There is no difference at all. Language that's all. In sanathana dharma ekisvaropasana system prevailing, this is same Allah o Akbar.. God is supreme authority. Paramabrahma means the supreme creator, above him no one is there. Human 11sensrs not enough to measure the god. We have to pray the omnipresent bless us with Divyachakshu. Krishna presented to Arjuna in bratatha yuddam
@@RajamahendriAllah is sagun while Brahman is Nirgun. Brahman is formless but Allah has a throne above 7th sky where he sits (which means he has an a$$) and oversees everything. Brahman is out of our imagination while Allah talks and gives message about everything via messengers. They are not the same.
बहुत खूब,शंकराचार्य जी ने बढ़िया बात कही है,ज्ञान अनन्त है और ज़िंदगी बहुत कम इसलिए बातों में फर्क रह जाना ही है,सच यही है कि अल्लाह,ईश्वर,ब्रम्ह के अर्थ मात्र भाषाओं का फर्क है।बहुत आदर के साथ धन्यवाद
Qur'an batata hai Allah ek hi hai aur.... naahi usne kisi ko janm diya hai aur nahi usko kisi ne janm diya hai...aur kewal wahi ek pujne yogya hai aur koi nhi hai...Aur Allah ke Rasool Mohmmad S.A.W hai... Allah hu akbar... Sabka bhala ho .. jajakallah ❤
@@mohdzafar2296 @mohdzafar2296 अपनी अपनी धार्मिक किताबों में सब अपने अपने धर्मो का प्रचार करते है। भगवद गीता में उसी ईश्वर ने कहा है की कृष्ण स्वयं भगवान है। ओर धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्मियो के विनाश के लिए आया है। अब मुझे बताइए एक ऐसा इंसान जो कभी किसी धर्म को नही मानता उसको किसे मानना चाहिए। क्युकी उसे ये सब धर्म की किताबे ऐसे ही लगेगी जेसे सब अपने अपने को बड़ा बता रहे है।
@@IshwarSarma apne dharm ko Mane dusre dharm ke bare me phir Gyan nhi dena chahiye.....aur jisko Janna hai to Qur'an lekr baitho phir Gyan Dena chahiye aur compare karna chahiye... At the end...sabhi apna apna dharm mano.... dhrm ko compare Mt kro...ye manne ki chij hai....
@@mohdzafar2296 दूसरे धर्मो पर सबसे ज्यादा ज्ञान कोन देता है। जाकिर नाइक जेसे लोग रात दिन गैर मुस्लिमो पर अजाब का और सिर्क का ज्ञान देते नही थकते। ये ज्ञान देने तुम यहां आए थे एक हिंदू संकराचार्य के पेज पे। ओर जब तर्क की कसोटी पर कसा गया तो अपना अपना धर्म मानने की ज्ञान देने बैठ गए। तो भाई जब ज्ञान देने आओगे तो ज्ञान लेकर जाओ।
बहुत ही सहज भाषा में गुरुदेव ने परब्रह्म का अर्थ समझा दिया अब समझ जाओ संप्रदाय में भेद करने वालो सभी धर्म के मानने वालो तुम्हे बनाने वाला इस दुनिया में लाने वाला एक ही है, लेकिन तुम तो इन राजनेताओं के चक्कर में आकर एक दूसरे से लड़ो मरो कटो, किंतु ये तो सोचो कि जब हमे बनाने वाला एक है दुनिया में लाने वाला एक है तो अपना आपस में कुछ तो रिश्ता होगा। परम पिता ने हमे बनाया है तो परम पिता परमात्मा सबका पिता है तो दुनिया के हर जीव का आपस में रिश्ता है।
गुरु से ही सिच्छा दीक्षा और संस्कार मिलते हैं इनकी निष्पच्छ विचार आदरणीय हैं इनके मुख पर इतना तेज हैं की मैं तो इनको ही देखता रह गया ,,, अल्लाह इनको शच्चे सनातनी होने के लिए हिदायत दे,, आमीन ❤❤❤❤❤❤❤❤
@@sibolidhoni अब यमराज आदेश करेंगे अल्लाह को जाओ सिबोलिधोनी की रूह कब्ज करके ले आओ। आप के ज्ञान से चित्रगुप्त भी व्याकुल हो जायेंगे।शाबाश बेटा आप ने दिल जीत लिया 😍
@@Darkworld077 जी आप सही कह रहे हैं लेकिन वोह reply आप के लिए नहीं वोह सिबोलिधिनी के लिए है जो कह रहे हैं कि " यमराज अल्लाह swt से बड़ा है". हिक्मत use करो आंख मीच कर reply न दो। हिदायत अल्लाह के हाथ में है। इस्लाम का तात्पर्य " दीन कय्यिम" से है और उसका हिंदी अर्थ है " धर्म सनातन" जो आदम अलैहिस्सलाम से हुजूर sws तक पूरी मानवता का एक है था और रहेगा। धर्म/ दीन को सही ढंग से अमल में लाने के लिए शास्त्र विधि ie Nass ijma kiyas और iztihad के हिसाब से समझना होगा। 100 सहीफे ( आदिग्रंथ ) + 4 किताबों पर ईमान लाजमी है।
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु १) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) - क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार २) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है। इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से। इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया १) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना २) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना ३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
🚩🚩ॐ नमः शिवाय - हर हर महादेव 🚩🚩 🚩🚩शंकरं शंकराचार्यं केशवं वादरायणं। सूत्रभाष्यकृतौ वन्दे भगवन्तौ पुनः पुनः।।🚩🚩 🚩 श्री श्री 1008 श्री भगवान शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि - कोटि दंडवत प्रणाम 🚩 🚩🌹🌺💐🙏🏻🙏🏻🎉🎉🎉
बहुत ही सारगर्भित व्याख्या।परम ज्ञानी शंकराचारजी को शत शत नमन।अपने इस चैनल के माध्यम से सनातन के बारे में नई जानकारी देने के लिए जो उपक्रम किया वो स्तुतय है।सदर प्रणाम स्वीकार करें
हे मुनिवर! आप का अंदाजे बयां अति प्रशंसनीय है। शब्द ब्रह्मा ( Al Khalik) विष्णु ( Al Hafizo) महेश ( Al Mumito) भाषा अलग अलग है परंतु ह्रदय भाषा एक ही है। केवल समझ का फेर है। यदि यह तीनों गुण एक ही ब्रह्म के हैं या तीनों अलग अलग देव समान हैं तौ अमल पर फर्क अवश्य पड़ेगा। उधारण: मैं अष्ट योग ( नमाज़ ) में लीन होकर जब अल्लाह / ब्रह्म में ध्यान मुग्ध हो जाता हूं तब मेरे भीतर के पुर्जे hypothellamous,pituitary adrenal cortex and medulla glands मेरे भीतर की सभी unknown stresses को बाहर निकाल देते हैं और मैं आनंद की अनुभूति करता हूं। यही मेरा स्वभाव है मेरे लिए अल्लाह या ब्रह्म एक ही है। कबीरा कुआ एक है पानी भरें अनेक बर्तन में ही भेद है पानी सब में एक ❤❤
Nice but what abou 10 commandmenta and la illah first àccept the truth that abrahmic religion are not open minded thwre are only god in abrahmic faith😅😅😅
@@SriShukra1008 धर्म पूरी मानवता का एक ही है था और रहेगा। इस universal truth को आप के भीतर का nfs ( negative force) जब स्वीकार कर लेगा तब ही तत्व समझ में आ जायेगा अन्यथा नहीं। सभ्यताएं संस्कृतियां परंपराएं आस्थाएं मज़हब यह धर्म को समझने के तरीके मात्र हैं धर्म नहीं। " भीतर डोर उलझी है बाहर रहे सुलझाए भीतर की सुलझाए लो तौ तत्व समझ में आए।"❤️❤️
बेस्ट सन्देश, ईश्वर परती, परमात्माहा अल्लाह सब की पैचान एक जैसी श्रद्धा करने का अलग अलग तरीका हैं सब परमात्मा एक हीं है, सभी इंसानों को अच्छा सन्देश, दिया, atoz गुड 😮प्रवचन
Inhone aadhi adhuri baat batai Allah ke baare mein,islam mein bhi Allah ke baare mein yahi hai,jo allah chahte hai bus ho jata hai,aur har cheej jo chaha ho jaati hai,har cheej khatam ho jaayegi aur phir akele sirf allah hi rahege, Guruji apni baat poori batai aur badi chalaki se Allah ke baare mein na ke barabar bataya.Aur ek baat clear kar doon,islam Muhammad sb ke jamane mein nahi aaya,ye islam Messenger of God,Ibrahim A.S. Ke jamane se hai.
@@RAJESHSWAMI-pg1uh Bhai Allah ke liye khuch bhi impossible nahi hai,huren to chota sa inam hai agar jannati bane tab,nahi to guruwon ke liye to aur alag alag tarah ka Jahannum hai,poori baat aur sahi baat nahi batane per.Kyonki guru ke sach na batane se croro insan jahannum mein jaayega.Per us insan ka apna vivek bhi to hai,padhe aur samjhe ki sahi hai ki nahi baat.aaj kal har cheej har language mein mil jaati hai.Islam ne kabhi doosre dharam ko galat nahi kaha,per ye kaha ki Allah ne alag alag waqt per alag alag messenger aaye na ki allah aaye,per khuch logo ne miss guide karke usko hi bhagwan bana kar poojne lage.jaise ki tumhare dharam mein hi dekh lo,jaan rahe ki parmbrahma hi sab khuch hai,per kabhi maine to nahi dekha unke naam per koi Mandir ho ya kabhi koi pooja hoti ho,mere chaaro taraf pandit,lala hi rahte hai,mere ghar se 15 feet ki duri per panchmandir hai.
Aapko Allah kay bare mae aur islam kay bare mae jayada knowledge nahi hai.....Brahmma ki sari qualities Allah se resembles kerti hai...toh aap use Brahmmah keh sakte ho prr....uske Alawa kisi aur ko poojna ye galat hai...aur ye aapki aur hamari kitab quran shareef say sabit bhi hai..... Toh sirf ek Allah ya brahmah pr yakeen rakhkhna chaheye....aur yahi sach hai
@@Darkworld077 yes brother 😊Aap please ek bar Quran Ko apni Launguage me jarur padhna bahot simple hai apko pura concept clear ho jayega please. aap Sahi raste par ho ek bar padhna bs pura achhese ❤
Swami ji Jis izzat k Andaaz se Bol rahe hain , mere taraf se bhi ese gyani k liye izzat aor aadar. Mere Pyaare Nabi aor Allah Taala k liye Ghalat Alfaaz ka istemaal nahi kiya jaisa dusre Hindu Saadhu Karte hain. Ye Hamesha Healthy rahe.❤
@@Rudra_om O Bhai, Shankarachary ji apne vishay me,hindu dharm grant me mahir honge, Lekin Islam ke baare unko jankari nhi hai,aur isliye hlki fulki jo jankari unhone li,usme wo galti kar baithe, Ab wo Allah ko Yamraz ke jaisa,uss level ka bol diye,ki rooh nikalta,maut deta, Jabki Allah apne faristo dwara krwata hai,khud nhi aata. Allah Means,Supreme God,The ULTIMATE GOD, Lekin ye shankarachary ji nhi bataye,ki aisa hai islam me, Unhone jo bataya, Parmeshwar Nirakar hai,uski koi santan nhi,usko kisi ne janam nhi diya, wagaira,yahi baat toh islam me bhi Allah ke baate hai, Ladane ki baat nhi,Sach dekhne ki baat hai,manne ki baat h, Ki GOD ek hi hai,iss duniya ka
@@spreadlovenothatred8370 उन्होंने नही वल्कि ये तुम्ही बोलते , की काफिरों को रूह को जहुम्मन में जलाया जाएगा etc etc जाने किया लेकिन उन्होंने वीडियो में ऐसा कुछ भी नही कहा जिससे हिंदुओ और मुस्लिमो को बुरा लगे उन्होंने सत्य कहा we सत्य ही कहेंगे , वे राम मंदिर उद्घाटन में नही गए क्यू की मंदिर पूर्ण निर्मित नही था वे सत्य के मार्ग पर ही चलते है क्यू की वे किसी को कुछ करने के लिए संक्रचार्य नही बने , वे सत्य ही बोलेंगे चाहे हिंदुओ को बुरा लगे या किसी मुस्लिम को इसी सत्य के वजह से तुम्हारे converters ne Hinduo ke mandir aur विद्यालय टूड डाले
सभी धर्मों की isthapna करने वालों के नाम हैं avm samai gyat है प्रारंभ होने ka ,जबकि sanatan धर्म के शुरू होने का कोई date नहीं बता सकता अथ sanatan धर्म के मुखिया परब्रम्ह parmeshwer से अनन्या धर्मो के प्रमुख की कोई तुलना नहीं की जा sakti ,
Shankracharya ji explained/described the Almighty very nicely. Sabhi dharmo ke gyaniyon ko saath baith kar samaantaon par charcha karni chahiye na ki ek dusre par katachh. The Creator is ONE.
Bhagwan sirf Shri ram hi hai .. sanatan dharm hi Satya hai baki mithya hai ... shankaracharya ji ne sanatan dharm ke liye jindagi bitai na ki yeh kaha ki sare daram barabar hai...Jai shree sita ram 🚩🚩🚩🚩🚩.. sanatan dharm ki jai 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩..
