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गुरूजी आपकी कविता बड़ी अच्छी लगती है 🙏🏻🙏🏻
Bhut achhi kavita likhte ho ,jo heart ko chhu jati h ❤❤
कविता पर प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद।
वाह! सर जी😊दूसरे के मन की बातों को गहराई से महसूस कर अपनी आवाज देना वाकई काबिले तारीफ़ है 🙏
अमर की कविता पर प्रतिक्रिया लिखने के लिए शुक्रिया रेखा जी।
संवेदनशील ❤
जी शुक्रिया।
कविता में गहरी मार्मिकता है. अमर जी की आवाज में इस कविता को सुनते हुए मन बेचैन हो उठा है।-----वैसे तो मैं धरती आसमानों की बात कहना चाहता हूॅंउन स्थानों की बात कहना चाहता हूॅं जहाॅं मेरा जीवन घासों की तरह कुचला गया, पेड़ों की तरह काटा गया.
शुक्रिया रवि। दिल से टिप्पणी करते हो तुम। यह अच्छा लगता है।
गुरूजी आपकी कविता बड़ी अच्छी लगती है 🙏🏻🙏🏻
Bhut achhi kavita likhte ho ,jo heart ko chhu jati h ❤❤
कविता पर प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद।
वाह! सर जी😊
दूसरे के मन की बातों को गहराई से महसूस कर अपनी आवाज देना वाकई काबिले तारीफ़ है 🙏
अमर की कविता पर प्रतिक्रिया लिखने के लिए शुक्रिया रेखा जी।
संवेदनशील ❤
जी शुक्रिया।
कविता में गहरी मार्मिकता है. अमर जी की आवाज में इस कविता को सुनते हुए मन बेचैन हो उठा है।
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वैसे तो मैं धरती आसमानों की बात कहना चाहता हूॅं
उन स्थानों की बात कहना चाहता हूॅं
जहाॅं मेरा जीवन
घासों की तरह कुचला गया, पेड़ों की तरह काटा गया.
शुक्रिया रवि। दिल से टिप्पणी करते हो तुम। यह अच्छा लगता है।