत्मा के रूप में ईश्वर विराजमान हैं। उनके बिना जीव मृतप्राय है। किसी भी जीव को हिंसा ईश्वर के प्रति हिंसा है। इसीलिए परोपकार के लिए कार्य करते हुए ईश्वर भक्ति करके जीवन सफल बनाना चाहिए।🙏
सर्वप्रथम आपका तात्पर्य क्या है ? और अध्यात्म क्या है मैं जहां तक समझता हूं नैतिकता का संबंध तो केवल और केवल भौतिक जगत से है क्योंकि भौतिक जगत में ही सही और ग़लत अच्छी और बुरी जैसे विचार होते है और वह भी समय के साथ बदलते भी रहते हैं। और जहां तक मेरी समझ है नैतिकता का उद्देश्य है एक अच्छे और सभ्य समाज का निर्माण करना। जिससे समाज अच्छे ढंग से आगे बढ़ सकें। नैतिकता का व्यक्तिगत कोई लाभ है नहीं परन्तु अगर नैतिकता स्वयं अपनी समझ से निर्मित हो जिसमें न कोई स्वार्थ न कोई डर और न कोई अंहकार हो तब ही वह नैतिकता सही मायने में सार्थक और कल्याणकारी होगी। और यह सब जो लक्षण है अंहकार का न होना, डर का न होना, और निस्वार्थ होना यह सब तो अध्यात्मिक सिध्दांत है तो क्या यह नैतिकता से अध्यात्म में आया है या अध्यात्म से नैतिकता में गया है। और जो आपने कथा सुनाई रामायण की उसका जो आपने अर्थ समझाया यह कितना विरोधाभासी है। अगर कोई ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती जिसमें आम जन जो भौतिक और वर्तमान रुप में जो सही है उसके अनुरूप प्रतिक्रिया करें और कोई अध्यात्मिक पुरुष अध्यात्मिक ज्ञान के अनुरूप प्रतिक्रिया करें तो वह गलत और पाखंडी कैसे हो सकता है अगर अध्यात्मिकता का अर्थ भौतिक स्तर पर क्या सही और क्या ग़लत है इसी के अनुरूप जीना है तो अध्यात्म कि क्या जरूरत है और क्यों फिर इसमें भौतिकता से पड़े की चर्चा की गई है। अगर अध्यात्मिक होकर भी मुझे समाज और अभिभावक द्वारा दिए गए नैतिक शिक्षा का पालन करना है तो इसमें अध्यात्म की क्या भूमिका है। तो फिर तो यह सभी काम भौतिकवादी कहीं अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
मैं आप से सहमत हूं। अध्यात्म ध्यान से मिल सकता हैं भौतकी के पिछे चलना व्यापर हैं। गांधी समझ नहीं आता । बह्रमचारी है ये दिखाने के लिए जो किया वो भौतकी है अध्यात्म है। गांधी उधारण गलत लगता हैं। ध्यान करते भौतकी वस्तू की सोचते हो कैसे लगा। समझाऐ
तात्पर्य तो मुझे भी समझ नहीं आया.. किंतु, अध्यात्म, एक व्यक्तिगत विषय है। जैसे कबीर कहते हैं, राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट...। पर फिर कोई पात्रता की कटोरी लाया है कोई चम्मच कोई घड़ा, और कुछ मेरे जैसों ने तो चम्मच भी उल्टा रखा हुआ है। अंग्रेजी की वह कहावत याद आ रही है, some go to drink from the the fountain of knowledge, and some go there just to gargle.. Something like what I am trying to do right now, by being nosy..
What I understand is If someone is silent against bad karma performed in front of him then God does not give him mukti immediately but if someone lay down his life for fighting for good cause then god give him mukti immediately.............Speaker sir is trying to give what is call morality (for anyone whether he is saint or not if someone doing wrong to women , children or old age persons then all should raise voice against this )
Guru g ko parnam. Adhyatam ko apne atma soil se joda. Only true Guru meet us and help us to meet our atama or soil. And bring us three quality in one first is shatri or brave to fight for true dharam. Second is Braham or knowledge and third is shodar or sewa or karma or kirat for humanity and love for all.
