THE GREAT VEDIC DHARMA
THE GREAT VEDIC DHARMA
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TGVD23
किसी और के जीवन की नकल करके पूर्णता के साथ जीने की अपेक्षा अपने भाग्य को अपूर्ण रूप से जीना बेहतर है। आत्मा विनाश से परे है। कोई भी आत्मा को समाप्त नहीं कर सकता जो शाश्वत है। प्रत्येक निस्वार्थ कार्य, अर्जुन, ब्रह्म, शाश्वत, अनंत भगवान से उत्पन्न होता है।
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Відео

TGVD22
Переглядів 5 тис.Місяць тому
अध्याय 1 का श्लोक 22 (अर्जुन उवाच) यावत्, एतान्, निरीक्षे, अहम्, योद्धुकामान्, अवस्थितान्, कैः, मया, सह, योद्धव्यम्, अस्मिन्, रणसमुद्यमे।।22।। अनुवाद: (यावत्) जबतक कि (अहम्) मैं (अवस्थितान्) युद्ध-क्षेत्रमें डटे हुए (योद्धुकामान्) युद्धके अभिलाषी (एतान्) इन विपक्षी योद्धओंको (निरीक्षे) भली प्रकार दे लूँ कि (अस्मिन्) इस (रणसमुद्यमे) युद्धरूप व्यापारमें (मया) मुझे (कैः) किन-किनके (सह) साथ (योद्धव...
TGVD21
Переглядів 306Місяць тому
अध्याय 1 का श्लोक 21 हृषीकेशम्, तदा, वाक्यम्, इदम्, आह, महीपते, सेनयोः, उभयोः, मध्ये, रथम्, स्थापय, मे, अच्युत।।21।। हृषीकेश श्रीकृष्ण महाराजसे (इदम्) यह (वाक्यम्) वचन (आह) कहा (अच्युत) हे अच्युत! (मे) मेरे (रथम्) रथको (उभयोः) दोनों (सेनयोः) सेनाओंके (मध्ये) बीचमें (स्थापय) खड़ा कीजिये। हिन्दी: हृषीकेश श्रीकृष्ण महाराज से यह वचन कहा हे, अच्युत! मेरे रथको दोनों सेनाओं के बीच में खड़ा कीजिये
TGVD20
Переглядів 7693 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 20 अथ, व्यवस्थितान्, दृष्टवा, धार्तराष्ट्रान्, कपिध्वजः, प्रवृत्ते, शस्त्रसम्पाते, धनुः, उद्यम्य, पाण्डवः।।20।। अनुवाद: (महीपते) हे राजन्! (अथ) इसके बाद (कपिध्वजः) कपिध्वज (पाण्डवः) अर्जुनने (व्यवस्थितान्) मोर्चा बाँधकर डटे हुए (धार्तराष्ट्रान्) धृतराष्ट्र सम्बन्धियोंको (दृष्टवा) देखकर (तदा) उस (शस्त्रसम्पाते) शस्त्र चलनेकी तैयारीके (प्रवृत्ते) समय (धनुः) धनुष (उद्यम्य) उठाकर
TGVD19
Переглядів 2,1 тис.3 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 19 सः, घोषः, धार्तराष्ट्राणाम्, हृदयानि, व्यदारयत्, नभः, च, पृथिवीम्, च, एव, तुमुलः, व्यनुनादयन्।।19।। अनुवाद: (च) और (सः) उस (तुमुलः) भयानक (घोषः) शब्दने (नभः) आकाश (च) और (पृथिवीम्) पृथ्वीको (एव) भी (व्यनुनादयन्) गुँजाते हुए (धार्तराष्ट्राणाम्) धृतराष्ट्रके यानि आपके पक्षवालोंके (हृदयानि) हृदय (व्यदारयत्) विदीर्ण कर दिये। (19) हिन्दी: और उस भयानक शब्द ने आकाश और पृथ्वी को भी...
TGVD18
Переглядів 514 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 18 द्रुपद:, द्रौपदेयाः, च, सर्वशः, पृथिवीपते, सौभद्रः, च, महाबाहुः, शङ्खान्, दध्मुः, पृथक्, पृथक्।।18।। अनुवाद: अजेय (सात्यकिः) सात्यकि (दु्रपदः) राजा द्रुपद (च) एवं (द्रौपदेयाः) द्रौपदीके पाँचों पुत्र (च) और (महाबाहुः) बड़ी भुजावाले (सौभद्रः) सुभद्रापुत्र अभिमन्यु इन सभीने (पृथिवीपते) हे राजन्! (सर्वशः) सब ओरसे (पृथक्-पृथक्) अलग-अलग (शङ्खान्) शं (दध्मुः) बजाये। हिन्दी: द्रुपद...
TGVD17
