नारायण से लेकर जगद्गुरु आदिशंकराचार्य जी , , और मौजूदा सभी ज्ञान और तप के सागर शंकराचार्य जी को मेरा प्रणाम है, , जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज जी को भी बारंबार प्रणाम है, , जय जगन्नाथ
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." नेपाल, यज्ञ स्थल "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान." मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
उत्तम कथा की अनुपम प्रस्तुति ! वाकई किसी चांडाल को गुरु बनाना एवं प्रतिवादी की पत्नी को निर्णायक बनाना। ऐसा उदाहरण हमारी सनातन संस्कृति नहीं प्राप्त होता है! कोटि कोटि साधुवाद।
बेशक मैं आपका ये प्रोग्राम एक साल बाद देख सुन रहा हूं। मैं गुरु नानक देव जी का सिख हूं लेकिन महाज्ञानी महापुरुषों के जीवन से बहुत प्रभावित होता हुं मुझे बहुत अच्छा लगता। आचार्य आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन प्रसंग को सुनकर मन कमल की तरह से खिल उठा है। आपको मन से प्रणाम करता हूं....❤❤❤❤
इस घोर कलयुग रूपी अंधकार के समय में आपने जो ज्ञान की गंगोत्री प्रवाहित की है इसके लिए आपको दिल से आभार कृपा करके इस तरह की जानकारी वार वार प्रस्तुत करने की कृपा करेंगे आपको दिल से प्रणाम ❤❤❤
सनातन धर्म की इतने विशिष्ट घटना के इतने महान पात्रों का जीवन परिचय और सर्वकालिक श्रेष्ठतम शास्त्रार्थ को इतने रोचक और सटीक ढंग से प्रस्तुत किया है कि मन आनंदित हो गया 🙏 आपको साधुवाद 🙏🙏
बहुत बहुत आभार इस विलुप्त होते हुए कथा को आज के इस सनातनी पीढ़ी को सुनाकर एवं यूट्यूब पर प्रसारित कराने के लिए जिससे मैं अपने ६६ वर्ष की आयु तक वंचित था। अन्य सहयोगियों को भी बहुत बहुत धन्यवाद।।
Aap ko aur sbhi sunne walo ko mera nemam ho Aisi hi katha maine Shri Gorakh Nath Ji ke bare me Soni hai kiya Shri Adi shankar Acharya jie oar Shri Gorakh Nath dono ik hi hai. Ram Sachdeva Germany se
बहु बहुत बहुत ही सुंदर, ज्ञानवर्धक, शिष्टता से युक्त, अन्य और बहुत सारी विशिष्टताओं सर युक्त यह कथा जगत के लोगो का कल्याण करे ऐसी मेरी भगवान शंकराचार्य जी के श्रीचरणों में प्रार्थना है।
कहानी बहुत सुंदरज्ञानवर्धक है आपने बड़े ही वाक विद्वतापूर्ण वर्णन किया है बहुत बहुत हार्दिक साधुवाद 🙏 जय हो आदि शंकराचार्य महाराजजी की एवं मंडन मिश्र एवं उनकी विद्वान पत्नी की ❣️ 🌹 🙏
जिज्ञासाबस ,इस अति उत्तम कहानी को सुना,जिन बातो से अनभिंग था,उसे जानकार दिल बिभोर हो उठा।दिब्य शक्तियां लौकिक और अलौकिरुप से प्रगत होती है,उसका ज्ञान हुआ और मै धन्य धन्य हो गया ।
आदि गुरु शंकराचार्य स्वामी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि महराज जी के कृपा दृष्टि से ही आज सनातन संस्कृति धर्म जीवित है सनातन धर्म ही सत्य है आप को बहुत बहुत धन्यवाद ❤❤
अति सुन्दर व ज्ञानवर्धक प्रस्तुतीकरण प्रस्तुतकर्ता को हार्दिक धन्यवाद व नमन एक प्रसंग पर और आपका ध्यानाकर्षण आवश्यक है अद्वैत मार्ग के अलावा भगवान शंकराचार्य ने श्रीकृष्ण भक्ति किया और लोगो को भी भक्ति मार्ग अपनाने का उपदेश दिया एक महापुरूष ने उनके ही शास्त्रों द्वारा अपने शिष्यों को समझाया है
आप सभी भक्तों को सूचित करते हुए अत्यंत हरः होता है कि आज भी दक्षिण भारत मे सनातन के ऊपर इतनी अच्छी फिल्में बनती है और बहुत ही सटीक। और भी बहुत सी फिल्मे है जो हिंदी में कन्वर्ट किया हुआ है अवश्य देखें। धन्य है यहां के फ़िल्म निर्माता
आपका आभार... भौतिक चकाचौंध में आप जो काम कर रहें हैं वह ईश्वर का काम है ऐसा करके आप आज भटके हुए अल्पायु युवा जन के लिए हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पहुँचा रहें है... हम क्या है पूरी आयु हम निकाल देते हैं पर हम अपने सनातन मूल्यों को कब जानेगें और हम इधर क्यों है कब जानेगें ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है| 🙏🙏🙏
आदि गुरु शंकराचार्य के योग्दान को कभी नहीं भूलाया जा सकता है!