Such complex concepts so beautifully explained . The genius lies not only in his knowledge but in his communication skills and his language. I bow before the scholars this land of Bharat has produced.
Hindu dharm ko in jese educated aur dharm ko janne vale baaba ji ki bht zroort h main ek musalman hu aur main inse milna chahta hu kitna somya svabhav h inka
Yeh baba nahi, Shankaracharya he joh ki ek upadi (position he) yeh guru shishya padati, sanatan dharm me guru shishya padati one of most respected place he, that path is help you get you reach path of God, shree adi Shankaracharya started gained knowledge of all Granth, upnishad, Vedas and United all sections of Hinduism and unite them, they got name "jagadguru" and after they left their human body before becoming one with supreme one, they told their 4 students to take responsibility of each mthh (मठ) each mthh gives knowledge of different vedas, and when one student gets knowledge from all mth, about samveda, yajurveda, rigved, arthveda, they become Shankaracharya, they are highest above all paths, sampraday in india, they even stands above government
Inko waqaee haq hai is upadhi per rehne ka inke pass apaar gyan hai inka chehra bhi bahot achcha hai in ke face pe bahot sukoon nazar ata hai he is a good person @@Rudra_om
Aise bhi guru hote hai ..dil khush ho gaya ..ha kuch baat se sehmat nahi hoo ..lekin bahoot sari batein sach hai inki ..1 true god ke liye ..phir chahe aap kisi bhi naam se bulao accha laga inhe sunkar ..bahoot sare log to sirf nafrat ki rajneeti karne aate hai ..asli guru aise hi hote hai
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
@shyambabu6981 Ramji ko shareer hai , Patni hai. Allah ko ram nahi bol sakte. Vedo me Jo Brahman hai wo shayad Eeshwar ka hi naam hai. Eeshwar kahna bi OK hai. Lekin Ram, Krishna ,Vishnu ,Durga etc . nahi bhai . Eeshwar Ko shareer hai .
मैंने जिस भी गुरु को अब तक सुना है। मुझे सबमें क्षेष्ठ लगे। ये सतय के पुजारी है। साधु हैं सच्चा संन्यासी किसी से नहीं डरता है और वह सिर्फ अपने मुख से हमेशा सत्य ही बोलता है। जय शंकराचार्य स्वामी जी की।
X muslim real mai kabhi muslim tha hi nhi ye ek hindu hi tha or ye xmuslim sir islaam ko gumrah ker jankari deta hai ise kuchh bhi sachi Quraan or islaam ke bare mai kuchh nhi janta
Or Shri sant ji aap ne jo kaha ki allah Makkah mai kaba sarif per virajman hai ye ser a ser jhoot hai allah is univers se bahar hai or woh sab dekh rha hai or jo aap kehte ho ki allah saat jameen or saat asman banaya hai jannat or jahannam bana ya hai to sach hai or ye aap ko is univers mai nhi milega wo sab univer se bahar hai
11minute 15sec k bad se 19:37 Tak Jo bhi aap ne kaha... Hum use hi Allah mante hein, jante hein or kahte hein. Qki jitni bhi batein aap ne batayi hein wo sari ki sari maine Quran mein padh li hain. Isliye main apko ek sachcha or sabse achcha guru Manta hu Aap ne sch bat batayi hai. Guru ji Main apka fan ho gya.
Allah ko murti poojak pasand nahi or wo parambhramh ka characteristic nhi h. Allah only likes muslims and if a person is not muslim he deserves hell according to Quran. Allah ki nazar main shirk sabse bada gunaah hai parambhramh k concept main shirk jaisi koi cheej hai hee nahi.
@@RANANJAY.COC2023vo insaan jo Ishwar k bajaye kisi or ki puja krein vo kafir hai mtlb hmein pooja ishwar ki karni hai na murti ki nahi murti k karne s nhi hoga ishwar k karne se hoga agar murti is layak hoti toh khandit hone ke baad use ghar se bahar nhi kiya jaata Islam mein Sirf Ishwar ko sav priya kaha gaya
Aapke liye aapke iswar koi third entity honge hamare liye nahi hain. Hamre liye wo uss murti main bhi hain , ek ped main bhi or wo lagataar behne wali nadi main bhi. Ishwar ko isse dikkat nahi, ho bhi nahi sakti kyonki ishwar k liye shraddha honi chahiye, jitna dekha hai usme to insaano ko hee dikkat hai murti pooja se. Kafir woh hai jo islamic God Allah ki pooja na kare. Kyoki ishwar ki pooja to har koi karta hai apne religion k anusaar. Or agar aapke anusaar sirf aapka tarika sahi hai to usse, religious superiority complex ya religious exclusivism kehte hain.
@@asadshaikh393 wo muhammad ne logon ko bewkoof banaane ko bola. sach mein mohd ko inferiority complex tha isaayion aur yuhoodiyon se. copy-paste karke quran paida ki taaki arabi log uski loot paat ke khilaaf awaaj na utha sakein
@@Shital-Vaishnav831are tumhe galat fahmi hai😂 पता होना चाहिए कि ईसाई, यहूदी और इस्लाम एक ही इब्राहिमिक religion का हिस्सा है। और सब एक मालिक (अल्लाह) का मानने वाले हैं और तीनों धर्म मूर्ति पूजा के सख्त खिलाफ है अगर ज्यादा ज्ञान लेना है तो तीनो धार्मिक किताब को पढ़ो तीनो का concept एक जैसा ही लगभग मिलेगा ।
Sarkar ne Ese Mahan Dharm Guruon Ko Piche Rakha, Aur Sampardayak Tanav Badane Wale Babaon Ko Agge Rakha. Naman Hai Baba Ji Ap Ko. Ap Asli Sanatan Ke Dharam Guru Ho, Jo Baki Dharmon Ko Bahut Izzat Dete Ho.
अगर ये कुछ बदल सकते तो बांग्लादेश में जो हो रहा ये बदल देते? विपरीत संस्कृति हिंदू धर्म को नष्ट ही करेगी ये तय है अगर इस प्रकार सराहना मिलती रही, अगर चलो तो परपर्ता से, दो देश दे चुके है मुस्लिमो को पर अभी कुछ नही बदला आज भी वह हिंदू का नाश करने को तैयार है।
बहुत सुंदर प्रमाणित व्याख्या ह ॐ यही वेदांत ह ॐ बाकी आर्य समाज कुछ का कुछ बताता ह ॐ सतचित आनंद ही ब्रह्मानंद रूप में ध्यान के द्वारा ऋषि गन प्राप्त करते ह जिसको पाकर फिर अन्य किसी चीज की जरूरत नही ॐ यह ज्ञान शुष्मना ब्रह्म नाड़ी को ध्यान से बढ़कर मोक्ष ओर समाधि को पाकर चिदानन्दमय रहकर अन्तर्यामी स्वरूप ईश्वर में एक्लीन हो जाता ह ॐ इसलिए मेँ अद्वेत वाद को ही मानता हूं। केवल यह दुनियावी खेल ईश्वर का ही एक नाटक ह ॐ नमो नमः गुरुवर। इसलिए ही दशरथनन्दन राम अन्तर्यामी अजन्मे ओर निर्गुण सगुण भगवान ह। ऐसा जामवन्त ने भी कहा ह ॐ
Sant rampal ji maharaj UA-cam channel Pata chal jayega Ram Ram jgat bakhane adi ram Birla Jane 😰 Anant koti brahmand me ek rati nhi bhaar satpurush Kabir hai kul k srijan haar ❤️
Alhamdulillah Maharaj ji aap ki taqreer sun kar dil ko bahut hi achcha laga Humare sant wali abhi aap ki shakal me Zinda hai. Allah aap ko umre daraaz ata kare. Humare Mulk e Azeez ko taraqui de.
@Assamese.Kalita Al Quran ved Gita aur koyi bhi revealed ग्रंथ शास्त्र विधि अनुसार पढ़े जाते हैं सिर्फ अनुवाद पढ़ने से अर्थ का अनर्थ होता है और वही हो रहा है आप के साथ।अफसोस
@Assamese.Kalita आप के भीतर की घृणा सिर्फ और सिर्फ " अनहात चक्र " सक्रिय होने पर ही समाप्त हो सकती है और वोह तुम करोगे नहीं और परिणाम यह होगा किसी भयंकर बीमारी के शिकार हो जाओगे। कृपया मूला धार चक्र से सहस्त्रार चक्र तक उने सक्रिय करो।
सत्य ही इस संसार में श्रेयस्कर है धर्म तो सदा सत्य का आश्रित है।सत्य ही सबका मूल है, सत्य से बढ़कर कोई परम पद नहीं है। इसके बिना हम ईश्वर के निकट का अहसास नहीं कर सकते। जाति धर्म तो सब बौने मात्र है
आदरणीय शंकर आचार्य जी बोहोत ही सम्मान के साथ ये कहना चाहूंगा के अल्लाह के बारे में आपको और पढ़ने की ज़रूरत है । (अल्लाह के नाम के बारे में जो आप ने बताया वो बिल्कुल सहीह है)
@@TrumpThomas123 Inhone jo kaha ki Islam before paigamabar nahi thha ... Its so frustrating 😂 Matlab kuch bhi ... Abdullah unke Walid ka naam unke dada ne rakha thha unke dada ki pidhi hazrat Ismail se milti he... And Ismail was a prophet. So how ?
@@TrumpThomas123 shayad frustration ke chakkar me Mera jawab hi gol kar gaye😀 Mene kya pucha? Mene al ilah par baat hi nahi ki Param brahma par to abhi aaunga 🌝 Pehle aap ye bataye sthapit karne wali baat ke evidence Kahan hen? Kya dyananad ne New religion ki sthapna ki thhi aapke anusar ummid he frustration se badhkar koi logical answer aayega
yaha par him+alay himalay jiska barf ka ghar ho nahi chal raha hai, jo bhi shakitiman hai wo apne aap ko behtar janta hai hum uski vyakhya nahi karpayege kyuki usne humme ek simit limit tak hi intelligence diya hai, itna bhi nahi ki usse ke bare me kuchh bhi kalpana kar le aur kah de ki yahi saty hai, kuki satya wahi janta hai, naam se Ram aur bagal me chhuri bhi ho sakta hai lekin asal ram ki quality asli ram hi jante honge ki wo kaise purush thhe aur unke jivan kaal ke log hum sirf kalpana kar sakte hai khair jo bhi ho mujhe bhi koi dikat nahi aap jisko puje bas itna janta hu ke Ram ko man-ne wale kabhi Ram ki trah quality apni jindagi me nahi utar sakte aur na Muhammad ko manne wale unki trah ban sakte hai... agar ban jaye tab to shrishti ka kalyan hi ho jayega@@TrumpThomas123
धन्यवाद श्री चरणों में शतशत प्रणाम ।वेदों में जिस का वर्णन करतें समय नेती नेती कहतें हुए असमंजस ता प्रगट की ।वोही परब्रह्म है ।वह तो मनके द्वारा अनुभव कर सकते है ।
कल्कि अवतार को पैदा हुए 1500 सो साल से ज्यादा हो गए हैं वो इस दुनिया में आकर अपना काम करके चले भी गए अब तुम लोग इंतजार करते रहो अब कोई भी तलवार लेकर घोड़े पर लड़ाई लड़ने नहीं आने वाला -अभी भी वक्त है जिसको मुसलमान आखरी पैगंबर आखिरी अवतारी मान रहे हैं दुनिया का मोहम्मद साहब ही आखिरी अवतारी हैं तुम भी मान लो अगर नहीं मानोगे तो दुनिया तो खत्म हो सकती है लेकिन कल्कि अवतार नहीं आने वाला अब 🗡️⚔️
परम आदरणीय पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामी जी महाराज को विजय तिवारी एडवोकेट वीर सावरकर मार्ग जिला शाजापुर मप्र से सादर दंडवत् प्रणाम करता हूं। सत्य वचन आदरणीय श्री।
गुरु के बिना ज्ञान नहीं है देश के लिए ऐसे गुरु संत का साथ पकड़े हर हिंदू सनातन धर्म संस्कृति मातृभाषा हिंदी नहीं छोड़ ना चाहिए सबका भगवान एक है तो हिन्दू मिलकर रहो बोलो जय सीताराम 🚩🚩 जय हनुमान 🙏🌺🌺🚩🚩🚩🚩 जय हो जय हो
बहुत खूब बहुत सुंदर और सरल शब्दों में जो ज्ञान स्वामी जी ने सबको दिया है। पारब्रह्म और ईश्वर किसे कहते इतनी सरलता से बता देना एक परमज्ञानी ही कर सकता है। धन्य हैं स्वामी जी आप आपके चरणों में नमस्कार है....
