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मौन भाषा है ,मौन भाव है , मौन शब्द है ,मौन अर्थ है । मौन बहुत कुछ कहता है , मौन को यदि सुन सको। मौन साधना है मौन भक्ति है , मौन समर्थ है ,मौन शक्ति है। मौन मधुर भावों से भरा है । मौन को यदि महसूस कर सको । मौन ज्ञान है ,मौन ध्यान है , मौन सुंदर है, मौन मुखर है । मौन अमूल्य आभूषण है , मौन को यदि धारण कर सको । चांद चुप ,सितारे मुखर होते हैं । धरा चुप, झींगुर मुखर होते हैं, रात का मौन नई ऊर्जा है, एहसास यदि कर सको ।।
ओशो अद्भुत हैं मैं इतना कह सकता हूँ ओशो महासागर हैं मैं जितना सुनता हूँ अश्रुधारा बहती रहती है जीवन का रहस्य खुलता ही चला जा रहा है जीने की कला निर्मित होती जा रही है! धन्य धन्य भगवान ओशो चरण वंदन कोटि कोटि नमन 🌹🌹🙏
हमारे देश का यह कितना बड़ा दुर्भाग्य हैं की एसे बुद्ध को हम न तो समझ सके और न ही स्वीकार कर सके पर यह अवश्यंभावी हैं की मानव जाति का भविष्य इस निधि को जरूर पहचान लेगा....🙏❣️
*#सत्य** इसलिये **#शाश्वत** है क्योंकि ये **#सृष्टि** के **#नियम** हैं, **#असत्य** इसलिये **#क्षणभंगुर** है क्योंकि ये **#प्रकृति** के नियम हैं, यही कारण है कि प्रकृति बदलती रहती है जबकि आप स्वयं परीक्षण कर सकते हैं कि सृष्टि के नियम कभी बदलते ही नहीं।* #तथ्य भी सत्य की तरह शाश्वत होते हैं, लेकिन तथ्य की भौतिकता जब नष्ट हो जाती है तो तथ्य का प्रमाण इतिहास बन जाता है। जो कोई यह कहता है कि उसकी प्रकृति उसकी आदत हो गई है और नहीं बदल सकती, वह मूर्खतापूर्ण #जिद कर रहा होता है नहीं बदलने की। #पुस्तकें प्रपंचित कर दी गईं हैं, ततकथित वेदों/मूल सूत्रों का गलत अनुवाद/भाष्य दिया गया है। और, जिन्हें हम वेद कहते हैं, वे वेद नहीं हैं, बल्कि वैदिक सूत्रों का संकलन है। यदि इन सूत्रों को समझ सकोगे तो सृष्टि के नियमों को समझने में सहायता मिलेगी। और अगर 'सृष्टि के नियमों' को बिना इन वेदों की सहायता से समझ लेते हो तो इन ततकथित वेदों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। अर्थात मूल ये ततकथित वेद भी नहीं हैं। वस्तुतः सृष्टि इन वेदों के अनुसार चलती ही नहीं। *सृष्टि तो अपने नियमों से चलती है, और इन्हीं नियमों को हम वेद कहते थे, अब इन नियमों को मनुष्य ने बनाया नहीं है तो इन नियमों को ईश्वर/सृष्टिकर्ता प्रदत्त कहते हैं और सम्मिलित रूप से वेद ईश्वर प्रदत्त कहलाता है।* लेकिन, ठगों ने/प्रपंचियों ने उल्टे सीधे भाष्य देकर संकलित नियमों वाली पुस्तक को वेद की संज्ञा दे दी और मूर्ख उसे सिर पर लिये घूम रहे हैं। सृष्टि के नियमों को समझने के लिये बौद्धिकता की आवश्यकता होती है और उन नियमों को अनुभूत करने के लिये बौद्धिक नेत्रों अर्थात तीसरी आँख त्रिनेत्र की आवश्यकता होती है न कि ततकथित श्रद्धा विश्वास भक्ति पूजा-पाठ वाली मान्यताओं की। इस बौद्धिकता को ही गणेश