आपको मेरा हृदय से प्रणाम।
बहुत सुंदर कहानी सुनाई आपने।
आदि गुरु शंकराचार्य को वा विदुषी मां भारती को शत शत नमन है मेरा।
जय श्री राम!
यह कहानी अतिउत्तम है। पहले सुनी थी लेकिन वह अपूर्ण थी आज सम्पूर्ण कहानी सुन कर मन अति प्रसन्न है
आभार आपका 💝🙏
संतॊष् जी! ऎ कहानी नहीं है!!
अति उत्तम है
वाक्य ब्रह्म सत्यं जगत् मिथ्या जीवो ब्रह्मौव् नापर: धन्य है आदिगुरु शंक्राचार्य जी....🙏🙏🍁
सनातन के प्रवाह को अक्षुण्ण बनाए रखने में जीवन को समर्पित करनें वाले भगवान शँकरकेअवंतार आदि शंकराचार्य जी को कोटि कोटि नमन।
Jai guru dav❤❤❤❤
❤@@veenagoswami2113
नारायण से लेकर जगद्गुरु आदिशंकराचार्य जी , ,
और मौजूदा सभी ज्ञान और तप के सागर शंकराचार्य जी को मेरा प्रणाम है, ,
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज जी को भी बारंबार प्रणाम है, ,
जय जगन्नाथ
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
अद्भुत, संसारी तथा नैसर्गिक ज्ञान का भण्डार ,सरल भाषा आवाज मे कोई दोष नहीं,जय सनातन धर्म की 🎉
उत्तम कथा की अनुपम प्रस्तुति !
वाकई किसी चांडाल को गुरु बनाना एवं प्रतिवादी की पत्नी को निर्णायक बनाना। ऐसा उदाहरण हमारी सनातन संस्कृति नहीं प्राप्त होता है!
कोटि कोटि साधुवाद।
🙏🙏🙏 ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏
इस अदभुत ज्ञान के लिए कोटि-कोटि प्रणाम ।
Om
कथन प्यारा .श्रेष्ठ. अलंकृत. मनोरम और शोध पूर्ण लगा धन्यवाद बहुत बहुत धन्यवाद।
अतिउततम सर्वोत्कृष्ट शिक्षाप्रद भावपूर्ण ज्ञान वर्धक कथा सुनाई जय श्रीराम , आदिशंकराचार्य जी माता उभय भारती जी को शत् शत् नमन
बेशक मैं आपका ये प्रोग्राम एक साल बाद देख सुन रहा हूं। मैं गुरु नानक देव जी का सिख हूं लेकिन महाज्ञानी महापुरुषों के जीवन से बहुत प्रभावित होता हुं मुझे बहुत अच्छा लगता। आचार्य आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन प्रसंग को सुनकर मन कमल की तरह से खिल उठा है। आपको मन से प्रणाम करता हूं....❤❤❤❤
बहुत ही सुंदर, साधुवाद
इस घोर कलयुग रूपी अंधकार के समय में आपने जो ज्ञान की गंगोत्री प्रवाहित की है इसके लिए आपको दिल से आभार कृपा करके इस तरह की जानकारी वार वार प्रस्तुत करने की कृपा करेंगे आपको दिल से प्रणाम ❤❤❤
Aadiguru Shankaracharya and MandaMishra ji ko saprem pranam Om namah Shivay
सनातन को शोभित करने वाली यह कथा अत्यंत ही सुंदर और अच्छी है,और इसका बड़े ही सुंदर ढंग से आप द्वारा वर्णन और वाचन किया गया है।