पूज्य गुरुदेव शंकराचार्य जी महाराज सादर प्रणाम आपकी शास्त्रीय विवेचना को सुना एवं परब्रह्म के सम्बन्ध में यथाविधि परिभाषित करने का प्रयास बहुत अच्छा लगा बधाई धन्यवाद
जिन लोगों ने शून्य - जीरो की खोज की जिसके बिना आधुनिक विज्ञान एक कदम भी नहीं चल सकता है l चाहे फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, एकाउंट्स, अर्थशास्त्र, मेडिकल साइंस, नैनो टेक्नोलॉजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, रॉकेट साइंस, डाटा स्टोरेज साइंस तथा और भी बहुत सारी भविष्य मे आने वाली साइंस - ये सब बिना ज़ीरो के एक कदम चलना तो दूर हिल भी नहीं सकती और ये शून्य भारत के ऋषिओं की ही देन है दुनिया को l अब सवाल ये है कि ऋषिओं के हाथ ये शून्य - ज़ीरो लगा कैसे ? शून्य हो या दशमलव प्रणाली या शून्य से भी नीचे की माइनस की संख्याएँ और फिर इसी के साथ शून्य से भी बड़ी, जटिल, रहस्यमय और आम तथा विद्वान् आदमियों मे से किसी के भी समझ मे न आने वाली पुनर्जन्म, कर्मफल और सुक्ष्मतर अस्तित्वों और उनके लगातार परिवर्तित होते रहने की प्रक्रिया की गुढ खोज - ये सब ऋषिओं की ही देन है l ये सारी बड़ी और सच्ची खोजें ऋषिओं ने शांति, ध्यान, समाधि मे जाकर के की l अब शून्य और दशमलव प्रणाली तो आधुनिक दुनिया को समझ मे आ गई और वो इसका धड़ल्ले से प्रयोग करती है और इसी शून्य के सहारे दिनों दिन तरक्की करती जा रही है - ये शून्य दुनिया की तरक्की का वो बीज है जिसको ऋषिओं ने दुनिया को दिया l शून्य के अलावा और भी बहुत ज्यादा कुछ है जो ऋषिओं ने दुनिया को दिया जो दुनिया को सुरक्षित, प्रेममय, शांतिमय, गरिमामय, दयामय, करुणामय, सहयोगमय और आनंदमय बना सकता है बिना प्रकृति और जीव जंतुओं को नष्ट भ्रष्ट किये हुए l ऋषिओं ने सिर्फ सच और सत्य को खोजा और जिस तरीके से खोजा वो आधुनिक वैज्ञानिकों और विद्वानों की भी समझ मे नहीं आ रहा है क्योंकि उनका तरीका भीतर की ओर जाकर खोजने का था ना कि बाहर की ओर जाकर चीर फाड़ करने का l ऋषिओं ने तो बीज खोजा और बीज से भी सूक्ष्मतर होते बीजों की श्रृंखला को भी खोजा और फिर शून्य-जीरो को खोजा और फिर शून्य से अनंत के इस दिखावटी (माया) फैलाव को भी जाना l मजे की बात है कि ये ज्ञान मौजूद है आज भी मगर इसको पढ़ना होगा और इसको पढ़ने मात्र से रोंगटे खड़े हो जायेंगे, दिमाग मे हलचल मच जायेगी, दुनिया को देखने और आपके सोचने का तरीका बदल जायेगा और आप सत्य के खोजी बन जायेंगे - और आप पाखंड, धर्म, जाति, देश, प्रदेश, भाषा, अपने वजूद, अंधविश्वास, सड़ीगली मान्यताओं, छोटे विचारों से और बिलावजह और अनावश्यक संघर्ष की मानसिकता से बहुत बहुत ऊपर उठ जायेंगे l आप ऋषि ज्ञान को माने या ना माने इससे सच को कोई फर्क नहीं पड़ता है l सच हमेशा सच और एक ही रहेगा वो सच आपकी मान्यताओं के आधार पर बदलने वाला नहीं है l ऋषि कोई धार्मिक लोग नहीं थे वो तो खोजी लोग थे बिल्कुल आप और हम जैसे मगर उनका मार्ग किसी भी तथाकथित धर्म पर ना चल कर सत्य की खोज का था l विषय बहुत लम्बा ना हो तो बस इतना जान लो - ईश्वर/परमात्मा का मतलब एक खाली स्थान (space/आकाश) से भी बारीक और सूक्ष्म बिल्कुल आकाश-अंतरिक्ष की भाँति है जो अनंत फिर और अनंत तक फैला हुआ है और जो पूर्ण चेतना (hyper live n active) से लबालब भरा है l - पुनर्जन्म होता है - कर्मफल (जैसा करोगे ठीक वैसा ही और उसी और उतने परिमाण मे भरोगे) -ईश्वर / परमात्मा क्षमा नहीं कर सकता है और जिसने जैसा किया है उसको वैसा ही फल मिलना तय है - दुनिया के तथाकथित धर्मों का तो ईश्वर से कोई संबंध ही नहीं है क्योंकि ईश्वर तो ज्ञान-विज्ञान, अनुसंधान, चिंतन का विषय है और धर्म का तो बिल्कुल भी नहीं है - दुनिया के किसी भी धर्म का ईश्वर से कोई लेना देना ही नहीं है l -कोई स्वर्ग नरक नहीं हैं जैसा कि धार्मिक लोग अज्ञानता की वजह से सोचते हैं -ईश्वर / परमात्मा मानने का नहीं जानने का विषय है - कोई भी धार्मिक आस्था, विश्वास, अंधविश्वास, व्यर्थ है और किसी भी काम का नहीं है l अत वैदिक ज्ञान विज्ञान को खुद ही पढ़िये, फिर और पढ़िये, जानिए और अनुभव कीजिये खुद ही तो आपको पता लगेगा सत्य का l
एक मिनट में जवाब दिया जा सकता था परन्तु गाना बजाना ही चल रहा है और जवाब सही दिया है , अलग ही स्पीशीज़ हैं ये लोग ,,, एक गुजराती आता है और पूरे देश को चूतिया बना डालता है 🤣🤣🤣
What an authentic explanation ! One should be on caution that on You Tube channel His Holiness appears to do Public welfare Hindu Welfare and propagation of Hindu Religion. His Holiness is above all kathavachaks and all those who choose channel for propagation of theirs ideas or sects. His Holiness Shankaracharya is Supreme and it needs ( no likes ) as comments. It is beyond the world of popularity. It is Supreme Truth. We are blessed enough to listen to Him via this channel so indirect contribution of the channel also deserves kudos from.all Hindu community
Vedo ke brahm ki jo definition di he aapne Quran me lagbhag wahi definition he Allah ki...rahi baat brahm tatashtha rehta he nirgun roop me to Quran me bataya ki Allah insano ki guidance ke liye insano me se hi kisi mahapurush ko apne sandesh ke liye banata he..Jo uske sandesh ko pahuchate he..aur uska palan karate he..jese Adam, Nooh, Abraham, moses, Jesus, Muhammed (peace be upon All). Allah Sagun roop me insan ban kr avtar nhi lete, incarnation ki isi theory ke chalte log Parmeshwar parmatma Allah chohrkr, kitni murtiyo, insano janwaro, Suraj chand ki puja krne lgte he....Aur Allah ko bhool jate he jisne jeewan diya is dharti pe har jeew ko. Aur Aap log simple baat ko itna ghuma fira kar gol mol krte hua logo ko samjhate ho...
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु १) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) - क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार २) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है। इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से। इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया १) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना २) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना ३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
इन्ही जैसे पाखंडी गुरुओ और कथा वाचको के द्वारा सनातन संस्कृति और समाज को निरंतर विनाश कि ओर अग्रसर किया गया है, आप गुण और दोष दोनों को एक जैसा बताते है, अन्यथा कभी अल्लाह कैसा है जरा एडम सीकर, सचवाला, एक्स मुस्लिम साहिल को सुन लो,
@@user-vi4lx1mj9o कभी अमित तिवारी साइंस जर्नी को भी सुनो कितना गंद भरा पड़ा है तुम्हारे धर्म ग्रंथो मै पता चलेगा तुम्हे, चंपक कथाएं मनोहर कहानियां और कामसूत्र भी फीकी पड़ जाए।🙏
@@user-vi4lx1mj9o ALLAH WO Hai Jisko Ashwamegh yajna se paida hone ki zarurat nahi, ALLAH wo hai jo Zameen pe aa kar fasad nahi failata, ALLAH wo hai Jo chori nahi karta, ALLAH wo hai Jo blue rang ka nahi hota, ALLAH wo hai jiski na koi bibi na koi bachcha, na koi baap na koi maa, Aur adam seeker aur sachwala se Hinduism ka pooch Lena kya kahta hai, I don't even piss on them because my piss is better than your god ye aapke Adam chacha ne kaha tha lekin phir bhi wo achcha hai,😂😂😂😂😂😂 Isse maloom chalta hai ki tum log jab apne pandit ki izzat nahi karte Adam seeker k aage to isko bhi pakhandi kar diye😂😂😂😂😂😂😂😂 Good Lage raho Sameer ko bhi suno wo bhi unka Bhai hi hai😂😂😂😂
युगों से युगों तक सदा परम उच्च स्तरीय शिष्टतम अद्भुत अद्वितीय आचरण-व्यवहार-चरित्र सम्पन्न जनरेशनों का पूर्ण सही जन्म-पोषण-संरक्षण सेवा-संचालन-नेतृत्व शिक्षा शिक्षण परम-परा संरक्षण सर्वत्र विश्व भर में हर तरफ़ सदा पूर्ण सही हर एक सुरक्षा-शान्ति-खुशहाली सम्पन्न जीवन के पूर्ण सही अस्तित्व के लिए
Bohot hi sundar tareke sa samjhaya Shankaracharye ji ne, kuch points unse reh gaye wo mein yaha bata raha hu Allah aur Brammh ke antar ke vishay mein:- 1. All dikhai detey hai aur baat kartey hai , aur wo singhasan (Throne) pe baithtey bhi hai --> Jisse ye siddh hota hai ki unka Aakar hai aur wo Nirakaar nahi hai, aur issey ye bhi siddh hota hai ki wo jaha hai waha unke alawa aur bhi log hotey hai jaise Farishtey, Nabi, Shaitan etc etc, Issey bhi ye siddh hota hai ki Allah ke dimentions infitine nahi hai balki finite hai tabhi wo jaha hai waha unke alawa aur bhi space ko occupy kar pa rahey hai. ---> Jbhki Brammh koi vyakti nahi balki Tatva (yani Element) hai aur iss Param Tatva ke dimentions infinite honey ke karan ye Nirakar hai aur isiliye usko dekha suna nahi ja sakta. 2. Allah dozakh mein bejney wale logo ko Gusse (Wrath) ke expression ke sath dekhta hai jabki Jannat ko janey walo ko wo muskaan se dekta hai --> Issey ye siddh hota hai ki Allah ka chehra hai aur krodh aur prasannta ki awasthaye upasthit honey ke karan ye bhi siddh hota hai ki unka chehra hai aur shareer hai jisme mann bhi hai, kyoki prasann ya krodhit hona ye mann ke hi karye hai shareer keval mann ki abhivyakti hai. ----> Jbhki Brammh anant honey ke karan nirakar hai aur wo jaha hai waha uskey siwa koi nahi hai aur kisi aur ke honey ke liye space bhi nahi hai. 3.Allah jannat mein logo ko sharaab , doodh apney hatho se pilata hai, waha hooro ki suvidha adi bhi muhaiya karata hai ---> Jissey ye siddh hota hai ki Allah karye yani Karm ka karta hai aur wo jannat mein kayi kamo ko manage karta hai aur unmey involve ya particepate bhi karta hai. ----> Jabki Brammh kisi bhi objectiove ya social actions mein involve nahi ho saktey kyoki kisi aur ke honey ki koi sambhavna hi nahi hai waha jaha wo hai. 4. Allah chahtey hai ki duniye ke log mohammed ko unka nabi ur Allah ko ek matra eshwar maney aur kisi ko nahi, iske alawa bhi allah ki kayi sari icchaye aur expectations hai jisey pura karney walo ko wo Musalmaan aur na pura karney walo ko wo Kafib ya Murtad kehtey hai aur naraaz hokar unko dozakh mein jalate aur martey hai ---> Issey ye siddh hota hai ki Allah mein mann hai jo samanye manushye ki tarah hi kamnao se bhara hua hai, jissey ye bhi siddh hota hai ki Allah ki sabhi kamnaye aur icchaye abtak puri nahi ho payi hai, issey ye bhi siddh hota hai ki kayi log jo maney ke baad dozakh jataye hai kyoki Allah ki iccha puri nahi kartey to issliye bhi Allah ki icchaye ant mein bhi adhuri reh jati hai, aur thode log hi jannat mein janey ke karan Allah ki iccha adhuri reh jati hai. Issey ye bhi siddh hota hai ki Allah se uski ye duniya uski iccha anusaar yani expectations ke according bann nahi payi, yani kahi kuch galti ya error reh gayi Allah ke kaam ya taqat mai. -------> Jabki Brammh samast prakar ki Iccha aur vasnao se rahit hai, Brammh mein koi kaam, kriodh ya Icchaye nahi hai, Brammh purna hai wo Allah ki tarah dukhi ya gussey mein nahi hai, ya wo kisi vyakti par prasann ya gussa bhi nahi hai, Brammh shuddh satta hai jissey ye jagat vyakt ho pa raha hai. Paap -Punye adi ye sab lekha jhokha Parmatma ki dasi Prakruti sambhalti hai jo swayam Parmatma ki hi sakaar manifestation hai. 5. Allah kudh personally kuran nazir kartey hai sirf ye samjhane ke liye ki Unko naa manney wla kafir hai aur usko wo dozakh mein jalayengey isliye unko mano ----> Issey ye siddh hota hai ki Allah ki marzi se koi kaam nahi ho raha tha isiliye Allah ko personally majboor hokar mohammed sahab ko Aayatein nazir karani padi aur kayi bar unko paigaam bhi bijwaney padey, aur dukh ki baat hai ki Quran ke roop mein apni mann ki vyatha rakhney ke baad bhi Allah ko duniye ke 75% log mantey hi nahi hai aur wo kisi aur ko hi mantey fir rahey hai. Yani ye bhi siddh hota hai ki Allah ki marzi se kaam ho nahi raha hai unhi ki duniya mein aur issliye bhi Allah ki ichaye adhuri hi padi hui hai aur Allah apni hi duniya mein apni iccha puri nahi kar pa rahey hai. 6. Allah musalmaan ko uske karm ke anusaar jannat ya dozakh bejtey hai ---> Jabki aisa koi kaam Brammh nahi kartey , balki ye chotey motey kaam Sanatan Dharm mein Yamraaj Ji kiya kartey hai
I always respect and like this shankarachaaryo ji. He tried to explain islam in the best way. He has his full wisdom to explain his stand as being a great Hindu.
