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Jalore History
India
Приєднався 1 кві 2023
Jalore History is a fascinating UA-cam channel that explores the rich and vibrant history of Jalore, a city located in the Indian state of Rajasthan. This channel is the perfect destination for history enthusiasts and anyone who is curious to learn more about this beautiful city's past.
Through a series of well-researched and engaging videos, Jalore History takes its viewers on a journey through time, from the early days of Jalore's formation to its growth and development over the centuries. You'll discover the captivating stories behind Jalore's most famous landmarks, monuments, and buildings, and gain a deeper understanding of the city's unique cultural and historical significance.
Jalore History is the perfect channel for you. Join us as we delve into the past and uncover the hidden treasures of Jalore's rich history. Subscribe today and start your journey into the fascinating world of Jalore's past.
Managed by @jalorenewsyt
Website : Jalorenews.com
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नवरात्रि विशेष: वीर क्षत्राणियों की आस्था और परंपरा का प्रतीक – कुलेटी धाम आजबर गांव के पास स्थित
नवरात्रि विशेष: वीर क्षत्राणियों की आस्था और परंपरा का प्रतीक - कुलेटी धाम आजबर गांव के पास स्थित
जालौर ( 5 अक्टूबर 2024 ) नमस्कार साथियों, नवरात्रि की शुभ शुरुआत के अवसर पर हम आपको जालौर के एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर ले चल रहे हैं। अगर आप जालौर के निवासी हैं या इस भूमि से जुड़े हुए हैं, तो यह जानकारी आपके लिए विशेष महत्व रखती है। आज हम आपको एक अनमोल यात्रा पर ले चलेंगे, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
लोहियाणगढ किला, जो आजबर गांव के पास स्थित है, राजस्थान के वीर क्षत्रिय समाज की गौरवमयी परंपराओं का प्रतीक है। यह किला उन अनगिनत वीर क्षत्रियों और क्षत्राणियों के अद्वितीय शौर्य और बलिदान की गाथाओं का साक्षी है, जिन्होंने सदियों से समाज और राज्य की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। क्षत्रिय समाज की वीरांगनाएं पर्दे में रहते हुए भी अपने समाज के प्रति अटूट निष्ठा और समर्पण का परिचय देती रही हैं।
नवरात्रि के पावन अवसर पर, राजस्थान की क्षत्राणियों ने अपनी कुलदेवी अर्बुदा देवी की शरण में जाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। आकोली गांव से पैदल यात्रा करते हुए इन वीरांगनाओं ने कुलेटी धाम (आजबर) की ओर कदम बढ़ाए। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक साधना का प्रतीक थी, बल्कि क्षत्रिय समाज की महिलाओं की परंपराओं, उनके साहस, और उनके त्याग का भी प्रतीकात्मक अनुस्मरण थी।
कुलेटी धाम यात्रा:
इस यात्रा में शामिल क्षत्राणियों ने आकोली से कुलेटी धाम तक की कठिन पैदल यात्रा पूरी की, जो समाज में नारीशक्ति की महत्ता और उनकी आस्था को सजीव करती है। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने साहस और समर्पण का परिचय देते हुए इस यात्रा को सफल बनाया। कुलेटी धाम पहुंचकर कुलदेवी अर्बुदा देवी की पूजा-अर्चना की, और समाज की रक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
क्षत्रिय समाज की वीरांगनाएं:
इतिहास में झांकें तो क्षत्रिय समाज की वीरांगनाओं का नाम रानी पद्मिनी, रानी हाड़ी, मीराबाई जैसी महान विभूतियों से जुड़ा हुआ है। रानी हाड़ी का बलिदान क्षत्रिय समाज की अद्वितीय वीरता का सबसे बड़ा उदाहरण है। जब उनके पति राजा रतनसिंह युद्ध के मैदान में जा रहे थे, तो उन्होंने अपनी पत्नी रानी हाड़ी की याद में एक निशानी मंगवाई। रानी हाड़ी ने यह समझते हुए कि यदि राजा का ध्यान मुझ पर रहेगा, तो वे युद्ध पर केंद्रित नहीं हो पाएंगे, अपने सिर को काटकर सिपाही के हाथों भेज दिया। यह त्याग और वीरता आज भी क्षत्रिय समाज की महिलाओं के चरित्र में दिखाई देती है।
वर्तमान में भी, क्षत्राणियों ने अपनी परंपराओं और संस्कारों को जीवित रखते हुए नवरात्रि के इस पावन अवसर पर कुलेटी धाम में देवी अर्बुदा के चरणों में सिर झुकाकर अपने समाज की रक्षा और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। उनकी यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में नारीशक्ति का महत्व कितना अद्वितीय है।
नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में, क्षत्रिय समाज की महिलाओं का यह साहस और समर्पण समूचे समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।
इस तरह की यात्राएं न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती हैं, बल्कि समाज के प्रति नारीशक्ति के समर्पण और साहस को भी दर्शाती हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
Navratri_Special_Symbol_of_faith_and_tradition_of_brave_Kshatraniyas_Kuleti_Dham
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जालौर ( 5 अक्टूबर 2024 ) नमस्कार साथियों, नवरात्रि की शुभ शुरुआत के अवसर पर हम आपको जालौर के एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर ले चल रहे हैं। अगर आप जालौर के निवासी हैं या इस भूमि से जुड़े हुए हैं, तो यह जानकारी आपके लिए विशेष महत्व रखती है। आज हम आपको एक अनमोल यात्रा पर ले चलेंगे, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
