श्री हरिदास विरचित, केलिमाल (3) essential requirements for the Kelimal Rass Upasna Tattva of Krishna

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  • Опубліковано 17 вер 2024

КОМЕНТАРІ • 59

  • @user-cu5ft6lt2z
    @user-cu5ft6lt2z 5 днів тому

    Radha Krishna Radha Krishna

  • @abhajha5577
    @abhajha5577 2 роки тому +6

    मैं तुम में या तुम मुझमें
    इसका भी अब भान नहीं
    प्रभु श्वास तुम्हारे जीती हूँ अब
    अपनी भी पहचान नहीं
    छवि तुम्हारी अपनी लागे
    द्वैत का कोई ज्ञान नहीं
    हर स्पर्श तुम्हारे हैं अब
    पृथकता का अभिमान नहीं।

  • @anilsonar2284
    @anilsonar2284 Рік тому +1

    जय हो
    जय श्री हरिदास जी
    श्री कुंज बिहारी श्री हरिदास जी 🙏🙏🌺🌺

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      About the writer-
      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @merovrindavan5869
    @merovrindavan5869 2 роки тому +1

    Jai Ho Radhavallabh lal ki 🙏 Radhavallabh shri harivansh 🙏

  • @samantbhatt1
    @samantbhatt1 Місяць тому

    आचार्य श्री सादर 🙏🙏

  • @jaichabria83
    @jaichabria83 2 роки тому +2

    The books themselves are so well researched that it is mind boggling....
    The amount of work that has gone into it by Shri Rajendra ji. It is like his life's work. And we are ever so grateful to Lord to have given these precious 'Gudari ka heera' in our hands to study and imbibe.
    Yes....Itihaas ke Radha Krishna and Vedaateet Nitya Viharee Vihaarin are different.
    Yes...The Radha Krishna born on earth and left earth and Nitya Vihaar Leela are separate and different.
    Yes..They are but ONE appearing as two.
    Yes...They are not born but appear and not separately but together as complimentary forms of the same Prem Tattwa.
    Study of Shri Rajendra Ranjan Chaturvedi's Kelimaal and Mimaamsaa texts are for those who have been chosen to study them just like Shri Rajendra ji has been 'chosen' to research it, collect it from so many places, study it deeply, to be revealed its meanings, and to disseminate it for the ones who are the Lionesss' disciples, students, children, wards....
    Shyama Kunj Bihaaree Shree Haridaas....

    • @binita894
      @binita894 Рік тому

      Shree Haridash 🙏

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Рік тому +1

      @@binita894 Shree Haridas Behen

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      After thorough study and learning we have discovered that-
      There are huge mistakes in the book, though well researched. Please get yourself authentic satsang and discourses by the initiated sants of the parampara.

  • @user-xw7md4ie4p
    @user-xw7md4ie4p 2 роки тому

    Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe🙏🙏

  • @ruchikasharma8326
    @ruchikasharma8326 2 роки тому +1

    Shri Radhey 🙏🏻🙏🏻

  • @pravinthakur9881
    @pravinthakur9881 2 роки тому

    🌷🚩🌷 गुरुदेव सादर प्रणाम ,🙏 आभार प्रकट करते हुए प्रसन्न्ता है ।🙏😊

  • @devratanbaldawa4188
    @devratanbaldawa4188 2 роки тому

    2🌹🐦जय श्रीमन्नारायण. जय श्री कृष्ण जय श्री राम. जय श्री हनुमान. जय श्री गणेश. ॐ नमः शिवाय.🐦🌹(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦

  • @MaheshSharma-mw4mx
    @MaheshSharma-mw4mx Рік тому

    Bahut anandmaya🎉

  • @NEHAHARIDASI
    @NEHAHARIDASI 2 роки тому

    कुंज बिहारी श्री हरिदास 🤗🤗🙏

  • @kingstrike9353
    @kingstrike9353 2 роки тому

    Radhe Radhe ji bahut acchi baten Bata rahe ho dhanyvad

  • @merabankabhiari
    @merabankabhiari 7 місяців тому

    Shri haridas

  • @devratanbaldawa4188
    @devratanbaldawa4188 2 роки тому +1

    2🌹🐦भारतीय विक्रम संवत 2079🌹🐦
    🌹🐦नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं🌹🐦
    🌹🐦(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦

