शास्त्रार्थ का अभिप्राय है शास्त्रों की परस्पर चर्चा। वह भी बिना किसी द्वेष के सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में परन्तु ऐसा बहुत कम होता है। जो पक्ष हारता हुआ दिखता है वह उद्विग्न एवं हताश दिखाई देता है और जो पक्ष जीतता हुआ दिखता है उसकी खुशी में अतिरेक दिखाई देता है और फिर दोनों पक्षों में वैमनस्य दिखाई देता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सबको यह बात सहर्ष स्वीकार कर लेनी चाहिए कि वेद ही सनातन हैं, अपौरुषेय हैं नित्य हैं।स्वामी दयानन्द जी के वेद भाष्य अधिक शुद्ध हैं।
यह बात भी निर्णीत होनी चाहिए कि शास्त्र के अंदर कोंन-कोंन से ग्रन्थ आते हैं, क्योंकि पौराणिक वर्ग तो हिंदुओं में प्रचलित सभी ग्रन्थों को शास्त्र मानते हैं , फिर ऐसी स्थिति में सत्य-असत्य का निर्णय असंभव प्राय: है !
मूर्तिपूजा की तो भागवत, देवी भागवत आदि पुराण भी निंदा करते हैं , तो जब ये पौराणिक लोग पुराणों की बातों को ही नहीं मानते तो फिर ये वेदों की कैसे मान पाएंगे !
पुराणों का काम बदनामी के अलावा कुछ नहीं है,। क्या बोल रहे हैं करके वह भी पता नहीं चलता है बस बिना सर पर की बात करके जीत जाना है। निर्णायक मंडल भी पौराणिक धूर्त है पक्षपाति है पढ़ा लिखा अनपढ़ है । दोनों पक्षों में क्या बात सही होती है क्या सत्य है प्रमाण देखना छोड़कर पक्षपात करता है ।
puran ka itihas part galat nahi ved vyas ji ne ek hi puran racha unke chelo ne usko 18 kr dis to usme kahani add krke to isme glti kis ki batye ab @@HarshilArya-jh3ui
पहले बात वेद का अर्थ है विदलृ=ज्ञाने, प्राप्ते, लब्धे इत्यादे अर्थे अस्ति। अर्थात् मनुष्य की जब सृष्टि हुई तो बिना ज्ञान के नहीं पैदा हुआ ज्ञान के साथ उत्पत्ति हुईहै इसका मतलब परमात्मा ने वेद ज्ञान उत्पत्ति के समय दिया और यहसिलसिला श्रुति के रूप में सुन सुनकर लोग याद करतेरहे। ऋषि मुनि पर रिसर्च (अन्वेषण किया) चन्द, देवता श्लोक के रूप में प्रतिबंधित किया। प्रमाणों के साथ ऋषि मुनि ने जो साक्षात कृत किया परमात्मा ने आत्मस्थ होकर उपदेश किया।उसे लिपिबद्धकिया। इसीलिए इसे अपौरुषेय कहा जाता है। जो ज्ञान सृष्टि की रचना के समय परमात्मा ने दिया। जगत में सप्रमाण विज्ञान के आधार पर दो सृष्टि कर्ता विद्यमान है। और दोनों की सताए सृष्टि में चेतनहै। दोनों अनादि और चेतन है । परमात्मा औरजीवात्मा। दोनों सृष्टि करते हैं। माता पिता के संयोग बिना गर्भाधान संस्कार नहीं हो सकता और परमात्मा के बगैर आत्मा का प्रवेश स्थूल शरीर में संभव नहीं। क्योंकि स्थूल से स्थूल और निराकार से निराकार संभव है। यही विज्ञान कहता है और वेद में विज्ञान है वेद भी यही कहता है। इसीलिए ईश्वर भी निराकार है तथा आत्मा दिन निराकार है। ईश्वर को प्राण प्रदाता कहते हैं। परम सूक्ष्म होने से परमात्मा कहलाता है तर्कशास्त्र से लेकर वेद शास्त्र सभी कहते हैं परमात्माएक लेकिन जीवात्मा अनेकहै। परमात्मा जन्म नहीं लेता अजन्मा हैं "ओ३म् सपर्याच्छुक्रमकायमस्नाविर०"यजुर्वेद 40 वां अध्याय भीबताता है। वेदों में सृष्टि का विज्ञान (इतिहास) पुराण कर्म, उपासनासाम गान संगीत विद्या, शल्य चिकित्सा अथर्ववेद, अर्थशास्त्र अर्थात सृष्टि की संपूर्ण विद्या निहित है। कहने का अभिप्राय है वेद से लोगों ने लेकर पुराण इतिहास वेदांत, मनुस्मृति, गीता रामायण को जोड़ा जा सकता है, लेकिन यह सब वेद में गए, तो फिर मुसलमान के कुरान मैं मोहम्मद और बाइबल से ईशा से ईशोपनिषद बताने वाले सनातन धर्म वालों से बढ़करहैं। दूसरी खास बात है ईश्वर के बताएं सिद्धांत, उपदेश आदेश, एकादश लकारों का प्रयोग मात्र वेद में ही मिलता है। अलंकार, छन्द, उपमा, ऋषि मंत्र दृष्टा अगर ना होते तो तू सारा कुछ चेंज कर लियाहोता। परमात्मा ने सृष्टि की रचना ऋत और सत्य के इच्छण और कर्मणा के आधार परकिया है।"ओ३म्ऋतंचसत्यंचाभिद्धात्०"यह वेद मंत्र सृष्टि रचना को उजागरकरता है। अर्थात् निराकार से निराकार, स्थूल से स्थूल की ही सृष्टि रचना होती है। हाथमुंह, नाभि और कमलसे वह शरीर के मैल से शरीर की उत्पत्ति नहीं होती है। जो पुराणों में वर्णित हैं। आर्ष ग्रन्थों में सप्रमाण और अनार्ष ग्रंथों में अप्रमाणिक बातें कही गई है। जिनकापरमाणु नामुमकिन है। वेदों कहीं प्रमाण मानाजा सकता है। सर्वंखल्विदंब्रह्म"यह सब आप प्रमाणिकवाक्य है वेदांत के।
🧘 We expect a series of informative discussion for Sanatan Vedic Hindu Dharma Premi Spiritual seekers and Researchers on The Evolutionary Energy Kundalini Shaktipaat Unbelievable mysterious powerful Spiritual Path , experiences , consciousness and Unexpected physical-mental-spiritual changes in human body with reference to : Sanatan Vedic Hindu Dharma literature , Ved - Upnishad & Pratipadit shabda ' Devatma shakti ' Literature of Pandit Gopi Krishna , UA-cam channels - Gurudev Siyag's Siddha Yoga - GSSY Sanatan - The Eternal Literature of Swami Vishnu Tirth, Devas for Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life and peaceful bright future of human and world . Towards the Truth . 🚩
सुभाषचंद्र बोस को ही पढ़ लेते Aryasamaj पर जिसका pic लगा कर घूम रहे हो. जो बम असेंबली मैं फटा था उसका कारखाना कलकत्ते के कार्नवालिस रोड स्थित Aryasamaj मैं ही था. एक भी शंकराचार्य नहीं आया आजादी की लड़ाई मैं सामने
Arya samaj toh khud varnshankar hai unshe kyu debate kar rahe ho jo khud shastro ka palan nahi karte h aise logo se kya debate karni h Debate shuddh varnashram mei janme vykti se hee karni chahiye jishme charo varn ko hee manya kiya hai kisi bhi varnshankar ko shashtro pe charcha ka adhikar khud ved hee nahi dete hai
samrat ji aap poori ki poori debate daliye na. puran aur Ved sath sath aaye. kya joke mara hai.😂 ha bilkul debate me ek dusre ka saamman rakhna hi chahiye,har paksh ko.