अल्लाहु अकबर ( ईश्वर बहुत महान है) बस भाषा का फर्क है, बिल्कुल सही फरमाया गुरूजी ने, वो निरंजन निराकार है, उसकी कोई मुरत नहीं, बस ईश्वर एक नूर है वो एक ज्योति है, बस वही इबादत के लायक है बस वही पूज्य है, बेशक ईश्वर के जरिए बनाई कोई चीज जीव जंतु और वस्तु और ना मनुष्यों में से कभी कोई ईश्वर हुआ ना था ना है ना कभी उसके बराबर हो सकता है। ईश्वर ने पूरी कायनात बनाई है पर कायनात की कोई चीज ईश्वर नहीं हो सकती, क्योंकि पूरा संसार कायनात ईश्वर की मोहताज है ईश्वर संसार कायनात का मोहताज नहीं।
@@VishalVerma-d9cbhai sb, jo sab se sarvoshaktiman aur sab se ooper virajman he, usi ko hum Allah bolte he, Allah ki misal Quraan me aese di gai he jese koi Divya Jyoti, bas samajhne ke liye, wo sab jagah he, sab janta he, usi ne sab banaya he, aur usi ke dwara sab khatam kiya jaye ga, is dharti par. Ap hum logon ko kya samjha rahe ho?
बिल्कुल सही पर, आपको सेल्यूट है पर ये उन कट्टरवादियों को समझना चाहिए जो सनातनियों को काफिर समझते हैं, और उनकी हत्या करते हैं जब सब चीज ईश्वर या अल्लाह ने बनाई है तो भेद क्यों। जय सियाराम जी
@@googlemaster3541 Hai na Bhai kayi molvi Aap ye baat mante hai ye aapki respect hai. Par ham usse sirf isliye mante hai ki jo infinite hai usse hi ham samajte hai. God woh nahi hota ki woh insan ho woh jeev ho. Ye to dharm ke kitab ko change karne ke wajah se hua hai itna Alag alag . Agar apke daal me koyi milawat karde to aap ko pata nahi hai kisne milawat Kiya hai. Isliye aap jaisa ho raha hai hote hi jaraha hai. Bhrahmannd apni paakhans faila rahe hai hone do. Agar aapko jaise pata chalega ki Milawat hai to aap yehi sochenge daal me kuch Mila hai kab aur kisne aur kya milawat Kiya hai. Aur meri mukhya baat ye hai ki Jo chiz nayi nayi saaf suthri daal hai. Uss grahan karo. Kya woh rab apne bando ko aise gumrah hone deta.. ? koyi to vyavashtha Kari hai ki koyi bhathke na. Aap woh nahi sochte ki mere Nabi ne kya paigam diya tha. Har nabiyo ne apne ummat ko gumrahibse bachaya. Aap woh bilkul bhi bilkul bhi nahi samajhte jo nabi sab kehna kya chahte hai. Andha woh nahi jo aankh se ho. Andha to Dil se hota hai Saamne sab ka apni aayato ka khol khol ke Allah tumhare man me soch samaj daalta hai. Agar Banda usse sach samajh ke bhi dharm ke naam par jhuthlata hai. Aur uss insan ko brain wash itna kiya jata hai ki. Agar usko har sach dikhaya samjhaya jaye fir bhi insan Sirf apne takabbur ko lekar apne rab ko jhuthlata hai.
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु १) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) - क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार २) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है। इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से। इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया १) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना २) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना ३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
Guruji ko prashna puchhane ki kya vidhi hai? Matlab whatsapp par puchhate hai ya kese plz sir batao aur aap ki wajah se muje aisa lag raha hai jese bhagvan hi mil gaye ho
ये बात मुझे सही लगी कि ब्रह्म इस.संसार से परे है.।क्योंकि ,यदि इस.संसार के कण कण में परब्रह्म होता तो सारा ही संसार सद् चिद् आनन्दमयी होता..यहाँ दुख का नामों निशान न होता 🙏
This is what Hinduism had .......great culture of argument.........no abusive language,no disrespect.....pure logical argument
There is no difference at all. Language that's all. In sanathana dharma ekisvaropasana system prevailing, this is same Allah o Akbar.. God is supreme authority. Paramabrahma means the supreme creator, above him no one is there. Human 11sensrs not enough to measure the god. We have to pray the omnipresent bless us with Divyachakshu. Krishna presented to Arjuna in bratatha yuddam
@@RajamahendriAllah is sagun while Brahman is Nirgun.
Brahman is formless but Allah has a throne above 7th sky where he sits (which means he has an a$$) and oversees everything.
Brahman is out of our imagination while Allah talks and gives message about everything via messengers.
They are not the same.
Correct, this is sign of developed soul and real dharmik people.
@@hardikgupta9105right 👍
ha bhai dhol gawar shudra pashu nari sakal tadan k adhikari - bhot mahan
बहुत खूब,शंकराचार्य जी ने बढ़िया बात कही है,ज्ञान अनन्त है और ज़िंदगी बहुत कम इसलिए बातों में फर्क रह जाना ही है,सच यही है कि अल्लाह,ईश्वर,ब्रम्ह के अर्थ मात्र भाषाओं का फर्क है।बहुत आदर के साथ धन्यवाद
Yes bro। He is not like jakir naik type religion promoter
Qur'an batata hai Allah ek hi hai aur.... naahi usne kisi ko janm diya hai aur nahi usko kisi ne janm diya hai...aur kewal wahi ek pujne yogya hai aur koi nhi hai...Aur Allah ke Rasool Mohmmad S.A.W hai...
Allah hu akbar...
Sabka bhala ho .. jajakallah ❤
@@mohdzafar2296 @mohdzafar2296 अपनी अपनी धार्मिक किताबों में सब अपने अपने धर्मो का प्रचार करते है। भगवद गीता में उसी ईश्वर ने कहा है की कृष्ण स्वयं भगवान है। ओर धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्मियो के विनाश के लिए आया है।
अब मुझे बताइए एक ऐसा इंसान जो कभी किसी धर्म को नही मानता उसको किसे मानना चाहिए। क्युकी उसे ये सब धर्म की किताबे ऐसे ही लगेगी जेसे सब अपने अपने को बड़ा बता रहे है।
@@IshwarSarma apne dharm ko Mane dusre dharm ke bare me phir Gyan nhi dena chahiye.....aur jisko Janna hai to Qur'an lekr baitho phir Gyan Dena chahiye aur compare karna chahiye...
At the end...sabhi apna apna dharm mano.... dhrm ko compare Mt kro...ye manne ki chij hai....
@@mohdzafar2296 दूसरे धर्मो पर सबसे ज्यादा ज्ञान कोन देता है। जाकिर नाइक जेसे लोग रात दिन गैर मुस्लिमो पर अजाब का और सिर्क का ज्ञान देते नही थकते। ये ज्ञान देने तुम यहां आए थे एक हिंदू संकराचार्य के पेज पे। ओर जब तर्क की कसोटी पर कसा गया तो अपना अपना धर्म मानने की ज्ञान देने बैठ गए। तो भाई जब ज्ञान देने आओगे तो ज्ञान लेकर जाओ।
बहुत ही सहज भाषा में गुरुदेव ने परब्रह्म का अर्थ समझा दिया अब समझ जाओ संप्रदाय में भेद करने वालो सभी धर्म के मानने वालो तुम्हे बनाने वाला इस दुनिया में लाने वाला एक ही है, लेकिन तुम तो इन राजनेताओं के चक्कर में आकर एक दूसरे से लड़ो मरो कटो, किंतु ये तो सोचो कि जब हमे बनाने वाला एक है दुनिया में लाने वाला एक है तो अपना आपस में कुछ तो रिश्ता होगा। परम पिता ने हमे बनाया है तो परम पिता परमात्मा सबका पिता है तो दुनिया के हर जीव का आपस में रिश्ता है।
मुझे आत्म दर्शन हुआ है मैं ही जानता हूं कि कितनी कृपा हुई है परमेश्वर की। बिना परमेश्वर की कृपा के प्रभु का मार्ग असंभव।
Kundalini jaag gyi kya? Kyoki atma gyan m kuchh naya nhi hota jo hota h bus wahi samjh aa jata h
Jhaat darsan v hua hai kya bhai
गुरु से ही सिच्छा दीक्षा और संस्कार मिलते हैं इनकी निष्पच्छ विचार आदरणीय हैं इनके मुख पर इतना तेज हैं की मैं तो इनको ही देखता रह गया ,,, अल्लाह इनको शच्चे सनातनी होने के लिए हिदायत दे,, आमीन ❤❤❤❤❤❤❤❤
Sanatan vidroh utpnn krana Inka swbhaw hai.
unhone kya bola aapne suna. agar sune hai to jald se jald islam chjir hindu dharam apnao. humare yamraaj bhi tumahre aIIah se bada hai
Listen sahil Zafar heretic and Adam seekers 😮
@@sibolidhoni अब यमराज आदेश करेंगे अल्लाह को जाओ सिबोलिधोनी की रूह कब्ज करके ले आओ।
आप के ज्ञान से चित्रगुप्त भी व्याकुल हो जायेंगे।शाबाश बेटा आप ने दिल जीत लिया 😍
@@Darkworld077 जी आप सही कह रहे हैं लेकिन वोह reply आप के लिए नहीं वोह सिबोलिधिनी के लिए है जो कह रहे हैं कि " यमराज अल्लाह swt से बड़ा है". हिक्मत use करो आंख मीच कर reply न दो। हिदायत अल्लाह के हाथ में है।
इस्लाम का तात्पर्य " दीन कय्यिम" से है और उसका हिंदी अर्थ है " धर्म सनातन" जो आदम अलैहिस्सलाम से हुजूर sws तक पूरी मानवता का एक है था और रहेगा।
धर्म/ दीन को सही ढंग से अमल में लाने के लिए शास्त्र विधि ie Nass ijma kiyas और iztihad के हिसाब से समझना होगा। 100 सहीफे ( आदिग्रंथ ) + 4 किताबों पर ईमान लाजमी है।
अपार ज्ञान के धनी है आदरणीय शंकराचार्य जी
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है
शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु
१) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) -
क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार
२) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है।
इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से।
इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया
१) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना
२) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना
३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना
इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं
कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है
परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं
ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता
अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है
जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे
मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
🚩🚩ॐ नमः शिवाय - हर हर महादेव 🚩🚩
🚩🚩शंकरं शंकराचार्यं केशवं वादरायणं।
सूत्रभाष्यकृतौ वन्दे भगवन्तौ पुनः पुनः।।🚩🚩
🚩 श्री श्री 1008 श्री भगवान शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि - कोटि दंडवत प्रणाम 🚩
🚩🌹🌺💐🙏🏻🙏🏻🎉🎉🎉
बहुत सुन्दर व स्पष्ट व्याख्या। परम पूज्य, परम आदरणीय शंकराचार्य जी को कोटि कोटि नमन। आपकी विद्वता का कोई जवाब नहीं।
बहुत ही सारगर्भित व्याख्या।परम ज्ञानी शंकराचारजी को शत शत नमन।अपने इस चैनल के माध्यम से सनातन के बारे में नई जानकारी देने के लिए जो उपक्रम किया वो स्तुतय है।सदर प्रणाम स्वीकार करें
हे मुनिवर! आप का अंदाजे बयां अति प्रशंसनीय है।
शब्द
ब्रह्मा ( Al Khalik)
विष्णु ( Al Hafizo)
महेश ( Al Mumito)
भाषा अलग अलग है परंतु ह्रदय भाषा एक ही है। केवल समझ का फेर है।
यदि यह तीनों गुण एक ही ब्रह्म के हैं या तीनों अलग अलग देव समान हैं तौ अमल पर फर्क अवश्य पड़ेगा।
उधारण:
मैं अष्ट योग ( नमाज़ ) में लीन होकर जब अल्लाह / ब्रह्म में ध्यान मुग्ध हो जाता हूं तब मेरे भीतर के पुर्जे hypothellamous,pituitary adrenal cortex and medulla glands मेरे भीतर की सभी unknown stresses को बाहर निकाल देते हैं और मैं आनंद की अनुभूति करता हूं। यही मेरा स्वभाव है मेरे लिए अल्लाह या ब्रह्म एक ही है।
कबीरा कुआ एक है
पानी भरें अनेक
बर्तन में ही भेद है
पानी सब में एक ❤❤
Waah❤
Nice but what abou 10 commandmenta and la illah first àccept the truth that abrahmic religion are not open minded thwre are only god in abrahmic faith😅😅😅
@@SriShukra1008 धर्म पूरी मानवता का एक ही है था और रहेगा।
इस universal truth को आप के भीतर का nfs ( negative force) जब स्वीकार कर लेगा तब ही तत्व समझ में आ जायेगा अन्यथा नहीं।
सभ्यताएं संस्कृतियां परंपराएं आस्थाएं मज़हब यह धर्म को समझने के तरीके मात्र हैं धर्म नहीं।
" भीतर डोर उलझी है
बाहर रहे सुलझाए
भीतर की सुलझाए लो
तौ तत्व समझ में आए।"❤️❤️
@@SriShukra1008
You will get your answer at Islami awakening youtube channel
@@IrfanAli-db6kb wahhhhh sundar
बेस्ट सन्देश, ईश्वर परती, परमात्माहा अल्लाह सब की पैचान एक जैसी श्रद्धा करने का अलग अलग तरीका हैं सब परमात्मा एक हीं है, सभी इंसानों को अच्छा सन्देश, दिया, atoz गुड 😮प्रवचन
For real bhai aur ye sari chize explain krne ke baad zakir naik jaise
'Convert ho jao' aisa nahi bolte.