साधुवाद!🌹
जानकारी बहुत अच्छी लगी गुरुवर के चरणों में प्रणाम
कहानी बहुत सुंदर और प्रेरणादायक है आपके लिए साधुवाद❤❤
अति सुन्दर, आचार्य श्री शंकराचार्य जी सम्बन्धित जानकारी प्राप्त हुई। सादर नमन।
सनातन धर्म की इतने विशिष्ट घटना के इतने महान पात्रों का जीवन परिचय और सर्वकालिक श्रेष्ठतम शास्त्रार्थ को इतने रोचक और सटीक ढंग से प्रस्तुत किया है कि मन आनंदित हो गया 🙏 आपको साधुवाद 🙏🙏
बहुत बहुत आभार इस विलुप्त होते हुए कथा को आज के इस सनातनी पीढ़ी को सुनाकर एवं यूट्यूब पर प्रसारित कराने के लिए जिससे मैं अपने ६६ वर्ष की आयु तक वंचित था। अन्य सहयोगियों को भी बहुत बहुत धन्यवाद।।
❤
Arvin DC ji jai Ramji.
O@@ananddasthalwadjalore1456
Ati sundar ganbardhak prasang
Aap ko aur sbhi sunne walo ko mera nemam ho
Aisi hi katha maine Shri Gorakh Nath Ji ke bare me Soni hai kiya Shri Adi shankar Acharya jie oar Shri Gorakh Nath dono ik hi hai.
Ram Sachdeva Germany se
आपको हार्दिक धन्यवाद बड़ी ही रोचक और ज्ञान उक्त कथा को बताया इसके लिए कोटि कोटि नमन करता हूं
अति सुंदर सुनाने वाला भी सुंदर वाणी वाला होतो सोने पर सुहागा होता है 👌👌🙏🙏
हृदय से आभार इस स्नेह के लिए 🙏
कहानी बहुत ही सुन्दर और प्रेरणा दायक और शिक्षा प्रद भी है। इस कहानी के लिए धन्यवाद
अच्छी लगी। साधुवाद एवं सुन्दर 🎉 सुमधुर 🙏 जयश्रीराधेकृष्ण जयश्रीसीताराम जयश्रीगौरीशंकर।
अद्भुत और अद्वितीय बिषयबस्तु सदैव प्रेरणादायक और सुन्दर ही रहता है।
शिव!
शिवाय !
आपकी वीडियो बहुत अच्छी लगी शंकराचार्य जी साक्षात शंकर थे जय श्री राम
अद्भुत. ऐसी कहानी मैने अब तक नहीं सुनी थी l
मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद
यह कहानी सुनकर मन मंत्रमुग्ध हो गया है यही लगता है कि सुनता ही रहूं इसी तरह और अच्छे वीडियो वीडियो देखने की अपेक्षा रखता हूं हर हर महादेव
जय शिव शंकर❤आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम आदि गुरु शंकराचार्य के वीडियो और ज्ञान को प्रकाशित करिए आपको❤ वीडियो बना आदि गुरु शंकराचार्य का ज्ञान
बहु बहुत बहुत ही सुंदर, ज्ञानवर्धक, शिष्टता से युक्त, अन्य और बहुत सारी विशिष्टताओं सर युक्त यह कथा जगत के लोगो का कल्याण करे ऐसी मेरी भगवान शंकराचार्य जी के श्रीचरणों में प्रार्थना है।
कहानी प्रेरणा से ओत प्रोत है।सत्य पथ पर चलने का सिद्धांत बताती है।
संक्षेप में आपने इस अद्वितीय संवाद को हमारे लिए प्रस्तुत करने के लिए आभार!
