TGVD11

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  • Опубліковано 24 бер 2024
  • अध्याय 1 का श्लोक 11
    अयनेषु, च, सर्वेषु, यथाभागम्, अवस्थिताः,
    भीष्मम्, एव, अभिरक्षन्तु, भवन्तः, सर्वे, एव, हि।।11।।
    अनुवाद: (च) इसलिए (सर्वेषु) सब (अयनेषु) मोर्चोंपर (यथाभागम्) अपनी-अपनी जगह (अवस्थिताः) स्थित रहते हुए (भवन्तः) आपलोग (सर्वे, एव) सभी (हि) निःसन्देह (भीष्मम्) भीष्मपितामहकी (एव) ही (अभिरक्षन्तु) सब ओरसे रक्षा करें। (11)
    हिन्दी: इसलिए सब मोर्चोंपर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आपलोग सभी निःसन्देह भीष्मपितामहकी ही सब ओरसे रक्षा करें। (11)

КОМЕНТАРІ • 2

  • @UjjalDas-lx7pn
    @UjjalDas-lx7pn 3 дні тому +1

    Joy shri radhakrishna Joy shri jagannath Joy shri laxminarayan 🙏🙏🙏

  • @BhikhubhaiHalpati-sm5cv
    @BhikhubhaiHalpati-sm5cv 8 днів тому

    ગુજરાતી માં ભગવાન શ્રી કૃષ્ણ મહાભારત દોહ ૩ પાઠ