लोहियाणगढ किला, जो आजबर गांव के पास स्थित है, राजस्थान के वीर क्षत्रिय समाज की गौरवमयी परंपराओं का प्रतीक है। यह किला उन अनगिनत वीर क्षत्रियों और क्षत्राणियों के अद्वितीय शौर्य और बलिदान की गाथाओं का साक्षी है, जिन्होंने सदियों से समाज और राज्य की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। क्षत्रिय समाज की वीरांगनाएं पर्दे में रहते हुए भी अपने समाज के प्रति अटूट निष्ठा और समर्पण का परिचय देती रही हैं।
नवरात्रि के पावन अवसर पर, राजस्थान की क्षत्राणियों ने अपनी कुलदेवी अर्बुदा देवी की शरण में जाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। आकोली गांव से पैदल यात्रा करते हुए इन वीरांगनाओं ने कुलेटी धाम (आजबर) की ओर कदम बढ़ाए। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक साधना का प्रतीक थी, बल्कि क्षत्रिय समाज की महिलाओं की परंपराओं, उनके साहस, और उनके त्याग का भी प्रतीकात्मक अनुस्मरण थी।
कुलेटी धाम यात्रा:
इस यात्रा में शामिल क्षत्राणियों ने आकोली से कुलेटी धाम तक की कठिन पैदल यात्रा पूरी की, जो समाज में नारीशक्ति की महत्ता और उनकी आस्था को सजीव करती है। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने साहस और समर्पण का परिचय देते हुए इस यात्रा को सफल बनाया। कुलेटी धाम पहुंचकर कुलदेवी अर्बुदा देवी की पूजा-अर्चना की, और समाज की रक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
क्षत्रिय समाज की वीरांगनाएं:
इतिहास में झांकें तो क्षत्रिय समाज की वीरांगनाओं का नाम रानी पद्मिनी, रानी हाड़ी, मीराबाई जैसी महान विभूतियों से जुड़ा हुआ है। रानी हाड़ी का बलिदान क्षत्रिय समाज की अद्वितीय वीरता का सबसे बड़ा उदाहरण है। जब उनके पति राजा रतनसिंह युद्ध के मैदान में जा रहे थे, तो उन्होंने अपनी पत्नी रानी हाड़ी की याद में एक निशानी मंगवाई। रानी हाड़ी ने यह समझते हुए कि यदि राजा का ध्यान मुझ पर रहेगा, तो वे युद्ध पर केंद्रित नहीं हो पाएंगे, अपने सिर को काटकर सिपाही के हाथों भेज दिया। यह त्याग और वीरता आज भी क्षत्रिय समाज की महिलाओं के चरित्र में दिखाई देती है।
वर्तमान में भी, क्षत्राणियों ने अपनी परंपराओं और संस्कारों को जीवित रखते हुए नवरात्रि के इस पावन अवसर पर कुलेटी धाम में देवी अर्बुदा के चरणों में सिर झुकाकर अपने समाज की रक्षा और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। उनकी यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में नारीशक्ति का महत्व कितना अद्वितीय है।
नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में, क्षत्रिय समाज की महिलाओं का यह साहस और समर्पण समूचे समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।
इस तरह की यात्राएं न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती हैं, बल्कि समाज के प्रति नारीशक्ति के समर्पण और साहस को भी दर्शाती हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
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नवरात्रि विशेष कवरेज देखिए : धुम्बड़ा पर्वत पर स्थित महाभारत कालीन सुभद्रा माता का प्राचीन मंदिर
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भीनमाल: 600 साल पुराने मंदिर में है विश्व की सबसे अद्भुत वराह श्याम की प्रतिमा जाने विशेष कवरेज
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गणेशजी चतुर्थी पर विशेष कवरेज देखिए : भीनमाल नाडी वाले गणपति मंदिर का इतिहास क्या जाने पीछे का रहस्य
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पातालेश्वर महादेव मंदिर को गजनवी ने सोमनाथ मन्दिर समझकर लुटा और अलाउद्दीन खिलजी ने तुड़वाया दिया
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Shri jasma mata mandir Patna ओड़ समाज की रानी श्री सती माता और जसमा माता मंदिर पाटन गुजरात का इतिहास
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जालौर का एक अनोखा महादेव जी का मंदिर जहाँ पर महादेव जी से पहले पुजा जाता है सोनगरा जूझार जी - JALORE
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श्रावण माघ विशेष कवरेज : श्री धुंधलेश्वर महादेव मंदिर स्वरूप पूरा महादेव मंदिर जालोर - JALORE NEWS
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राजस्थान का एक ऐसा मंदिर, जहां होती है भगवान शिव के अंगूठे की पूजा, जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य
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जालोर सुन्देरलाब तालाब का इतिहास क्या है कैसे पड़ा नाम जानें - history of Jalore Sunderlab pond
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जालौर शहर में मौजूद है सुन्दर रायका की छतरी, सुन्दर राईका कौन थे जिसकी यादगार में बनी छतरी जाने क्या
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फोनोग्राफ क्या है इसका आविष्कार कब हुआ था और इसका उपयोग में क्यों लिया जाता था और यहां मनोरंजन उपकरण
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फोनोग्राफ क्या है इसका आविष्कार कब हुआ था और इसका उपयोग में क्यों लिया जाता था नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आप सभी का हमारे चैनल पर। आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक आविष्कार के बारे में बात करने जा रहे हैं एडिसन फोनोग्राफ। यह उपकरण ध्वनि रिकॉर्डिंग और पुनरुत्पादन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एडिसन फोनोग्राफ एक प्रारंभिक ध्वनि रिकॉर्डिंग और पुनरुत्पादन उपकरण है जिसे थॉमस एड...