@@gM_8TgCb7J_mq5Z हंसी आती है सबको उसकी बात सुनकर। बेचारा तिलमिलाया रहता है जब भी उसकी कोई पोल खोलता है। एक 22 मिनिट का वीडियो बोहोत बार देखकर हंसा हु मैं जिसमे उसने बोहोत विक्टिम कार्ड खेला है। उस वीडियो का टाइटल है 'आर्य समाज ने किया हिंदूओं का अपमान'।
इसमे से तो पौरणिक मत वालों का तो आपने तर्क हटा दीया जो उनके द्वारा पहले प्रश्न पर दिया गया था ॥ ये डर अच्छा लगा मुझे , सिर्फ अपने अलंकार समाज के तर्क को काट पीट कर डाल दिया ॥ वाह रे मेरे भाई गजब टोपीबाज़ हो 🤭😂
ओउम बहुत शुभकामनायें 🙏🙏🙏❤️🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵
जय आर्यसमाज 🙏🙏🕉🕉
शास्त्रार्थ का अभिप्राय है शास्त्रों की परस्पर चर्चा। वह भी बिना किसी द्वेष के सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में परन्तु ऐसा बहुत कम होता है। जो पक्ष हारता हुआ दिखता है वह उद्विग्न एवं हताश दिखाई देता है और जो पक्ष जीतता हुआ दिखता है उसकी खुशी में अतिरेक दिखाई देता है और फिर दोनों पक्षों में वैमनस्य दिखाई देता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सबको यह बात सहर्ष स्वीकार कर लेनी चाहिए कि वेद ही सनातन हैं, अपौरुषेय हैं नित्य हैं।स्वामी दयानन्द जी के वेद भाष्य अधिक शुद्ध हैं।
परमात्मा मूर्ति में है, तो हमारे अंदर भी तो है, फिर उसे अपने से दूरस्थ मूर्तियों में पूजने में ही कोंन सा विज्ञान है !
@@devendrashastri9221 इस्लाम क्यों नहीं अपना लेता
@@AmitChau81 ये कार्य तुम्हारे योग्य है, तुम्ही करो
@@devendrashastri9221 मैं तो सनातन धर्म से ही प्रसन्न हूं। तेरे को मूर्ति में भगवान नहीं दिखते तो इस्लाम ही तेरे योग्य हैं।
जब आप सायण को वेद मान रहे हैं, तो फिर सायण का वेदभाष्य सुनने में परेशानी क्यों !
जय श्री राम
पौराणिक है वेदों को छोड़कर पुराण में तो माथा पटकेगा 😂
यह बात भी निर्णीत होनी चाहिए कि शास्त्र के अंदर कोंन-कोंन से ग्रन्थ आते हैं, क्योंकि पौराणिक वर्ग तो हिंदुओं में प्रचलित सभी ग्रन्थों को शास्त्र मानते हैं , फिर ऐसी स्थिति में सत्य-असत्य का निर्णय असंभव प्राय: है !
इस शास्त्रार्थ के नाम पर मात्र वंचना थी। क्योंकि प्रमाण के आधार पर कुछ किया ही नहीं गया। ज्ञान विज्ञान, तर्कसंगत आधार पर होना चाहिए।
महर्षि दयानन्द ने वेद को नहीं ,अपितु सायण कृत वेद मंत्र के अनर्थ को काटा है ! यह सिद्ध है कि सायण एक मनुष्य है, न कि सायण कोई वेद है!
Pura sastrarth dekhni he guruji jay sanatan 🙏🏻
मूर्तिपूजा की तो भागवत, देवी भागवत आदि पुराण भी निंदा करते हैं , तो जब ये पौराणिक लोग पुराणों की बातों को ही नहीं मानते तो फिर ये वेदों की कैसे मान पाएंगे !