बताकर प्रथम पूज्य कहा गया है, जबकि ब्यक्तिपूजको ने गणेश को पार्वती पुत्र बताकर प्रथम पूज्य बता दिया है ताकि ब्यक्तिपूजक बन जाओ बनिस्पत कि ज्ञानसाधक बनने के। तभी तो उनकी दुकानदारी चलेगी। यह अलग बात है कि ओशो उर्फ रजनीश धर्म को त्याज्य बताकर इन्हीं रिलिजनों का विरोध करते रहे, और आस्था की दुकानदारी चलाने वाले ठेकेदारों ने उन्हें जहर देकर मार डाला। हो सकता है कि उनसे वैचारिक भूल हुई हो, जिसका शास्त्रार्थ द्वारा खंडन मंडन किया जा सकता था लेकिन तब उन ठेकेदारों का सम्भवतः राज फाश भी हो जाता, अतः धीमे जहर से उनका प्राणांत कर दिया गया। तुम सबको मेरा यह विश्लेषण भी बुरा ही लगेगा, मेरी भी हत्या कर सकते हो अपनी ततकथित मान्यताओं के बाज़ार को बचाने के लिए, क्योंकि तुम सब अपनी चेतना के अधीन न होकर थोपी गयी प्रपंचित मान्यताओं के गुलाम हो और ग़ुलाम तो मालिक का ही आदेश मानेगा न? तभी तो पूरी दुनियाँ की किसी भी सत्ता ने रजनीश को आश्रय नहीं दिया जब वह अमेरिका से निष्कासित किये गए थे तो! इस सृष्टि के एक परमाणु में अवस्थित इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन से लेकर सौर मंडल आकाशगंगा मंदाकिनी निबुला सभी चक्राकार गतिशील हैं और यह सृष्टि असंख्य पिंडो से भरी पड़ी है, जिसमें कोई भी स्थिर नहीं है, और उनकी यह गति स्वतःस्फूर्त है, न कि किसी के नियंत्रण में है, तुम्हारे ततकथित भगवान/गॉड/अल्लाह/खुदा/यहोवा/नारायण आदि के भी नियंत्रण में नहीं है। इसीलिये, हमारे मनीषियों ने इस गति को विष्णु के रूप में जाना। इस गति को विष्णु नाम दिया। इस गति की सबसे उत्तम गुण यह है कि यह कभी भी किसी भी पिंड को दूसरे पिंड से नहीं टकराने देती है। इसलिये, यह गति दर्शनीय हो जाती है। और क्योंकि यह गति चक्राकार भी है अतः इसे ही सुदर्शनचक्रधारी की संज्ञा दी गयी है। क्या कभी सुने हो इस शब्द को:- #विष्णुस्वरूपा?
आपको सुनने का अर्थ है अपने आप से बात करना है,वास्तव में आप एक ऐसा योग हो जो आत्मा और परमात्मा को जोड़ते हो। मेरी नजर में आपने दुनियां की वो गहराई सरल भाषा मे,भयमुक्त समाज की स्थापना की ।
भाई जी इंद्रियों को अगर श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो अपने आप को जानो अपनेस्वरूप को पहचानो जो किसी वायरस से मरने वाला नहीं है किसी बीमारी से घबराने वाला नहीं है अपने स्वरुप को पहचानने के लिए निर्भीक बन जाएंगे आप 🌹🙏🌹
बिना सद्गुरु के इन्द्रियों को श्रद्धांजलि कौन दे पाया है हां ओशो का नाम ले सकतहैं। निस्संदेह श्रम साधक को करना पड़ता है लेकिन अहम का जाना दुश्वार है और जब मनुष्य गुरु के आश्रित हो जाता है तो अहंकार की दीवार उसकी कृपा से गिरने लगती है।🙏🏽🙏🏽
The most beautiful - all talks by OSHO .We are always grateful to him. Meditation is always helpful through out the life may be after life also. Thanks........