एक रेकॉर्ड प्लेयर, जिसे ग्रामोफ़ोन भी कहां जाता और 20 वी शताब्दी रिकॉर्ड टेप इसकी स्थापना किसने कब
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एक रेकॉर्ड प्लेयर, जिसे ग्रामोफ़ोन भी कहां जाता और 20 वी शताब्दी रिकॉर्ड टेप इसकी स्थापना किसने और कब हुई जाने आपके के लिए एक वीडियो तैयार कर रहा हूँ, जिसमें पुराने रेकॉर्ड प्लेयर और उनके महत्व के बारे में जानकारी दिया गई है "आज हम आपको एक ऐसी चीज़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने हमारे बचपन और युवा दिनों में बहुत मनोरंजन किया करते थे। लेकिन वर्तमान में आज के समय में यह चीज़ें लगभग बंद हो चु...
जोधपुर में राईका बाग का इतिहास क्या है , राईका बाग से जुड़ी जानकारी देखिए video dekho
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वो भी क्या दिन थे बचपन वाला यहां विडियो देखना के बाद आपको भी बचपन याद आ जाएगा सन् 1998 का ख़त पत्र
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वो भी क्या दिन थे बचपन वाला यहां विडियो देखना के बाद आपको भी बचपन याद आ जाएगा एक समय था जब सन् 1998 में डाकिया द्वारा अपने घरों में खत ( पत्र ) लेकर आए करते थे और जिसे पढ़कर बहुत सुकून मिलता था अब देखने को भी नहीं मिलता है ऐसे खत पत्र वहां भी क्या पल था सुकून वाला दिन पहले जमाने का फोटो देखकर बहुत खुशी मिलती है । वर्तमान में समय के साथ साथ में कितना बदलाव आ गया है लोगों में भी बहुत परिवर्तन हो ...
महाराणा प्रताप जयंती विशेष कवरेज : जालोर में महाराणा प्रताप स्कूल से कैसे पड़ा और नाम कैसे गायब हुआ
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Переглядів 584 місяці тому
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जालौर दुर्ग कैसे दिखाई देता है विशेष कवरेज देखिए jalore ka kila Kesha dikhai deta hai coverage fort
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पीर दरगाह हिंदू- मुस्लिम एकता का अनूठा मिसाल है जहां पर हिंदू के हाथों चढ़ाई जाती है सबसे पहले चादर
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होली पर यहां के पुरुष भी बांधते हैं पैरों में घुंघरू और थिरकते चंग की थाप पर,जालोर भक्त प्रहलाद चौंक
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घनश्यामजी के राजमदिर में जालोर की शासक गुलाबराय पासवान फागोत्सव मनाती थी , इतिहास के पन्नों से गायब
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Jay ho siyana KhetLaJi
हरहर महादेव
जय हो
चाहे ऑपरेशन महादेव बवासीर रोज आरती रो वीडियो भेजिए
jay khelta ji ri sa 🎉
wow🎉
wow
Har har Mahadev Very nice jankari 🎉🎉🎉
❤🙏
❤🎉 jaykhetlajirisaa ❤🎉
Jay shree siyana khetlaji bavji namah
Har har mahadev 🎉
Jai khetlaji namo 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय श्री राम जय श्री हनुमान
Jay khetlaji resha
जय बजरंग बली कानीवाडा
जय हनुमान बजरंगबली
Jai shree hanuman ji Maharaj ji ki jai ho hyd
🌹🌹👍👍