महोदय आपके श्री चरणों में मेरा सादर प्रणाम आप जैसा महा पुरुष इस धरती पर इस कलयुग में भी अवतरित हुए हैं मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। आप अवतारी पुरुष होने के वावजूद भी एक गलती कर बैठे हैं आप आचार्य प्रशान्त कि बात करते हैं आप उनकी एक विडियो है नैतिकता पर आप उसे देख सकते हैं और जो भी देखे कम से कम उसे समझो तो यहां यह कुछ बोल रहे हैं और वहां आचार्य प्रशान्त कुछ और बोल रहे हैं और आपने दोनों को ही सही कह दिया यह क्या बात हुई। ua-cam.com/video/CWAwWWs1KeM/v-deo.html
@@rajeshojha5139 नमस्कार, कृपया पूरा पढ़ें। इससे पता चलता है आप दोनों को कितना सुनते है और समझते है। गुरूजी ने जो आध्यात्मिक होने के लक्षण बताये है उसमें सत्याग्रही(गाँधीजी), यथार्थवादी(जो हवाई बातें न करे), अपना आत्मबल जगाकर अधर्म के विरुद्ध उठ खड़ा होना(मार्क्स, बाबासाहेब, गरुड़ के उदाहरण) असली अध्यात्म वही है जो तुम्हें कमज़ोर नहीं ताकतवर बनाए। इस व्याख्या की मैं बात कर रहा हूँ। आचार्य प्रशांत भी अध्यात्म का ताकतवर रूप सामने रख रहे है, जिसमें मजबूरी, कमज़ोरी जैसे शब्द नहीं है। वे अंध्विश्वास, पाखंड, भोगवाद, सामाजिक कुरीतियां, पशु शोषण, नारी सशक्तिकरण आदि सबकी मूल जड़ पर चोट कर रहे है। लेकिन आपकी सुई moral, immoral पर आकर अटक गई। अब गुरूजी कह रहे है जो immoral है वो spiritual नहीं हो सकता। यहाँ immoral मतलब जिसकी कथनी-करनी में फ़र्क़ हो, जो चोरी करें, धोखा दे, भ्रष्ट आचरण रखे, मुँह में राम बगल में छुरी वाला। तो वो तो वैसे भी spiritual नहीं हो सकता, क्योंकि अध्यात्म में आप अपने मन पर काम करते है। अपने आप से झूठ नहीं बोल सकते, आध्यात्म कड़ी इमानदारी है खुद से ही। आध्यात्मिक पथ पर स्वयं से कड़ी ईमानदारी को ही महर्षि पतंजलि ने यम- नियम के रूप में बताया है, जो मन के शुद्धिकरण के साधन है।(बाहर वो morality ही लगती है परंतु भीतर शुद्धिकरण की प्रक्रिया) रही बात आचार्य प्रशांत के वीडियो की तो उसमें वे नकली morality के खिलाफ़ बोल रहे है, जो लोग ओढ़ लेते है अपनी भीतरी immorality को छिपाने के लिए। ऐसे लोग ख़ुदको और दूसरों को दोनों को धोखा देते है। जो immoral होने से भी खतरनाक है। भीतर कुछ, बाहर कुछ और। वे इन दोनों से ऊपर उठने की बात कर रहे है। आध्यात्मिक होने की बात कर रहे है, जो आध्यात्मिक हो गया वो वैसे ही विवेकवान है, वो सही ही करेगा। लेकिन समाज की बनाई morality की परिभाषा के हिसाब से वो immoral भी लग सकता है। जैसे श्रीकृष्ण और श्रीराम को भी लोग बोल देते है। जिसे गुरूजी morality कह रहे है उसे आचार्य प्रशांत होशपूर्ण 'सही चुनाव' कहते है। आशा करता हूँ आप समझे होंगे। धन्यवाद🙏
🙏 Guruji, app itne gyan ke khajana rakhe hue hein ki bade bade ki pasina chhut jayega.... Phir bhi un ke andar itna namrata hey jo dekh ke nat mastak app ke samne