Nahi Brahm me hi sab kuchh smahit hai tumhare ALLAH bhi . Brahm kuchh krta ni par usse jo kuchh utpan hota whi krta hai
Inhone aadhi adhuri baat batai Allah ke baare mein,islam mein bhi Allah ke baare mein yahi hai,jo allah chahte hai bus ho jata hai,aur har cheej jo chaha ho jaati hai,har cheej khatam ho jaayegi aur phir akele sirf allah hi rahege, Guruji apni baat poori batai aur badi chalaki se Allah ke baare mein na ke barabar bataya.Aur ek baat clear kar doon,islam Muhammad sb ke jamane mein nahi aaya,ye islam Messenger of God,Ibrahim A.S. Ke jamane se hai.
Bhai bhagvan ka kam hure bantna nahi h 🤡
@@RAJESHSWAMI-pg1uh Bhai Allah ke liye khuch bhi impossible nahi hai,huren to chota sa inam hai agar jannati bane tab,nahi to guruwon ke liye to aur alag alag tarah ka Jahannum hai,poori baat aur sahi baat nahi batane per.Kyonki guru ke sach na batane se croro insan jahannum mein jaayega.Per us insan ka apna vivek bhi to hai,padhe aur samjhe ki sahi hai ki nahi baat.aaj kal har cheej har language mein mil jaati hai.Islam ne kabhi doosre dharam ko galat nahi kaha,per ye kaha ki Allah ne alag alag waqt per alag alag messenger aaye na ki allah aaye,per khuch logo ne miss guide karke usko hi bhagwan bana kar poojne lage.jaise ki tumhare dharam mein hi dekh lo,jaan rahe ki parmbrahma hi sab khuch hai,per kabhi maine to nahi dekha unke naam per koi Mandir ho ya kabhi koi pooja hoti ho,mere chaaro taraf pandit,lala hi rahte hai,mere ghar se 15 feet ki duri per panchmandir hai.
बिन पग चले सुनहु बिन काना
परम पूज्यनीय शंकराचार्य महाराज जी ने अति सुंदर शब्दो मै व्याख्यान किया ।
सादर चरणों मै कोटि कोटि प्रणाम
आप सच्चे हैं आप जिओ 1000 साल आजके के मौजूदा समय में देश में जो चल रहा इसमें आप जैसे महान पुरूषों की बहुत अव्यशकता है।
Aapko Allah kay bare mae aur islam kay bare mae jayada knowledge nahi hai.....Brahmma ki sari qualities Allah se resembles kerti hai...toh aap use Brahmmah keh sakte ho prr....uske Alawa kisi aur ko poojna ye galat hai...aur ye aapki aur hamari kitab quran shareef say sabit bhi hai.....
Toh sirf ek Allah ya brahmah pr yakeen rakhkhna chaheye....aur yahi sach hai
@@Darkworld077 yes brother 😊Aap please ek bar Quran Ko apni Launguage me jarur padhna bahot simple hai apko pura concept clear ho jayega please. aap Sahi raste par ho ek bar padhna bs pura achhese ❤
@@Saad_018 Ek Bar aap bhi Jara Ramayan aur Mahabharat padh kar Dekhen apni language mein bahut Saral hai
@@Saad_018 Alhumdulillah ... Insha Allah... Allah hum sabko Quran padhna naseeb farmaya ,AUR USS pr amal kerne ki taufeek day ammen
Lagta hai pura end tak nahi suna...specially last line😅
आप का दिल साफ ह आप में सर्वधर्म समभाव की भावना है salute गुरु देव जी
but muslims ka dil kaala hia
Guru ji ko Islam ki knowledge nahi hai.
🤣mujhe hai atankvad ki.......allah acche hai par navi log nhi@@AbdulMalik-bc6mq
Koi Muslim guru sarv Dharm sambhav ka nhi hota
@@MohammadShahid-b7u जिसके camp मे ऊनकि किताब मे सर्वधर्म समभाव का काँलम है ही नही.
सही बात है महाराज जी, अल्लाह का मतलब लालन-पालन हार,सर्जनहार निरंजन निराकार है 🙏⛈️🙏 अलख निरंजन 🙏⛈️🙏 जल ही परम दयालु परमेश्वर है 🙏⛈️🙏
Arrahman arrahim karim malike youmeddin 99 nam or un namoki shifat subhanallah
जय हो सत्य सनातन बहुत सुन्दर समझाया आपने गुरु जी।🙏
सर्वे खलूविदं ब्रम्ह ,
जाग्रत स्वप्न सुषुप्तादि प्रपंच यत प्रकाशते, तदब्रह्मामिति ज्ञातवा सर्व बन्धै प्रमुचयते ,🙏🙏🙏🙏🙏
नमोनारायण स्वामी जि अति उत्तम व्याख्यान, 🙏💐
Swami ji Jis izzat k Andaaz se Bol rahe hain , mere taraf se bhi ese gyani k liye izzat aor aadar. Mere Pyaare Nabi aor Allah Taala k liye Ghalat Alfaaz ka istemaal nahi kiya jaisa dusre Hindu Saadhu Karte hain. Ye Hamesha Healthy rahe.❤
Aurangzeb warrior? Hitler warriar
Ye un dhongi dhirendra shastri jaise nhi hai shankaracharya hai
सच्ची बातें करने वालों की बातें कितना सकून देती हैं,मेरी दुआएं हैं कि आपका ज्ञान और आगे बढ़े
Bina sahi se sune comment na kre kripya krke
उनका ज्ञान आगे ही है वे श्री संक्रचार्य जी है
@@Rudra_om O Bhai, Shankarachary ji apne vishay me,hindu dharm grant me mahir honge,
Lekin Islam ke baare unko jankari nhi hai,aur isliye hlki fulki jo jankari unhone li,usme wo galti kar baithe,
Ab wo Allah ko Yamraz ke jaisa,uss level ka bol diye,ki rooh nikalta,maut deta,
Jabki Allah apne faristo dwara krwata hai,khud nhi aata.
Allah Means,Supreme God,The ULTIMATE GOD,
Lekin ye shankarachary ji nhi bataye,ki aisa hai islam me,
Unhone jo bataya, Parmeshwar Nirakar hai,uski koi santan nhi,usko kisi ne janam nhi diya, wagaira,yahi baat toh islam me bhi Allah ke baate hai,
Ladane ki baat nhi,Sach dekhne ki baat hai,manne ki baat h,
Ki GOD ek hi hai,iss duniya ka
@@spreadlovenothatred8370 उन्होंने नही वल्कि ये तुम्ही बोलते , की काफिरों को रूह को जहुम्मन में जलाया जाएगा etc etc जाने किया लेकिन उन्होंने वीडियो में ऐसा कुछ भी नही कहा जिससे हिंदुओ और मुस्लिमो को बुरा लगे उन्होंने सत्य कहा we सत्य ही कहेंगे ,
वे राम मंदिर उद्घाटन में नही गए क्यू की मंदिर पूर्ण निर्मित नही था वे सत्य के मार्ग पर ही चलते है क्यू की वे किसी को कुछ करने के लिए संक्रचार्य नही बने , वे सत्य ही बोलेंगे चाहे हिंदुओ को बुरा लगे या किसी मुस्लिम को
इसी सत्य के वजह से तुम्हारे converters ne Hinduo ke mandir aur विद्यालय टूड डाले
Sahi kaha. Shankaracharya toh gyaani hi hai, tumhare agyaani adharm islam aur agyani nabi muhammed ke jaise nahi
अद्भुत विवेचन 🙏🏻✨ स्वामी जी के श्री चरणों में सादर नमन
सभी धर्मों की isthapna करने वालों के नाम हैं avm samai gyat है प्रारंभ होने ka ,जबकि sanatan धर्म के शुरू होने का कोई date नहीं बता सकता अथ sanatan धर्म के मुखिया परब्रम्ह parmeshwer से अनन्या धर्मो के प्रमुख की कोई तुलना नहीं की जा sakti ,
@@shambhusharantiwari6613 🙏🏻✨
सत सत नमन गुरु देवजी,यह ज्ञान हिन्दू धर्म के सभी वर्गों के लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए,जय श्री गुरु देवजी
Shankracharya ji explained/described the Almighty very nicely.
Sabhi dharmo ke gyaniyon ko saath baith kar samaantaon par charcha karni chahiye na ki ek dusre par katachh.
The Creator is ONE.
The creator is one and has nothing to do with prophets and angels.
Avtars ke baare me kya khayal hai😂😂😂@@compassioniseverything4262
Bhagwan sirf Shri ram hi hai .. sanatan dharm hi Satya hai baki mithya hai ... shankaracharya ji ne sanatan dharm ke liye jindagi bitai na ki yeh kaha ki sare daram barabar hai...Jai shree sita ram 🚩🚩🚩🚩🚩.. sanatan dharm ki jai 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩..
Or Creator is ZERO
Tum agyani ho kucch pata nahi tumhe
गुरू जी आप ज्ञानं का भंडार है आप का बोलने का तरीका बहुत अच्छा है
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ❣️
पूज्य श्री चरण , आपके उत्तर से बहुत सारी भ्रांतियां नष्ट हुई।
जय सनातन, आदि मध्य अंत हीन सनातन।
Such complex concepts so beautifully explained . The genius lies not only in his knowledge but in his communication skills and his language. I bow before the scholars this land of Bharat has produced.
Writt telling
ये ज्ञान को 1000 सालो तक मरने कटने के बाद का है 1000 साल पहले कैसी महिमा होगी सोचिए
achcha ! this guy has lost all his credibility, better he shud carry congi sewa dal flag like his congi master swaroopanand s
महाराज श्री।।।आपका ज्ञान और धैर्य से समजाने का तरीका बहुत बहेतरीन है।।।
श्रीमान शंकराचार्य जी , बहुत अच्छा ज्ञान की बातें समझाई, 🙏
Hindu dharm ko in jese educated aur dharm ko janne vale baaba ji ki bht zroort h main ek musalman hu aur main inse milna chahta hu kitna somya svabhav h inka
Yeh baba nahi, Shankaracharya he joh ki ek upadi (position he) yeh guru shishya padati, sanatan dharm me guru shishya padati one of most respected place he, that path is help you get you reach path of God, shree adi Shankaracharya started gained knowledge of all Granth, upnishad, Vedas and United all sections of Hinduism and unite them, they got name "jagadguru" and after they left their human body before becoming one with supreme one, they told their 4 students to take responsibility of each mthh (मठ) each mthh gives knowledge of different vedas, and when one student gets knowledge from all mth, about samveda, yajurveda, rigved, arthveda, they become Shankaracharya, they are highest above all paths, sampraday in india, they even stands above government
ये कोई बाबा नही ,
सनातन के प्रधानमंत्री ,
श्री संक्रचार्य जी है ,
Inko waqaee haq hai is upadhi per rehne ka inke pass apaar gyan hai inka chehra bhi bahot achcha hai in ke face pe bahot sukoon nazar ata hai he is a good person @@Rudra_om
@@theteacher3526 चहरा पर नूर होने से नही बने ये बने संक्राचार्य इस लिए इनके चेहरे पर नूर है
❤
Aise bhi guru hote hai ..dil khush ho gaya ..ha kuch baat se sehmat nahi hoo ..lekin bahoot sari batein sach hai inki ..1 true god ke liye ..phir chahe aap kisi bhi naam se bulao accha laga inhe sunkar ..bahoot sare log to sirf nafrat ki rajneeti karne aate hai ..asli guru aise hi hote hai
Jai Sri Ram
Ye woh dhongi dhirendra shastri ke jaise kathabachak nhi shankracharya hai
To kal se Allah ko Ram ke nam se bulaiye..
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
@shyambabu6981 Ramji ko shareer hai , Patni hai. Allah ko ram nahi bol sakte. Vedo me Jo Brahman hai wo shayad Eeshwar ka hi naam hai. Eeshwar kahna bi OK hai. Lekin Ram, Krishna ,Vishnu ,Durga etc . nahi bhai . Eeshwar Ko shareer hai .