वाह! कौशलेंद्र जी भी हैं। पूरा वीडियो प्रेषित करें।
चेनल और टेलिग्राम पर है।
काले कोट वाले चाचा जी ने पौराणिक पक्ष का पक्ष लिया, जब निर्णायक मंडल ही पक्षपाती हो तो परंपरा वाले अपनी झूठ बोलने की परंपरा निभाने में चूंकेंगे नहीं
Bilkul sahi. Yahi kashi shastrath mei Maharshi Dayanand Saraswati ji ke saath kiya tha
पुराणों का काम बदनामी के अलावा कुछ नहीं है,। क्या बोल रहे हैं करके वह भी पता नहीं चलता है बस बिना सर पर की बात करके जीत जाना है। निर्णायक मंडल भी पौराणिक धूर्त है पक्षपाति है पढ़ा लिखा अनपढ़ है । दोनों पक्षों में क्या बात सही होती है क्या सत्य है प्रमाण देखना छोड़कर पक्षपात करता है ।
@@ganeshchandrasuyal3576 isme kewal ek adhyaksh mahodye hei jo kuchh satya bole
क्या होगा इन पौराणिको का 😂
वाह हमारी चिन्ता 😂, पौराणिको का केवल श्लोक ही सूना है वेद ते मन्त्र सूनना है तो live करते हैं . बोलो कब करे ?
@@पुरोहितआकाश पुराण और वेद साथ में आए है 😂😂
@@HarshilArya-jh3ui हा, कर live 😀
puran ka itihas part galat nahi ved vyas ji ne ek hi puran racha unke chelo ne usko 18 kr dis to usme kahani add krke to isme glti kis ki batye ab @@HarshilArya-jh3ui
आर्यसमाज पहले से ही हारा हुआ है
आर्य समाज को दुनिया मे कोई तर्क से हारने वाला पैदा नहीं हुवा hai
पहले बात वेद का अर्थ है विदलृ=ज्ञाने, प्राप्ते, लब्धे इत्यादे अर्थे अस्ति। अर्थात् मनुष्य की जब सृष्टि हुई तो बिना ज्ञान के नहीं पैदा हुआ ज्ञान के साथ उत्पत्ति हुईहै इसका मतलब परमात्मा ने वेद ज्ञान उत्पत्ति के समय दिया और यहसिलसिला श्रुति के रूप में सुन सुनकर लोग याद करतेरहे। ऋषि मुनि पर रिसर्च (अन्वेषण किया) चन्द, देवता श्लोक के रूप में प्रतिबंधित किया। प्रमाणों के साथ ऋषि मुनि ने जो साक्षात कृत किया परमात्मा ने आत्मस्थ होकर उपदेश किया।उसे लिपिबद्धकिया। इसीलिए इसे अपौरुषेय कहा जाता है। जो ज्ञान सृष्टि की रचना के समय परमात्मा ने दिया। जगत में सप्रमाण विज्ञान के आधार पर दो सृष्टि कर्ता विद्यमान है। और दोनों की सताए सृष्टि में चेतनहै। दोनों अनादि और चेतन है । परमात्मा औरजीवात्मा। दोनों सृष्टि करते हैं। माता पिता के संयोग बिना गर्भाधान संस्कार नहीं हो सकता और परमात्मा के बगैर आत्मा का प्रवेश स्थूल शरीर में संभव नहीं। क्योंकि स्थूल से स्थूल और निराकार से निराकार संभव है। यही विज्ञान कहता है और वेद में विज्ञान है वेद भी यही कहता है। इसीलिए ईश्वर भी निराकार है तथा आत्मा दिन निराकार है। ईश्वर को प्राण प्रदाता कहते हैं। परम सूक्ष्म होने से परमात्मा कहलाता है तर्कशास्त्र से लेकर वेद शास्त्र सभी कहते हैं परमात्माएक लेकिन जीवात्मा अनेकहै। परमात्मा जन्म नहीं लेता अजन्मा हैं "ओ३म्