हर राष्ट्र का एक मिशन होता है । कुछ लोग बुराई के मिशन को आगे बढ़ाते हैं, कुछ लोग अच्छाई के ।दोनों ही समूहों के लोग अपने मिशन को सही समझते हैं । कुछ बाते दोनों पक्षों की एक जैसी ही देखने को मिलती हैं । दोनों पक्षों के लोग ऊंची चेतना के होते हैं, ऐलिट्स भी औऱ क्रांतिकारी भी । कोई साधारण चेतना का मनुष्य किसी को ना ग़ुलाम बना सकता है ना आज़ाद करा सकता है । दुनिया के 1 प्रतिशत लोग दुनियाभर पर राज करते हैं अपने ग़ुलामी के मिशन को आगे बढ़ाते हैं और इसी के विपरीत 1 प्रतिशत ही क्रांतिकारी भी अपने आजादी के मिशन के लिए काम करते हैं । ऐलिट्स का मिशन होता है सभी को ग़ुलाम बना देने वाली असली समस्याओं को छुपाना ,जबकि क्रांतिकारियों का मिशन होता है हर समस्या के प्रति समाज में जागृति लाना । दोनों तरफ लड़ाई केवल विचार की है । उनके पास सब संसाधन है अपने विचार फ़ैलाने के इसलिए उन्हें लगता है कि उन्हें उनके मिशन पुरा करने से कोई रोक नहीं सकता । लेकिन उन्हें ये नही पता कि एक माध्यम ओर है जिसे प्राचीन समय से लोग अपने विचारों को अमर करने के लिए करते आ रहे हैं और शायद यही कारण है कि इस लड़ाई में हम आज तक जूझ पा रहे हैं वरना लड़ाई तो कब की एकतरफा हो चुकी होती ,और वो है बलिदान । यह एक नियम बन चुका है लड़ाई का क्रांतिकारियों के लिए । सोक्रेटी सुकरात ने यही कहा था अपने अंतिम समय में कि यदि में जज की बात मान कर अपनी जान बचा लेता हूँ तो मेरे विचार मिट जाएंगे , लेकिन यदि मैं अपने को सैक्रिफाइस कर दु तो मेरे विचार अमर हो जाएंगे । गुरु गोविंद के पुत्रों की शहादत हुई तो पूरा समाज फिर से जाग गया था । इसी तरह कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जैसे जीसस, अलाउद्दीनमंसूर, और अन्य देवी देवता राम , सीता, कृष्णा आदि भी यही करते आये हैं । देह शिवा वर मोहे इहे शुभ कर्मण ते कबहू ना टरु नाडरूँअर्सों जब जाए लरू निश्चय करअपनीजीत करू जबआवकीऔध निधानबनेअत हीरण में तब जूझ मरू विजय मिले या वीरगती सब महादेव के नाम जीतेजी रण छोड़ के जाना वीरों कानही काम
Thanks to The Quest and Sh. HS Sinha for providing us all the videos on philosophy and other subjects in the brief.
🤗
डॉक्टर सिन्हा साहब बहुत ज्ञानी महापुरुष हैं। इनकी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगता है। इनका ज्ञान आध्यात्म, धर्म, दर्शन शास्त्र जिसमे दुनिया भर के विचारकों का समावेश है जो मानव कल्याण और ज्ञान अर्जित करने के लिए किसी को भी सुनना पसंद आएगा।
Gyan me mamle me inhone ek ko hi
Appreciate Kiya h
Wo osho ko
@@mantarang9702 भाई जी ऐसा नहीं है की ओशो की ही प्रशंसा की हो मैने तो उनके काफी वीडियो देखे हैं मगर मुझे तो ऐसा लगा की उन्होंने जो बातें सराहने वाली थी और जनकल्याण की विचारधारा वाली रही हैं सभी की प्रशंसा की है।
Okay sir ❤️🫂
@@mantarang9702 Love you too
@@subhashchand8185 love you 3000 times 🫂❤️🙏🏻
जय हो गुरुदेव जी, नैतिकता के बिना आध्यत्मिकता वैसा ही है जैसे पानी बिना भोजन😊
इतने ज्ञानी महान व्यक्तित्व को सुनकर ऐसा लगता है कि इनको और सुने।।
ये हमारे inspiration है।
First step is unconditional love for all living beings.
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सही बात
Bahut vinamra Hain guru ji yahi sachhe sant ki pehchan hai itne gyani hone ke bawjood bhi guru ji me ahankar ka lesh matra bhi nahi aapko sunkar lagta hai jaise bhole baba maa bhagwati ko samjha rahe koti koti Naman🙏🌹real gem of india
U r very right sir .
Patanjali's yam , niyam have to be followed first and that is enough to start with . For society's safety and growth people have to to be moral . Rest is all about them who want to get deep into spiritual knowledge.