बुद्धि का स्ट्रिंग ऑपरेशन कर दिया ओशो ने। एक ही वीडियो को कई बार कई दिनों तक सुना जाए तब इसके रिजल्ट मिलना चालू होगा। बात बहुत गहरी है एक बार में चेतन मन को तो समझ में आ जाता है लेकिन आतंरिक मन में पहुंचने के लिए कई दिनों का समय लगेगा। जो भी इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहे। वो रोज वीडियो सुन के एक बार कॉमेंट कर के जाए।
When we react to stimulus either internal or external, thought is generated. Activation & stimulation of neurotransmitters creates electric impulses leading to creation of thought... So it's needed to be not reacting to stimulus so that thought will not generate. Naman Osho ji 🙏🌼
Kya baat kahi hai Osho ne:bolne ka अधिकारी केवल वही हैं जो भीतर चुप हो सके हैं और अगर भीतर बिना चुप हुए आप कुछ भी किसी को भी बोलते हैं तो आप हिंसा करते हैं बेफिजूल की बाते किसी और के मन में डाल कर 🙄🙄🙄👀👀👀🙄❤️
हरि ओम भाईओशो या रजनीश या और बहुत बहुत से ऋषि मुनि हुए हैं वह कहीं दूर नहीं है आप के मस्तिष्क में मौजूद हैं घमंड की सबसे बड़ी लैबोरेट्री है इसके अंदर सभी प्रकार के रिसीव महात्मा मुनि मौजूद है जब यह आप जाने लगते हैं तो आप पाएंगे कि हर प्रकार की शक्तियां जागृत हो जाएगी अपने स्वरूप में स्थित हो जाएंगे यही महात्माओं को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी कि अपने स्वरुप को जाने हरि ओम 🌹🙏🌹
हरिओम शर्मा जीयह कहकर अपना दायित्व निभाते थे हैं हम लोग क्यों फलाने बहुत अच्छे थे ऋषि बहुत अच्छे थे परंतु हमें ध्यान रख लेना चाहिए जब तक हम इसको अपने स्वरूप में नहीं डालने की कोशिश करेंगे तब तक यह ज्ञान की उत्पत्ति नहीं होती बेहतर होगा कि इस प्रकार का प्रयास करें प्राणायाम के द्वारा अपने स्वरूप को जानने की कोशिश करें यही ब्राह्मण का कर्तव्य भी है हरि ओमसदा खुश रहो🌹🙏🌹आनंद ही आपका स्वरूप हो🌹🙏🌹
Many people don't know but this is actually a very magical practice. If you spoke only truth and stayed silent for 7 years, You'll get an ability where whatever you speak becomes true. Now 7 years can be a very long time so try it strictly for a month, just month and see yourself. It really works.
अब रोज़ नई सम्पूर्ण टॉक्स की श्रंखला और विषयबद्ध टॉक्स का संकलन OSHO Hindi चैनल की सदस्यता से उपलब्ध - *JOIN* बटन या इस लिंक पर click करें ua-cam.com/channels/6Qv9cHXwzTTAczQud_6WzA.htmljoin। 💕 शुल्क: ₹159 प्रति माह💕
Very nice
Me bhi
Is this Full lecture
क्या ये lectute पूरा है l
मै सो जाता हू
Exactly
You r right
मौन में जीना ही सार्थकता को दर्शाता है।। प्रणाम ओशो जी 🙏🙏
Par kyo
मौन भाषा है ,मौन भाव है ,
मौन शब्द है ,मौन अर्थ है ।
मौन बहुत कुछ कहता है ,
मौन को यदि सुन सको।
मौन साधना है मौन भक्ति है ,
मौन समर्थ है ,मौन शक्ति है।
मौन मधुर भावों से भरा है ।
मौन को यदि महसूस कर सको ।
मौन ज्ञान है ,मौन ध्यान है ,
मौन सुंदर है, मौन मुखर है ।
मौन अमूल्य आभूषण है ,
मौन को यदि धारण कर सको ।
चांद चुप ,सितारे मुखर होते हैं ।
धरा चुप, झींगुर मुखर होते हैं,
रात का मौन नई ऊर्जा है,
एहसास यदि कर सको ।।
ओशो हमारे भारत के अनमोन रत्न है।
ओशो की ध्वनि कानों मे पड़ते ही मैं ध्यान में चली जाती हूं !! 🙏🌹❤
Why?
हां जी, मुझे भी 😊😊
Right
Ye apka prem hai
Possible nhi hai ji
आपको 1बार दर्शन हो जाते पूरा जीवन धन्य हो जाते
ओशो अद्भुत हैं मैं इतना कह सकता हूँ ओशो महासागर हैं मैं जितना सुनता हूँ अश्रुधारा बहती रहती है जीवन का रहस्य खुलता ही चला जा रहा है जीने की कला निर्मित होती जा रही है! धन्य धन्य भगवान ओशो चरण वंदन कोटि कोटि नमन 🌹🌹🙏
महान विचारक को सादर प्रणाम
Darshnik ....