सपर्याच्छुक्रमकायमस्नाविर०"यजुर्वेद 40 वां अध्याय भीबताता है। वेदों में सृष्टि का विज्ञान (इतिहास) पुराण कर्म, उपासनासाम गान संगीत विद्या, शल्य चिकित्सा अथर्ववेद, अर्थशास्त्र अर्थात सृष्टि की संपूर्ण विद्या निहित है। कहने का अभिप्राय है वेद से लोगों ने लेकर पुराण इतिहास वेदांत, मनुस्मृति, गीता रामायण को जोड़ा जा सकता है, लेकिन यह सब वेद में गए, तो फिर मुसलमान के कुरान मैं मोहम्मद और बाइबल से ईशा से ईशोपनिषद बताने वाले सनातन धर्म वालों से बढ़करहैं। दूसरी खास बात है ईश्वर के बताएं सिद्धांत, उपदेश आदेश, एकादश लकारों का प्रयोग मात्र वेद में ही मिलता है। अलंकार, छन्द, उपमा, ऋषि मंत्र दृष्टा अगर ना होते तो तू सारा कुछ चेंज कर लियाहोता। परमात्मा ने सृष्टि की रचना ऋत और सत्य के इच्छण और कर्मणा के आधार परकिया है।"ओ३म्ऋतंचसत्यंचाभिद्धात्०"यह वेद मंत्र सृष्टि रचना को उजागरकरता है। अर्थात् निराकार से निराकार, स्थूल से स्थूल की ही सृष्टि रचना होती है। हाथमुंह, नाभि और कमलसे वह शरीर के मैल से शरीर की उत्पत्ति नहीं होती है। जो पुराणों में वर्णित हैं। आर्ष ग्रन्थों में सप्रमाण और अनार्ष ग्रंथों में अप्रमाणिक बातें कही गई है। जिनकापरमाणु नामुमकिन है। वेदों कहीं प्रमाण मानाजा सकता है। सर्वंखल्विदंब्रह्म"यह सब आप प्रमाणिकवाक्य है वेदांत के।
🧘
We expect a series of informative discussion
for Sanatan Vedic Hindu Dharma Premi
Spiritual seekers and Researchers on
The Evolutionary Energy
Kundalini
Shaktipaat
Unbelievable mysterious powerful Spiritual Path , experiences , consciousness and Unexpected physical-mental-spiritual changes in human body
with reference to :
Sanatan Vedic Hindu Dharma literature ,
Ved - Upnishad
&
Pratipadit shabda
' Devatma shakti '
Literature of
Pandit Gopi Krishna ,
UA-cam channels -
Gurudev Siyag's Siddha Yoga - GSSY
Sanatan - The Eternal
Literature of
Swami Vishnu Tirth, Devas
for
Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life and peaceful bright future of human and world .
Towards the Truth .
🚩
आर्य समाज आधे अधूरे ज्ञान में श्रेष्ठ है ।
आर्य समाज के बारे मे जान जायेंगे तो सायद आदमी आदमी बन जाये नहीं तो
@avinashtiwari1787 दयानंद सरस्वती से पहले तेरे पूर्वज आदमी नहीं थे। शायद तू उन्हीं नआदमी का पुत्र होगा।
पौराणिकrefrence भी नहीं दे पा रहे 😂😂
1:35 अरे भाई क्यों रुके, आर्य समाजी तो आप ही का पारंपरिक भाष्य पढ़ रहे हैं,
ऐसे परंपरा का विरोध करना पोप जी को शोभा नही देता
❤❤
इस प्रकार की बहस से कोई लाभ नहीं होता।
😂 ज्ञानेंद्र शर्मा जी ने आर्य समाज को हरा दिया
सुभाषचंद्र बोस को ही पढ़ लेते Aryasamaj पर जिसका pic लगा कर घूम रहे हो. जो बम असेंबली मैं फटा था उसका कारखाना कलकत्ते के कार्नवालिस रोड स्थित Aryasamaj मैं ही था. एक भी शंकराचार्य नहीं आया आजादी की लड़ाई मैं सामने
Pura video
देख भाई मैं तो पौराणिको में उसे हीं ब्राह्मण मानूंगा जो मुंह से पैदा होगा बाकी वैदिकों में तो वही जनन प्रक्रिया है जिसे ईश्वर ने सभी जीव को दिया है
साथण और वेद एक तो नहीं हैं
आर्य समाज को कोई नहीं हरा सकता यदि निर्णायक मंडल सत्य पर टीका हो।
आर्य समाज आधे अधूरे ज्ञान में श्रेष्ठ है ।
Nirnayak mandal pura pando se bhra pada hai nirnaya ho hi ni sakta.