सर्वोच्च ज्ञान जय हो गुरुदेव
गुरु जी को दिल से धन्यवाद, मैं उनको बहुत देखता हूं।
हमारे उतने प्रश्न नहीं होंगे जितना गुरु जी आप का ज्ञान है 🙏🙏
Jeevan mai ek samay aata hai jab asankhya prashan utpann hotey hai,
Shi bat h
भाई, नमस्कार, प्रश्न चाहे बहुत हों या कम हों, लेकिन जीवन में प्रश्न होने ही चाहिएं। अब देखिए, यह बात अलग है कि, कोई व्यक्ति किसी प्रकार का सवाल करे और उत्तर देने वाला बिल्कुल ठीक ठीक उसका जवाब दे, और वह जवाब सौ प्रतिशत बिल्कुल सही हो, तो फिर यह उस सवाल करने वाले पर निर्भर करता है कि, वह ठीक ठीक दिये गए जवाब पर विश्वास करेगा या नहीं। देखिए, यदि कोई सवाल है तो, उसका उत्तर भी अवश्य ही है और यदि कोई सवाल ही नहीं है तो उसका कोई उत्तर भी नहीं है। सवाल भी दो प्रकार के होते हैं एक वह जो वास्तव में सवाल है और सवाल करने वाला वास्तव में उसका उत्तर पाना चाहता है। वह सवाल नहीं होना चाहिए कि, व्यक्ति यह सोचे कि, चलो सवाल करके देखते हैं कि यह क्या जवाब देगा। आजमाईश करने वाला सवाल कभी भी अपना उत्तर प्राप्त नहीं कर सकता है। दूसरा यह कि किए गए सवाल का जवाब वास्तविक ही होना चाहिए, क्योंकि किसी भी सवाल के बहुत से जवाब होते हैं परन्तु वास्तविक जवाब एक ही होता है जो कि वास्तविक ही होता है। खैर, एक व्यक्ति के अंदर एक सच्चा सवाल होना ही चाहिए इस अपेक्षा से कि काश मुझे इसका वास्तविक जवाब मिल सके।
Guru ji ....you are a true spiritual teacher 🙏.Dil se abhaar 🙏
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Gru g ap is dunia is dunya k ley light hn .long live .panam from pakistan 🙏🏼
केवल एक शब्द -- अद्भुत !!
मैं आपको मैं आपको असाधारण शिष्य मानता हूं इसने ऐसी गुरुजी का सानिध्य प्राप्त किया भविष्य में आशा करता हूं आप ऐसे ही महा अनुभव और ज्ञानियों से हमारा परिचय करते रहेंगे
गुरु जी को सादर नमन उनके समाधान पूर्वक जवाब और वर्णन से बहुत सुंदर जानकारी प्राप्त हुई
🙏🙏🙏🙏🙏 In recent days I found you and started listening to you babaji. All i can say मैं धन्य हुई बहुत ख़ुश हूँ आप मिले ओर आपके बहुत सारे video मैंने देखे ओर देखती रहूँगी ओर बहुत सारे सवालों के जवाब मिल रहे हैं ख़ास कर के शिव जी के बारे में
बाबाजी आपके चरणो में मेरा हृदय से नमस्कार 🙏
अध्यात्म ज्ञानी,आत्म ज्ञान जिसको प्राप्त हो गया उसकी दृष्टि में हर जीव एक जैसा है।अध्यात्म ज्ञान वो है हर एक जीव का सम्बन्ध ईश्वर से है यही सत्य है।
जय श्री कृष्ण
आप जी को सुनकर, सोचने का दृष्टिकोण ही बदल गया... ।🙏
आचार्य जी
प्रणाम
अध्यात्म का एक सीधा अर्थ है ।वह पथ,मार्ग जो आत्मा के स्वरूप का , ईश्वर का बोध या अनुभव कराए ।
और जो इस दिशा में प्रयत्न करे तथा स्वरूप को अनुभव कर ले वह आध्यात्मिक कहलाया जाता है ।
रही बात स्लेबस की तो हमारे पास तो वेद ,उपनिषद ही है उन्ही से लिया जा सकता है ।
इसमें ही यम नियम आसन प्राणायाम आदि सब आते ही हैं ।
🙏
Whenever I feel low I always listen to guruji. His words gives me soo much peace....
You are true spiritual teacher/Guru. Thank you so much!
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Adhyatmik
गुरु जी को मेंरा शत् शत् नमन् एवं प्रणाम🙏🙏🙏🙏 ......
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Guruji, mera durbhagya ki aap is duniya chhod kar jane ke baad mujhe aap ke saare videos dekhne ko mil raha.. Par aaj e video dekhne ke baad mujhe lag raha ki mei dhanya hu jo ek devta se mil paya hu..🙏🏾🙏🏾🙏🏾
गुरुजी शतश: प्रणाम, आपको सुनकर बहोत खूब ग्यान मिलता है l
आदर्श व्याख्या । गुरू जी से साक्षात नहीं होने का अफसोस मुझे हमेशा रहेगा।
धन्यवाद।
इतने महान व्यक्तित्व के आसपास हमेशा शोरगुल सुनाई देता है। ऐसी विभूतियों को शांतिपूर्ण वातावरण देने की कोशिश होना चाहिए।
Guruji ne kitni aachi baat batai. Jai ho.... mahapurush hai Guruji..
आप बेहद महत्पूर्ण कार्य कर रहे है इन ज्ञानी गुणी से ज्ञान प्राप्त करके हमे भी इनसे ज्ञान प्राप्त हो रही है thank you so much 🙏
अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना ही सही अध्यात्म है मानव समाज की ब्यवसथा का आधार अध्यात्म है अध्यात्म हमेशा न्याय की ही बात करता है
अध्यात्म में क्या सिर्फ मानव समाज की बात की जाती है या फिर समस्त जीव.