ओशो को सुनने के साथ आत्मसात करने वाले परम् ज्ञान को प्राप्त कर सकते है
Lekin bahot logone ghar chhode
Hm
I don't understand any one except OSHO... I can listen to him whole day long... ❤️ OSHO
get married, guys
Me too
Same here. I am going through something in my life and I can’t sleep without his talks. It’s so powerful that it is more potent than anti depressants.
I completely resonate with this..
Same here
हमारे देश का यह कितना बड़ा दुर्भाग्य हैं की एसे बुद्ध को हम न तो समझ सके और न ही स्वीकार कर सके पर यह अवश्यंभावी हैं की मानव जाति का भविष्य इस निधि को जरूर पहचान लेगा....🙏❣️
Hamre des me aandh bhakti h jo shi h use nhi mante miss you osho🎉
Listing to Osho is meditation it's self .
Right 👍🙏
It's called satsang.
No ! It's also a sanskar.
Not Meditation !!
@@Surajkumar-vq2ng 🌹🌹🙏🌷❤
❤🌷🌹🙏
Osho ko sunna yane din sarthak ho jana pranam Osho🙏
और सुनके उसे जीना मतलब पूरा जीवन सार्थक करना।
Correct
Din hi nahi apitu jeevan
Respect se bolo thoda👏
@@no_1shivam isme kya galat bol diya usne
सबसे अच्छा है मुझसे मतलब ही मत रखो।
ओशो प्रेम नमन।
आपका हर प्रवचन हीरा है।
आप सभी के भीतर बैठे परमात्मा को मेरा प्रणाम ❤️🙏
Osho every prabachan is important and helpful for relaxation and improve mental health... Love you .
Osho ji MA the Philosophy me... Great person of era....Salute
*#सत्य** इसलिये **#शाश्वत** है क्योंकि ये **#सृष्टि** के **#नियम** हैं, **#असत्य** इसलिये **#क्षणभंगुर** है क्योंकि ये **#प्रकृति** के नियम हैं, यही कारण है कि प्रकृति बदलती रहती है जबकि आप स्वयं परीक्षण कर सकते हैं कि सृष्टि के नियम कभी बदलते ही नहीं।*
#तथ्य भी सत्य की तरह शाश्वत होते हैं, लेकिन तथ्य की भौतिकता जब नष्ट हो जाती है तो तथ्य का प्रमाण इतिहास बन जाता है।
जो कोई यह कहता है कि उसकी प्रकृति उसकी आदत हो गई है और नहीं बदल सकती, वह मूर्खतापूर्ण #जिद कर रहा होता है नहीं बदलने की।
#पुस्तकें प्रपंचित कर दी गईं हैं, ततकथित वेदों/मूल सूत्रों का गलत अनुवाद/भाष्य दिया गया है।
और, जिन्हें हम वेद कहते हैं, वे वेद नहीं हैं, बल्कि वैदिक सूत्रों का संकलन है।
यदि इन सूत्रों को समझ सकोगे तो सृष्टि के नियमों को समझने में सहायता मिलेगी।
और अगर 'सृष्टि के नियमों' को बिना इन वेदों की सहायता से समझ लेते हो तो इन ततकथित वेदों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
अर्थात मूल ये ततकथित वेद भी नहीं हैं। वस्तुतः सृष्टि इन वेदों के अनुसार चलती ही नहीं।
*सृष्टि तो अपने नियमों से चलती है, और इन्हीं नियमों को हम वेद कहते थे, अब इन नियमों को मनुष्य ने बनाया नहीं है तो इन नियमों को ईश्वर/सृष्टिकर्ता प्रदत्त कहते हैं और सम्मिलित रूप से वेद ईश्वर प्रदत्त कहलाता है।*
