अद्भूत। सुबह ६.०० बजे उठतेही मेरे स्व.पिता रेडिओपे मुंबई 'अ' लगाते थे।भजनका प्रोग्रॅम रहता था।याद है घरका मौहोल पुरा मंगलमय हो जाता था।पहिली बार पंडितजीका यह भजन मैने करीबन आठ-नौ सालका था तभीसे सुनते आया हूँ।सुननेके बाद एक अजीबसी विलोभनीय भक्तीरस कणकणमे समाया है ऐसा लगता हझ।अद्भुत।पंडीतजीको लाखो प्रणाम और आपको धन्यवाद।
केवल इस एक भजन को सुनकर इंसान की प्रकृती शांत हो जाती है और वो अपने आप ही अध्यात्मिकता ओर बढने लगता है. अपने अंदर के तामसिक और राजसिक प्रवृत्ती कम होती जाती है. निर्गुण निराकार ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा जागृत होती है 🙏🙏
सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी पहिले आए आए पहिले आए नाद बिंदु से पीछे जमया पानी पानी हो जी सब घट पूरण गुरु रह्या है अलख पुरुष निर्बानी हो जी सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी वहां से आया पता लिखाया तृष्णा तूने बुझाई बुझाई. अमृत छोड़सो विषय को धावे, उलटी फाँस फंसानी हो जी सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी गगन मंडलू में गौ भोई से दही जमाया जमाया, माखन माखन संतों ने खाया, छाछ जगत बापरानी हो जी सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी बिन धरती एक मंडल दीसे, बिन सरोवर जूँ पानी रे गगन मंडलू में होए उजियाला, बोल गुरु-मुख बानी हो जी
गायकी में कोहिनूर श्रीमंत कुमार गंधर्व।असाधारण व्यक्तित्व के धनी भारत रत्न कुमार गंधर्व।पवित्र भारत भूमि के छोटे से शहर देवास में उन्होंने जन्म लिया और आजीवन संगीत साधना में निरत रहे।इस वीडियो के लिए खूप खूप आभार
करीब करीब २८-२९ साल पहले म.प्र. के एक छोटेस गांव में सुनने को मिला था। पूर्णतः योग प्रक्रिया और अनुभूति को समर्पित निर्गुणी गान। Biggest contribution of Pt. Kumaraji in the divine music. 🙏
A singer singing in single lung means a great problem of respiratory track still he never shy to clear throat and singing in highest pitch hecould . So he is Kumar Gandharv dewas is a place where he lived his life..
@@Malviyabauddhavlog2758 मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र होता है मानसिक शांति का स्रोत होता हैं, मन को भौतिकता से अध्यात्म की ओर ले जाएं, पाखंड आडंबर से ऊपर हो जाओगे।
If you listen closely, the voice of Vasundhara Komkali meshes with Kumar Gandharva's voice and very subtly adds so much power to it that this recording will keep on haunting anyone for months (if not once) who has listened to it once.
आपका दिल से आभारी है हम 🙏💐 आपने ये वीडियो शेयर की 🙏💐 पंडीत जी को सुनना ही एक ऐसे की अंतर आत्मा से जुड़ जाना... 🙏 ये शायद ही भारत के शास्त्रीय संगीत में ऐसा हुवा होगा 🙏 श्री कुमार गंधर्व जी को लोग आज भी तहे दिल से उनको सुनते हैं 🙏🙏🙏 आपको सादर प्रणाम जो आपने हमसबको आपके माध्यम से ये अनुभूति दी है 🙏🙏
यह भजन मैने बचपन मे बहुत सुना, मेरे पिता को शास्त्रीय संगीत प्रिय था पर अर्थ अब समझ आता है जब से आचार्य प्रशांत जी को सुना, जो कबीर जी की वाणी को गहराई से समझते और समझाते हैं🙏
As a 15 year old, i think this may not be the taste of everyone but as a hindustani classical music learner since 8, i Just find nothing above peace😌😌😌😌
This is the song that we grew up singing and listening. I use to have the LP record for this song. Pandit Kumar Gandharva - aapki sada jai ho! I know you are no more but you live in our hearts.
Complete introduction of divine sound n divine light by SANT KABIR, N SUNG BY A MASTER SINGER, KUMAR GANDHARVA! A highly spiritual product of eternity!
The spiritual power of the Guru to raise the sincere disciple to the pinnacle of realization...in the immortal words of Kabir. Exquisitely sung...the world fades away and there is only devotion in your heart , know that this comes from the Divine. Could listen forever🙏🏻
It came from nothing, will dissolve into nothing, and rise it shall again. All these artforms are nothing but manifestations of the inherent beauty that life possesses. How could that disappear?