आध्यात्मिक बनाया नहीं जा सकता हे इसे कुदरत ही बना सकता हे ये प्रभु कृपा से ही बन कर आते हैं
जेसे किसी भी फल फूल में कुदरत उसमे खुशबू डालती हे ऐसे ही मानुष को आध्यात्मिक बना कर भेजती हे
Best guruji I like your opinion...great knowledge you have... without being moral you can never be spiritual.
Bahut samay baad maine itne gyani purush ka darshan kiya 🙏
Gurudev aap k vichaar mere jeevan ko badal rhe, is channel ko banane k lie aapka sadaiv abhaar pujyaguruji
Aapke charno me natmastak naman hai guruji 🙏apko sunkar man shant ho jata h
आध्यात्मिकता( Spiritualism) के अनुसार पुरुष केवल ईश्वर हैं, हम प्रकृति हैं। हर जीवों में आत्मा के रूप में ईश्वर विराजमान हैं। उनके बिना जीव मृतप्राय है। किसी भी जीव को हिंसा ईश्वर के प्रति हिंसा है। इसीलिए परोपकार के लिए कार्य करते हुए ईश्वर भक्ति करके जीवन सफल बनाना चाहिए।🙏
Dil ko dekh kar dil khush ho jata hai guru ji
Koti koti naman gurdev ji aapko speach less 🙏 🌹 ❤️
❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉करोना काल में बच गए शायद जीवन में आपको सुनना बाकी था।🎉🎉🎉🎉🎉 आभार अभिनंदन आपका विकास बेटा
सर्वप्रथम आपका तात्पर्य क्या है ? और अध्यात्म क्या है मैं जहां तक समझता हूं नैतिकता का संबंध तो केवल और केवल भौतिक जगत से है क्योंकि भौतिक जगत में ही सही और ग़लत अच्छी और बुरी जैसे विचार होते है और वह भी समय के साथ बदलते भी रहते हैं। और जहां तक मेरी समझ है नैतिकता का उद्देश्य है एक अच्छे और सभ्य समाज का निर्माण करना। जिससे समाज अच्छे ढंग से आगे बढ़ सकें। नैतिकता का व्यक्तिगत कोई लाभ है नहीं परन्तु अगर नैतिकता स्वयं अपनी समझ से निर्मित हो जिसमें न कोई स्वार्थ न कोई डर और न कोई अंहकार हो तब ही वह नैतिकता सही मायने में सार्थक और कल्याणकारी होगी।
और यह सब जो लक्षण है अंहकार का न होना, डर का न होना, और निस्वार्थ होना यह सब तो अध्यात्मिक सिध्दांत है तो क्या यह नैतिकता से अध्यात्म में आया है या अध्यात्म से नैतिकता में गया है।
और जो आपने कथा सुनाई रामायण की उसका जो आपने अर्थ समझाया यह कितना विरोधाभासी है। अगर कोई ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती जिसमें आम जन जो भौतिक और वर्तमान रुप में जो सही है उसके अनुरूप प्रतिक्रिया करें और कोई अध्यात्मिक पुरुष अध्यात्मिक ज्ञान के अनुरूप प्रतिक्रिया करें तो वह गलत और पाखंडी कैसे हो सकता है अगर अध्यात्मिकता का अर्थ भौतिक स्तर पर क्या सही और क्या ग़लत है इसी के अनुरूप जीना है तो अध्यात्म कि क्या जरूरत है और क्यों फिर इसमें भौतिकता से पड़े की चर्चा की गई है। अगर अध्यात्मिक होकर भी मुझे समाज और अभिभावक द्वारा दिए गए नैतिक शिक्षा का पालन करना है तो इसमें अध्यात्म की क्या भूमिका है। तो फिर तो यह सभी काम भौतिकवादी कहीं अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
मैं आप से सहमत हूं। अध्यात्म ध्यान से मिल सकता हैं भौतकी के पिछे चलना व्यापर हैं। गांधी समझ नहीं आता । बह्रमचारी है ये दिखाने के लिए जो किया वो भौतकी है अध्यात्म है। गांधी उधारण गलत लगता हैं। ध्यान करते भौतकी वस्तू की सोचते हो कैसे लगा। समझाऐ
तात्पर्य तो मुझे भी समझ नहीं आया..
किंतु, अध्यात्म, एक व्यक्तिगत विषय है।
जैसे कबीर कहते हैं, राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट...।
पर फिर कोई पात्रता की कटोरी लाया है कोई चम्मच कोई घड़ा, और कुछ मेरे जैसों ने तो चम्मच भी उल्टा रखा हुआ है।
अंग्रेजी की वह कहावत याद आ रही है, some go to drink from the the fountain of knowledge, and some go there just to gargle..