लेकिन, ठगों ने/प्रपंचियों ने उल्टे सीधे भाष्य देकर संकलित नियमों वाली पुस्तक को वेद की संज्ञा दे दी और मूर्ख उसे सिर पर लिये घूम रहे हैं।
सृष्टि के नियमों को समझने के लिये बौद्धिकता की आवश्यकता होती है और उन नियमों को अनुभूत करने के लिये बौद्धिक नेत्रों अर्थात तीसरी आँख त्रिनेत्र की आवश्यकता होती है न कि ततकथित श्रद्धा विश्वास भक्ति पूजा-पाठ वाली मान्यताओं की।
इस बौद्धिकता को ही गणेश बताकर प्रथम पूज्य कहा गया है, जबकि ब्यक्तिपूजको ने गणेश को पार्वती पुत्र बताकर प्रथम पूज्य बता दिया है ताकि ब्यक्तिपूजक बन जाओ बनिस्पत कि ज्ञानसाधक बनने के। तभी तो उनकी दुकानदारी चलेगी।
यह अलग बात है कि ओशो उर्फ रजनीश धर्म को त्याज्य बताकर इन्हीं रिलिजनों का विरोध करते रहे, और आस्था की दुकानदारी चलाने वाले ठेकेदारों ने उन्हें जहर देकर मार डाला। हो सकता है कि उनसे वैचारिक भूल हुई हो, जिसका शास्त्रार्थ द्वारा खंडन मंडन किया जा सकता था लेकिन तब उन ठेकेदारों का सम्भवतः राज फाश भी हो जाता, अतः धीमे जहर से उनका प्राणांत कर दिया गया।
तुम सबको मेरा यह विश्लेषण भी बुरा ही लगेगा, मेरी भी हत्या कर सकते हो अपनी ततकथित मान्यताओं के बाज़ार को बचाने के लिए, क्योंकि तुम सब अपनी चेतना के अधीन न होकर थोपी गयी प्रपंचित मान्यताओं के गुलाम हो और ग़ुलाम तो मालिक का ही आदेश मानेगा न? तभी तो पूरी दुनियाँ की किसी भी सत्ता ने रजनीश को आश्रय नहीं दिया जब वह अमेरिका से निष्कासित किये गए थे तो!
इस सृष्टि के एक परमाणु में अवस्थित इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन से लेकर सौर मंडल आकाशगंगा मंदाकिनी निबुला सभी चक्राकार गतिशील हैं और यह सृष्टि असंख्य पिंडो से भरी पड़ी है, जिसमें कोई भी स्थिर नहीं है, और उनकी यह गति स्वतःस्फूर्त है, न कि किसी के नियंत्रण में है, तुम्हारे ततकथित भगवान/गॉड/अल्लाह/खुदा/यहोवा/नारायण आदि के भी नियंत्रण में नहीं है।
इसीलिये, हमारे मनीषियों ने इस गति को विष्णु के रूप में जाना। इस गति को विष्णु नाम दिया। इस गति की सबसे उत्तम गुण यह है कि यह कभी भी किसी भी पिंड को दूसरे पिंड से नहीं टकराने देती है। इसलिये, यह गति दर्शनीय हो जाती है। और क्योंकि यह गति चक्राकार भी है अतः इसे ही सुदर्शनचक्रधारी की संज्ञा दी गयी है।
क्या कभी सुने हो इस शब्द को:- #विष्णुस्वरूपा?
Prnam Guruver 🙏🎉🔥❤️🔥🎉🙏😇
Osho Ko sunkar hi dusre manush, eshwar ko achhey se samaj sakte hain.thanks Osho.
आप से न मिल पाने की कसक हमेशा रहेगी।
mughe bhi bhai
Right me also
Osho swayam parmatma hai...wo har jagah hai...
आपको सुनने का अर्थ है अपने आप से बात करना है,वास्तव में आप एक ऐसा योग हो जो आत्मा और परमात्मा को जोड़ते हो।
मेरी नजर में आपने दुनियां की वो गहराई सरल भाषा मे,भयमुक्त समाज की स्थापना की ।
Hamesha..
I simply love Osho for his precision and perfection on such profound topics. Thank you.
ओशो ज्ञान का दूसरा नाम है जीवन जीना चाहते है ओशो को सुने और पढ़े
naman hai aapko Osho ji
Love you osho.