Listening this types of gurugambheer gani mi suntat hi rahti mala khoop chhan bhav subtle sounds listening is very keen ears je guru gyani hoto tyanchi duty asi hot hat pakda ani sodlat nahi makhan makhan Santo n khaya jaise chanch k liye bhagwan krishna ki gopal ne jagat ko go dite ani go to sarv devtach niwas pahti tyanchi var Mamta jhali mala.kabeer Vani is really proud and adharmi jhala nahi majhi pathishi je je gurujan aata mi Khushi Khushi tynich pranam kelili Kumar Gangharv khoop chhan kabeer rachna gayleli.Dhanywad.
An incredible piece of Kabir baani, sung by an incredible master. This is like an upanishad in a bhajan! It's a pity that the translation is quite off the mark, and misses many of the important themes and references, especially to Classical Tantric philosphy and practice. The word 'vishaya', for example, means 'the sense objects', not 'poison' (vish)
Would you mind translating it properly for us westerners? I’m absolutely fascinated by and in awe of this song and would love to understand the words more properly
@@Gabajidev The Guru, the Wise one listens In the sky a voice resounds Subtle, subtle, subtle… First it came from the Sound-centre Then congealed as water Every vessel filled well to the brim: The unseen Soul unspeakable. You came from there, carrying the mark, Thirst for it never quenched But ignoring the ambrosia And runnings towards sense objects You jumped into the noose Then in the vault of the sky A cow dropped calf Curds congealed on the earth Butter, Butter for the pure of heart And the rest drink buttermilk Without earth a sky appears Without a lake there is water The sky-space fills with light And the teachings drop From the Guru’s lips In-breath, out-breath, The instrument plays The third eye glows, Dear Ida, pingula, sushumna nadi The empty flag is hoisted Says Kabir, listen sadhus Know the voice of revelation Stay vigilant and awake, friends Unborn, immortal- this is the sign.
@@TheTatva11 See translation above. The second last verse in particular references some sort of tantric yoga practice, with prana and apana resonating as mantra (so'ham), causing the 'trikuti dham' (meeting of the 3 streams) to light up and a flag of 'shunya' hoisted on the sushumna nadi. Also in the last verse he tells the 'sadhu' to know the 'agama ki baani' (oral teachings of agama or tantric revelation). Dr Hess hasn't tried to bring these elements into her translation, maybe because she assumes that readers won't understand them, or she's not particularly interested in them. I respect her work a lot however and she has much more knowledge than I do.
Jis desh main itne mahapurush hua ho iss desh ke log apne dharam se kaise bhatak sakte hai. Aur jo bhatak he jaye phir wo ek janawar se jyada kuch nahi jo 2 wakt ke chare ke liye bik gaya ho.
Jab guru ka prem utkat shresht prakar ka rahta hai to vah shishya k prashno se dukhi nahi hota na hi use agyani kahata hai va itna kripalu bhav rakhta ki sau hazar lakh bar bhi samjhata hai aur uska hath nahi tyagta.mata dharti jaise sahansheel hai guru ka gambhirya.
वाह!!कबीर जी का लिखा यह सुंदर भजन और उसपर कुमार गंधर्वजी का दैवी स्वर!!
यह भजन सुनना, एक स्वर्गीय अनुभव था!!
सोने पे सुहागा!!जय हो!!
कबीर तक पहुंचने का एक रास्ता कुमार गंधर्व की गायकी से भी मिलता है।
अद्भूत। सुबह ६.०० बजे उठतेही मेरे स्व.पिता रेडिओपे मुंबई 'अ' लगाते थे।भजनका प्रोग्रॅम रहता था।याद है घरका मौहोल पुरा मंगलमय हो जाता था।पहिली बार पंडितजीका यह भजन मैने करीबन आठ-नौ सालका था तभीसे सुनते आया हूँ।सुननेके बाद एक अजीबसी विलोभनीय भक्तीरस कणकणमे समाया है ऐसा लगता हझ।अद्भुत।पंडीतजीको लाखो प्रणाम और आपको धन्यवाद।
केवल इस एक भजन को सुनकर इंसान की प्रकृती शांत हो जाती है और वो अपने आप ही अध्यात्मिकता ओर बढने लगता है. अपने अंदर के तामसिक और राजसिक प्रवृत्ती कम होती जाती है. निर्गुण निराकार ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा जागृत होती है 🙏🙏
सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी
पहिले आए आए पहिले आए
नाद बिंदु से पीछे जमया पानी पानी हो जी
सब घट पूरण गुरु रह्या है
अलख पुरुष निर्बानी हो जी
सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी
वहां से आया पता लिखाया
तृष्णा तूने बुझाई बुझाई.