Something like what I am trying to do right now, by being nosy..
What I understand is If someone is silent against bad karma performed in front of him then God does not give him mukti immediately but if someone lay down his life for fighting for good cause then god give him mukti immediately.............Speaker sir is trying to give what is call morality (for anyone whether he is saint or not if someone doing wrong to women , children or old age persons then all should raise voice against this )
read Buddhist philosophy, or attend Vipassana shivir in Igatpuri
Aadhyatmik hone ka arth, kayar hona n h....
Guru g ko parnam. Adhyatam ko apne atma soil se joda. Only true Guru meet us and help us to meet our atama or soil. And bring us three quality in one first is shatri or brave to fight for true dharam. Second is Braham or knowledge and third is shodar or sewa or karma or kirat for humanity and love for all.
Gurugyan gurujiko akhanda. Sashtang dandawat....'.....
one of the best channel I found on youtube for my desire to know dharm and spirituality
अध्यात्म का अर्थ मेरे हिसाब से अपने भीतर के तम गुणोंका अध्याय करके उनको निकालना और सात्विकता की और चल पड़ना
Khup khup aabhar aabhar dhanyawad Gyan aatma ko anant anant vandan naman mathyen vandami
Phle darshan padhne ki meri ichha thi guru ji ko sunkar darshan se prem ho gya
Guruji ko sadar pranam 🙏🙏 aise hi hamara margdarshan karte rhe....
प्रणाम गुरू जी और उन्हें भी जो आपसे प्रश्न पूछते हैं उनकी काबिलियत शैली गजब की है। धन्यवाद हैं आपका
Atulniya gyan hai...Sadar Pranam !!
गुरूजी की व्याख्या अनुसार आध्यात्मिक शक्ति के वाहक असली आध्यात्मिक पुरुष आज के समय में है 'आचार्य प्रशांत' जो लोगों में आत्मबल का संचार कर रहे है।
महोदय आपके श्री चरणों में मेरा सादर प्रणाम आप जैसा महा पुरुष इस धरती पर इस कलयुग में भी अवतरित हुए हैं मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। आप अवतारी पुरुष होने के वावजूद भी एक गलती कर बैठे हैं आप आचार्य प्रशान्त कि बात करते हैं आप उनकी एक विडियो है नैतिकता पर आप उसे देख सकते हैं और जो भी देखे कम से कम उसे समझो तो यहां यह कुछ बोल रहे हैं और वहां आचार्य प्रशान्त कुछ और बोल रहे हैं और आपने दोनों को ही सही कह दिया यह क्या बात हुई।
ua-cam.com/video/CWAwWWs1KeM/v-deo.html
@@rajeshojha5139 नमस्कार, कृपया पूरा पढ़ें।
इससे पता चलता है आप दोनों को कितना सुनते है और समझते है। गुरूजी ने जो आध्यात्मिक होने के लक्षण बताये है उसमें सत्याग्रही(गाँधीजी), यथार्थवादी(जो हवाई बातें न करे), अपना आत्मबल जगाकर अधर्म के विरुद्ध उठ खड़ा होना(मार्क्स, बाबासाहेब, गरुड़ के उदाहरण) असली अध्यात्म वही है जो तुम्हें कमज़ोर नहीं ताकतवर बनाए। इस व्याख्या की मैं बात कर रहा हूँ।
आचार्य प्रशांत भी अध्यात्म का ताकतवर रूप सामने रख रहे है, जिसमें मजबूरी, कमज़ोरी जैसे शब्द नहीं है। वे अंध्विश्वास, पाखंड, भोगवाद, सामाजिक कुरीतियां, पशु शोषण, नारी सशक्तिकरण आदि सबकी मूल जड़ पर चोट कर रहे है।
लेकिन आपकी सुई moral, immoral पर आकर अटक गई।
अब गुरूजी कह रहे है जो immoral है वो spiritual नहीं हो सकता। यहाँ immoral मतलब जिसकी कथनी-करनी में फ़र्क़ हो, जो चोरी करें, धोखा दे, भ्रष्ट आचरण रखे, मुँह में राम बगल में छुरी वाला। तो वो तो वैसे भी spiritual नहीं हो सकता, क्योंकि अध्यात्म में आप अपने मन पर काम करते है। अपने आप से झूठ नहीं बोल सकते, आध्यात्म कड़ी इमानदारी है खुद से ही।