Hii
It's my tag line ➖ love you osho
ऐक महापुरुष थे ओशो, ओशो को सुनो, ओशो को जानो, 🙏🙏
भाई जी इंद्रियों को अगर श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो अपने आप को जानो अपनेस्वरूप को पहचानो जो किसी वायरस से मरने वाला नहीं है किसी बीमारी से घबराने वाला नहीं है अपने स्वरुप को पहचानने के लिए निर्भीक बन जाएंगे आप 🌹🙏🌹
बिना सद्गुरु के इन्द्रियों को श्रद्धांजलि कौन दे पाया है हां ओशो का नाम ले सकतहैं। निस्संदेह श्रम साधक को करना पड़ता है लेकिन अहम का जाना दुश्वार है और जब मनुष्य गुरु के आश्रित हो जाता है तो अहंकार की दीवार उसकी कृपा से गिरने लगती है।🙏🏽🙏🏽
Osho ko suno khud ko jaano
Superb! Silence shared in words is the best talk!!
मौन..............
couldn't agree more! silence is eternal and OSHO is reflection of it.
OSHO is Greatest Man in human history
Pyare sadguru OSHO🌹🌹🌹with tears in eyes 😢and head bowing in reverence🍁🍁koti koti naman🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
auntyji kuch log aaj bhi osho ki burai karte hai
@ashwin sharma bure karne wale koi din prem karne lagengay, prem karnay wale koi din bure karne lagengay, manushya ka maan ka swabhav hi aisa hai
Osho Ko Sunna hi Ek apne aap mein meditation {Dhyan} hai❤
ओशो एक महान व्यक्तित्व के मालिक थे सादर प्रणाम
Osho ek guru hai jisne apne aap ko bagwan rajnish bna liya logo ko manipulate kiya aur s*x ko enlightenment ka rasta batya 😅
The most beautiful - all talks by OSHO .We are always grateful to him. Meditation is always helpful through out the life may be after life also. Thanks........
THE GREATEST OSHO 💕💕
Bhagwan ki charno me naman 🙏🙏🙏🙏🙏
नमन ओशो ☺😍🙏🙏
Aise darshanik bohot saubhagya se milte hai
ऐसा महान विचारक कभी पैदा हो पाएगा या नही ।
ओशो is really great ♥️♥️
99.9% Solution Of Every Problem !
But that 0.01 problem is our problem
ऐसा लगता है ,पूरे जीवन भर उन्हे ही सुनता ही रहूँ
That cannot be said is Truth. Great Master Osho I bow to you.
ओशो मेरा प्राण हैं 🙏🙏🙏🙏🙏
Mere bhi mere sadhguru Osho ko pranam
🥰🥰this is what our generation miss..... Thnku
Very glad u r listening to Osho.
Best wishes USA
Hi
best wishes sister
Om namo shivay jai oshogurudev thanksgiving koti koti pranam Naman oshogurudev oshobhgwan
Life changing indeed.... May we all be blessed
Subhan Allah mass Allah very good guru ji
Yah fast word delete kar ke tq bol yah Gandgi nhi chahiye har jagah bro 😢
आप बहुत महान हैं स्वामी
हम सब सौभाग्यशाली है जो आप को सुन पाए
Gurudev OSHO ji ke charanon mein bhakti purna pranam.OSHO hamesha kahte the ki anavshyak bolna upadrav khadi karna hai.
Osho my GURUDEVAYA NAMOH NAMAH.HOW GREAT U R !
साधु उतना ही बोलता है जिसमे किसी का हित हो
Great sant osho g
Also great person with great personality and grace
Osho is my sadhguru love you my Osho
🙏सादर प्रेम ओशो नमन 🙏
Shat shat naman OSHO,!!!
बुद्धि का स्ट्रिंग ऑपरेशन कर दिया ओशो ने। एक ही वीडियो को कई बार कई दिनों तक सुना जाए तब इसके रिजल्ट मिलना चालू होगा। बात बहुत गहरी है एक बार में चेतन मन को तो समझ में आ जाता है लेकिन आतंरिक मन में पहुंचने के लिए कई दिनों का समय लगेगा। जो भी इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहे। वो रोज वीडियो सुन के एक बार कॉमेंट कर के जाए।
THE GREATEST OSHO 💞💝🌹🌹
Love you osho
नमन है आपको।🙏🏻
बहुत ही अच्छी बात सीखने को मिलता है और उससे भी ज्यादा osho के voice, know I can feel it , why people fall in love with osho.
Great thoughts....Oshoji.
Osho ki jadui awaaz............ Sahaj hi dhyan me jaane ko saksham hai.