अमृत छोड़सो विषय को धावे,
उलटी फाँस फंसानी हो जी
सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी
गगन मंडलू में गौ
भोई से दही जमाया जमाया,
माखन माखन संतों ने खाया,
छाछ जगत बापरानी हो जी
सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी-झीनी झीनी-झीनी
बिन धरती एक मंडल दीसे,
बिन सरोवर जूँ पानी रे
गगन मंडलू में होए उजियाला,
बोल गुरु-मुख बानी हो जी
तो उ ने बुझाई
❤
अजर अमर निशानी हो जी। केवल अद्भुत ...स्वर। Every time I listen Soul simply goes in a trans...
🙏
गगनमंडलमें गौ बियानी, भोई पे दुई जमाया ||
माखण-माखण संतो ने खाया, छाच जगत बपरानी ||
🙏🙏
गायकी में कोहिनूर श्रीमंत कुमार गंधर्व।असाधारण व्यक्तित्व के धनी भारत रत्न कुमार गंधर्व।पवित्र भारत भूमि के छोटे से शहर देवास में उन्होंने जन्म लिया और आजीवन संगीत साधना में निरत रहे।इस वीडियो के लिए खूप खूप आभार
The legendry Kumarji was born in Sulebhavi , Belgum , Near Maharashtra karnataka border area
करीब करीब २८-२९ साल पहले म.प्र. के एक छोटेस गांव में सुनने को मिला था। पूर्णतः योग प्रक्रिया और अनुभूति को समर्पित निर्गुणी गान। Biggest contribution of Pt. Kumaraji in the divine music. 🙏
साक्षात भगवान का अनुभव होता है 🙏
😥😥😥😥🙏🙏🙏💐💐💐
❤❤❤❤❤
अतिशय सुंदर,,, यापेक्षकशा शब्द नाही,,,
❤️
Us chhote se gav ka nam dewas tha kya sir
ना भूलें कि कुमारजी एक ही फेफड़े पर चल रहे थे कितने सालों से!
संत🙏❤️
A singer singing in single lung means a great problem of respiratory track still he never shy to clear throat and singing in highest pitch hecould . So he is Kumar Gandharv dewas is a place where he lived his life..
@@purnimashrivastava2942🙏🌹🌷
अंधेरे से निकाल कर दिव्य उजाले में ले जाने वाले,भोतिक जगत को भुला कर परम चेतना से मिलाने वाले गुरु का गान🙏🙏
लेकिन मंदिर पाखंड मैं ओर अंधविश्वास मैं उलझाने वाले को
मंजुला जी, इस भजनके अर्थ जितने निकाल सके उतनेही कम. एक बहुतही अच्छी अध्यात्मिक अनुभूती।
@@Malviyabauddhavlog2758 मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र होता है मानसिक शांति का स्रोत होता हैं, मन को भौतिकता से अध्यात्म की ओर ले जाएं, पाखंड आडंबर से ऊपर हो जाओगे।
Which raga it's?
The singer disappears. The heart blossoms. The Lord is there...
कुमार गन्धर्व जी समय से पहले ही इतनी सार गर्वित गायन करके इस लोक से सिधार गए। काश कि मैं आपको आज सामने बैठ कर सुन पाता।
Wo itna jabardast gaa kr gaye hain ki aap you tube me sun kr bhi pura aanand nhi le sakte....
A sublime rendition from the great master.
If you listen closely, the voice of Vasundhara Komkali meshes with Kumar Gandharva's voice and very subtly adds so much power to it that this recording will keep on haunting anyone for months (if not once) who has listened to it once.
सृष्टि की रचना किस तरह से हुई, यह बड़ी सुंदर तरह से समझाया गया है ।
वाह कबीर जी, वाह कुमार गंधर्व जी ।।
आपका दिल से आभारी है हम 🙏💐
आपने ये वीडियो शेयर की 🙏💐
पंडीत जी को सुनना ही एक ऐसे की अंतर आत्मा से जुड़ जाना... 🙏
ये शायद ही भारत के शास्त्रीय संगीत में ऐसा हुवा होगा 🙏
श्री कुमार गंधर्व जी को लोग आज भी तहे दिल से उनको सुनते हैं 🙏🙏🙏
आपको सादर प्रणाम जो आपने हमसबको आपके माध्यम से ये अनुभूति दी है 🙏🙏
The voice of Pandit & the Doha of Saint Kabira take us directly to Sahasrara!
