Siyana सियाणा क्षेत्रपाल भैरूजी का मंदिर,सियाणा का इतिहास जानें क्या है पीछे की कहानी @JALOREHISTORY
Вставка
- Опубліковано 6 лют 2025
- Siyana सियाणा क्षेत्रपाल भैरूजी का मंदिर,सियाणा का इतिहास जानें क्या है पीछे की कहानी @JALOREHISTORY
सियाणा ( 29 फरवरी 2024 ) नमस्कार साथियों आज हम एक बार फिर से जालौर से जुड़े इतिहास से संबंधित जानकारी के साथ नया वीडियो लेकर आया हूं जालोर के इतिहास से जुड़ें कुछ किस्से हैं । अगर आप भी जालौर के रहने वाले हैं तो यहाँ आपके लिए कुछ खास संबंधित होगा। यहां वीडियो शुरू करने से पहले अगर आप हमारे चैनल पर अभी नया जुड़े हुए हैं तो आप अभी चैनल को लाइक और शेयर करे देवें जैसे कि आप सभी को मालूम है कि जालोर जिले में सियाणा गांव में क्षेत्रपाल भैरव जी का प्राचीन मंदिर बना हुई है। इस मंदिर खेतलाजी का यह भव्य मंदिर राजस्थान राज्य के जालोर जिले के सियाणा नामक गाँव में स्थित है। यह मंदिर आबूपर्वत से निकलने वाली कृष्णावती नदी पर निर्मित है।
बात आज से करीब 900 साल पुराणी है जब जालौर दुर्ग पर महाराजा वीरमदेव सोनगरा का शासन था । उस समय सियाणा गांव को बसाया गया था , सियाणा को वीरमदेव महाराजा के समय गोवर्धन जी नामक एक योध्दा/शूरवीर ने बसाया था ।
सर्वप्रथम आपको प्राचीन
सियाणा ग्राम की कुछ निशानी के बारे में अवगत कराते है की सियाणा काछेला नामक पहाड़ की गोद में बसा हुआ ग्राम था , यह पर्वत आज भी विधमान है तथा यह पहाड़ वर्तमान समय में बाहर से आ रहे खेतल बाबा के भक्तो का एक विशालतम महापुरुष के रूप में खड़े होकर पलक पावड़े बिछा रहा है अर्थात् स्वागत् कर रहा है और इसकी आभाए बड़ी ही मनमोहक है ।वर्तमान रावला (दरबार) के सामने आम चौक था । गांव का मुख्य फला (दरवाजा) पावटी पेचके के समीप था ।यहाँ का प्राचीन मन्दिर सबलेश्वर महादेव जी का है । गांव के चौक पर होली जैसे अवसरों पर पारम्परिक गैर नृत्य का आयोजन होता था ,उस नृत्य में एक अनजान युवक हाथ में कटार लिए गैर में शामिल हो जाता था ,वह महापुरुष गेरियों के साथ नृत्य में साथ2 नाचता और गैर पूरी होने पर उस गैर में से एक शूरवीर युवक को झड़प में लेकर अद्रश्य हो जाते थे । युवक झड़प में आने से उसी समय मृत्यू के मुह में चला जाता था ।यह घटनाक्रम प्रत्येक वर्ष हुआ करता आ रहा था , तब जाकर सियाणा ग्राम के निवासीयो ने मिलकर उस महायोगी को पकड़ने की योजना बनाई (इस हेतु लौहारों ने आरण पर लोहे की जंजीर बनाई ) । कुछ वर्षो उपरांत ही होली के अवसर पर हो रही गैर नृत्य में सियाणा वासियो ने उस महायुवक पर नजर रखकर उन्हें अपनी योजना के मुताबिक धर पकड़ लिया ,इस प्रकार उस योगी पुरुष को पकड़ लिया गया(कहा जाता की आज भी सियाणा क्षेत्रपाल उसी जंजीर में बंधे हुए है) , किन्तु उन्होंने अपने को बन्धन में लेने वालो के ऊपर एक अभिशाप अर्थात श्राप छोड़ दिया ।
यह महायोगी ही आगे जाकर सियाणा खेतलाजी के नाम से प्रसिद्ध हुए ।
इनको सियाणा ग्राम की कृष्णावती /सुकड़ी नदी के निकटतम स्थित काछोला पर्वत पर एक खेजड़ी के नीचे बिठाया गया । जहाँ वर्तमान में एक भव्य मंदिर निर्मित है ।
सन् 1916 में सोनगरा चौहानो ने सियाणा ग्राम की शासन प्रणाली को अपने हाथ में ले ली । सियाणा ग्राम की रक्षा में सोनगरा राजपूतो की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है ।