  • @yashbhosle3667
    @yashbhosle3667 Рік тому

    श्री कुंज बिहारी श्री हरिदास ❤️

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @aradhanasharma5074
    @aradhanasharma5074 2 роки тому +1

    अति सुन्दर गुरुवर 💐💐💐
    कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏

    • @jyotiprakash8415
      @jyotiprakash8415 Рік тому

      Kelimal book kitne ki hai

    • @binita894
      @binita894 Рік тому

      @@jyotiprakash8415 जी ,श्री केलीमाल जी का न्यौछावर 151 रूपया है ....🙇‍♀️
      श्रीहरिदास 🙏

  • @madhavchaturvedi4317
    @madhavchaturvedi4317 Рік тому

    Shri haridas Jai bihari ji ki

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @mrs5734
    @mrs5734 2 роки тому

    धन्य कर दिया प्रभु

  • @shikhasharma1126
    @shikhasharma1126 Рік тому

    Adhbhut gyan🙏💐

  • @rajubohra514
    @rajubohra514 8 місяців тому

    Radha Radha

  • @gulabchaturvedi7409
    @gulabchaturvedi7409 Рік тому

    जय श्री जी जय हो

  • @joyjagadbandhuhari3757
    @joyjagadbandhuhari3757 2 роки тому

    Dandavat Pranam .Bahut achcha laga

  • @gurbaxsingh1074
    @gurbaxsingh1074 2 роки тому

    श्री कुंज बिहारी श्री हरिदास

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @brajsanskritishodhsansthan7987
    @brajsanskritishodhsansthan7987 2 роки тому

    जय जय श्रीराधे !

  • @user-ux1jm1hd2w
    @user-ux1jm1hd2w 7 місяців тому +1

    रसदेश पर मात्र 3 episode? और नहीं हैं क्या?कृपया मार्गदर्शन करें।

    • @TheQuestURL
      @TheQuestURL  7 місяців тому

      Aur record nhi huye
      Aane h ishwar kare

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @chandantiwary5945
    @chandantiwary5945 2 роки тому

    adbhut 🙏🙏🙏

  • @ranisunita5338
    @ranisunita5338 2 роки тому

    जय श्री कृष्णा।श्री हरिदास श्यामा कुंज बिहारी।जय हो! जय हो !जय हो!

  • @user-ux1jm1hd2w
    @user-ux1jm1hd2w 7 місяців тому

    रसदेश पर मात्र 3 ही एपिसोड?और नहीं हैं क्या?

  • @Sivbhatt
    @Sivbhatt 2 роки тому

    कुंज बिहारी श्री हरिदास

  • @gayatrikaryalay5249
    @gayatrikaryalay5249 2 роки тому

    Krupya aage ka episode release kare🙏

  • @shikhasingh2795
    @shikhasingh2795 2 роки тому

    Shri kunjbihari Shri haridass

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @jaichabria83
    @jaichabria83 Місяць тому

    आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

  • @rajubohra514
    @rajubohra514 8 місяців тому

    Ye book kaha milegi please aap bataye

  • @ashishchaturvedi8296
    @ashishchaturvedi8296 2 роки тому

    अति सुंदर व्याख्या 🙏

  • @siddhivaidya667
    @siddhivaidya667 2 роки тому

    JSK🙏👏🌹

  • @saileshbhardwaj2092
    @saileshbhardwaj2092 2 роки тому

    Kevalya and moksh ke bare me bataiye

  • @Monu.Haridasi
    @Monu.Haridasi Рік тому +1

    Doctor डॉक्टर साहब श्री स्वामी हरिदास जी महाराज के पावन पवित्र देश में नारी का भी प्रवेश नहीं गलत डॉक्टरी झाड़ रहे कृपया सही करके आओ जब बात करना

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.