बहुत सरल भाषा में समझने लायक प्रवचन।शिरोधार्य।बारंबार चरण वंदना
मैंने जिस भी गुरु को अब तक सुना है। मुझे सबमें क्षेष्ठ लगे। ये सतय के पुजारी है। साधु हैं सच्चा संन्यासी किसी से नहीं डरता है और वह सिर्फ अपने मुख से हमेशा सत्य ही बोलता है। जय शंकराचार्य स्वामी जी की।
Aap inki haar video mai comment krte ho naa .
Exmuslims sahil zafar heretic sameer Sachwala ko sune or islam ko jaane
X muslim real mai kabhi muslim tha hi nhi ye ek hindu hi tha or ye xmuslim sir islaam ko gumrah ker jankari deta hai ise kuchh bhi sachi Quraan or islaam ke bare mai kuchh nhi janta
Or Shri sant ji aap ne jo kaha ki allah Makkah mai kaba sarif per virajman hai ye ser a ser jhoot hai allah is univers se bahar hai or woh sab dekh rha hai or jo aap kehte ho ki allah saat jameen or saat asman banaya hai jannat or jahannam bana ya hai to sach hai or ye aap ko is univers mai nhi milega wo sab univer se bahar hai
Or hum univer ka ek chhota sa galaxy mai sare grah hi nhi ghum sakte to univer namumkin hai
11minute 15sec k bad se 19:37 Tak Jo bhi aap ne kaha... Hum use hi Allah mante hein, jante hein or kahte hein.
Qki jitni bhi batein aap ne batayi hein wo sari ki sari maine Quran mein padh li hain.
Isliye main apko ek sachcha or sabse achcha guru Manta hu
Aap ne sch bat batayi hai.
Guru ji Main apka fan ho gya.
quran humare ved me se he copy paste kra hua hai
Allah ko murti poojak pasand nahi or wo parambhramh ka characteristic nhi h. Allah only likes muslims and if a person is not muslim he deserves hell according to Quran. Allah ki nazar main shirk sabse bada gunaah hai parambhramh k concept main shirk jaisi koi cheej hai hee nahi.
@@RANANJAY.COC2023vo insaan jo Ishwar k bajaye kisi or ki puja krein vo kafir hai mtlb hmein pooja ishwar ki karni hai na murti ki nahi murti k karne s nhi hoga ishwar k karne se hoga agar murti is layak hoti toh khandit hone ke baad use ghar se bahar nhi kiya jaata Islam mein Sirf Ishwar ko sav priya kaha gaya
Aapke liye aapke iswar koi third entity honge hamare liye nahi hain. Hamre liye wo uss murti main bhi hain , ek ped main bhi or wo lagataar behne wali nadi main bhi.
Ishwar ko isse dikkat nahi, ho bhi nahi sakti kyonki ishwar k liye shraddha honi chahiye, jitna dekha hai usme to insaano ko hee dikkat hai murti pooja se.
Kafir woh hai jo islamic God Allah ki pooja na kare. Kyoki ishwar ki pooja to har koi karta hai apne religion k anusaar.
Or agar aapke anusaar sirf aapka tarika sahi hai to usse, religious superiority complex ya religious exclusivism kehte hain.
@@Petslapstickchal chutiya Mt bana apne aapko😂
परमपूज्य गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन🙏🙏
परम पूज्य श्री शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ओम नमो भगवते वासुदेवाय भगवान कीजय हो
Mere jeevan me ab isse accha Gyan kisi guru ne nh diya, thanks sir, baram apko samarth de..
wo shiv ji ko mante hai 😅
Achchhe sangat me kabhi rahoge tabhi pata chalega
@@mdsafi7150 तुझे की मिर्ची लग रही है , असल में तुम्हारी Narrow सोच है
@@mdsafi7150bhai Ishwar nirakar aur akar dono rup le sakte hain .
आदि गुरु शंकराचार्य ही दुनिया के सबसे बड़े ग्यानी हुए है।
Guruji ne kaha muhammed ne islam ko laya lekin ye galat hai islam ko yusuf moosa isa nooh zakaria adam inlogon ne laya tha
@@asadshaikh393 wo muhammad ne logon ko bewkoof banaane ko bola. sach mein mohd ko inferiority complex tha isaayion aur yuhoodiyon se. copy-paste karke quran paida ki taaki arabi log uski loot paat ke khilaaf awaaj na utha sakein
@@asadshaikh393tabhi yahudi or isai islam ko nahi mante
@@Shital-Vaishnav831अरे ये ना समझेंगे
@@Shital-Vaishnav831are tumhe galat fahmi hai😂 पता होना चाहिए कि ईसाई, यहूदी और इस्लाम एक ही इब्राहिमिक religion का हिस्सा है। और सब एक मालिक (अल्लाह) का मानने वाले हैं और तीनों धर्म मूर्ति पूजा के सख्त खिलाफ है अगर ज्यादा ज्ञान लेना है तो तीनो धार्मिक किताब को पढ़ो तीनो का concept एक जैसा ही लगभग मिलेगा ।
Guruji kitni politely,, respectfully bayan karte hain ❤❤
Sarkar ne Ese Mahan Dharm Guruon Ko Piche Rakha, Aur Sampardayak Tanav Badane Wale Babaon Ko Agge Rakha. Naman Hai Baba Ji Ap Ko. Ap Asli Sanatan Ke Dharam Guru Ho, Jo Baki Dharmon Ko Bahut Izzat Dete Ho.
अगर ये कुछ बदल सकते तो बांग्लादेश में जो हो रहा ये बदल देते?
विपरीत संस्कृति हिंदू धर्म को नष्ट ही करेगी ये तय है अगर इस प्रकार सराहना मिलती रही,
अगर चलो तो परपर्ता से,
दो देश दे चुके है मुस्लिमो को पर अभी कुछ नही बदला आज भी वह हिंदू का नाश करने को तैयार है।
अति उत्तम
सादर चरणों में नमन
ब्रह्म निरूपण और जगत भ्रम के स्वरूप दिग्दर्शन के लिए अनुगृहित हू.
आपको बारम्बार नमन हैं.
बहुत सुंदर प्रमाणित व्याख्या ह ॐ यही वेदांत ह ॐ बाकी आर्य समाज कुछ का कुछ बताता ह ॐ सतचित आनंद ही ब्रह्मानंद रूप में ध्यान के द्वारा ऋषि गन प्राप्त करते ह जिसको पाकर फिर अन्य किसी चीज की जरूरत नही ॐ यह ज्ञान शुष्मना ब्रह्म नाड़ी को ध्यान से बढ़कर मोक्ष ओर समाधि को पाकर चिदानन्दमय रहकर अन्तर्यामी स्वरूप ईश्वर में एक्लीन हो जाता ह ॐ इसलिए मेँ अद्वेत वाद को ही मानता हूं। केवल यह दुनियावी खेल ईश्वर का ही एक नाटक ह ॐ नमो नमः गुरुवर। इसलिए ही दशरथनन्दन राम अन्तर्यामी अजन्मे ओर निर्गुण सगुण भगवान ह। ऐसा जामवन्त ने भी कहा ह ॐ
Sant rampal ji maharaj UA-cam channel
Pata chal jayega
Ram Ram jgat bakhane adi ram Birla Jane 😰
Anant koti brahmand me ek rati nhi bhaar satpurush Kabir hai kul k srijan haar ❤️
सनातन धर्म के सभी गुरूओं, शंकराचार्य, आदि को ऐसे ही यूट्यूब चैनल पर सनातन धर्म का ज्ञान देते रहना चाहिए।
जब ग्रंथों पुराण कर्मकाण्ड उपनिषद वेद आदि का ज्ञान होगा तभी तो बता पायेगा
Alhamdulillah Maharaj ji aap ki taqreer sun kar dil ko bahut hi achcha laga Humare sant wali abhi aap ki shakal me Zinda hai. Allah aap ko umre daraaz ata kare. Humare Mulk e Azeez ko taraqui de.
Tujhe koch samjh nhi ayega jab tak tere ander se nafrat nhi jayegi @RudraKalita-w3w
Pura tarjuma de na it cell @RudraKalita-w3w
@Assamese.Kalita Al Quran ved Gita aur koyi bhi revealed ग्रंथ शास्त्र विधि अनुसार पढ़े जाते हैं सिर्फ अनुवाद पढ़ने से अर्थ का अनर्थ होता है और वही हो रहा है आप के साथ।अफसोस
@Assamese.Kalita आप के भीतर की घृणा सिर्फ और सिर्फ " अनहात चक्र " सक्रिय होने पर ही समाप्त हो सकती है और वोह तुम करोगे नहीं और परिणाम यह होगा किसी भयंकर बीमारी के शिकार हो जाओगे।
कृपया मूला धार चक्र से सहस्त्रार चक्र तक उने सक्रिय करो।
महाराज जो हमें आनंद भजन में मिलता है सुमिरन में मिलता है वह धनगिरी में नहीं मिलता इसलिए मैं सत्य निरंजन भगवान को बहुत आभार करता हूं औरजगतगुरु
जगतगुरु शंकराचार्य को सत सत नमन आदर्श शब्द प्रणाम
सत्य ही इस संसार में श्रेयस्कर है धर्म तो सदा सत्य का आश्रित है।सत्य ही सबका मूल है, सत्य से बढ़कर कोई परम पद नहीं है। इसके बिना हम ईश्वर के निकट का अहसास नहीं कर सकते। जाति धर्म तो सब बौने मात्र है
आदरणीय शंकर आचार्य जी बोहोत ही सम्मान के साथ ये कहना चाहूंगा के अल्लाह के बारे में आपको और पढ़ने की ज़रूरत है ।
(अल्लाह के नाम के बारे में जो आप ने बताया वो बिल्कुल सहीह है)
Jagat guru ji ke charno me dandvat pranam 🙏🙏🙏🙏🙏
par hum to almighty great god(Allah) hi kahte hai@@TrumpThomas123
@@TrumpThomas123
Inhone jo kaha ki Islam before paigamabar nahi thha ...
Its so frustrating
😂
Matlab kuch bhi ...
Abdullah unke Walid ka naam unke dada ne rakha thha unke dada ki pidhi hazrat Ismail se milti he...
And Ismail was a prophet.
So how ?
@@TrumpThomas123 shayad frustration ke chakkar me Mera jawab hi gol kar gaye😀
Mene kya pucha?
Mene al ilah par baat hi nahi ki
Param brahma par to abhi aaunga
🌝
Pehle aap ye bataye sthapit karne wali baat ke evidence Kahan hen?
Kya dyananad ne New religion ki sthapna ki thhi aapke anusar ummid he frustration se badhkar koi logical answer aayega
yaha par him+alay himalay jiska barf ka ghar ho nahi chal raha hai, jo bhi shakitiman hai wo apne aap ko behtar janta hai hum uski vyakhya nahi karpayege kyuki usne humme ek simit limit tak hi intelligence diya hai, itna bhi nahi ki usse ke bare me kuchh bhi kalpana kar le aur kah de ki yahi saty hai, kuki satya wahi janta hai, naam se Ram aur bagal me chhuri bhi ho sakta hai lekin asal ram ki quality asli ram hi jante honge ki wo kaise purush thhe aur unke jivan kaal ke log hum sirf kalpana kar sakte hai khair jo bhi ho mujhe bhi koi dikat nahi aap jisko puje bas itna janta hu ke Ram ko man-ne wale kabhi Ram ki trah quality apni jindagi me nahi utar sakte aur na Muhammad ko manne wale unki trah ban sakte hai... agar ban jaye tab to shrishti ka kalyan hi ho jayega@@TrumpThomas123
श्री चरणों में सत सत नमन 🙏🙏
सनातन धर्म की जय 🙏🙏
धन्यवाद श्री चरणों में शतशत प्रणाम ।वेदों में जिस का वर्णन
करतें समय नेती नेती कहतें हुए
असमंजस ता प्रगट की ।वोही
परब्रह्म है ।वह तो मनके द्वारा
अनुभव कर सकते है ।
कल्कि अवतार को पैदा हुए 1500 सो साल से ज्यादा हो गए हैं
वो इस दुनिया में आकर अपना काम करके चले भी गए
अब तुम लोग इंतजार करते रहो
अब कोई भी तलवार लेकर घोड़े पर लड़ाई लड़ने नहीं आने वाला
-अभी भी वक्त है जिसको मुसलमान आखरी पैगंबर आखिरी अवतारी मान रहे हैं दुनिया का मोहम्मद साहब ही आखिरी अवतारी हैं
तुम भी मान लो
अगर नहीं मानोगे तो दुनिया तो खत्म हो सकती है लेकिन कल्कि अवतार नहीं आने वाला अब 🗡️⚔️
इस देशको ऐसे शंकराचार्य की जरूरत है
परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री १००८ स्वामी श्री के श्रीचरणों में दंडवत प्रणाम 🙏🏻💐💐💐💐🙏🏻
अदभुत ज्ञान दिया है गुरु जी कोटि-कोटि प्रणाम
नमस्कार शंकराचार्य जी आप दुनीयाको कीतनी सरलभावसे अल्लाह परब्रह्म एकही है आपने समझाया आपको लाखों नमस्कार और जय हिंद जय भारत माता
बहुत बहुत धन्यवाद।
परम आदरणीय पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामी जी महाराज को विजय तिवारी एडवोकेट वीर सावरकर मार्ग जिला शाजापुर मप्र से सादर दंडवत् प्रणाम करता हूं। सत्य वचन आदरणीय श्री।
गुरु के बिना ज्ञान नहीं है देश के लिए ऐसे गुरु संत का साथ पकड़े हर हिंदू सनातन धर्म संस्कृति मातृभाषा हिंदी नहीं छोड़ ना चाहिए सबका भगवान एक है तो हिन्दू मिलकर रहो बोलो जय सीताराम 🚩🚩 जय हनुमान 🙏🌺🌺🚩🚩🚩🚩 जय हो जय हो
बहुत खूब बहुत सुंदर और सरल शब्दों में जो ज्ञान स्वामी जी ने सबको दिया है। पारब्रह्म और ईश्वर किसे कहते इतनी सरलता से बता देना एक परमज्ञानी ही कर सकता है। धन्य हैं स्वामी जी आप आपके चरणों में नमस्कार है....