सियाणा खेतलाजी मन्दिर परिसर में ऐतिहासिक कई छतरिया बनी हुई है , जिसमे प्रथम छतरी सियाणा ग्राम के प्रथम शासक श्री केसरदान जी चौहान की है , दूसरी जेतसिंह जी की है जो गायों की रक्षा करते हुए झुँझार बने । इनके पीछे इनकी धर्मपत्नी सरू कँवर जी पतिवर्ता का फर्ज निभाते हुए सती हुए थे ,उनका पीहर लोहायानागढ़ (वर्तमान जसवंतपुरा) में था ।गायों की रक्षा करने वाले शूरवीर श्री जेतसिंह जी के साथ में दो और महान शूरवीर शहीद हुए , जिनमे एक भोमिया श्री सव सिंह जी पानीवाल थे ,जो बहुत बड़े कुशल सेनानायक ,शूरवीर , घुड़सवार , महान् योद्धा , गायों व जनता की रक्षा करने वाले महानायक थे । दूसरे श्री प्रेम सिंह जी भाटी (दोलडा निवासी) ,जो सियाणा में ही रहते थे । इन तीनो महापुरुषो(जेत सिंह जी , सव सिंह जी व् प्रेम सिंह जी) ने गौ रक्षा हेतु अपना सतीदान देकर सदैव2 के लिए अमर हो गये । तीसरी छतरी श्री बलिदान जी की है और चौथी मेघसिंह जी की है । इनके समीप एक छतरी मेघसिंह जी की धर्मपत्नि बान्गेली कँवर जी की है ।
आज यह एक विशालतम मन्दिर है , जहाँ कृष्णवती नदी की तरफ 105 फिट लम्बी साल्व बनी हुई हे ,जिसमे 6 कमरे , 1 हॉल और 6 बाथरूम निर्मित है । पानी की व्यवस्था हेतु पहाड़ पर एक बहुत बड़ी मन्दिर द्वारा टँकी बनाई हुई है साल्व के सामने नल व्यवस्था के लिए 16 नल लगे हुए है । गांव की तरफ 5 कमरे छतरियों के पीछे निर्मित है । मुख्य् द्वार के पास दो कमरे है । पोल के भीतर 1 ऑफिस व 1 स्टोर रूम है , हवन कुण्ड भी ढका हुआ है । ऊपर मन्दिर के पास एक सुंदर बगीची है , जहाँ विविध तरह के पेड़ - पौधे खड़े है । नीचे 2 ठंडे पानी की प्याऊ बनी हुई है । हाल ही में दो बहुत बड़े गेट बनाये गए हो (जिसमे एक गेट सियाणा गाँव के मुख्य बस स्टेशन और एक मन्दिर के नीचे सुकड़ी नदी से गांव के अंदर प्रवेश मार्ग पर बनाया गया है) ।
आज सियाणा खेतलाजी में दूर ~ दराज क्षेत्रो के लोगो में श्रद्धा व आस्था बनी हुई है ,इसी कारण यहाँ जालौर जिले के लोग ही नही अपितु सम्पूर्ण राजस्थान समेत गुजरात , मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र इत्यादि जगहों से खेतल बाबा के भक्त प्रत्येक वर्ष आ रहे है । प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की तेरस व चौदहस को बहुत बड़ा मेला लगता है
Siyana_Kshetrapal_Bhairav_ji_s_temple_know_the_history_of_Siyana_and_the_story_behind_it.
#jalore_news
#नया_अदाजा_में
#सिरोही_जालोर_की_ताजा_खबर
#राजस्थान_की_ताजा_खबर
#जालोर_की_तहसील_से_जुडी_खबर
#काईम_खबर_के_साथ
श #today_जालोर-न्यूज़_आज_तक
#job_की_ताजा_खबर_अन्य खबर_के_साथ
#देश_विदेश_की_खबर
खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें
wa.me/918239224440
ऐसी ही अनेक खबर देखने और सुनने के लिए जालोर न्यूज़ को ज्यादा से ज्यादा लाइक शेयर कमेन्ट ओर शेयर जरुर करें धन्यवाद
जय हो
Jay bheru nathji
wow🎉
jay khelta ji ri sa 🎉
Jay ho siyana KhetLaJi
wow
Jay shree siyana khetlaji bavji namah
❤🎉 jaykhetlajirisaa ❤🎉
Jai khetlaji namo 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay khetlaji resha