पूज्यपाद श्री आदि शंकराचार्य प्रभु जी को सादर चरण स्पर्श 🙏🌹🌹🙏
बहुत सुंदर , प्रभावशाली एवं प्रेणादायक प्रस्तुतिकरण।
आचार्य शंकर की जीवनी को वर्षो बाद दुबारा सुनने से मन पवित्र होकर पुनः आध्यात्मिक की ओर चल पड़ा। सुनाने के लिए आपको सादर प्रणाम।
अनंत प्रणाम अद्वैत वेदांत के पुरोधा जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी 🕉️🙏
कहानी बहुत सुंदरज्ञानवर्धक है आपने बड़े ही वाक विद्वतापूर्ण वर्णन किया है बहुत बहुत हार्दिक साधुवाद 🙏 जय हो आदि शंकराचार्य महाराजजी की एवं मंडन मिश्र एवं उनकी विद्वान पत्नी की ❣️ 🌹 🙏
राम। बहुत ही सुन्दर सत्य और प्रेरणादायी कथा है
बहुत बहुत धन्यवाद सनातन धर्म की कहानियों का प्रचार करने के लिए परमात्मा आपको बहुत बहुत शक्ति दे
बहुत ही सराहनीय ज्ञान बर्धक कहानी। आप का बहुत बहुत आभार।
यह कथा सूनकर मन खुशहुआ और ज्ञान भी पराप्त हुआ
Very enlightening story. एक दिव्य कहानी। हर व्यक्ति को इसे सुनना और इस पर मनन करना चाहिए। ॐ नमः शिवाय।
ua-cam.com/users/shorts1C6-rpx3mhg?si=H0I_l2TYTnFumoLs
कहानी बहुत प्रेरणादायक ज्ञानवर्धक है, ओम् नमः शिवाय ॐ शिव शंकर भोलेनाथ
आचार्य शंकर साक्षात भगवान शिव के अवतार थे....उन्हें कोटि कोटि नमन
🎉🎉😂😂😂😂😂😂😂😂😂🎉
@@shrikrishnashukla9098iskcon ka chumu hai kya😂
अति सुन्दर उत्तम ज्ञान वर्धक योगा आत्मा को शांति प्रदान करने वाली कथा का मैं भक्तिपूर्वक आभार प्रकट करता हूं,
अति उत्तम किंतु मैंने यह भी की मंडन मिश्र की पत्नी भारती से आदि शंकराचार्य का शास्त्रार्थ हुआ था तथा आदि शंकराचार्य की जीत हुई थी
बहुत अच्छी लगी धन्यवाद जय श्री कृष्ण हर हर महादेव
ये कहानी नहीं है ब्रो महान शंकराचार्य का यथार्थ जीवन है। हम भारतीय के वर्तमान तपस्वी की सत्य गाथा है। जय गुरु।
अद्भुत
आज ऐसी जानकारी मिली है शायद मैंने सोचा भी नहीं था
❤❤❤❤
आभार आपका इस स्नेह के लिए 💝
जिज्ञासाबस ,इस अति उत्तम कहानी को सुना,जिन बातो से अनभिंग था,उसे जानकार दिल बिभोर हो उठा।दिब्य शक्तियां लौकिक और अलौकिरुप से प्रगत होती है,उसका ज्ञान हुआ और मै धन्य धन्य हो गया ।
सनातन संस्कृति की बात ही निराली।इनके अंदर अपार ज्ञान विज्ञान भरा हुआ है जो अद्वितीय ,अनोखा ,अद्भुत और रोचकता से ओतप्रोत है।
🙏💝
बहुत रोचक तथा सनातन संकृती का थोडी जाणकारी हूयी धन्यवाद प्रणाम
बहुत सुंदर कथा से मन प्रसन्न हुआ । अति आभार सादर अभिवादन ।
बहुत सुन्दर जानकारी सभी के लिए ज्ञानवर्धक है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। रमाकांत द्विवेदी, नोएडा। 🙏🏻🙏🏻
बहुत बढ़िया लगा आपका यह वीडियो आप ऐसे ही हमारी भारतीय संस्कृति और इतिहास को समाज के सामने लाते रहेंगे बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर ढंग से बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। प्रणाम
ऊं नमः पार्वती पति हर हर महादेव आदिशंकराचार्य ऋषि मुनि के चरणों में प्रणाम है
अत्युत्तम ज्ञान प्राप्त हुआ । कोटि कोटि धन्यवाद ।
आभार आपका
आदि गुरु शंकराचार्य स्वामी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि महराज जी के कृपा दृष्टि से ही आज सनातन संस्कृति धर्म जीवित है सनातन धर्म ही सत्य है आप को बहुत बहुत धन्यवाद ❤❤
आदि जगतगुरु शंकराचार्य महाराज भगवान शिव के अवतार थे और आपने इस प्रेरणादायक कथा को बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है हार्दिक धन्यवाद🚩🚩🚩🚩🚩
P
P
Qqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqq1qqqqwqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqwqqqqqqqqqqqqqqqqq😊
20:31 ❤😊
Kse pta chla?kha likha h?
