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BANJARA NAMAK LAYA
India
Приєднався 20 лис 2019
‘बंजारा नमक लाया’ चैनल का उद्देश्य कविता पाठ, कहानी पाठ के साथ-साथ लोकगीत, लोककथा और बाल साहित्य की रचनाओं को लोगों तक पहुँचाना है. लोक साहित्य में पूर्वी राजस्थान के दंगलों में गाये जाने वाले- पद, कन्हैया आदि गीतों से शुरूआत कर रहे हैं. पद दंगलों के विख्यात गायक धवले, जगन, महेश के पद प्रस्तुत किये गए हैं. आगे हमारी कोशिश रहेगी अन्य पद गायकों के पदों के अलावा सुड्डा, रसिया, रामजी के गीत, ढांचा, उछाटा, हेलाख्याल आदि विविध शैलियों के गीत भी सामने लाये जा सकें.
उत्तर भारत के बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड आदि प्रान्तों के छोटे-छोटे अंचलों में लगभग छिपे ढंग से अनवरत बह रही लोक साहित्य और संगीत की धारा से कुछ ऐसी सामग्री को सामने लाने का भी प्रयास रहेगा जो अपनी साहित्यिक और सांगीतिक सादगी से अनायास ही अपनी ओर खींचती है.
हिंदी भाषा के अलावा बैगा, छत्तीसगढ़ी, बज्जिका, कुडुक आदि सीमित क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओँ के बालगीत, कहानियाँ, जनगीत आदि भी प्रस्तुत करने का प्रयास रहेगा और समय-समय पर लोगों से गई बातचीत भी.
उत्तर भारत के बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड आदि प्रान्तों के छोटे-छोटे अंचलों में लगभग छिपे ढंग से अनवरत बह रही लोक साहित्य और संगीत की धारा से कुछ ऐसी सामग्री को सामने लाने का भी प्रयास रहेगा जो अपनी साहित्यिक और सांगीतिक सादगी से अनायास ही अपनी ओर खींचती है.
हिंदी भाषा के अलावा बैगा, छत्तीसगढ़ी, बज्जिका, कुडुक आदि सीमित क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओँ के बालगीत, कहानियाँ, जनगीत आदि भी प्रस्तुत करने का प्रयास रहेगा और समय-समय पर लोगों से गई बातचीत भी.
डोकरी और जंगल के जानवर, हाड़ौती लोक कथा, जगदीश भारती
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याई बात म्हारे समझ न आई - जगदीश भारती, हाड़ौती कविता, पेंटिंग - खुशी मीना
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एक दिन यह शहर तथा अन्य कविताएं - सत्यनारायण, कैमरा -प्रमोद पाठक
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तुम्हारी तस्वीर - (कविता) सत्यनारायण, कैमरा - प्रमोद पाठक
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कवि कथाकार सत्यनारायण अपने अनूठे और अद्वितीय गद्द के लिए विख्यात हैं। लेकिन उन्होंने प्रेम की ऐसी सरल सरस सहज कविताएं कही है कि वहां भी वे उतने ही अनूठे हैं। उनकी कविताएं पढ़ते हुए अहसास होता जैसे हम उन्हें यह सब कहते हुए सुन रहे हैं। और जब हम उन्हें सुनते हैं तो उनके भीतर गहरे से आती पुकार को महसूस कर सकते हैं।
समारोह में मिली स्त्रियाँ - प्रभात, कैमरा - पद्मजा
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#kavita #poetry #प्रभात
ऊँटगाड़ी में बैठी स्त्रियाँ - प्रभात, कैमरा - पद्मजा गुनगुन
Переглядів 1324 місяці тому
#kavita #poetry #lekhan
अलविदा - प्रभात (संदर्भ - कोरोना त्रासदी) कैमरा - पद्मजा गुनगुन
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#kavita #poetry #lekhan
छेड़ी की भाएल्याँ हाड़ौती लोककथा लक्ष्मी वर्मा
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मुं बेटी कौ बाप हाड़ौती कविता जगदीश भारती
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नरसी की गाड़ी - धवले (दो नई धुनों और नए बोलों के साथ)
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विजय राही की कविता - बैशाख की एक सुबह
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हंस हंसनी की बेटी - पद पार्टी मोहनपुरा
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हाड़ौती लोककथा, ग्यारसी का गीत, - जगदीश भारती
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चूल्हा तीन बड़ै बाखड़ मं, पद - प्रभात, गायक - धवले और साथी
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याद और नहीं की याद - प्रभात, रिकॉर्डिंग पद्मजा शर्मा उर्फ गुनगुन द्वारा।
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अच्छा मौसी अलविदा, लोककथा का पुनर्लेखन और पाठ - प्रभात
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बहुत ही सुंदर
Hlo bhai
मेरी मम्मी h भाई सुनीता
क्या सुनीता जी अब भी गाती हैं। उनकी आवाज जादुई है। पता नहीं उनके गायन का सफर कैसा रहा। पर इस एक रसिया के माध्यम से उन्होंने हमारी सांस्कृतिक विरासत को एक आयाम दिया। उन्हें सादर अभिवादन कहिए।
बेहतरीन 🎉
Yaahi cha Sachaai
जी, बिल्कुल जगदीश जी ने सच्चाई को मार्मिक सादगी से कह दिया है, ये बड़ी बात है।
शानदार
❤🎉 very good sir ji
लाजवाब
बहुत ही सुंदर
बेहतरीन
Ya koi photo
प्रभात जी is dangal ki koi or video h aapke pass
इस दंगल की यही वीडियो उपलब्ध है।
Aapke pass or bhi purani recordings hogi Aap unhe bhi upload kijiye
@@Meenaboyzz ज्यादातर तो अपलोड कर दी। कुछ हैं जो या तो आधी अधूरी है या उनमें शोर शराबा ज्यादा है। फिर भी जैसे ही समय मिलेगा एडिट करके अपलोड करने की कोशिश करूंगा।
@@banjaranamaklaya4182 uncle ji aap galat mat samajhna par vo phale wala sor ab sunne ko nhi milta . Un purani videos m kuch aisa hi hai jise m mahsoos Krna chata hu is leye aapse upload krne ke lia kha. Please uncle ji aap un videos ko asusual upload kijiye.