पूज्य स्वामी श्री के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन
Bahut badhiya ab tum Sacchi rigved ko Sunate Hain bilkul sahi baat hai
हिंदू धर्म के गुरुवर्य आपको सादर प्रणाम
गुरु जी प्रणाम एक ऐसा मंत्र दीजिए जिससे ए जीवन परब्रह्म में बिलीन हो जाय और मानव जीवन सार्थक हो जाय बाबा आपके चरणों मे कोटी कोटी नमन करते हैं
पूज्य गुरुदेव शंकराचार्य जी महाराज सादर प्रणाम आपकी शास्त्रीय विवेचना को सुना एवं परब्रह्म के सम्बन्ध में यथाविधि परिभाषित करने का प्रयास बहुत अच्छा लगा बधाई धन्यवाद
❤🎉बहुत कुछ समझ में आने वाला ज्ञान
महाराज जी एक चरणों में नमन। बहुत ज्ञानवर्धक व्याख्यान है। बहुत बहुत धन्यवाद।
Marvelous discussion and elaboration!
जिन लोगों ने शून्य - जीरो की खोज की जिसके बिना आधुनिक विज्ञान एक कदम भी नहीं चल सकता है l चाहे फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, एकाउंट्स, अर्थशास्त्र, मेडिकल साइंस, नैनो टेक्नोलॉजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, रॉकेट साइंस, डाटा स्टोरेज साइंस तथा और भी बहुत सारी भविष्य मे आने वाली साइंस - ये सब बिना ज़ीरो के एक कदम चलना तो दूर हिल भी नहीं सकती और ये शून्य भारत के ऋषिओं की ही देन है दुनिया को l
अब सवाल ये है कि ऋषिओं के हाथ ये शून्य - ज़ीरो लगा कैसे ? शून्य हो या दशमलव प्रणाली या शून्य से भी नीचे की माइनस की संख्याएँ और फिर इसी के साथ शून्य से भी बड़ी, जटिल, रहस्यमय और आम तथा विद्वान् आदमियों मे से किसी के भी समझ मे न आने वाली पुनर्जन्म, कर्मफल और सुक्ष्मतर अस्तित्वों और उनके लगातार परिवर्तित होते रहने की प्रक्रिया की गुढ खोज - ये सब ऋषिओं की ही देन है l
ये सारी बड़ी और सच्ची खोजें ऋषिओं ने शांति, ध्यान, समाधि मे जाकर के की l अब शून्य और दशमलव प्रणाली तो आधुनिक दुनिया को समझ मे आ गई और वो इसका धड़ल्ले से प्रयोग करती है और इसी शून्य के सहारे दिनों दिन तरक्की करती जा रही है - ये शून्य दुनिया की तरक्की का वो बीज है जिसको ऋषिओं ने दुनिया को दिया l
शून्य के अलावा और भी बहुत ज्यादा कुछ है जो ऋषिओं ने दुनिया को दिया जो दुनिया को सुरक्षित, प्रेममय, शांतिमय, गरिमामय, दयामय, करुणामय, सहयोगमय और आनंदमय बना सकता है बिना प्रकृति और जीव जंतुओं को नष्ट भ्रष्ट किये हुए l
ऋषिओं ने सिर्फ सच और सत्य को खोजा और जिस तरीके से खोजा वो आधुनिक वैज्ञानिकों और विद्वानों की भी समझ मे नहीं आ रहा है क्योंकि उनका तरीका भीतर की ओर जाकर खोजने का था ना कि बाहर की ओर जाकर चीर फाड़ करने का l ऋषिओं ने तो बीज खोजा और बीज से भी सूक्ष्मतर होते बीजों की श्रृंखला को भी खोजा और फिर शून्य-जीरो को खोजा और फिर शून्य से अनंत के इस दिखावटी (माया) फैलाव को भी जाना l
मजे की बात है कि ये ज्ञान मौजूद है आज भी मगर इसको पढ़ना होगा और इसको पढ़ने मात्र से रोंगटे खड़े हो जायेंगे, दिमाग मे हलचल मच जायेगी, दुनिया को देखने और आपके सोचने का तरीका बदल जायेगा और आप सत्य के खोजी बन जायेंगे - और आप पाखंड, धर्म, जाति, देश, प्रदेश, भाषा, अपने वजूद, अंधविश्वास, सड़ीगली मान्यताओं, छोटे विचारों से और बिलावजह और अनावश्यक संघर्ष की मानसिकता से बहुत बहुत ऊपर उठ जायेंगे l
आप ऋषि ज्ञान को माने या ना माने इससे सच को कोई फर्क नहीं पड़ता है l सच हमेशा सच और एक ही रहेगा वो सच आपकी मान्यताओं के आधार पर बदलने वाला नहीं है l
ऋषि कोई धार्मिक लोग नहीं थे वो तो खोजी लोग थे बिल्कुल आप और हम जैसे मगर उनका मार्ग किसी भी तथाकथित धर्म पर ना चल कर सत्य की खोज का था l
विषय बहुत लम्बा ना हो तो बस इतना जान लो
- ईश्वर/परमात्मा का मतलब एक खाली स्थान (space/आकाश) से भी बारीक और सूक्ष्म बिल्कुल आकाश-अंतरिक्ष की भाँति है जो अनंत फिर और अनंत तक फैला हुआ है और जो पूर्ण चेतना (hyper live n active) से लबालब भरा है l
- पुनर्जन्म होता है
- कर्मफल (जैसा करोगे ठीक वैसा ही और उसी और उतने परिमाण मे भरोगे)
-ईश्वर / परमात्मा क्षमा नहीं कर सकता है और जिसने जैसा किया है उसको वैसा ही फल मिलना तय है
- दुनिया के तथाकथित धर्मों का तो ईश्वर से कोई संबंध ही नहीं है क्योंकि ईश्वर तो ज्ञान-विज्ञान, अनुसंधान, चिंतन का विषय है और धर्म का तो बिल्कुल भी नहीं है - दुनिया के किसी भी धर्म का ईश्वर से कोई लेना देना ही नहीं है l
-कोई स्वर्ग नरक नहीं हैं जैसा कि धार्मिक लोग अज्ञानता की वजह से सोचते हैं
-ईश्वर / परमात्मा मानने का नहीं जानने का विषय है
- कोई भी धार्मिक आस्था, विश्वास, अंधविश्वास, व्यर्थ है और किसी भी काम का नहीं है l
अत वैदिक ज्ञान विज्ञान को खुद ही पढ़िये, फिर और पढ़िये, जानिए और अनुभव कीजिये खुद ही तो आपको पता लगेगा सत्य का l
गुरुदेव इतनी अच्छी जानकारी रखते हैं.. दिल जीत लिया ❤❤❤नमन आपको
Lekin apake maulvi non muslim ko kafir bolate hai aur kahate h ye jahannum jayenge . Muslim ko maulviyon ne badnam kar diya.
एक मिनट में जवाब दिया जा सकता था परन्तु गाना बजाना ही चल रहा है
और जवाब सही दिया है , अलग ही स्पीशीज़ हैं ये लोग ,,, एक गुजराती आता है और पूरे देश को चूतिया बना डालता है 🤣🤣🤣
Bhai naman nahi salaam hai
@@RakeshYadav-hp8cmachcha ye adharmi, malechch, chandaal ye kaun hain zaraa batao
Waise inkar karne wale ko kya kaha jaaye zaraa batao to
@@RakeshYadav-hp8cmachcha ye adharmi, malechch, chandaal ye kaun hain zaraa batao
Waise inkar karne wale ko kya kaha jaaye zaraa batao to
जय जगद्गुरु आदि शंकराचार्य, जय शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी। 🙏🙏🙏
।। ॐ नमः शिवाय।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
Bahot hi achcha dnyan hai aapko shankaracharya ji.
....aap India ki pahchan ho aur respected ho.
काश ऐसे ही धर्मगुरु हर धर्म में हों।
nahi honge, bas hinduism me honge aise dharmaguru
Har dharam m ni ho sakta
सभी हिंदू समाज को ऐसे ही ऑनलाइन वेदों और अपने धर्म के बारेमे सभी 4 शंकराचार्य शिक्षा दे 🙏🙏🙏🥹🥹🥹
श्री चरणों में कोटी कोटी नमन. अद्भुत विवेचन 🙏
शंकराचार्य जी ने बहुत अच्छी व्याख्या की
What an authentic explanation ! One should be on caution that on You Tube channel His Holiness appears to do Public welfare Hindu Welfare and propagation of Hindu Religion. His Holiness is above all kathavachaks and all those who choose channel for propagation of theirs ideas or sects. His Holiness Shankaracharya is Supreme and it needs ( no likes ) as comments. It is beyond the world of popularity. It is Supreme Truth. We are blessed enough to listen to Him via this channel so indirect contribution of the channel also deserves kudos from.all Hindu community
Vedo ke brahm ki jo definition di he aapne Quran me lagbhag wahi definition he Allah ki...rahi baat brahm tatashtha rehta he nirgun roop me to Quran me bataya ki Allah insano ki guidance ke liye insano me se hi kisi mahapurush ko apne sandesh ke liye banata he..Jo uske sandesh ko pahuchate he..aur uska palan karate he..jese Adam, Nooh, Abraham, moses, Jesus, Muhammed (peace be upon All). Allah Sagun roop me insan ban kr avtar nhi lete, incarnation ki isi theory ke chalte log Parmeshwar parmatma Allah chohrkr, kitni murtiyo, insano janwaro, Suraj chand ki puja krne lgte he....Aur Allah ko bhool jate he jisne jeewan diya is dharti pe har jeew ko. Aur Aap log simple baat ko itna ghuma fira kar gol mol krte hua logo ko samjhate ho...
Prm Adarniy shankrachryG maharaj G sat sat naman koti koti Dandwat pranam
बहुत ही अच्छे से बताये है दोनो धर्म में एक ही है बस अपनी अपनी आस्था है
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है
शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु
१) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) -
क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार
२) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है।
इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से।
इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया
१) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना
२) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना
३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना
इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं
कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है
परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं
ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता
अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है
जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे
मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
Islam Wale se Jai shiram kahwaiye nirgun hi sagun banata hai tatha sagun nirgun bn jata .ayodhapti ki jay.
इन्ही जैसे पाखंडी गुरुओ और कथा वाचको के द्वारा सनातन संस्कृति और समाज को निरंतर विनाश कि ओर अग्रसर किया गया है, आप गुण और दोष दोनों को एक जैसा बताते है, अन्यथा कभी अल्लाह कैसा है जरा एडम सीकर, सचवाला, एक्स मुस्लिम साहिल को सुन लो,
@@user-vi4lx1mj9o कभी अमित तिवारी साइंस जर्नी को भी सुनो कितना गंद भरा पड़ा है तुम्हारे धर्म ग्रंथो मै पता चलेगा तुम्हे, चंपक कथाएं मनोहर कहानियां और कामसूत्र भी फीकी पड़ जाए।🙏
@@user-vi4lx1mj9o ALLAH WO Hai Jisko Ashwamegh yajna se paida hone ki zarurat nahi,
ALLAH wo hai jo Zameen pe aa kar fasad nahi failata,
ALLAH wo hai Jo chori nahi karta, ALLAH wo hai Jo blue rang ka nahi hota,
ALLAH wo hai jiski na koi bibi na koi bachcha, na koi baap na koi maa,
Aur adam seeker aur sachwala se Hinduism ka pooch Lena kya kahta hai,
I don't even piss on them because my piss is better than your god ye aapke Adam chacha ne kaha tha lekin phir bhi wo achcha hai,😂😂😂😂😂😂
Isse maloom chalta hai ki tum log jab apne pandit ki izzat nahi karte Adam seeker k aage to isko bhi pakhandi kar diye😂😂😂😂😂😂😂😂 Good Lage raho Sameer ko bhi suno wo bhi unka Bhai hi hai😂😂😂😂
युगों से युगों तक सदा परम उच्च स्तरीय शिष्टतम अद्भुत अद्वितीय आचरण-व्यवहार-चरित्र सम्पन्न जनरेशनों का पूर्ण सही जन्म-पोषण-संरक्षण सेवा-संचालन-नेतृत्व शिक्षा शिक्षण परम-परा संरक्षण सर्वत्र विश्व भर में हर तरफ़ सदा पूर्ण सही हर एक सुरक्षा-शान्ति-खुशहाली सम्पन्न जीवन के पूर्ण सही अस्तित्व के लिए
Well explained about Allah. This guru is fair free of toxic feelings
But the imagiNation of Allaha is full of toxxic feelings
क्या अल्लाह काबे के ऊपर विराजमान है
या
वो हर जगह है, कुरान के अनुसार
@@Saddam.Networkkaba ke upar
Guruji Anand Aa gya
Adhatyam saral shabdo me smjhya
Koti pranam Sat sat naman
किसी और धर्म का धर्मगुरु, दूसरे धर्मों के प्रति इतनी अच्छी बातें नही कर सकता। जय सनातन धर्म।🙏
Shayad tumhe pata Nhi hai ke Dr. Zakir nayak se behtar koi nhi hai
@@nooransari7446😂😂
Are jhute sanatani yesachche guru ishver ki sahi paribhasha bata rahe hain nirakar ishver ki pooja hi sahi hai
@@stclaresinnovationgroup Naa galat!!! Saakar or Niraakar... dono ka puja hi kiya jaa sakta hai... according to Vedas!