Переглядів 1,8 тис.4 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 17 काश्यः, च, परमेष्वासः, शिखण्डी, च, महारथः, धृष्टद्युम्नः, विराटः, च, सात्यकिः, च, अपराजितः।।17।। अनुवाद: (परमेष्वासः) श्रेष्ठ धनुषवाले (काश्यः) काशिराज (च) और (महारथः) महारथी (शिखण्डी) शिखण्डी (च) एवं (धृष्टद्युम्नः) धृष्टद्युम्न (च) तथा (विराटः) राजा विराट (च) और (अपराजितः) हिन्दी: श्रेष्ठ धनुषवाले काशिराज और महारथी शिखण्डी एवं धृष्टद्युम्न तथा राजा विराट और अजेय सात्यकि राजा
TGVD16
Переглядів 824 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 16 अनन्तविजयम्, राजा, कुन्तीपुत्रः, युधिष्ठिरः, नकुलः, सहदेवः, च, सुघोषमणिपुष्पकौ।।16।। अनुवाद: (कुन्तीपुत्रः) कुन्तीपुत्र (राजा) राजा (युधिष्ठिरः) युधिष्ठिरने (अनन्तविजयम्) अनन्तविजय नामक और (नकुलः) नकुल (च) तथा (सहदेवः) सहदेवने (सुघोषमणिपुष्पकौ) सुघोष और मणिपुष्पक नामक शं बजाये। (16) हिन्दी: कुन्तीपुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्तविजय नामक और नकुल तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक...
TGVD15
Переглядів 2024 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 15 पाचजन्यम्, हृषीकेशः, देवदत्तम्, धनजयः, पौण्ड्रम्, दध्मौ, महाशङ्खम्, भीमकर्मा, वृकोदरः।।15।। अनुवाद: (हृषीकेशः) श्रीकृष्ण महाराजने (पाचजन्यम्) पाजन्य नामक (धनजयः) अर्जुनने (देवदत्तम्) देवदत्त नामक और (भीमकर्मा) भयानक कर्मवाले (वृकोदरः) भीमसेनने (पौण्ड्रम्) पौण्ड्र नामक (महाशङ्खम्) महाशं (दध्मौ) बजाया। (15) हिन्दी: श्रीकृष्ण महाराज ने पाजन्य नामक अर्जुन ने देवदत्त नामक और भया...
TGVD14
Переглядів 854 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 14 ततः, श्वेतैः, हयैः, युक्ते, महति, स्यन्दने, स्थितौ, माधवः, पाण्डवः, च, एव, दिव्यौ, शङ्खौ, प्रदध्मतुः।।14।। अनुवाद: (ततः) इसके अनन्तर (श्वेतैः) सफेद (हयैः) घोड़ोंसे (युक्ते) युक्त (महति) उत्तम (स्यन्दने) रथमें (स्थितौ) बैठे हुए (माधवः) श्रीकृष्ण महाराज (च) और (पाण्डवः) अर्जुनने (एव) भी (दिव्यौ) अलौकिक (शङ्खौ) शं (प्रदध्मतुः) बजाये। (14) हिन्दी: इसके अनन्तर सफेद घोड़ोंसे युक्...
TGVD13
Переглядів 2434 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 13 ततः, शङ्खाः, च, भेर्यः, च, पणवानकगोमुखाः, सहसा, एव, अभ्यहन्यन्त, सः, शब्दः, तुमुलः, अभवत्।।13।। अनुवाद: (ततः) इसके पश्चात् (शङ्खाः) शं (च) और (भेर्यः) नगारे (च) तथा (पणवानक गोमुखाः) ढोल, मृदंग और नरसिंघे आदि बाजे (सहसा) एक साथ (एव) ही (अभ्यहन्यन्त) बज उठे। उनका (सः) वह (शब्दः) शब्द (तुमुलः) बड़ा भयंकर (अभवत्) हुआ। (13) हिन्दी: इसके पश्चात् शं और नगारे तथा ढोल, मृदंग और नरसि...
TGVD12
Переглядів 3454 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 12 तस्य, सजनयन्, हर्षम्, कुरुवृद्धः, पितामहः, सिंहनादम्, विनद्य, उच्चैः, शङ्खम्, दध्मौ, प्रतापवान्।।12।। अनुवाद: (कुरुवृद्धः) कौरवोंमें वृद्ध (प्रतापवान्) बड़े प्रतापी (पितामहः) पितामह भीष्मने (तस्य) उस दुर्योंधन के हृदयमें (हर्षम्) हर्ष (सजनयन्) उत्पन्न करते हुए (उच्चैः) उच्च स्वरसे (सिंहनादम्) सिंहकी दहाड़ के समान (विनद्य) गरजकर (शङ्खम्) शं (दध्मौ) बजाया। (12) हिन्दी: कौरवों...