आध्यात्मिक पथ पर स्वयं से कड़ी ईमानदारी को ही महर्षि पतंजलि ने यम- नियम के रूप में बताया है, जो मन के शुद्धिकरण के साधन है।(बाहर वो morality ही लगती है परंतु भीतर शुद्धिकरण की प्रक्रिया)
रही बात आचार्य प्रशांत के वीडियो की तो उसमें वे नकली morality के खिलाफ़ बोल रहे है, जो लोग ओढ़ लेते है अपनी भीतरी immorality को छिपाने के लिए। ऐसे लोग ख़ुदको और दूसरों को दोनों को धोखा देते है। जो immoral होने से भी खतरनाक है। भीतर कुछ, बाहर कुछ और।
वे इन दोनों से ऊपर उठने की बात कर रहे है। आध्यात्मिक होने की बात कर रहे है, जो आध्यात्मिक हो गया वो वैसे ही विवेकवान है, वो सही ही करेगा। लेकिन समाज की बनाई morality की परिभाषा के हिसाब से वो immoral भी लग सकता है। जैसे श्रीकृष्ण और श्रीराम को भी लोग बोल देते है।
जिसे गुरूजी morality कह रहे है उसे आचार्य प्रशांत होशपूर्ण 'सही चुनाव' कहते है।
आशा करता हूँ आप समझे होंगे।
धन्यवाद🙏
@@lsr7523acharya parshant ke khud ke action to nhu the aise😅
@lakshmisharma2243 😂
Wonderful explanation..Pranam guru ji
अद्धभुत ज्ञान है गुरु जी, मैं इनके ज्ञान से कभी भी नहीं अघाता हूं 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
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Thanks
Very Very learned entity so far seen.
सादर प्रणाम और आभार
जीवन की गुत्थियों को सुलझाने की जगह है यह। यहाँ आकर अनेक जिज्ञासाओं का समाधान होता है और अवधारणाएँ स्पष्ट हो जाती हैं।
Guru ji ko shat shat naman🙏🙏
प्रणाम
धर्म की जय हो
अधर्म का नाश हो
धर्म सम्राट स्वामी श्री करपात्री महाराज के दर्शन के बारे जानने के उत्सुक हैं
Wonderful and real explanation of Adhyatma
One who is Adhyatmic no one can shake them
They have great boldness to face any challenges 🕉🙏🙏🙏
Morality is a social construct while spirituality transcends the boundaries of society
Pyare guruji ❤❤❤❤❤❤❤
Duty krna hi aadhyatm h, jo guruji ne morality......
Mai itna gyani n jo aapko smjha sku...
Jaha tk mujhe smjh aaya😊🙏
Main guru g aap ko or osho ko bhot sunti hu aap bhot good mathed se explain karte ho ,jo man ko bhot skoon deta hai ,thanks g
Pranam🙏🙏🙏 guru ji ,,mai rational hu uske baad bhi Sinha ji ko sunna achha lagta hi
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Sat sat guru ji namen
अति उत्तम बहुत-बहुत धन्यवाद
🙏 Guruji, app itne gyan ke khajana rakhe hue hein ki bade bade ki pasina chhut jayega.... Phir bhi un ke andar itna namrata hey jo dekh ke nat mastak app ke samne
Om Shri Gurusataya Namah 🙏💓🌍☀️💐💐💐Adyatam ke etne sunder or sapast shavdon me vyakhaya ke liye bhut -bhut Dhanyavad Guruji 🙏💐💐💐
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गुरु जी नमस्कार , आज का विषय बहुत ही अच्छा लगा है । बहुत बहुत धन्यवाद
पूज्यपाद गुरूवै प्रणाम। आप बहुत अच्छे से समझाते हैं।कृत कृत।
Wonderful interview. Thank you very much❤❤❤
dr. sinhala you are really very great and learned . GOD GIVE YOU LONG LIFE
Kash aise knowledge hmare school mein di jati aise teacher ham sabhi ko milne chahiye
गुरु जी आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे आपका ज्ञान और विचार हमारा मार्ग दर्शन करते रहेंगे आपकी उम्र नॉलेज मेमोरी कमाल थी
गुरुजी की विनम्रता उनका व्यक्तित्व को अत्यन्त सुन्दर बनाता है 🙏
अमूल्य ज्ञान 🙏🏼 जय गुरुदेव 🙏🏼 जय श्री राम 🚩
यह सुन ना मेरे लिए बहोत जरुरी था 😁
Guru ji Guru purnima ka pavan avser per aap ka charno ma koti koti parnam🙏🙏🌷🌷
विद्यार्थी को नैतिक शिक्षा देनी चाहिए, आध्यात्मिक बाद में वह स्वयं बनना चाहे, उसकी इच्छा है. मेडिटेशन (ध्यान) , योग अलग अलग है. बेहद की परम🙏💕 शान्ति.