    • @Monu.Haridasi
      @Monu.Haridasi Місяць тому +1

      @@jaichabria83 मै भी तो यही कह रहा हू मेरी गलती नहीं है इस डाक्टर की है

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      @@Monu.Haridasi आपको संतों की कृपा रूपी सत्संग प्राप्त है तभी आपको कोई भ्रमित नहीं कर सकता. पर यहाँ पर कितने भोले श्रोता भ्रमित हुए हैं और उनकी पुस्तक में ऐसी बातें पढ़कर न जाने कितने और भ्रमित हुए होंगे. इसीलिए हम ने आपके और अन्य सखियों के कमेन्ट में भी यह बात डाली है जो हमने उनको सीधे सीधे भी बताया है. अगर आपके कमेन्ट में नहीं डालते तो आप नहीं जान पाते के संत कृपा से उनकी बात का उत्तर भी आया है. आपको साधुवाद के आपने स्वामी जी के परिशुद्ध रस रीति के प्रति खेलने वालों को सही गलत का भान कराने का प्रयास किया है. जय हो. श्री हरिदास

  • @dhirendrasinghchouhan903
    @dhirendrasinghchouhan903 Рік тому

    राधा 😀

  • @saileshbhardwaj2092
    @saileshbhardwaj2092 2 роки тому

    Please Guru ji kevalya and moksh ke bare me bataiye

  • @shyamarani5553
    @shyamarani5553 2 роки тому

    हमारा पुरुष शरीर वाला होने का तुच्छ अहम किस उपाय से नष्ट हो। इस शरीर मन बुद्धि अहंकार के खोल को भंग करके चित्त की ऐसी दुर्लभ अवस्था को कैसे प्राप्त किया जा सकता है।🙏🙂

    • @nishispeaks
      @nishispeaks 5 місяців тому +2

      देह भाव से ऊपर उठ चूके किसी महापुरुष की चरण शरण लेकर। उनके बताए हुए मार्ग को अनुसरण कर के।उनकी आज्ञा को निष्ठा से पालन करके।

    • @jaichabria83
      @jaichabria83 Місяць тому

      आप को केलिमाल की टीका संतों ने कृपा वश दे दी, पर आपने उनकी ही वस्तु में दाग लगाने का जघन्य अपराध किया है.यहाँ केवल देह ही नहीं,बुद्धि का भी प्रवेश नहीं.परंतु आपने मुख्य गुरु महंत जी से शोध किए बिना यह भ्रम छाप दिया के श्री ललिता त्रिपुर सुन्दरी ही श्री ललिता हरिदासी हैं.आपके पिताजी को परिवार के ही किसी अज्ञानी बालक के कही सुनी बात पर किसी अन्य वंश के पुत्र का पिता घोषित किया जाए,तो यह आपके परिवार पर कलंक लगाने की ही चेष्टा और अक्षम्य अपराध माना जाएगा.आपके महंत जी से शोध न करवाना आपके बुद्धि की कुटिलता का प्रमाण है.जितनों ने आपकी पुस्तक ली उन सबको दिग्भ्रमित करने का पाप भी आपके सर लगेगा.पूरे प्रमाण के साथ संत महंत आपके इस अपराध को सिद्ध कर सकते हैं.ऊपर से आप इस प्रकार कह रहे हैं जैसे आपकी बात संतों द्वारा स्वीकार नहीं होने जैसा कोई एक तरफा मामला है और आपकी बुद्धि अपनी बड़े हृदय और दीनता का प्रदर्शन कर रही है.आप बोलो आपके वंश में ऐसा झूठा आरोप से कलंक लगाने वाला और ऊपर से छाप कर दूर दूर तक ये मक्कारी फैलाने वाला आपको कभी क्षम्य होगा?आपमें मानवता है तो अगले वीडियो में सच साफ साफ बता दीजिए,सभी को चेता दीजिए के अपराध हुआ है.महंत जी से सभी संतों के सामने क्षमा याचना कीजिए.आप जिस स्वतंत्रता से कह रहे हैं के चौबे ने बताया और आपने लिख दिया('अनेक प्रतियों में छाप दिया और बेच दिया' कहिये),उस अहंकार के स्वरूप को मिटाने हेतु संत महंत और स्वामी जी की सर्वोपरि परंपरा का कुटिल अपराध जान बूझकर करने के कारण जब विधि का लेख आप पढ़ोगे,कहीं ऐसा न हो के अगला जन्म आपको मनुष्य का भी न प्राप्त हो.