Koti Koti Naman to both the legendary🙏🏻🙏🏻🙏🏻
यह भजन मैने बचपन मे बहुत सुना, मेरे पिता को शास्त्रीय संगीत प्रिय था पर अर्थ अब समझ आता है जब से आचार्य प्रशांत जी को सुना, जो कबीर जी की वाणी को गहराई से समझते और समझाते हैं🙏
Bhartiya Sangeet; Beyond Limits, so wonderful 🙏🌺🌟⭐️🇮🇳
This is very extraordinary Bhajan of Saint Kabirdasji. You will feel the complete absorbancy in your heart. Feel the presence of God itself.
Divine ..NADBRAMA YOGI IMMORTAL PANDIT KUMAR GANDHARVE 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
just one bhajan is enough to get mesmerised in this divine voice...indeed a spiritual bliss..wah wah
आज भी आपकी आवाज़ को कोई छू नहीं सकता , ईश्वर आपको सदैव आपके स्वर के साथ अमर करे ..
As a 15 year old, i think this may not be the taste of everyone but as a hindustani classical music learner since 8, i Just find nothing above peace😌😌😌😌
Try to find your own path in your journey of SHASTEEYA SANGEET.
👏👏🙏
This is the song that we grew up singing and listening. I use to have the LP record for this song. Pandit Kumar Gandharva - aapki sada jai ho! I know you are no more but you live in our hearts.
Voice of an enlightened Saint , most extraordinary. 🙏
पंडित जी के गायन में अनहद नाद का आभास होता है 🌼 महान कलाकार को कोटिशः नमन 🌼
संतोष कबीर की वाणी को नाद बिन्दु से सजाने वाले पंडित जी को सादर प्रणाम।
अद्भुत गायन। शायद ही कोई और इन ऊंचाइयों को हासिल कर पाए। प्रणाम।
दिव्य अनुभूति❤
God’s presence in Pt. Kumar Gandharva ji ‘s spiritual golden voice.. 🙏🙏🙏
I am few of good luck persons who listen & saw Kumarji many times. Regards
Complete introduction of divine sound n divine light by SANT KABIR, N SUNG BY A MASTER SINGER, KUMAR GANDHARVA!
A highly spiritual product of eternity!
Guru ji chaach aapne pe aur makhan hame khilaya adbhut rahi leela aapki 🙏🏻🙏🏻
kumar gandharva always brings me back on the path of devotion
The spiritual power of the Guru to raise the sincere disciple to the pinnacle of realization...in the immortal words of Kabir. Exquisitely sung...the world fades away and there is only devotion in your heart , know that this comes from the Divine. Could listen forever🙏🏻
>>>>respect... respect... nothing else ......pure divine ......
what a masterpiece
This song takes you in a state of trance.
अचंभित करने वाली वाणी! सुंदर स्वर!
Malwa ke anmol ratn Pandit Kumar Gandharva 🎉
अनहत नाद के स्वर को साकार करने वाले कुमारजी ... विनम्र नमन ...
devotion pours in his voice, pranam
very beautiful bhajan which gave us to go in the deep of our spirituality.
Divine music from divine personality !
पार लौकिक गायन है 🙏
The art of singing like this is disappearing.
It came from nothing, will dissolve into nothing, and rise it shall again. All these artforms are nothing but manifestations of the inherent beauty that life possesses. How could that disappear?
so true, seekers will always find their way.
Listening this types of gurugambheer gani mi suntat hi rahti mala khoop chhan bhav subtle sounds listening is very keen ears je guru gyani hoto tyanchi duty asi hot hat pakda ani sodlat nahi makhan makhan Santo n khaya jaise chanch k liye bhagwan krishna ki gopal ne jagat ko go dite ani go to sarv devtach niwas pahti tyanchi var Mamta jhali mala.kabeer Vani is really proud and adharmi jhala nahi majhi pathishi je je gurujan aata mi Khushi Khushi tynich pranam kelili Kumar Gangharv khoop chhan kabeer rachna gayleli.Dhanywad.
खजाना है खजाना लूट लो❤❤❤❤
Simply divine. Words fail me.
Peace not only brought in but takes us to next level of enlightenment.Kudos
Divine voice !
The tribel god lord Shiva..the spirit of..spritual
Diamond of indian classical singinging
❤❤❤❤❤❤ सुनता हो गुरु ग्यानी
Pandit Kumar gandharv ji's voice is actually very very divine 🥹🥹
Soulful in the real sense.