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सच्चे ह्रदय से प्रणाम.🙏🙏🙏
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excellent....i am speechless.....thanks word is too less to express my feeling....superb
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What a wonderful explanation.❣️❣️❣️❣️
Aap jese log or gyni vyakti hi hmari sanskriti ko bachane k liye jaruri Hain🥰
Sat sat naman
मेरा प्रणाम गुरुजी को
हर राष्ट्र का एक मिशन होता है । कुछ लोग बुराई के मिशन को आगे बढ़ाते हैं, कुछ लोग अच्छाई के ।दोनों ही समूहों के लोग अपने मिशन को सही समझते हैं । कुछ बाते दोनों पक्षों की एक जैसी ही देखने को मिलती हैं । दोनों पक्षों के लोग ऊंची चेतना के होते हैं, ऐलिट्स भी औऱ क्रांतिकारी भी । कोई साधारण चेतना का मनुष्य किसी को ना ग़ुलाम बना सकता है ना आज़ाद करा सकता है । दुनिया के 1 प्रतिशत लोग दुनियाभर पर राज करते हैं अपने ग़ुलामी के मिशन को आगे बढ़ाते हैं और इसी के विपरीत 1 प्रतिशत ही क्रांतिकारी भी अपने आजादी के मिशन के लिए काम करते हैं । ऐलिट्स का मिशन होता है सभी को ग़ुलाम बना देने वाली असली समस्याओं को छुपाना ,जबकि क्रांतिकारियों का मिशन होता है हर समस्या के प्रति समाज में जागृति लाना । दोनों तरफ लड़ाई केवल विचार की है । उनके पास सब संसाधन है अपने विचार फ़ैलाने के इसलिए उन्हें लगता है कि उन्हें उनके मिशन पुरा करने से कोई रोक नहीं सकता । लेकिन उन्हें ये नही पता कि एक माध्यम ओर है जिसे प्राचीन समय से लोग अपने विचारों को अमर करने के लिए करते आ रहे हैं और शायद यही कारण है कि इस लड़ाई में हम आज तक जूझ पा रहे हैं वरना लड़ाई तो कब की एकतरफा हो चुकी होती ,और वो है बलिदान । यह एक नियम बन चुका है लड़ाई का क्रांतिकारियों के लिए । सोक्रेटी सुकरात ने यही कहा था अपने अंतिम समय में कि यदि में जज की बात मान कर अपनी जान बचा लेता हूँ तो मेरे विचार मिट जाएंगे , लेकिन यदि मैं अपने को सैक्रिफाइस कर दु तो मेरे विचार अमर हो जाएंगे । गुरु गोविंद के पुत्रों की शहादत हुई तो पूरा समाज फिर से जाग गया था । इसी तरह कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जैसे जीसस, अलाउद्दीनमंसूर, और अन्य देवी देवता राम , सीता, कृष्णा आदि भी यही करते आये हैं ।
देह शिवा वर मोहे इहे शुभ कर्मण ते कबहू ना टरु
नाडरूँअर्सों जब जाए लरू निश्चय करअपनीजीत करू
जबआवकीऔध निधानबनेअत हीरण में तब जूझ मरू
विजय मिले या वीरगती सब महादेव के नाम
जीतेजी रण छोड़ के जाना वीरों कानही काम
Guru ji ko sadar pranam
Sat sat pranam🙏🙏🤲
Immoral Man can't be spiritual Woh Guruji fantastic narration 🎉
शत शत नमन गुरुजी 🙏🌹
Guru ji ap se sikhsha leke hme bahot acha lgta hai,apke shree charno me pranam
SADAR NAMAN GURUDEV 🌹🌹🌻🌻😊😊🙏🙏
Jai gurudev🙂
Jai jai shri sitaram
ऐसे गूरूको को सादर प्रणाम ऐसे गूरू मूझे 12 साल की उमर मे मिलते तो, आज बहुत अलग होता .
गुरूजी को सादर चरण स्पर्श🙏⚘🙏
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Dhanya Hai Ham jo aapko dekh aur Sun Pa rahe hain Charan Sparsh aapko 🙏
Spirituality is communion of spirit with God for peace and harmony.
Bahut sahi . Aaj kal trend hai, thoda yoga karke khudko spiritual bolte hai. Without being honest &moral, ts impossible to be spiritual.
Very best , sadr namn
Thanks!
बहुत बहुत आभार 🎉
सहयोग स्नेह बनाए रखें
गुरु जी चरण स्पर्श
आप के पास असिम ज्ञान है
Very nice and excellent 👌👌👍👍 information 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Guruji aur Vikas Bhaiji ko pranam. 🙏
This man deserves Bharat Ratna 😊
Indian Knowledge tank sirji thanks a lot 🎉🎉🎉