Arya samaj toh khud varnshankar hai unshe kyu debate kar rahe ho jo khud shastro ka palan nahi karte h aise logo se kya debate karni h
Debate shuddh varnashram mei janme vykti se hee karni chahiye jishme charo varn ko hee manya kiya hai kisi bhi varnshankar ko shashtro pe charcha ka adhikar khud ved hee nahi dete hai
हंस
मूर्खों का शास्त्रार्थ😂😂😂
Full video daalo
Check on channel
😂😂 पाखण्ड हटाओ विज्ञान अपनाओ
Is debate ka result kya raha bhai?
Aary samaj har gya
आर्य समाज आधे अधूरे ज्ञान में श्रेष्ठ है ।
samrat ji aap poori ki poori debate daliye na.
puran aur Ved sath sath aaye.
kya joke mara hai.😂
ha bilkul debate me ek dusre ka saamman rakhna hi chahiye,har paksh ko.
@@vishal.yadav760 sab video uploaded he on channel. You can search.
Arya samaj ke samne koi nahi tikega
Kaha ji rha hai bhai aary samaji har gye
Haar gya Arya samaj isme 😂😂😂😂
आर्य समाज आधे अधूरे ज्ञान में श्रेष्ठ है ।
भ्राता, उस छपरी शिवांश द्विवेदी के बातों का खंडन करते हुए वीडियो बनाइए इस शात्रार्थ के विषय पर। ऐसी बेज्जती करिए की उसको नींद भी न आए।
तुम्हारे को रात को नींद नहीं आती उसकी बातें सुनकर
@@gM_8TgCb7J_mq5Z हंसी आती है सबको उसकी बात सुनकर। बेचारा तिलमिलाया रहता है जब भी उसकी कोई पोल खोलता है। एक 22 मिनिट का वीडियो बोहोत बार देखकर हंसा हु मैं जिसमे उसने बोहोत विक्टिम कार्ड खेला है। उस वीडियो का टाइटल है 'आर्य समाज ने किया हिंदूओं का अपमान'।
Kisse kah rahe ho bhai jhhuthe se
फ़ालतू बातें हैं
पागलों को सभा नहीं बुलाया जाना है
Arya samaj yha bhi haar gya 😂😂😂😂😂
आर्य समाज आधे अधूरे ज्ञान में श्रेष्ठ है ।
अरे शास्त्री जी आप जो मंत्र गणेश जी का बोल रहे हो वही अशुद्ध बोल रहे हो क्या शास्त्रार्थ हो रहा है
इसमे से तो पौरणिक मत वालों का तो आपने तर्क हटा दीया जो उनके द्वारा पहले प्रश्न पर दिया गया था ॥ ये डर अच्छा लगा मुझे , सिर्फ अपने अलंकार समाज के तर्क को काट पीट कर डाल दिया ॥ वाह रे मेरे भाई गजब टोपीबाज़ हो 🤭😂
अरे दिशाहीन पहले स्थान पर कौन रहा
Harke bhi jalebi banana band kardo 😹
पुराण बकबास है
Shastrarth jita kaun ?😂😂
@@freedomeofspeech1927 arya Samaj
@DharmaSamratOffcial 😂😂 aisa kya? Dr gyanendra sharma ji vijayi huye hai...wo sanatan vaidik arya hindu dharma ke vidvan acharya hai...
@ हां
@@DharmaSamratOffcial dr gyanendra sharma vijayi huye hai..wo sanatan vaidik arya hindu dharma ke vidvan hai...
@ lol
आर्यसमाज बकवास है
हार तो गए आधी वीडियो डाल के रो रहे नमाजी 🤣🤣🤣