Voice of God!! Apratim awaz !!!
Pranam Sangeet guru ko.... such melody only after Pandit Omkar Nath Ji Thakur
Adbhut!!
No short of a meditation
Divine 🙏 transcendental ❤️
I am not there, losing myself to myself. A vibration takes me into trance, i don't belong to anywhere. My mind is on a journey for a quest, a search.
अनहद ध्वनि के वादक पंडित जी💐
ek dam sateek bat kahi
अतिशय सुंदर, अंतःकरण मे उतर जाता है l
Great,,,Maestro
Spiritual singing 🙏
Divine 🙏
Great. Music so mixed with nature
Dil me utar jane wali awaz aur sur
No words with me.
Enka name mare Hindi ke book me hai to mane enke bare me search Kiya or enka gayn sona 😊😊😊 bhut khoob bhut khoob gayk
Voice of Saint 🙏🙏🙏
Absolutely majestic
bahut hi sundar
Excellent ❤🎉🎉🎉
स्वर्गीय अनुभूति!
कबीरा ❤️
बेहतरीन प्रस्तुति 💐
Yogic experience of Saint Kabir Das ❤️🙏🌹
Very beautiful song 🇮🇳 🎵 ❤️
🙏 Jai guru dev
Great
Too good 🙏🙏
अद्भुत गायन।
सादर प्रणाम 🙏🙏
Want more of kumar ji.. Please upload more..❤🙏
Wonderful
An incredible piece of Kabir baani, sung by an incredible master. This is like an upanishad in a bhajan! It's a pity that the translation is quite off the mark, and misses many of the important themes and references, especially to Classical Tantric philosphy and practice. The word 'vishaya', for example, means 'the sense objects', not 'poison' (vish)
Would you mind translating it properly for us westerners? I’m absolutely fascinated by and in awe of this song and would love to understand the words more properly
Please explain the tantrik side of it .. I am sure there is more to the song than it meets the eyes …
@@Gabajidev The Guru, the Wise one listens
In the sky a voice resounds
Subtle, subtle, subtle…
First it came from the Sound-centre
Then congealed as water
Every vessel filled well to the brim:
The unseen Soul unspeakable.
You came from there, carrying the mark,
Thirst for it never quenched
But ignoring the ambrosia
And runnings towards sense objects
You jumped into the noose
Then in the vault of the sky
A cow dropped calf
Curds congealed on the earth
Butter, Butter for the pure of heart
And the rest drink buttermilk
Without earth a sky appears
Without a lake there is water
The sky-space fills with light
And the teachings drop
From the Guru’s lips
In-breath, out-breath,
The instrument plays
The third eye glows, Dear
Ida, pingula, sushumna nadi
The empty flag is hoisted
Says Kabir, listen sadhus
Know the voice of revelation
Stay vigilant and awake, friends
Unborn, immortal- this is the sign.
@@TheTatva11 See translation above. The second last verse in particular references some sort of tantric yoga practice, with prana and apana resonating as mantra (so'ham), causing the 'trikuti dham' (meeting of the 3 streams) to light up and a flag of 'shunya' hoisted on the sushumna nadi. Also in the last verse he tells the 'sadhu' to know the 'agama ki baani' (oral teachings of agama or tantric revelation). Dr Hess hasn't tried to bring these elements into her translation, maybe because she assumes that readers won't understand them, or she's not particularly interested in them. I respect her work a lot however and she has much more knowledge than I do.
Great! #Masterpiece :-)
🕉️👣🙏 pranam gurudev 👣🙏😊
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sat sat Nman❤❤🎉🎉🎉
Waah 🙏🏻
Devine music. ❤❤❤
Divine
Jis desh main itne mahapurush hua ho iss desh ke log apne dharam se kaise bhatak sakte hai. Aur jo bhatak he jaye phir wo ek janawar se jyada kuch nahi jo 2 wakt ke chare ke liye bik gaya ho.
Heard this Bajan in Doordarshan in the 80s.
Naman Gurugayani Kabir Dasji Maharaj
जय जय सियाराम
Om namah shivaya ❤️
Jab guru ka prem utkat shresht prakar ka rahta hai to vah shishya k prashno se dukhi nahi hota na hi use agyani kahata hai va itna kripalu bhav rakhta ki sau hazar lakh bar bhi samjhata hai aur uska hath nahi tyagta.mata dharti jaise sahansheel hai guru ka gambhirya.
Pronam Guruji.🙏🙏🙏
Great souls
मेरे प्रिय गंधर्व जी