TGVD11
Переглядів 16 тис.4 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 11 अयनेषु, च, सर्वेषु, यथाभागम्, अवस्थिताः, भीष्मम्, एव, अभिरक्षन्तु, भवन्तः, सर्वे, एव, हि।।11।। अनुवाद: (च) इसलिए (सर्वेषु) सब (अयनेषु) मोर्चोंपर (यथाभागम्) अपनी-अपनी जगह (अवस्थिताः) स्थित रहते हुए (भवन्तः) आपलोग (सर्वे, एव) सभी (हि) निःसन्देह (भीष्मम्) भीष्मपितामहकी (एव) ही (अभिरक्षन्तु) सब ओरसे रक्षा करें। (11) हिन्दी: इसलिए सब मोर्चोंपर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आपलोग ...
TGVD10
Переглядів 2584 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 10 अपर्याप्तम्, तत्, अस्माकम्, बलम्, भीष्माभिरक्षितम्, पर्याप्तम्, तु, इदम्, एतेषाम्, बलम्, भीमाभिरक्षितम्।।10।। अनुवाद: (भीष्माभिरक्षितम्) भीष्मपितामह द्वारा रक्षित (अस्माकम्)हमारी (तत्)वह (बलम्)सेना (अपर्याप्तम्) सब प्रकारसे अजेय है (तु) और (भीमाभिरक्षितम्) भीमद्वारा रक्षित (एतेषाम्) इन लोगोंकी (इदम्) यह (बलम्) सेना (पर्याप्तम्) जीतनेमें सुगम है। (10) हिन्दी: भीष्मपितामह द्व...
TGVD9
Переглядів 1824 місяці тому
अध्याय 1 का श्लोक 9 अन्ये, च, बहवः, शूराः, मदर्थे, त्यक्तजीविताः, नानाशस्त्रप्रहरणाः, सर्वे, युद्धविशारदाः।।9।। अनुवाद: (अन्ये) और (च) भी (मदर्थे) मेरे लिये (त्यक्तजीविताः) जीवनकी आशा त्याग देनेवाले (बहवः)बहुत-से (शूराः) शूरवीर (नानाशस्त्रप्रहरणाः) अनेक प्रकारके शस्त्रस्त्रोंसे सुसज्जित और (सर्वे) सब-के-सब (युद्धविशारदाः)युद्धमें चतुर हैं। (9) हिन्दी: और भी मेरे लिये जीवनकी आशा त्याग देनेवाले ब...
TGVD8
Переглядів 1124 місяці тому
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TGVD7
Переглядів 7505 місяців тому
TGVD7
TGVD6
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TGVD6
TGVD5
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TGVD5
TGVD4
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TGVD3
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TGVD3
TGVD2
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TGVD2
TGVD1
Переглядів 3556 місяців тому
TGVD1

КОМЕНТАРІ

  • @user-tj6pe1mx6h
    @user-tj6pe1mx6h 18 днів тому

    F5m

  • @RiponMondal-ft7fs
    @RiponMondal-ft7fs 22 дні тому

    I don't know this ringtone touch my heart ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @UjjalDas-lx7pn
    @UjjalDas-lx7pn Місяць тому

    Joy shri radhakrishna Joy shri jagannath Joy shri laxminarayan 🙏🙏🙏

  • @BhikhubhaiHalpati-sm5cv
    @BhikhubhaiHalpati-sm5cv Місяць тому

    ગુજરાતી માં ભગવાન શ્રી કૃષ્ણ મહાભારત દોહ ૩ પાઠ

  • @user-hc7rc8pb6n
    @user-hc7rc8pb6n 5 місяців тому

    bhagwat gita is the way of life..jai Sanatan

  • @user-hc7rc8pb6n
    @user-hc7rc8pb6n 5 місяців тому

    divine music best ever