@@rahulchakraborty8916 aare roo kyun raha hai
शशंकराचार्य जी सादगीपूर्ण है
Kyaa maulaana yese gyan dete h
Absolutely right. God ko jano , mano nahi, padho nahi.
अत्यंत सुन्दर विश्लेष्ण। जय गुरुदेव।
Shat shat naman gurudev 🙏
ओम् नमः शिवाय ओम्
जो सृष्टि की रचना किये अवतार लिये वह मेरे भगवान श्रीराम भोलेनाथ भगवान श्री कृष्ण भगवान हर कण कण में है गुरु जी को चरणों में
Jay. Sree. Kishna
Dharm ke kavach se upar kab uthoge ji.
@@khurshidalamkhan9309pahle khudh to uth lo
@@khurshidalamkhan9309tu kya tension le rha
@@khurshidalamkhan9309tu jihad kar bhai... hamare Sanatan dharm me Gyan aur shanti h
Bohot hi sundar tareke sa samjhaya Shankaracharye ji ne, kuch points unse reh gaye wo mein yaha bata raha hu Allah aur Brammh ke antar ke vishay mein:-
1. All dikhai detey hai aur baat kartey hai , aur wo singhasan (Throne) pe baithtey bhi hai --> Jisse ye siddh hota hai ki unka Aakar hai aur wo Nirakaar nahi hai, aur issey ye bhi siddh hota hai ki wo jaha hai waha unke alawa aur bhi log hotey hai jaise Farishtey, Nabi, Shaitan etc etc, Issey bhi ye siddh hota hai ki Allah ke dimentions infitine nahi hai balki finite hai tabhi wo jaha hai waha unke alawa aur bhi space ko occupy kar pa rahey hai. ---> Jbhki Brammh koi vyakti nahi balki Tatva (yani Element) hai aur iss Param Tatva ke dimentions infinite honey ke karan ye Nirakar hai aur isiliye usko dekha suna nahi ja sakta.
2. Allah dozakh mein bejney wale logo ko Gusse (Wrath) ke expression ke sath dekhta hai jabki Jannat ko janey walo ko wo muskaan se dekta hai --> Issey ye siddh hota hai ki Allah ka chehra hai aur krodh aur prasannta ki awasthaye upasthit honey ke karan ye bhi siddh hota hai ki unka chehra hai aur shareer hai jisme mann bhi hai, kyoki prasann ya krodhit hona ye mann ke hi karye hai shareer keval mann ki abhivyakti hai. ----> Jbhki Brammh anant honey ke karan nirakar hai aur wo jaha hai waha uskey siwa koi nahi hai aur kisi aur ke honey ke liye space bhi nahi hai.
3.Allah jannat mein logo ko sharaab , doodh apney hatho se pilata hai, waha hooro ki suvidha adi bhi muhaiya karata hai ---> Jissey ye siddh hota hai ki Allah karye yani Karm ka karta hai aur wo jannat mein kayi kamo ko manage karta hai aur unmey involve ya particepate bhi karta hai. ----> Jabki Brammh kisi bhi objectiove ya social actions mein involve nahi ho saktey kyoki kisi aur ke honey ki koi sambhavna hi nahi hai waha jaha wo hai.
4. Allah chahtey hai ki duniye ke log mohammed ko unka nabi ur Allah ko ek matra eshwar maney aur kisi ko nahi, iske alawa bhi allah ki kayi sari icchaye aur expectations hai jisey pura karney walo ko wo Musalmaan aur na pura karney walo ko wo Kafib ya Murtad kehtey hai aur naraaz hokar unko dozakh mein jalate aur martey hai ---> Issey ye siddh hota hai ki Allah mein mann hai jo samanye manushye ki tarah hi kamnao se bhara hua hai, jissey ye bhi siddh hota hai ki Allah ki sabhi kamnaye aur icchaye abtak puri nahi ho payi hai, issey ye bhi siddh hota hai ki kayi log jo maney ke baad dozakh jataye hai kyoki Allah ki iccha puri nahi kartey to issliye bhi Allah ki icchaye ant mein bhi adhuri reh jati hai, aur thode log hi jannat mein janey ke karan Allah ki iccha adhuri reh jati hai. Issey ye bhi siddh hota hai ki Allah se uski ye duniya uski iccha anusaar yani expectations ke according bann nahi payi, yani kahi kuch galti ya error reh gayi Allah ke kaam ya taqat mai.
-------> Jabki Brammh samast prakar ki Iccha aur vasnao se rahit hai, Brammh mein koi kaam, kriodh ya Icchaye nahi hai, Brammh purna hai wo Allah ki tarah dukhi ya gussey mein nahi hai, ya wo kisi vyakti par prasann ya gussa bhi nahi hai, Brammh shuddh satta hai jissey ye jagat vyakt ho pa raha hai. Paap -Punye adi ye sab lekha jhokha Parmatma ki dasi Prakruti sambhalti hai jo swayam Parmatma ki hi sakaar manifestation hai.
5. Allah kudh personally kuran nazir kartey hai sirf ye samjhane ke liye ki Unko naa manney wla kafir hai aur usko wo dozakh mein jalayengey isliye unko mano ----> Issey ye siddh hota hai ki Allah ki marzi se koi kaam nahi ho raha tha isiliye Allah ko personally majboor hokar mohammed sahab ko Aayatein nazir karani padi aur kayi bar unko paigaam bhi bijwaney padey, aur dukh ki baat hai ki Quran ke roop mein apni mann ki vyatha rakhney ke baad bhi Allah ko duniye ke 75% log mantey hi nahi hai aur wo kisi aur ko hi mantey fir rahey hai. Yani ye bhi siddh hota hai ki Allah ki marzi se kaam ho nahi raha hai unhi ki duniya mein aur issliye bhi Allah ki ichaye adhuri hi padi hui hai aur Allah apni hi duniya mein apni iccha puri nahi kar pa rahey hai.
6. Allah musalmaan ko uske karm ke anusaar jannat ya dozakh bejtey hai ---> Jabki aisa koi kaam Brammh nahi kartey , balki ye chotey motey kaam Sanatan Dharm mein Yamraaj Ji kiya kartey hai
स्वामी श्री के चरण कमल में शत शत प्रणाम।
You explained it very beautifully, sir , apko dekh kar, man me ek positivity jaag gayi , mai musalman hun aur adhyatmik Gyan pryapt karna chahta hun ,
🙏धन्य हैं प्रभू तेरी लीलाए , जानकी जीवन स्मरण जय जय राम, जय जय रघुवीर समर्थ, 🙏😊
शंकराचार्य तो ये नाम का है । मौलवी के सारे गुण है इसमें । सनातन ही सर्वश्रेष्ठ है और सब बनाए हुए पंथ और मजहब है।
मैं नीमा अपने सदगुरु भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन कोटि कोटि वंदन कोटि कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏
ॐ नमः शिवाय 🌹
Agar shiv ji ko biwi aur bache nahi hai to unko ishwar man ne me koi burayi nahi
परम आराध्य गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में बारम्बार प्रणाम 🙏🏻🙏🏻
I always respect and like this shankarachaaryo ji. He tried to explain islam in the best way. He has his full wisdom to explain his stand as being a great Hindu.
ॐ नमः भगबते वासुदेवाय 🙏🙏🙏
अल्लाहु अकबर ( ईश्वर बहुत महान है) बस भाषा का फर्क है, बिल्कुल सही फरमाया गुरूजी ने, वो निरंजन निराकार है, उसकी कोई मुरत नहीं, बस ईश्वर एक नूर है वो एक ज्योति है, बस वही इबादत के लायक है बस वही पूज्य है, बेशक ईश्वर के जरिए बनाई कोई चीज जीव जंतु और वस्तु और ना मनुष्यों में से कभी कोई ईश्वर हुआ ना था ना है ना कभी उसके बराबर हो सकता है। ईश्वर ने पूरी कायनात बनाई है पर कायनात की कोई चीज ईश्वर नहीं हो सकती, क्योंकि पूरा संसार कायनात ईश्वर की मोहताज है ईश्वर संसार कायनात का मोहताज नहीं।
App kehte hai allah nirakar hai,
App kehte hai allah Noor hai,
O kaise
@@VishalVerma-d9cbhai sb, jo sab se sarvoshaktiman aur sab se ooper virajman he, usi ko hum Allah bolte he, Allah ki misal Quraan me aese di gai he jese koi Divya Jyoti, bas samajhne ke liye, wo sab jagah he, sab janta he, usi ne sab banaya he, aur usi ke dwara sab khatam kiya jaye ga, is dharti par.
Ap hum logon ko kya samjha rahe ho?
Bilkul sahi kaha
बिल्कुल सही पर, आपको सेल्यूट है
पर ये उन कट्टरवादियों को समझना चाहिए जो सनातनियों को काफिर समझते हैं, और उनकी हत्या करते हैं
जब सब चीज ईश्वर या अल्लाह ने बनाई है तो भेद क्यों।
जय सियाराम जी
सच कहा है,आपने।
गुरूजी बहुत अच्छा विवेचना की है। अभिनन्दन है ।।
is tarah koi aapka molvi bolega kya, dono ko accept karke, hai to tag karo
@@googlemaster3541 Hai na Bhai kayi molvi
Aap ye baat mante hai ye aapki respect hai.
Par ham usse sirf isliye mante hai ki jo infinite hai usse hi ham samajte hai. God woh nahi hota ki woh insan ho woh jeev ho.
Ye to dharm ke kitab ko change karne ke wajah se hua hai itna
Alag alag .
Agar apke daal me koyi milawat karde to aap ko pata nahi hai kisne milawat Kiya hai.
Isliye aap jaisa ho raha hai hote hi jaraha hai.
Bhrahmannd apni paakhans faila rahe hai hone do.
Agar aapko jaise pata chalega ki
Milawat hai to aap yehi sochenge daal me kuch Mila hai kab aur kisne aur kya milawat Kiya hai.
Aur meri mukhya baat ye hai ki
Jo chiz nayi nayi saaf suthri daal hai. Uss grahan karo.
Kya woh rab apne bando ko aise gumrah hone deta.. ? koyi to vyavashtha Kari hai ki koyi bhathke na.
Aap woh nahi sochte ki mere Nabi ne kya paigam diya tha.
Har nabiyo ne apne ummat ko gumrahibse bachaya.
Aap woh bilkul bhi bilkul bhi nahi samajhte jo nabi sab kehna kya chahte hai.
Andha woh nahi jo aankh se ho.
Andha to Dil se hota hai
Saamne sab ka apni aayato ka khol khol ke Allah tumhare man me soch samaj daalta hai.
Agar Banda usse sach samajh ke bhi dharm ke naam par jhuthlata hai. Aur uss insan ko brain wash itna kiya jata hai ki.
Agar usko har sach dikhaya samjhaya jaye fir bhi insan
Sirf apne takabbur ko lekar apne rab ko jhuthlata hai.
le bhai, kar diya guruji ne gyanvyapi mandir me fr se pooja start..... jai shri gurudev
गुरु श्री शंकराचार्य के चरणों में प्रणाम
महाराज आप ऐक अच्छे ज्ञानी है मे ऐक ईश्वर ऐक अल्लाह से ऐक प्रभु ऐक खालिक ऐक मालिक से प्रार्थना है सबको सही समझ दे
मेरे प्रश्न का शास्त्रोक्त शंका समाधान जगत्गुरुजी द्वारा हूवा . मैं आपका अत्यन्तिक आभारी हूँ🙏💐धन्यवाद . शिरसाष्टांग दण्डवत् स्वीकार हो🙏
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है
शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु
१) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) -
क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार
२) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है।
इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से।
इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया
१) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना
२) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना
३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना
इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं
कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है
परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं
ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता
अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है
जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे
मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
Guruji ko prashna puchhane ki kya vidhi hai? Matlab whatsapp par puchhate hai ya kese plz sir batao aur aap ki wajah se muje aisa lag raha hai jese bhagvan hi mil gaye ho
Allah ka gyan dene ke liye aapko bahut bahut sadhuvaad
ये बात मुझे सही लगी कि ब्रह्म इस.संसार से परे है.।क्योंकि ,यदि इस.संसार के कण कण में परब्रह्म होता तो सारा ही संसार सद् चिद् आनन्दमयी होता..यहाँ दुख का नामों निशान न होता 🙏