@@logicaldimag1684aadi shankarachary undefeatable the aur undefeatable kewal mahadev shiv hain
अति सुन्दर व ज्ञानवर्धक प्रस्तुतीकरण
प्रस्तुतकर्ता को हार्दिक धन्यवाद व नमन
एक प्रसंग पर और आपका ध्यानाकर्षण आवश्यक है अद्वैत मार्ग के अलावा भगवान शंकराचार्य ने श्रीकृष्ण भक्ति किया और लोगो को भी भक्ति मार्ग अपनाने का उपदेश दिया
एक महापुरूष ने उनके ही शास्त्रों द्वारा अपने शिष्यों को समझाया है
बहुत बहुत धन्यावाद, आपने आचार्य शंकर के
जीवन वृत्त को संक्षेप मे बहुत कुछ वर्णित कर,
बहुत बहुत धन्यवाद आभार
बोहत अच्छी लगी आपकी ये सास्त्रसार्थ ये मेरे जेशा मुड मती कलीयुग का इनसान कुछ नही समज पायेगा धन्यवाद नमस्कार
वीडियो मेकर जी,,, आप को,, कोटि कोटि प्रणाम,,, मेरा प्रणाम परवान करना जी,, आप ने जबरदस्त कार्यों किया है,,,🙏🙏🙏🙏🙏♥️🙏🙏🙏🙏🚂💯💯🙏
लाजवाब,यह सब पवित्र भारत धरा एवं सनातन धर्म में ही संभव है।
वाह । बहुत ही स्पष्ट और सादगीपुर्ण आवाज में बहुत सारी बाते खूब अच्छेसे बताई है...
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
आभार आपका 🙏
अति अलौकिक प्रस्तुति इसे हर सनातनी को सुनना और जानना चाहिए। तभी धर्म का ज्ञान होगा, अन्यथा जीवन भर अज्ञान के मार्ग में भटकना पड़ेगा।
आपकी ओजमयी वाणी तथा आपके ज्ञान को साधुवाद, भगवान आदि शंकराचर्य को शत् शत् नमन 🙏
आभार आपका इस स्नेह के लिए 💝
यह कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी
यह बहुत ही ग्यानवर्धक कहानी है
बहुत ही सुन्दर जानकारी प्रदान किया आपने। आपको साधुवाद एवं सद्भावनाएं
हृदय से आभार आपका 🙏
इससे उत्तम प्रस्तुति नहीं हो सकती । बहुत बहुत साधुवाद । सादर प्रणाम 🙏
जै जै जै आदि गुरु शंकराचार्य जी,, महराज जी की,,,,🙏🙏🙏
आप की कहानी हमको बहुत अच्छी लगी आपको बहुत बहुत धन्यवाद जय श्री राम
बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माकश्चिद्दुःख भाग्भवेत।🕉️🇮🇳🌹🪔🚩🙏🏽
सनातन धर्म की जय शंकराचार्य स्वामी जी की जय
जय 🙏
Ye book ka naam kya h@@kahaniyonkichaupal
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणं केशव गोविन्द गरुड़ध्वज गुणनिधे दामोदर माधव हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते वैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्।🕉️🚩🙏🏽
आदिशंकराचार्य सनातन के आधार है।।ॐ।।
❤ ॐ नमः शिवाय,
इस प्रसंग को प्रेषित करने के लिए धन्यवाद साधुवाद जी
बहुत सुंदर आपके आभारी रहेंगे और प्रणाम है
,,सभी सनातनियों को यह ज्ञान जानना चाहिये
बहुत ही अद्भुत,रोचक कथा ऐसा लग रहा था कि सुनते ही जाए, सुनते ही जाए ......आपको कोटि कोटि नमन
मुजे गर्व है की मै अयसा महान सनातन धर्म मे जन्म लीया है
आदि शंकराचार्य एवंमंडल मिश्र के बीच हुआ यह शास्त्र रात सनातन को जीवंत करता हुआ