Pranam Osho. 🙏🙏
Jai guru Dev🙏🏻🙏🏻🙏🏻
When we react to stimulus either internal or external, thought is generated. Activation & stimulation of neurotransmitters creates electric impulses leading to creation of thought... So it's needed to be not reacting to stimulus so that thought will not generate.
Naman Osho ji 🙏🌼
There is no need to stimulate, just watch your thoughts through consciousness
Well scientifically said..
You still listen to osho ? It's been 2 yrs
Sat sat Pranam Gurudev Osho prabhu naman
Great Osho ...... naman Osho
👌👌👌👍👍👍🌷🌷🙏🌷🌷
THE GREATEST OSHO 💕💕💕💕
I see you everywhere in Oshos videos.
Masterpiece❤💐🌻🌹🌷🌼🌺🌸❤
Koti koti pranam
जय ओशो 💕🙏
Pronam Guruji ❤️❤️❤️
Kya baat kahi hai Osho ne:bolne ka अधिकारी केवल वही हैं जो भीतर चुप हो सके हैं और अगर भीतर बिना चुप हुए आप कुछ भी किसी को भी बोलते हैं तो आप हिंसा करते हैं बेफिजूल की बाते किसी और के मन में डाल कर 🙄🙄🙄👀👀👀🙄❤️
I have no word to thank osho sir
Sat sat Pranam Osho prabhu
THE GREATEST OSHO 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕
❤️ to Osho
ओशो नमन
RadheRadhe Radhe Radhe Radhe ❤️🙏😍
सादर प्रणाम है भगवान ओशो रजनीश जी को
हरि ओम भाईओशो या रजनीश या और बहुत बहुत से ऋषि मुनि हुए हैं वह कहीं दूर नहीं है आप के मस्तिष्क में मौजूद हैं घमंड की सबसे बड़ी लैबोरेट्री है इसके अंदर सभी प्रकार के रिसीव महात्मा मुनि मौजूद है जब यह आप जाने लगते हैं तो आप पाएंगे कि हर प्रकार की शक्तियां जागृत हो जाएगी अपने स्वरूप में स्थित हो जाएंगे यही महात्माओं को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी कि अपने स्वरुप को जाने हरि ओम 🌹🙏🌹
🙏 ओशो नमन ❤
आप इस सदी के महान से महानतम पथ प्रदर्शक हैं !
Shat shat naman h osho guru ji ko. 🙏🏻🙏🏻
THE GREATEST OSHO 💕💕💕💕💕💕🌹💕💞💝💝❤️💞🌹🌹🌹🌹
Osho explained it from upanishad
इनकी आवाज़ का नशा..….उफ्फ❣️
सत्य का अवतरण तभी होता है जब मौन हो
ओशो भगवान् के स्वरूप हैं
Osho jaisa na koi hua na hoga.
PREMPRABHU OSHO SADGURU PARMATMA BABA PRANAM BABA DHANYAVAD
Love' you osho
Osho Naman 🙏
guru ji koti koti naman kya bolein aapke baare main aisa lagta h ke har ek bakya aap hmare hi jindagi par aadharit bol rahe h
एक एक शब्द मोटी जैसे हैं ❤❤❤❤❤
ओशो प्रणाम🙏
To listen Osho is enough
Guru ji ki voice devta walli hai .. shant ......deep.
the importance of silence (maun) is explained wonderfully by osho.. just amazing
God bless you guruji ☘️ Happy
महामानवीय अहसास है ओशो को सुनना
हरिओम शर्मा जीयह कहकर अपना दायित्व निभाते थे हैं हम लोग क्यों फलाने बहुत अच्छे थे ऋषि बहुत अच्छे थे परंतु हमें ध्यान रख लेना चाहिए जब तक हम इसको अपने स्वरूप में नहीं डालने की कोशिश करेंगे तब तक यह ज्ञान की उत्पत्ति नहीं होती बेहतर होगा कि इस प्रकार का प्रयास करें प्राणायाम के द्वारा अपने स्वरूप को जानने की कोशिश करें यही ब्राह्मण का कर्तव्य भी है हरि ओमसदा खुश रहो🌹🙏🌹आनंद ही आपका स्वरूप हो🌹🙏🌹
Many people don't know but this is actually a very magical practice. If you spoke only truth and stayed silent for 7 years, You'll get an ability where whatever you speak becomes true.
Now 7 years can be a very long time so try it strictly for a month, just month and see yourself. It really works.