❤❤वाह!
बहुत सुंदर ❤
बहुत ही शानदार
स्त्रियों पर केंद्रित आपकी अनेक रचनाएँ हैं, जिन्हें पढ़ते या सुनते हुए मन बेचैन हो जाता है। कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि कवि कितना बेचैन हुआ होगा, कितनी तकलीफ झेलते हुए यह रचना उसके भीतर से बह निकली होगी। प्राणी मात्र के प्रति आपकी संवेदनशीलता मन को करुणा और उम्मीद के उजास से भर देती है।... आपके कवि-मन को मैं सादर प्रणाम करता हूँ।
बहुत शानदार
बहुत ही सुंदर
Very very nice
Thank you Sir.
Nice 👍
आप को मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई हो सुनीता जी को आप के राम रसिया बहुत सुंदर है और डालना चाहिए
सुनीता जी के राम रसिया की यह बहुत पुरानी रिकॉर्डिंग है। इसके अलावा और कोई रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है। अगर कभी कहीं से कोई और रिकॉर्डिंग मिली जो ज़रूर प्रस्तुत करेंगे। आपकी प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया।
@@banjaranamaklaya4182भाई और रिकॉर्डिंग h kya
@@banjaranamaklaya4182meri mummy h Sunita ji
Yarr aur bhai aur video ho to dekho na bhai
Bda achha legega bhai@@banjaranamaklaya4182
Super 😊👍👍
जी बहुत शुक्रिया।
बहुत ही शानदार कविता
सुख का स्टेशन मार्मिक कविता
सुंदर कविता 🌼
बहुत सुंदर 😊🙏💐
शुक्रिया सर।
प्रभात जी, ये लिंक मुझे मेरे अनुज उमाशंकर शर्मा ने भेजा और जब काल रात को और अभी सुबह भी तुम्हे सुना तो आंखों से आंसू नहीं रोक पाए हूँ।😢😢
बहुत शुक्रिया कैलाश चंद्र शर्मा जी आपकी इस भावपूर्ण प्रतिक्रिया के लिए।
Thank you for this 🤝🏻🤝🏻❤️
शुक्रिया।
बहुत ही शानदार
निःशब्द 😢🫂🥰
समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूँ..आँसू रोकते रोकते आ गए हैं😢
शुक्रिया इस भावपूर्ण प्रतिक्रिया के लिए।
😢❤
स्त्रियों के मन की पीड़ा को बहुत गहराई से महसूस किया है कवि महोदय ने। बहुत खूब.......
शुक्रिया तारावती जी।
बहुत मार्मिक
शुक्रिया मनोज जी।
मार्मिक! आपकी आवाज इसे सुनते हुए छाती उमक्याई। 😢
शुक्रिया रवि भाई।
बहुत ही सुंदर
आभार आपका।
बहुत ही शानदार
शुक्रिया।
राष्ट्रपतियों की सेनाएं विध्वंस का प्रतीक हैं और चींटियों की सेनाएं सृजनात्मकता का प्रतीक
जी बिल्कुल। शुक्रिया आपका प्रतिक्रिया के लिए।
बहुत अच्छी कविता, कितना सुंदर पढ़ा है. आख़िरी दो पंक्तियां तो अद्भुत हैं.
शुक्रिया रवि।
3:09 चार बरस पहले एक सुख था जीवन में।
cheentoyon ki senaon se jyada ummeed hai prathvi ko
शुक्रिया राहुल भाई।
बहुत सुंदर रचना आदरणीय
शुक्रिया आपका।
क्या शब्द संयोजन है sir काजल,टिकी, लूगड़ी,🙏
बहुत सारे भावों को समेटे हुए है यह कविता 🙏
बहुत शुक्रिया आपकी प्रतिक्रिया के लिए।
बहुत ही अच्छी कविता
शुक्रिया।
वाह मज़ेदार
ऊंँटगाड़ी में बैठी स्त्रियाँ / कहांँ जा रही हैं हिचकोले खाती...? मन को मथती मार्मिक रचना...
Very nice
बहुत सुन्दर
❤❤