बहुत ही सुंदर प्रेरणा प्रद महापुरुष भगवान श्री शंकराचार्य जी की कहानी जय हो जय हो जय श्री कृष्णा 🙏🙏🙏🙏 हे
आभार आपका
Jai shree krishna 🕉️🚩
आपको धन्यवाद। आदि गुरु शंकराचार्य - मंडन मिश्र और माता उभय भारती की रोचक, सत्य प्रेरणादायी कथा सूनानेके लिए
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जमुदीरयेत।।🕉️🚩🙏🏽
आप सभी भक्तों को सूचित करते हुए अत्यंत हरः होता है कि आज भी दक्षिण भारत मे सनातन के ऊपर इतनी अच्छी फिल्में बनती है और बहुत ही सटीक।
और भी बहुत सी फिल्मे है जो हिंदी में कन्वर्ट किया हुआ है अवश्य देखें।
धन्य है यहां के फ़िल्म निर्माता
ॐ वसुदेवसुतं देवं कंसचाणुरमर्दनम् देवकी परमानन्दं श्री कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।🕉️🚩🙏🏽
अपन पिता जी से सुनी यह वार्ता बहुत ही मन को भा गई
वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् जयसियारामजी हर-हर महादेव जयहो बहुत सुंदर जयहो हर-हर महादेव ❤❤❤❤❤
आपका आभार... भौतिक चकाचौंध में आप जो काम कर रहें हैं वह ईश्वर का काम है ऐसा करके आप आज भटके हुए अल्पायु युवा जन के लिए हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पहुँचा रहें है... हम क्या है पूरी आयु हम निकाल देते हैं पर हम अपने सनातन मूल्यों को कब जानेगें और हम इधर क्यों है कब जानेगें ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है|
🙏🙏🙏
जय सनातन धर्म की.🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩ऐसे ज्ञानी,विद्वान, विज्ञानवादी, आध्यात्मिक ऋषी मुनीयो के भारतवर्ष मे हमने जन्म लिया.हम परम भाग्यशाली है.
🙏💝
Hmm ok mm
. Mm n AA 0 17:18
@@kahaniyonkichaupal y yy mn min ne😅😅i😊😊
आचार्य शंकर के जीवन चरित्र के उत्तम वर्णन के लिए कोटि कोटि साधुवाद
अति सुन्दर प्रस्तुति
प्रेरणा दायक आदि शंकराचार्य जी का शास्त्रथ दर्शाया
धन्य है हमारा सनातन धर्म 🌹जै हो 🚩🙏🙏🙏
आदिगुरूशंकराचाय्ररचित।।लक्षिमशत्रोतबताये
भगवान शंकराचार्यजी की जय हो।
बहुत ही सुंदर और आनंददायक कथा रोचक प्रस्तुति हर हर महादेव
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनं उज्जैन्यां महाकालं ओंकारममलेश्वरं परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम् सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे हिमालये तु केदारं धुश्मेशं च शिवालये। एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं-प्रातः पठेन्नरः सप्तजन्म कृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।🕉️🪔🚩🙏🏽
जय बाबा बैद्यनाथ
गुरूजी कहानी बहूत अच्छा लगा आपको सुक्रिया।
अति उत्तम, ज्ञान वर्धक, सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में आप जैसे विद्वजनों को नमन करता हूं 🎉
नमन आपको भी 🙏
@@kahaniyonkichaupal 😅 FB